पड़ोसन भाभी संग सेक्स की कहानी

(Desi Bhabhi Porn Story)

रोहण007 2025-12-17 Comments

देसी भाभी पोर्न स्टोरी में मेरे पड़ोस की भाभी को मैंने एक दिन चूत में मूली डालते देखा. भाभी ने मुझे देख लिया. उसके बाद भाभी ने मुझसे अपनी चूत चुदवाई.

नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रोहन सक्सेना है और मैं अभी कोचीन में रहता हूं और मेरी उम्र 26 साल है.

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है तो मुझे आप सभी लोगों का प्यार चाहिए ताकि मैं अपनी और भी रोचक और सेक्सी कहानियां आप तक भेज सकूं.

इस देसी भाभी पोर्न स्टोरी में मैं आपको अपने पहले सेक्स का मसला बता रहा हूं.

ये बात तब की है जब मैं स्कूल में पढ़ रहा था.
मैं मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर में बने फ्लैट में रहता था.

उसी फ्लोर पर एक नया परिवार शिफ्ट हुआ था, उस परिवार में पति पत्नी थे.
उन दोनों की उम्र लगभग 35 (पति) और 30 (पत्नी) की थी.

अब मैं आपको भाभी के बारे में बताता हूं उन्हें देख कर लगता था मानो वे कोई परी हों.

गजब की सुंदर थीं वे, उनका 34-32-36 का साइज था और देखने में भाभी बहुत हॉट थीं.
उनके पति को देख कर लगता था, जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर लग गया हो.

उस समय मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था.
यहां तक कि मैं कभी हस्तमैथुन भी सही से नहीं कर पाया था.

मैं ये भी नहीं जानता था कि सेक्स कैसे करते हैं और वह होता क्या है.

भाभी अब हम लोगों के घर पर आने जाने लगी थीं और मुझसे भी बात करने लगी थीं.

वे मुझसे हमेशा पूछती रहती थीं- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है?
मैं उनसे शर्मा कर भाग जाता था.

एक दिन दूसरे में मैं जब उनके घर में गया था तो देखा कि उनका घर खुला हुआ है.
मैं अन्दर घुस गया.
जैसे ही मैं उनके कमरे के पास पहुंचा, तो जो मैंने देखा बस देखता ही रह गया.

ऐसा मैंने पहली बार अपनी जिंदगी में देखा था.
भाभी पूरी तरह से नंगी थीं और उनके हाथ में मूली थी जिसे वह अपनी चूत में बार-बार डाल रही थीं और निकाल रही थीं.

उस दरमियान उनके मुँह से आह आह की आवाज निकल रही थी.

उन्हें ऐसा करते देख कर मेरा लंड एक झटके में ही खड़ा हो गया था.
आज शायद जीवन में पहली बार मेरे लौड़े में इतनी सख्ती आई थी.

मैं कुछ देर तक भाभी को वैसे ही करते हुए देखता रहा.

उन्हें अपनी चुत रगड़ते देख कर ही उस वक्त पहली बार मेरा पानी निकल गया था.

अपने लौड़े से चिपचिपा सा माल देख कर मैं एक बार को तो डर गया था कि साला यह क्या निकल आया है!

इसी हड़बड़ी में मेरे हाथ से बगल में रखा एक मेटल का सामान गिर गया, जिसकी आवाज सुनकर भाभी एकदम से पलटीं, मगर मैं उधर से हटने लगा था.
पर उनको पता चल गया था कि मैं उनको मुठ मारते हुए देख रहा था.

मैं वहां से सीधा भागा और अपने बाथरूम में चला आया.
वहां आकर मैंने सांस नियंत्रित की और अपना अंडरवियर निकाल कर लौड़े को धोने लगा ताकि किसी को पता न लगे कि कुछ हुआ है.

उस दिन के बाद से मैं भाभी के सामने जाने से डरता था.
मैं उनको छुप छुप कर देखता था.

मुझे ये भी डर लगता रहता था कि मेरे लंड से वह सफेद सी चीज क्या निकली थी, कहीं कोई बीमारी तो नहीं हो गई है.

यह एक ऐसी बात थी कि मैं किसी से पूछ भी नहीं सकता था.

उस समय ना ही इंटरनेट था और ना ही पोर्न आदि की व्यवस्था थी.

एक दिन मैं अपने घर पर अकेला था.
मेरी मम्मी कहीं बाहर गई हुई थीं.

तभी मेरे घर के दरवाजे पर किसी ने घंटी बजाई.
मैंने जब दरवाजा खोला तो देखा भाभी थीं.

मैं दरवाजे से दूर को हो गया.

मैंने सर झुका कर कहा- भाभी, मम्मी तो घर पर नहीं हैं!
भाभी- मुझे तुमसे कुछ बात करनी है. क्या मैं अन्दर आ जाऊं?
मैं- हां भाभी आ जाओ!

भाभी- मुझे ये पूछना है कि तुमने उस दिन क्या देखा था?
मैं डर गया और हकला कर बोला- क…किस दिन भाभी?

भाभी- देखो सच सच बताओ, तुमने उस दिन मुझे क्या करते हुए देखा था?
मैं- कुछ नहीं भाभी!

भाभी- मुझे पता तुमने मुझे उस दिन देखा था. सच सच बताओ वरना मैं तुम्हारी मम्मी को बता दूंगी कि तुम मुझे छुप छुप कर देख रहे थे.

अब मैंने बता देना ही सही समझा और भाभी को बताया- उस दिन मैंने देखा था कि आप नंगी लेटी हुई थीं और आपके हाथ में मूली थी.

भाभी- हम्म … और क्या देखा?
मैं- और आप उस मूली को अपनी सुसु करने वाली जगह पर अन्दर बाहर कर रही थीं.

ये सुन कर भाभी मेरे ऊपर हंसने लगीं.

उन्होंने कहा- मुझको लगा था कि तुझे सेक्स के बारे में पता है लेकिन तू तो एकदम जीरो बटा सन्नाटा है. तुझे तो चुदाई के बारे में कुछ भी पता नहीं है!

उनके मुँह से सेक्स और चुदाई जैसे शब्द सुनकर मुझे सनसनी होने लगी लेकिन मैं चुप रहा.

भाभी- उसको सुसू करने वाली जगह के अलावा चूत भी बोलते हैं और शुद्ध हिंदी में बताऊं कि मर्द उसी को अपने लंड से चोदते हैं.

मैं हालांकि भाभी के मुँह से लंड चुत चुदाई जैसे शब्द सुनकर अन्दर ही अन्दर खौल उठा था.
लेकिन तब भी मैं चुप था.

वे बोलीं- कुछ तो बोल … कुछ समझ आया या नहीं?
मैं- भाभी इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता प्लीज … आप बस मम्मी को कुछ बताना प्लीज!

यहां मैं बताना चाहता हूं कि भाभी को उनके पति संतुष्ट नहीं कर पाते थे और भाभी की सेक्स लाइफ बिल्कुल बोरिंग हो गई थी, जिसकी वजह से वह अपनी चूत में कभी-कभी तो कभी गाजर डाल कर सेक्स का मजा लेती थी.

जब उनको पता चला कि मुझे इन सब बातों की जानकारी नहीं है तो वे मेरे साथ मजे करने की सोचने लगीं.

भाभी- एक बात है, मैं जो बोलूंगी आज से वह तुमको करना पड़ेगा … वह भी बिना कुछ कहे … अगर तुम ऐसा करते हो तभी मैं तुम्हारी मम्मी को नहीं बताऊंगी.
मैं- मुझे मंजूर है आप जो बोलूंगी, मैं करूंगा.

भाभी- अच्छा तो चलो अपने सारे कपड़े निकालो.
मैं- लेकिन?

भाभी- देखो मैंने बोला है बिना ना काहे कहना मानना है तुमको!
मैं- ठीक है.

मैं धीरे-धीरे अपना कपड़े निकालने लगा और भाभी मुझे ऐसा करती देख रही थीं
वे मेरे जवान जिस्म को बड़ी गर्मजोशी से देख रही थीं.

अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था.
भाभी- इसको भी निकालो!

मैंने अंडरवियर भी निकाल दी और अब मैं पूरा नंगा खड़ा था.
मेरे लंड का साइज़ 6 इंच था और वह खड़ा हो गया था.

भाभी- हे भगवान तुम्हारा इतना बड़ा लंड है … इतना तो मेरे पति का भी नहीं है!

भाभी धीरे से मेरे पास आईं और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं.

कुछ ही समय में मेरे लंड से पानी निकल गया, जिसे भाभी ने अपने हाथ में ले लिया.

देसी भाभी पोर्न- अरे तुम तो बहुत जल्दी झड़ गए, चलो अब इसको पी जाओ!

ऐसा बोल कर भाभी ने अपना हाथ मेरे पास लाया और मेरे मुँह में डालने लगी.

मैं- भाभी, ये क्या है जो मेरे लंड से निकला है … मैं इसको नहीं पी सकता!
भाभी- बेटा ये प्रोटीन है जो बहुत कीमती है … इसको पी जाओ.

ऐसा बोल कर भाभी ने मुझे मेरा ही पानी पिला दिया.

जैसा ही मैंने वह पिया वह एकदम नमकीन और कसैला स्वाद का था.
उसे पीने से मुझे उल्टी सी आने लगी लेकिन भाभी ने मेरा मुँह बंद कर दिया था, जिसने मुझे वह पूरा पीना पड़ा.

उसके बाद भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर साफ़ किया.
फिर वे बोलीं कि मैं जब भी तुमको बुलाऊंगी, तुमको आना पड़ेगा.
ये बोल कर वे वहां से चली गईं.

मेरी तो गांड ही मोटी हो गई थी और कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है!

उस दिन मैं करीब एक घंटा तक तो सन्न की स्थिति में पड़ा रहा.
फिर मैं नहाने के लिए बाथरूम में आ गया.

उधर फव्वारे के नीचे खड़े होकर मैंने नहाना शुरू किया तो मेरी आंखें बंद हो गईं और मैं एक एक सीन को अपनी बंद आंखों में दुबारा से प्ले करता गया.

मुझे सबसे ज्यादा दो दृश्य सनसनी दे रहे थे.
एक जब मैंने अपना वीर्य खुद ही अपने मुँह में लिया था और भाभी ने मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद कर दिया था.

उस वक्त मुझे भाभी का गर्म हाथ बेहद मजा दे रहा था.

और दूसरा दृश्य जब भाभी ने मेरे झड़े हुए लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसा था.
उस वक्त भाभी का आंचल गिर गया था और मुझे उनके गहरे गले वाले ब्लाउज में से गुंदाज दूध दिख रहे थे.

उनके दूध याद आते ही मेरा लंड वापस तुनकी मारने लगा था. मैं समझ गया था कि लौड़े को चुत की अहमियत समझ में आ गई.

अब मैं भाभी से खुल गया था और वे भी मुझे लिफ्ट देने लगी थीं.
अब वे जब तब मुझे मेरी मम्मी से मांग ले जाती थीं कि आज मुझे बाजार से कुछ मँगवाना है या आज मुझे इससे कुछ सामान निकलवाना है.

मम्मी को हां करने में एक पल भी नहीं लगता था.
फिर एक दिन मम्मी और भाभी बात कर रही थीं तो मेरी पढ़ाई को लेकर चर्चा चलने लगी.
भाभी ने मेरी मां को अपनी बातों में फंसाया और मुझे पढ़ाई में मदद करने की बात कह कर भाभी ने मुझे एक घंटा रोजाना देने की बात पक्की कर ली.

मुझे भी समझ आ गया था कि अब भाभी मेरे साथ संभोग करके मजा लेंगी और मुझे भी देंगी.

मैं पहले दिन भाभी के पास गया तो उन्होंने एक बजे का समय फिक्स कर दिया.
मैं स्कूल से बारह बजे आ जाता था और खाना आदि खाकर किताबें लेकर भाभी के पास जाना पक्का हो गया था.

पहले दिन मैं भाभी के पास गया तो भाभी ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया.

मैं भी चुपचाप उनके पास जाकर बैठ गया. मैंने अपनी तरफ से कोई पहल नहीं की.
मेरी गांड अभी भी फट रही थी कि भाभी न जाने क्या और कैसे शुरू करने वाली थीं.
हालांकि यह पक्का था कि वे मेरे लंड के साथ खेलने वाली थीं.

उन्होंने मुझे देख कर कहा- पहले क्या सीखना है?
मैंने कहा- जो आप चाहें!

भाभी ने कहा- अनाड़ी और खिलाड़ी का मतलब समझते हो?
मैंने कहा- हां.

भाभी बोलीं- तो पहले तुमको खिलाड़ी बनना होगा, तब मैच होगा … समझ गए न!
मैं कुछ नहीं समझा था कि इसका क्या मतलब हुआ … कौन सा मैच होना है!

भाभी ने कहा- तुम बैठो मैं अभी आई.

वे अन्दर गईं और जब वे बाहर आईं तो मैं हतप्रभ था. भाभी एक झीनी सी फ्राक पहन कर आई थीं, जो उनकी गांड तक भी बड़ी मुश्किल से आ रही थी.

अन्दर उन्होंने लाल रंग की रेशमी ब्रा पैंटी पहनी थी जो इतनी छोटी थीं कि उनके दूध और चुत बड़ी मुश्किल से ढक पा रहे थे.

भाभी ने अंगड़ाई ली और मेरे कड़क होते लौड़े को देख कर हंस दीं.
मैं उन्हें देख कर बस एकदम सन्न जैसी अवस्था में था.

वे मेरे पास आईं और इठलाती हुई मेरे सोफ़े पर मेरी टांगों के दोनों तरफ अपने पैर घुटनों से मोड़ती हुई बैठ गईं.
इस तरह से बैठने से उनके दूध मेरे मुँह के आगे थे और उनका मादक खुशबू दार बदन मुझे मदहोश कर रहा था.

तभी भाभी ने अपने दूध मेरे चेहरे पर दबा दिए और वे अपने दोनों मम्मों से मेरे चेहरे को रगड़ने लगीं.
मुझे भाभी के मुलायम मम्मों की नर्मी का अहसास होने लगा जिससे मेरे लौड़े में तनाव आने लगा.

वे अचानक से मेरे ऊपर लद सी गईं और मुझसे कहने लगीं- दूध चूसना नहीं जानते हो क्या?

मैं उनके एक दूध को अपने होंठों से चूमने लगा.
तो भाभी ने अपने उस दूध को अपनी फ्राक से निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया.
मैं उनके चूचे को चूसने लगा.

भाभी मदभरी आहें निकालने लगीं ‘आह चूस लो मेरे राजा आह बड़ा अच्छा लग रहा है!’
बस यही सब होता चल गया और कब हम दोनों नंगे हो गए मुझे इसका अहसास ही नहीं हुआ.

भाभी मेरे लौड़े के जल्दी झड़ जाने वाले वाकिये से वाकिफ़ थीं तो वे सोफ़े के नीचे फर्श पर बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगीं और मेरे टट्टों को सहलाने लगीं.

जल्द ही लंड ने पानी छोड़ दिया और भाभी ने लंड से निकले वीर्य को अपने मुँह में भर लिया.

मैंने देखा कि उन्होंने मेरे रस को गटका नहीं था, वे उसे अपने मुँह में भरी हुई थीं.

फिर भाभी ने आंखों के इशारे से लंड के रस को पीने के लिए मुझसे पूछा, तो मैंने हामी भर दी.
भाभी ने अपना मुँह मेरे मुँह से लगा दिया और मैंने उनके मुँह में भरा अपने लौड़े के रस को अपने मुँह में ले लिया.

वे मुँह हटा कर बोलीं- अभी पीना नहीं.
यह कह कर भाभी ने वापस मुँह से मुँह जोड़ दिया.
अब हम दोनों लंड रस को बार बार एक दूसरे के मुँह में लेने और देने लगे.

इसी दरमियान भाभी मेरे हाथ से अपने दूध भी मसलवा रही थीं.

इस खेल में मुझे बेहद सनसनी हो रही थी तो मेरा लंड पुनः तनाव में आ गया और यह भाभी ने देख लिया.
अब वे बोलीं- चलो अब चुदाई का मजा लेते हैं.

वे जमीन पर चित लेट गईं और मुझे अपने ऊपर आने के लिए बोलीं.
मैंने ब्लू-फिल्मों में चुदाई देखी थी तो मैं उनके ऊपर चढ़ गया.

भाभी ने अपने हाथ से लंड को पकड़ा और उसके सुपारे को बाहर निकाल कर चुत की दरार पर रगड़ना शुरू कर दिया.

मुझे बेहद सुख मिल रहा था और बस यह लग रहा था कि कब भाभी की चुत में लंड पेल दूं.

भाभी ने अपनी चुत के दाने को लंड की नोक से रगड़ा और बोलीं- अब पेलो देवर जी!
मैंने जोर लगा दिया तो मेरा लंड भाभी की चुत को फाड़ते हुए अन्दर घुसता चला गया.

चूंकि मेरा लंड मोटा और लंबा था तो भाभी की दर्द भरी आह निकल गई.
मेरे लौड़े का भी शायद तागा टूट गया था, तो मुझे भी दर्द हुआ.

कुछ देर के दर्द के बाद हम दोनों चुदाई में लग गए.

दस मिनट तक भाभी की चुत चुदाई के बाद मैंने उनकी चुत में ही अपना शीरा टपका दिया और उनके ऊपर ही ढह गया.
भाभी भी संतुष्ट हो गई थीं तो वे मेरी गर्दन को चूमती हुई मेरी पीठ सहलाने लगीं.

उस दिन भाभी ने मुझसे दो बार अपनी चुत चुदवाई और मेरे घायल लौड़े पर बोरोलीन लगा कर मुझे घर भेज दिया.

अगले चार दिन तक लंड से सुसू करने में मुझे जलन हुई.

मैं भाभी के पास रोज जाता रहा और भाभी अपने मुँह में बीटाडीन का लिक्विड भर कर मेरे लौड़े को चूसतीं.
उससे मेरे लंड का घाव जल्दी भर गया और भाभी के लिए उनका लंड पुनः रेडी हो गया.

इसके बाद भाभी ने मुझे सेक्स का पूरा ज्ञान दिया और मुझे चुत गांड चुदवाने के तरह तरह के आसनों को सिखाया.

उम्मीद करते हुए कि आपको ये देसी भाभी पोर्न स्टोरी अच्छी लगी होगी.
आप मुझे ढेर सारा प्यार भी देंगे ताकि मैं अगली कहानी जल्दी से लेकर आऊं.
[email protected]

What did you think of this story

Comments

Scroll To Top