गर्लफ्रैंड की बुर की पहली चुदाई

(Girlfriend Ki Bur Ki Pahli Chudai)

दोस्तो नमस्कार. मैं राज शर्मा चंडीगढ़ से एक बार फिर आप सभी के सामने अपनी एक नई कहानी को लेकर हाजिर हूं। आप सभी ने मेरी अपनी पिछली कहानी
रिश्तेदार की लड़की को प्यार में फंसा कर चोदा
पढ़ कर मुझे बहुत मेल व सुझाव दिए उसके लिए आप सभी का धन्यवाद।

यह कहानी मेरे एक मित्र ने मुझे लिखने को भेजी है। जो मैंने उसी के कहे अनुसार कहानी बना कर पेश की है। अब इस कहानी को आप उसी की जुबानी सुनिये।

हेलो दोस्तो, मेरा नाम आलोक है. मैं भोपाल में रहता हूं और स्टडी करता हूं. रेलवे की तैयारी भी कर रहा हूँ।

मेरी यह कहानी 2 साल पहले की है जब मैं जो वर्ष 2016 में अपने पुराने घर भोपाल से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर सागर गया। वहां से मैं ट्रेन में अप डाउन करता था और उस वक्त तक मेरी लाइफ अच्छी चल रही थी।

फिर एक दिन मुझे ट्रेन में एक लड़की मिली जो बहुत ही हॉट थी और बहुत ही गोरी थी। वह नर्सिंग का कोर्स करने के लिए उसी ट्रेन से अप डाउन करती थी। मैं रोज उसे उसी ट्रेन में देखता. उसका फिगर बहुत अच्छा था और उसका भरा बदन था।

उसे देखकर ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे। उसे देखते ही मेरी पैंट में उठान आने लगता था। अब मैं कैसे भी उससे दोस्ती करना चाहता था।

फिर हिम्मत करके एक दिन मैंने उससे बात की तो उसने अपना नाम मुस्कान बताया. फिर हम लोग रोज बात करने लगे।
एक दिन बातों बातों में उसने ही अपना नंबर दिया और फिर हमारी काल पर और मैसेज पर भी बात होने लगी।

धीरे-धीरे हम लोगों को एक दूसरे से प्यार हो गया। अब तो हम दोनों रोज मिलते थे, ट्रेन में एक साथ जाते थे बात करते थे।

ऐसे ही 6 महीने निकल गए. अब हम आपस में सेक्स की बातें भी करने लगे। फोन सेक्स से हम दोनों अपनी प्यास बुझाने लगे पर ऐसे कब तक काम चलता।

अब आग दोनों तरफ लग गयी थी. जैसे मैं उसे चोदना चाहता था, उसे भी सेक्स के मजे लेने थे।

और फिर उसका बर्थडे आया तो वह मुझसे मिलने को बोली- आलोक, इस बार मैं अपना ये जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूँ, तुम कुछ करो!
मैंने कहा- ठीक है मेरी जानू, मैं कुछ करता हूँ।

मेरा एक फ्रेंड शहर में ही रहता था तो मैंने अपने फ्रेंड से बोला- मुझे कहीं रूम बता दे भाई। मुझे अपनी गर्लफ्रेंड का बर्थडे सेलिब्रेशन करना है और उसके साथ मजे करने हैं।
तो दोस्त ने अपना ही रूम दे दिया।

मेरी गर्लफ्रेंड मुस्कान के बर्थडे के दिन मैं, मुस्कान, मेरा दोस्त और उसकी कुछ सहेलियां मेरे दोस्त के रूम में आए और फिर हम सबने मिलकर उसका जन्मदिन खूब जोर शोर से मनाया क्योंकि मैंने पूरी तैयारी कर रखी थी।

हमने साथ में केक काटा और नाश्ता किया और डांस किया. दोस्त के रूम पर होम थिएटर था तो उस दिन हम लोगों ने गाने चला कर खूब मस्ती की।

कुछ देर बाद उसकी सहेलियां चली गयी. अब मुस्कान, मैं और मेरे दोस्त ही रूम पर अकेले थे।

मैंने अपने दोस्त को उसे चोदने के लिए पहले ही बताया था तो मेरे दोस्त ने कहा- मुझे मार्केट जाना है, तब तक आप दोनों बात करो.
और वह रूम से निकल गया।

मुस्कान भी शायद सब समझ रही थी कि ये सब मेरा ही प्लान है। वो मुस्कुरा रही थी।
मुझे व मुस्कान को और क्या चाहिए था!

मैंने अपने दोस्त के जाने के बाद रूम को अच्छे से बंद किया और मुस्कान के पास गया. मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को अपनी बांहों में ले लिया और किस करने लगा। उसने भी मेरा साथ दिया और 5 मिनट तक किस किया.

और फिर धीरे-धीरे मैं उसके बूब्स को दबा रहा था वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। आज वो बहुत ही मस्त लग रही थी। शायद वो भी जानती थी आज उसकी चुदाई होने वाली है।
उसके बूब्स दबाने से टाइट होने लगे वो तन कर जैसे मुझ से कह रहे हों कि आओ और मुझे जोर जोर से दबाओ और मुझे खा लो।

फिर मैंने उसकी टॉप और साथ ही ब्रा भी उतार दी और उसकी चूचियों पर किस करने लगा. उसकी चूचियों पर भी मैंने बहुत मस्ती की.

और उसके बाद मैंने अपनी कमीज़ भी उतार डाली। वो भी मेरे सीने पर किस करने लगी. मेरा तो बुरा हाल था मेरा लण्ड तो पैंट फाड़कर बाहर ही आने वाला था।

हम दोनों का हाल तो बहुत बुरा हो गया वो भी अब उतावली हो गयी फिर उसने मेरा पैंट उतार दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लण्ड सहलाने लगी। फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिए और मेरे लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे लगा जैसे मैं सातवें आसमान में हूँ।

अब मुझ से नहीं रहा गया. इसलिये थोड़ी देर में मैंने उसे उठाया और फिर उसकी लेगी भी उतार दी। अब तक उसकी पैंटी भी गीली हो चुकी थी, वह बहुत गर्म हो गयी थी।

और फिर उसका भी फर्स्ट टाइम था, आज तक उसको किसी ने छुआ भी नहीं किया था।

मैंने उसकी पैंटी उतारकर पहली बार उसकी चूत देखी। उसकी चूत देखकर मुझ से रहा नहीं गया तो मैंने उसकी चूत में धीरे से एक उंगली डाल दी।

जैसे ही मेरी उंगली उसकी अनछुई बुर अंदर खिसकी तो वो कराह उठी उसे बहुत दर्द हो रहा था।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत को चाटा तो वह आह आह की आवाज निकालने लगी।

अब उसके चुदने का वक्त आ गया था. मेरा भी बुरा हाल था पर उंगली ही जब उसकी चूत में नहीं गयी तो मेरा पूरा लण्ड जाने में तो बहुत दिक्कत होने वाली थी।

इसलिए मैं उठा और अलमारी से क्रीम निकाल कर लेकर आया और उसकी चूत पर और अपने लण्ड पर ढेर सारा क्रीम लगायी।
मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर थोड़ी देर घिस कर एक हल्का सा धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही लण्ड का कुछ भाग अंदर चला गया।

इसी के साथ उसकी चीख निकल गयी, उसको बहुत दर्द होने लगा तो मैं रुक गया और उसे किस करने लगा ताकि उसकी आवाज बाहर न जा सके।

उसकी चूत में से रक्त निकल रहा था पर मैंने लण्ड को चूत में ही फंसा रहने दिया और उसको किस करता रहा।

जैसे ही वो थोड़ा नॉर्मल हुई तो मैंने उसके ऊपर लेटे लेटे धीरे धीरे से चूत में धक्के लगाने शुरु किये. धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया. उसे बहुत दर्द हुआ परन्तु मैं उसे दिलासा देता रहा और वो सह गयी.

कुछ देर के बाद उसको भी थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा। तब मैंने उसको जोर जोर से चोदना शुरू किया. उसकी सिसकारियां निकलने लगी. मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था.

दस मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ ही शान्त हो गये।
हम दोनों अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगे।

फिर हमने थोड़ी देर रुक कर आराम किया मैंने उसको पानी पिलाया और एक दर्द की गोली खिला दी.

और उसके बाद हम एक दूसरे की बांहों में आ गए और किस करने लगे।

थोड़ी ही देर में दूसरे राउण्ड की चुदाई के लिए हम दोनों फिर से तैयार थे। इस बार उसने खुद मुझे अपने ऊपर खींच लिया तो मैंने उसके पैर फैलाकर उसकी चूत में एक बार में ही पूरा लण्ड घुसा दिया.
उसे इस बार भी दर्द हुआ और वह फिर कराहने लगी. तो मैं थोड़ा रुक गया और धीरे धीरे से पूरा लंड अपनी गर्लफ्रेंड की चूत के अंदर घुसा दिया.

फिर मैंने गर्लफ्रेंड की चूत चुदाई शुरू की और 15 मिनट तक उसे जम कर पेला। इस बीच में वो एक बार और झड़ गई. उसके 5 मिनट के बाद ही मैंने भी उसकी चूत में अपना माल भर दिया।

हम दोनों का पसीने से बुरा हाल था। कुछ देर आराम करने के बाद हम दोनों नॉर्मल हो गये।

फिर मेरे दोस्त का कॉल भी आ गया- मैं मार्केट से आ रहा हूं।
हम दोनों ने फटाफट अपने कपड़े पहने और अपने आप को ठीक किया और दोस्त का इंतजार करने लगे।

मेरा दोस्त गाड़ी लेकर आ गया और हम लोग उसके साथ बैठकर उसके रूम से निकल कर स्टेशन आ गये। जहां से हमको ट्रेन मिल गई और हम अपने अपने घर आ गए।

उसके बाद हम फिर जब चाहे मिलने लगे और खूब मस्ती करते, खूब चुदाई करते। फिर मैं अपनी स्टडी करने खत्म करके वापस आ गया और अब कॉल पर ही बात होती है वह भी कभी-कभी। बस यही थी मेरी गर्लफ्रैंड की चुदाई की कहानी। आपको मेरी कहानी कैसी लगी आप मुझे मेल करके बता सकते हैं।

आपको मेरी लिखी कहानियां कैसी लगती हैं। आप मुझे फेसबुक पर rs007147 से सर्च कर सकते हैं और जीमेल पर इस आईडी पर जवाब दे सकते हैं। आपके जवाब और अमूल्य सुझाव के इंतजार में!
आपका अपना राज शर्मा
[email protected]

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