अनजान लड़के की गांड चाटकर गांड मरवाई

(Xxx Gandi Sex Kahani)

Xxx गंदी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मुझको गांड मराने की हवस सी हो गई थी. जब मेरी गांड में लोला जाता तो गांड में मीठी मिर्ची सी लगती. एक अनजान लड़के से मैं कैसे चुदा?

दोस्तो, मेरा नाम साजिद अली खान है. मैं मेरठ के एक गांव से हूँ.

मेरी पिछली कहानी
अनकटे लंड से गांड मरवाने का मजा लिया
आप सभी ने पढ़ी होगी. अब मैं आपको अपनी एक Xxx गंदी सेक्स कहानी बताता हूँ.

सन्नी और उसके दोस्त से चुदाई के बाद मुझको गांड मराने की हवस सी हो गई थी.
जब मेरी गांड में लोला जाता और बाहर निकल कर फिर से अन्दर जाता … तो कसम से उसकी रगड़ मुझे जन्नत में पहुंचा देता.
मेरी गांड में मीठी मिर्ची सी लगती. बस पूछो मत कि कितना मज़ा आता है.

सन्नी ने मुझको अपने एक दोस्त का नम्बर दिया जो लखनऊ का था लेकिन मोदीनगर में रह कर पढ़ाई कर रहा था.
उससे मेरी फोन पर बात हुई.
उसने बताया कि मेरे पास रूम है और मैं एक छोटी सी दुकान भी चलाता हूँ, इसलिए देर रात में आना.

एक दिन मैं मेरठ गया हुआ था. मेरा फोन खराब हो गया था, मैंने उसको ठीक करने के लिए दुकान पर दे दिया था.
दुकान वाले ने बोला कि दो घंटे लगेंगे.

मैं टाइम पास के लिए पास में सिनेमा हॉल में चला गया.
वहां देसी सेक्सी मूवी लगती थीं.
मैं उसमें चला गया.

मैंने अंधेरे में देखा कि ये तो बड़ी बढ़िया जगह थी. सिनेमा हॉल में कोई किसी का लंड चूस रहा है, तो कोई किसी के लौड़े के ऊपर बैठ कर कूद रहा है.

पहले तो मेरी हिम्मत नहीं हुई कि किसी से कुछ कहूँ.

फिर एक आदमी मेरे पास आकर बैठ गया.
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दिया. फिर धीरे धीरे उसने मेरा हाथ में हाथ डाल लिया और उंगली चलाने लगा.

मैं कुछ नहीं बोला, तो उसकी हिम्मत बढ़ती गई.
उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. मैंने महसूस किया उसका लंड पैंट से बाहर निकला हुआ था.

एकदम लोहे की तरह सख्त था. गर्म गर्म लंड था मेरा मन मचल गया.
मैं सीट से नीचे बैठ गया और उसके लंड को चूसने लगा.

थोड़ी देर में उसने अपना माल मेरे मुँह में भर दिया … मैंने थूक दिया.

वो बाथरूम में चला गया और मैं भी बाहर आ गया.

अब तक काफी समय हो गया था.
मैं उस मोदीनगर वाले लड़के के बारे में सोचने लगा.

मेरा मूड बन गया था. मैंने उसे फोन लगाया तो उसने हां कर दी.
मैं अपना फोन लेकर मोदीनगर के लिए बस में बैठ गया.

मोदीनगर पहुंच कर मैंने उसको फोन किया.
उसने बताया कि वह कॉलेज के सामने खड़ा है.

मैं वहां पहुंचा.
उसने कुछ सामान खरीदा और मेरी तरफ देखने लगा.
शायद उसने कंडोम खरीदा था.

फिर हम दोनों उसके कमरे पर पहुंचे.
वो एक नई कालोनी थी, ज्यादा लोग नहीं थे. उधर एक या दो घर ही बने थे.
उस समय अंधेरा हो गया था.

वो और मैं उस कालोनी में आ गए.

उसने मुझको बांहों में भर लिया और चूमने लगा. वो अपने दोनों हाथों से मेरी गांड को भींच रहा था. मेरी गांड को अपने हाथों में लेकर ऐसे ऊपर को खींचता मानो मुझे अपने अन्दर समाना चाहता हो.

मुझको उसका जोश देख कर बहुत खुशी हुई. वो जोश जोश में मुझको एक फुट ऊपर तक उठा रहा था.

फिर उसने मुझको उल्टा किया और मेरी पैंट खोल दी. मैंने नीचे कुछ नहीं पहना था.
उसने मुझको आगे की ओर झुका दिया और मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए मेरी गांड में उंगली घुसेड़ दी.

वो मुझ पर किसी जंगली शेर की तरह टूट पड़ा. मेरी गांड में उंगली घुसेड़ता थप्पड़ मारता, मेरी गांड को दांत से काट लेता.
मुझे भी न जाने कितना सुख मिल रहा था.

फिर मैंने उसकी पैंट खोली, उसमें से उसका कड़क लंड बिना कटा हुआ निकला.
मैंने झट से उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया.

तभी उसने मेरा सिर पकड़ा और पूरा लौड़ा मेरे गले में उतार दिया.

मुझको सांस लेते भी नहीं बन रहा था. लंड एकदम गले में जाकर अड़ गया था.
उसी समय मुझको उल्टी होने को हुई मगर वो नहीं माना.

वो लौड़ा मेरे मुँह में धंसाता रहा.

फिर थोड़ी देर में हम दोनों ने कपड़े सही किए और हम रूम के अन्दर चले गए.

उधर एक छोटा लड़का भी आ गया था. उसने रोटी बनाई. हम दोनों ने रोटी खाई.
फिर वो छोटा लड़का बाहर सोने चला गया.

कमरे की कुण्डी बंद करने के बाद वो मेरे पास आया और बोला- जानू गांड यहीं नीचे मरवाएगा या ऊपर?
मैंने कहा- ऊपर कहां?

उसने टॉयलेट के ऊपर ही एक सामान रखने की जगह होती है, उसने उसको ही चुदाई का अड्डा बनाया हुआ था. उसमें रज़ाई गद्दे डाले हुए थे.

मुझको वो जगह मस्त लगी, मैंने कहा- ऊपर ही चलो.

नीचे रूम में ही हम नंगे हो गए. मेरा गोरा चिकना बदन उसके सामने आ गया.

मैंने उसी दिन अपने पूरी बॉडी के बाल साफ किए थे. उसका काला कड़क लौड़ा ऐसे खड़ा था मानो मुझको अपनी ओर बुला रहा हो.

फिर उसने एक सीढ़ी लगाई.
मैं पहले ऊपर चढ़ने लगा, वो मेरे पीछे मेरी गांड पर थप्पड़ मारता हुआ चढ़ने लगा.

ऐसा लग रहा था मानो वो मुझको आगे बढ़ा रहा हो. मुझको ये अहसास सुखद लग रहा था.

हम दोनों उस चुदाई घर में आ पहुंचे.

वो मुझ पर टूट पड़ा. मेरे पूरे बदन को चाटने लगा.

उसके चाटने से में मछली की तरह तड़प रहा था, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
कभी मेरी कमर, कभी जांघ, तो कभी मेरी चूची, नाभि हर तरफ उसकी जीभ चल रही थी.
मैं गुदगुदी से छटपटा रहा था.

उसने मुझको 4-5 जोरदार थप्पड़ लगाए और गालियां भी भी देना शुरू कर दीं- साले बहन के लंड गांडू भोसड़ी के भड़वे साले … सही से लेता रह भैन के लंड भोसड़ी के गंडमरे भड़वे आज तेरी गांड बहुत रगड़ कर मारूंगा.

इस तरह से वो मुझको गाली देता और थप्पड़ मारता हुआ मेरी गांड को नौच रहा था.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था … पर मज़ा भी आ रहा था.

फिर वो सीधा लेट गया और उसने अपना काम कर दिया था.

अब मेरी बारी उसके लंड को चूसने की थी.
मैं उसका लंड चूसने लगा. कभी मैं आंडों को चाटता, तो कभी लंड को चूसता.
वो मेरा सिर पकड़ कर पूरा लौड़ा मेरे मुँह में डाल रहा था.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. मैं उसके लंड को … और वो मेरे लंड को चूस रहा था.

वो मेरी गांड में उंगली भी कर रहा था. वो मेरी गांड पर थप्पड़ मारता और गालियां भी देता रहा.

फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझको अपनी टांगों के बीच में आने को कहा और अपनी दोनों टांग उठाकर मुझको सैट का लिया.

वो बोला- चल भोसड़ी के गांडू मेरी गांड चाट.

अब मैं उसकी गांड को, उसके लंड को और टट्टों को चाट रहा था.

फिर उसने मुझको पीछे को धक्का दिया मेरी टांग उठा कर मेरी गांड चाटने लगा. मैं एकदम पागल हुआ जा रहा था.
आह कितना मज़ा आ रहा था. ऐसा मेरी गांड की साथ पहली बार हो रहा था.

फिर उसने कंडोम निकाला और बोला- चल भोसड़ी वाली गांडू साली गंडमरी … मेरे लंड पर छतरी चढ़ा.
मैंने उसके लंड पर कंडोम चढ़ा दिया.

उस कंडोम में दाने भी थे. फिर उसने एक क्रीम लेकर अपने लंड पर लगाई और मेरी गांड में उंगली डालकर लगा दी.

अब उसने मेरी टांग पूरी ऊपर उठा कर पीछे कर दी. मेरी गांड पूरी तरह से ऊपर हो गई थी.

उसने मुझको बांहों में जकड़ ली और अपना लौड़ा मेरी गांड पर सैट कर दिया.
मैं अभी कुछ समझ पाता कि उसने एक ही धक्के में अपना लौड़ा मेरी गांड में उतार दिया.

मैं चिल्लाने लगा- उईई अम्मी मर गया … आह अम्मी बचा ले … मर गया … आह मेरी फट गई आह!

उसने एक हाथ से मेरा मुँह भींच लिया.
अब मेरे मुँह से ‘उउंग उंगह …’ की आवाज़ आ रही थी.

वो बड़बड़ा रहा था- ले भोसड़ी के गंडवे भड़वे साले गांडू और ले!

उसने एक और तेज धक्के में मेरी गांड के अन्दर तक लौड़ा घुसा दिया और धक्के देने लगा.

अब मुझको दर्द कम और मज़ा बहुत आ रहा था.
पूरे कमरे में मेरी मादक आवाजें गूँजने लगी थीं- आआह … भोसड़ी के फाड़ दे मेरी गांड को … आह ओह और ज़ोर से मारो मेरी गांड को!

मेरी गांड में से पचपच की आवाजें आ रही थीं.
वहां हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था इसलिए किसी का डर नहीं था.

वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था. थपथाप की पचपच की आवाजें बहुत तेज तेज आ रही थीं.

मैं भी मदहोशी में चिल्ला रहा था और वो भी मुझे गाली देता हुआ मेरी गांड का गड्डा बनाने में लगा हुआ था.

वो कभी कभी मेरी छाती में काट लेता, मेरे मुँह पर थप्पड़ मारता … और मेरे मुँह से मुँह लगा कर होंठों को काट लेता. अपना थूक मेरे मुँह में डाल देता, जिसको मैं पिए जा रहा था.

कुछ देर बाद उसने मुझको कुतिया बनाया और मेरी गांड में लौड़ा पेल कर धक्के देने शुरू कर दिए.

मुझको जन्नत में पहुंचा दिया. मेरे बदन को जीभ से चाट कर थूक लगाता रहा.

फिर थोड़ी देर कुतिया बनाकर चोदने के बाद वो सीधा लेट गया.

मैं उसके लंड के ऊपर बैठ गया. मैंने लंड को अपनी गांड में डाल लिया और उछल उछल कर लौड़ा अन्दर तक लेने लगा.

नीचे से वो भी धक्के मारे जा रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि उसका लंड मेरी नाभि तक जा रहा था.

उसका तना हुआ लौड़ा मुझको मज़ा दे रहा था. इतना मजा आ रहा था कि उसके थप्पड़ लगवाने से भी मुझको दर्द नहीं हो रहा था.

अब उसने मुझको उल्टा लिटा दिया और गांड में क्रीम लगा कर अपना लौड़ा एक ही झटके में मेरी गांड में उतार दिया.

मेरे मुँह से ‘आह मरी …’ की आवाज़ निकली और वो बिना कुछ सुने धक्के देने लगा.

अब मुझको मेरी गांड में उसके लंड के मजबूत धक्के महसूस हो रहे थे.
नीचे मेरी लुल्ली रगड़ रही थी, दुगना मज़ा आ रहा था.

तभी थोड़ी देर में मेरी लुल्ली की पिचकारी निकल गई लेकिन वो रुकने का नाम नहीं ले रहा था.

करीब बीस मिनट तक मेरी गांड की रेल बनाने के बाद फिर से उसने मुझको सीधा लिटा दिया, लंड से कंडोम निकाल कर उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे दिया.

मैं लंड चूसने लगा.
उसने अपने लंड का गर्म लावा मेरे मुँह में डाल दिया.

मैं पी नहीं रहा था, उसने मेरे दोनों पकड़ कर मेरे लंड को उमेठ दिया तो मैं माल गटक गया.

फिर उसने मुझको थप्पड़ मार मार कर लंड चुसवा कर साफ़ करवा दिया.
उसके बाद उसने अपना लंड मेरी चुचियों पर रगड़ा.

उस दिन मुझे उससे चुदवा कर बहुत मज़ा आया.

एक घंटे बाद उसने फिर से एक बार और मेरी गांड मारी.
अब हम दोनों थक कर सो गए.

ये Xxx गंदी सेक्स कहानी एकदम सच्ची है, जो मेरे साथ हुआ वो मैंने लिखा. आप प्लीज़ कमेंट करके बताना कि सेक्स कहानी कैसी लगी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top