गाँव की चालू औरत की चूत गांड चुदाई

(Xxx Woman Sex Kahani)

Xxx वुमन सेक्स कहानी में एक औरत ने मुझसे लिफ्ट मांगी. मुझे वह औरत मस्त लगी. मैंने उसे बाइक पर बिठा लिया और उससे बातें करके पटाने लगा.

दोस्तो, मेरी इस सेक्स कहानी में स्वागत है.
कहानी के पहले भाग
जवान लड़के के साथ गे सेक्स
में अभी तक आपने राहुल की कलम से अमित के संग हुई गे सेक्स कहानी का मजा लिया था.

अब आगे Xxx वुमन सेक्स कहानी:

आगे जाकर अमित ने एक शॉर्टकट बताया जो खेतों के बीच से निकलता था.

हम थोड़ा आगे गए, तभी एक औरत वहां से जा रही थी.
उसने अमित को देखा और आवाज लगाई- कहां जा रहे हो और ये कौन है?
अमित ने मेरे बारे में बताया और कहा- ये अंकल सिटी जा रहे हैं, मैं इन्हें रास्ता दिखाने आया था.

उस औरत ने कहा कि उसे भी सिटी जाना है क्या तुम्हारे ये अंकल मुझे साथ ले चलेंगे?
इस तरह से उसने लिफ्ट के लिए बोला.

मैंने उसे देखा.
वह 35-40 साल की मस्त औरत थी.
उसका गोरा रंग, भरा हुआ बदन था. साड़ी के साथ उसने लो-कट ब्लाउज पहना था, जिसमें से उसके बड़े-बड़े बूब्स दिख रहे थे.
लग रहा था, शायद वह बिहार की होगी.

अमित ने मुझे बताया- अंकल, ये आंटी हमारी सोसाइटी में रहती हैं … उसी बिल्डिंग में, जहां हम अभी गए थे. अगर आपको कोई दिक्कत न हो, तो आप इन्हें लिफ्ट दे देंगे क्या?

मैं तो वैसे भी यही चाहता था.

मैंने कहा- इसमें क्या दिक्कत, ये तो मेरे लिए खुशी की बात होगी.
मैंने एक स्माइल दी और उसे बैठने को कहा.

वह मेरे पीछे बाइक पर बैठ गई.
मैंने अमित को बाय बोला, आंख मारी और सिटी की तरफ निकल गया.

यह कच्चा रास्ता था, तो मैं बाइक धीरे-धीरे चला रहा था.
अभी हाइवे पर आए ही थे कि कॉल आया.

मैंने देखा, तो यह अमित के दोस्त के फोन से आ रहा था.

मैंने रिसीव किया, तो अमित बोला- अंकल, ये आंटी थोड़ी चालू टाइप की है, पटा सको तो पटा लेना!
मैंने ‘ओके’ कहकर कॉल काट दिया.

हम धीरे-धीरे बाइक पर जा रहे थे.
वह पहले थोड़ा गैप रखकर बैठी थी.

मैंने उसका नाम पूछा, तो उसने बताया- मेरा नाम कहकशाँ है.
उसने मेरा नाम, काम और रहने की जगह पूछी, तो मैंने सब बता दिया.

उसने पूछा- यहां कैसे आए थे?
मैंने कहा- फ्लैट देखने आया था.

मैंने उससे पूछा- तुम सिटी में कहां जा रही हो?
उसने बताया कि उसके भाई के घर पर फंक्शन है, उसकी तैयारी के लिए जा रही है और 8 दिन बाद लौटेगी.

हम दोनों ऐसे ही बातें करते रहे.

धीरे-धीरे वह मुझसे चिपक कर बैठ गई.
अब उसके बूब्स मेरी पीठ से लग रहे थे.

मैंने कहा- तुम बहुत ब्यूटीफुल हो.
उसने ‘थैंक्यू’ कहा.

फिर मैं उसके साथ फ्लर्ट करने लगा.
सिटी पहुंचते-पहुंचते हमारी अच्छी दोस्ती हो गई.

हमने एक जगह जूस और नाश्ता किया, नंबर एक्सचेंज किए और फिर अपने-अपने रास्ते चले गए.

घर पहुंच कर बैठा ही था कि अमित का कॉल आया, उसके दोस्त के फोन से.

उसने पूछा- आंटी से सैटिंग की क्या?
मैंने जो हुआ, सब बता दिया.

अमित बोला- अंकल अगर आप इस आंटी से सेक्स करो, तो मुझे भी मौका देना!
मैंने कहा- हां यार ज़रूर.

फिर अमित बोला- आज बहुत मज़ा आया. अभी भी मेरी गांड में दर्द हो रहा है और खुली-खुली लग रही है.
मैंने कहा- मेरा भी यही हाल है.

उसने कहा कि अब घर जाना है. फोन रखता हूँ बाय.
उसने कॉल काट दिया.
मैं भी कॉल कटने के बाद सो गया.

फिर दो दिन ऐसे ही गुजर गए.

तीसरे दिन अमित का कॉल आया.
उसने पूछा- वापस कब आ रहे हो?

मैंने कहा- एक दो दिन में आता हूँ.
उसने कहा- ठीक है.

थोड़ी देर सामान्य बात करके उसने कॉल काट दिया.
मैंने भी मन बना लिया कि 1-2 दिन में वापस जाऊंगा.

तभी कहकशाँ का कॉल आया.
पहले उससे सामान्य बातें हुईं.

मैंने पूछा- इतने दिन बाद याद आई?
उसने कहा- याद तो रोज़ आती है, लेकिन फंक्शन की वजह से अकेली हो ही नहीं पा रही थी. आज जब बाज़ार आई तो अकेली हुई … इसलिए तुम्हें कॉल किया.

मैंने कहा- मिलने आ जाओ?
उसने मना कर दिया. वह बोली- और भी लेडीज़ हैं साथ में!
मैंने ‘ओके’ कहा.

फिर कहकशाँ बोली- मैं 4 दिन बाद वापस घर जाऊंगी, अकेली ही होऊंगी. मेरे साथ में आना हो, तो आ जाना.
मैं तो खुश हो गया.

मैंने तुरंत हां कह दिया कि साथ में आऊंगा.

मैंने दो दिन में जाने का प्लान बदलकर कहकशाँ के साथ जाने का कर लिया.
फिर वह दिन आ गया, जिस दिन का वादा हुआ था.

कहकशाँ ने कॉल करके बता दिया था कि कब और कहां आना है.
मैं तैयार होकर वहां पहुंच गया.

थोड़ी देर में कहकशाँ भी आ गई.
उसने लाल साड़ी पहनी थी, लो-कट ब्लाउज और मेकअप किया हुआ था. एकदम पटाखा माल लग रही थी.

आते ही मैंने बाइक स्टार्ट की कहा और वह गांड उठा कर पीछे बैठ गई.
आज वह पहले से ही चिपक कर बैठ गई थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरी पीठ पर लग रहे थे. बहुत आनन्द आ रहा था.

मैंने कहकशाँ से कहा- आज तो तुम बहुत सेक्सी लग रही हो. लगता है मायके में आजू-बाजू में बहुत लोग मर गए होंगे … तुम्हारा ये कातिल जिस्म देखकर!
कहकशाँ बोली- झूठी तारीफ मत करो.

मैंने कहा- सच में यार … तुम बहुत सेक्सी माल लग रही हो. मन तो कर रहा है कि यहीं पकड़कर तुम्हें बांहों में भर लूं.

कहकशाँ बोली- कंट्रोल करो जनाब.
मैंने कहा- कंट्रोल ही तो नहीं हो रहा है. तुम खुद ही चेक कर लो.

यह कहकर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने फूले हुए लंड पर, पैंट के ऊपर रख दिया.
कहकशाँ ने हाथ नहीं हटाया और कपड़ों के ऊपर से ही लंड पकड़ कर बोली- ये तो सच में बहुत आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा है.

मैंने कहा- तो इसे शांत करोगी क्या?
वह बोली- अब ऐसे रोड पर कैसे करूँ? कहीं अकेले में करना पड़ता है ये!

मैंने उससे कहा- तुम्हारे घर पर जाकर करें तो?
उसने कहा- घर पर तो मेरी जेठानी और सास हमेशा रहती हैं. कोई ना कोई तो रहता ही है, जॉइंट फैमिली है ना!

मैंने कहा- होटल में चलें?
उसने कहा- देखते हैं.

अब हम हाइवे के पास पहुंच गए थे.
वहां एक होटल था.

मैंने बात की लेकिन होटल वाले ऐसे रूम नहीं देते. मना कर दिया.

हम दोनों निराश हो गए क्योंकि उसके आगे कोई होटल नहीं था.
फिर हमने सोचा, बाद में देखेंगे.

यह सोच कर हम दोनों आगे बढ़े.
आगे जाकर वही शॉर्टकट लिया गांव जाने का.

वह इलाका एकदम झाड़ियों वाला और खेतों वाला था.

दोपहर का टाइम था, सुनसान इलाका था.

मैंने कहकशाँ से कहा- खेत में चलें?
उसने कहा- ठीक है, लेकिन फटाफट करेंगे.

मैंने भी हां बोला.

फिर एक खेत के साइड में, झाड़ियों में बाइक पार्क की ताकि कोई देखे नहीं और हम खेत के बीच में चुपके से चले गए.

गर्मी का टाइम था तो फसल नहीं उगी थी लेकिन खेत में ऊंचा-ऊंचा सूखा घास उगा हुआ था उस वजह से काफी सुरक्षा समझ में आ रही थी.
हम दोनों ने अन्दर घुसकर एक जगह बनाई और घास बिछा दी.

मैंने कहकशाँ को बांहों में लेकर जोर से हग किया.
फिर उसके लाल-लाल लिपस्टिक वाले होंठों को चूमने लगा.

वह भी मस्ती से साथ देने लगी.
उसके होंठ बहुत रसीले थे.

अब मैंने उसके ब्लाउज़ के बटन खोले और उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके बड़े-बड़े गोरे बूब्स बाहर निकाल कर चूसने लगा.
वाह … क्या मस्त रसीले बूब्स थे.

उसके निपल्स थोड़े डार्क थे लेकिन बहुत मजा आ रहा था.

अब कहकशाँ ने कहा- आगे का काम भी फटाफट से करो. घर भी जाना है.
मैंने उसे कहा- लंड चूसोगी?

उसने कहा- आज नहीं … बाद में. आज बस चूत में पेलो और जल्दी से!
मैंने भी देर न करते हुए उसे घोड़ी बनाया.
पीछे से उसकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर करके उसकी चड्डी निकाल कर साइड में रख दी.

साली के क्या मस्त चूतड़ थे … गोरे-गोरे और उभरे हुए.
सच में मस्त माल थी कुतिया.

मैं तो उसके चूतड़ देखकर रुक सा गया.
कहकशाँ बोली- क्या हुआ? जल्दी करो.

मैं भी तैयार हो गया.
लंड बाहर निकाल कर पीछे से उसकी चूत पर रखा और सैट करके जोर का धक्का लगाया.
एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर घुस गया.

उसकी हल्की सी चीख निकल गई.

मैं पीछे से उसे घपाघप चोदने लगा.
वह भी ‘आहह … आहह …’ करके आवाज कर रही थी.

जब मैं उसे पीछे से चोद रहा था तो मेरी जाँघ उसके चूतड़ों से टकरा रही थी.
उस वजह से ठप-ठप की आवाज आ रही थी.

उसके बूब्स भी हवा में हिल रहे थे.
उसकी चूत बहुत गर्म थी.
मैं ज्यादा देर नहीं टिक सका.

माल निकलने को हुआ तो कहकशाँ ने कहा- अन्दर ही निकाल दो.
मैंने सारा माल अन्दर निकाल दिया.
फिर मैं साइड में हो गया.

पांच मिनट तक हम दोनों ऐसे ही घास पर लेटे रहे.
फिर कपड़े ठीक करके बाइक पर बैठकर गांव की ओर चल दिए.

मैंने कहकशाँ की चड्डी अपनी जेब में रख दी थी, उसे पहनने नहीं दी.

मैंने उससे कहा था कि यह उसके साथ पहली चुदाई की याद में रख ली है.
वह भी शायद मेरे साथ खुश थी तो कुछ नहीं बोली.

जब हम आगे जा रहे थे, तो कहकशाँ ने मुझसे पूछा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हां पूछो.

उसने कहा- सच-सच बताओगे, तो ही पूछती हूँ … झूठ मत बोलना?
मैंने ‘ओके’ बोला.

उसने पूछा- जब हम पहली बार मिले थे, तब तुम्हारी बॉडी से वीर्य की बहुत स्मेल आ रही थी. उस दिन तुमने क्या किया था … बोलो!
मैंने पहले तो बात टालना चाहा, फिर उसे सब सच-सच बता दिया.

मैंने ये भी कहा कि बाइक पर जब कॉल आया था, वह अमित का ही था और उसने ही कहा था कि मैं तुम्हें पटाने की कोशिश करूँ.

ये सुनकर कहकशाँ बोली- श … साला हरामी अमित. मुझे पता ही था कि वह चालू लड़का है. मेरे बूब्स को ऐसे घूरता है, जैसे खा जाएगा!
मैंने बोला- वह तो चाहता ही है तुम्हारे साथ सेक्स करना, लेकिन हिम्मत नहीं होती.

उसने कहा- आजकल ब.च्चे कब बड़े हो जाते हैं, पता ही नहीं चलता. लेकिन उसकी वजह से ही तुम्हारे साथ मेरी दोस्ती हुई है, तो उसे तुम्हारे लिए एक मौका दे दूँगी. अगर तुम चाहो तो!
मैंने सोचा कि ये तो अच्छी बात हुई साली खुद ही अमित के लंड के लिए हामी भर रही है.

मुझे चुप देख कर उसने आगे कहा कि उसके साथ सेक्स करने से हमें भी चुदाई के लिए अच्छी जगह भी मिल जाएगी.
मैंने उससे कहा- हम तीनों साथ में करें तो?

कहकशाँ ने थोड़ी देर सोचा, फिर बोली- ठीक है. अगले हफ्ते आना, तीनों मिलकर करेंगे!

फिर उसके गांव की हद आ गई तो उसे वहां उतार दिया और मैंने सोचा कि अब अमित से अगले हफ्ते ही मिलूँगा.
मैं वहां से ही वापस लौट गया.

जब अमित का कॉल आया तो मैंने उसे सब बता दिया.
वह बहुत खुश हो गया.

अगले हफ्ते प्लानिंग के हिसाब से अमित उस फ्लैट पर समय पर पहुंच गया.
मैं भी शहर से कब का खेत के पास पहुंच गया था.

फिर जो समय तय किया था, उस समय पर मैं फ्लैट में पहुंच गया.

बिल्डिंग आखिरी वाली थी, तो किसी ने देखा भी नहीं.

फ्लैट में जाकर पहले तो मैंने अमित को गले लगाया और चूमा.
फिर कहकशाँ को कॉल किया तो वह भी पांच मिनट में आ गई.

वह काली साड़ी पहन कर आई थी.
क्या बताऊं, इसमें तो कमाल की रांड लग रही थी.
साली जब भी मिलती, पहले से ज्यादा सेक्सी और खूबसूरत लगती थी.

हम तीनों अब अन्दर के रूम में गए.

अन्दर जाकर अमित बोला- आंटी, आप तो बहुत सेक्सी लग रही हो!
तो Xxx वुमन सेक्स की शुरुआत करती हई बोली- आज ये आंटी तेरे लिए ही सज कर आई है राजा.

अमित ने कहकशाँ को आगे से गले लगाया.
वे दोनों किस करने लगे.

मैंने भी पीछे से जाकर कहकशाँ को गले लगा लिया.

अब कहकशाँ दोनों तरफ से जकड़ी हुई थी.
फिर हम तीनों आपस में जुड़ गए.

मैंने कहकशाँ की साड़ी निकाल कर साइड में रख दी.
कहकशाँ अब ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
क्या मस्त लग रही थी.

मैंने अपने कपड़े उतार दिए, सिर्फ चड्डी में आ गया.

अमित ने भी ऐसा ही किया.

फिर मैंने कहकशाँ का पेटीकोट खोल दिया और अमित ने कहकशाँ का ब्लाउज निकाल दिया.

अब कहकशाँ हम दोनों के सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी.
अमित से कंट्रोल नहीं हुआ तो वह पीछे से जाकर कहकशाँ से चिपक गया और उसके पीठ पर किस करने लगा.

मैं कहकशाँ के सामने नीचे बैठकर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाटने लगा.
मैंने उसकी पैंटी को खींचकर नीचे उतार दिया.

आह … सामने से उसकी चूत दिख रही थी.

एकदम फूली हुई और बिल्कुल साफ, बाल रहित … चिकनी और गोरी.

एक शादीशुदा औरत की ऐसी चूत देखकर मैं खुश हो गया.

अमूमन शादीशुदा औरतों की चुत भोसड़ा टाइप की काली होती हैं और उन्हें चूसने में लगता है मानो खोवा की काली जलेबी चूस रहे हों.

इसी बीच अमित ने कहकशाँ की ब्रा निकाल दी.
अब कहकशाँ बिल्कुल नंगी थी.

हमने उसे बिस्तर पर सीधा लिटाया और दोनों कहकशाँ के आजू-बाजू आ गए.
हम दोनों कहकशाँ के बूब्स पर टूट पड़े.
अमित एक बूब को चूस रहा था और दूसरा मैं.

क्या मस्त बूब्स थे.
आज बिना कपड़ों के सही से पता चल रहा था कि कहकशाँ का फिगर क्या कयामत का है.

कहकशाँ बस आहें भर रही थी.

फिर अमित कहकशाँ की चूत पर चला गया और उसकी चूत में जीभ डालकर चूसने लगा.

मैं कहकशाँ के दोनों बूब्स पर टूट पड़ा, बारी-बारी से उसके दोनों मम्मों को चूस रहा था.

कहकशाँ बोली- तुम दोनों अब अपना लंड निकालो.
हम दोनों ने अपनी चड्डी निकाल दी और पास-पास सीधे लेट गए.

कहकशाँ अब हमारे ऊपर आई और बारी-बारी से दोनों के लंड चूसने लगी.
उससे लंड चुसवा कर बहुत मजा आ रहा था.

अब हम सभी ने सोचा कि ज्यादा देर नहीं करना चाहिए सीधे टारगेट पर चलना चाहिए.
हम दोनों से ज्यादा कहकशाँ को चुदवाने की पड़ी थी.

मैं चित लेट गया.
कहकशाँ मेरे ऊपर चढ़ गई.
उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सैट किया और घचाक से बैठ गई.

एक ही झटके में लंड अन्दर घुस गया.
कहकशाँ उछल-उछल कर लंड लेने लगी.

जब वह ऐसा कर रही थी, उसके बड़े बूब्स ऐसे उछल रहे थे जैसे फुटबॉल टप्पा खाकर उछलती है.

इसी बीच कहकशाँ ने अमित को कहा- पीछे से तुम भी आ जाओ. लेकिन पहले थोड़ा तेल लगा देना.
उसने अपने लंड पर तेल लगाया और कहकशाँ की गांड पर भी.

फिर कहकशाँ मेरे ऊपर पूरा झुक गई, तो पीछे से अमित के लिए उसकी गांड का रास्ता साफ हो गया.
अमित ने भी अपना लंड उसकी गांड पर सैट करके धीरे-धीरे अन्दर डाला.

कहकशाँ की हल्की चीख निकली.

फिर अमित पीछे से कहकशाँ की गांड में और मैं नीचे से कहकशाँ की चूत में लंड डालकर पेलने लगे.

कहकशाँ बिल्कुल होश में नहीं थी.
उसे तो चुदाई का जोश चढ़ा था.
वह बस ‘आहह … ऊहह … आहह …’ ऐसी आवाजें निकल रही थीं.

थोड़ी देर बाद हम सबने पोजीशन चेंज की.

मैं कहकशाँ की गांड में लग गया और अमित उसकी चूत पेल रहा था.

कमरे में चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं.
काफी देर चुदाई के बाद दोनों लगभग एक साथ झड़ गए.

हम दोनों ने कहकशाँ के दोनों छेदों को वीर्य से भर दिया.

फिर थोड़ी देर हम तीनों बिस्तर पर लेटे रहे.

कहकशाँ बोली- थैंक्यू … तुम दोनों के साथ आज सेक्स करके बहुत मजा आया.

अमित ने कहा- थैंक्यू आपको आंटी! आपकी वजह से आज पहली बार मैंने चूत देखी और चोदी भी.
कहकशाँ ने बताया कि शादी के बाद हम दोनों ही हैं, जिनके साथ उसने सेक्स किया है.

वह झूठ बोल रही थी लेकिन हमें इससे क्या फर्क पड़ने वाला था.

हालांकि उसने यह भी बताया कि शादी से पहले उसने 5 लोगों के साथ सेक्स किया था.
हम दोनों उसे चोद कर खुश हो गए.

मैंने कहा- तो अब आगे भी करते रहेंगे.
कहकशाँ बोली- हां मेरी जान क्यों नहीं, अब तो आप दोनों भी मेरे जिस्म के मालिक हो.

तभी कहकशाँ का फोन बजा.
उसके शौहर का कॉल था.

उसके शौहर ने बताया कि वह और बाकी सब लोग रात को आएँगे.
कहकशाँ ने फोन काट कर मुझे बताया कि आज उनके घर वाले सब शहर गए हैं.

मैंने कहा- तब तो अभी जल्दी नहीं है न!
वह हंस दी.

अब तो हमारे पास रात तक का टाइम था.

हम तीनों बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर वापस बेड पर आए.
मैंने कहकशाँ को बिस्तर पर लिटाया और उसके बदन को देखने लगा.

सच में कमाल लग रही थी.

बिना कपड़ों के गोरा बदन, बड़े बूब्स, फूली हुई चूत और मस्त गोरे चिकने चूतड़ चुदाई के लिए वह परफेक्ट पैकेज थी.

मैंने कहकशाँ के पूरे बदन को चूमना शुरू किया.
अमित भी साथ में चूमने लगा.

हमने कहकशाँ को खड़ी कर दिया.
हम दोनों आगे-पीछे से कहकशाँ को चूमने लगे.

कहकशाँ मदहोश होने लगी.

कुछ देर बाद मैंने कहकशाँ को बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आकर उसकी चूत में लंड सैट किया.
फिर मैंने एक ही झटके में अन्दर घुसा दिया.
कहकशाँ की ‘आह’ निकल गई.

मैं कहकशाँ से चिपक कर उसे झमाझम चोदने लगा.
कहकशाँ के बूब्स मेरी छाती पर जब लग रहे थे तो उसकी चुदाई में मुझे और भी ज्यादा आनन्द आ रहा था.

तभी अमित बोला- अंकल यार पहले जैसे करो ना, मुझे भी साथ में करना है!

कहकशाँ बोली- तू अंकल के पीछे ही डाल दे न भोसड़ी के!
कहकशाँ ने गाली दी तो सच में मुझे मजा आ गया.

अमित ने भी ऐसा ही किया.
वह तेल लगा कर मेरी गांड में लौड़ा लगाने लगा.

मैं इसके लिए तैयार था.

अमित ने अपना लंड मेरी गांड पर सैट करके अन्दर डालना शुरू किया.
जैसे-जैसे उसका लंड मेरी गांड में घुस रहा था, मुझे लग रहा था जैसे कोई गांड चीर रहा हो.

जैसे ही उसका पूरा लंड अन्दर घुस गया तो मेरी चीख निकल गई.

अब पीछे से अमित मुझे पेल रहा था और मैं कहकशाँ को पेल रहा था.
हम तीनों लगातार ऐसे चुदाई कर रहे थे.

बेड के बाजू में लगे शीशे में देखा तो एक अलग ही आनन्द आ गया.
मैं कहकशाँ पर चढ़ा हुआ था और अमित मुझ पर.

आज मुझे एक साथ डबल आनन्द मिल रहा था.
लंड पेलने का और लंड लेने का भी.

हम तीनों मस्ती में चुदाई कर रहे थे.
अमित, कहकशाँ और मैं तीनों ‘आहह … ऊहह … औच… आहह …’ की आवाजों के साथ चुदाई का आनन्द ले रहे थे.

काफी देर तक चुदाई के बाद मैं कहकशाँ की चूत में झड़ गया और झड़ कर वैसे ही रुक गया.

जब अमित ने बिना झड़े अपना लंड बाहर निकाला तो मुझे अहसास हुआ जैसे मेरी गांड का छेद और बड़ा हो गया हो.

मैं साइड में लेट गया तो अमित कहकशाँ के ऊपर चढ़कर उसकी चूत पेलने लगा.

मेरा वीर्य उसकी चुत के अन्दर था तो ‘पीचुक-पीचुक’ की आवाज आने लगी.
अमित भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और कहकशाँ की चूत में झड़ गया.

फिर वह भी साइड में लेट गया.

कहकशाँ बोली- आज तो तुम दोनों ने मुझे पूरी तरह तृप्त कर दिया है.

हम तीनों ने एक दूसरे को प्यार किया और कपड़े पहनने लगे.

कहकशाँ अपने घर चली गई और मैं अपने घर आ गया.

दोस्तो, आपको मेरी यह थ्रीसम Xxx वुमन सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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