स्लीपर बस में कपल को सर्विस दी- 2
(Xxx Bus Fuck Story)
Xxx बस फक स्टोरी में स्लीपर बस में कपल सेक्स करते हुए मैंने भाभी की चूत का पानी निकलवा दिया। उसके पति भी अब हमारे साथ आ गया था। फिर क्या हुआ? मेरी कपल सेक्स स्टोरी में जानें।
दोस्तो, मैं राजेश आपके लिए अपनी स्टोरी का दूसरा भाग लेकर हाजिर हूं।
कहानी के पहले भाग
चलती बस में भाभी की चूत चाट कर पानी निकाला
में मैंने बताया था कि मैं राखी के त्यौहार लिए अहमदाबाद से अपने घर जा रहा था।
मुझे स्लीपर बस में एक कपल मिल गया जिसके साथ कुछ समय पहले मैंने कैम सेक्स किया था।
उस कपल का मन था कि मैं बस में ही फिर से मस्ती करूं और उनका मनोरंजन करूं।
इसलिए कपल में लेडी रश्मि का पति रोहन हमें केबिन में छोड़कर चला गया।
मैंने रश्मि की चूचियों को नंगी किया और उसकी चूत को भी नंगी करके खूब चाटा।
रश्मि मेरे मुंह में ही झड़ गई।
वो खुश हो गई और बोली- ओह्ह … मजा आ गया … क्या मस्त चाटते हो।
इतने में ही बस रुकी तो पता चला कि चिलौड़ा स्टैंड आ गया।
अब आगे की Xxx बस फक स्टोरी:
हमने देखा कि बस रुक गई है।
मैंने रश्मि से कहा- कुछ लेना है क्या?
रश्मि मुस्कराते हुए बोली- तुम्हारा मस्त लंड लेना है।
उसने नीचे की तरफ देखा तो लंड उसे सलामी दे रहा था।
लंड में बार-बार झटके लग रहे थे।
मैंने रश्मि से कहा- ये आपसे विनती कर रहा है कि आप भी इसे प्यार करो और अपने नाजुक होंठों से इसको दुलार करो।
रश्मि घुटनों पर हो गई और लंड को हाथ पकड़ कर प्यार से दुलारने लगी।
फिर वो लंड के टोपे को चाटने लगी।
उसकी चूचियां मेरे सामने ही झूल रही थीं जिनको मैंने अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू कर दिया।
फिर मैं धीरे-धीरे चूचियों को मसलने लगा।
रश्मि भी मेरे लंड को मुंह में लेकर कुल्फी की तरह चूसने लगी।
मैं एक हाथ से उसकी चूची दबाते हुए दूसरे हाथ से उसके कूल्हों और गान्ड को सहलाने लगा और अपने घुटनों पर खड़ा होकर रश्मि के मुँह को चोदने लगा।
फिर दोनों चूचियों को जोर से दबाने लगा तो रश्मि भी मेरे लण्ड को गले तक लेकर चूसने लगी।
लण्ड पर रश्मि का थूक लिथड़ गया था और जैसे ही रश्मि लण्ड को मुँह से बाहर निकालती थूक लण्ड से टपकने लगता।
मैं रश्मि की चूचियों को सहलाते हुए बोला- डार्लिंग मेरा दिल फिर से तेरी रसीली चूत चूसने का हो रहा है। हम दोनों 69 में हो जाते हैं जिस से तुम मेरा लण्ड चूसना और मैं तेरी चूत।
फिर मैं लेट गया और रश्मि मेरे मुँह पर चूत टिका कर झुक गई और लण्ड को चूसने लगी।
मैं सीट से पीठ लगा कर अधलेटा ही हो गया था जिससे रश्मि घुटनों पर ही झुकी हुई थी और उसकी गान्ड मेरी तरफ उठी हुई थी।
मैं दोनों हाथों से उसकी गान्ड को सहलाते हुए चूत चाटने लगा।
तभी मुझे सामने रश्मि की गान्ड का भूरा छेद दिखाई दिया।
मैंने उस पर ढेर सारा थूक दिया और अपने हाथ की बड़ी उंगली को उसमें धीरे-धीरे घुसाते हुए उसकी चूत चाटने लगा।
रश्मि ने उंगली का स्पर्श अपनी गान्ड के छेद पर पाकर गान्ड हल्की सी ढीली की और उंगली अंदर चली गई।
अब मैं उसकी गान्ड में उंगली करते हुए चूत चाटने लगा।
रश्मि भी गान्ड को मुँह पर हिला हिलाकर लण्ड चूस रही थी।
फिर मैंने एक अँगूठा उसकी चूत में घुसा दिया और अब अगूंठा और उंगली को आपस में अंदर रगड़ते हुए अंदर-बाहर करते हुए चूत चाटने लगा।
रश्मि को काफी मजा आने लगा और अब वो मेरे लण्ड को जोर से चूसते हुए ऊंह्ह … आह्ह करते हुए अपनी गांड भी हिलाने लगी।
तभी उसने अचानक अपनी गान्ड मेरे मुँह से हटाई और मेरी तरफ मुड़ कर अपने वैनिटी बैग से स्ट्रॉबेरी फ्लेवर का मूड डॉटेड कंडोम पैकेट निकाल लिया।
उसने पैकेट फाड़ा और कंडोम निकाल कर मेरे लण्ड पर चढ़ाया।
फिर मेरे लण्ड पर बैठते हुए उसने चूत में लंड को उतरवा लिया और मेरे गले में बांहें डालकर मेरे होंठों को चूसते हुए बोली- अब मेरी इस कमीनी चूत से रहा नहीं जा रहा। अब मैं तेरे लण्ड को चोदे बिना नहीं छोडूंगी।
कहकर वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे लण्ड पर उछलने लगी.
कि तभी अचानक बस ने ब्रेक मारा और लण्ड रश्मि की चूत में पूरा बैठ गया।
इससे रश्मि की चूचियां मेरे सीने से दब गईं।
देखा तो हिम्मतनगर आ गया था।
मैंने रश्मि को थोड़ी देर रुकने को कहा कि बस चलने दो.
तो रश्मि मेरे ऊपर ही लेट गयी और मैं भी सीधा लेट गया।
रश्मि की चूचियां मेरे सीने पर दब रही थीं और रश्मि मुझसे लिपट कर मेरे होंठों को चूस रही थी।
इतने में रोहन का फोन आया।
उसने फोन उठाकर बात करना शुरू किया- क्या चल रहा है रश्मि?
रश्मि मुस्कराते हुए बोली- आहह … सी … सी … मस्त लण्ड की सवारी हो रही है।
रोहन बोला- कैसा है मस्त लण्ड?
रश्मि बोली- आहह … कसम से बहुत टाइट है, बड़ा मजा आ रहा है … तुम भी आ जाओ।
रोहन बोला- ठीक है खिड़की खोलो।
रश्मि बोली- यार, हम दोनों नंगे हैं।
रोहन बोला- कुछ कपड़ा डाल लो और साइड में हो जाओ और खोलो, मैं आता हूँ।
रश्मि मुझसे बोली- रोहन आ रहा है … कैसे खोलें खिड़की?
मैं- मेरे बैग में एक चादर रखी है।
कहकर मैंने झट से चादर निकाली और हम दोनों के ऊपर डाल ली।
हमारे पैर खिड़की की तरफ थे तो हमने खिड़की खोल दी।
लेकिन हम उसी पोजीशन में लेटे रहे।
इतने में रोहन अंदर आ गया।
खिड़की वापस से बंद करके हमने सिटकनी लगा दी।
रोहन ने हम दोनों के ऊपर से चादर खींच दी तो देखा कि रश्मि मेरे लंड पर सवार थी।
रोहन ने अपनी ज़िप खोली और लण्ड निकालकर हिलाते हुए बोला- डार्लिंग रुक क्यों गयी, हो जाओ शुरू … तुम लोगों की लाइव चुदाई देखने आया हूँ।
जैसे ही बस हिम्मतनगर से चली तो रश्मि की मस्त लण्ड की सवारी शुरू हुई।
रोहन भी मेरी बगल में आकर लेट गया और मेरे साथ रश्मि की चूचियों को दबाने लगा।
अब रोहन ने भी अपनी पैंट और अंडरवियर उतार दी और रश्मि रोहन के लण्ड को हाथ से हिलाते हुए मेरे लण्ड पर उछल उछलकर चुदवाने लगी।
मैं रश्मि की चूचियों को चूसते हुए उसकी गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ते हुए उसे चुदवाने में मदद कर रहा था।
रोहन अब घुटनों के बल बैठ गया और रश्मि के मुँह को अपने लण्ड पर टिका कर बोला- जानेमन … मस्त लण्ड की सवारी करते हुए मेरे लण्ड की चुसाई का आनन्द लो।
सुनकर रश्मि मेरे मस्त लण्ड की सवारी करते हुए रोहन के लण्ड को चूसने लगी और मैं और रोहन दोनों उसकी चूचियों से खेलने लगे।
रोहन- यार देखा मेरी चुदक्कड़ बीवी को … कैसे लण्ड चूसते हुए चुदवा रही है। मैं कह रहा था कि मेरी बीवी बेड पर धमाल मचा देती है. बेड पर पूरी बेशर्म होकर चुदाई का मजा लेती है मेरी ये सेक्सी डार्लिंग।
मैं- हाँ यार, मुझे तो पहले लगा कि ये इतना शर्मा रही है तो कैसे चुदाई का खुलकर मजा लेगी. पर सच में … ये बेड में तो पूरी रंडी बन जाती है।
रश्मि मेरे लण्ड पर उछलते हुए रोहन का लण्ड चूसे जा रही थी और हमारी बातें सुनकर मुस्करा रही थी।
अब मैंने रश्मि की गान्ड को दोनों हाथों से पकड़ कर जोरदार स्पीड में चोदना शुरू किया।
उधर रोहन ने रश्मि के सिर को पकड़ कर उसके मुंह को चोदना शुरू किया।
रश्मि के मुह से गूँ गूँ गूँ … की आवाज ही आ रही थी और उसकी चूत चुदाई के मजे से गीली हो गई थी … जिससे चूत से फच फच फच … की आवाज आ रही थी।
मेरी जोरदार चुदाई से शायद रश्मि झड़ने के कगार पर पहुंच गई थी और शायद वो इतने में ही झड़ने लगी।
क्योंकि हम देख रहे थे कि रश्मि का जिस्म अकड़ने लगा और मुझे लण्ड पर चूत रस की फुहार सी महसूस हुई।
अब मेरा लण्ड भी उत्तेजना से फटने लगा तो मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी।
उधर रोहन ने रश्मि के मुँह में ही पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया और झड़ गया।
रोहन के वीर्य को रश्मि ने बाद में अपने रुमाल में उगल दिया और रोहन के रुमाल से मुँह पौंछते हुए बोली- राजेश डार्लिंग, मुझे वीर्य पीना अच्छा नहीं लगता मगर अपनी चूचियों पर गिराना अच्छा लगता है, जब तुम झड़ने को हो तो लण्ड निकाल लेना और मेरी चूचियों को नहला देना।
मैंने थोड़ी देर बाद रश्मि को ऊपर से हटाया और मैं घुटनो के बल बैठ गया और रश्मि मेरे लण्ड के नीचे लेट गयी।
वो मेरे आंडों को चाटने लगी और एक हाथ से लण्ड की मुठ मारने लगी।
अब मैं रश्मि के दोनों बूब्स को मिला कर उसके बूब्स को चोदने लगा तो रश्मि ने मुठ मारना बन्द कर दिया।
दो मिनट में ही मेरे लण्ड ने रश्मि की चूचियों में पिचकारी मारनी शुरू की जिस से कुछ वीर्य रश्मि की नाभि में भी भर गया।
फिर मैं साइड में बैठ गया।
तब रोहन ने रश्मि की चूचियों की मेरे वीर्य से मालिश की।
अब डूंगरपुर आ गया था।
रात का 1 बज गया था।
बस एक ढाबे पर खाने के लिए रुकी तो रोहन बोला- चलो यार .. खाना खा लेते हैं हल्का सा। फिर मैं नीचे सीट पर आराम करूँगा। तुम चाहो तो चुदाई का मजा लेना।
रश्मि बोली- ठीक है राजेश, खाने के बाद अगले राउंड करेंगे। चलो अब कुछ खा लेते हैं, चुदाई के बाद वैसे भी भूख बहुत लगती है।
रश्मि ने हम दोनों को किस किया।
उधर बाहर कन्डक्टर भी लोगों से कह रहा था कि बस आधा घण्टा रुकेगी जिसे खाना खाना हो, खा सकता है।
हम लोगों ने कपड़े पहने और पहले रोहन नीचे उतरा।
तब रश्मि ने मुझे एक बार फिर किस किया और मस्त लण्ड को पकड़ कर धन्यवाद बोला और कहा- अगली चुदाई के लिए तैयार हो जाओ।
कहकर वो नीचे उतर गई।
सबसे आखिर में मैं उतरा।
रोहन एक कोने की टेबल पर बैठ गया और खाना भी ऑर्डर कर दिया।
हमने खाना खाया और पानी की दो बिसलेरी की बोतल ली।
बिल रोहन ने भरा और रोहन रश्मि से बोला- तुम चलो, हम आ रहे हैं।
रश्मि बोली- मुझे पेशाब करना है।
फिर मैं और रोहन उसको लेडीज टॉयलेट ले गए।
रश्मि टॉयलेट में घुस गई।
हम दोनों बाहर थे तो रोहन बोला- यार सच में बड़ा मस्त लण्ड है तेरा, और चोदता भी मस्त है। सुबह तक रश्मि की इतनी चुदाई कर कि जयपुर से दिल्ली तक यह सोती ही रह जाये।
इतने में रश्मि टॉयलेट से बाहर आ गयी और हम बस में आ गए।
रोहन मेरी सीट पर बैठ गया और मैं और रश्मि स्लीपर में चढ़ गए।
अंदर घुसते ही रश्मि और मैं दोनों नंगे हो गए और फिर से एक दूसरे से चिपक गये।
हम दोनों जैसे चुदाई के लिए तड़प गए थे। हम फिर 69 में आ गए और फिर मैंने रश्मि को घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।
दोस्तो, फिर हमने जयपुर तक तीन बार Xxx बस फक यानी चुदाई की जिसमे दो बार रात में और एक बार सुबह 7 बजे।
सवा नौ बजे हम लोग जयपुर पहुंचे।
रश्मि ने लास्ट में किस करके धीरे से कान में बोला- तेरा ये मस्त लण्ड है बहुत दमदार … मजा आ गया … वैसे तुम्हारे मस्त लण्ड का नाम नारी सेवक होना चाहिए।
मैं बोला- इसका नाम मस्त लण्ड भी आपकी जैसी एक छमिया ने रखा है … अब बार-बार नाम नहीं बदलना है। वैसे नारी सेवक तो ये है ही, आपकी भी तो सेवा की है।
फिर रोहन और रश्मि ने मुझे साथ में दिल्ली चलने को कहा और बोले- दो दिन हम लोगों के साथ रुकना, फुल मस्ती करेंगे और तुम्हारा चार्ज भी देंगे।
मगर अगले दिन राखी थी, इस वजह से मैंने जाने से इंकार कर दिया।
तो उन लोगों ने मुझे फिर मिलने का वादा किया।
फिर वो लोग दिल्ली चले गए और मैं बयाना अपने घर आ गया।
उसके बाद उन लोगों से एक बार दिल्ली में ही उनके बुलाने पर मिलने गया।
उस घटना के बारे में मैं आपको फिर बताऊंगा।
आपको मेरा अनुभव और यह कहानी कैसी लगी इसके बारे में मुझे जरूर लिखना।
मुझे कपल सेक्स में बहुत मजा आता है।
आप चाहें तो अपनी फैंटेसी भी मुझे बता सकते हैं।
मुझे आप लोगों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।
आप Xxx बस फक स्टोरी के नीचे कमेंट्स बॉक्स में अपने कमेंट लिख सकते हैं या फिर मुझे ईमेल पर भी मैसेज कर सकते हैं।
मेरा ईमेल आईडी है
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