समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-1

नीनू 2011-02-10 Comments

प्रेषिका : नीनू

मेरा नाम नीनू है, मैं पंजाबन हूँ, मेरी उम्र इस वक़्त सताईस साल की है, मैं बहुत गर्म, प्यासी, चुदाई की भूखी किस्म की औरत हूँ, इसकी वजह है मेरी शादी लेट होना !

कहते हैं कि मैं मंगलीक हूँ इसलिए मेरी शादी देर से हुई।

मैं बहुत खूबसूरत हूँ, कितने ही लौड़ों से चुदने के बाद भी मेरी जवानी बहुत कसी हुई है, मैंने अभी बच्चा नहीं दिया, मेरे मम्मे मेरे जिस्म का ख़ास आकर्षण हैं, उनको दबाने की हर मर्द चाहत है।

मैं शादी से पहले भी काफी चुद चुकी थी ! क्या करती, जवानी संभाली नहीं जाती थी।

लड़के वैसे बहुत थे, शादी किसी से पक्की नहीं हो पाती थी, इसने ही मुझे बहुत प्यासी औरत बना दिया था। स्कूल तक मैं बिना चुदी निकल गई, कॉलेज जाते मेरे कदम डोल गए, ऊपर से मेरी ख़ूबसूरती लड़कों को पीछे लगा ले ! मैं दिन भर कमेंट सुनती फिर रात को नंगी होकर फ़ुद्दी रगड़ने लगती, अपने मम्मे दबाने लगती थी.

सोहन नाम का लड़का मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ चुका था, मैं भी उसकी तरफ खिंचने लगी थी, उसने मुझे पर्पोज़ कर दिया, कुछ दिन वेट करवा मैंने उसको हाँ कह डाली।

फ्रेशर पार्टी वाली शाम सभी अपनी धुन में थे, कुछ देर उनके साथ नाच-गा लिया, अँधेरा होते सोहन ने मेरी कलाई पकड़ी और हम ग्राऊंड की तरफ चले गए। वहाँ किसी के आने का चांस नहीं था, वहीं वो चुम्मा-चाटी करने लगा, उसने मेरे रसीले होंठ चूमे, मेरे टॉप को उतार वो ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मे दबाने लगा।

हाय ! इतना मजा आ रहा था कि मैं खुद उससे चिपकने लगी। उसने मेरी ब्रा को भी खोल दिया और सीधा निप्पल चूसने लगा। मुझे और मजा आया।

उसने मेरी जींस खोल दी, हाथ घुसा जांघों को सहलाने लगा।

हाय, जब उसका हाथ मेरी फ़ुद्दी पर लगता, मैं कस लेती अपनी जांघों को !

उसने अपना लौड़ा निकाला, थमा दिया मेरे हाथ में !

हय, शर्म से मेरे गाल लाल हो गए !

बोला- कैसा है?

मैंने कहा- पहली बार देखा ! पकड़ा है !

“सहला ना इसको ! यह देख ऐसे !”

उसने लौड़ा पकड़ मुठ मार कर भी दिखाई। मैं वैसे ही उसको सहलाने लगी, उसने खुल कर मेरी चड्डी में हाथ डाल कर मसला तो मैंने उसके लौड़े को जोर से दबा लिया।

वो खड़ा हो गया, उसका लौड़ा मेरे होंठों के सामने था, बोला- चूम ले इसको !

मैंने चूमा तो बोला- मुँह खोल !

जैसे ही मैंने अपने होंठ खोले, उसने लौड़ा घुसा दिया मेरे होंठों के बीच में, बोला- चूस ! चाट ! मजे कर ! करवा !

फिर उसने मुझे वहीं घास पर लिटाया और अपने लौड़े को मेरी फ़ुद्दी में उतारने की कोशिश करने लगा।

मैंने उसको वास्ता देकर मना किया लेकिन कहाँ ! उसने आखिर कामयाबी हासिल कर ली, लेकिन मेरी जान निकाल दी।

“हाय ! निकालो ! मार दिया ! छोड़ो !”

उसने जल्दी से मेरा मुँह दबाया और बाकी का लौड़ा भी घुसा दिया। जब मेरे चूतड़ उठने लगे उसने मेरा मुँह आज़ाद किया, बोला- देख अब तुझे मजा आएगा।

बीस मिनट उसने मुझे जम कर चोदा, मैं रोने लगी कि यह उसने क्या कर डाला।

बोला- मैं कभी मेरा साथ नहीं छोड़ने वाला !

उसके पापा का बिज़नेस था, उसने वही ज्वाइन करना था इसलिए मुझे लगा कि शायद जल्दी वो शादी करेगा।

उसने मेरी दूसरी चुदाई अपनी कार में की, फिर जब जगह मिलती हम चुदाई करने लगते।

मेरे शरीर में और बदलाव आने लगा, जिस्म और भरने लगा, कसा-कसा रहने लगा।

उसने नशे करने शुरु कर दिए, जिससे दिन पर दिन वो नशे में डूबता गया, अब उसका असर सेक्स पर पड़ने लगा, उसमें वो दम जाता रहा था, मेरा झुकाव भी उसमे कम होने लगा।

एक दिन उसने नशे की खातिर मुझे गिरवी रख दिया था, किसी गैर के सामने परोस दिया मुझे !

उसने मुझे मिलने की पेशकश की, मैंने मना किया, उसने कहा- मैं नशे छोड़ रहा हूँ।

उसने मुझे मिलने को बुलाया, वहाँ से वो मुझे एक आलीशान घर में ले गया, बोला- मेरे दोस्त का है।

मुझे लेकर वो कमरे में घुस गया और मुझे बिस्तर पर डाल प्यार करने लगा। उसका शरीर कांप रहा था, मैं भी उसके लौड़े को सहलाने लगी।

उसने मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगा होकर मुझे चूमने लगा। उसके लौड़े में कसाव आ ही नहीं रहा था जिससे वो घुसा पाए।

मैं पागल होने लगी, बार बार वो मेरी फ़ुद्दी पर लौड़ा लगाता, कभी खिसक जाता, कभी ढीला हो जाता।

मैंने मुँह में भी लिया लेकिन शायद उसको नशे की ज़रूरत थी, अचानक उसका अंदर घुसने से पहले ही निकल गया।

मैंने साफ़ किया पर मैं बहुत खफा थी, बहुत गर्म थी, प्यासी थी, बोली- सोहन, अब तुम में कुछ नहीं बचा ! मैं तेरी जिंदगी से जा रही हूँ।

“साली, चली जाना, लेकिन आज नहीं ! तुझे यहाँ लौड़ा मिलेगा, वो भी बहुत बड़ा और उसके बदले मुझे पैसे मिलेंगे, नशा मिलेगा !’

तभी एक काले से रंग का बंदा कमरे में घुसा।

मैंने जल्दी से अपने ऊपर चादर ली।

“यह घर इन भाई साब का है, इन्हें तू बहुत पसंद है।”

उसने उसको एक पैकेट दिया जिसे लेकर वो कमरे से निकल गया।

वो बन्दा बिस्तर की तरफ आने लगा, मैंने जल्दी से पैंटी पकड़ी, डाली, ब्रा की तरफ हाथ बढ़ाया ही था कि उसने रोक दिया- सनम, क्यूँ घबराती हो? उसने तुझे प्यासी छोड़ दिया, तू उसको छोड़ दे, मुझसे यारी लगा ! रानी बन जा मेरी !

उसने चादर खींच फेंकी- ओये ओये होए होए ! क्या लड़की है साली तू ! इस कुत्ते से क्या होगा?

मेरे साथ लेटते हुए उसने मेरा मम्मा पकड़ा दबाया फिर अपनी तरफ खींचा, मैं उठने लगी, उसने रोक लिया और पैंटी के ऊपर से मेरी फ़ुद्दी को रगड़ा- हाय !

“मत करो, देखो, मैं अभी बहुत छोटी हूँ !”

उसने अपनी शर्ट उतारी, चौड़ी छाती बालों से भरी थी, उसने पैंट उतारी उसका अंडरवीयर फूला पड़ा था, उसका लौड़ा बहुत बड़ा लग रहा था, उसने खींच कर मेरी पैंटी उतारी और फ़ुद्दी देख बावला होकर उसको चाटने लगा।

मैंने हथियार डाल दिए, सब भूल सिर्फ वासना को दिमाग में बिठा उससे चिपक गई।

“हाय !”

उसने अंडरवीयर भी उतार दिया।

“हाय, आपका बहुत बड़ा है, मेरी फट जायेगी !”

“साली, औरतें तरसती हैं ऐसे लौड़े लेने को !”

मैंने उसको सहलाते हुए मुँह में ले लिया और चूसने लगी। कुछ देर चुसवाने के बाद वो मेरी टाँगों के बीच में आया, फ़ुद्दी में घुसा दिया। “मर गई राजा ! बहुत दर्द हो रहा है, फ़ट जायेगी !”

उसने और अंदर किया, फिर रुक कर और अंदर कर पूरा घुसा दिया। मैं हिम्मत करके सह गई, उसको नहीं रोका।

जल्दी वो भी आराम से रगड़ने लगा और मुझे मजा आने लगा।

आधे घंटे बाद जब वो रुका तो मैं संतुष्ट थी, मैंने उसके होंठ चूम लिए।

“पसंद आया तुझे?”

“बहुत !”

उसने मुझे दस हज़ार रूपये दिए, मैं उसकी दीवानी हो गई, मौका मिलते ही उसके घर चली जाती।

मुझे मालूम चला कि वो शादीशुदा है, मैं पूरी उम्र उसके साथ बीताना चाहती थी, उसके लौड़े ने मुझे बाकी लड़कों की तरफ से ध्यान हटवा दिया।

अभी बहुत कुछ बताना है आप सब को ! अगला भाग ज़रूर पढ़ना।

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