भ्राता श्री और नए लड़के के साथ गांड चुदाई
(New Gay Gand Kahani)
न्यू गे गांड कहानी में 3 गान्दुओं ने मिल कर मजा लिया. उनमें से एक तो बिलकुल नया नया गे बना था. एक गे मेरी गांड मार रहा था तो दूसरा मेरी गांड मारने वाले की गांड.
दोस्तो, मैं अनुज आपको अपनी एक न्यू गे गांड कहानी सुनाने के लिए हाजिर हूँ.
इससे पहले आपने मेरे भ्राता श्री की निम्नांकित
भ्राता श्री द्वारा अज्ञानी दर्शन को दीक्षा
गे सेक्स कहानी को पढ़ा होगा.
मुझे खुद भी इस गे सेक्स कहानी को पढ़ते हुए इतना आनन्द आने लगा था कि अब मैं उनकी हर कहानी को नंगा होकर पढ़ता था और उसका वीडियो उन्हें भेज दिया करता था.
लेकिन इस बार उनकी अमन चौधरी की कहानी में कुछ बात ही अलग थी.
एक गबरू और बिंदास नौजवान और भ्राता श्री की उसके लंबे-चौड़े औज़ार और हसीन गांड के उपभोग की कल्पना ने मेरे मन में भी उससे मिलने की बलवती आकांक्षा जगा दी थी.
इस बार उनकी फ़ोटो के साथ कहानी तन-मन में आग लगा रही थी!
तभी एक कॉन्फ्रेंस में उनके शहर जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और अमन के मज़े करने का आमंत्रण भी मिला.
शायद मेरा वीडियो अमन को भी दिखा दिया गया था और उसकी सहमति ले ली गई थी.
अब थ्रीसम मज़े के चांस से मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे!
अभी समय था तो मैंने इस बार भ्राता श्री की पसंद के अनुसार झांटें रखने का मन बनाया, वैसे मैं सफाचट रखता हूँ.
फिर वह दिन भी आ गया जब मैं उनके शहर मैसूर पहुंच गया और पहुंचते ही आने की खबर पीच वाली इमोजी के साथ भेज दी.
तुरंत ही उनका मैसेज आ गया … बांहें फैलाए हुए उनका अवतार और शाम को आने की सूचना!
मेरे पास गेस्ट हाउस में आराम करने और नहा-धोकर तैयार होने के लिए पर्याप्त समय था.
फिर दूसरा संदेश मिला कि अमन भी साथ आना चाहता है.
बस फिर तो मेरे मन की पूरी होने के पूरे चांस बन गए.
मैंने दोनों को गेस्ट हाउस में ही डिनर के लिए कह दिया ताकि काफी समय साथ बिता सकें.
गेस्ट हाउस का केयरटेकर नागराज तब तक चाय ले आया था.
मैंने उसे तीन लोगों के डिनर के लिए बोल दिया.
शाम 6 बजे भ्राता श्री की कार गेस्ट हाउस के सामने रुकी.
उनके साथ एक चिकना-सा लड़का हल्की-हल्की मूँछें सुनहरे दाढ़ी के बाल, पर चेहरे पर मासूमियत ओढ़े अमन चौधरी था.
उसने काली जींस पर पीली शर्ट पहनी थी.
वही मासूमियत जो भ्राता श्री ने अपनी कहानी में जिक्र की थी.
गाड़ी से उतरते हुए वह बोला- हैलो अंकल!
मैंने भी भ्राता श्री से गले मिलते हुए उसे ‘हाय!’ कहा.
भ्राता श्री ने मुझे बाहुपाश में भरते हुए मेरे गोल और पहले से बड़े नितंबों का प्राथमिक जायजा लिया और थपथपाया.
फिर मैंने अमन को गले लगाया और उसकी आंखों में आंखें डालकर देखा, जहां एक अलग तरह की खुमारी-सी थी.
अब हम अपने कमरे में आ गए.
भ्राता श्री ने मुझे और अमन को ज़ोर से चूमा और बोले- अरे अनुज … ऑनलाइन चुदवाते-चुदवाते गांड बड़ी मस्त कर ली है! जब भी फ़ोटो देखता हूँ, प्रीकम टपकने लगता है!
मैंने जवाब दिया- भाई, सब आपकी कृपा है! आपकी कहानी पढ़कर मेरा भी यही हाल हो जाता है. क्यों अमन! अंकल जी मस्त करते हैं न, तुम्हारा क्या ख्याल है? अरे तेरा लंड तो खड़ा हो गया बालक!
अमन मेरे इस अंदाज़ से शर्म से लाल हो गया और बोला- अंकल सेक्स साइट पर अपलोडेड आपका वीडियो याद आ गया!
मैंने कहा- अरे वाह … रेगुलर देखते हो? मस्त साइट है!
इसी वार्ता के साथ भ्राता श्री का हाथ मेरे नितंबों पर फिर रहा था और वे अमन के उभार को देखे जा रहे थे.
तभी डोरबेल बजी.
नागराज चाय ले आया था और बोला- मैंने सर को आते देख लिया था, सो चाय ले आया.
मैंने कहा- थैंक्यू नागराज, बहुत अच्छा किया. डिनर के लिए मेस में 9 बजे तक हम लोग खुद आ जाएंगे.
उसके जाते ही भ्राता श्री ने अमन को आंख मारी और बोले- बेटा, अंकल भी ज़ूलॉजी एक्सपर्ट हैं!
वे अपनी शर्ट उतारने लगे.
अमन की आंखों में चमक आ गई और वह एक झटके में अपनी शर्ट और जींस उतार कर उनके पास आ गया.
यह देखकर मैं नूडिस्ट कब पीछे रहने वाला था … मैं पूरी तरह वस्त्र-विहीन हो गया.
मेरी चिकनी गांड और बूब्स को देखकर उन दोनों ने अपने अंडरवियर उतार दिए.
भ्राता श्री ने मुझे अपनी ओर खींचकर पारखी नज़रों से मेरे एक-एक अंग पर दृष्टि डाली और छोटी-छोटी झांटों, जो करीब 15 दिन से उगाई गई थीं, पर हाथ फिराने लगे.
वे बोले- देखो अनुज … मैं सही कहता था न कि इनसे लंड की सुंदरता बढ़ जाती है … और तुम्हारा 13×2.5 सेमी का होने पर भी अट्रैक्टिव लग रहा है!
उन्होंने मुझे चूम लिया.
इस बीच मेरी गांड अमन की ओर थी और उसका 16×3 सेमी का एकदम टनटनाया लंड घुसने को बेताब हो रहा था.
भ्राता श्री ने उसे खींचा और उसके नितंबों पर हल्की-सी चपत देते हुए कहा- अंकल की गांड पर मेरा पहला हक है और तेरा मेरी पर! अगर इनकी तू पहले मार लेगा, तो मुझे मज़ा नहीं आएगा!
मैं उनकी इस युक्ति से प्रभावित हुआ और खुश भी, क्योंकि क्रमिक लंबाई और मोटाई बढ़ते दो लंड मेरी हसीन गांड में घुसने वाले थे.
भ्राता श्री के लंड को अमन ने पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया, बिल्कुल सॉफ्टी आइसक्रीम को चाटने के अंदाज़ में! उसका साइज़ 14×2.5 सेमी अपने 90 से 110 डिग्री एंगल पर आ गया.
अमन का लंड पहले से तना था, उससे प्रीकम लगभग टपकने वाला था, जो मेरे मुँह पर लहरा रहा था.
मुझे ओरल खास पसंद नहीं है, फिर भी अपनी ज़बान से सॉफ्ट और शिश्नमुंड पर प्रीकम के खारे स्वाद को लेते हुए चूसना शुरू किया.
प्रीकम का pH क्षारीय (10) होता है, जो चूत के एसिड (pH 3-4) को सामान्य (7 के पास) लाने के लिए होता है लेकिन गांड में जलन कर सकता है इसलिए चूसने से कड़ापन लाने के साथ-साथ गीला करने में भी मदद मिलती है.
भ्राता श्री का लंड अब पूरी तरह तैयार था और मेरी गांड भी उसे अपने में लेने को मचल रही थी.
मैं नितंब उछालने लगा.
भ्राता श्री मुझे कामोत्तेजना से मचलता देखकर उठाए और बेड पर गिरा दिया.
फिर उन्होंने अपने लंड और मेरी गांड पर क्रीम लगाना शुरू किया.
मुझे पीठ के बल लिटाकर, मेरी टांगें ऊपर उठाईं और अपने लंड का टोपा मेरे छेद पर सैट करके एक जोरदार धक्का दे मारा.
लंड सीधा ‘फचाक’ से पूरा अन्दर घुस गया!
मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार था और पहले के अनुभव से जानता था कि मेरी गांड लंड खाने में किसी चूत से कम नहीं.
दो साल पहले की मोटी टेस्ट ट्यूब फंसने वाली दुर्घटना से एक फायदा भी हुआ था.
उसने सात दिन तक लगातार बटप्लग से फैलाने वाली लचक प्रदान की थी, जिससे 20-24 सेमी लंबा और 3.5 सेमी मोटा मुस्तंड लंड भी बिना खून निकाले आसानी से अन्दर समा जाता है.
अब भ्राता श्री ताबड़तोड़ धक्के मार रहे थे और मैं जन्नत की सैर कर रहा था.
मेरे मुँह से आवाजें निकल रही थीं- वाह, भ्राता श्री … गिव मी मोर वाउ … ओ ला ला … और जोर से चोदो!
उधर, अमन क्रीम लगाकर अपना लंड रगड़ रहा था.
करीब पांच मिनट बाद भ्राता श्री बोले- अमन जल्दी से मेरी गांड में डाल!
यह कहते हुए वे मुझे चोदते हुए डॉगी मुद्रा में आ गए.
मैंने उनकी गांड पर दो उंगलियों से क्रीम भर दी.
अमन ने अपना लौड़ा उनके नितंबों में फंसा कर धक्का दे दिया.
एक ‘आह!’ के साथ भ्राता श्री बीच में सैंडविच बन गए.
अब उन्हें डबल मजा आ रहा था!
मेरे न चाहते हुए भी उनका चरमोत्कर्ष दो मिनट बाद आ गया और उनका गर्म-गर्म लावा मेरी गांड में भर गया.
उनका लंड जल्दी ही फिसल कर बाहर आ गया.
उधर, अमन धक्के लगाए जा रहा था.
उनकी पोजीशन बदलते हुए जल्दी ही उसे चरम आनन्द प्राप्त हुआ.
शारीरिक और कामुक माहौल के कारण उसका लंड भी लावा उगलने लगा और उसने भ्राता श्री की गांड में सब कुछ भर दिया.
लेकिन नौजवानी का असर!
उसका स्खलन के बाद भी 12×2.5 सेमी का लंड बाहर आकर फिर से अपने 16-17×3.5 सेमी के रूप में फनफना उठा!
भ्राता श्री हांफ रहे थे और बिस्तर पर आराम से लेटकर मेरा और अमन का वीडियो बनाने लगे.
अब अमन ने मेरे नितंब पकड़ कर मुझे डॉगी बनाया.
मेरा लंड एक हाथ से रगड़ते हुए उसने अपने लंड को मेरी पहले से थोड़ी फैली गांड में पेल दिया!
इस बार पहले थोड़ा दर्द हुआ लेकिन फिर थोड़ी और क्रीम लगाने से सब ठीक हो गया.
फिर सटासट ‘ऊ आ आ … वाउ फैंटास्टिक … फच फच!’ की आवाजें आने लगीं.
अमन भी चिल्ला रहा था- वाह अनुज अंकल … बड़ा मजा आ रहा है!
उसने लगभग सात मिनट तक चुदाई की. इस बार उसका निकल नहीं रहा था क्योंकि ठीक पहले वह भ्राता श्री को भर चुका था.
आखिर वह पल भी आ ही गया और उसका माल मेरी हसीन गांड पीकर निहाल हो गई!
इस सब के बीच मेरे लंड ने भी चार बार चरमोत्कर्ष की अनुभूति से लावा उगला, जिसे तौलिए ने सोख लिया.
भ्राता श्री की वीडियोग्राफी भी पूरी हो गई.
इस थ्रीसम के बाद भ्राता श्री का लंड फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने अमन की टाइट गांड का पांच मिनट तक धक्के लगाकर सदुपयोग किया.
उनकी शिक्षा से अमन भी अब कुशल खिलाड़ी बन चुका था.
फिर हम सब एक साथ नहाये, एक-दूसरे के बूब्स और नितंबों का मर्दन किया और नग्न सेल्फी लीं.
रात के नौ बजने वाले थे. हम मेस में जाकर डिनर करने गए.
भ्राता श्री ने अमन और मुझे ‘सदा सुहागन रहो!’ का आशीर्वाद दिया और अमन ने फ्लाइंग किस देते हुए विदाई ली.
बहुत मज़ेदार अनुभव रहा, आप सभी के लंड गीले करने में इस न्यू गे गांड कहानी की भूमिका और प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा.
डॉ कामेश
[email protected]
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