शादी में भाभी और उनकी बहन संग रंगरेलियां- 2
(BhabhiXxx Kahani)
भाभीXxx कहानी में भाभी की बहन की चुदाई के बाद उसने मेरी भाभी को मेरे लंड से चुदने के लिए तैयार कर लिया. मैंने भी दोनों बहनों को एक साथ चोदने की तैयारी कर ली.
फ्रेंड्स, मैं राजकुमार आपको एक बार पुनः अपनी चुदाई की कहानी का मजा देने के लिए हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
भाभी की बगल में उनकी बहन को चोदा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं रजनी और उसकी बहन यानि अपनी भाभी को एक साथ नंगी करके चोद रहा था.
अब आगे भाभीXxx कहानी:
मैंने किस करते ही रजनी की साड़ी निकाल दी और एक हाथ नीचे ले जाकर रजनी का साया भी निकाल दिया.
अब मैंने भाभी को लेटाया और उनकी ब्रा की स्ट्रिप को खींच कर तोड़ दिया.
इस वजह से ब्रा की स्ट्रिप भाभी को तेजी से लगी और उनकी दबी हुई आवाज में चीख निकल गई ‘ऊई मम्मी रे …!’
उनकी आवाज से रजनी हंस दी और बोली- पहली बार मेरे साथ भी ऐसा किया था इसने … इसी लिए मैंने इस बार अपनी ब्रा और पैंटी खुद ही निकाल दी.
फिर भाभी को धीरे धीरे किस करते हुए उनकी चूत तक पहुंचा और पैंटी निकाल दी.
मैंने भाभी की चिकनी चूत पर किस किया तो भाभी सिहर उठीं.
उसी पल पीछे से रजनी ने मेरा बरमुडा पकड़ कर निकाल दिया.
भाभी मेरे लंड को देखकर चुप हो गयी और सहम कर बोलीं- तेरे भैया का इससे बहुत छोटा और पतला है.
मैं बोला- तब तो आज आपकी चूत फट जाएगी.
भाभी हंस दीं और बोलीं- चलो देखते हैं कि कौन किसकी फाड़ता है.
यहाँ बता दूं कि भाभी को जो लड़का हुआ था, वह ऑपरेशन से हुआ था जिस वजह से उनकी चुत अभी भी कसी हुई थी.
उस वक्त हम तीनों एकदम नंगे थे.
मैं उठा और मैंने लिक्विड चॉकलेट के पैक को खोला और भाभी की चूचियों पर और चूत पर टपका दिया.
ठंडा रस जैसे ही भाभी के बदन से लगा तो उन्हें फुरफुरी सी आ गई.
मैंने उनके कोकाकोला रंग के निप्पल देखते हुए चॉकलेट का रैपर खोला और उसको रजनी की चूत पर रगड़ दिया, जिससे रजनी भी सिहर उठी क्योंकि चॉकलेट भी ठंडी थी.
फिर मैं नीचे होकर भाभी की चूत चूसने लगा और रजनी की चूत में चॉकलेट का बार घुसाकर अन्दर बाहर करने लगा.
भाभी के मुँह से मादक सीत्कारें निकल रही थीं- आह … आह … ईई .. आह चूस लो … खा जाओ आह … ये निगोड़ी चूत बहुत परेशान करती है. इसका भुर्ता बना दो … आह … आह!
इधर भाभी आवाज निकाल रही थीं और उधर रजनी उनके चूचे पी रही थी.
थोड़ी देर की चूत चूसने के बाद भाभी बड़बड़ाने लगीं और एक तेज आह करती हुई झड़ गईं.
मैंने भाभी को छोड़ा और रजनी की चूचियों व चूत पर चॉकलेट लगाकर चूत चाटी.
थोड़ी देर में रजनी का भी पानी निकल गया.
ये सब देखकर भाभी फिर से गर्म हो गयी थीं.
मैं उनके ऊपर आकर उनको किस करने लगा.
जिससे मेरा लंड उनकी चूत को किस कर रहा था और भाभी चूतड़ उचका कर लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं.
मैं उनको अभी और तड़फाना चाह रहा था तो हर बार लौड़े को चुत में घुसने से रोक देता था.
फिर मैं नीचे आ गया और चूत में एक उंगली डाल कर चूत को चोदने और चूसने लगा.
भाभी की चूत एकदम भट्टी जितनी गर्म थी.
मैंने भी मौके का फायदा उठाकर एक आइस क्यूब चूत में डाल दी.
इससे भाभी अपने हाथ पैरों को पटकने लगीं और गालियां देने लगीं.
मैंने उस टुकड़े को बाहर नहीं निकलने दिया.
अब वे बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थीं और छटपटा रही थीं.
मैंने उन्हें इस हालत में पकड़े रखा और छोड़ा ही नहीं.
वे गाली दे रही थीं- आह छोड़ दे साले … मेरी चुत में दिक्कत हो रही है. आह मादरचोद मान जा आह!
मैं उनकी गालियों आनन्द लेता रहा और थोड़ा नीचे आकर उनकी चूत पर अपने होंठ रख दिए, इससे वे और ज्यादा चिहुंक गईं.
मैं अपने होंठों से भाभी की चूत में घुसे उस बर्फ के टुकड़े इधर उधर करने लगा.
जब टुकड़े का कुछ हिस्सा पिघलता, तो मैं उसको पी जाता.
इस बीच भाभी के मुँह से सीत्कार निकल रही थीं- आह … आह … ईई … आह … चूस लो न …या बर्फ को खा जाओ … सच में ये निगोड़ी चूत बहुत परेशान कर रही है … आह तुम आज इसका भुर्ता बना दो. आह … आह!
उनकी कामुक आवाजें मेरे लौड़े को और ज्यादा कठोर बना रही थीं.
ये सब देखकर रजनी गर्म हो गयी और वह अपनी चूत में उंगली करने लगी.
रजनी को देखकर मेरी हंसी छूट गयी.
मैंने पूछा- किसकी चूत में ज्यादा आग लगी? किसको पहले ठंडा करूं?
रजनी ने कहा- पहले मुझे!
मैंने रजनी की दोनों टांगों को फैलाया और अपना 7.5 इंच और 2.5 इंच का लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वह गांड उठाकर मेरा लंड अन्दर लेने के लिए बेताब थी.
मैंने भी एक झटके में पूरा लंड तक घुसा दिया.
वह हिल गयी और उसकी चीख़ निकल गयी. वह सिर्फ ‘आह आह आह … आह …आह …. ईई …’ ही किए जा रही थी.
करीब 20 मिनट की चुदाई में रजनी का पानी निकल गया और थोड़ी देर बाद मेरा भी पानी निकल गया.
हम दोनों लेट गए.
मेरे बगल में लेटी भाभी धीरे धीरे अपने एक हाथ को मेरे सीने पर चलाने लगीं और दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगीं.
इससे मेरा लंड फिर से अपने विकराल रूप में आ गया.
अब भाभी मेरे लौड़े को विकराल ही बोलती हैं.
अब बारी थी भाभी की जोरदार और रगड़कर चुदाई करने की.
मैं उठा और रिब्ड कंडोम को लंड पर लगा कर भाभी की चूत पर रगड़ने लगा.
भाभी के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- ऊआह … आह … पेलो न!
मैंने लंड को चूत पर सैट किया और भाभी ने लंड पर हाथ रखकर दिशा दिखाई.
एक ही झटके में मैंने पूरा लंड अन्दर उतार दिया और बच्चेदानी पर चोट पहुंचाई.
भाभी जोर से चीखने लगीं- ऊई मम्मी बचाओ … यह छोड़ो मुझे … मेरी फट गई आह अपना लंड बाहर निकालो … आह मुझे बहुत जलन हो रही है!
वे इधर उधर सर पटक रही थीं, मुझको पीछे करने की नाकाम कोशिश कर रही थीं और जोर जोर से चीख रही थीं.
लेकिन मैंने एक हाथ से मुँह पकड़ रखा था और उन्हें दबाए हुए था.
चूंकि यह कंडोम भी रिब्ड था तो दर्द कुछ ज्यादा हुआ.
मैं कुछ मिनट रुका रहा और जब भाभी ने थोड़ा चीखना कम किया तो मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और एक जोरदार झटका लगाया.
इस बार मेरा 7.5 इंच का लंड भाभी की चूत तो फाड़ता हुआ पूरा अन्दर बच्चेदानी से जा टकराया.
इस पर भाभी बहुत जोर से चीख पड़ीं और मुझसे चिपक गईं!
उन्होंने उत्तेजना में मेरे गले पर काट लिया और अपने नाखून मेरे पीठ में गड़ा दिए.
वे रोने लगीं और बोलीं- प्लीज … निकालो बाहर एक बार … बहुत लम्बा और मोटा है तुम्हारा … बहुत दर्द कर रहा है!
मैं नहीं रुका और बिना रुके भाभी की चुत को चोदने लगा.
वे सिर्फ ‘आह आह आह … ’ किए जा रही थीं.
थोड़ी देर बाद जब भाभी सामान्य हुईं तो गांड उठा कर लंड के ताल से ताल मिला रही थीं और पूरे कमरे में ‘फच्च … फ्चा… फच्च …’ की आवाज़ आ रही थी.
भाभी अब मजे से सीत्कारें भरने लगीं- आह … पूरा पेलो आह मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेलो … मेरी बच्चेदानी में छेद कर दो … आह फाड़ दे मेरी चुत को … आज से ये तेरी गुलाम है जान!
मैं भी जोश में आ गया- आह ये लो और अन्दर लो … आज के बाद तुम मेरी बीवी हो … आह अह!
भाभी– आह जान, ऐसे ही पेलो मेरा जीवन धन्य हो गया … आज पहली बार इतनी देर तक चुदी हूँ … आह फाड़ डालो आज मेरी चूत को.
मैं हम्म हम्म करके पेलता जा रहा था.
‘हाय और चोदो … बाप रे बाप … फाड़ डालो मेरी बुर … हूँ … ओ … हो … क्या मस्त लौड़ा है तेरा … ऊं … हूँ … हो … आ … आहां … बड़ा मज़ा दे रही है … हाय जवानी तो बड़ी कुत्ती चीज है बुरचोदी … अब मुझे रोज तुमसे चुदना है आह ऐसे ही चोद चोद कर मेरी बुर फाड़ दो. मैं हमेशा तुम्हारा लंड अपने चूत में लिए रहूँगी!’
मैंने कहा- अब मैं तुझे घोड़ी बनाकर चोदूंगा, डॉगी स्टाइल में चोदूंगा.
भाभी बोलीं- जैसे चाहो, वैसे चोदो पर चोदो, रुको नहीं, चोदे जाओ … मेरी बुर की धज्जियां उड़ा दो … आह जबसे यहां आयी हूँ, इस चूत की गर्मी ने परेशान कर दिया. आज इसकी सारी गर्मी निकाल दो!’
मैंने कहा- आज से तुम्हारी चूत की गर्मी शांत करने की ज़िम्मेदारी मेरी है.
यह कह कर मैं तेज तेज झटके मारने लगा.
हर झटके में भाभी चिल्ला रही थीं- आह पूरा पेलो. आह … मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेलो… फाड़ दो मेरी चूत को.
फिर मैंने उन्हें बिस्तर से नीचे उतारा और एक गद्दा डाल कर घोड़ी बना दिया.
मैंने लौड़ा पीछे से पेल दिया.
मैं अपने दोनों हाथों से भाभी की कमर को पकड़े हुए दनादन चोदने लगा; पूरा लौड़ा घुसा घुसा कर चोदने लगा.
भाभी भी चुदाई में पूरा साथ देने लगीं.
मैं झटके पर झटके मारे जा रहा था और भाभी हर झटके का जबाब गांड पीछे करके दे रही थीं.
हर एक झटके पर मुझे इतनी ज्यादा खुशी मिल रही थी कि मैं शब्दों में बयान ही नहीं कर सकता!
थोड़ी देर डॉगी स्टाइल में चोदने के बाद फिर से उन्हें मिशनरी स्टाइल में लिटा कर घपाघप चोदने लगा.
भाभी सिर्फ ‘ऊंह उम्म … आआआह … आ अया’ कर रही थीं.
कुछ मिनट की चुदाई के बाद भाभी ने मुझे कसके टांगों में जकड़ लिया.
अब मैं झटके नहीं लगा पा रहा था बल्कि वे खुद मुझे नीचे से चूतड़ उठाकर चोद रही थीं.
दो ही मिनट बाद भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया.
मैंने भी पांच मिनट की चुदाई में अपना माल निकाल दिया और हम दोनों लेट गए.
मैंने घड़ी की तरफ देखा तो पाया कि हमारा ये चुदाई समारोह लगभग 30 मिनट तक चला था.
करीब दस मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा क्योंकि मैंने दवा ले रखी थी.
उधर तब तक रजनी सो चुकी थी.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो भाभी लंड को हिलाने लगीं.
जल्द ही लंड ने फिर से विकराल रूप ले लिया.
इस बार भाभीक्सक्सक्स उठीं और उन्होंने लंड पर कंडोम लगा दिया, फिर एक झटके में लंड पर बैठ गईं, जिससे उनकी मदभरी सिसकारियां निकलने लगीं- आआआह … आ चला गया पूरा आह उम्म … आआ अया ऊंह उम्म!
फिर वे आराम आराम से लंड को चुत में अन्दर बाहर करती हुई गर्म सिसकारियां लेती हुई लौड़े की घुड़सवारी का मजा लेने लगीं थीं.
करीबन 20 मिनट बाद वे जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आ अया … आ…ह हाए मम्मी … हाए मम्मी मर गई … आ अया … आज मर गई आह बचा लो … मम्मी आंह आई आई …ऊई!’
वे मादक आवाजें करती हुई झड़ गईं और मेरे ऊपर ही लेट गईं.
कुछ पल रुकने के बाद मैं नीचे से अपनी गांड उठाते हुए धीरे धीरे उनकी चुदाई करने लगा.
वे भी मेरे ऊपर लेटी हुई मुझे किस कर रही थीं और लौड़े की कसरत का मजा ले रही थीं.
फिर मैंने भाभी को नीचे लेटाया और मैं ऊपर आकर उनकी चुदाई करने लगा.
अब मेरा भी होने वाला था … तो मैं और तेजी से झटके मारने लगा.
हर झटके पर भाभी पूरी सिहर जा रही थीं और उनके मुँह से बस एक आवाज़ आ रही थी- हाय … मम्मी … मर गई … आह!
तकरीबन 5 मिनट की चुदाई के बाद मेरा भी पानी निकल गया और मैं उनके बाजू में अपने गले से लगाकर लेट गया.
उस चुदाई के बाद हम दोनों लोग लेट कर बातें करने लगे.
भाभी बता रही थीं कि कैसे भईया ने उनकी पहली चुदाई की थी. उनको आज की चुदाई में कितना मजा आया.
मैं उन्हें बता रहा था कि कब से मैं उनकी बहन को चोद रहा हूँ.
फिर हम दोनों सो गए.
सुबह 10 बजे मैं उठा तो देखा बाकी लोग उठ कर काम कर रहे थे.
मुझे उठा देखकर भाभी कमरे में आईं और मुझे गले लगाकर चूम लिया.
फिर वे बाहर चली गईं.
उस दिन के बाद से भाभी के भाई के आने तक हम तीनों ने खूब चुदाई की.
अब तो भाभीXxx मेरी पत्नी की तरह हो गयी हैं.
मैं जब चाहता हूँ उन्हें चोद देता हूँ, बशर्ते घर पर कोई ना हो!
इसके बाद मैंने भाभी और रजनी की गांड का उद्घाटन किया.
लेकिन वह सेक्स कहानी कभी बाद में लिखूँगा.
आजकल तो भाभी और रजनी से उनकी भाभी की चूत दिलवाने के लिए मना रहा हूँ, लेकिन दोनों मान ही नहीं रही हैं.
अब आप लोग बताएं कि उन्हें कैसे मनाया जाए.
दोस्तो, यह मेरी एकदम सच्ची कहानी है.
भाभीXxx कहानी आपको कैसी लगी प्लीज जरूर बताएं.
मुझे मेल करें.
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