क्लासमेट का 18वां जन्मदिन

(Virgin Teen Xxx Kahani)

वर्जिन टीन Xxx कहानी में मेरी क्लास में एक मस्त लड़की पढ़ती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. मैंने उससे दोस्ती बढ़ाई और उसके जन्मदिन पर पूरी क्लास को पार्टी दी.

मेरा नाम सनी है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ।

ये जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, ये मेरी ही कहानी है।

दोस्तो, ये वर्जिन टीन Xxx कहानी उस समय की है जब मैं 12वीं क्लास का स्टूडेंट था।

मेरी क्लास में एक लड़की थी जिसे मैं बहुत पसंद करता था।
उसका नाम सिमरन था।

वो थी ही इतनी सुंदर!
पूरे स्कूल की वो हॉट लड़की थी।
उसके गोरे गाल, गुलाब जैसे गुलाबी होंठ और उसके गोरे-गोरे स्तन इतने बड़े थे कि किसी 24-25 साल की लड़की के हों।

हमारे टीचर भी उसे गंदी निगाहों से देखते थे।

मेरे भी स्कूल में चर्चे कम नहीं थे।
मेरी उम्र 19 साल थी, रंग साँवला, 5.9 फीट हाइट और मेरा लंड 6 इंच से भी लंबा था।
शायद यही कारण था कि मैं अपनी क्लास की आधी लड़कियों की सील तोड़ चुका था।
यह बात सिमरन को भी पता थी।

वो मुझे पसंद तो करती थी पर मेरे किरदार के कारण वो मुझसे दूर ही रहती थी।
उसे अपनी सील तुड़वाने से डर लगता था।

मैं भी उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था।
तो फिर मैं कुत्तों की तरह उसके पीछे पड़ गया।

उसका बहुत खयाल रखता, उसे रोज चॉकलेट, गिफ्ट और हर वो चीज लाता जो उसे पसंद थी।
मेरी इतने दिन की कड़ी मेहनत रंग लाई और उसने हाँ कर दी!

एक हफ्ते बाद उसका जन्मदिन था तो मैंने एक पार्टी रखी जिसमें पूरी क्लास को बुलाया।
यह पार्टी एक छोटे से होटल में थी, रात की।

चूंकि पूरी क्लास आ रही थी, तो सबके घर वालों ने परमिशन दे दी।

उसके जन्मदिन वाले दिन मैं तैयार होकर उसके घर गया उसे लेने।
क्योंकि उसके पिता कंपनी में सुपरवाइजर थे और मम्मी हॉस्पिटल में नर्स थीं, उनकी नाइट शिफ्ट थी तो वो सिमरन को मेरे साथ भेज देते थे।

जब सिमरन मेरे सामने आई, तो देखा उसने बहुत ही सुंदर लहँगा पहना हुआ था।
उसका फिगर इतना मस्त था कि मेरे मुँह से पानी टपकने लगा!

मुझे तभी ख्याल आया कि सिमरन की सील तोड़ने का ये सही मौका है।
मेरे मन में ख्याली पुलाव पकने लगे।

होटल हमारे घर के नजदीक था तो हम जल्द ही वहाँ पहुँच गए।

पार्टी शुरू हो गई।

हमने पहले केक काटकर सिमरन को 18 साल की होने पर विश किया।

फिर हम सबने मिलकर खूब एंजॉय किया, बहुत से गेम खेले।

रात 11 बजे पार्टी खत्म हो गई।
सबने एक-दूसरे को विदा कहा और घर चले गए।

मैं और सिमरन भी घर की ओर चल पड़े।

दिसंबर का महीना था और बहुत ठंड थी।
मैं तो सिमरन को चोदने का मौका ढूँढ रहा था.
पर उसे बोलने से डर लग रहा था, कहीं वो नाराज न हो जाए।

थोड़ी देर में हम दोनों घर के बाहर थे।

मैंने उससे विदा कहा और अपने घर जाने लगा, पर तभी पीछे से सिमरन ने आवाज देकर मुझे रोका।
उसने कहा, “आज रात मेरे घर पर रुक जाओ!”

मैं समझ गया कि वो मुझे क्यों रोकना चाहती है और मैंने तुरंत हाँ कर दी!
हम दोनों घर के अंदर गए।

उसने कपड़े बदले और टी-शर्ट और हाफ पैंट पहन ली।
उसके बाद सिमरन मुझे सीधे अपने बेडरूम में ले गई।

खाना तो हम खा चुके थे, तो हम दोनों रूम में बैठकर फिल्म देखने लगे।

टीवी बेड के सामने था तो हम दोनों एक ही बेड पर और एक ही कम्बल में थे।

मैंने अपने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ ली और अपने पैर उसके पैर के पास रखकर उसके पैर सहलाने लगा।

उसके बदन की खुशबू पूरे कमरे में फैली हुई थी।
उसके कोमल और टाइट बूब्स टी-शर्ट से आजाद होना चाहते थे।

मैंने धीरे से कहा, “सिमरन, तुम ठीक हो ना? मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे साथ खुश रहो।”
वो बोली, “सनी, मैं तुम्हारे साथ सुरक्षित महसूस करती हूँ। बस थोड़ा डर लग रहा है!”
मैंने कहा, “तुम्हें डरने की जरूरत नहीं। मैं तुम्हारा ध्यान रखूँगा!”

मैंने अपने आप को रोका हुआ था क्योंकि सिमरन अभी-अभी जवान हुई थी और उसने पहले ये सब नहीं किया था।
मैं उसे पहले पूरा कम्फर्ट करना चाहता था।

धीरे-धीरे मैंने अपने दूसरे हाथ से उसके टाइट बूब्स को दबाना शुरू किया।
उसने कुछ नहीं बोला और आँखें बंद करके अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया।
मैं समझ गया कि सिमरन अब सील तुड़वाने के लिए तैयार है!

मैंने भी उसके बूब्स को और जोर से दबाना शुरू किया।
सिमरन की साँसें तेज हो गईं और वो सिसकियाँ भरने लगी।

फिर मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया।
उसके गुलाबी, कोमल होंठ बहुत नाजुक और मीठे थे।

लगभग 10 मिनट तक उसके होंठों को चूसता रहा।
चूस-चूसकर उसके होंठ लाल कर दिए।

सिमरन गर्म हो चुकी थी।
वो अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगी।

मैंने सिमरन की टी-शर्ट उतार दी।
उसने नीचे गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी।

उसके बदन को चूमते-चूमते मैंने धीरे से उसकी ब्रा खोल दी।
ब्रा खोलते ही उसके बूब्स उछलकर बाहर आ गए, जैसे कि वो मुझे आजाद करने के लिए शुक्रिया कर रहे हों!

जब मैंने उसके गोरे बूब्स देखे, तो बस देखता रह गया।
बूब्स बहुत कोमल और बड़े थे।
उसके निप्पल गुलाबी थे।

मैंने सिमरन को बेड पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़कर उसके बूब्स को चूसने लगा।
उसके गुलाबी निप्पल को दाँत से दबाता, तो सिमरन की सिसकारियाँ और तेज हो जातीं।

उसके बड़े बूब्स बड़ी मुश्किल से मेरे मुँह में आ रहे थे।

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिमरन के भी उतार दिए।

सिमरन ने मेरा लंड देखा और डर गई।
वो बोली, “हे भगवान! इतना मोटा और लंबा! ये मेरी चूत के अंदर कैसे घुसेगा!”

मैंने कहा, “सिमरन, तुम बहुत खूबसूरत हो! मैं तुम्हें कभी दुख नहीं दूँगा!”
वो सिसकते हुए बोली, “सनी, मुझे तुम पर यकीन है! बस धीरे से!”

मैंने सिमरन को शांत करवाया और समझाया।
फिर मैंने उसकी चूत को अपने हाथों से मसलना शुरू किया।

सिमरन की चूत टाइट थी, गुलाबी थी और एक भी बाल नहीं था।

मैं सिमरन के साथ 69 पोजीशन में आ गया।
मैंने उसे मेरा लंड मुँह में लेने को कहा।

वो बोली, “सनी, मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया। मुझे डर लग रहा है!”
मैंने कहा, “बस थोड़ा सा ट्राई करो, मैं तुम्हें सिखाऊँगा!”

पहले तो उसने नखरे दिखाए, पर जोर देने पर उसने मेरे लंड का टोपा मुँह में लेकर चूसना शुरू किया।
मैं भी उसकी बुर चाटने लगा।

धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा लंड उसके गले तक घुसा दिया।

5 मिनट तक करने के बाद मैंने अपना लंड निकाला और चूत मारने की तैयारी की।

मैंने सिमरन की दोनों टाँगें फैला दीं और बीच में आ गया।
मैं सिमरन की बुर पर अपना लंड मसलने लगा।

सिमरन की सिसकारियाँ तेज होने लगीं।

मैंने अपने लंड का टोपा बुर के छेद के ऊपर रखा और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने की कोशिश करने लगा।
सिमरन को बहुत दर्द हो रहा था।
उसकी चूत का छेद बहुत टाइट था।

अभी सिर्फ मेरे लंड का टोपा ही अंदर गया था।
जैसे-जैसे मैं लंड अंदर-बाहर करता, सिमरन दर्द से चिल्ला पड़ती।

फिर मैंने सिमरन के होंठ अपने होंठों से दबाए और एक ही बार में अपना 6 इंच का मोटा लंड सिमरन की चूत के अंदर डाल दिया।

सिमरन दर्द से तड़प उठी और उसके छेद से खू.न निकलने लगा।

पर अब मैं नहीं रुकने वाला था।
मैं तेजी से अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।

थोड़ी देर बाद सिमरन भी नॉर्मल हो गई और चुदाई का मजा लेने लगी।
अब हम दोनों सेक्स एंजॉय कर रहे थे।

हमने पोजीशन बदल-बदलकर सेक्स किया।

थोड़ी देर बाद सिमरन झड़ गई और 1 मिनट बाद मैं भी।

मैंने अपना सारा वीर्य सिमरन की चूत के अंदर ही छोड़ दिया।
मैं सिमरन के पीछे लेट गया।

मेरा लंड अभी भी शांत नहीं हुआ था।

थोड़ी देर बाद सिमरन सो गई पर मेरा लंड अभी भी सलामी दे रहा था।

सिमरन की गांड मेरी तरफ थी। उसकी गांड काफी मोटी थी, शायद इसलिए मेरा लंड बेचैन हो रहा था।

थोड़ी देर बाद सिमरन सो गई, पर मेरा लंड अभी भी सलामी दे रहा था।

सिमरन की गांड मेरी तरफ थी।
उसकी गांड काफी मोटी थी, शायद इसलिए मेरा लंड बेचैन हो रहा था।

मैंने साइड से सिमरन की क्रीम की डिब्बी उठाई और लंड पर लगा ली, थोड़ी सी सिमरन की गांड पर भी।

सिमरन की गांड का छेद बहुत छोटा और टाइट था।
मेरे लंड का टोपा घुस ही नहीं पा रहा था।

मैंने धीरे से कहा, “सिमरन, मैं तुम्हें और प्यार करना चाहता हूँ। क्या मैं ट्राई करूँ?”

वो नींद में थी, लेकिन हल्के से बोली, “सनी, बस मुझे दर्द मत देना!”

मैंने अपना लंड सिमरन की गांड के छेद पर रखा और जोर से झटका दे दिया।
लगभग आधा लंड छेद चीरता हुआ अंदर चला गया।

सिमरन की नींद खुल गई और उसे अहसास हुआ कि उसकी गांड फट चुकी है!

वो चिल्लाई, “सनी, ये क्या कर रहे हो! बहुत दर्द हो रहा है!”
मैंने कहा, “सिमरन, बस थोड़ा सहन करो। मैं धीरे करूँगा!”

सिमरन दर्द से तड़प रही थी और मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकालना चाहती थी।
पर मैंने उसे अच्छे से जकड़ रखा था, वो मेरी जकड़ से नहीं निकल पाई।

फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया।

5 मिनट गांड चोदने के बाद सिमरन भी रिलैक्स हो गई।

उसे दर्द तो हो रहा था, पर अब मजा भी आ रहा था।
फिर हम दोनों 5 मिनट बाद झड़ गए।

मैंने कहा, “सिमरन, मैंने तुम्हें दुख तो नहीं दिया ना?”
वो बोली, “सनी, मुझे तुमसे प्यार हो गया है। बस अगली बार थोड़ा धीरे करना!”

सुबह के 5 बज गए थे।
सिमरन के मम्मी-पापा 6 बजे घर आ जाते थे।

तो हमने जल्दी से रूम साफ किया।
वर्जिन टीन Xxx चुदाई के कारण बेडशीट खू.न से लाल हो गई थी, तो उसे धोया।

सफाई करके मैं अपने घर चला गया।

घर आकर मैं स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ और स्कूल पहुँच गया।

जब सिमरन स्कूल आई, तो देखा वो अच्छे से चल नहीं पा रही थी।
चले भी कैसे, अभी ताजी-ताजी सील टूटी थी!

मैंने उससे धीरे से कहा, “सिमरन, तुम ठीक हो ना? मैं तुम्हें और तकलीफ नहीं दूँगा!”
वो मुस्कुराकर बोली, “सनी, मैं ठीक हूँ। बस तुम मेरे साथ रहो!”

उसके बाद मैंने महीने में 3-4 बार तो चुदाई कर ही लेता था।

फिर 1 साल बाद उसका परिवार दूसरे शहर में शिफ्ट हो गया और हम अलग हो गए।
मैंने उससे कहा, “सिमरन, तुम जहाँ भी रहो, मेरे दिल में हमेशा रहोगी!”
वो बोली, “सनी, मैं भी तुम्हें कभी नहीं भूलूँगी!”

अब मेरी एक नई गर्लफ्रेंड है, जिसकी मैं रोज चूत मारता हूँ।

तो दोस्तो, ये थी मेरी और सिमरन की कहानी।
बहुत जल्द मैं अपनी नई गर्लफ्रेंड शिविका की चुदाई की स्टोरी आपके लिए सुनाऊँगा।
बाय-बाय!

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