पीजी में दोस्त से गांड मरवाई

(Gay Boy Anal Kahani)

गे बॉय अनल कहानी में मैं PG में अकेला रहता था तो मुझे में बड़ी गांड, मोटे चूतड़ और एनल फकिंग वाले पोर्न वीडियो देखने की लत लग गयी. मुझे भी गांड मरवाने का शौक चढ़ा.

फ्रेंड्स, आज मैं आपको ये बताने वाला हूँ कि मेरा बाइसेक्सुअल सफर कहां से शुरू हुआ था.

यह गे बॉय अनल कहानी मेरे कॉलेज खत्म होने के बाद की है.
मैं अपनी पढ़ाई पूरी हो जाने पर पुणे आ गया था.

वहां मैं पीजी के एक कमरे में शेयरिंग आधार पर रहने लगा.
मेरा रूममेट वर्किंग था तो वह दिन में रूम में कम ही रहता था.

उसके न रहने से मुझे पोर्न देखने की आदत-सी लग गई.
और मैं पोर्न में बड़ी गांड, मोटे चूतड़ और एनल फकिंग वाले पोर्न वीडियो देखने का दीवाना सा हो गया.

उसी बीच मैं नहाने के वक्त अपनी गांड देखकर भी कामुक हो जाता था ये सोचकर कि हाय … मेरे भी चूतड़ कम मोटे नहीं हैं. कैसा रहेगा अगर कोई लड़का ही इनके मजे लेने लगे.

बस यहीं से मेरे अन्दर एक प्यास सी जागी कि कब कोई मर्द आए और मेरे चूतड़ की दरार फैलाकर मुझे चोद कर खुश कर दे.

मेरा रूममेट मुझसे उम्र में बड़ा था, थोड़ा मोटा भी था, पर स्मार्ट दिखता था.

मैं कई बार सिर्फ चड्डी में उसकी तरफ पीठ करके कपड़े चेंज करता था.
कभी-कभी उसकी नजर मुझ पर पड़ती थी … तो वह मुझे देखता तो था, पर कुछ कहता नहीं था.

मैं नहाने के बाद मेरी टाइट व्हाइट चड्डी बाथरूम में छोड़ देता था.
मेरे बाद वह नहाने जाता था, तब मुझे चड्डी कहीं और रखी मिलती थी.

एक दिन मुझे चड्डी सीधी की जगह उलटी मिली.
मतलब यह साफ समझ में आ रहा था कि उसने मेरी चड्डी के साथ कुछ छेड़छाड़ की है.

इससे मुझे यकीन हो गया कि मेरा निशाना खाली नहीं गया.
अब बस सही पल और एक मस्त मर्द का इंतजार था, जिसके सामने मैं अपनी गांड की मूवी चला सकूँ.

कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि मेरे कॉलेज का यार आ रहा है और वह दो दिन मेरे साथ पीजी में रहेंगा.

मैंने इस बारे में अपने रूममेट से बात की, तो वह बोला कि उनके आने से मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि मुझे दो दिन के लिए बाहर जाना है.

अब मैं बेहद खुश था कि जम कर मजा आएगा.
बस यही मेरा मौका था, जब मैं अपने पुराने साथी के साथ गांड चुदाई का मजा ले सकता था.

अब मैं गे फ्रेंड पोर्न, शॉवर पोर्न और ज्यादा देखने लगा और नए नए तरीके से गांड मरवाने की विधियां समझने लगा.

मुझे प्लान बनाना था कि कैसे मैं अपने दोस्त को अपने चूतड़ों के दीदार करवाऊं और उसे अपने साथ बिस्तर पर ले जाऊं.

उसके बारे में आपको बता दूँ कि वह एक 6 फीट का जिम जाने वाला मस्त कसरती मर्द है.
हालांकि अब तक न तो उसने मुझे, न मैंने उसे कभी नंगा देखा था, पर मुझे अंदाजा था कि उसका औजार मेरे लायक जरूर होगा.

बस फिर वह दिन आया, जब वह मेरे पीजी में मेरे साथ रहने आया.
वह मेरे रूममेट के बिस्तर पर सोने लगा.

उसका यूं अलग सोना मुझे अच्छा नहीं लगता था लेकिन वह उस बिस्तर पर बहुत सहजता से सोने की तैयारी करने लगा था.

जबकि मुझे भी अब उसी गद्दे पर उसके साथ घुसने का प्लान बनाना था.

हम कॉलेज से ही एक-दूसरे से पोर्न कलेक्शन शेयर करते थे, कभी-कभी साथ देखते भी थे.
उस दिन भी हम बैठकर रैंडम पोर्न सर्च कर रहे थे.

मैंने बातों बातों में कहा- मेरे पास नया कलेक्शन है, वही लगाते हैं.
उसने ओके कह दिया और हम दोनों गे मूवी देखने लगे.

मैं अपने चुस्त कपड़ों में ही सोता था और उस वक्त मेरी गांड मेरे फ्रेंड की तरफ होती थी.

मैं जानबूझ कर अपनी गांड उसकी तरफ ही करके सोता था, ये उसने नोटिस कर लिया था.

सोते समय 3-4 बार उसने मेरी गांड पर चपत मारकर कहा भी- बेटे, ये क्या है?
मैंने भी जवाब में कहा- तू क्यों इंटरेस्ट ले रहा है!

उसके हाथों से मुझे चपत मारने से मेरे अन्दर आग और लग रही थी.
मुझे लगा कि अब बस चिंगारी को हवा देने की जरूरत है.

तभी उसने मोबाइल में उसने पोर्न ढूंढा और हम दोनों देखने लगे.

मैं बार बार उसे कह रहा था कि स्क्रीन ऊपर कर … स्क्रीन नीचे कर!
आखिर उसने कह ही दिया- तू अपने बेड से चुदुर चुदुर नहीं कर, मेरे गद्दे पर आ जा, यहीं देखेंगे साथ में!

बस फिर क्या था, मेरी गांड में तितलियां उड़ने लगीं.
मेरे लंड में कसाव और बढ़ गया.

मैं चड्डी में ही उसके बिस्तर पर पेट के बल लेट गया.
वह चादर के अन्दर बैठा था, उसने अपनी पीठ दीवार पर टिका रखी थी.

अगर मैं भी उसके साथ दीवार के सहारे बैठ जाता तो मेरा काम न होता.

मैं चादर के बाहर पेट के बल लेट गया और मैंने मेरे पैर उसी दीवार पर टिका दिए.

जब मैं लेटने के लिए नीचे उतरा, तो मैंने पहले दोनों पैर उसके पास रखे, फिर दोनों हाथ लैपटॉप के पास.
अब मैं उसके सामने डॉगी स्टाइल में बैठा था और मेरी मोटी गांड चड्डी में उसकी नजर के सामने थी.

मुझे बस यही चाहिए था कि उसकी नजर मेरी गांड पर रहे.

मैं इस बात को अच्छे से समझ चुका कि और कुछ हो न हो, आज इससे गांड तो दबवा ही लूंगा.

वह भी मेरे इशारे समझ चुका था.
मुझे डॉगी स्टाइल में देख उसने कहा- तू पोज मार ले पहले … भोसड़ी वाला कहीं का … हट साले!

मैं हँसता हुआ सीधी लेट गया.
हम दोनों पोर्न का मजा ले रहे थे और दोनों के लंड खड़े थे.
क्योंकि वह बैठा हुआ था, उसका लंड सीधा खड़ा हो गया.

मैं पेट पर लेटा था, मेरे लंड ने मुझे गांड उठाकर उसे हाथ से सीधे करने पर मजबूर कर दिया.

बस फिर क्या था, मेरे दोस्त ने जैसे ही मेरी गांड उठी देखी.
उसने जोर से मेरी गांड पर थप्पड़ मारा.

उसने कहा- हाय … क्या मूड गर्म कर रही है… साली रांड मजा आ रहा है तुझे ऐसे देखकर!

ये कहते कहते वह मेरी गांड अपने हाथ से दबाने लगा.

बस फिर क्या था, मैंने ऐसा 1-2 बार और किया, तो उसने मुझे कह ही दिया- मेरे और पास आकर लेट ना!
मैं जैसे ही उसके पास लेटा, तो वह मुझे देखने लगा और मैं फिर से डॉगी स्टाइल में आ गया.

मेरे डॉगी स्टाइल में आते ही उसने फिर से मेरी गांड पर थप्पड़ दे मारा.
मैं जैसे ही पलटा, मेरा खड़ा लंड चड्डी में उसने देखा और हंस दिया.

फिर मैं चादर हटाकर अपना खड़ा लंड दिखाकर बोला- आज माहौल सही बन गया है, अब एक दूसरे को शांत कैसे करेंगे!
वह बोला- तू बता?

उसकी इस बात पर हम दोनों मुस्कुरा दिए.
इस सबके बीच मैं उसकी चादर में घुस गया और अपना लंड सहलाने लगा.

मेरी कोहनी उसके लंड से जा टकराई और मुझे महसूस हुआ कि उसका लंड कितना कड़क है.
हाय … बस अब मुझे किसी तरह उसका लंड पकड़ना था.

इसके आगे अब मैं जब भी अपना लंड सहलाता, उसके लंड से मेरी कोहनी टकरा जाती.
वह भी ये समझ रहा था इसलिए वह मेरी ओर करवट लेकर लेट गया.

मुझे उसका इशारा साफ समझ आ गया था.
मैंने उसके लंड पर कोहनी टिका दी.
धीरे-धीरे मैं अपनी कोहनी से उसके लंड पर दबाव डाल रहा था.

वह भी ये समझ रहा था, पर उसने कुछ नहीं किया.

आखिर मैंने ही अपनी कोहनी से पंजे तक पूरा हाथ उसके लंड पर इस बहाने से रगड़ दिया कि हाथ चादर से बाहर निकाल रहा हूँ.

उसने फिर कहा- अपना हाथ वहीं रहने दे न!
उसकी इस आवाज से एक बार फिर से मेरी गांड में चींटियां रेंगने लगीं.

मैंने इस बार अपना हाथ अन्दर किया और सीधा उसकी जांघों पर रख दिया.

वह भी सीधा होकर लेट गया और अब मेरा हाथ सीधा उसके लंड पर जम गया था.
बस इसी पल का मुझे इंतजार था.

मैंने उसका लंड हल्का सा दबाया और उसे देखा तो उसने मुँह को मीठे दर्द की तरह बनाते हुए ‘उम्म्म …’ की आवाज निकाली.

बस मैंने और देर नहीं की, एक झटके में चादर हटा दी.
अपने एक हाथ से उसका लंड और एक हाथ से अपना लंड दबाने लगा.

वह मुझे दोस्तों वाली गालियां देने लगा.
उसने कहा- अबे भोसड़ी के किसने सोचा था कि मुझे ये भी दिन देखने पड़ेंगे!

अभी तक मैं दीवार से टिका हुआ था.
अब मैं बैठकर पीठ सीधी करके बैठ गया. इससे मेरी गांड बाहर निकल आई और पूरी गोलाई मेरी गांड की मेरे दोस्त के सामने थी.

मुझे उसकी हरकत का इंतजार था कि कब वह अपना हाथ मेरी गांड पर रखे और फिर से मेरे चूतड़ दबाए.

उसने हिम्मत करके हाथ मेरी गांड की ओर बढ़ाया और कहा- आज तू बहुत मस्त लग रहा है. तुझसे काम चल जाएगा.

मैंने मन में सोचा कि हां, मैं तेरा काम भी चला दूंगा और तुझे मस्त भी कर दूंगा, बस तू मेरी ले ले आज!

यह सोचते हुए मैं दोबारा से चादर में घुस गया और अपनी गांड उसके लंड से चिपका दी.
अब हम दोनों चड्डी में थे और उसका लंड मेरी गांड पर था.

सामने गे बॉय अनल पोर्न मूवी चल रही थी और हम गांड और लंड की रगड़ करवा रहे थे.
आखिरकार उसका माल उसकी चड्डी में निकल गया और उसने मुझे जोर से पीछे से गले लगा लिया.

मैं खुश था और वह भी खुश था.
वह उठा और बाथरूम जाकर आया.

मैं भी गर्म हो गया था तो जब तक वह वापस आता, तब तक पोर्न देखकर मैंने भी लौड़े को हिलाया और सो गया.

अब मुझे अगला कदम उसके लंड को अपनी गांड में लेना तय करना था.

करीब एक घंटा सो चुकने के बाद मेरी नींद फिर से खुल गई और गांड में से लंड लंड की आवाज आने लगी.
वह मेरे बाजू में चित होकर नंगा सोया पड़ा था.
उसका लंड किसी मुर्दा मेंढक की तरह उसकी जांघ पर सोया हुआ था.

मैंने हाथ से लौड़े को पकड़ा और उसे सहलाने लगा.

लंड में जान ही नहीं आ रही थी. मैं नीचे की तरफ हुआ और उसके लौड़े को जीभ से चाटने लगा.

उसके लंड में सनसनी होने लगी. मैं समझ गया कि कुछ ही देर में लौड़े में ताकत आ जाएगी.

कुछ सेकंड जीभ से लंड को टुनियाने के बाद मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसे मुँह में भर लिया.

आह … लंड में सख्ती आने लगी थी.
तभी उसका हाथ मेरे सर पर जम गया और वह मुझे अपने लौड़े को और अन्दर लेने के लिए जोर डालने लगा.

मैंने बेखौफ होकर लंड चूसना चालू कर दिया और हाथ से उसकी गोटियों को सहलाने लगा.

अगले एक मिनट में लौड़े ने लौह दंड का स्वरूप धारण कर लिया था.

मैंने लंड मुँह से निकाला और उठ कर तेल की शीशी उठा लाया.
अपनी गांड में मैंने तेल भरा और उसके लौड़े को तेल से तरबतर किया.

फिर उसके लौड़े के ऊपर अपनी गांड को सैट करके उसे अन्दर लेने की कोशिश करने लगा.

गांड में दर्द होने लगा मगर गांड मरवाने की कामेच्छा इतनी अधिक थी कि मैं दर्द की परवाह किए बिना उस लंड को अपनी गांड में जज़्ब करता चला गया.

कुछ ही देर में हम दोनों मस्ती से गांड चुदाई में डूबे हुए थे.
करीब बीस मिनट बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए मेरी गांड मारने लगा.

कुछ दस मिनट से भी कम समय में मैं और वह एक साथ झड़ गए और एक दूसरे से चिपक कर अपनी अपनी सांसों को नियंत्रित करने लगे.

उसके बाद हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.

दोस्तो, इस गे बॉय अनल कहानी के बारे में आपके क्या विचार हैं … प्लीज मुझे कमेंट्स के माध्यम से जरूर बताएं.
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