मुँह बोली आपा को बीवी बनाकर चोदा

(Nice Sex With Married Girl)

वसीम राजा 2025-06-22 Comments

नाइस सेक्स विद मैरिड गर्ल का मजा मुझे मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन ने दिया. मेरे दोस्त ने मेरी दोस्ती अपनी गर्लफ्रेंड से करवा दी. उसने एक दिन मेरी बात अपनी बहन से करवाई.

दोस्तो, मेरा नाम वसीम है और मैं दिल्ली में रहता हूँ.

यह नाइस सेक्स विद मैरिड गर्ल की बात 2013 की है, जब मेरी उम्र 23 साल थी.

मेरा एक दोस्त था, जिसका नाम सनी था.

वह अपनी गर्लफ्रेंड से पीछा छुड़ाना चाहता था तो उसने मेरी उससे बात करा दी और साथ में मेरा नंबर भी दे दिया.

अब हम डेली मैसेज और फोन पर बात करने लगे थे.

सॉरी मैं उस लड़की का नाम बताना भूल गया, उसका नाम ज़ीशा है.

वैसे दोस्तों, एक बात कहूँ, मैंने पोर्न मूवी बहुत देखी है, पर मैंने अभी तक चुदाई नहीं की थी.

ज़ीशा और मेरे बीच सिर्फ दोस्ती तक ही बात रही.

कुछ दिन बाद ऐसा हुआ, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी.
हम दोनों बैठे बात कर रहे थे, तभी उसने अपनी आपा से मेरी बात कराई.

मैंने उनको ‘आपा , नमस्ते’ कहा और सामान्य बात हुई.
पर वह आवाज़ … ओ भाई क्या जादू था, मैं आज तक उस सेक्सी आवाज़ को नहीं भूल सकता.

थोड़ी बात होने के बाद मैंने ज़ीशा से आपा का नंबर माँगा.
उसने कहा- आपा से पूछकर दूँगी.

वह आवाज़ मुझे दीवाना बना गई, मैं किसी भी तरह उनसे बात करना चाहता था.

एक बार ज़ीशा ने उनके नंबर से फोन किया था.
मैंने बहुत खोजकर नंबर निकाला और बहाने से फोन कर दिया.

उन्होंने बहुत अच्छे से बात की और हमारी बातें बढ़ती गईं.
मैं उन्हें आपा कहता था.

एक दिन वह बोलीं- वसीम, तुम मुझे आपा नहीं, मेरे नाम से बुलाया करो.

मैंने कहा- मुझे आपका नाम ही नहीं मालूम है.

वे हंस दीं और उन्होंने अपना नाम मुझे बता दिया.

उस परी का नाम ज़ेबा था.
मैंने कहा- आपा , मैं तो यही चाहता था कि आपको नाम से बुलाऊं, पर डरता था कि कहीं आप नाराज़ न हो जाएं.

वे बोलीं कि अब से सिर्फ नाम लेकर बुलाना और आप आप भी मत करना.
मैंने हां कह दी.

ज़ेबा से बात करते वक्त मैं इतना पागल हो गया था कि बस अब आपा कहीं खत्म हो गई थीं और मैं अब ज़ेबा को अपनी माशूका बना कर चोदना चाहता था.

मैंने उसे चोदने का प्लान बनाने शुरू कर दिया.
अब हमारी बातें बहुत ज्यादा होने लगीं.

मौका पाकर मैंने ज़ेबा को एक दिन ‘आई लव यू’ बोल दिया.
वह ‘आई लव यू’ सुनकर चुप हो गई.

मैंने कहा- ज़ेबा, मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ.
उसने कहा- तुम्हें पता है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे दो बच्चे हैं!

मैंने कहा- मुझे सब पता है, पर मैं पागल हो गया हूँ, जबसे तुमसे पहली बार बात की तभी से मैं खुद को रोक ही नहीं पा रहा हूँ.

उसने मुझसे कुछ सोचने का समय माँगा और मैंने फोन काट दिया.
वैसे मेरी गांड भी फट रही थी कि कहीं वह मना न कर दे!

कुछ दिन हमारी बात नहीं हुई.

उसके बाद मैं अगर फोन करता, तो वह उठाती नहीं थी.

एक दिन मैं सुबह 10 बजे सो रहा था, तभी ज़ेबा का फोन आया.

मैंने जल्दी से फोन उठाया, तो उसने कहा- वसीम, मैंने बहुत सोचा. ‘आई लव यू टू!’

बस उसका इतना कहना था कि मैंने फोन को ही चूमना शुरू कर दिया!

इतनी किस की कि वह बोली- वसीम, अब रुक जाओ.

उसके बाद हमारी बातें फिर शुरू हो गईं.
अब हम चुदाई की बातें करने लगे, मैं उसे फोन पर चोदना शुरू कर देता.

वह भी डेली मुझे अपनी बातों से चोदा करती थी.
मुझसे अपने दूध चुसवाती थी और चुत चटवाती थी.
मैं भी अपने लौड़े पर शहद लगा कर उससे चुसवाने का मजा लेता था.

एक दिन मैंने उससे मिलने की बात की तो उसने बड़ी अजीब सी शर्त रखी.

वह बोली- मुझे भोगना है, तो शादी करनी पड़ेगी!
मेरी गांड फट गई, तभी वह हंसी और बोली- ये शादी सिर्फ़ तुम्हारे और मेरे बीच रहेगी!

मुझे बस अब वह चाहिए थी, मैं उसे चोदने के लिए पागल हो रहा था.
उसकी हर शर्त को मानता गया.

अब वक्त था मिलने का, वह समय भी आ गया.

दिन बुधवार था, और मैं समय के अनुसार उसके घर पहुंच गया.

डर भी लग रहा था, क्योंकि दिल्ली में मेरे लिए वह जगह नई थी.

घर में एंट्री की, तो वह एक परदे के पीछे छुपी शर्मा रही थी.

मैंने दरवाज़ा बंद करके आवाज़ दी- ज़ेबा!
तभी वह रूम से बाहर आई, नज़रें झुकाए हुई.

दोस्तो, क्या माल थी वह … आह उसका 34-30-36 का साइज़ मेरे लौड़े को परवाज बना रहा था.

मैंने उसे गले लगाया, तो मेरा पप्पू जाग उठा और आगे बढ़ कर उसकी चुत की चुम्मी लेने लगा.

कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद हम दोनों अलग हो गए.

फिर अन्दर कमरे में बैठकर मैं अपने जूते उतार रहा था, तभी वह पानी ले आई.

मैंने पानी पिया और मैंने कहा- हां बताओ मैडम, शादी के लिए कहाँ चलना है?
उसने कहा- कहीं नहीं जाना, यहीं हो जाएगा सब!

फिर उसने एक कागज़ पर अपनी और मेरी शादी की बात लिखी.
हम दोनों ने उस कागज पर दस्तखत किये.

फिर वह मेरे लिए एक गिलास दूध लाई और बोली- ये पीकर अन्दर कमरे में आ जाओ.

जैसे ही मैं कमरे में गया, वहां का नज़ारा देखकर चौंक गया.

बेड पर गुलाब के फूल बिखरे हुए थे और लाल रंग की धीमी रोशनी जल रही थी.

ज़ेबा एक दुल्हन की तरह बेड पर घूंघट किए बैठी थी.

मैं उसके पास गया, घूंघट उठाया और उसका चेहरा देखकर उसे मुँह दिखाई दी.
फिर मैंने उसके होंठों को चूमा और उसे लिटा दिया.

ज़ेबा आंखें बंद किए सांसें ले रही थी, जिससे उसके दोनों दूध एक लय में ऊपर-नीचे हो रहे थे.

अब तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा, मैंने धीरे-धीरे उसकी साड़ी उतार दी.

अब वह मेरे सामने ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी.

उसके बूब्स मुझे पागल किए जा रहे थे, मैंने उसका ब्लाउज़ खोला, तो उसकी लाल ब्रा दिखने लगी.

फिर मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया. वह मेरे सामने ब्रा और पैंटी में लेटी थी. ब्रा में उसके बूब्स मस्त लग रहे थे, मैंने ऊपर से ही उन्हें दबाना शुरू किया.

ज़ेबा की सांसें तेज होने लगीं. मैं दोनों हाथों से उसके बूब्स दबा रहा था और होंठों पर चूम रहा था.

ज़ेबा भी मेरी पीठ पर अपने नाखून गड़ा रही थी. मैं समझ गया, ज़ेबा चुदने को तैयार है.

मैंने उसके पूरे बदन पर चूमना शुरू कर दिया.
उसकी कामुक सिसकारियों की आवाज़ कमरे में गूँजने लगी. वह पागल होकर चादर पकड़ कर मचल रही थी.

मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी. अब वह मेरे सामने पूरी नंगी लेटी थी.

तभी मैंने उसकी चूत में अपना मुँह रखा और उसे चाटने लगा.

वह बोली- वसीम, आज से पहले ऐसा सुख नहीं मिला!

मैंने उसकी चूत के अन्दर जीभ डाल दी और उसके दाने को होंठों से रगड़ने लगा.

तभी उसने मेरे सिर के बाल पकड़कर मेरा सिर ज़ोर से अपनी चूत में दबा दिया और एक ज़ोरदार आवाज़ के साथ झड़ने लगी.

वह झड़ चुकी थी और अब उसकी बारी थी.

मैं उसे चूमने लगा और अपने कपड़े उतार दिए.
जैसे ही मेरा लंड बाहर आया, उसकी आंखें ऐसी खुली रह गईं, जैसे वह कुछ कहना चाहती हो.

मैंने अपना लंड उसके होंठों पर रखा और उसे मुँह में लेने को कहा.
पहले उसने मना किया, पर मेरे ज़िद करने पर उसने लंड मुँह में ले लिया.

मेरा पूरा लंड उसके मुँह में नहीं जा रहा था … या शायद वह ले नहीं रही थी.
बाद में मैंने उसका सिर पकड़कर लंड अन्दर किया, तब वह आधा लंड ले गई और चूसने लगी.

मैं उसके बूब्स दबा रहा था.
अब मैंने उसके मुँह में लंड के धक्के मारने शुरू किए. उसकी आंखें खुल गईं, और आंखों से पानी आने लगा.

वह मुझे हटाने की पूरी कोशिश करने लगी, पर मैं धक्के मारता रहा.
कोई 10-12 धक्कों के बाद मेरा लावा छूट गया और मेरे लंड का पानी सीधे उसके मुँह में गिरा, जिसे वह गटक गई.

हम दोनों बराबर में लेट गए.
वह मुझे मारने लगी और बोली- इतनी बेदर्दी से कर रहे थे, मुझे सांस भी नहीं आ रही थी, इतना बड़ा लंड ले रखा है!

मैंने कहा- बड़ा है?
उसने जवाब दिया- मेरे शौहर का लंड तो इससे आधा भी नहीं है.

इसी तरह की हंसी ठिठोली के बाद अब हमारा खेल शुरू हुआ.

हम दोनों फिर से एक दूसरे को चूमने लगे.
मैं उसके बूब्स चूसता और दबाता रहा.
उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया.

जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह बोली- अब बहुत हुआ, मेरी चूत में अब अपना लंड डाल दो, बर्दाश्त नहीं हो रहा.

मैं उसके पैरों के बीच में आकर बैठ गया और उसे कंडोम दे दिया.

वह कंडोम लगाते हुए मेरे लंड को घूर रही थी.
मैंने उसकी चूत में उंगली डालकर उसका पानी फाँकों पर लगाया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा.

जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने गाली देते हुए कहा- डाल दे भोसड़ी के, क्यों तड़पा रहा है!

मैंने भी देर नहीं की और लंड को चुत के छेद पर सैट करते हुए एक ज़ोर का धक्का मारा.
उसकी इतनी तेज़ आवाज़ निकली कि वह चिल्लाई- ऊई मर गई … आह निकालो इसे … बहुत दर्द हो रहा है.

उसके दर्द का तो नहीं पता, पर हां … उसकी चूत ऐसी थी कि नहीं लग रहा था कि वह दो बच्चों की माँ है.
इतनी गर्म चूत थी, जैसे लंड को किसी भट्टी में डाल दिया हो!

वह अपने हाथों से मुझे पीछे धकेलने लगी. उसकी आंखों में आंसू थे और वह कह रही थी- मुझसे नहीं लिया जाएगा, प्लीज़ रहने दो!
मैं कुछ देर के लिए रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद जब देखा कि उसे आराम है और वह मज़ा लेने लगी, तभी मैंने अपने लंड को इतनी ज़ोर से धक्का मारा कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ बच्चेदानी तक पहुंच गया.
उसकी चीख निकल गई, मगर मैंने तुरंत अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.
मैं डर गया था कि कहीं कोई आवाज़ न सुन ले.

उसके आंखों से आंसू बह रहे थे.
मैं उसके ऊपर वैसे ही लेटा रहा.

जब मैंने देखा कि वह अपनी चूत हिलाने लगी है, तो मैंने अपना लंड अन्दर-बाहर करना शुरू किया.

थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगा.
मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

अब वह भी साथ दे रही थी, खूब गांड उठाकर चुद रही थी.

दस मिनट बाद वह झड़ गई और मैं धक्के मारता रहा.
वह मुझे हटाने की नाकाम कोशिश करती रही, पर मैं उसे चोदता रहा.

नाइस सेक्स विद मैरिड गर्ल का मजा लेने के कुछ देर बाद मेरा लंड भी झड़ने वाला था.
मैंने पूछा- कहां निकालूँ?
वह बोली- चूत में ही निकाल दे, मेरा भी होने वाला है. वैसे भी कंडोम तो लगा ही है!

मैंने 10-12 धक्कों के बाद सारा वीर्य उसकी चूत में गिरा दिया.
उधर उसकी चूत भी झड़ रही थी.

मैं उसके ऊपर लेट गया.
नीचे देखा तो मेरे लंड पर खून की कुछ बूँदें थीं, जिसे देखकर मैं हैरान था.

इसके आगे भी बताऊंगा कि मैंने उसकी गांड कैसे मारी.

दोस्तो, ये मेरी पहली कहानी है. प्लीज बताना नाइस सेक्स विद मैरिड गर्ल कहानी कैसी लगी.
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