गांव में बुआ के बेटे से चुद गया- 1
(Gay Boy Gand Kahani)
गे बॉय गांड कहानी में मुझे गांड मरवाने का शौक था. मैं अपनी बुआ के घर गया तो उनके बेटे से मिला. वह रात को मेरे साथ ही सोया था. रात को उसने मुझे कैसे नंगा किया?
दोस्तो, कैसे हैं आप सब?
आशा करता हूँ आप सब अच्छे होंगे।
आप सब ने मेरी पिछली कहानी
मैंने चलती बस में गांड चुदवा ली
पर काफी प्यार दिखाया, मुझे बहुत अच्छा लगा ये देखकर।
ये मेरी उससे आगे की कहानी है।
जो दोस्त मेरी कहानी पर नए हैं, उनसे गुजारिश है कि वो मेरा पहला भाग पढ़कर ही इस कहानी को पढ़ें।
अब देर न करते हुए सीधा गे बॉय गांड कहानी पर आते हैं।
मैं अपनी बुआ के घर पहुँचा।
सब मुझे देखकर बहुत खुश हुए।
मैंने बुआ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, फिर बाकी बड़े लोगों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
बुआ मुझसे बोली, “तू थक गया होगा, जा जाकर नहा ले, फ्रेश हो जा और थोड़ा कुछ खाकर आराम कर ले। पूजा शाम की है, मैं तुझे उठा दूँगी।”
मैं अपनी बुआ के बारे में बता दूँ।
उनका नाम साधना है, उनकी उम्र 42 साल है और उनका बदन एकदम भरा हुआ है।
करीब 38 के उनके चूचे, 34 की उनकी कमर, 42-44 की उनकी भरी हुई मोटी गांड।
उन्हें देख कोई नहीं कह सकता कि वो 42 साल की हैं।
उन्होंने खुद को ऐसा बना रखा है।
बुआ के कहने पर मैं अपना सामान लेकर गया।
बुआ ने मेरे कजिन भाई, यानी अपने बेटे को मुझे रूम दिखाने को कहा।
उसका नाम रोहन था और वो मुझसे 5 साल छोटा था।
मैं उसके साथ ऊपर जाने लगा।
हम घर के सेकंड फ्लोर पर आए और वो मुझे एक कमरे में ले आया।
वो कमरा उसी का था।
उसने मुझसे कहा, “भैया, ये है मेरा कमरा, आप यहीं रुकेंगे।”
मैंने उससे कहा, “ठीक है.”
और वो मुझे कमरे में छोड़कर बाहर चला गया।
मैंने अपने बैग से एक लोअर, एक टी-शर्ट निकाली और अपना अंडरवियर लेकर बाथरूम में आ गया।
मैंने डोर बंद किया और कपड़े उतारकर नहाने लगा।
नहाने के बाद मैं बाहर आकर अपने कपड़े पहना और बेड पर लेटकर मॉम को फोन किया, उन्हें बता दिया कि मैं गांव पहुँच गया हूँ।
मैंने मॉम को बताया, “आपको यहाँ सब बहुत मिस कर रहे हैं।”
मॉम ने मुझसे कहा, “उन्हें कहना, मॉम जल्दी ही आप सब से मिलने आएगी।”
फिर मैंने फोन कट कर दिया और सो गया।
शाम को करीब 7 बजे मुझे रोहन ने आकर जगाया।
उसकी आवाज सुन मैं उठ गया।
उसने कहा, “भैया, उठ जाओ, पूजा आधे घंटे में शुरू होने वाली है। जल्दी से रेडी होकर नीचे आ जाओ।”
मैंने उससे कहा, “ठीक है, तू चल, मैं आता हूँ।”
वो मेरी बात सुनकर चला गया।
मैं बेड से उठा और मुँह-हाथ धोकर अपने बैग से एक शर्ट, पैंट और एक जैकेट निकालकर अपने कपड़े उतार उन्हें पहनने लगा।
मैं जल्दी से रेडी होकर नीचे चला गया।
नीचे गया तो देखा सब लोग आ चुके हैं।
मैं सबके साथ जाकर खड़ा हो गया।
थोड़ी देर बाद पूजा शुरू हो गई।
पूजा करीब 1 घंटे तक चली।
फिर सब अपने-अपने काम में लग गए।
घर के बड़े छत पर दारू पीने चले गए।
मैं और मेरा भाई रोहन बाहर ही सोफे पर बैठ गए और हम आपस में बात करने लगे।
थोड़ी देर बाद बुआ हमारे पास आई और उन्होंने हमसे कहा कि ये खाने का सामान ऊपर से लाओ।
मैं और रोहन उठे और अपने हाथ में दो-दो प्लेट्स लेकर छत पर जाने लगे।
हम छत पर आए और टेबल पर जाकर खाने का सामान रख दिया।
उन लोगों को देख मेरा भी पीने का दिल करने लगा।
रोहन ने मुझे दारू को ऐसे घूरते हुए देख लिया था।
खाना रखकर हम दोनों वापस नीचे आने लगे तो उसने मुझसे कहा, “भैया, आप ड्रिंक करते हो ना? आपका पीने का दिल कर रहा है।”
मैंने उसे देखा और कहा, “हाँ यार, इन सब को देख मेरा दिल कर गया।”
उसने कहा, “भैया, चलो मैं पिलाता हूँ आपको।”
मैंने कहा, “तू कैसे पिलाएगा?”
उसने कहा, “बस आप चलो मेरे साथ।”
उसके कहने पर मैं उसके साथ नीचे की ओर जाने लगा।
हम दोनों फर्स्ट फ्लोर पर आए और वो मुझे बुआ-फूफाजी के कमरे के पास ले आया।
हम दोनों कमरे के अंदर गए।
मैंने उससे कहा, “तू यहाँ क्यों लाया है मुझे, रोहन?”
उसने कहा, “बस आप बाहर ध्यान रखो, कोई आए तो बता देना।”
उसके कहने पर मैं दरवाजे के पास चला गया और बाहर देखने लगा, साथ ही उसे भी देखने लगा।
उसने फूफाजी की अलमारी खोली और उसमें से एक दारू की बॉटल निकाल छिपा ली और अलमारी बंद करके मेरे पास आ गया।
मैंने कहा, “तू पागल है, ये फूफाजी की है। उन्हें पता चला तो जान से मार देंगे हमें।”
वो बोला, “अरे भैया, इतनी सारी बॉटल पड़ी हैं, कुछ भी पता चलने वाला नहीं है। आप टेंशन मत लो, मैं हूँ ना।”
फिर हम दोनों जल्दी से वहाँ से निकल गए और हमारे कमरे में आ गए।
कमरे में आकर हमने डोर लॉक किया और बेड पर आके बैठ गए।
उसने मुझे बॉटल दी।
मैंने उसे खोला और ग्लास लेकर अपना पैग बनाने लगा।
मैंने देखा जब मैं पैग बना रहा हूँ तो रोहन की नजरें बॉटल पर टिकी हुई थीं।
मैंने उसे देखा और कहा, “तू भी पीता है?”
वो घबरा गया और बोला, “अरे नहीं नहीं भैया, मैं नहीं पीता।”
मैंने बिना कुछ कहे एक और ग्लास लिया और दोनों के पैग बनाकर उसे उसका ग्लास दिया।
उसने कहा, “अरे भैया, सच्ची मैं नहीं पीता।”
मैं बोला, “घबरा मत, पी ले। मैं किसी से नहीं कहूँगा और मुझसे भी डरने की जरूरत नहीं तुझे। चिल कर आराम से पी।”
उसने मेरे हाथ से ग्लास ले लिया।
मैंने उसके और अपने पैग में सोडा डाला और फिर हमने चीयर्स किया और दोनों पीने लगे।
मैंने देखा रोहन एक बार में पूरा पैग पी गया।
उसे देख मैं भी एक सांस में अपना पैग पी लिया।
ऐसे ही बैठे-बैठे हम बातें करते रहे और दारू पीते रहे।
धीरे-धीरे हम दोनों के ऊपर दारू का नशा चढ़ने लगा।
मैंने देखा तो हम आधी बॉटल खाली कर चुके थे।
मैंने अपने बैग से सिगरेट की डब्बी निकाली और उसमें से दो सिगरेट निकाल कर जलाई और एक रोहन को दे दी।
वो सिगरेट लेकर पीने लगा।
मैं भी अपनी सिगरेट पीने लगा।
मैंने पैग बनाया और हम सिगरेट पीते हुए दारू के घूँट मारने लगे।
दो पैग मारने के बाद हमने बॉटल वहीँ अपने कमरे में छिपाकर रख दी।
फिर रोहन ने मुझसे कहा, “भैया, हमारा नीचे जाना अब सही नहीं। हम यहीं पर खाना मँगा लेते हैं।”
मुझे भी उसकी बात ठीक लगी।
उसने बुआ को कॉल की और कमरे में ही खाना भेजने को कह दिया।
थोड़ी देर बाद बुआ की बेटी, जो मेरे उम्र की ही थी, हमारे लिए खाना लेकर आई।
उसका नाम कविता था।
मैंने उसे देखा और देखता ही रह गया।
मैं उससे 2-3 साल बाद मिल रहा था।
क्या बताऊँ दोस्तो, क्या माल बन गई थी वो!
टाइट लेगिंग्स, एकदम कसा हुआ टॉप, उसके करीब 36 के वो मोटे-मोटे चूचे, 30 की एकदम पतली कमर और 38 के लगभग उसकी गोल मोटी गांड।
कमरे में आकर उसने टेबल पर खाना रखा।
मेरी नजरें उसके मोटे चूचों को बुरी तरह से घूर रही थीं।
उसने मुझे उसके चूचे घूरते हुए देख लिया।
मुझे देख उसने स्माइल की और कहा, “कैसे हो मयंक?”
उसकी आवाज सुन मैं होश में आया और बोला, “मैं ठीक हूँ, तुम कैसी हो?”
उसने जवाब दिया, “तुम्हारे सामने ही हूँ, देख लो, एकदम फिट।”
मैं उसके जिस्म को घूरता हुआ कहा, “हाँ, बहुत सुंदर हो गई हो पहले से।”
तभी रोहन बोला, “भैया, खाना खा ले, ठंडा हो रहा है।”
मैं तो भूल ही गया था कि रोहन भी कमरे में है।
हम दोनों खाना खाने लगे और कविता हमें बोलकर चली गई, “और चाहिए हो तो कॉल कर देना।”
हम दोनों बैठकर खाना खाने लगे।
खाना खत्म होने के बाद हमने बर्तन अलग रखे और बैठ गए।
मैंने टाइम देखा तो रात के 11:50 हो चुके थे।
रोहन ने मुझसे कहा, “भैया, टाइम हो गया, कपड़े बदल लो।”
मैंने भी अपने बैग से लोअर-टीशर्ट निकाला और बाथरूम में चेंज करने चला गया।
मैंने जल्दी से कपड़े बदले और बाहर आ गया।
बाहर देखा तो रोहन भी लोअर-टीशर्ट पहन चुका था।
मैं बेड पर जाकर लेट गया।
रोहन मेरे बगल में लेटा था।
हम दोनों वैसे ही लेटे-लेटे बात करने लगे और थोड़ी देर बाद ही मुझे नींद आने लगी।
मैंने लाइट्स ऑफ कर दी और रोहन की तरफ कमर करके सो गया।
करीब 2:30 बजे मेरी आँख खुली, थोड़ी हलचल की वजह से!
मैं आँखें बंद किए रोहन की तरफ मुड़ा।
मेरे मुड़ने से वो थोड़ा घबरा सा गया था, पता नहीं क्यों।
मैं वैसे ही आँख बंद किए लेटा रहा।
जब रोहन को लगा मैं सो रहा हूँ, उसने रजाई के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और रजाई ऊपर-नीचे हिलने लगी।
मैं समझ गया, रोहन लंड हिला रहा है।
वो आँखें बंद किए तेजी से अपने लंड को हिला रहा था।
मेरे बदन में गर्मी चढ़ने लगी।
अब मेरा दिल उसका लंड देखने को कर रहा था।
थोड़ा सोचने के बाद मैंने करवट बदली और रोहन की तरफ कमर कर ली।
दो मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद मैंने अपनी गांड को पीछे को किया, जिससे मेरी गांड रोहन की जांघ से टकरा गई।
मैं वैसे ही रुक गया।
2-3 मिनट तक रोहन ने कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं की।
मुझे लगा ये कुछ नहीं करने वाला।
तभी मुझे उसका हाथ अपनी गांड पर महसूस हुआ।
मेरा दिल एकदम खुश हो गया।
रोहन थोड़ा आगे आया और देखा मैं सो रहा हूँ कि नहीं।
मैं आँखें बंद किए लेटा रहा।
उसने मुँह कंधों से पकड़ थोड़ा हिलाया, पर मैं बिना कोई प्रतिक्रिया किए वैसे ही लेटा रहा, जिससे उसे लगा मैं सो चुका हूँ।
वो धीरे-धीरे मेरी गांड को लोअर के ऊपर से सहलाने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
वो डरता हुआ वैसे ही ऊपर से सहलाता रहा।
जब उसे लगा हाँ मैं गहरी नींद में हूँ, वो अपना हाथ मेरे लोअर के अंदर ले जाने लगा।
मेरी साँसें तेज होने लगीं।
धीरे-धीरे उसका हाथ अंदर आया और वो मेरी नंगी गांड को अपने हाथों से पकड़ सहलाने लगा और गांड की दरार में लोअर के ऊपर से ही अपना लोड़ा भी घिस रहा था।
मेरा तो दिल कर रहा था मुड़ के भर लूं इसका लंड मुँह में अपने।
मैंने देखा अब रोहन धीरे-धीरे मेरे लोअर को नीचे ला रहा है।
मैं भी वैसे ही लेटा रहा और उसने मेरा लोअर मेरे घुटनों तक उतार दिया।
उतारते ही वो पीछे लेट मुझे धीरे से बाहों में भर लिया और मेरे टी-शर्ट के अंदर हाथ ले जाने लगा।
मेरी साँसें तेज होती गई।
उसका हाथ टी-शर्ट के अंदर आया और वो मेरी निप्पल को सहलाता हुआ पीछे से मेरी गांड पर अपने लंड को घिसने लगा।
मैं बेकाबू होने लगा।
वो लगातार लंड घिसता हुआ निप्पल को सहलाता रहा।
5 मिनट बाद उसने अचानक मेरी गर्दन पर अपने होंठ रख दिए और मेरी गर्दन पर होंठों को फिराने लगा।
मुझसे रहा नहीं गया और मेरी सिसकी निकल गई, “उम्म्म आआ आह्ह।”
रोहन मेरी सिसकी सुनते ही उसे पता चल गया मैं जाग रहा हूँ।
इसलिए अब वो बिना डरे मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरी निप्पल मसलते हुए अपने लंड को गांड पर घिसता गया और मुझसे बोला, “उम्म म्म, कैसा लग रहा है भैया?”
मैं झट से घूमा और उससे लिपट उसके होंठों को चूमने लगा।
वो भी मेरी गांड को हाथों में थाम मसलता हुआ मुझे चूमने लगा।
मैं उसकी टी-शर्ट उतार फेंक दिया और वो भी मेरी टी-शर्ट और अपने पैरों से मेरे घुटनों पे फँसा लोअर उतार मुझे पूरा नंगा कर दिया।
मैं भी रजाई में हाथ डाल उसका लंड पकड़ लिया। उफ्फ, क्या लंड था उसका, मेरे तो मुँह में पानी आ गया।
पकड़ते ही मैं लंड पकड़ ऊपर-नीचे हिलाने लगा।
वो मेरी गांड मसलने लगा और हम दोनों एक-दूसरे को डीप थ्रोट किस देने थे।
“उम्मम्म आआ उम्म आम्म उम्मम्म, रोहन कैसी लगी तुझे मेरी गांड?”
रोहन बोला, “उम्मम्म उम्महां भैया, लड़कियों से भी मस्त गांड है आपकी।”
इतना बोल वो गांड पे थप्पड़ लगा दिया.
मैंने भी उसका लंड पकड़ मसल दिया।
10 मिनट की किस के बाद रोहन ने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी गर्दन पर, कान पर, हर जगह जीभ फिराने लगा।
मैं उसके बाल सहलाने लगा, “आआ अह्ह उम्मम्म आआअ ह्ह रोहन, फक मी बेबी प्लीज़ आआ आआह्ह।”
रोहन बोला, “उम्मम्म भैया, फक यू सो हार्डर टुडे आआ उम्मम आउम्ममम बेबी।”
रोहन गर्दन चूमता हुआ गर्दन पर बाइट करने लगा, जिससे मेरी साँसें तेज होने लगी, “ओह गॉड आआ अह्ह आ आअह ह्ह फक्क बेबी आआ आआ ह्हह्ह, काटो मत रोहन आ आआ आह्ह।”
फिर रोहन नीचे आया और मेरी निप्पल को चूसने लगा।
मैं उसके बाल सहलाने लगा, “आआ अह्ह् फक कक्क ओह माई गॉड बेबी, तुम पागल कर दोगे मुझे आआअ ह्ह्ह।”
रोहन निप्पल चूसता हुआ उसपे बाइट करने लगा और दाँतों से निप्पल को खींचने लगा।
मैं पागल सा हो गया और तड़पने लगा, “ओह आआ उह आह्ह आआ अह्ह आआ आआह्ह रोहन प्लीज धीरे आआ आआ हह्ह बेबी … प्लीज़ खींचो मत आ आआ आह्ह्ह।”
रोहन भी अब मूड में आ चुका था।
वो चूसता हुआ बोला, “उम्मम्म म्मम्म जान, कितने मस्त निप्पल हैं तेरे और ये लेफ्ट वाली का तो कहना ही नहीं, ये तो बिल्कुल लड़कियों जैसा मोटा निप्पल है।”
मैं आहें भरते हुए बोला, “चूस ले जी भर के।”
वो मेरी मोटी निप्पल को चूसने लगा और बाइट करता रहा.
और मैं उसके जिस्म को सहलाता हुआ बोला, “आआह मेरे राजा, और कितना तड़पाएगा मुझे, जल्दी से दे देना अपना लंड मुझे।”
उसने मेरी निप्पल छोड़ दी और मेरे बदन को चूमता हुआ नीचे जाने लगा।
वो मेरे पेट के करीब आया और उसने अपनी जीभ मेरे डीप नेवल में डाल दी और गोल-गोल घुमाने लगा।
उसके ऐसा करने से मेरा बदन सिहर उठा।
मैं उसके बालों को पकड़ा और कमर ऊपर उठा दी हवा में, “आआ आआह फक क्क आआह ह्ह्ह … रोहन ऐसा मत कर प्लीज़ … आआआ आह्ह्ह रुक जा प्लीज।”
उसने मेरी एक नहीं सुनी और जीभ गोल-गोल घुमाता रहा, “उम्म उम्मम्म मयंक मेरी जान, आज तो खा जाऊँगा तुझे अअ ह्ह साले, क्या जिस्म पाया है तूने मादरचोद।”
उसकी गालियाँ में मुझे बहुत सुकून मिल रहा था।
मैं अपनी कमर हिलाता हुआ उसके बालों को सहला रहा था, “उम्मम्म अअह उम्म उह्ह्ह हउ ह्ह आह्ह ओह गॉड, मेरा बदन पूरा जल रहा है जान।”
रोहन ने अपनी जीभ निकाली और नीचे आने लगा।
वो मेरी टाँगों के बीच आया और मेरी जाँघें चाटने लगा और बॉल्स सहलाने लगा।
“आह्ह्ह रोहन, आई लव यू जान आह्ह।”
रोहन मेरी जाँघों को चाटता और काटता, मुझे भी उसके काटने से मजा आ रहा था।
5 मिनट बाद रोहन उठा और मेरे ऊपर आके लेट गया।
मैंने उसे कस के बाहों में जकड़ लिया।
हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और वो आगे-पीछे होता हुआ अपना लंड मेरे लंड पर रगड़ने लगा।
मैं भी गांड उठा-उठा के उसका साथ देने लगा, “आह्ह उम्म म्म्म आआ आउम्म आउम्म उम्मम्मम्म।”
पूरे कमरे में हमारे चूमने की आवाज गूंजने लगी।
5-7 मिनट लगातार एक-दूसरे को चूमने के बाद हम रुक गए।
मैंने रोहन को कमर से पकड़ अपने ऊपर से साइड में लेटाया और मैं उसकी टाँगों के बीच बैठ उसकी गर्दन पर चूमने लगा।
वो मदहोश होने लगा, “उम्मम्म आआ ह्ह्ह बेबी, यू आर सो हॉट, चाटो मुझे ऐसे ही।”
मैं चूमता हुआ उसके दोनों हाथ पकड़ ऊपर कर दिया और झट से अपनी जीभ उसके राइट आर्मपिट (बगल) पे लगा दी और चाटने लगा।
वो मेरे ऐसा करने से तड़पने लगा और मेरा सर पकड़ दबाने लगा, “आआ ह्हह्ह आह्ह ओह्ह गॉड मयंक आह्ह बेबी करते रहो आआ आह्ह।”
मैं भी उसकी दोनों आर्मपिट को अपनी जीभ से बारी-बारी चाटने लगा।
“आउ मम्म आआउ म्म उम्म म्म्म जान।”
मैंने दोनों आर्मपिट को अच्छे से चाटा और फिर उसके पेट को चाटता हुआ नीचे जाने लगा।
मैं उसकी टाँगों के बीच आ गया और मैंने अपने ऊपर रजाई डाल दी।
मैं रजाई के अंदर घुस उसके जाँघों पे जीभ फिराता हुआ उसके लंड के करीब जाने लगा।
वो आराम से लेटा रजाई के अंदर हाथ डाल मेरे बालों को सहला रहा था।
गे बॉय गांड कहानी जारी रहेगी.
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