बस में मिले अंकल का लंड चूसा
(Gay Oral Porn Kahani)
गे ओरल पोर्न कहानी में मैंने बताया कि कैसे मुझे बस में एक अंकल मिले, उनकी बीवी परलोक जा चुकी थी. वे लंड मसल रहे थे. मुझे मन हुआ कि मैं उनका लंड चूस लूं.
दोस्तो, मेरा नाम मंगेश है.
आपको मेरी पिछली सेक्स कहानी
मैंने अपना पहला लंड कैसे चूसा
बहुत पसंद आई.
इसलिए मैंने सोचा कि मैं आपको बताऊं कि मैंने बस में मिले एक अंकल का लंड रात भर कैसे चूसा.
जिन पाठकों को मेरे बारे में नहीं पता, मैं अपने बारे में बता दूँ. मैं 26 साल का एक साधारण लड़का हूँ, मेरा कद 5.8 इंच है, फिट हूँ, सीधा-साधा दिखने वाला और नरम स्वभाव का हूँ.
मेरा बदन गोरे रंग का है और पूरे बदन पर एक भी बाल नहीं है, पता नहीं कैसे!
इस गे ओरल पोर्न कहानी में मैं आपको वह घटना बताने जा रहा हूँ, जब मैं अपने गांव जा रहा था.
मेरे परिवार के सभी सदस्य पहले ही वहां जा चुके थे.
मैं अपने कॉलेज की परीक्षाओं में व्यस्त था इसलिए उनके साथ नहीं जा पाया.
लेकिन परीक्षा खत्म होने के बाद मैंने अकेले बस से गांव जाने का फैसला किया.
दिसंबर का समय था.
बस में ज्यादा भीड़ नहीं थी इसलिए मैं पीछे की तरफ जाकर विंडो सीट चुनकर बैठ गया.
मैं कोई मूवी देखकर सोने के मूड में था.
बस निकलने ही वाली थी कि तभी एक अंकल आकर मेरे बगल की सीट पर बैठ गए.
वे लगभग 60-65 साल के थे, एक सामान्य दिखने वाले आदमी थे.
मैंने उनकी तरफ देखा, थोड़ा मुस्कुराया और कुछ देर बाद बस चलने लगी.
करीब एक घंटे बाद बस चालक ने लाइट बंद कर दी और कुछ यात्री सोने लगे.
मैं जाग रहा था और अपने फोन पर एक फिल्म देख रहा था.
अंकल भी जाग रहे थे और अपने फोन का उपयोग कर रहे थे.
मुझे लगा कि वह फोन में अपनी पत्नी की तस्वीरें देख रहे थे.
तो मैंने पूछ लिया- अंकल, क्या ये आपकी पत्नी हैं?
उन्होंने जवाब दिया- हां, तीन साल पहले उनका निधन हो गया था!
उन्होंने जो बताया उसके अनुसार वह अब गांव में अकेले रहते थे और शहर में अपने बेटे से मिलने आए थे, जो वहां काम करता था.
हम दोनों उनके जीवन के बारे में बात करने लगे.
उन्होंने बताया कि वह एक बैंक प्रबंधक थे और कई साल पहले रिटायर हो गए थे.
उन्होंने गांव में एक सुंदर घर बनाया था, जहां उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद वे रहने चले गए और अब वहीं जीवन व्यतीत कर रहे थे.
कुछ समय बाद हम बहुत मिलनसार हो गए और ऐसे बात करने लगे जैसे लंबे समय से खोए हुए दोस्त हों, जो सालों बाद मिले हों!
उन्होंने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने विषय टाल दिया.
धीरे-धीरे उन्होंने फिर से यही पूछा तो मैंने कहा- नहीं, अभी तक कोई लड़की नहीं मिली!
वे मुस्कुरा दिए.
कुछ ही देर में मुझे नींद आने लगी और मैं सो गया.
कुछ 10-15 मिनट बाद मुझे अहसास हुआ कि कुछ मेरे शरीर से रगड़ रहा है.
मैंने धीरे से अपनी आंखें खोलीं और देखा कि अंकल अपने हाथों से अपने लंड को रगड़ रहे थे.
मैं दंग रह गया, वह मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हैं!
मैंने उनका हाथ हटाया और कहा- सॉरी, मैं बहुत थका हुआ हूँ.
अंकल- मैं अब कंट्रोल नहीं कर सकता! तुम बहुत अच्छे लड़के हो, अभी तक किसी ने मुझसे इतनी अच्छी तरह बात नहीं की थी.
मैं उनकी साफगोई से हैरान भी था और खुश भी था.
अंकल मेरे बारे में अच्छी-अच्छी बातें करते रहे और फिर अचानक से मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड को मसलवाने लगे.
मुझे भी मजा आने लगा था. उनका लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं था पर बहुत ही कड़क हो गया था, एकदम लोहे की रॉड जैसा.
मुझे भी अब उनका लंड देखने की चुल मच गई थी.
अंकल को भी अब तक पता चल गया था कि मेरी हां है क्योंकि मैं उनके लंड के साथ लगातार खेल रहा था.
मुझे उनके लंड को पैंट के बाहर से मसलने में मजा आ रहा था.
जैसे आटा गूँथा जाता है, मैं वैसे ही उनके लंड को जोर-जोर से रगड़ने लगा था.
अंकल के मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं भी अब रुक नहीं पा रहा था.
मैंने उनसे कहा- अपना लंड बाहर निकालो!
उन्होंने तुरंत अपनी पैंट की जिप खोली और अपना लंड बाहर निकाल दिया.
हालाँकि बस में अंधेरा था, लेकिन फिर भी मैं उनके लंड का सुपाड़ा देख सकता था.
ये कोई सामान्य 5 या 5.5 इंच का लंड ही था, पर इसकी गोलाई लगभग 2 इंच थी … इतना मोटा था!
मैं उनके लंड को देखकर चौंक गया.
वे 60-65 साल के थे, लेकिन उनका लंड किसी 28 साल के जवान जैसा था.
उनके लंड का टोपा अंधेरे में रत्न की तरह गुलाबी-गुलाबी चमक रहा था.
अंकल के लंड का टोपा उनके प्रीकम से गीला हो गया था. मुझे वह चाटना था.
तभी उन्होंने मुझसे कहा- मुझे हैंडजॉब दे दो, मैं खुश हो जाऊंगा!
लेकिन मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.
मैंने उनसे कहा- अपनी आंखें बंद करो और जो मैं कर रहा हूँ, उसका आनन्द लो!
मैंने एक उंगली से उनके लंड के टोपे पर जो प्रीकम था, उसे अपनी उंगली पर लिया और चाट लिया.
वह एकदम नमकीन और चिपचिपा था, उसका टेस्ट मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
मैंने अपनी उंगली से वह पूरा प्रीकम चाट लिया और उनके लंड के टोपे पर अपनी उंगली फिराने लगा.
मैंने एक हाथ से उनके लंड को रगड़ना शुरू कर दिया.
मैं धीरे-धीरे उनके लंड की मालिश कर रहा था और अपना हाथ व उंगली उनके लंड पर ऊपर-नीचे कर रहा था.
उनका सुपाड़ा माणिक की तरह चमक रहा था.
मैंने चारों ओर नजर दौड़ाई, कोई देख नहीं रहा था क्योंकि हम आखिरी सीट पर बैठे थे.
मुझे उनका लंड चूसना था.
मैं झुक गया और उनके लंड को अपने गले में उतार लिया.
अंकल चौंक गए … उन्होंने अपनी आंखें खोल दीं और वह दृश्य देखकर हैरान रह गए.
फिर उन्होंने अपने हाथ मेरे सिर पर रख दिए और मेरे बालों से खेलने लगे.
मैं उनके लंड को अपनी जीभ से चाट रहा था.
वह कराहने लगे लेकिन बस पूरी गति से चल रही थी और खिड़कियां खुली थीं, इसलिए कोई हमें सुन नहीं पा रहा था.
वे बहुत उत्तेजित हो गए थे और उन्होंने मेरे सिर को अपने हाथ से धक्का देना शुरू कर दिया.
मैं सोच रहा था कि वह अब निकलने वाले हैं, लेकिन उनमें शायद अभी भी काफी स्टेमिना बची थी.
मैं उनके प्रीकम को अपने मुँह में महसूस कर सकता था.
वीर्य का स्वाद मीठी-खट्टी मलाई जैसा था.
उन्होंने अपने हाथ मेरी टी-शर्ट के नीचे रख दिए और मेरे निप्पलों से खेलने लगे.
इससे मैं और उत्तेजित हो गया.
मैं उनका लंड और मजे से चूस रहा था, बीच-बीच में हल्का सा काट देता, तो वह और जोर से मेरा सिर दबा देते.
मैं एकदम लॉलीपॉप की तरह उनका लंड चूस रहा था जैसे मैं उसकी चमड़ी चाटकर खा जाऊंगा.
मैं उनके गुलाबी लंड के सिर को काटने लगा ताकि उनकी मदमस्त सिसकारियां सुन सकूँ.
वे मेरे निप्पलों को भी सहला रहे थे और उनके साथ खेल रहे थे.
उनका स्पर्श जादू के समान था!
मैंने पौना पहना हुआ था, इसलिए मैंने उसे हटा दिया और अपना लंड निकाल लिया. मैं मास्टरबेशन करने लगा.
उन्होंने ये देखा तो वे मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगे.
इस वक्त मैं उनके लंड को चूस रहा था और वे मुझे मास्टरबेशन का मजा दे रहे थे.
वे झड़ने वाले ही थे कि उन्होंने बस को स्टॉप पर मुड़ते हुए देखा, इसलिए हमें जो कुछ भी कर रहे थे, उसे रोकना पड़ा.
हम तुरंत सीधे बैठ गए, लेकिन जो हुआ, उसके बाद हम अपना आपा खो चुके थे.
कंडक्टर ने कहा- बस यहां 30 मिनट रुकेगी!
ये सुनते ही अंकल ने मुझसे कहा- बाथरूम में मुझसे मिलो!
हम दोनों ने जो शुरू किया था, उसे पूरा करने की योजना बनाई.
सभी के बस से उतरने के बाद हम बाथरूम में गए.
वहां अंग्रेजी शौचालय था इसलिए जैसे ही मुझे मौका मिल गया.
मैं बाथरूम में गया.
अंकल भी पीछे-पीछे आ गए.
जैसे ही वे अन्दर घुसे, उन्होंने मुझे मेरी कमर से पकड़ लिया और चूमने लगे.
मैं भी मूड में था, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ा और मुझे लिप किस करने लगे.
उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे निप्पलों को चूसने लगे.
उन्होंने अपना हाथ मेरे लोअर में डाल दिया और मेरे लंड को मेरे अंडरवियर के ऊपर से मसलने लगे.
मैं भी उत्तेजित हो गया.
मैंने उनका विरोध नहीं किया व उनकी शर्ट और पैंट उतार दी.
यह पहली बार था जब मैंने उनका पूरा लंड देखा.
यह बहुत सुंदर था और उनके गोटे लगभग नींबू के आकार के इतने बड़े थे जैसे वह मेरे लिए सारा वीर्य जमा करके रख रहे हों.
वे कमोड सीट पर बैठ गए और मैंने घुटनों के बल बैठकर उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मैं पागलों की तरह उनका लंड चूस रहा था. पूरा बाथरूम उनकी मादक कराह सुन सकता था!
उन्होंने मेरा सिर पकड़ लिया और अपने लंड को मेरे गले में दबाना शुरू कर दिया.
मुझे पता था कि वह अपना माल छोड़ने वाले हैं.
मैं भी उनका सारा माल पीने के लिए उत्सुक था.
उनके झटके तेज-तेज होते जा रहे थे. पूरे बाथरूम में ‘ग्वाक ग्वाक’ की आवाज सुनाई दे रही थी.
मैंने मन में ठान लिया था कि आज मैं सारा वीर्य पी जाऊंगा!
मुझे उसकी चटक लग गई थी.
उनके झटके और तेज हो रहे थे और एकदम से उन्होंने मेरा सिर अपने लंड पर दबा दिया और सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया.
उनका माल गर्म और मलाईदार था.
जैसे उन्होंने मेरे लिए ही संभाल कर रखा था.
मैंने उसे चाव से पी लिया और उनके लंड को चूस-चूसकर साफ कर दिया.
उनका लंड अभी भी पूरा तना हुआ था, एकदम गर्म लोहे की तरह.
शायद उन्हें बहुत सालों बाद ऐसा कुछ करने का मौका मिला था, इसलिए उनका लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं था! मैं उनके गठीले बदन को चाटने लगा.
वे लगभग 60 साल के थे पर उनका शरीर अभी भी किसी जवान लड़के जैसा था.
मैंने उनके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और साथ ही उनके लंड को हिलाने लगा.
ये देखकर वह और उत्तेजित हो गए.
मैं बीच-बीच में उनके मम्मों को काट लेता.
उन्होंने एक हाथ से मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया.
उनके मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- ओह येस … और जोर से … आह येस.
यह सुनकर मैंने भी अपनी रफ्तार तेज कर दी और वे भी मेरा लंड जोर-जोर से हिलाने लगे.
मुझसे अब रहा नहीं गया और मेरा पूरा माल उनके हाथों में निकल गया.
उन्होंने उसे अपने लंड पर लगाया और मुझसे कहा- इसे चूसो!
मैं पहले थोड़ा हिचकिचाया, पर सोचा- चलो ये भी ट्राई कर लेते हैं!
क्योंकि पहली बार मैं किसी मर्द के सामने पूरा नंगा खड़ा था.
उन्होंने कहा- अब दूसरे तरीके से ट्राई करते हैं!
इस बार वह खड़े हो गए और मेरा मुँह चोदने लगे.
पूरे बाथरूम में फिर से ‘ग्वाक ग्वाक’ की आवाजें गूँजने लगीं.
उनका लंड था कि जवाब देने का नाम ही नहीं ले रहा था.
अंकल पूरी ताकत से मेरा मुँह ऐसे चोद रहे थे जैसे मेरा मुँह किसी रंडी की चूत हो!
मैं भी पूरे मजे से उनका लंड मुँह में ले रहा था.
मेरे मुँह की पूरी लार मेरे चिकने बदन पर गिर रही थी.
मैं एक हाथ से उस मुखरस को अपने निप्पलों पर रगड़ रहा था.
इस सब से मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया.
मैं उसे हिलाने लगा.
करीब 4-5 मिनट बाद उन्होंने इशारा किया कि वह अपना माल छोड़ने वाले हैं.
मैं भी झड़ने वाला था.
मेरा पूरा मुँह सुन्न पड़ गया था.
मैंने उनसे कहा- मेरे पूरे चेहरे पर अपना माल उतार दो!
उन्होंने वही किया और मेरा पूरा चेहरा अपने माल से रंग दिया.
उनका वह गर्म-गर्म माल मेरे चिकने चेहरे पर मस्त सा स्पर्श दे रहा था.
मैं भी उसी समय झड़ गया.
उनका पूरा वीर्य मेरे चिकने मुँह पर गर्म-गर्म सा महसूस हो रहा था.
मैंने अपना फोन निकाला और एक सेल्फी ले ली, ये सोचकर कि न जाने अंकल फिर कब मिलेंगे.
वे मुझे चुपचाप देख रहे थे.
मैं उनकी आंखों में देखते हुए पूरा माल उंगलियों से चाट-चाटकर पी गया.
उनका लंड अब शांत हो गया था.
मैंने आखिरी बार उसका किस लिया, ये सोचकर कि बाद में मिलें न मिलें.
हमने खुद को साफ किया और एक-एक करके बाहर आ गए.
इस सब में कब 45 मिनट बीत गए, हमें पता ही नहीं चला और हमें इस बात की भनक तक नहीं लगी.
हमने पूछा तो पता चला कि हमारी बस निकल गई थी और अगली बस सुबह 9 बजे निकलेगी.
मैं टेंशन में आ गया.
मेरा और अंकल का पूरा सामान बस में ही था.
तभी वहां के अधिकारियों ने कहा- कोई बात नहीं, हम आपका सामान लास्ट स्टॉप पर रखवा देंगे. आप वहां जाकर ले सकते हैं.
पर अब हम दोनों सोचने लगे कि पूरी रात कहां बिताएं.
तभी एक अधिकारी ने कहा- यहां पास में एक होटल है, वहीं रुक जाओ!
मेरी आंखों में मानो चमक आ गई.
मेरा अंकल से चुदने का मन था.
मैंने अंकल को मनाया और हम होटल चले गए.
वहां जाकर मैं पहली बार कैसे चुदा, ये मैं आपको अगली गे सेक्स कहानी में बताऊंगा.
कृपया मुझे बताएं कि आपको यह गे ओरल पोर्न कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.
मेरी ईमेल आईडी है
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