मेरी कुंवारी चूत को किरायेदारों ने चोदा-1
(Meri Kunvari Chut Ko Kirayedaron Ne Choda- Part 1)
हाय दोस्तो, मेरा नाम गायत्री है और मैं बाड़मेर, राजस्थान से हूँ. ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, तो कोई भूल दिखे, तो माफ कर देना.
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता देती हूँ. मैं 23 साल की हूँ.
मेरा बीए हो गया है और मैं घर से ही सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम की तैयारी कर रही हूं.
मेरा फिगर 32-28-32 का है. मैं गोरी तो नहीं हूँ, लेकिन मेरा मुखड़ा बहुत अच्छा है … इसीलिए मैं सांवली होने पर भी बहुत सेक्सी लगती हूँ.
मैं स्लिम हूँ और मेरी हाइट भी अच्छी है. मेरे मम्मी पापा दोनों ही टीचर हैं. मेरा एक छोटा भाई भी है, जो अभी पढ़ता है.
मम्मी तो स्कूल में रहती हैं, इसलिए घर का अधिकतर काम में ही करती थी.
यह बात तब की है, जब मेरे बीए के एग्जाम खत्म ही हुए थे. हमारा मकान दो मंजिल का है, नीचे हम लोग रहते हैं और ऊपर का हिस्सा किराये पर दे रखा है. ऊपर दो रूम हैं, जो कि एक पूरे फ्लैट के जैसे हैं.
ऊपर वाले हिस्से में दो लड़के रहते थे कमलेश और राज. उन दोनों की उम्र लगभग 27 या 28 की होगी.
उन दोनों की पढ़ाई हो चुकी थी.
उनमें से एक जॉब करता था और एक ऐसे ही एग्जाम की तैयारी कर रहा था.
वे दोनों दिखने में एकदम काले से थे लेकिन दोनों मुझसे अच्छे से बोलते थे. बहुत बार वे हमारे घर पर चाय भी पीने आ जाते थे.
उनकी नज़र शुरू से ही मेरे ऊपर थी लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया.
मैं बस अपनी पढ़ाई में लगी रहती थी.
पापा और मम्मी तो ऊपर जाते नहीं थे, मैं ही जाती थी कभी किराया लेने तो कभी ऐसे ही साफ सफाई देखने.
इसलिये मैंने बहुत बार उनके रूम में शराब की बोतलें देखी थीं.
लेकिन मैंने इस बात को अपने पेरेंट्स को नहीं बताया था क्योंकि वो उनको निकाल देते और फिर नए किराएदार मिलना मुश्किल था.
मैंने उनको रूम पर लड़की लाते हुए भी देखा था लेकिन मैं इग्नोर कर देती थी.
फिर एक दिन मैंने एक गर्ल को जाते हुये देखा, तो मैं भी ऊपर चली गई और खिड़की से देखने लगी.
मैंने देखा कि अन्दर कमलेश था और उसने लड़की को कमरे में लेते हुए ही अन्दर से गेट लगा लिया था.
वे दोनों बात करने लगे.
फिर कमलेश ने उस लड़की को किस किया और फिर दोनों एक दूसरे की बांहों में खो गए.
लाइव ब्लू फिल्म देख कर मैं भी गर्म होने लगी क्योंकि मैंने इससे पहले कभी ये सब रियल में नहीं देखा था.
बस पोर्न फिल्मों मैं देखा था.
वो लड़की भी बहुत गर्म हो चुकी थी.
अब कमलेश ने उसका टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से उसके चूचे ही दबाने लगा.
इससे वो और गर्म हो गई.
फिर कमलेश ने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके मम्मों को चूसने लगा.
उसके मम्मे मेरे से थोड़े छोटे थे.
वो लड़की पागल सी होने लगी, वो अजीब सी आवाजें निकालने लगी थी.
दस मिनट बाद मेरी भी हालत खराब होने लगी.
मैं जल्दी से वहां से निकल गई.
फिर नीचे आकर मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी और कुछ ही देर में मैं झड़ गई.
मैं सो गई.
दिन भर मेरे दिमाग में वही सब चलता रहा.
फिर मैंने ध्यान दिया कि ये मैं क्या कर रही हूँ, उससे मुझे क्या लेना देना.
मैंने वो सब अपने दिमाग से निकाल दिया.
थोड़े दिन ऐसे ही गुजरे. फिर अचानक गांव में मेरे चाचा की तबीयत खराब हो गई और मेरे मम्मी पापा को गांव जाना पड़ा.
मैं और मेरा भाई दोनों यहीं रुक गए थे.
ये बात सुनकर उन दोनों के मजे हो गए थे.
वो रोज किसी न किसी बहाने हमारे घर आने लगे.
मुझे फिर से वही सीन याद आ गया और मेरा मन मचलने लगा.
मम्मी पापा का फोन आ गया था कि उनको अभी एक हफ्ता और लगेगा.
इधर वो दोनों रोज मेरे घर आने लगे.
मैं भी उनसे अच्छे से बात करती थी.
एक दिन सुबह जब मेरा भाई स्कूल गया गया था, तब वे दोनों आए.
मैं उस वक्त किचन में थी.
उसके हाथ में दूध और कप था.
राज ने बोला- मेरे घर में गैस खत्म हो गई है. क्या आपके यहां चाय बना सकते हैं?
मैंने कहा- ओके … पर ये सब क्यों लाए, मुझे बोल देते, मैं ऐसे ही बना देती.
मैंने देखा कि उसके चहरे पर अजीब सी मुस्कान थी.
फिर कमलेश बोला- तुम्हारे यहां तो कभी दूध ही पिएंगे.
ये बोल कर वे दोनों हंसने लगे.
मैं उनकी बात का मतलब समझ गई थी, लेकिन मैंने टालना चाहा.
फिर मैंने बोला- तुम बैठो, मैं चाय बना कर लाती हूँ.
उस समय मैंने ब्लैक इनर पहन रखा था क्योंकि सुबह का टाइम था, तो रात जो पहन रखा था, वही इस वक्त मेरे जिस्म पर था. मेरा इनर मोटा और टाइट था और स्लीवलैस भी था. उसमें मेरे बूब्स का क्लीवेज साफ दिख रहा था.
उनकी नज़र बस वहीं टिकी हुई थी. नीचे मैंने ढीली सी लैगी पहन रखी थी.
फिर मैं वहां से किचन में आ गई और चाय बनाने लगी.
इतने में राज वहां आ गया. मैंने कहा- तुम बैठो.
उसने कहा- कोई बात नहीं. मैं यहीं बातें भी कर लूँगा.
फिर वो मुझसे पढ़ाई के बारे में पूछने लगा और मैंने भी उससे उसकी जॉब के बारे में पूछा.
उसने बोला- अभी मैंने जॉब छोड़ दी है.
अचानक उसने पूछा- गायत्री, आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड है?
उसके इस अचानक हुए सवाल से मैं शॉक हो गई. मैंने कहा- नहीं है.
उसने बोला- ये कैसे हो सकता है?
मैंने कहा- ऐसा ही है.
वो चुप हो गया.
फिर मैंने कहा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
उसने बोला कि हमारी ऐसी किस्मत कहां है.
उसकी इस मायूसी भरी आवाज पर मुझे हंसी आ गई और हम दोनों हंसने लगे.
इतने में अचानक उसने पीछे से कमलेश आया और मुझे कस कर पकड़ लिया, मैंने छूटने की कोशिश की, लेकिन मैं नाकाम रही.
उसकी पकड़ काफी मज़बूत थी.
मैंने चिल्ला कर बोला- ये क्या बदतमीजी है.
वो हंसने लगा.
मैंने कहा- प्लीज छोड़ो मुझे … ये क्या कर रहे हो?
वो बोला- तुम्हें प्यार कर रहा हूँ.
उसने मेरी कमर पर हाथ फिराते हुए मेरे मम्मों को दबोच लिया और सहलाने लगा.
साथ ही वो मेरी गर्दन पर हल्के से बाईट करने लगा.
अब मेरा भी मन थोड़ा थोड़ा फिसलने लगा.
वो बोला- गायत्री, हम तुम्हें खुश करना चाहते हैं.
मैंने बोला- ये क्या बोल रहे हो?
फिर वो बोला- उस दिन तो खिड़की में से बड़े प्यार से मुझे देख रही थीं.
मैंने बोला- किस दिन?
उसने बोला- मैंने तुम्हें देख लिया था.
मैं शर्म से नीचे देखने लगी.
मैंने कहा- वो तो मैं ऐसे ही ऊपर आई थी … तो देख लिया था. बस और कुछ नहीं.
फिर राज बोला- देखो गायत्री तुम भी जवान हो … तुम्हारी भी इच्छा होती होगी. हम किसी को नहीं बोलेंगे और ऊपर से तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड भी नहीं है, तो तुम्हारा भी मन होता ही होगा.
उतने में राज मेरे पास आया और मेरी पीठ पर हाथ रखकर बोला- हमें जो करना है, वो तो हम करेंगे ही. तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम भी मजे लो और हमको भी मजे करने दो.
मैं बोली- देखो, ये सब गलत है … प्लीज ऐसा मत करो … तुम तो मजे लेते ही हो और लड़कियों के साथ … मुझे कोई मजे नहीं चाहिए.
लेकिन अब मेरा शरीर भी जवाब देने लगा था.
मैंने विरोध कम कर दिया था.
वो ये बात वे समझ गए.
अब राज ने अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका लिए और किस करने लगा.
वो अपनी जीभ मेरे मुँह में फिराने लगा. शुरू में तो बस वही किस कर रहा था.
फिर बाद में मैंने भी रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया.
अब मेरी जीभ भी उसके मुँह में थी.
इसी बीच कमलेश के हाथ पीछे से मेरे मम्मों पर चल रहे थे.
मैं और ज्यादा गर्म होने लगी.
फिर कमलेश बोला- साली तुझे जब से देखा है … तब से तुझे चोदने की सोच रहा हूँ. आज मेरी ख्वाहिश पूरी होगी.
मैंने भी गैस बन्द कर दी क्योंकि अब कुछ और काम शुरू होने वाला था.
अब मैं सोच रही थी कि आज पता नहीं क्या होगा.
मैंने उन्हें बोला- ये बात किसी को मत बोलना प्लीज.
राज बोला- पागल हो क्या … हम क्यों भला किसी को बोलने लगे.
मैंने बोला- चलो बेडरूम में चलते हैं.
उन दोनों ने मुझे उठा लिया और गेट अन्दर से बन्द करके मुझे बेडरूम में ले गए.
अब वे दोनों मुझे देखकर हंसने लगे.
मेरी हालत खराब थी, लेकिन वो दोनों बस मुझे देखे जा रहे थे.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं शुरूआत करते हुए कमलेश को किस करने लगी.
फिर क्या था … वे दोनों ही मुझ पर टूट पड़े. मेरे होंठ कमलेश के होंठ से लॉक थे और राज मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए मेरे मम्मे ऊपर से ही चूसने लगा. उसने मेरे आमों को ऊपर से ही चूस कर मेरा इनर पूरा गीला कर दिया. मुझे अच्छा लगने लगा.
फिर अचानक राज ने मेरे मम्मों को ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
मैं उछल गई.
राज ने मेरा इनर खोलने की कोशिश की लेकिन मैं तो किस करने में व्यस्त थी, तो नहीं खुल सका.
फिर मैंने ही इनर खोला. इतने में कमलेश ने मेरी ब्रा भी खोल दी. मेरे बूब्स देखकर वो चौंक गए.
मेरे दूध एकदम टाइट थे.
कमलेश बोला- साली के चूचे तो देख … कितने टाइट हैं … शायद अभी तक किसी ने दबाए ही नहीं हैं.
कमलेश ने एक चूची को हाथ में लिया और दबाने लगा.
उधर राज ने भी एक दूध हाथ में भर लिया और मसलते हुए दबाने लगा.
मुझे भी अपने दूध मसलवाने में मजा आने लगा, मैं मदहोश होने लगी.
फिर दोनों ने एक एक करके दोनों मम्मों को अपने अपने मुँह में लिए और चूसने लगे.
मुझे अब सेक्स चढ़ने लगा. मैं उन दोनों के सर अपने मम्मों पर दबाना चाहती थी लेकिन मेरे हाथ उनकी अंडरवियर के ऊपर चल रहे थे.
कमलेश बोला- देख इस रंडी को … साली कैसे उछल रही है.
मुझे शर्म आने लगी.
अब मैं सिसकारियां लेने लगीं.
फिर कमलेश ने मेरे मम्मों पर वापिस हमला कर दिया.
वो एक हाथ से दबा रहा था और एक बूब चूसने लगा.
उसके निप्पल चूसने से मैं मदहोश भी हो रही थी.
लेकिन वो बहुत जोर से दबा रहा था, इसलिए मुझे दर्द भी हो रहा था.
मैं हल्का सा चिल्लायी- आहहह … प्लीज थोड़ा धीरे करो … मुझे दर्द हो रहा है.
कमलेश ने बोला- चुप साली रंडी.
इतने में राज मेरी बगलों के पास मुँह लाया. उसने मेरी कांख के बाल सूंघते हुए एक लम्बी सी साँस ली और वो मेरे बगल को चूसने लगा.
मैं तो बहकने लगी, मेरा दर्द गायब हो गया.
अब मैं कमलेश के सिर को मेरे मम्मों पर दबाने लगी.
कमलेश उठा और मेरी लैगी नीचे करने लगा.
मैंने उठ कर उसका साथ दिया.
उसने एक झटके में मेरी लैगी नीचे कर दी.
वो मेरी लाल रंग की गीली पैंटी देखकर चिल्ला उठा- आह … देख साली की पैंटी पूरी गीली है … और ये तो रंडी से कम नहीं है.
उसने ये कहा, तो मेरे मुँह से निकल गया- ऐसे मत बोलो यार.
इतने में राज ने एक बिजली की रफ्तार से मेरे गाल पर चांटा जड़ दिया.
मैं सकपका गई.
वो बोला- हां है तू रंडी.
फिर राज ने अपने पैंट को भी खोल दिया और मेरी चूत देखकर बोला- गायत्री रानी, तू तो अभी वर्जिन लग रही है.
कमलेश खुश हो कर बोला- वर्जिन को चोदने का तो मजा ही अलग है.
फिर कमलेश मुझे किस करने लगा, मैं भी उसका साथ देने लगी.
हवस का नशा अब मुझे पागल कर रहा था.
तभी राज नीचे आया और मेरी पैंटी हटा कर चूत पर उंगली घुमाकर उसने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए.
उसकी इस हरकत से मैं एकदम से सहम गई और वो मेरी चूत चाटने लगा.
मैं पागल होने लगी और उसका सिर दबाने लगी.
दूसरी तरफ मेरे मुँह में कमलेश की ज़ुबान थी.
मैं उसे चूस रही थी.
चूत को चाटे जाने पर मैं इतनी अधिक उत्तेजित हो गई थी कि मैंने जोर से कमलेश को पकड़ा और झड़ गई.
राज मेरा सारा रस पी गया.
मैं कमलेश की पीठ पर हाथ घुमाते हुए खुद को साध रही थी.
इसके बाद मैं अलग हो कर बैठ गई.
दो मिनट बाद वो दोनों उठे और मेरे करीब आ गए.
राज बोला- चल गायत्री रंडी, अब हम दोनों की पैंट खोल दे.
मैंने उन दोनों की पैंट खोल दी और उनके कहने से पहले ही उनकी अंडरवियर भी खोल दी.
मैंने उन दोनों के लंड देखे. मैंने पहली बार रियल में किसी आदमी के लंड देखे थे.
उनके लंड ज्यादा बड़े नहीं थे, एवरेज थे.
पोर्न फिल्मों की तुलना में मुझे ऐसा लगा.
फिर उन्होंने एक साथ बोला- चूस हमारे लौड़ों को.
मुझे उनमें से बदबू आ रही थी तो मैंने मना कर दिया.
ये सुनकर कमलेश ने जोर का तमाचा मेरे गाल पर मार दिया.
मैं बेड पर गिर गई.
फिर फिर मैंने बिना कुछ सोचे कमलेश का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
इतने में राज ने अपना लंड भी मेरे हाथ में थमा दिया.
मैं उसे हाथ से हिलाने लगी.
थोड़ी देर बाद मैं राज का लंड चूसने लगी और कमलेश का लंड हिलाने लगी.
कुछ देर यही चलता रहा और फिर जब वो झड़ने वाले थे, तो दोनों ने लंड मेरे मुँह में ठूंस दिए और मेरे हाथ भी पकड़ लिए.
मैं कुछ नहीं कर सकी और उन दोनों ने अपना अपना वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया.
वीर्य का टेस्ट मुझे अजीब सा लगा.
कमलेश ने थोड़ा सा वीर्य नीचे जमीन पर छोड़ दिया और बोला- चल इस मलाई को कुतिया के जैसे चाट.
मैंने एक कुतिया की तरह बन कर सब वीर्य चाट लिया.
मुझे वीर्य का स्वाद अच्छा लगा, तो मैं चटखारे लेते हुए माल चाट रही थी.
ये देख कर वो दोनों हंस रहे थे.
फिर उन दोनों ने आपस में धीरे से कुछ बात की.
कमलेश मुझे लेटा कर मेरी चुत चाटने लगा.
राज मेरे मम्मे चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में मैं बहुत गर्म हो गई.
अब मुझसे सहा नहीं जा रहा था.
फिर अचानक वे दोनों रुक गए और दूर बैठ गए.
उनकी इस हरकत से मेरा भेजा घूम गया.
आगे मेरे साथ क्या हुआ और मैं किस तरह से चुदी … ये सब आपको इस कहानी के अगले भाग में लिखूंगी.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे मेल करके रिप्लाइ जरूर दीजिएगा. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा.
मेरी मेल आईडी है [email protected]
कहानी का अगला भाग: मेरी कुंवारी चूत को किरायेदारों ने चोदा-2
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