भाभी की सहेली ने चुदाई के लिए ब्लैकमेल किया-3

(Bhabhi Ki Saheli Ne Chudai Ke Liye Blackmail kiya- Part 3)

मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
भाभी की सहेली ने चुदाई के लिए ब्लैकमेल किया-2
में आपने पढ़ा कि भाभी ने मेरे सरप्राइज के रूप में अपनी सहेली शीना को बुला रखा था. हम तीनों ग्रुप सेक्स में लीं हो चुके थे.
अब आगे:

थोड़ी ही देर में शीना ने फिर से मुझे पकड़ लिया और मेरी छाती को सहलाने लगी.

संजना ने यह देखा ही था कि उसने मेरे लण्ड को पकड़ के सहलाना शुरू कर दिया. मैं शीना को किस कर रहा था और उसके बोबे दबाने में लगा हुआ था और संजना मेरा लौड़ा चूस रही थी. उसको अपने हाथों से सहला रही थी और अपना थूक निकाल कर मेरे लण्ड पे चुपड़ रही थी.

तभी मैंने इशारे से संजना को मेरे ऊपर आने को कहा और शीना को मेरे लौड़े का स्वाद चखने को कहा.

दोनों मेरी बात मानते हुए वैसे ही करने लगी. संजना मेरे ऊपर आ गयी और मेरे होठों को चूसने लगी और अपने दूध मुझे पिलाने लगी. मैं भी उसके दोनों गोरे गोरे दूध पी रहा था जिससे उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी थी. नीचे शीना मेरे लोड़े को चूस चूस के उसका पूरा रस निकाल रही थी. वो मेरे लोड़े को ऐसे चूस रही थी जैसे उसने आज तक कभी ऐसी चीज देखी भी ना हो … या फिर यूं समझ लो कि छोटे से बच्चे का पसंदीदा खिलौना हो जो उसको बचपन से आज तक मिला ही ना हो और अब मिल गया हो.

इस सब की वजह से मेरे लोड़े को खड़े होने में ज्यादा देर नहीं लगी और वह शीना के मुंह में ही खड़ा हो गया. इधर संजना अपनी दूध मसलवाते हुए अपनी नाज़ुक सी मुनिया को मसल रही थी और अपनी तेज सांसों की रफ्तार के साथ मुझे अपने दूध पिला रही थी.

जैसे ही मेरा लौड़ा पूरा तन कर खड़ा हो गया, शीना ने उसको चूसना छोड़ दिया और सीधे से वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में पकड़ के अपनी चूत मैं घुसाने के लिए उस पर बैठ गई. पर जैसे जैसे वह बैठ रही थी, वैसे वैसे उसकी चीखें और तेज हो रही थी क्योंकि उसकी चूत का साइज बहुत छोटा था और मेरा लण्ड उसकी चूत के हिसाब से बहुत बड़ा था.

जब वह बीच में ही रुक गई तब मैंने संजना को उसकी मदद करने के लिए कहा. और संजना ने उसके कंधे पकड़ के बिना कुछ सोचे समझे पलक झपकने के अंदर ही उसको नीचे की तरफ बहुत तेजी से धक्का दे दिया जिससे सम्भलने का वक्त ना मुझे मिला और ना शीना को.
मेरा पूरा लंड शीना की चूत के अंदर घुस गया. शीना को तेज दर्द हुआ, वो चीख पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ और उसकी आंखों में बहुत आंसू आ रहे थे और मैं संजना की तरफ अचंभे की नजर से देख रहा था.

पर संजना के चेहरे पर तो एक शैतान जैसी मुस्कान थी … उसने बहुत ही कमीनी हंसी के साथ शीना से पूछा- क्या हुआ मेरी जान? और लेना था ना तुम्हें ही? अब जब पूरा अंदर घुस गया है तो अब रो क्यों रही हो? हमारा मजा खराब किया था ना तुमने? अब इसकी सजा तो तुम को मिलनी ही थी ना?

बिचारी शीना की तरफ मैं देखता रहा पर कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि अब तो पूरा काम तमाम हो चुका था पहले ही. जो शीना की दिल की बात थी, उसकी ख्वाहिश थी मेरे लण्ड से चुदवाने की … वह तो अब बहुत ही अच्छे से पूरी हो रही थी और मेरे तो हर तरह से मजे ही मजे थे.

तो मैंने कुछ ना बोलने का निर्णय किया और बस दोनों लड़कियों के मजे लेने लगा.

तभी शीना ने अपना मुंह खोला और बोली- साली रांड, मुझे इसका लौड़ा अपनी हर एक चीज में लेना है. पर इसका मतलब यह तो नहीं कि इतना बेदर्दी से लूँ?? प्यार से लेना था मुझे … पर तेरे जैसी कुत्तिया अगर हो तो क्या करेंगे? पर मैं चार्ली के लिए हर एक तकलीफ उठाने के लिए राजी हूं. उसका लौड़ा है ही ऐसा कि मैं उसके लिए कुछ भी कर सकती हूं.

तब संजना बोली- हां साली छिनाल, यह बात तो तूने बहुत सही कही है कि इसका लौड़ा है बिल्कुल मजेदार … ठुकाई के वक्त बहुत चीखें निकालता है कमीना. पर जितना दर्द देता है उससे कई ज्यादा मजा भी देता है. तो तू इसे जितना भी अंदर लेगी उतना और ज्यादा प्यार आएगा. जितनी ज्यादा तकलीफ चार्ली तुझे देगा उतना ही ज्यादा प्यार तू उससे करेगी.
तो इस पर शीना का जवाब आया- हां मेरी जान, सही कहा है तूने … चाहे तूने मुझे यह थोड़ी सी तकलीफ दी पर जिंदगी का सुकून भी मुझे तूने इसी तकलीफ में दिया है. मैं जिन्दगी भर तेरी कर्जदार रहूँगी इस बात के लिए.

यह बात सुनकर संजना थोड़ी मुस्कुराई और उसने फिर से मुझे अपने दूध पिलाने शुरू कर दिए.

उधर नीचे शीना अपनी गांड मटकाती हुई ऊपर नीचे हो रही थी. उसकी उठक-बैठक इतनी जोरदार थी कि पूरे कमरे में बस पट पट पट पट पट पट की आवाज आ रही थी जो उसकी गांड के मेरे जांघों पर लगने की वजह से हो रही थी.

शीना को अब संभल पाना मुश्किल था, वह तेजी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी.

तभी मैंने संजना को अपने ऊपर से हटाया और सीना की चूत में जोर जोर से अपना लौड़ा घुसाने लगा. हर एक झटके के साथ शीना के दूध ऊपर नीचे हो रहे थे. उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी.

मैंने अब शीना की गांड को पकड़कर जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिए. करती. शीना बिल्कुल कामुक लग रही थी इस अवतार में!
और संजना हम दोनों की ठुकाई देखकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, वो पूरे चरम पर पहुंच गई थी.

बस दो ही मिनट में शीना ने अपना पूरा भार मेरे ऊपर डाल दिया और तेजी से झड़ने लगी. मैं अभी तक उसके अंदर ही अपना लौड़ा घुसा के धक्के दे रहा था. जैसे ही शीना का पानी निकल गया और वह शांत मेरे ऊपर ही पड़ गई, संजना ने उठकर शीना को मुझ से अलग कर दिया और खुद मेरा लौड़ा अपनी चूत में घुसाने लगी.

अब शीना मेरे साइड में आकर लेट गई थी और संजना ने मेरे ऊपर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत में लेकर धक्के देने शुरू कर दिए. जैसे-जैसे संजना धक्के दे रही थी, वैसे वैसे उसकी खूबसूरत काया मुझे अब उसकी तरफ आकर्षित कर रही थी.

तभी शीना मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए. मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.

और तभी संजना ने मेरे एक हाथ पकड़ कर अपने दूध पर रख दिया और अपने हाथों से मेरे हाथ दबाया और अपने दूध मिंजने लगी. पता नहीं उसको इतनी ज्यादा उत्तेजना कैसे हो रही थी जो बिल्कुल पागलों की तरह मेरे लोड़े पर उछल कूद कर रही थी.

जब संजना थक गई तो मैंने उससे कहा- मेरी जान, अब तुम मेरी घोड़ी बन जाओ. मैं दोनों घोड़ियों को एक साथ चोद दूंगा.
यह बात सुन कर संजना तेजी से मेरे सामने घोड़ी बन गई और अपनी गांड को चौड़ी कर दी.

उसने जैसे जैसे किया, वैसे ही शीना करने लगी. पर शीना ने अभी तक मुझे बस अपनी चूत का ही स्वाद चखने दिया था. मैं शीना की इजाजत के बगैर उसकी गांड को हाथ भी नहीं लगाना चाहता था.

अब मेरे सामने दोनों रंडियां नंगी थी अपनी गांड को खोल के … तब मैंने बजे संजना की गांड में लौड़ा दे दिया और शीना की चूत में अपनी उंगली डालने लगा. जितना मैं संजना को धक्के दे रहा था, उतनी ही तेज़ी से हाथ से शीना की चूत में उंगली कर रहा था.

अब दोनों के मुंह से सिसकारी निकलनी शुरू हो गई थी और दोनों की एक ही बात कह रही थी- हां मेरी जान … जोर से हां … और जोर से आ आ आ … और अंदर … और अंदर डालो! और अंदर डालकर मेरा पूरा पानी निकाल दो. मेरे दोनों दूध भी दबाओ, मेरी गांड भी मारो और मेरी चूत में भी अपना रस डाल दो पूरा.

मैंने अपने दोनों हाथ अब संजना की कमर पर रख दिये और उसकी कमर को जकड़ के पीछे से तेजी से धक्के देने लगा जिससे संजना की सिसकारियां चीखों में बदल गई थी. वह बस चिल्ला रही थी. उसकी चीखों से यह तो पता चल रहा था कि उसको बहुत मजा आ रहा है.

जैसे तैसे संजना मेरे धक्के सहन कर रही थी पर उससे अब सहन नहीं हो रहा था और उसका बदन अकड़ने लगा था जैसे मुझे पता चल गया कि मेरी संजना अभी फिर से एक बार झड़ने वाली है तो मैंने और जोर जोर से धक्के देनी शुरू कर दिए और नीचे से हाथ ले जाकर एक हाथ से दूध मसल रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी चूत का दाना मसल रहा था. संजना पूरी तरह से पागल हो रही थी और अपना सर बेड पर पटक रही थी.

मैंने ऐसे ही 10-15 धक्के दिया होंगे कि संजना का बदन पूरी तरह से अकड़ गया और वह थरथराते हुए झड़ने लगी.
अब तो मेरा भी वक़्त आ चूका था … तो मैंने शीना से कहा कि वो मेरा लण्ड अपने मुख में ले ले.

मेरी यह आज्ञा सुनते ही शीना झपट्टा मार के मेरा लौड़ा चूसने में लग गई और बस थोड़ा ठीक लगने के बाद ही फ़ौरन संजना भी आकर मेरा लौड़ा चूसने लगी.
अब माहौल कुछ ऐसा था कि दोनों औरतें मेरा लौड़ा चूस रही थी. एक लौड़े को गले तक ले रही थी और दूसरी गोटियाँ चूस रही थी. मैं तो सच में सिसकारियाँ निकालने लगा था अब …
जितना मज़ा मुझे उनकी चुदाई में नहीं आ रहा था उससे कई ज्यादा मज़ा अब मुझे उन दोनों की चुसाई की वजह से आ रहा था.

आखिरकार मेरे लण्ड से पिचकारियाँ निकली जो पहले मैंने संजना के मुख में कुछ छोड़ दी और कुछ पिचकारियाँ शीना के मुख में छोड़ दी. जिससे दोनों को भी उनकी मेहनत का फल मिल गया था. दोनों बड़े चाव से मेरे पानी को गटक कर चटखारे मारने लगी. शीना ने पूरा पानी पीकर फिर से मेरा लौड़ा चूस के पूरी तरह से साफ़ किया.

और जब सब ख़त्म हो चुका तो दोनों लड़कियाँ मेरे आजु बाजू में लेट गयी और पता नहीं कब हमें ऐसी ही नंगे पड़े नींद लग गई. और हमारा यह चुदाई का दौर अब ख़त्म हो गया था..

तो दोस्तो, यह थी मेरी नयी कहानी. आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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