मेरी गांड चुदाई पड़ोसी भैया के साथ
(My Ass Sex Kahani)
माय एस्स सेक्स कहानी में मैं अपनी गांड के आशिक से रोज चुद रहा था. उसने बताया कि हमरे एक पड़ोसी भी मेरी गांड मारना चाहते हैं. तो मैंने मना नहीं किया.
दोस्तो, मैं एक बार फिर से अपनी गांड की चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी: मैंने सहपाठी से गांड मराई
मेरी गांड के पुराने आशिक आशीष के घरवाले दो हफ्तों के लिए बाहर गए थे और उसका छोटा भाई भी गर्मियों की छुट्टियों में उसके नाना के घर गया था.
हम दोनों के लिए ये दो हफ्ते जन्नत की तरह बीते.
इन दो हफ्तों में उसने मेरी 15 बार चुदाई की.
और इन्हीं दो हफ्तों में मैंने एक बूढ़े अंकल के साथ भी संभोग किया.
मतलब इन दो हफ्तों में मैं फुल टू रंडी बन चुका था.
अंकल वाली सेक्स कहानी कभी और दिन बताऊंगा, आज आशीष भैया के साथ वाली गे सेक्स कहानी का मजा लिख रहा हूँ, आप आनन्द लीजिए.
सभी लंड और गांड वालों को नमन करते हुए माय एस्स सेक्स कहानी में आगे बढ़ता हूँ.
दो दिन बाद आशीष के घर वाले आने वाले थे.
पर आशीष तो बिना किसी चीज की फिक्र किए मेरे ऊपर चढ़ा हुआ था.
मेरी दोनों टांगें पलंग से नीचे लटक रही थी, वह मेरी पैंटी पहले ही फाड़ चुका था.
मैं सिर्फ एक ब्लाउज में था, मैंने बिंदी और लिपस्टिक पर लगा रखी थी.
आशीष किसी ड्रिल मशीन की तरह मुझ पर लगा हुआ था.
उसने एक महीने में मेरी गांड का छेद बहुत बड़ा कर दिया था.
अब मैं जब भी जींस पहनता हूं तो मेरे पीछे के दो खरबूजे एकदम टाइट लगते हैं.
हमारा पलंग बहुत जोर से हिल रहा था पलंग चूं चूं कर रहा था और मैं आन्ह्ह आन्ह कर रहा था.
फिर उसने मेरे दोनों पहाड़ों पर हाथ रखा और मेरी चूचियों को मसलने लगा.
ब्लाउज के ऊपर से भी उसके हाथ बहुत कड़क लग रहे थे.
मेरे बूब्स भी तन गए थे.
आशीष के हाथ समझ गए थे कि अब इन्हें खुलने की जरूरत है.
मैं- अन्ह उई अन्हहा आशीष … इन्हें आजाद कर दो.
आशीष ने मेरा ब्लाउज खोल दिया.
मेरे सुडौल बूब्स जिन्हें आशीष ने अपने हाथों से रगड़ रगड़ कर बड़ा किया है, मेरे ब्लाउज से निकल कर बाहर आ गए.
आशीष के दोनों हाथों ने फिर से इन्हें दबोच लिया और वह मेरी चूचियों को भींचता हुआ मेरी गांड मारने में पिल पड़ा.
अब आशीष अपनी चरम पर था.
कुछ धक्कों के बाद वह झड़ गया- आ आ आह मेरी रानी, मेरा माल तेरे गोदाम में जा चुका है!
यह बोलकर वह मेरे ऊपर लेट गया.
उसका गर्म माल मैं एक बार फिर से अपनी गांड में महसूस कर रहा था.
मैं- कल फिर इसी समय पर!
आशीष- क्या बात है मेरी रानी, अब तो तू पक्की रंडी बन गई है.
मैं इतराते हुए बोला- हां मुझे तो अभी और बहुत बार चुदवाना है!
आशीष- मुझे याद आया कि पड़ोस वाले भैया भी तेरा पूछ रहे थे.
यह तो उसने मेरे मन की बात कह दी थी.
आशीष- अगर तेरा मन हो तो मैं पूछ कर आऊं क्या? वे अकेले ही रहते हैं … तेरी मजे से लेंगे!
मैं शर्माते हुए बोला- तुझे इससे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है?
आशीष- तेरी जवानी है, मुझे कैसे प्रॉब्लम होगी … और तो तू जितना चुदती जाती है … साली उतनी खूबसूरत होती जाती है मेरी जान … चल तू अपना छेद सहला, मैं अभी आया!
आशीष इतना बोल कर कपड़े पहन कर पड़ोस के भैया के पास चला गया.
मैं भी खुद को संवारने लगी. ब्रा और टी-शर्ट और एक टाइट लैगी पहन कर दुबारा से रेडी हो गई.
कुछ मिनट बाद पड़ोस वाले भैया रूम में आ गए.
उनका नाम राहुल था.
मैं शर्माने लगी.
राहुल- अरे मुझसे मत शर्माओ, मेरा भी एक ब्वॉयफ्रेंड है तुम्हारे जैसा.
मैंने शर्माते हुए कहा- मैं थोड़ी अलग हूं.
राहुल- देखते हैं कितनी अलग हो तुम?
उन्होंने मुझे पलंग पर से अपनी गोदी में उठा लिया. मेरी तो अभी से ही सांस फूलने लगी थी.
उनका शरीर बड़ा कड़क था और हाथ भी ऐसा सख्त मानो बस अभी ही जिम से आए हों.
वे मुझे उठा कर अपने फ्लैट पर लेकर जाने लगे.
आशीष का और राहुल भैया का फ्लैट आपस में लगा हुआ ही था.
राहुल भैया ने मुझे सोफे पर बिठाया और अपने घर की कुंडी अन्दर से लगा दी.
मैं बहुत एक्साइटिड था. मुझे नया लंड मिलने वाला था. मेरा गला और मेरी गांड दोनों सूख चुकी थी.
उन्होंने अपनी टी-शर्ट उतारी और अपनी बॉडी दिखाई.
मैं देखता ही रह गया, क्या एब्स थे उनके!
मैंने अपना हाथ लिया और उनकी बॉडी को टच करने लगा.
उन्होंने बड़ी गंदी लैंग्वेज में कहा- आज तो तेरी गांड की खुदाई कर दूंगा साली रंडी … तुझे दो हफ्तों से ताड़ रहा था. तेरी जींस का पीछे का भाग देख कर कोई भी समझ जाएगा कि तू कितनी बड़ी रंडी है. अगर तुझे किसी सन्यासी के साथ एक कमरे में बंद कर दिया जाए तो वह भी तुझे चोद देगा.
अपने बारे में ऐसे शब्द सुनकर मुझ में और उत्तेजना जाग गई.
मैंने अपने होंठों को दातों से दबाकर एक नॉटी स्माइल दी और कहा- देखते हैं इस राजा में कितना दम है!
वे सोफे पर मेरे साइड में आ गए और टी-शर्ट के ऊपर से ही अपने हाथों से मेरे बूब्स मसलने लगे.
टी-शर्ट और ब्रा के ऊपर से ही भैया के हाथ कड़क और गर्म लग रहे थे.
मैं समझ गया था कि आज मेरी खैर नहीं. मैंने गलत मर्द से पंगा ले लिया है.
उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर मेरे होंठों की चुम्मी लेना शुरू कर दी. इतने जोर के चुम्मे तो आशीष भी नहीं लेता था.
अब वह मेरे ऊपर चढ़ गए थे.
वे मेरी लैगी के ऊपर से ही मेरे चूतड़ों को सहला रहे थे.
उसके बाद वे मेरे पेट को सहलाने लगे.
मेरी तो यही सब करवा कर मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
‘आआ आआ आहा उम्म्ह्ह!’
उनके हाथ मेरी कमर पर आ गए थे
उन्होंने दोनों साइड से मेरी कमर पकड़ी और मुझे खींच कर लेटा दिया.
फिर उन्होंने अपनी चड्डी में से अपना लंड निकाला.
आह … उनका 8 इंच का मोटा लंड देख कर ही पसीना आ गया. मेरी जुबान बाहर निकल गई.
वे समझ गए थे कि मेरी गुफा को मोटे सांप की जरूरत है.
वे मेरे सीने पर बैठ गए और उन्होंने अपना लंड मेरे दोनों होंठों के बीच डाल दिया.
उम्म्म उम्म्ह्ह्ह …
अब उन्होंने जोर से धक्का दिया तो एक ही बार में उनका लंड मेरे गले तक चला गया.
मेरी सारी नलियां खुल गईं.
वे मेरे मुँह को धकापेल चोदने लगे.
उनका लंड मेरे मुँह को पूरा वाइब्रेट कर रहा था और उनके झटकों से मेरे बूब्स भी वाइब्रेट हो रहे थे.
कुछ देर मुँह चोदने के बाद वे नीचे आ गए और मेरी लैगी को खोलने लगे.
उन्होंने मेरी आधी लैगी सरका दी और मेरी ओर देखकर बोले- क्या हुआ रांड? बोलती क्यों बंद हो गई तेरी?
मैं सच में कुछ नहीं बोल पाया.
मेरे होंठ अभी भी लपलपा रहे थे.
कुछ ही पलों में उन्होंने मेरी पूरी लैगी उतार कर अलग कर दी और मुझे सोफे के ऊपर बैठा दिया.
इसके बाद उन्होंने मेरी दोनों टांगें खोलीं और मेरे ऊपर आकर अपना लंड मेरे चूतड़ों की खाई में डाल दिया.
वे मेरी आंखों में देख रहे थे और मैं भी एक जंगली बिल्ली की सी नजरों से उन्हें देख रहा था.
मैंने उनसे कहा- मेरा छेद काफी बड़ा हो चुका है, अब आप इसको चोद कर चरम सीमा तक का मजा दे दो!
उन्होंने कहा- रंडियों की कोई चरम सीमा नहीं होती!
इतना कह कर वे फिर से मेरे होंठों पर किस करने लगे और उनके लंड की रगड़ मेरी गांड पर मिल रही थी.
उन्होंने कहा- तुम चौपाया बन जाओ … मैं सांड की तरह तुम्हारे ऊपर चढ़ूंगा.
मैंने ऐसा ही किया.
मैं सोफे पर चौपाया बन गया, पर मेरे ऊपर चढ़ने के बजाए वे मेरे नीचे दोनों टांगों के बीच से होकर मेरे दूध की ओर आए और मेरे मम्मों पर उनका मुँह आ गया.
मैं समझ गया कि अब इन्हें मेरे बूब्स चूसने हैं.
मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी.
उन्होंने अपने मुँह से पकड़ कर मेरी ब्रा नीचे कर दी.
मेरे दोनों थन लटक रहे थे तो उन्होंने अपना मुँह ऊपर किया और जुबान से मेरे चूचियों को चाटने लगे.
फिर वे एक दूध को काटने भी लगे.
मैं चिल्लाई- आंहा उम्मम अन्हा आय हयेई!
वे मेरे बूब्स चूस रहे थे और चूसते हुए ही उन्होंने कहा- आह तेरे बूब्स बड़े ही कमाल के हैं. मैंने आज तक किसी लड़की के भी ऐसे दूध नहीं चूसे!
मैंने अपने बूब्स चुसवाते हुए कहा- तो आपने लड़कियों की भी ले रखी है?
राहुल ने कहा- लड़के लड़कियां भाभी सभी की!
मैंने उनसे पूछा- मेरी गांड को अगर रैंक करना हो तो कहां रखोगे?
राहुल ने कहा- तेरी गांड तो रंडी भाभियों की तरह हो चुकी है, जरा कम चुदवाया कर!
मैंने हंस कर कहा- क्या राहुल भैया … आप तो ताने मत मारो!
राहुल- अरे मजाक कर रहा हूं, सच कहूं तो तू किसी लड़की से कम नहीं, बल्कि किसी भाभी से कम नहीं. अच्छा तो यह होगा कि मैं तुझे अपने बच्चों की मां बनाने की सोच कर ही तेरी लूँ!
मैंने अपने बूब्स उनके मुँह से हटाए और कहा- तो अब डाल ही दो मेरी गुफा में अपना शेर!
वे वहां से उठे और मेरे पीछे आ गए.
उन्होंने मेरे पीछे दो-तीन थप्पड़ लगाए और मेरी पैंटी खींच कर छोड़ दी.
एक बार पैंटी की इलास्टिक ने मेरी गांड पर फटका मारा, तो मैं आह करके कराही.
फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी.
मैंने कहा- तो आखिर एक नए राजा ने मेरा खजाना खोल ही लिया.
राहुल भैया ने कहा- और अब यह राजा इस खजाने को अन्दर तक लूट लेगा.
उन्होंने अपने लंड पर जैल लगाया.
पास ही स्टूल पर एक ड्रिंक रखा था उन्होंने वह पिया और मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया.
उनके फूले हुए सुपाड़े के मेरे संपर्क में आते ही मैं कड़क हो गई.
कुछ देर पहले आशीष से चोदने के कारण छेद खुला हुआ था. राहुल भैया ने सिर्फ एक धक्का दिया और उनका पूरा लंड मेरी गांड के अंतिम छोर तक चला गया.
मेरी चीख निकल गई ‘आह मर गई.’
राहुल भैया ने मेरे होंठों पर अपना हाथ रख दिया.
कुछ मिनट तक हम दोनों ऐसे ही रहे.
उनका लंड मेरी गांड के अंतिम छोर तक ही घुसा रहा.
हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से सटे हुए खड़े रहे.
उनका लंड पूरी तरह से जगह बना चुका था, दर्द खत्म हो चुका था.
राहुल भैया ने कहा- तैयार हो जा रानी अब तेरी गांड के साथ तेरा बैंड बजने वाला है.
मैंने उन्हें हल्के में लिया और यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी.
उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरी जांघों पर रखे.
कुछ ही सेकंड में जोर जोर के धक्के शुरू हो गए.
मेरे चेहरे के हाव-भाव बदल गए. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी गांड उछलकर मेरे सिर पर आ जाएगी.
‘उई उम्मा आह अन्हह्ह्हा.’
अब मेरी गांड में तो दर्द नहीं हो रहा था, पर उनके तेज झटकों से मेरे पूरे शरीर में गर्जन हो रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी गुफा में जो दो हाथी घुस चुके हैं, वे एक साथ दौड़ लगा रहे हैं.
आधा घंटा तक वे इसी तरह के धक्के देते रहे.
मेरी कमर टूट चुकी थी.
मेरे हाथ मेरे आगे के शरीर का भार उठा नहीं पा रहे थे.
अब उन्होंने मेरे दोनों हाथों को पकड़ा मुझे मेरे मुँह के बल लेटा दिया.
मेरी गांड ऊपर कर दी और उन्होंने धक्के जारी रखे.
दस मिनट तक के धक्कों के बाद वे रुक गए.
पर अब मुझे मजा आना शुरू हो चुका था.
उन्होंने मुझे पलटा दिया और अब वे आगे से मेरी लेने को तैयार थे.
उन्होंने मेरी दोनों टांगें खोलीं और अपना लंड फिर से मेरी गांड में घुसा दिया.
उन्होंने तेज धक्के शुरू कर दिए.
अब मुझे बहुत मजा आने लगा था. ऐसा लग रहा था कि मैं न/शे में हूं.
मैं उनसे मस्ती से कहने लगी- और तेज और तेज!
उन्होंने मेरा पूरा शरीर तोड़ ही दिया था लेकिन मेरी हवस को अब भी नहीं तोड़ पाए थे.
गांड का छेद और बड़ा होता गया, पर ना वे हार मानने को तैयार थे और ना मैं.
कुछ मिनट तक उन्होंने ऐसे ही माय एस्स सेक्स धक्के जारी रखे और वे झड़ गए.
झड़ते झड़ते भी उन्होंने बहुत तेज धक्के मेरे अन्दर मारे.
उनके यह धक्के इतने तेज थे कि मेरा लंड मेरे बूब्स को छू रहा था.
वे छूट गए और दो मिनट बाद सांस लेने के बाद ही उठ गए.
उन्होंने कहा- शाम हो चुकी है और मौसम भी ठंडा है. दस मिनट का रेस्ट ले लो, फिर हम टॉवर पर चलेंगे. तुम्हारी आगे की चुदाई वहां होगी.
मैं पूरी तरह से टूट चुकी थी.
मैंने कहा- आप मुझे गोदी में उठा कर ले जाइएगा!
राहुल भैया ने कहा- साली टूट चुकी है पर अकड़ नहीं जा रही मेरी रानी की!
मैंने कहा- तेरी तलवार में नशा ही ऐसा है जानू!
अगले भाग में मैं बताऊंगा कि कैसे भैया ने मेरी चुदाई टॉवर पर की.
अब तक के लिए इतना ही.
बाय बाय और उम्माह …
माय एस्स सेक्स कहानी कैसी लगी?
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