मक्खन सी चिकनी कुंवारी गांड मारी
(Hindi Gay Sex Story)
हिंदी गे सेक्स स्टोरी में मैंने अपने ऑफिस में नए आये गोरे चिकने लड़के की गांड मारी. वह मेरे रूम में ही रहता था. एक रात उसने मेरा लंड पकड़ लिया.
दोस्तो, मैं करण, दिल्ली मयूर विहार से हूँ. मेरी जॉब अहमदाबाद, गुजरात में है. इसलिए मैं अहमदाबाद में किराए के फ्लैट में रहता हूँ.
ये कहानी उस समय की है जब मैं जॉब के लिए अहमदाबाद आया था.
यह हिंदी गे सेक्स स्टोरी लगातार तीन साल तक एक लड़के की गांड चुदाई की कहानी है.
आप इस सेक्स कहानी में पढ़ेंगे कि उसे मैंने कैसे तीन साल 2017 से 2020 तक रंडी की तरह चोदा.
मेरी उम्र उस समय करीब 34 साल थी. मस्त बॉडी और मेरा लंड भी मस्त, मोटा और लंबा है.
उस वक्त मैं किराए के एक कमरे वाले फ्लैट में अकेला रहता था.
मेरी यहां कोई जान-पहचान नहीं थी, तो मैं अकेला ही रहता था और पूरा किराया मुझे ही देना पड़ता था.
एक दिन मैंने सोचा कि अगर एक या दो लड़कों को साथ रख लूँ, तो किराया आपस में बंट जाएगा … इससे मेरा खर्चा भी कम हो जाएगा और साथ में रहने से बातचीत करके अच्छा भी लगेगा.
मैं अपने कमरे के लिए किसी पार्टनर को ढूँढने लगा.
लेकिन तीन महीने बीत गए … कोई ढंग का पार्टनर नहीं मिला.
मेरा खर्चा बढ़ता ही जा रहा था.
एक दिन मैं अपनी कंपनी की कैंटीन में दोस्तों के साथ खाना खा रहा था.
तभी एक दोस्त ने बताया कि उसके डिपार्टमेंट में एक नया लड़का जॉइन हुआ है जो किराए का रूम ढूँढ रहा है.
मेरे दोस्त ने मेरी मुलाकात उस लड़के से करवाई.
उसका नाम साहिल था, जो इलाहाबाद का रहने वाला था.
पहले वह हिमाचल प्रदेश में जॉब करता था लेकिन यहां अच्छी सैलरी और पैकेज मिलने के बाद वह अहमदाबाद शिफ्ट हो गया.
साहिल की उम्र करीब 25 साल थी. मस्त गोरा बदन, पतली लड़की जैसी कमर, सुनहरे बाल और नीली-नीली आंखें.
यार सच में साहिल के सामने तो अच्छी-अच्छी लड़कियां भी फीकी पड़ जाएं!
उसी दिन ड्यूटी खत्म करने के बाद मैं साहिल को अपना रूम दिखाने ले गया.
मेरा फ्लैट सातवीं मंजिल पर था, जहां से पूरा शहर दिखता था.
साहिल को रूम देखते ही पसंद आ गया.
उसने साथ रहने के लिए हां बोल दिया.
हमने आधा-आधा किराया तय कर लिया.
अगले दिन साहिल अपना कुछ सामान और कपड़े लेकर मेरे साथ रहने आ गया.
मेरे फ्लैट में एक बेडरूम, एक हॉल और किचन था.
मेरा बेड बड़ा था, जो मकान मालिक का था.
मैं बेडरूम में सोता था.
साहिल नया था, उसके पास न बेड था और न गद्दा.
उसने कहा कि सैलरी आने पर वह हॉल में गद्दा खरीदकर नीचे सो जाएगा.
तब तक वह जमीन पर एडजस्ट करने को तैयार था.
लेकिन मैंने उसे मना कर दिया और कहा कि नहीं नहीं … तुम जमीन पर सोओगे और मैं आराम से बेड पर? ये ठीक नहीं है! वैसे भी मेरा बेड डबल बेड है, हम दोनों आराम से सो सकते हैं. तेरी अभी नई जॉब लगी है, नया गद्दा खरीदने की जरूरत नहीं. हम दोस्त हैं, सब साथ में करेंगे.
यह सुनते ही साहिल मेरे गले से लग गया और थैंक्यू बोलने लगा.
वह बेड पर मेरे साथ सोने को तैयार हो गया.
यार क्या बताऊं … जब साहिल पहली बार मेरे गले लगा तो उसका कोमल चिकना बदन … आह मेरे लौड़े में तो मानो करंट दौड़ गया!
मैं तो खुशी के मारे फूला नहीं समा रहा था.
हम दोनों एक ही कंपनी में जॉब करते थे और अब साथ रहने का सैटअप भी हो गया.
खाने के लिए दिन में कंपनी कैंटीन और रात को रूम पर टिफिन वाले भैया का इंतजाम था.
पूरे दिन की ड्यूटी के बाद रूम पर खाना खाकर हम दोनों थोड़ी गपशप करते, मस्ती करते और इधर-उधर की बातें करते.
मैं उम्र में बड़ा था, तो साहिल मुझे भैया कहकर बुलाता था.
बातें करते-करते हम दोनों एक ही बेड पर सो जाते थे.
ऐसे ही करीब दो हफ्ते बीत गए.
एक रात साहिल ने शायद कोई बुरा सपना देख लिया.
वह बहुत डर गया और पसीने-पसीने हो गया.
मैंने उसे पानी दिया, शांत किया और पूछा- क्या हुआ?
उसने बताया कि दिन में उसके डिपार्टमेंट में कोई भूत-प्रेत की कहानी सुनकर आया था, जिससे वह रात को डर गया.
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं होता!
लेकिन वह बहुत डरा हुआ था … तो मैंने उसे अपनी छाती से लिपटा लिया और सुलाने की कोशिश की.
साहिल भी मेरी बॉडी से एकदम वाइफ की तरह चिपक कर लेट गया.
साहिल का चिकना, मखमली बदन … मैं क्या कहूँ … कैसे खुद पर कंट्रोल करूँ … कुछ समझ ही नहीं आ रहा था.
मेरी बॉडी में आग लग रही थी.
साहिल की पूरी बॉडी मेरी बॉडी से चुंबक की तरह चिपकी थी.
मेरा तना हुआ मोटा लंड साहिल की बॉडी को टच कर रहा था.
मेरे से अब एक पल भी नहीं रहा जा रहा था.
फिर भी मैंने थोड़ी देर उसे ऐसे ही अपने सीने से लिपटा कर सुलाने की कोशिश की.
क़रीब ऐक डेढ़ घंटे के बाद साहिल जब मेरे सीने से लिपटा रहा, तब उसको नींद आई.
साहिल अभी नींद में भी मुझसे लिपटा पड़ा ही था.
उसका हाथ मेरी छाती पर था और उसकी नींद खराब न हो इसलिए मैंने उसको हटाया नहीं.
कुछ देर के बाद मैं भी उसके साथ लिपट कर ही एक कंबल में साथ में सोने की कोशिश करने लगा था लेकिन मुझे नींद नहीं आई तो मैं आंखें बंद करके लेटा रहा.
जब आधी रात हुई तो थोड़ी देर के बाद अचानक साहिल का हाथ मेरी छाती पर से धीरे धीरे लोअर के ऊपर से ही मेरी चड्डी पर आ गया.
मुझे लगा शायद नींद में उसका हाथ सरक रहा होगा … उसकी नींद खराब न हो, इसलिए तब भी मैंने उसको हटाया नहीं.
फिर कुछ मिनट बाद साहिल का हाथ सीधा मेरे लंड पर आ गया.
मैं सोने का नाटक करने लगा.
साहिल भी शायद जाग रहा था … उसको लगा कि जैसे मैं गहरी नींद में सोया हूँ.
तो साहिल ने धीरे से मेरी चड्डी में हाथ डाल लिया और थोड़ी देर लंड को पकड़ कर सोने का नाटक करने लगा.
मैं भी साथ में सोने का नाटक कर रहा था.
थोड़ी देर बाद सोहिल उठा … और मुझे पता न चले ऐसे करते हुए उसने मेरी चड्डी को धीरे धीरे नीचे सरका लिया.
जब उसने मेरा लंड मोटा 8 इंच का लंबा लंड देखा तो पागल सा हो गया.
मुझे अब पता चल गया था कि साहिल गांडू है और उसको लंड चाहिए.
तभी साले ने भूत प्रेत वाली कहानी सुनाई और बहन का लौड़ा मेरे सीने से लिपटा हुआ था.
लेकिन मैं भी चुपचाप आंखें बंद करके उसकी हरकतों को देख रहा था.
कुछ देर तक मेरा लंड सहलाने के बाद साहिल को लगा कि मैं गहरी नींद में हूँ और मुझे कोई अहसास नहीं हो रहा है … तो वह हल्के से मेरा लंड चूसने की कोशिश करने लगा.
उह्ह्ह … यार मेरा गर्म गर्म लंड साहिल के मुँह में जाते ही और भी ज्यादा तन गया.
साहिल को मुँह में मेरा लंड लिए करीब 5 मिनट से ऊपर हो चुका था.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, तो मैंने दोनों हाथों से साहिल के सिर को पकड़ा और पूरा लंड उसके गले तक उतार दिया.
मैं उसके मुँह को चोदने लगा.
मुझे यह करता देख कर साहिल थोड़ा शर्मा गया था … लेकिन तभी मैंने उसको उठाया और गले से लगा के लिप-किस करने लगा.
एक मिनट बाद मैंने उससे कहा- अब से तू मेरा माल है … मेरी वाइफ है समझ गया न! बोल मेरी वाइफ … मेरा माल बनेगी न!
तो साहिल ने झट से हां कह दिया और उसने भी मुझे लिप किस करना चालू कर दिया.
इस तरह से मुझे चोदने के लिए एक मस्त माल मिल गया था.
मैं बहुत खुश हो गया था.
अब पूरी लाइन क्लियर थी.
मैंने साहिल के पूरे चिकने मखमली बदन को किस करते हुए उसको पूरा नंगा कर लिया.
उसकी गांड तो जैसे रूई के तकिए ही तरह कोमल थी … ऐसी तो लड़कियों की भी नहीं होती.
मैं उसकी गांड सहलाते हुए सोचने लगा कि इसको चोदने में तो बहुत मजा आएगा.
सच में मेरे लंड ने भी क्या किस्मत पाई है.
साहिल तो पहले से मेरी चड्डी उतार चुका था तो मैंने उसके मुँह में लंड ठूंस दिया और उसके दूध सहलाते हुए उसके मुँह को चोदने लगा.
मेरा लंड उसके हिसाब से कुछ ज्यादा ही बड़ा था और काफी मोटा भी था.
साहिल की गांड अभी तक सीलपैक थी.
तो मुझे समझ आ गया कि अगर मैं इसकी गांड चोदूंगा, तो पहली बार इसे दर्द भी होगा और शायद यह रोएगा भी!
उस वक्त तो साहिल खूब मजे से मेरा लंड पूरा अन्दर-बाहर करके चूस रहा था.
करीब 15 मिनट तक गर्म-गर्म लंड चुसवाने के बाद मेरा वीर्य निकल गया.
जब वीर्य निकला, तब मेरा लंड पूरा साहिल के गले तक अन्दर था.
साहिल को शायद मेरा वीर्य पीना था, तो उसने पूरा वीर्य निकलने तक मेरे लंड को मुँह में रखा, एक भी बूंद बेकार नहीं जाने दी!
मेरा लंड थोड़ा ठंडा हुआ और वीर्य निकलने के बाद ढीला भी हो गया था.
मैंने साहिल को दस मिनट तक रेस्ट दिया.
इसके बाद मैंने फिर से लंड चूसने को कहा और वह झट से लंड चूसने लगा.
पांच मिनट में मेरा लंड फिर से तन गया.
अब मैंने साहिल को बेड पर उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड सहलाने लगा.
आह क्या मस्त रूई जैसी गोरी चिकनी गांड थी उसकी!
मैंने उसकी गांड को चूमा और उसकी गांड के छेद को देखने लगा.
उसकी गांड का छेद बहुत छोटा था क्योंकि साहिल अभी कुंवारा था लेकिन उसे बड़े लंड से गांड फड़वाने का मन था.
मैंने साहिल को मिशनरी पोजीशन में लेटा दिया और ढेर सारा नारियल का तेल उसकी गांड के अन्दर और बाहर, छेद की चमड़ी पर लगा दिया.
साथ ही मेरे बड़े मोटे 8 इंच के लंड को भी नारियल तेल से नहला दिया.
फिर मैंने साहिल के चूचे दबाते हुए उसकी गांड के छेद पर अपने लंड का बड़ा काला सुपारा रख दिया.
वह कुछ समझ पाता कि मैंने जोर से एक धक्के में आधा से ज्यादा लंड … करीब 5 इंच तक, साहिल की गांड के छेद में पेल दिया.
मेरा लंड उसकी गांड की चमड़ी को चीरता फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
साहिल जोर से चिल्ला उठा- उई मां, मर गया … उफ्फ आह!
वह दर्द भरी आवाजें निकालने लगा.
मैंने तुरंत अपनी मूत की बूंदों से सनी चड्डी उसके मुँह में ठूंस दी!
साहिल अब मेरी चड्डी की खुशबू से और भी मदहोश होने लगा था.
इधर मेरा आधा लंड साहिल की गांड चीरकर अन्दर घुसा हुआ था.
मैंने दो-तीन मिनट तक साहिल की गांड को मेरा लंड महसूस करवाया और वैसे ही लंड डाले रखा.
अब जब साहिल थोड़ा शांत हुआ और उसकी गांड का दर्द कम हुआ, तब मैंने उसके आंसू पौंछे और उसे चूमा.
फिर धीरे-धीरे सात-आठ बार लंड अन्दर-बाहर किया.
साहिल की गांड में चीरा लग गया था और थोड़ा खू.न भी निकल आया था.
लेकिन मैंने उसे ये अभी बताना उचित नहीं समझा.
मैंने सोचा कि पूरा चोदने के बाद आखिर में बताऊंगा, नहीं तो साला चोदने ही नहीं देगा.
मेरा 5 इंच तक का लंड साहिल की गांड में घुस चुका था, अब बारी थी पूरा 8 इंच लंड घुसाने की!
मैंने लंड का सुपारा गांड में रहने दिया और बाकी हिस्सा थोड़ा बाहर निकाला.
फिर से लंड और साहिल की गांड पर नारियल का तेल डाला.
साहिल के मुँह में मेरी चड्डी फिर से ठूंस दी! साहिल समझ गया था कि इस बार उसकी गांड की खैर नहीं!
मैंने साहिल के दोनों पैर फैला दिए.
मेरे लंड का सुपारा अभी तक साहिल की गांड में घुसा था.
अब मैंने एक और झटके के साथ 6 इंच तक लंड अन्दर घुसा दिया.
साहिल की गांड बहुत टाइट थी इसलिए लंड पूरा अन्दर नहीं जा रहा था.
लेकिन अब मैं रुकने वाला नहीं था!
तुरंत एक और तीसरे झटके में पूरा 8 इंच लंबा मोटा लंड साहिल की गांड फाड़कर अन्दर घुस गया.
साहिल चिल्ला तो सकता नहीं था, पर उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे जो बता रहे थे कि उसकी गांड में कितना दर्द हो रहा है.
मैंने उसके आंसुओं की परवाह न करते हुए झटके लगाना शुरू कर दिए.
अब मैं लंड अन्दर-बाहर करने लगा.
साहिल की मखमली रुई-सी गांड में मेरा लोहे जैसा लंड उसकी गांड चीर रहा था!
वह दर्द के मारे खुद को हटाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वह मुझसे उम्र में बहुत छोटा था इसलिए मेरी पकड़ से छूट नहीं पाया.
मैं साहिल का चिकना बदन और गांड देखकर पूरी हवस में आ चुका था.
मैंने गांड की चुदाई करना जारी रखी.
उसकी गांड से अब कुछ-कुछ बूंदें खू.न की आने लगीं.
मेरा लंड उसकी गांड को मिशनरी पोजीशन में करीब 25 मिनट तक चोदता रहा.
आखिर में जब वीर्य निकलने वाला था, तब मुझे और जोर आ गया और 15 से 20 झटके ऐसे लगाए जैसे कोई बकरे की बोटी काट रहा हो!
उधर साहिल की हालत बहुत खराब हो चुकी थी. लेकिन मैं भी क्या करता, साहिल ने ही मुझे उकसाया था!
उसकी गांड मेरे लंड को झेल नहीं पा रही थी, तो मैंने बिना कुछ सोचे पूरा लंड उसकी गांड में झटके के साथ वीर्य भी छोड़ दिया!
जब लंड बाहर निकाला, तो लंड पर खू.न, चादर पर खू.न था.
साहिल की पूरी गांड सूजी हुई खू.न से लथपथ थी.
मैंने साहिल के मुँह से मेरी चड्डी निकाली, तो साहिल मुझे उलाहना देने लगा.
‘आह कितना बड़ा लंड और पहली बार में इतनी हार्ड चुदाई!’
मैंने उसे थोड़ी देर के लिए अपनी बांहों में भर लिया और खूब किस किया.
उसे बुखार आ गया था तो मैंने पेनकिलर और बुखार की दवाई दी.
साहिल की गांड की सील अब टूट चुकी थी इसलिए वह चल नहीं पा रहा था.
मैं उसे सहारा देकर बाथरूम तक ले गया.
बाथरूम में देखा तो उसकी गांड पूरी फट गई थी, खू.न से भरी थी.
हम दोनों ने पानी से साफ किया और साहिल को सुला दिया.
अगले दिन साहिल जॉब पर भी नहीं गया क्योंकि उसकी गांड फट गई थी और दर्द की वजह से वह चल नहीं पा रहा था.
शाम को जब मैं रूम पर आया तो साहिल के लिए आइसक्रीम और कुछ फ्रूट ले आया.
मैंने उसे गले लगाया, किस किया और पूछा- कैसा है मेरा बच्चा?
मेरे इतना कहते ही साहिल मुझसे लिपट गया और बोला- मैं हमेशा तुम्हारा बनके रहूंगा! प्लीज मुझे छोड़ मत देना!
मैंने कहा- साहिल, हम कभी साथ नहीं छोड़ेंगे, जब तक तुम न कहो!
फिर मैंने एक और किस किया और उसे गले लगाया.
पूरे दिन आराम के बाद साहिल का दर्द अब कम हो चुका था और उसकी गांड का दर्द भी नहीं था.
फिर हमने हॉल में टीवी देखते हुए साथ में खाना खाया और दोनों करीब 11 बजे सोने के लिए बेडरूम में आ गए.
मैंने साहिल को साफ-साफ बोल दिया- अब दो दिन तक कोई सेक्स नहीं, कोई चुदाई नहीं!
जवाब में साहिल बोला- ठीक है, आप मत करना चुदाई, लेकिन मैं तो आपका लंड चूसे बिना नहीं सोने वाला! अब मुझे ये रोज चाहिए!
ये सुनकर मैं खुशी के मारे पागल हो गया!
फिर साहिल ने अगली रात करीब साढ़े ग्यारह बजे मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैंने पांच-दस मिनट तक कंट्रोल किया, फिर साहिल को नंगा करके उल्टा लिटाकर चुदाई शुरू कर दी.
इस बार साहिल को दर्द कम हुआ और मजा खूब आया.
दूसरी रात को मैंने साहिल को तीन बार चोदा क्योंकि उसकी गांड इतनी गोरी और चिकनी लग रही थी कि बार-बार चोदने का मन करता था.
दूसरी रात की तीन बार चुदाई के बाद अब साहिल की गांड और उसका होल मेरे लंड से सैट हो गया.
अब हम दोनों रोज रात को चुदाई करते.
वीकेंड पर खासकर रविवार की छुट्टी में, हम शनिवार की पूरी रात, रविवार पूरा दिन … और रविवार की रात तक फुल चुदाई करते.
हिंदी गे सेक्स के कारण अब घर की याद भी नहीं आती थी और घर जाने का मन भी नहीं करता था.
ऐसे ही करीब तीन साल तक मैं साहिल को चोदता रहा.
मैंने उसे बहुत-बहुत चोदा.
साहिल की गांड भी चुदाई करवाते-करवाते मेरे बड़े लंड को लेने के लिए बड़ी हो गई थी.
लेकिन साहिल के पापा का देहांत हो गया और घर में कोई बड़ा नहीं था तो साहिल को जॉब छोड़कर अपने घर इलाहाबाद वापस जाना पड़ा.
जब वह मुझसे दूर हो रहा था, मानो मेरी आत्मा और जान को ले जा रहा हो … ऐसा अहसास हो रहा था.
हम दोनों अलग मजहब से थे, लेकिन हमारे दिल एक हो चुके थे.
लेकिन सच्चा प्यार और सच्ची दोस्ती हमेशा बलिदान मांगती है.
साहिल को अपनी फैमिली के लिए जाना पड़ा.
अब हम एक-दूसरे को मिस करते हैं, याद करते हैं.
साहिल कभी कॉल करता है, तो वह मुझे याद करके रो देता है.
इसलिए मैं उसे याद तो करता हूँ, लेकिन कॉल करने से डरता हूँ, कहीं मैं कमजोर न हो जाऊं और साहिल को भगा ले जाऊं.
साहिल अपनी फैमिली के साथ खुश रहे, इसलिए मैं अब ज्यादा कॉल भी नहीं करता.
हिंदी गे सेक्स स्टोरी पसंद करने वाले जरूर अपने विचार लिखें.
धन्यवाद.
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