भाई और उसके दोस्त से एक साथ चुदी बहन- 1

(Desi Bahan 3x Sex Kahani)

देसी बहन 3X सेक्स कहानी में मेरा भाई और उसका दोस्त मुझे खूब चोद चुके थे. अब वे दोनों मिलकर मुझे चोद कर ट्रिपल सेक्स का मजा लेना चाहते थे.

दोस्तो, आप सबको मेरा ढेर सारा प्यार.
आप सब जो मेरी सेक्स कहानी पर कॉमेंट में इतना प्यार देते हैं, उसके लिए शुक्रिया.

जैसा कि आप सबको मेरे बारे में पता ही है, मेरा नाम जाह्नवी है, उम्र 26 साल है और मैं अपने आपको बहुत सिंपल समझती हूँ.
परंतु लोग कहते हैं कि मैं कट्टम माल हूँ.

बाकी आप मेरी पिछली सेक्स कहानियों में अभिषेक से मेरे बारे में जान ही गए होंगे.

ये देसी बहन 3X सेक्स कहानी आज से 2 साल पहले की है, जब मेरी शादी नहीं हुई थी.
अब मैं शादीशुदा हूँ और मेरा एक बच्चा भी है.

जैसा कि आपने पिछली कहानी
मैंने छोटे भाई से चुदाई करवा ली
में पढ़ा कि मेरे सगे भाई सचिन ने मुझे कितनी बेदर्दी से चोदा था.

इसके बाद तो जब उसका मन होता, वह मेरी सलवार उतार कर चोदना शुरू कर देता.
मैं कुछ कह भी नहीं पाती थी.

उधर अभिषेक तो मुझे 2 साल से प्यार से चोद ही रहा था.

अब मेरी शादी पक्की हो चुकी थी और ये दोनों भाई मुझे मिलकर चोदने का प्लान बनाने में लगे थे.

सचिन को नहीं पता था कि उसका जिगरी दोस्त उससे पहले ही उसकी प्यारी दीदी की चड्डी सैंकड़ों बार उतार चुका था.

अभिषेक मुझसे हमेशा कहता- दीदी, मैं और सचिन आपको साथ में चोदना चाहते हैं.
मैं उससे कह देती- तुम सचिन से बात करो और उसे ये मत बताना कि तुम मुझे पहले से चोद रहे हो.

इसके बाद सचिन भी मुझे हमेशा थ्रीसम सेक्स वीडियो दिखाने लगा था.

परंतु मैं अन्दर से हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.
मगर मैं जानती थी कि ये दोनों मुझे पक्का एक दिन जरूर चोदेंगे.

एक दिन सचिन मेरे पास एक वीडियो दिखाने आया, जिसमें एक लड़की की दो लड़के चुदाई कर रहे थे.

वह बोला- दीदी ऐसे ही आपकी चुदाई करनी है.
मैं कुछ नहीं बोली.

फिर अगले दिन जब मैं स्कूल पढ़ाने गई और वापस आई, तो देखा कि मेरे रूम में मेरी ब्रा और पैंटी पर बहुत सारा लंड का पानी था.

मुझे पता था कि अभिषेक और सचिन दोनों मिलकर मेरी ब्रा-पैंटी पर पानी छोड़ते थे.

मैं हमेशा अनजान बनकर अंदाज़ा लगा लेती थी.

तब अभिषेक ने कहा- आपको अपने भाई से इस बारे में बात करनी है ताकि वह आपको बताए कि मैं आपकी पैंटी गंदी करता हूँ. तभी मैं और सचिन मिलकर आपकी चुदाई कर पाएंगे और सचिन को पता भी नहीं चलेगा कि मैं पहले से आपको चोद रहा हूँ.

मुझे भी ये आइडिया अच्छा लगा, क्योंकि मैं अब और ज्यादा इन दोनों को नहीं टाल सकती थी.
मेरी शादी 3 महीने बाद होनी थी और अगर मैं प्यार से नहीं मानी, तो ये दोनों जबरदस्ती पक्का चोद देते.

सचिन को भी पता चल सकता था कि उसका दोस्त पहले ही उसकी दीदी के साथ मज़े कर चुका है.

तो मैंने सचिन को बुलाया और पूछा- जब तुम हफ्ते में 2-3 दिन करते हो, तो ये पैंटी गंदी किसने की है?

वह बोला- दीदी सॉरी … वह अभिषेक दिन में आया था, उसने किया है.
मैंने बनावटी गुस्से में कहा- साले, दीदी को रंडी बना दे. पूरे गांव से चुदवा दे!

वह बोला- नहीं दीदी वह मेरा बेस्ट फ्रेंड है, वह किसी को कुछ नहीं बताएगा.
मैंने फिर कहा- तो साले आज तेरे दिमाग में अभिषेक है, कल कोई और दोस्त ले आना!

वह बोला- नहीं दीदी प्लीज़ विश्वास करो. वैसे भी आप तो अभिषेक को बचपन से जानती हो.

मैं अब कुछ कर भी नहीं सकती थी तो मैं बोली- हां, बस एक बार करूँगी थ्रीसम … फिर कभी नहीं.
भाई बोला- ठीक है दीदी तो बताओ कब करना है?
मैंने कहा- पहले तुम लोग डिसाइड कर लो.

सचिन बोला- दीदी आप एक दिन की छुट्टी ले लो स्कूल से, फिर घर में ही करते हैं.
मैंने कहा- नहीं यार.

फिर सचिन ने अभिषेक को कॉल किया और बोला- जाह्नवी मान गई है भाई. अब बता कब करना है.
वह बोला- आज ही रात को चोद देंगे साली रंडी को!

मेरा भाई बोला- नहीं यार, पापा रहते हैं रात को घर में, ये चीख नहीं पाएगी … और जब तक ये चीखती-चिल्लाती नहीं है, तो यार मज़ा नहीं आता!

मैं अपने बारे में दोनों भाइयों के मुँह से सुनकर थोड़ी शर्म महसूस कर रही थी.

फिर मैंने कहा- पापा को 2 दिन बाद कुछ काम से रिश्तेदारी में जाना है, तो उसी समय का फाइनल कर लो.

यह बात जम गई और 2 दिन तक ना अभिषेक ने मुझे चोदा और ना ही सचिन ने.

फिर 2 दिन बाद सुबह पापा रिश्तेदारी में 3 दिन के लिए चले गए.

मैं भी टिफिन बनाकर स्कूल जाने के लिए निकल ही रही थी कि अभिषेक का कॉल मेरे पास आ गया.

वह बोला- जान, अब वक्त आ गया तुम्हें दोनों भाइयों का मज़ा देने का. आज रात तैयार रहना.
मैंने कहा- हां डार्लिंग … आज तुम्हारी रंडी रानी तैयार है कामयुद्ध के लिए!

तो वह बोला- पक्का!
मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

फिर वह बोला- अच्छा रात को गांड में लोगी लंड या नहीं?
मैंने कहा- नहीं यार.

मैं अभिषेक से तो पहले भी गांड मरवा चुकी थी, परंतु सचिन को यही पता था कि मेरी गांड की अभी सील नहीं खुली है.
फिर वह बोला- दीदी आज आप रात को वही सूट-सलवार पहनना, जो आपने मेरी पहली चुदाई पर पहना था!

मैंने कहा- ओके.
फिर वह बोला- चूत के बाल साफ मत करना, छोटे-छोटे बाल अच्छे लगते हैं तेरी चूत पर!
मैंने कहा- ओके बाबा, अब स्कूल जाऊं?

फिर जब मैं 2 बजे स्कूल से घर पहुंची, तो दोनों मेरे घर पर ही थे.

मैं हाथ-मुँह धोकर बैठी ही थी कि मेरे पास सचिन आ गया और बोला- दीदी आपके लिए कुछ लाना तो नहीं है? क्योंकि हम दोनों अपने लिए गर्म वाली दवाई ला रहे हैं.
मैंने कहा- ठीक है, मेरे लिए भी ले आना.

वह बोला- नहीं, आपको दवाई नहीं मिलेगी.
मैंने कहा- क्यों भाई?

तो अभिषेक बोला- तभी तो आप जल्दी-जल्दी पानी पिलाओगी हमें!
मैंने कहा- ठीक है मुझे कुछ नहीं चाहिए.

अभिषेक खुश होकर बोला- आप रियली मस्त रंडी हो!
मैंने कहा- वाह भोसड़ी के … बड़ी जल्दी दीदी से सीधा रंडी पर आ गए!

तो दोनों भाई एक साथ बोले- दीदी आप सब कुछ हो … हमारी रंडी भी, पत्नी भी और आज तो स्कूल टीचर भी.
मैं अभी अपने स्कूल टीचर की ड्रेस में ही थी, पिंक सूट और ब्लैक सलवार.

फिर मैंने कहा- अच्छा बाबा … अब मुझे थोड़ी देर के लिए सो जाने दो.
तो सचिन बोला- हां अभी सो लो, फिर तो आपको आज पूरी रात जागना ही है.
दोनों चले गए.

फिर शाम को मैं उठी, तो अपने और सचिन के लिए खाना बनाया.
रात को 8 बजे तक हम दोनों ने खाना खा लिया था.

अभिषेक अपने घर से कहकर आया कि आज सचिन के पापा घर पर नहीं हैं, तो उनके यहां ही सो जाऊंगा.

क्योंकि जब भी मेरे पापा कहीं जाते, तो वे लोग अभिषेक या अभिषेक के पापा को बोल जाते थे कि मेरे बच्चों का ध्यान रखना.
रात 8:30 बजे मैं अपने रूम में लोअर और टी-शर्ट में थी.

तभी अभिषेक आया और बोला- आप येलो वाला सूट पहन लो … और जब तक हम आवाज़ न दें, रूम में मत आना!
मैंने कहा- ओके हनी.

रात को 11 बजे तक जब सब सो गए तो सचिन ने मुझे आवाज़ दी.

मैं उठकर रूम में गई तो देखा दोनों ने रूम को मस्त अच्छे से सजा दिया था.
मैं कमरे के अन्दर गई तो अभिषेक बोला- सचिन तुम बैठो, पहले मुझे कर लेने दे यार!

मैं खड़ी थी, अभिषेक ने तुरंत मेरे मुँह से अपना मुँह सटा दिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर घुमाने लगा.
मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.

फिर वह मेरे शर्ट के ऊपर से ही मेरे मध्यम आकार के मम्मों को मसलने लगा.
मैं काम वासना से गर्म होती हुई ‘आह्ह … आह्ह्’ कर रही थी.

सचिन बोला- दीदी और तेज़-तेज़ आवाज़ निकालनी है आपको. क्योंकि आज तो आपकी आवाज़ कोई नहीं सुनेगा.
मैं और तेज़ ‘आह्ह … आह्ह्’ करने लगी.

तभी अभिषेक बोला- दीदी, जैसे सचिन आपकी बहुत हार्ड पेलाई करता है, क्या मैं भी आपकी हार्ड पिलाई कर सकता हूँ?
मैंने कहा- ओके.

तो उसने मेरी गर्दन और कान के पीछे चाटना शुरू कर दिया. फिर एक हाथ नीचे ले जाकर मेरी चूत को सहलाने लगा.
मैं ‘आह्ह्ह … आह् … आह्ह्’ कर रही थी.

तभी उसने जोर से मेरी चूत को मुट्ठी में भींच लिया.
मैं ‘आह्ह … आह्ह्ह … छोड़ साले …’ चिल्लाई.

मेरा सगा भाई बेड पर बैठा मुझे देखकर लंड हिला रहा था.
उसने कहा- दीदी मज़ा आ रहा है?
मैंने बोली- हां भाई.

तभी अभिषेक ने मुझे जोर का तमाचा मारा, जिससे मैं सीधा बेड पर जा गिरी.
मैंने कहा- प्लीज़ भाई, जितना करना है चेहरे के नीचे करो. चेहरे पर तमाचे के निशान नहीं आने चाहिए!

तो वह बोला- सॉरी दीदी.
अब अभिषेक दूर बैठ गया.

फिर मेरा भाई सचिन मेरे पास आया और उसने मेरे गाल पर चूमना शुरू कर दिया.
मैं ‘आह्ह … आह्ह्ह’ कर रही थी.

तभी उसने जोर से मेरी गर्दन पकड़ ली, जिससे मेरा मुँह खुला का खुला रह गया और उसने मेरे मुँह में अपना ढेर सारा थूक छोड़ दिया.

मैं चुपचाप पी गई.
फिर उसने जोर से मेरे गाल पर तमाचा मार दिया.

मैंने कहा- प्लीज़ भाई मैंने कहा न चेहरे को मत बिगाड़ो!

तो वह बोला- वैसे भी हम दोनों के लौड़ों से चुद कर आप 2-3 दिन स्कूल नहीं जा पाओगी … और जाने की कोशिश करेगी तो मैं आपको घर से बाहर जाने नहीं दूँगा, तो तब तक चेहरे से निशान भी ठीक हो जाएंगे. वैसे भी अब सिर्फ़ मैं तमाचा मारूँगा चेहरे पर, अभिषेक नहीं मारेगा.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ करती रही.
पर भाई कहां रुकने वाला था.

सूट के ऊपर से ही दोनों हाथों से मेरे बूब्स मसलने लगा.

मैं बोली- आराम से मसल कुत्ते!
तो उसने मेरे बूब्स पर तमाचों की बरसात कर दी.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ चिल्लाई.

मैं येलो शर्ट, वी-शेप के गले वाला पहने थी.
उसने उसे सीधा बीच में से फाड़ दिया.

मैं बोली- हरामखोर उतार नहीं सकता था?
तो वह बोला- आज आप बस देखती जाओ हम लोग क्या क्या फाड़ते हैं!

मैं अपने भाई के सामने नीचे सलवार और ऊपर ब्रा में लेटी थी.
वह मेरे पेट पर दोनों साइड पैर डालकर बैठा था और ब्रा के ऊपर से दोनों बूब्स हाथ में लेकर जोर-जोर से मसल रहा था.

मैं ‘आह … आह’ कर रही थी.
तभी अभिषेक ने आकर मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया और मेरा मुँह चोद रहा था.

मैं ‘गुगुगुगु … गुगुगु’ की आवाज़ें निकाल रही थी.

तभी सचिन ने मेरे तलवे चाटने शुरू किए.
मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था.

धीरे-धीरे वह ऊपर को आकार मेरी जांघ को सूँघने लगा.
फिर एकदम से सलवार के ऊपर से चूत को दांतों से दबा लिया, जैसे एक बार में ही खा जाना चाहता हो.

मुझे उसका ऐसा करना बड़ा अच्छा लगा.

वह सलवार के ऊपर से चूत को सहलाने लगा और सलवार को अपने मुँह के थूक से गीला कर दिया.
तभी मेरी चूत अपना पानी छोड़ चुकी थी.

अब वह सलवार पर लगे उसके थूक और मेरी चूत के पानी दोनों को बड़े प्यार से चाट रहा था.
अभिषेक ने मेरे मुँह को चोदते हुए अपना पानी मेरे मुँह में ही निकाल दिया.

मैं बोली- तुम तो सेक्स की दवाई खा चुके थे न … मेरे मुँह में इतनी जल्दी पानी कैसे छोड़ दिया?
तो वह बोला- जाह्नवी रानी, पहले तुम्हें अपना पानी पिलाना था. अब खाएंगे दवाई.

मैं बोली- अच्छा, दोनों भाई मतलब अपनी दीदी को रंडी की तरह ही चोदोगे.
तो वह बोला- और नहीं तो क्या!

मैं कुछ नहीं बोली.

अब सचिन ने मेरी सलवार को चूत के पास, जहां सलवार की सिलाई होती है, वहां से फाड़ दिया.
मैं बोली- ये मेरी जान ले लोगे तुम लोग!

तभी उसने मेरी चड्डी को भी फाड़ दिया.
अब आप समझ सकते हैं कि उस समय मैं कैसी लग रही होऊंगी.

कमर से ऊपर ब्लैक ब्रा और आधी फटी हुई कुर्ती में और नीचे आधी फटी सलवार, जिसका आधा हिस्सा मेरी कमर से बंधा था और आधा मेरे दोनों पैरों के नीचे.

पैंटी भी चूत के पास से बस थोड़ी सी फाड़ दी थी.
सचिन मेरी चूत में दो उंगलियां डाल रहा था.

मैं ‘आह्ह … आह्ह’ करती हुई जोर से चिल्लाई- भाई अब चोद दे अपनी रंडी दीदी को … अब और नहीं.
अभिषेक बोला- दीदी आप ऐसे ही चुदाई की भीख मांगती रहो.

अभिषेक अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा मेरे पास ही लेटा था.
तभी सचिन ने मेरी सलवार और चड्डी दोनों को उतार कर मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया.

देसी बहन 3X सेक्स मजा लेती हुई अब मैं अपने दोनों भाइयों के सामने नंगी पड़ी थी. मेरे जिस्म पर सिर्फ़ फटी हुई काली ब्रा थी, जो मेरे गोरे जिस्म में चार चाँद लगा रही थी.
सचिन अपनी दो उंगलियों से मेरी चूत में सुरसुरी कर रहा था और जीभ से चूत चाट रहा था.

अभिषेक मेरे नंगे पेट को चाट रहा था, कभी नाभि को जीभ से चाटता, कभी उसमें अपनी जीभ डालकर ‘उम्म्म … उम्म्म …’ करता.
वह बोला- दीदी क्या मस्त पेट है आपका.

मैं ‘आह्ह … ओह्’ कर रही थी.
अब मेरा दूसरी बार पानी निकलने वाला था.

मैं बोली- मुझे अब चोद दो भाइयो … हाथ जोड़ती हूँ.
तभी अभिषेक बोला- भाई, अब मुझे पीना है जाह्नवी रांड की चूत की अमृत धारा.

यह कह कर अभिषेक ने मेरी चूत पर दांत गड़ाकर चाटना शुरू कर दिया.
मैं दोनों हाथों से उसके सिर को चूत पर घुसाने लगी.

मेरी ये फीलिंग तो सिर्फ़ कोई लड़की ही समझ सकती है कि मैं उस समय कैसी तड़प रही थी.
सचिन मेरी आंखों में देखने लगा और बोला- दीदी आज आप रियली बहुत सुंदर लग रही हो.

मुझे अब भी शर्म आ रही थी.

मैं ‘उह्ह् … आह्ह’ करती हुई अपनी चूत से पानी छोड़ रही थी.
अभिषेक ने मेरा पूरा पानी अपने मुँह में भर लिया, फिर मेरे मुँह में अपने मुँह का पानी छोड़ दिया.

वह बोला- लो दीदी आप भी अपने अमृत का स्वाद तो ले लो.

मुझे आज पता चला कि मेरा पानी कितना अच्छा स्वाद देने वाला था.

अब मेरे भाई ने मेरी ब्रा उतार फेंकी.
मैं दोनों लड़कों के बीच, जो मुझसे 4-5 साल छोटे थे, नंगी किसी रंडी की तरह पड़ी थी.

दोनों मेरे अगल-बगल लेटकर एक-एक बूब्स चूस रहे थे … बड़े प्यार से, जैसे मेरे ही दोनों छोटे बच्चे हों.
मैं दो बार पानी छोड़ चुकी थी, तो थक गई थी.

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
मैं भी अपने दोनों हाथों से उनके सिर सहला रही थी.

तभी मेरे मोबाइल में एक मैसेज आया.
मैंने टाइम देखा, तो रात के 1 बज चुके थे.

मैं बोली- भाइयो अब और क्या प्लान है? अब मुझे तो नींद आने लगी है.
तो सचिन बोला- दीदी, इतनी भी क्या जल्दी … और वैसे भी कल तो संडे है.

मुझे नीचे पेट पर अभिषेक का लंड महसूस हो रहा था तो मैंने हाथ में लेकर उसका लंड हिलाना शुरू कर दिया.
तभी मैंने सचिन से कहा- तूने तो कपड़े पहन रखे हैं.

तो वह बोला- दीदी, आप उतारो मेरे कपड़े!
मैंने कहा- अच्छा … मैं उतारूँ?

तो वह बोला- और नहीं तो क्या?
मैंने जल्दी-जल्दी उसके सारे कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया.

अब हम तीनों अपनी जवानी के मज़े में डूबे थे.
इस जवानी की मस्ती में हम तीनों ने क्या क्या मजे किए, वह सब मैं आपको देसी बहन 3X सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूँगी.

आप मेरी इस सेक्स कहानी पर मुझे मेल जरूर करें.
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देसी बहन 3X सेक्स कहानी का अगला भाग:

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