लोगों ने मुझे चुदक्कड़ गांडू बना दिया

(Aids HIV Sex Story)

Aids HIV एड्स एच आई वी सेक्स स्टोरी में एक दोस्त ने मुझे मुठ मारने की आदत लगा दी. एक बार 2 आदमियों ने मुझे मुठ मारते पकड़ लिया. उन्होंने मेरी गांड मारी.

नमस्कार दोस्तो, आज मैं आपको एक ऐसी गे सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ जो शायद किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं होनी चाहिए.

यह एक सच्ची घटना है, जो मैं आपको इस साइट के माध्यम से बताना चाहता हूँ.

हर व्यक्ति को इस घटना को समझना ज़रूरी है.
यह सबके लिए एक संदेश है.

आज मैं जो ज़िंदगी जी रहा हूँ, शायद किसी दुश्मन को भी न मिले.
दोस्तो, हस्तमैथुन (मुठ मारना) ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी थी.

वह सब कैसे हुआ, आइए Aids HIV एड्स एच आई वी सेक्स स्टोरी में जानते हैं.

मैं एक छोटे गांव में रहने वाला 23 साल का लड़का हूँ.
आज से 4 साल पहले की बात है, मैं 19 साल का था.
मैं दसवीं फेल हूँ.

मेरे परिवार में मैं, मेरा छोटा भाई और माँ … हम तीनों ही रहते हैं.
पिताजी ने कर्ज़े के कारण खेत में आत्म.ह.त्या कर ली थी.

माँ एक अस्पताल में काम करती हैं.
छोटा भाई को मेरे मामा ने गोद लिया है.

अब घर में मैं और मेरी माँ ही रहते हैं.
मैं पढ़ाई में बहुत कमज़ोर हूँ … इसलिए मैंने पढ़ाई छोड़ दी.

मैं छोटा-मोटा खेत में काम कर लिया करता हूँ ताकि गुज़ारा हो सके.

इसी बीच मेरा दोस्त ने मुझे ये गलत काम सिखाया.
वह मुझे बहुत दूर एक खेत में, नदी के किनारे ले गया.

उधर वह अपनी पतलून निकाल कर मुठ मार रहा था.
वह मुझे भी मुठ मारने को बोल रहा था.

मैंने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती मेरी चड्डी निकाल दी और मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया.
वह मुझसे कह रहा था कि एक बार करके देख, बहुत अच्छा लगता है!

फिर उसने मेरा लंड हिलाया.

कुछ देर बाद मेरे लंड से मेरा वीर्य झड़ गया.
जैसे मेरा वीर्य निकला, मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ.

जब वीर्य निकलता है, तो बहुत ही सुख मिलता है.
ये मेरा पहला हस्तमैथुन था.

बस तब से मुझे आदत लग गई.
अब जब भी घर में मैं अकेला रहता हूँ, तो मैं मुठ मारता हूँ.

एक समय की बात थी, मैं कुछ काम के लिए एक गांव गया था.
रास्ते से अकेला आ रहा था.

यह एक सुनसान जगह थी.
मेरी इच्छा मुठ मारने की हो रही थी.

उधर रेलवे पटरी के नीचे एक छोटा-सा पुल था.
उसके नीचे से कोई भी आता-जाता नहीं था.
उधर सिर्फ चलने भर की जगह थी और बड़े-बड़े पत्थर थे.

वहां दूर-दूर तक कोई भी नज़र नहीं आ रहा था.

मैंने पुल के नीचे अपने पूरे कपड़े निकाल दिए.
वैसे मुझे पूरा नंगा होकर मुठ मारना बहुत अच्छा लगता है

मैं पूरा नंगा होकर अपने लंड की मुठ मार रहा था.
तो अचानक वहां दो लोग उस पुल के नीचे आ गए.

मुझे इस हालत में देखकर उन लोगों ने मुझे पकड़ लिया और एक ने मेरे कपड़े ले लिए और एक ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
वे मुझे खींचते हुए ले जा रहे थे.

एक बोल रहा था- तुम ये गलत काम कर रहे थे … चलो आज तुमको नंगा ही गांव में ले जाते हैं. फिर उधर पूरे गांव के सामने तुमसे मुठ मारने को कहेंगे!

मैं खूब चिल्लाया, रोया- मुझे माफ कर दो जाने दो … मैं दोबारा नहीं करूँगा!
पर वे दोनों मेरी बात नहीं सुन रहे थे.

वे दोनों बहुत दूर तक मुझे घसीटते हुए ले गए थे.
फिर वहां और दो लोग आ गए थे.
उन्होंने भी मुझे इस हालत में देखकर पूछा तो जानकारी करने पर अब वे सब मुझे मारने लगे थे.

उनमें से एक आदमी बोला- अरे छोड़ो यार इसको … हमें इसे ऐसी हालत में गांव ले जाकर क्या फायदा … अगर कुछ करना है तो हम सब लोग करते हैं!
दूसरा बोला- क्या मतलब?
पहले ने कहा- देख इसकी गांड की तरफ देख … साली की गांड किसी लड़की के जैसी दिख रही है!

अब सब मेरी गांड की तरफ देखने लगे.
‘सच में बहुत ही अच्छी गांड है यार इसकी!’

फिर एक आदमी मुझसे बोला- देख, अगर तू नहीं चाहता है कि हम तुझे ऐसी हालत में गांव ले जाएं, तो फिर हमें तेरी गांड मारने दे … हम तुझे छोड़ देंगे!

मैंने सोचा कि सारे गांव में मेरी इज्जत खराब होने से बेहतर इन लोगों को अपनी गांड मार लेने देता हूँ … इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

फिर मैंने हां कर दी.
वे सब मुझे पुनः उसी जगह ले गए, जहां मैं मुठ मार रहा था.

उधर मुझे एक पत्थर पर उल्टा करके घोड़ी जैसा खड़ा कर दिया.
एक मेरे पीछे से आकर मेरी गांड में अपना लंड डालने लगा.
उसका लंड बड़ा होने के कारण अन्दर जा नहीं रहा था.

फिर उसने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड पर थूक कर अपना लंड ज़ोर से मेरी गांड में डाला.

मैं चिल्लाया- आह बहुत दर्द हो रहा है मत करो आह.
मगर वह नहीं माना.

उसने धीरे-धीरे करके अपना पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया और आगे-पीछे करके मेरी गांड को चोदना चालू कर दिया.

कुछ देर के दर्द के बाद मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा था.
अब मुझे जरा भी दर्द नहीं हो रहा था.
फिर उसने मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदना चालू कर दिया.

थोड़ी देर बाद उसका लंड झड़ गया.
उसने अपना वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया था.

फिर दूसरे ने अपना लंड मेरी गांड में डाला.
उसका भी लंड पहले से ज़्यादा बड़ा था.
फिर से थोड़ा दर्द हुआ लेकिन अच्छा लग रहा था.

बस फिर क्या था, उसने भी मेरी गांड चुदाई का मजा लिया और कुछ देर बाद उसका लंड भी झड़ने को हो गया.

उसने भी अपना वीर्य मेरी गांड में ही निकाल दिया.

ऐसा ही बाकी के बचे हुए दोनों लोगों ने भी किया.
उन चारों ने मेरी गांड तबीयत से मारी और हरेक ने अपना वीर्य मेरी गांड में डाल दिया.

मैं बेहद थक गया था.
वे मुझे नंगा पड़ा छोड़ कर चले गए.

चारों के लंड मेरी गांड में चुदवाने से मुझे दर्द हो रहा था.
इस कारण मुझे चलने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी.

किसी तरह से मैं घर आया.
उसके दो दिनों तक मैं घर पर ही पड़ा रहा था.

तीसरे दिन जब मैं खेत में जा रहा था तो वही लोग फिर से रास्ते में मिल गए.

आज उनके साथ दो और दूसरे लोग थे.
बस फिर क्या था… उन्होंने फिर से मुझे पकड़ा और दूर एक खेत में ले गए.

वहां एक झोपड़ी में कपास की बोरियां रखी थीं.
वहां पर फिर से मुझे नंगा करके उन्होंने पहले मुझे उनका लंड चूसने को बोला.

मुझे उनके लंड मुँह में लेना गंदा लग रहा था.
लेकिन क्या करता.

फिर मैं उन सभी के लंड बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगा था.

मुझे बहुत गंदा महसूस हो रहा था.
एक ने मेरा सिर दोनों हाथों से पकड़ा और वह ज़ोर-ज़ोर से मेरे मुँह में अपना लंड ठूँसते हुए मेरे मुँह को गांड समझ कर चोद रहा था.

उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था.
साले का लंड बड़ा होने के कारण मुझे उल्टी हो गई.

मेरी आंखों से और नाक से पानी आ रहा था.
मैं हांफ रहा था.

फिर उन्होंने मेरी गांड मारना चालू किया.
उन्होंने आज सरसों के तेल की शीशी का इंतजाम भी किया हुआ था.

फिर उन्होंने सरसों का तेल लगाकर मुझे चोदना चालू किया.

आज तेल के कारण मुझे दर्द नहीं हो रहा था.
तेल की चिकनाई से लंड जल्दी जल्दी अन्दर बाहर चल रहा था.
मुझे भी मजा आ रहा था.

उनके लंड मुझे अपनी गांड में अन्दर जाते हुए बहुत अच्छे लग रहे थे.

सबने बारी-बारी मुझे तेल लगा कर चोदा और अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया.

इस तरह से पूरे गांव में मालूम हो रहा था कि मैं चुदक्कड़ बन गया हूँ.

कोई भी मुझे ले जाकर चोद कर छोड़ देता था.
और तो और … साले मेरी गांड चोद कर अपना वीर्य मेरी गांड में डाल देते थे और मेरा लंड भी हिलाकर माल निकाल देते थे.

ऐसा बहुत समय तक चला.
ये बात मेरे घर तक पता चल गयी थी.

मुझे मेरी मां ने घर में बंद करके मुझे बहुत मारा.

फिर इस घटना के कारण गांव में लोग हंसने लगे थे तो हमने घर छोड़ दिया और शहर चले गए.

कुछ दिन बाद मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी क्योंकि मुझे अपनी गांड में लंड लेने की आदत हो गई थी.

मुझे कमज़ोरी आ गयी थी.
मेरी आंखें बहुत अन्दर चली गयीं.
गाल भी बहुत धँस गए थे.

मेरा खाना-पीना बंद हो गया.
मुझे भूख नहीं लग रही थी.

इसलिए माँ मुझे डॉक्टर के पास ले गयी.

डॉक्टर ने मुझे चेक करके मेरी टेस्ट रिपोर्ट देखी.
डॉक्टर शॉक हो गए और उन्होंने बताया- इसको एड्स हो गया है!

माँ सिर पर हाथ रखकर नीचे बैठ गईं.
मेरा एड्स बहुत ज़्यादा फैल गया था.

जब उन्होंने मुझसे ये पूछा कि क्या तुम किसी एड्स हुए लड़की या महिला के साथ संबंध रखे हैं क्या?

तो मैंने उन्हें सब सच-सच बताया.

फिर डॉक्टर बोले- जब लोग तुम्हें चोद रहे थे तो वह अपना वीर्य तुम्हारे अन्दर छोड़ रहे थे. इस कारण तुम्हें Aids HIV एड्स एच आई वी इन्फेक्शन हो गया और एड्स हो गया. क्योंकि तुम्हारा बहुत लोगों ने तुम्हारे साथ चोदना हो गया था.

इस कारण डॉक्टर ने बोला- तुम्हारा इलाज हो पाना बहुत मुश्किल हो गया है.

घर में गरीबी के चलते मैं अपना इलाज नहीं कर पा रहा हूँ.
इसलिए सरकारी अस्पताल में इलाज कर रहा हूँ.

मुझे नहीं मालूम कि मेरा क्या होगा.
कभी कभी मैं यह भी सोचता हूँ कि यह Aids HIV एड्स एच आई वी बीमारी मुझे ही क्यों हुई है, जिन्होंने मेरी गांड मारी थी … उनको भी यह बीमारी हो गई होगी.
मैंने डॉक्टर से पूछा था.

तो वे बोले थे- शायद आखिरी वाले आदमी को यह बीमारी हो और उसी से तुम्हें हो गई है.

दोस्तो, एक हस्तमैथुन ने मेरी ज़िंदगी तबाह कर दी है.
इसलिए मेरी आप लोगो से गुजारिश है कि इस तरह के गन्दे काम से दूर रहो.
सेक्स करते वक्त कंडोम का प्रयोग जरूर करना चाहिए.

आपको मेरी यह Aids HIV एड्स एच आई वी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, प्लीज अपने कमेंट्स जरूर भेजें.
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