ऐशोआराम भरी जिन्दगी की चाह- 3
(Old Man Sex Kahani)
ओल्ड मैन सेक्स कहानी में एक सुंदर जवान एयर होस्टेस को एक अधेड़ अमीर आदमी ने शानो शौकत दिखाकर अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया. एक रात वह उसे अपने फार्म हाउस में ले गया.
दोस्तो, मैं निशा सिंह एक बार पुन अपनी सेक्स कहानी के अगले हिस्से के साथ हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
मौज मस्ती के लिए अमीर बूढ़े से दोस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं रेड्डी साहब के साथ उनके बिस्तर पर उनकी बांहों में मचल रही थी. उन्होंने मेरे चूचे चूस चूस कर लाल कर दिए थे. मेरा सारा बदन कामुकता से भरा हुआ था.
अब आगे ओल्ड मैन सेक्स कहानी:
जल्द ही रेड्डी साहब ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और बस अंडरवियर पहने ही बिस्तर पर आ गए.
अब उन्होंने मुझे पैरों से चूमना और चाटना शुरू किया और जल्द ही मेरी जांघों तक आ गए.
मेरी जांघों को सहलाते हुए अपनी जीभ से मेरी जांघ को चाटते हुए ऊपर की तरफ आने लगे.
मैं जोश से भर गई थी और अपने दोनों हाथों से अपने चूचों को मसलने लगी.
जल्द ही रेड्डी साहब मेरी नाभि तक पहुंच गए और मेरी नाभि में अपनी जीभ डालकर उसे चाटने लगे.
उनके इस तरह से नाभि चाटने से मुझे बेहद गुदगुदी होने लगी और मैं बिस्तर पर इधर उधर मचलने लगी.
इसके बाद उन्होंने मेरे दोनों हाथ को ऊपर की तरफ कर दिया और मेरे अंडरआर्म को चाटने लगे.
इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से मेरे दोनों मम्मों को जकड़ लिया और जोर जोर से मसलते हुए बारी बारी से निप्पलों को चूसने लगे.
उस वक्त तक मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मैं अपने नाखूनों से उनकी पीठ को नोच रही थी.
मैं उनके भारी भरकम शरीर के नीचे दबी जा रही थी और मुझे बस ऐसा लग रहा था कि बस रेड्डी साहब अब मुझे चोद ही डालें.
मेरे पहले वाले बॉयफ्रेंड ने भी कभी मुझे इतनी बुरी तरह से गर्म नहीं किया था.
वह तो 5 मिनट चूमने चाटने के बाद ही चोदने लगता था और 2 मिनट में ही झड़ कर किनारे हो जाता था.
लेकिन आज मेरा पूरा बदन चुदाई की गर्मी से जल उठा था और अभी तो रेड्डी जी ने ओल्ड मैन सेक्स की बस शुरूआत ही की थी.
रेड्डी जी मेरे दोनों निप्पलों को अपनी उंगलियों से ऐसे मसल रहे थे कि मैं जोर जोर से ‘सीईईईई सीई ईईई आआ आआ आह’ कर रही थी.
जी भरकर मेरे चूचों से खेलने के बाद रेड्डी जी मेरी पैंटी के पास गए और पैंटी को पकड़कर एक बार में ही बाहर निकाल दिया.
अब मैं पूरी तरह से नंगी हो गई थी और अपने हाथों से अपनी चूत को छुपा रही थी.
उन्होंने मेरे हाथों को अलग किया और मेरी चूत देखते हुए बोले- माय गॉड वैरी टाइट!
इसके बाद उन्होंने अपनी उंगलियों से चूत को फैलाया और अपनी उंगली मेरी चूत में रगड़ने लगे.
‘सीईईई ईईईई आआह ईई आआआह प्लीज आह.’
इसके बाद रेड्डी जी मेरी चूत पर झुक गए और अपनी जीभ मेरी गुलाबी चूत पर चलाने लगे.
मेरी गीली चूत का सारा पानी वे चाट रहे थे और मैं बिस्तर पर लहरा रही थी.
रेड्डी जी कभी उंगलियों से चूत को फैलाकर अन्दर तक जीभ डाल देते तो कभी पूरी चूत ही अपने मुँह में भर लेते और जोर से चूस लेते.
पहली बार इस तरह से अपनी चूत चुसाई को मैं ज्यादा देर नहीं झेल पाई और जल्दी ही रेड्डी जी के मुँह में ही झड़ गई.
मेरी चूत से गर्म गर्म पानी निकलता जा रहा था और रेड्डी जी एक एक बूंद चूस रहे थे.
अभी भी उन्होंने मुझे छोड़ा नहीं और लगातार चूत की चुसाई चालू रखी.
जल्द ही दुबारा मेरा पूरा बदन चुदाई की गर्मी से भर उठा और अब तो बस ऐसा लग रहा था कि जल्दी से रेड्डी जी मुझे चोद दें.
आधा घंटा लगातार चूत चाटने के बाद उन्होंने अब जाकर मेरी चूत को आजाद किया और अब वे भी मेरी चुदाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे.
उन्होंने एक झटके में अपना अंडरवियर निकाल दिया और मेरी नजर उनके काले मोटे लंड पर पड़ी.
उस लंड को देखकर मेरी तो अन्दर ही अन्दर आआह निकल गई.
करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा वह काला लंड मेरी आंखों के सामने झूल रहा था.
मैं समझ गई कि आज मेरी चूत का भर्ता बनने से कोई नहीं रोक सकता.
रेड्डी जी ने लंड के सुपारे को बाहर निकाला और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर दोनों पैरों के बीच से होते हुए मेरे ऊपर लेट गए.
उनका लंड मेरी जांघ को सहला रहा था और रेड्डी जी ने मेरे गालों को चूमते हुए मेरे दोनों घुटनों पर अपने दोनों हाथों को फंसा लिया और मेरी दोनों टांगें हवा में उठ गईं.
इस तरह से उन्होंने मुझे पूरी तरह से चुदाई की पोजीशन में कर दिया था और अब उन्होंने लंड को मेरी चूत में लगा दिया.
उनका मोटा सा गर्म सुपाड़ा मेरे छेद पर लग चुका था और तभी मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं.
मैं जानती थी कि इस लंड को आसानी से झेलना मेरे बस की बात नहीं है.
फिर भी किसी तरह से मैंने अपने आप को तैयार किया.
रेड्डी जी लगातार मेरे गालों और कान को चूम रहे थे और मेरे दोनों दूध उनके सीने के नीचे पिसे जा रहे थे.
अब उन्होंने लंड पर जोर देना शुरू किया और उनका सुपाड़ा मेरे छेद को फैलाता हुआ अन्दर की तरफ बढ़ गया.
जल्द ही सुपाड़ा गप्प से छेद में घुसा.
‘ऊऊऊई ईई मम्मीई ईई मर गई आआहह … आराम से कीजिएगा प्लीज!
रेड्डी जी- तुम बिल्कुल चिंता न करो, मैं तुम्हें जरा सी भी तकलीफ नहीं होने दूँगा.
इसके बाद बिल्कुल धीमी गति से उन्होंने लंड को अन्दर की तरफ पेलना शुरू किया.
जैसे जैसे उनका लंड अन्दर जा रहा था मेरा पूरा बदन अकड़ता जा रहा था.
इंच इंच करते हुए करीब पांच मिनट में उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया.
मैंने जोर से रेड्डी जी को जकड़ लिया था और किसी तरह से इतने मोटे लंड के दर्द को सह रही थी.
ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में गर्म रॉड डाल दी हो.
मेरी दोनों जांघें हवा में थीं और मैं बुरी तरह से कांप रही थी.
मैं अपने होंठों को दांत में दबाकर किसी तरह से उस दर्द को बर्दाश्त कर रही थी.
रेड्डी जी वास्तव में चुदाई में माहिर मर्द थे.
उन्होंने जरा भी जल्दबाजी नहीं दिखाई क्योंकि अगर वह लंड एक बार में ही डाल देते तो मेरी बहुत बुरी हालत हो जाती.
उन्होंने ये अंदाजा लगा लिया था कि मेरी चूत उनके मोटे लंबे लंड को आसानी से नहीं झेल पाएगी इसलिए वे पूरा समय ले रहे थे ताकि मुझे तकलीफ न हो.
मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी और मुझे जो भी दर्द हो रहा था उसे सहती जा रही थी.
दस मिनट तक तो उन्होंने लंड बस डालकर ऐसे ही रखा और बस मेरे गाल, होंठ, कान को चूमते रहे.
इसके बाद रेड्डी जी ने बड़े आराम से लंड को आधा बाहर निकाला और फिर से अन्दर किया.
अब तक मेरा दर्द हवा हो गया था और मेरी चूत पानी से भर चुकी थी.
रेड्डी जी इस चीज को जल्द ही भांप गए थे.
अब उन्होंने मुझे पीठ से जकड़ लिया और मुझे बुरी तरह से चूमने लगे थे.
‘आआह मेरी जान कैसा लग रहा है अब तुम्हें?’
‘बहुत अच्छा लगा रहा है अब!’
‘अब जोर से करूं क्या?’
‘ज्यादा जोर से नहीं.’
मेरा इतना कहने के बाद उन्होंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया और उनका लंड गपागप अन्दर जाने लगा.
उस वक्त पहली बार चुदाई का असली अहसास मुझे हुआ था कि चुदाई का मजा क्या होता है.
जल्द ही उनकी रफ्तार इतनी तेज हो गई थी कि पलंग तक हिलने लगा था.
उन्होंने मेरी पीठ को दोनों हाथों से जकड़ रखा था और मेरे गालों को चूमते हुए लगातार मेरी चुदाई किये जा रहे थे.
मैं बुरी तरह से आआह आआह आआह आआह कर रही थी.
हम दोनों के मुँह से निकलती गर्म सांसें एक दूसरे के होंठों से टकरा रही थीं.
मैं तो उस वक्त आंख बंद किये बस उस चुदाई का मजा ले रही थी.
जल्द ही रेड्डी जी को आभास हो गया कि अब मैं अच्छे से उनके लंड को झेल सकती हूं तो उन्होंने अपनी रफ्तार इतनी तेज कर दी कि उनके धक्कों से पूरा पलंग जोर जोर से हिलने लगा.
उनके धक्के मेरे पेट पर जोर जोर से पड़ रहे थे, जिससे थप थप थप की तेज आवाज कमरे में गूँजने लगी थी.
मेरे दोनों दूध उनके सीने के नीचे बुरी तरह से दबे जा रहे थे, जिससे मुझे सीने में दर्द हो रहा था लेकिन उस दर्द से भी ज्यादा मुझे चुदाई का मजा मिल रहा था.
करीब दस मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद रेड्डी जी रुके और उन्होंने लंड बाहर किया औऱ कपड़े से मेरी चूत का और लंड का पानी साफ किया.
इसके बाद उन्होंने मेरी एक टांग हवा में उठा ली और घुटनों के बल बैठकर लंड को अन्दर डाल दिया.
अब पानी साफ होने से चूत में लंड घिसता हुआ जा रहा था, जिससे मुझे बेहद ही ज्यादा मजा आने लगा.
मेरी एक टांग को हवा में उठाये वे जोर जोर से मुझे चोदे जा रहे थे.
मेरे दूध जोर जोर से इधर उधर हिल रहे थे, जिन्हें मैं अपने हाथों से काबू करने की कोशिश कर रही थी.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे पलटने के लिए कहा और मैं पेट के बल लेट गई.
लेकिन उन्होंने मेरी कमर को ऊपर उठाते हुए मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी गांड को सहलाते हुए चूमते हुए बोले- तुम्हारी पीछे की गोलाइयां बेहद गोरी है निशा! ये मुझे बहुत पसंद आई.
इसके बाद उन्होंने मेरी कमर को पकड़ा और लंड को मेरी चूत में लगाकर एक बार में ही अन्दर डाल दिया.
मेरे मुँह से जोर से आवाज निकली ‘सीईईई आआ आहह!’
इसके बाद उन्होंने मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया और धक्के लगाना शुरू कर दिए.
मेरी गांड पर उनके धक्के फट फट फट फट की आवाज के साथ पड़ रहे थे और मेरे दोनों दूध नीचे झूल रहे थे.
मैंने घोड़ी बने हुए ही अपने चेहरे को तकिए पर टिका लिया, जिसके कारण मुझे नीचे से ही पीछे तक का नजारा दिख रहा था.
मैं साफ साफ देख पा रही थी कि उनका मोटा सा लंड मशीन की रफ्तार से मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था और रेड्डी जी के बड़े से अंडकोश नीचे झूल रहे थे.
मेरी चूत से टपकता हुआ पानी बिस्तर पर गिर रहा था.
करीब दस मिनट तक ऐसे ही चुदने के बाद मैं झड़ गई और मेरी चूत से पानी की धार बिस्तर पर गिरने लगी.
रेड्डी जी अभी भी मुझे लगातार चोदे जा रहे थे.
हमारी चुदाई को आधा घंटा से भी ज्यादा हो गया था. मैं उनके धक्कों से बहुत थक चुकी थी लेकिन वे बिना थके लगातार चुदाई किए जा रहे थे.
मेरी पूरी चूत पानी से भरी हुई थी और पहले जहां चूत से पानी टपक रहा था वह पानी अब झाग बनकर टपक रहा था.
मैं समझ चुकी थी कि मेरी चूत का पानी इतनी तेज चुदाई के कारण झाग में बदल गया है.
जल्द ही रेड्डी जी ने मेरी कमर को जोर से जकड़ लिया और आआह आहहह की आवाज निकालने लगे.
जल्द मेरी चूत में उनका गर्म पानी का फव्वारा फूट गया और मेरी चूत उनके वीर्य से भर गई.
रुक रुककर उनकी पिचकारी से पानी निकल रहा था और वे अभी भी धीरे धीरे मुझे चोदे जा रहे थे.
फिर उन्होंने लंड बाहर किया और मैं पलटकर बिस्तर पर लेट गई.
ओल्ड मैन सेक्स के बाद हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग चुके थे और दोनों बुरी तरह से हांफ रहे थे.
लंड को कपड़े से साफ करने के बाद रेड्डी जी भी मेरे बगल में लेट गए और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगे.
दस मिनट बाद मुझे जोर से बाथरूम आई और मैं टॉवेल लपेटकर बाथरूम गई.
बाथरूम में मैंने आईने में अपने आप को देखी तो मेरा गोरा बदन पूरा लाल हो गया था.
मेरे दूध, जांघ, गाल और मेरी गांड पर दबाने मसलने चूमने के कारण पूरे बदन पर अलग ही लाल रंग दिखाई दे रहा था.
मेरी चूत का छेद इतने मोटे लंड घुसने से अभी भी फैला हुआ था.
पेशाब करने के बाद मैं वापस कमरे में आ गई और रेड्डी जी भी बाथरूम गए.
करीब आधा घंटा के बाद उन्होंने मुझे फिर से गर्म करना शुरू कर दिया और एक बार फिर से उन्होंने मेरी चुदाई शुरू कर दी.
रात के तीन बजे तक हम दोनों तीन बार चुदाई कर चुके थे और उसके बाद दोनों ही एक दूसरे से लिपटकर सो गए.
सुबह होते ही एक बार फिर उन्होंने मेरे साथ मॉर्निंग सेक्स का मजा लिया और फिर फ्रेश होकर मैं अपने घर आ गई.
पहली रात की चुदाई के बाद मेरे बदन का बुरा हाल हो गया था और पूरा बदन दर्द कर रहा था.
रेस्ट करने के लिए मैंने ऑफिस से दो दिन की छुट्टी ले ली और दो दिन मैंने केवल आराम किया.
हम दोनों के बीच चुदाई की शुरुआत होते ही अब हम दोनों और भी ज्यादा एक दूसरे के करीब आ गए थे.
एक दूसरे से हर एक पर्सनल बात करने लगे. हम दोनों के बीच चुदाई का वह दौर शुरू हुआ कि हफ्ते में तीन से चार रात मैं उनके साथ ही रहने लगी.
कभी उनके फार्म हाउस में तो, कभी किसी फाइव स्टार होटल में हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा लेने लगे.
अब मैं इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं लेती थी, बस लोकल फ़्लाइट में ही जाती थी.
मैं रेड्डी जी के साथ रहकर एक हाई प्रोफाइल जिंदगी का मजा ले रही थी, जिसमें मुझे बेहद मजा आ रहा था.
दो महीने के अन्दर ही हम दोनों के बीच बहुत ज्यादा चुदाई हुई थी.
उन्होंने मेरी चूत के साथ साथ मेरी गांड को भी बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया था.
तीसरे महीने मुझे पता चल गया कि मैं प्रेग्नेंट हो चुकी हूं. लेकिन रेड्डी जी ने आसानी से उस समस्या को निपटा दिया.
इसके बाद आगे क्या हुआ ये मैं आपको अपनी दूसरी सेक्स कहानी में बताऊंगी क्योंकि आगे चलकर रेड्डी जी ने मेरे साथ ग्रुप सेक्स का मजा लिया, वह भी अपने एक विदेशी दोस्त के साथ.
उन दोनों ने मिलकर मेरे साथ चुदाई का ऐसा खेल खेला, जिसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती.
ये ओल्ड मैन सेक्स कहानी मैं आपको जल्द ही बताऊंगी.
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