मातहत की सेक्सी बीवी की चुदासी चुत चोदी- 3
(Tight Pussy Dick story)
टाइट पुसी डिक स्टोरी में मरी सेटिंग मेरे अधीनस्थ कर्मचारी की बीवी से हुई तो मुझे उसकी कम चुदी और कसी चूत मिली जो मेरे बड़े लंड के लिए कुंवारी चूत के जैसी थी.
दोस्तो, मैं अमित एक बार पुनः आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
आपने मेरे मातहत मनोज की सेक्सी बीवी की चुदासी चुत की सेक्स कहानी
दोस्त की सेक्सी बीवी की चुदाई की तैयारी
में अब तक पढ़ा था कि वह अपने घर में मेरे सीने से चिपकी हुई थी.
अब आगे टाइट पुसी डिक स्टोरी:
मैंने मिनी के चेहरे को ऊपर किया और अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए.
उसके होंठ उस वक्त कांप रहे थे और मैंने बारी बारी से ऊपर नीचे के होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मिनी मुझसे बिल्कुल चिपक गई और मेरे बालों को सहलाती हुई मेरा पूरा साथ देने लगी.
कुछ ही देर में वह भी मेरे होंठों को बराबरी से चूमने लगी और अपनी जीभ मेरे मुँह में देने लगी.
मैंने मिनी के कमर से साड़ी खोल दी और उसकी पूरी साड़ी जमीन पर गिर गई.
मैं अभी भी उसके होंठों को लगातार चूम रहा था और दूसरे हाथ से उसके ब्लाउज के हुक को खोल रहा था.
कुछ ही पल में मैंने उसके ब्लाउज को भी निकाल दिया और अब ब्रा बस रह गई थी, जिसके अन्दर उसके खूबसूरत बड़े बड़े दूध कैद थे.
अब मेरे हाथ उसके पेटीकोट की तरफ बढ़ गए और मैंने उसके पेटीकोट के नाड़े को खींच कर खोल दिया.
अगले ही पल उसका पेटीकोट भी जमीन पर था और मिनी केवल ब्रा पैंटी में रह गई थी.
मेरे दोनों हाथ उसकी गदराई हुई पीठ पर चल रहे थे और मिनी के मुँह से गर्म गर्म सांसें निकल कर मेरे चेहरे पर आ रही थीं.
हम दोनों ही काफी उत्तेजित हो गए थे और एक दूसरे के होंठों को चूमने के साथ साथ एक दूसरे को सहला भी रहे थे.
अब तक मिनी के अन्दर जो शर्म थी, वह भी जा चुकी थी और वह मेरे साथ बिल्कुल खुलकर मजा ले रही थी.
जितना मैंने सोचा था, मिनी उससे कहीं ज्यादा गर्म और सेक्सी लड़की थी.
वह मुझसे ऐसे लिपटी हुई थी, जैसे वह जन्मों से प्यासी हो औऱ आज उसे अपनी प्यास बुझाने का मौका मिला हो.
मैं उसकी ब्रा के हुक को खोलने का प्रयास करने लगा लेकिन मिनी ने मुझे रोक दिया.
वह बोली- नहीं नहीं, यहां नहीं … अन्दर चलते हैं.
उसकी बात सुनकर मैं रुक गया और मैंने उसे एक झटके में अपनी गोद में उठा लिया.
मिनी एक लंबी कद-काठी की भरी हुई देह वाली लड़की थी और उसका वजन 70 किलो के करीब था लेकिन मैं भी कम नहीं हूँ.
मैं भी 6 फीट लंबा और 98 किलो का पहलवानी शरीर का मर्द हूँ.
मैंने बड़ी आसानी से उसे गोद में उठाया और बेडरूम की तरफ चल दिया.
बेडरूम में जाकर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और अपनी शर्ट और पैंट को निकाल दिया.
मैं केवल चड्डी पहने हुए ही मिनी के ऊपर लेट गया.
पहली बार मुझे मिनी के बदन की असली गर्मी का अहसास हुआ क्योंकि अब मेरे बदन पर भी कपड़े नहीं थे.
उसके बदन की गर्मी पाकर मैं और भी जोश में आ गया और मिनी से लिपट गया.
उसके दोनों कसे हुए बड़े बड़े दूध मेरे सीने पर दबे जा रहे थे.
मेरे शरीर के वजन और गर्मी पाकर मिनी की भी आह्ह निकलने लगी थी.
मैं उसके गालों होंठों और गले को चूमता जा रहा था और एक हाथ से उसके एक पैर को मोड़ कर उसकी चिकनी जांघ को सहला रहा था.
मिनी भी अपने हाथों से मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभाती हुई मेरी पीठ सहला रही थी.
हम दोनों ही एक दूसरे को जकड़े हुए थे और आलिंगन करते हुए एक दूसरे को चूम रहे थे.
कुछ देर बाद मैंने उसके ब्रा की स्ट्रिप खोल दी और उसकी ब्रा को निकाल कर उसके दोनों मम्मों को आजाद कर दिया.
उसके दोनों दूध उछल कर मेरे सामने तन गए.
उसके दूध को देख मुझसे रुका नहीं गया. मैं उत्तेजना से भर गया और उसके मम्मों पर टूट पड़ा.
मैं दोनों हाथों से उसके दोनों दूध को मसलते हुए उसके गुलाबी निप्पलों को बारी बारी से मुँह में भरते हुए चूसने लगा.
निप्पल चूसने से मिनी एकदम से छटपटाने लगी और वह मुझे अपने मम्मों पर ही दबाने लगी ‘आअह आअ ह्ह ऊऊह ऊ ऊआ आउउच आअह मम्मीईई उईई उईई आअह.’
मैं मिनी की मदहोश कर देने वाली आवाज को सुनकर और ज्यादा जोश में आ गया और जोर जोर से उसके दूध को मसलने लगा.
‘उउईई मम्मीईई उईई मम्मीई’ करती हुई मिनी मेरे सर को अपने दूध पर दबाए जा रही थी.
सच में दोस्तो, उसके दूध वास्तव में कमाल के थे … बिल्कुल तने हुए और कड़े कड़े.
ऊपर से उसका गोरापन कहर ढा रहा था.
मैंने उसके मम्मों को तब तक मसला और निचोड़ा, ज़ब तक मिनी खुद मुझे रोकने नहीं लगी.
मेरे जोर जोर से मसलने के कारण उसके दूध लाल हो गए थे और उसे जलन होने लगी थी.
अब मैं उसके दूध को छोड़कर उसे चूमते हुए नीचे की तरफ जाने लगा.
उसकी नाभि को चूमते हुए जल्द ही उसकी उभरी हुई चूत तक जा पहुंचा.
पैंटी के अन्दर से ही उसकी चूत की बनावट साफ साफ झलक रही थी.
पैंटी के ऊपर से उसकी चूत की लकीर देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने झुककर पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूम लिया.
चूत चूमते हुए पैंटी के बगल से दिख रहे उसकी चिकनी जांघ और चूत के बीच का हिस्सा चूमने लगा, जिससे मिनी को काफ़ी गुदगुदी हुई और उसने मुझे दोनों जांघों के बीच दबा लिया.
इसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फिर से फैलाया और उसकी पैंटी को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे करते हुए निकाल दिया.
अब मिनी पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और मैंने उसकी चूत की पहली झलक पा ली थी.
उसके बेहद गोरे बदन के अनुसार ही उसकी चूत भी बिल्कुल गुलाबी और चाटने लायक थी.
ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह एक शादीशुदा औरत की चूत थी.
कहीं से भी उसकी चुत फैली हुई नहीं थी और बिल्कुल अनछुई चूत दिख रही थी.
साफ लग रहा था कि उसके पति मनोज ने उसके ऊपर मेहनत नहीं की थी.
मनोज मेहनत भी कैसे करता, वह खुद ही अपने छोटे लंड से परेशान होकर नीम हकीम के चक्कर काट रहा था.
अगर मनोज मिनी को ख़ुश कर पाता, तो आज मिनी मेरे सामने नंगी नहीं लेटी होती.
अब मैंने मिनी की चूत को अपनी उंगलियों से फैलाया और अन्दर का नजारा देख मुझे यकीन हो गया कि मनोज मिनी के साथ कुछ भी नहीं कर पाता होगा और मिनी अभी तक कुंवारी लड़की से कम नहीं है.
मिनी की चूत का छेद बिल्कुल छोटा सा था और अन्दर का भाग तो टमाटर की तरह लाल था.
मैंने आव देखा न ताव और अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया.
अपनी उंगलियों से चूत फैलाये हुए था और चूत का अन्दर तक का हिस्सा मेरे मुँह में था.
चिपचिपी चूत का एक एक बून्द पानी मैं चूसता जा रहा था.
मेरे चूत चाटने से मिनी और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसने अपनी गांड हवा में उठा दी.
अब तो मुझसे और भी अच्छे से चूत चाटते बन रहा था.
मैं चूत के ऊपरी दाने को अंगूठे से मसलते हुए अपनी जीभ अन्दर तक घुसा रहा था.
उसकी चूत को दोनों हाथों से फैलाकर चारों तरफ अपनी जीभ चला रहा था.
मिनी बहुत जोर जोर से आहे भर रही थी- आअह आअ ह्ह्ह आअह उउउईई माँआ उफ्फ़!
कुछ ही देर में मिनी इतनी ज्यादा गर्म हो गई कि वह अपने हाथों को बिस्तर पर पटकने लगी.
वह इतनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पाई और मेरे मुँह में ही झड़ने लगी.
मैं भी इतनी खूबसूरत माल को पाकर उत्साहित था और उसकी चूत से निकलते हुए पानी की एक एक बून्द को चाट गया.
जल्द ही मिनी निढाल होकर लेट गई और उसकी सांसें तेजी से चल रही थीं.
लेकिन मैं अभी भी नहीं रुका.
मुझे मिनी को दुबारा से गर्म करना था क्योंकि बिना गर्म किए मिनी को चोदने में वह मजा नहीं आएगा जितना मजा उसे उत्तेजित करके चोदने में आएगा.
मैं लगातार मिनी की चूत को चाट रहा था और उसकी जांघों को सहला रहा था.
जल्द ही मिनी के बदन में गर्मी फिर से आने लगी और उसकी सिसकारियां फिर से निकलनी शुरू हो गईं.
‘शीईई इईई ईई उउउ आहह.’
जल्द ही मिनी फिर से पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और पहले की तरह ही अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ाने लगी.
अब मुझसे भी सहन नहीं हो रहा था और मैं भी जल्द से जल्द मिनी की गर्म चूत को चोदना चाहता था.
मैंने जल्दी से अपनी चड्डी निकाल दी और मेरा फनफ़नाता हुआ काला लंड तनकर सामने आ गया.
मेरे लंड की पहली झलक पाकर मिनी के चेहरे का रंग ही बदल गया, जिससे साफ पता चल रहा था कि वह डर गई थी.
लेकिन उसे ये पता नहीं था कि आज उसे मेरा यही लंड चुदाई का वह सुख देगा जिसके लिए वह तड़प रही थी.
मुझे भी मालूम था कि मिनी को पहली बार तकलीफ होगी क्योंकि वह किसी कुंवारी लड़की से कम नहीं थी लेकिन मुझे चुदाई का इतना अनुभव तो था ही कि उसे किस तरह से चोदना है.
जल्दी ही मैंने मिनी की दोनों टांगों को फैला दिया और उसके ऊपर लेट गया.
एक हाथ से मैंने लंड को चूत में लगाया और मिनी के होंठों को चूमते हुए उसे जकड़ लिया.
मिनी ने भी मेरा साथ दिया और अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर वह मुझसे लिपट गई.
मेरे लंड के सुपारे पर उसकी चूत के छेद की गर्मी लग रही थी.
मैंने हल्के से जोर लगाया और मेरा सुपाड़ा फिसलता हुआ अन्दर की तरफ जाने लगा.
जैसे जैसे सुपारा अन्दर जा रहा था, मिनी उतनी जोर से मुझे जकड़ती जा रही थी.
किसी टाइट ट्यूब के जैसे मेरा सुपाड़ा उसके छेद में जा घुसा … एक गप्प की आवाज आई
उसी वक्त मीठे दर्द से सिहर कर मिनी ने अपनी जीभ और भी अन्दर तक मेरे मुँह में डाल दी.
वह अपने दर्द को सहन कर रही थी.
अब मैं आहिस्ता आहिस्ता जोर लगाता जा रहा था और डिक पुसी में फिसलता हुआ अन्दर जा रहा था.
मिनी की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड उसकी चूत में बिल्कुल चिपक कर जा रहा था.
मुझे ऐसा अहसास हो रहा था जैसे मैं किसी शादीशुदा औरत को नहीं … बल्कि किसी कुंवारी लड़की की सील तोड़ रहा हूँ.
मेरा लंड आधे से थोड़ा ही ज्यादा अन्दर गया था कि मिनी ने अपनी जीभ मेरे मुँह से निकाल ली.
वह बोली- आअह्ह्ह बस्स्स्स बस कीजिए!
मैंने कहा- बस थोड़ा सा और सहन करो मेरी जान!
मेरा इतना कहते ही उसने मेरे गले में अपना एक हाथ डाल दिया.
मेरे चेहरे को अपने चेहरे की तरफ खींच कर मेरे मुँह में अपना मुँह लगाकर अपनी जीभ फिर से मेरे मुँह में डालकर मुझे कसकर जकड़ने लगी.
मैंने भी देर न करते हुए जोर लगा दिया और अपना पूरा डिक उसकी टाइट पुसी के आखरी छोर तक पेल दिया.
तेज दर्द हुआ तो मिनी ने अपना चेहरा हटा लिया.
उसका मुँह खुला हुआ था और आंख बड़ी बड़ी हो गई थीं.
उसके मुँह से मरी हुई कुतिया के जैसी आवाज निकली- ऊई मां आहह मर गई आह!
उसने अपनी दोनों जांघों से मेरी कमर को जकड़ लिया और अपने दोनों हाथों को मेरी कमर पर टिका लिया ताकि मैं और जोर से धक्के न लगा सकूँ.
मैंने मिनी से पूछा- क्या हुआ?
‘आह … आपको मैं और नहीं झेल पाऊंगी!’
‘अरे ऐसा नहीं है … तुम बस थोड़ा और साथ दो!’
वह चुप रही.
इसके बाद मैंने मिनी को अपनी बांहों में भर लिया और एक बार फिर से हम लोग अपनी अपनी जीभ लड़ाने लगे और एक दूसरे के होंठ चूमने लगे.
कुछ देर बाद उसकी चूत अपने आप ही पानी से भर गई.
अब मैं मिनी के होंठ चूमते हुए ही लंड को हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा लेकिन मैं ज्यादा जोर नहीं लगा रहा था क्योंकि मिनी के दोनों हाथ मेरे पेट के बगल में लगे हुए थे.
मिनी को ये डर था कि कहीं मैं अचानक से जोरदार धक्का ना लगा दूं.
काफी देर तक मैं ऐसे ही मिनी के होंठों और चूचों के साथ खेलते हुए हल्के हल्के से अपने लंड को आगे पीछे करता रहा.
इसका फायदा भी हुआ, जल्द ही मिनी की चूत ढीली होने लगी और लंड आराम से अन्दर जाने लगा.
इसके बाद मैंने देखा की मिनी अपने दोनों हाथों को कमर से हटाकर मेरी पीठ पर ले आई और मुझे अपनी ओर खींचने लगी.
उसके दोनों पैर अपने आप फ़ैल गए और मुझे स्ट्रोक लगाने का आमंत्रण देने लगे.
मिनी के बदन के इशारे को मैं समझ गया और मैं अपने आप ही अपने धक्कों की रफ़्तार तेज करने लगा.
अब मिनी को भी मजा आना शुरू हो गया था और उसकी सिसकारियां निकलने लगीं- सीई ई ईईह सीईई ईई … आआह्ह मम्मीईई!
इसका मतलब साफ था कि मुझे मिनी की तरफ से खुली छूट मिल चुकी थी और अब मैं बिंदास होकर मिनी को चोद सकता था.
मैंने यही किया.
दोस्तो, सेक्स कहानी के इस हिस्से को यहीं रोक रहा हूँ. अगले भाग में मैं आपको इस चुदाई का मजा देना जारी रखूँगा.
टाइट पुसी डिक स्टोरी पर आप अपने मेल व कमेंट्स से जरूर अवगत कराएं.
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धन्यवाद.
टाइट पुसी डिक स्टोरी का अगला भाग:
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