खेत में ट्यूबवेल पर गांड मरवाई

(Gay Bottom And Top Sex)

साजिद खान 1 2022-10-10 Comments

गे बॉटम एंड टॉप सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझे गांड मरवाए बहुत समय हो गया था. तो मैंने एक लड़के से गांड मरवाने का प्रोग्राम बनाया और उसके खेतों में चला गया.

दोस्तो, मैं साजिद आपके लिए अपनी नई सेक्स कहानी लेकर आया हूं.
पिछली बार की सेक्स कहानी
एक दिन में दो लंड से गांड चुदाई
में सनी से गांड मरवाने के बाद मुझको काम के सिलसिले में दूसरे जिले में जाना पड़ गया.

मैं मेरठ से शामली गया था. ये उत्तर प्रदेश में ही है. मैं शामली आ गया था.

मुझे किसी का लौड़ा लिए छह साल हो गए थे, फिर मैंने ब्ल्यूड एप चलाना शुरू कर दिया था. उधर से बहुत से लोग मेरे संपर्क में आए.

एक दिन मैंने एक लड़के से मिलने का प्रोग्राम बनाया.

अब इस गे बॉटम एंड टॉप सेक्स कहानी का मजा लें.

अगले दिन मुझे उसके ट्यूबवेल पर मिलने जाना था.
मैंने अपनी छाती के, आगे लंड के और गांड के छेद को बाल रहित करके चमका दिया था.

मैं बाइक लेकर वहां पहुंच गया.
वो अपने खेत पर बने ट्यूबवेल पर था.
उसके खेतों में दो ट्यूबवेल थे.

जिधर वो मुझे मिला. वहां कुछ मजदूर काम कर रहे थे.
वो मुझको दूसरे ट्यूबवेल पर ले गया.
उधर भी एक कमरा बना हुआ था.

हम दोनों बात करने लगे. उसने कहा- तू तो बड़ा चिकना माल है.
मैंने हंस कर कहा- हां, तू भी मस्त है.

वो बोला- अबे भोसड़ी के मैं टॉप हूँ … मुझे बॉटम न समझ.
मैंने कहा- हां यार, मैं तुझे टॉप ही समझ कर मस्त कह रहा हूँ.
वो खुश हो गया.

मैंने कहा- अब क्या सोच रहा है, चल अन्दर कमरे में चलते हैं. उधर तुझे मैं पूरा चिकना माल दिखाऊंगा.
वो कुछ नहीं बोला और इधर उधर देखने लगा.

मैंने कहा- कोई दिक्कत है क्या?
वो बोला- नहीं बे … बस काम का समय खत्म होने को है. आधा घंटा में मजदूर चले जाएंगे. फिर उसी वाले पम्प पर चल कर मजा करेंगे.

मैंने कहा- जब तक एक राउंड इस कमरे में लगा लेते हैं.
वो बोला- हां, चल ठीक है.

उसने कुछ देर इधर उधर देखा और मौका देख कर हम दोनों कमरे में अन्दर घुस गए.
उसने दरवाजा बंद कर दिया.

कमरे में एक गद्दा पड़ा था. जो रात में रुकने के समय सोने के काम आता था.
उसने मेरी तरफ वासना से देखा.

मैं समझ गया कि लंड लेने की बेला अ गई है.
हम दोनों ने कपड़े उतार दिए. हम दोनों नंगे हो गए थे.
मेरा गोरा बदन चमक रहा था. चूंकि बाल साफ़ किए थे तो मैं कुछ ज्यादा ही चिकना माल लग रहा था.

अगले ही पल हम दोनों नंगे बदन गद्दे पर आ गए थे.
उसने मेरे चूतड़ पर एक थप्पड़ जड़ दिया, तो मेरे मुँह से ‘आह्ह …’ की आवाज़ निकल गई.

वो बोला- इतने में ही फट गई क्या … अभी तो बहुत कुछ बाकी है.
उसने मेरे कंधों पर हाथ रख कर मुझे नीचे को किया.

मैं समझ गया कि वो क्या चाहता है.
वो खड़ा था और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गया.
मैंने उसके लौड़े को मुँह में ले लिया और मस्ती से लंड चूसने लगा.

थोड़ी देर में उसका लौड़ा अकड़ने लगा और तन कर खड़ा हो गया.
मैंने उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूस कर गांड में लेने के लिए एकदम से सख्त कर दिया था.

उसका लंड फनफना रहा था और मैं उसके लंड के नीचे के बॉल्स सहला रहा था.
वो भी गर्म सिसकारी भरने लगा था.
उसने मुझे इशारा किया कि वो सामने तेल की शीशी रखी है.

मैंने तेल की शीशी उठा ली और उसके लौड़े पर तेल लगा दिया, थोड़ा तेल अपनी चिकनी गांड पर भी लगा लिया.
अब मैं गांड मराने के लिए गद्दे पर पोजीशन बना कर चित लेट गया.

मेरा गे टॉप सेक्स के लिए तैयार था, उसने मेरी दोनों टांग उठा कर ऊपर की और अपना लौड़ा मेरी गांड के छेद पर टिका दिया.
मैंने उससे कहा- धीरे धीरे डालना … मुझको काफी समय हो गया है. गांड में लेने से दर्द होता है.

उसने धीरे-धीरे अपना लौड़े का टोपा मेरी गांड में घुसा दिया.
मुझको एकदम से चीस सी लगी. मेरे मुँह से आवाज निकल आई- आई … आई … लगती है … आराम से डालो.

फिर उसने धीरे-धीरे करके अपना पूरा लौड़ा मेरे गांड के अन्दर उतार दिया और मैंने भी उसके लंड को झेल लिया.
अब वो अपना लौड़ा धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा. मेरी गांड में मिर्च सी लग रही थी, मगर उसमें भी मजा आता है.

थोड़ी देर में मिठास सी मिर्ची शांत हुई और एक अजीब सा मजा आने लगा, जो मुझे जन्नत में पहुंचा रहा था.

मेरे मुँह से कामुक सी आवाजें निकल रही थीं- अहहह ऊहह … अहह आई पेलो राजा.
वो भी अपना पूरा लंड मेरी गांड में दे रहा था.

करीब दस मिनट बाद उसने अपने लौड़े का माल मेरी गांड में छोड़ दिया तो मेरी गांड को एक अजीब सी शांत मिली.
मैं समझ गया कि उसका लौड़ा मेरी गांड में थूक चुका है.

अगले कुछ पल बाद उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मेरे मुँह में दे दिया.
मैंने उसका लौड़े को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और बाहर आ गए.

अब तक मजदूर जा चुके थे.
थोड़ी देर में हम दोनों वहां से चल दिए और उसके पहले वाले ट्यूबवेल पर आ गए.

थोड़ी देर हम बाहर ही बैठे रहे.
मैंने पानी पिया और थोड़ी देर बाद फिर से मूड बना तो उसने मुझे इशारा कर दिया.

मैं अन्दर घुस गया.
मेरे पीछे पीछे वो भी अन्दर आ गया और उसने दरवाजा बंद कर दिया.

हम दोनों फिर से नंगे हो गए.

उसने मेरी चूचियों को भींचना शुरू कर दिया.
वह मेरे चूचे ऐसे भींच रहा था मानो जैसे मैं कोई लड़की हूं.
थोड़ी देर में मेरी दोनों चूची लाल हो गई थीं.

फिर मैं नीचे बैठ गया और उसका लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
करीब दो मिनट बाद उसका लौड़ा तन कर खड़ा हो गया.

इस बार उसने मुझे कुतिया बना कर मेरी गांड पर थूका और अपना लौड़ा मेरी गांड में पेल दिया.

मेरे मुँह से निकल रहा था- आह आह आह … एआईई ऊह … अम्मी अम्मी मर गया … हाय निकालो … दर्द हो रहा है.
लेकिन शायद वो मेरी सुनने के मूड में नहीं था.

मैं आगे की तरफ हो गया लेकिन उसने मेरे चूतड़ों को पकड़ कर खींचा और पीछे खींचते ही पूरा लौड़ा मेरे अन्दर उतर गया.
वो एकदम से गर्मा गया था तो ताबड़तोड़ लौड़े की ठोकरें मारने लगा.

थोड़ी देर में मेरी गांड में लौड़ा मज़ा देने लगा.
इस बार उसने करीब पन्द्रह मिनट तक मेरी गांड को पेला.

मेरे चूतड़ों पर उसके नाखून के निशान बन गए थे. मेरे पेट में दर्द होने लगा था.

मैं उसको पीछे को धकेलने लगा लेकिन वो नहीं हटा.
तो मैं आगे की तरफ को हुआ.
बड़ी मुश्किल से उसके लौड़े को मैंने अपनी गांड से बाहर किया.

इससे पहले कि वो कुछ करता, मैंने जल्दी जल्दी पैंट पहनी और बाहर आकर खेत में बैठ गया.

खेत में बैठ कर पैंट नीचे की और जोर लगाने लगा.
मेरी गांड में से चिकना सा रस और थोड़ा खून बह रहा था.

मैंने वो सब निकाल कर पानी से गांड धोयी और अन्दर आकर पैंट उतारी.
वो भी बाहर चला गया था.

फिर मैंने तेल लेकर अपनी गांड पर लगाया.
थोड़ी देर में वो भी अन्दर आ गया.

उसका लौड़ा ढीला पड़ गया था.
फिर उसने मेरे मुँह में लौड़ा डाल दिया.
मैं लंड चूसने लगा.

थोड़ी देर में उसका लौड़ा खड़ा हो गया था.
इस बार उसने मुझको एक कुर्सी की तरफ मोड़ कर खड़ा किया और मेरी गांड में लौड़ा दे दिया.

मैं ‘उई उई अम्मी आराम से करो …’ बोलने लगा.

थोड़ी देर में उसके धक्कों की स्पीड इतनी बढ़ गई कि लौड़ा पूरा बाहर आकर एक झटके में पूरा घुसने लगा था.

मेरी गांड फटी की फटी रह गई और मुझको बहुत तेज दर्द हुआ- हाय मर गया अम्मी अम्मी अम्मी छोड़ दे अम्मी छोड़ दे फट गई!

लेकिन उसने मेरे चूतड़ों को कस के पकड़ लिया.

मैंने उससे बहुत मिन्नतें की, तब जाकर उसने अपना लौड़ा मेरी गांड से बाहर निकाला.
थोड़ी देर तक मैं अपनी गांड को पकड़े खड़ा रहा.

फिर जब वह बाहर चला गया, तो मैं भी कपड़े ठीक करके बाहर आ गया.
थोड़ा आराम करने के बाद मैं बाहर से एक खाट उठाकर ले आया और अन्दर बिछा दी.

मैंने थोड़ा तेल अपनी गांड पर लगाकर अपनी गांड को उसके लिए खोल दी.
अपनी टांगें उठा कर लेट गया.

उसका लौड़ा निढाल हो चुका था.
उसने कहा- इसको चूस कर खड़ा करो.

मैंने उसका लौड़ा फिर से चूसा.
अब उसका लौड़ा पहले की तरह तन कर खड़ा हो गया था और मैं टांगें उठा कर लेट गया था.

उसने झटके से मेरी गांड में अपना लौड़ा घुसा दिया तो मेरे मुँह से आवाज निकल गई- अईआई आई आह्ह धीरे क्यों नहीं करते यार.
मगर वह अपनी ही धुन में मस्त अपने लौड़े को आगे पीछे करने लगा.

अब मुझको भी मजा आने लगा.

थोड़ी देर उसने मेरी गांड की पिटाई की … अपने लौड़े से ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा.
साली खाट भी चैंक चैंक कर रही थी.

करीब 20 मिनट तक उसने मुझको ऐसे ही पेला.

थोड़ी देर बाद उसके धक्कों की स्पीड और ज्यादा बढ़ गई.

खटिया की चैंक चैंक की आवाजें और जोर से आने लगीं और पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.
मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं खटिया टूट न जाए.

गांड में लंड के मजे आ रहे थे और मेरे मुँह से भी उसकी तेजी के कारण आवाज निकल रही थी.

‘आह और जोर से … और जोर से जोर से आह आह पूरा चला गया पूरा चला गया … आंह मर गया … पूरा चला गया …’
वह बोला- साले गांडू चिल्ला मत … थोड़ी देर रुक जा … मेरा लंड झड़ने वाला है.

लेकिन मेरी आवाजें बंद नहीं हुईं- आ आह अह पूरा चला गया बाबू पूरा चला गया बस छोड़ो … अब रहने दो.
उसने मेरी एक ना सुनी और पेलता रहा.

थोड़ी देर में गांड में गर्म रस का अहसास हुआ. उसका लौड़ा भी ढीला पड़ गया था. मैं समझ गया कि उसका लौड़े ने मेरी गांड माल से भर दी है.
अब पूरे कमरे में सन्नाटा छा गया था. बस हम दोनों की लंबी लंबी सांसें चल रही थीं.

खाट की चैंक चैंक बंद हो गई थी.

थोड़ी देर में वो मेरे ऊपर से उठा और उसका लौड़ा मेरी गांड से बाहर निकल कर लटक गया.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा.

दस मिनट बाद मैं उठा और अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गया.
थोड़ी देर बाद पसीना सुखाने के बाद मैं वहां से घर चला आया.

घर आकर टॉयलेट में उसके लौड़े के माल को बाहर निकाला और नहाकर एक गहरी नींद में सो गया.

शायद इतने दिनों से तड़प रही मेरी गांड की खुजली दूर होने के कारण मुझको शांति मिल गई थी.

दोस्तो, मेरी एक कहानी एकदम सच्चाई पर आधारित है. मैं वही लिखता हूं जो मेरे साथ हो चुका हो.

मेरी गे बॉटम एंड टॉप सेक्स कहानी कैसी लगी मुझको कमेंट करके जरूर बताना.
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