मनीष से मनीषा बन कर गांड चुदवाने का मजा

(Men Sex Men Kahani)

मनीष 4 लव 2022-09-10 Comments

मैन सेक्स मैन कहानी में पढ़ें कि मेरा इंटरेस्ट लड़कों में भी होने लगा तो मैं लड़कों से ऑनलाइन चैट करने लगा. एक लड़का मेरे शहर में आया तो मैं उससे मिला.

दोस्तो, आज मैं आपके साथ अपनी एक सेक्स कहानी शेयर कर रहा हूँ जो एक सच्ची घटना है.

मैं नागपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 29 साल है.
वैसे मेरा रंग एकदम साफ है, मेरी गांड भी गोल शेप में है.

पिछले कुछ सालों से मेरा इंटरेस्ट लड़कों में भी होने लगा है.
अब तक अपने इस नए मैन सेक्स मैन शौक के चलते मैं बहुत से लोगों से ऑनलाइन चैट कर चुका था.

जब ये सिलसिला शुरू हुआ था तो पहले मैं चैट में केवल टेक्स्ट मैसेज करता था.
फिर धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ी तो वॉइस चैटिंग करने लगा.

जब मेरी प्यास बढ़ने लगी तो वीडियो कॉल पर भी मैं अपनी गांड का प्रदर्शन करने लगा.
इसी बीच मैंने अपनी मस्त गांड की फोटो भी एक इंडियन गे साइट्स पर भी पोस्ट कर दी.

अब मेरी प्यास और तड़प बढ़ने लगी.
मैं किसी से मिलने के लिए काफी बेताब हो गया था.

इसी बीच मेरी मुलाकात एक साइट पर एक लड़के अजय से हुई जिसकी उम्र 21 साल थी और वो भी मुझसे मिलने का इच्छुक था.

चूंकि मैं अजय से कुछ महीने से बात कर रहा था. इसलिए उसकी और मेरी जमने लगी थी.

कुछ दिन बाद अजय ने बताया कि वो नागपुर आने वाला है और अगर मैं चाहूं तो हम दोनों मिल सकते हैं.

उसकी ये बात जानकर मैं बड़ा खुश हुआ.
ये तो मेरे दिल की होने वाली थी.

खैर … मैंने उसे हां कह दी और उसके आने का इन्तजार करने लगा.

अजय के बताए दिन और समय पर मैं उस होटल में आ गया जहां अजय रुका हुआ था.
होटल में आकर मैंने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अजय ने दरवाजा खोला और सीधा मुझे अन्दर खींच लिया.

मैं कुछ समझ पाता तब तक वो मुझसे लिपट गया.
वो बोला- ओह मनीष यार, बहुत मन था तुमसे मिलने का, मुझे तुम्हें बाहों में लेकर मज़ा आ रहा है.

मैंने भी अजय को टाइटली पकड़ा और कहा- हां यार अजय, तड़प तो मैं भी रहा था. आज मैं बस तुम्हारा हूं, तुम मेरे साथ जो चाहो करो, मैं मना नहीं करूंगा.

अजय मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
मुझे न जाने कैसा चैन सा मिलने लगा.

मैं आज अपनी मन की मुराद पूरी होती हुई देख रहा था और महसूस कर रहा था.
मेरे अन्दर से मुझे ऐसा लगने लगा था कि जो मैं चाहता था, वो आज मुझे मिल गया है.

अजय के हाथ मेरी कमर पर लगातार चल रहे थे और उसका कड़क होता लंड मुझे मेरी लुल्ली पर रगड़ता हुआ सा महसूस होने लगा था.
मैंने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया.
वो मेरे हाथ से एकदम से गनगना गया और उसी पल उसने अपना हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया.

वो मुझे भींच कर बोला- क्या सच में मनीष, मैं तुम्हारे साथ जो चाहूं कर लूं, तुम मुझे मना तो नहीं करोगे और न रोकोगे!
मैं बोला- हां अजय, आज बस हम दोनों हैं और मैं बस तुम्हारा हूं. मुझे जैसे चाहते हो इस्तेमाल कर लो.

अजय ने मेरी टी-शर्ट ऊपर करके निकाल दी और बोला- तो सुनो फिर … मुझे मालिक बोलो … और बताओ क्या तुम अपने मालिक के लिए तैयार हो मनीष?
मैं- जी मेरे मालिक, आपका ये गुलाम तैयार है.

अजय बोला- आज तुम मेरे गुलाम नहीं मेरी दासी हो.
मैंने कहा- जी मेरे सरताज, मैं आपकी दासी हूँ.

पहली बार मैंने औरत होने का अहसास किया था.

अजय मेरे बदन को चूमने लगा, वो मेरे मम्मों को दबाने लगा.

मुझे उसके स्पर्श से मजा आने लगा.
ऐसा लगा ही नहीं कि मैं इससे पहली बार मिल रहा हूँ.
मेरे अन्दर की औरत जाग गई थी और अपने पहले मर्द का संसर्ग करने के लिए मैं उतावली हो उठी थी.

कुछ देर बाद अजय ने मुझसे उसका बैग खोलने को कहा.
मैंने खोला.

उसने अपने बैग से एक रस्सी निकाली और मेरे हाथ आगे करके बांध दिए.
मैंने कहा- उफ्फ अजय … मेरे मालिक ये क्या कर रहे हो?

अजय- आज तुझे बहुत मज़ा आने वाला है मेरी मनीषा.
आह कितना सुखद नाम लगा था मनीषा … मैं उस पर बारी हो गई थी.

अजय ने मेरी जींस का बटन खोला और मेरी अंडरवियर के साथ मेरी जींस भी खोल दी.
मैं, अजय के सामने एकदम नंगी खड़ी हो गई थी.

उफ्फ … आज पहली बार मैं किसी मर्द के साथ नंगी होकर चुदने खड़ी थी.
अजय ने मुझे बहुत प्यार से देखा और फिर मेरी छोटी सी लुल्ली और बॉल्स को पकड़ कर दबाने लगा.

मेरे अन्दर एकदम से सनसनी सी दौड़ गई और मुँह से निकल पड़ा- अहह … आह मेरे मालिक … मैं आपकी दासी हूँ.

मैं कराहने लगी और अजय बड़े प्यार से आराम से धीरे धीरे मेरे लंड और बॉल्स को मसलने लगा.

मेरी लुल्ली में तनाव आने लगा और वो किसी पतली सी लकड़ी सी सख्त हो गई.

अजय मेरे पीछे आ गया और मेरी गांड से आकर चिपक गया- उफ्फ यार मनीषा, क्या मस्त गांड पाई है तूने मेरी जान!

उसने मेरी गांड पर एक साथ 20-25 चुम्मियां करते हुए जब ये कहा तो मैं मचल गई-उफ्फ आह उफ मालिक, मेरे बदन में सिरहन होने लगी है.

तभी मेरे मर्द अजय ने एकदम से मेरी गांड पर एक चांटा मारा.
‘आऊच … उफ्फ … मालिक … अहह … कितना प्यार कर रहे हो!’

मैं सिहर उठी.
मेरी कामुक आवाज़ ने अजय को और पागल कर दिया.

अब अजय में मुझे पैर फैला कर झुकने को कहा.
मैंने वैसा ही किया.

अजय ने मेरी गांड पर एक और चांटा मारा.
‘अहह उफ्फ्फ … आऊच … मेरे सरताज.’
मैं एकदम से उछल पड़ी थी.

अजय ने मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए कहा- क्यों मेरी जान, अपनी मखमल सी गांड पर दर्द हो रहा है न!

मैंने कहा- अहह मेरे मालिक … ये दर्द नहीं है … मुझे आपके प्यार पर दिल आ रहा है. सच में जान बहुत मज़ा आ रहा है मेरे सरताज.
बस फिर क्या था … अजय ने अपने बैग से एक पैडल निकाला और मुझसे कहा तो मनीषा फिर सीधी खड़ी हो जाओ और अबकी बार गिनती भी करना.

जैसे ही मैं सीधी हुई, ताड़ की आवाज़ मेरी गांड से आई और मेरी गांड पर एक पैडल आकर चिपक गया.
‘आह ओऊच उफ्फ्फ उफ्फफ ओह्ह मेरे मालिक 1 …’

अजय ने फिर दूसरा स्ट्रोक लगा दिया.
‘अहह उफ्फफ 2 मेरे मालिक.’

अजय ने एक के बाद एक, रुक रुक कर मेरी गांड पर सटासट 10 बार मारा और अब मेरी गांड दुःखने लगी.
उसी समय उसने मेरी लुल्ली को पकड़ कर मथना शुरू कर दिया.

कुछ ही देर में मेरी लुल्ली से पानी की धार, जो प्रीकम का चिकना पानी होता है, टपकने लगा.

अजय ने पास रखी एक ब्रेड पर मेरे लंड से वो पानी साफ किया और ब्रेड मेरे मुँह में रख दी.
मैं उसे खा गया.
मुझे अपनी लुल्ली के रस से सनी ब्रेड का स्वाद काफी अच्छा लगा.

वो बोला- कैसी लगी ब्रेड?
मैंने कहा- मजा तो आया पर तुम्हारी गाढ़ी मलाई ब्रेड में लगी होती तो और मजा आता.

वो बोला- चल कुछ देर बाद तुझे वो स्वाद भी मिल जाएगा.
ये कह कर वो मेरी गांड में उंगली डालने लगा.

मैंने कहा- अहह … आज सच में बहुत मज़ा आ रहा है मालिक.

अजय ने अपने कपड़े खोल दिए और पूरा नंगा हो गया.
उसने मुझसे कहा- चल मेरी रंडी अब बेड पर लेट जा. मैं बाथरूम करके बस अभी वापस आया.

जैसे ही अजय बाथरूम के दरवाजे तक पहुंचा.
मैंने उसे आवाज़ दी- मालिक सुनो. आज मेरा गला सूख रहा है. क्या मुझे आपके नमकीन जूस का स्वाद मिल सकता है?

अजय ने एक बार मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए मेरी तरफ आते हुए बोला- अरे मेरी चिकनी मनीषा, चल तैयार हो जा.

मैं तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गया.
अजय मेरे पास आया और उसने अपना 7 इंच का लौड़ा मेरे मुँह के ऊपर लगा दिया.

मैंने अजय का लंड अपने मुँह में ले लिया और उसके टोपे पर जीभ फेरने लगी.

वो बोला- तो मनीषा मेरी जान अमृत पीने को तैयार हो न!
मैंने कहा- जी मालिक. आप धार मारो न.

‘तो फिर लो …’

उफ्फफ … अजय का एकदम गर्म गर्म पेशाब का नमकीन पानी मेरे मुँह में आने लगा था.

ऐसे ही मैं अजय का लौड़ा चूसने लगी.
उसके लंड से गर्म गर्म पेशाब मुझे मजा दे रही थी.

जितनी पेशाब मेरे मुँह में जाती उसे मैं पी जाती और बाकी की पेशाब मेरे सीने पर गिरती, जिसे मैं मजे से अपनी छाती पर मल लेती.

करीब 5 मिनट में अजय का लौड़ा मेरे मुँह की गर्मी से फनफनाने लगा.

मैंने अजय की जांघ पकड़ रखी थी और अजय मेरे मुँह की चुदाई कर रहा था.

कुछ देर बाद अजय मेरे मुँह में ही झड़ गया, उसकी मलाई जैसा वीर्य अब मेरे मुँह में था.

अजय बुरी तरह से हांफ रहा था और मैं उससे चिपकी हुई थी.

मैंने उसके वीर्य को अपने मुँह में भर रखा था. मुझे उसका गाढ़ा रस ब्रेड पर लगा कर खाने का मन कर रहा था.

वो मुझसे अलग हुआ तो मैंने एक और ब्रेड उठाकर उस पर अपने मुँह में भरा वीर्य उगल दिया और जीभ से ही ब्रेड पर फैला कर ब्रेड खा ली.
अजय मेरी तरफ वासना से देख रहा था.

थोड़ी देर बाद अजय और मैं साथ में बाथरूम गए, मैंने अपना मुँह साफ किया और अजय ने अपना लौड़ा.

इसके बाद हम दोनों नंगे ही बेड पर आ गए.
अजय मुझसे चिपका हुआ था और धीरे धीरे मेरी गांड के होल में उंगली डाल रहा था.

पर हम दोनों थक चुके थे.

अब अजय खुद उल्टा लेट गया और मुझे इशारे से अपनी गांड चाटने को कहा.
मैं भी तुरंत उठ कर अजय की गांड चाटने लगी.

उसकी गांड से एक अजीब सी महक आ रही थी जो मुझे और मदहोश कर रही थी.
कुछ देर बाद अजय सीधा हुआ और मैंने उसके लौड़े को मुँह में ले लिया.

उसका लौड़ा एक बार फिर तन गया.

अजय ने साइड से एक कंडोम उठाया, पर मैंने कहा- मेरे मालिक, इसकी कोई ज़रूरत नहीं है.

अजय ने मुझे स्माइल दी और मुझे गांड ऊंची करके घोड़ी बनने को कहा.

मैंने वैसा ही किया.

अजय ने मेरी गांड पर बहुत सारी वैसलीन लगा दी.
फिर उसने अपने लौड़े को मेरी गांड के छेद पर सैट करके बोला- मनीषा जान क्या तुम तैयार हो?
“जी मेरे मालिक मेरी गांड को आज बेरहमी से चोद दो.”

अजय ने एक ही झटके में अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड में पेल दिया.
‘आओ ऊच्छ … उफ्फफफ अहह … आ आ मालिक मेरी फट गई … उफ्फ आह अहह.’

मैं एकदम से उछल पड़ी और अजय मेरी चिल्लपौं को अनसुना करता हुआ मेरी गांड में धक्के दे देकर मुझे चोदने लगा.

थोड़ी ही देर में गांड रंवा हो गई. अब मुझे और अजय को बहुत मज़ा आ रहा था.
कुछ ही देर ऐसे चोदने के बाद अजय ने अपना सारा माल मेरी गांड में ही निकाल दिया.

मैन सेक्स मैन के बाद हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.

ये मेरी सच्ची मैन सेक्स मैन कहानी है. आपको पसंद आई तो मुझे मेल व कमेंट से प्रोत्साहित करें.
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