बचपन का प्यार पड़ोसन कुंवारी लड़की की चुदाई

(Full Sex With Padosan)

मनोज सेन 2025-08-09 Comments

फुल सेक्स विद पड़ोसन का मजा मुझे मेरे पड़ोस में रहने वाली कुंवारी लड़की ने दिया. हम दोनों में पुरानी दोस्ती थी. एक दिन मैं उसके कमरे में गया तो वह चूत में उंगली कर रही थी.

दोस्तो, मेरा नाम मनोज है और मैं राजस्थान के गंगानगर जिले का रहने वाला हूँ.

मैं अपने बारे में बता देता हूँ.
सभी मुझे मनु कहते हैं.
मैं एक सामान्य परिवार से हूँ, मेरी उम्र 25 साल है और मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है.

मैं अन्तर्वासना का पिछले 7 सालों से नियमित पाठक हूँ.

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी.

यह फुल सेक्स विद पड़ोसन कहानी मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली पूजा की है.
पूजा 23 साल की है, उसकी हाइट सवा पाँच फीट है और उसका साइज 34-30-36 का है.

हमारे परिवारों की आपस में अच्छी बनती है.
मैं रोज़ उनके घर जाता हूँ.

पूजा के घर में पूजा, उसकी छोटी बहन अंकिता और छोटा भाई अर्जुन हैं.

मैं स्कूल टाइम से ही उनके घर आता-जाता रहता था.
उस दौरान मुझे पता चला कि पूजा मुझे पसंद करती थी और मैं भी उसे पसंद करता था.

पर हम दोनों में से किसी ने कभी कुछ कहा नहीं, इसलिए कोई बात नहीं बन सकी.

यह बात 2018 की है, जब मेरे B.A. फाइनल के पेपर हो चुके थे और मैं गांव आया हुआ था.
इधर पूजा के भी B.A. फर्स्ट ईयर के पेपर हुए थे.

गर्मियों के दिन थे, तो उसका छोटा भाई अपनी मम्मी के साथ अपने नाना के पास चला गया.

घर में सिर्फ पूजा, अंकिता, उनके पापा और दादा-दादी रह गए.

उसके पापा की दुकान थी, तो वे ज़्यादातर बाहर ही रहते थे.

एक दिन मैं घूमते हुए उनके घर चला गया.
मैंने आवाज़ दी.
पर सब सो रहे थे.
गर्मी के कारण कूलर की आवाज़ से उन्हें कुछ सुनाई नहीं दिया.

इसलिए मैं सीधे घर के अन्दर चला गया.

मैंने देखा तो अंकिता पढ़ रही थी, लेकिन पूजा नहीं दिखी.
मैंने अंकिता से पूछा- पूजा कहां है?
तो उसने कहा- दीदी तो छत वाले रूम में है.

मैं पूजा के पास चला गया.

ऊपर जाकर मैंने पूजा को आवाज़ दी.
पर उसने जवाब नहीं दिया.

मैंने सोचा शायद कूलर चालू करके सो गई होगी.

मैं वापस सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा.
तभी मेरे दिमाग में आया कि एक बार उसे देख तो लूं.

मैं दबे पांव धीरे-धीरे उसके रूम की ओर बढ़ा.
मैंने उसके रूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोलकर देखा तो पहले कुछ समझ नहीं आया.

पर जब समझ आया, तो मेरी धड़कन बढ़ गई और मेरा शरीर पसीने से भीग गया.

मैंने देखा कि जिस पूजा को मैं सीधी-सादी समझता था, वह कान में इयरफोन डाले सेक्स वीडियो देख रही थी और एक हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

मैं कुछ देर ऐसे ही उसे देखता रहा.
जब वह झड़ने वाली थी तो जोर-जोर से उंगली करने लगी.

इसी दौरान मेरा हाथ फिसल गया और दरवाज़ा एक साइड से पूरा खुल गया.
मैं गिरते-गिरते बचा.

अचानक इतना होने से पूजा का ध्यान दरवाज़े की ओर गया और उसने मुझे देख लिया और मैंने उसे!

मुझे देखते ही पूजा का चेहरा सफेद पड़ गया.
उसने जल्दी से फोन दूर रखा और अपनी पैंटी और सलवार ऊपर करने लगी.

मैं तब तक संभला और पकड़े जाने पर रूम के अन्दर चला गया.

मैं उसके पास बैठ गया.

अब मैं और पूजा एक-दूसरे को देख रहे थे पर कुछ बोल नहीं रहे थे.

कुछ देर बाद मैंने उसकी झिझक मिटाने के लिए नॉर्मल बात शुरू की, जिससे पूजा थोड़ा सामान्य हुई.
पर अभी भी शर्मा रही थी.

थोड़ी देर बाद उसने कहा- सॉरी … तुमने जो भी आज देखा, वह किसी को मत बताना प्लीज़!
मैंने इसे मौका समझते हुए कहा- सॉरी की कोई बात नहीं. आजकल सब ये करते हैं, मैं भी करता हूँ.

मेरे ऐसा बोलने पर उसने मेरी ओर देखा, फिर थोड़ा मुस्कुराई और सामान्य हो गई.

उस घटना के बाद हम दोनों पूरी तरह से एक-दूसरे से खुल गए और अपने सारे सीक्रेट शेयर किए.
इसी दौरान हमने एक-दूसरे से प्यार का इज़हार किया और रोज़ मिलने लगे.

हम रोज़ रात को 12 बजे तक सेक्स चैट करते और एक दूसरे का पानी निकलने तक पूरा मज़ा लेते.
ऐसा करते हुए कई दिन बीत गए.

एक दिन हमने रियल में सेक्स करने का प्लान बनाया.

मैंने अपनी झांटें साफ कीं और उसने भी.
अब हम सिर्फ एक सेफ मौके की तलाश में थे.

शायद ऊपर वाले ने हमारी सुन ली.
उस दिन जब पूजा के पापा पूजा की मम्मी को लाने जा रहे थे, तो बीच में अंकिता ने भी जिद करके साथ जाने की ठान ली.

अब उनके घर पर सिर्फ पूजा और उसके दादा-दादी थे.
वे लोग दो दिन बाद आने वाले थे, इसलिए हमें पूरा मौका मिल गया.

उस दिन पूजा के पापा और बहन गांव चले गए.
दादाजी दुकान पर थे और घर में सिर्फ पूजा और उसकी दादी थीं.

दोपहर 12 बजे थे.
मैं उनके घर चला गया.

मैं सीधे अन्दर गया, तो देखा कि उसकी दादी सो रही थीं.

उन्हें सांस की समस्या थी इसलिए उन्होंने दवाइयां ले रखी थीं.
वे ज़्यादा काम नहीं कर सकती थीं और सीढ़ियां भी नहीं चढ़ती थीं.
इसलिए हमें आज एक परफेक्ट मौका मिला था.

मैं सीधे छत पर बने पूजा के रूम में चला गया.

जैसे ही उसने मुझे देखा, भागकर मुझे टाइट से हग कर लिया और जोर-जोर से किस करने लगी.

फिर खुद को अलग करते हुए दबे पांव सीढ़ियों का दरवाज़ा बंद करके आई और आकर मुझसे लिपट गई.

अब हम बात नहीं कर रहे थे, सीधे एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे.

धीरे-धीरे हम दोनों एक-दूसरे के कपड़े उतारने लगे.

मैंने देखा कि पूजा का एकदम सफेद बदन बड़ा खूबसूरत लग रहा था.
उसके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया.

मैं उसके दोनों बूब्स को जोर-जोर से मसलने लगा और चूसने लगा.

उसने भी एक हाथ मेरी चड्डी में डाला और मेरे लंड को पकड़ लिया.
क्या बताऊं दोस्तो … जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड पर लगा, तो ऐसा लगा जैसे मैं हवा में तैर रहा हूँ.

वह धीरे-धीरे मेरे लंड को हिलाने लगी.
मैं भी उसकी सलवार और पैंटी उतार कर उसकी चूत में उंगली करने लगा.

अब उसने मुझे सोफे पर धक्का देकर गिरा दिया और वह खुद ज़मीन पर बैठ गई.
उसने मेरी चड्डी को एक झटके में उतार दिया और खुद भी पूरी नंगी हो गई.

वह मेरे लंड को आंखें फाड़कर देखने लगी.
मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.

मैंने पहली बार किसी लड़की की चूत देखी थी.

क्या मस्त चूत थी उसकी … गुलाबी और एकदम भीगी हुई.

मैं उसकी चूत देख ही रहा था कि अचानक उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर उसका टोपा निकाल लिया और उसे पूरा मुँह में भरकर चूसने लगी.

कसम से, मेरी तो आंखें ही बंद हो गईं. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं उसके बूब्स दबा रहा था.

कुछ देर लंड चूसने के बाद वह खड़ी हो गई और बेड पर टांगें चौड़ी करके लेट गई.

मैंने उसकी चूत को देखा तो खुद को रोक न सका और सीधा उसकी चूत चूसने लगा.

दोस्तो, मैंने अब तक लगभग 8 लड़कियों की चूत चूसी है … परंतु पूजा की चूत का स्वाद और महक आज भी मेरी फेवरेट है.

मैं 15 मिनट तक उसकी चूत चूसता रहा और बीच-बीच में उसके बूब्स दबाता रहा.

अब पूजा ने मेरा लंड पकड़ लिया और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.

उसने लंड को अपनी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं समझ गया कि अब चुदाई की जा सकती है.

मैंने अपने लंड पर कंडोम चढ़ाने की कोशिश की, तो पूजा ने रोक दिया और बोली- मैं पहली बार बिना कंडोम के करना चाहती हूँ और तेरा पानी अपनी चूत में लेना चाहती हूँ.

मैंने पास में ही ड्रेसिंग टेबल पर रखा तेल उठाया और लंड को जड़ तक भिगो दिया.

फिर अपने हाथ में तेल लेकर पूजा की चूत भी चिकनी कर दी.
साथ ही दो उंगलियों को उसकी चूत में जड़ तक डालकर तेल भर दिया.

अब मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और उसकी टांगें पूरी चौड़ी कर लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा.

मैंने एक धक्का दिया, तो मेरा टोपा उसकी चूत में चला गया.

मैंने देखा, पूजा का चेहरा एकदम लाल हो गया.
अब मैंने एक और धक्का दिया तो आधा लंड उसकी चूत में चला गया.

अब वह दर्द सहन न कर सकी और चिल्लाने लगी.
उसकी आंखों में आंसू बहने लगे.

मैंने उसे चुप कराया और नीचे देखा, तो उसकी चूत से खू.न आ रहा था.

मैंने थोड़ी देर उसके बूब्स चूसकर उसे शांत किया और फिर से एक अंतिम धक्का मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक घुस गया.

वह जोर-जोर से रोने लगी.
अच्छा हुआ कि किसी ने सुना नहीं, क्योंकि पूजा के रूम में कूलर चल रहा था.

नीचे दादी के पास भी कूलर चल रहा था.

अब मैं पूजा को चोदने की स्पीड बढ़ा रहा था.
अब पूजा को भी मज़ा आने लगा और वह भी साथ देने लगी.

मैंने उसे अब घोड़ी बनने को कहा और पीछे से लंड डालकर चोदने लगा.

कुछ बीस मिनट चोदने के बाद पूजा ने मुझे कसकर पकड़ लिया और चीखती हुई वह झड़ गई.
मेरा अभी नहीं हुआ था, तो मैं भी जल्दी-जल्दी धक्के मारने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकला और मैं पूजा की चूत में ही झड़ गया.

झड़ने के बाद पूजा और मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और एक-दूसरे को किस करते रहे.
फुल सेक्स विद पड़ोसन करने के बाद मैं उठा और पूजा की चूत साफ की.

मैं नीचे चला गया और धीरे से झांक कर देखा.
तो दादी अभी भी गहरी नींद में सो रही थीं.

मैं दबे पांव फ्रिज से कुछ बर्फ और कोल्डड्रिंक निकाल कर वापस ऊपर आ गया.

मैंने पूजा की चूत की बर्फ से सिकाई की और कोल्डड्रिंक पीकर हम सोफे पर एक-दूसरे के लंड और चूत से खेलने लगे.

इसके बाद हमने दो बार और चुदाई की. फिर मैं घर आ गया.

उसके पापा दो दिन नहीं आए.
तो हमने लगभग 10 बार चुदाई की.

उसके बाद भी मैंने पूजा को बहुत बार चोदा.
उसकी गांड भी मारी.

मैंने उसे बाथरूम, टॉयलेट, रसोई और नीचे आंगन में हर जगह चोदा.

हम दोनों की अलग अलग शादी हो चुकी है, पर अब भी हम चुदाई करते हैं.

पूजा के बाद मैंने उसकी बहन अंकिता को भी चोदा और पूजा की बुआ की लड़की को भी पेला.
वह फिर कभी बताऊंगा.

फुल सेक्स विद पड़ोसन कहानी आपको कैसी लगी?
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