कनाडा से आई देसी चूत का मजा- 4

(Canada Se Aayi Desi Chut Ka Maja- Part 4)

This story is part of a series:

होटल के एक कमरे में मेरी दो दोस्त लड़कियां और मेरा एक दोस्त नंगे होकर एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे. कामुकता से चारों का बुरा हाल था. चुदाई का मजा लें.

दोस्तो, मैं रवि अपनी कनाडा से आई देसी दोस्त की चूत चुदाई की कहानी का अगला भाग आपके सामने लाया हूं. अभी तक आपने
कनाडा से आई देसी चूत का मजा- 3
में पढ़ा कि कैसे नेहा और गीत की चूत को चूस चूस कर खाली करने के बाद मैंने और संजय ने उन दोनों जवान लड़कियों की गांड चुदाई की.

संजय नेहा की गांड में झड़ गया और गीत ने नेहा की चूत में डिल्डो से चोदते हुए उसको झाड़ दिया और फिर वो खुद भी नेहा की चूत चोदते हुए झड़ गयी. मैंने फिर गीत की गांड से अपना लंड भी बाहर निकाल लिया.

अब आगे:

एक एक करके हम सभी एक बार वॉशरूम गये. मैं और संजय अपना अपना लंड वाश करके आये. उसके बाद हम सुस्ताने लगे और साथ में बातें करने लगे.

गीत बोली- सालो, हमारी फाड़ कर रख दी.
संजय बोला- क्या फाड़ कर रख दी?
नेहा तुरंत संजय का जवाब देती हुई बोली- गांड फाड़ दी गीत की.
मैंने नेहा को कहा- क्यों तेरी गांड नहीं फटी क्या?

मेरी बात का जवाब देती हुई गीत ने नेहा को सुना कर कहा- इसकी कहाँ फटी है, इसके अंदर तो दो दो लौड़े भी एक साथ चले जाएँ तो भी न फटे.
नेहा गीत की तरफ़ मुंह बनाते हुए बोली- ऐ साली, दो दो तो तुझे चाहिएं वो भी एक साथ!

मैंने फिर कहा- कोई बात नहीं, तुम्हारी दो दो वाली ख्वाहिश भी पूरी कर देते हैं जानेमन, कुछ टाइम रुको बस.
गीत मेरी बात सुन कर बोली- अरे मुझे नहीं चाहिए दो दो, अब थोड़ी देर पहले कौन सा एक लिया था, नेहा को चाहिएं दो दो, इसे ही दे दो। मेरा तो अंग अंग फट गया है.

गीत को मैंने कहा- अरे अगर इतनी ही फट गयी है तो कोई बात नहीं, हमारा साथ देने के लिए तो है नेहा, तुम दूसरे रूम में जाकर आराम कर लो.
मेरे इतना सुनते ही गीत बोली- आराम करने के लिए तो हमारे घर भी हैं रूम.

फिर वो अपनी चूत को आगे करके बोली- आ जाओ तुम दो ही ले आओ, मैं भी देखूं तुम्हारे दो दो के मज़े।
संजय नेहा की चूची दबाते हुए बोला- साली दो दो का नाम नहीं है कोई क्या?
गीत संजय के लंड को हाथ में लेती हुई बोली- मैं इस लंड की बात कर रही हूँ साले, ये जो छोटा हो गया है, इसे अब मैं ही टाइट करती हूँ.

इतना कह कर गीत ने अपनी जीभ निकाली और संजय के आगे बैठ कर उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया. गीत की जीभ के स्पर्श से ही संजय के लौड़े ने टाइट होना शुरू कर दिया और कुछ ही समय में संजय के लंड में पूरी तरह जान आ गयी और उसका लंड पूरा खड़ा हो गया.

मैंने गीत को देखा. गीत बहुत मस्त तरीके से संजय के लौड़े को चाट रही थी. वो संजय के लंड के ऊपर के छेद के ऊपर पहले अपने थूक की एक लार छोड़ती और फिर उसे चाट कर उसके छेद के अंदर जीभ डालने की कोशिश करती, ऐसा करते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे संजय के लौड़े का छेद उसकी जीभ के लिए बना हो.

फिर उसके लौड़े को आस पास से चाट कर सारा लंड अपने मुंह में ले लेती. गीत के ऐसा करने से संजय ज़ल्दी ही उतेजित हो गया था और इधर मैंने भी नेहा को अपनी गोद में बिठा कर उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था.

कभी कभी मैं पीछे से नेहा की चूची को चूसने का यतन करता और कभी कभी नेहा खुद ही अपने हाथ से अपना मम्मा मेरे मुंह में डालने की कोशिश करती.

मैंने अपना एक हाथ नीचे किया और नेहा की चूत में ऊँगली डाल दी और उसके कान के पास मुंह करके कहा- साली तू भी ले मज़े अपनी जवानी के डार्लिंग.

उधर संजय का लंड चूस रही गीत ने हमें देखा तो एक आँख दबा कर लौड़े को चाटती हुई रुक कर बोली- इस साली को तो एक साथ दोनों मिल कर चोदना. मैं भी इसको एक साथ साथ दो दो लेते हुए देखना चाहती हूं.

तभी संजय बोला- क्या लेते हुए देखेगी तू?
गीत फिर बोली- तुम जो कर रहे हो, वो करो.
उन दोनों की बातें सुन कर नेहा बोली- अरे वो तो कुछ भी नहीं कर रहे साली, कर तो तू रही है.

नेहा की इस बात पर हम सभी हंस पड़े और नेहा की बात सुन कर गीत बोली- आजा साली तू देख ले करके, आजा यहाँ आकर गांड मरवा.
उसकी बात सुन कर संजय बोला- गांड तो अभी मरवाई है इसने.

नेहा फिर बोली- सिर्फ मैंने ही नहीं, तुम्हारे लंड की इस रानी ने भी मरवाई है गांड और अब फिर मरवाने वाली है ये साली.
नेहा की बात सुन कर गीत फिर बोली- वाह मेरी जान, एक बार फिर बोल दे लंड की रानी! अरे मैं तो हूँ इनकी दीवानी … और रही बात गांड मरवाने की, वो तो इनकी विश पूरी की है मैंने, मैं तो आगे लेने की ही दीवानी हूँ.

उसकी बात का जवाब मैंने दिया- साली गीत को भी बातें ज्यादा आने लग गयी हैं आजकल.
संजय बोला- आये भी क्यों न, ये साली आजकल अंग्रेजों के लौड़े चूसती है.

गीत अब तक संजय का लंड छोड़ कर हमसे बातें करने में ही व्यस्त हो चुकी थी.
तभी गीत फिर बोली- अरे नहीं यार, ये बात तो आप अपने पास से ही मुझे बार बार कह रहे हो. मैं किसी अंग्रेज का नहीं लेती और न ही वहां मेरे पास इतना वक्त रहता है कि मैं कुछ कर सकूँ. बस आपको ही याद कर लेती हूँ.

अब तक मैंने गोद में बैठी नेहा के दोनों मम्मों पर दोनों हाथों से दबाते हुए उन्हें सहलाना शुरू कर दिया था.

नेहा गीत की बात सुन कर मुझसे मम्में मसलवाती हुई बोली- साली कुतिया इनको याद करके क्या चूत में उंगली लेती है?

फिर गीत संजय के पूरी तरह खड़े हो चुके लौड़े को पकड़ कर बोली- अगर ले भी लूँ तो इसमें क्या बुरा है?
मैंने नेहा को घुमा कर उसके मम्मे पर किस करके कहा- अरे साली डार्लिंग, अभी ये लौड़े आपके हाथों में हैं, अभी उंगली की जरूरत नहीं पड़ेगी, इनका मज़ा लो सालियों.

अब तक गीत संजय को छोड़ कर मेरे पास आ गयी और मेरे टट्टों को हाथ में पकडे़ हुए बोली- उफ्फ्फ़ कितना मस्त है रवि का!
संजय पीछे से गीत के पास आकर उसके चूचे दबाते हुए बोला- रवि का क्या?

मैंने भी नेहा के होंठों को किस करते हुए और एक हाथ से गीत के सर को पकड़ कर अपने लंड के पास करते हुए लंड चूसने का इशारा किया. इधर नेहा की जीभ को अपनी जीभ के ऊपर रख कर उसके दोनों होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

अब मैं बेड पर अपनी टाँगें नीचे को लटका कर बैठा था और नेहा को अपनी गोद में बिठा कर उसके होंठ चूस रहा था. नीचे की तरफ मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर गीत मेरा लंड चूसने लगी थी और मेरे बिल्कुल सामने, गीत के पीछे, नीचे बैठ कर संजय गीत के दोनों मम्मों को हाथों से सहला और दबा रहा था.

मैंने नेहा के पहले निचले होंठ को चूसा और फिर ऊपर के होंठ को चूसा और फिर उसकी जीभ को चूसा. इसी तरह नेहा भी करती. ऐसे करने से हमें मज़ा भी आ रहा था और गर्म भी हो रहे थे. नीचे गीत मेरे लंड को भी अपने ही अंदाज़ में उसके छेद पर जीभ से टच करके चूस रही थी.

कभी लंड के टोपे पर थूक लगा कर चूसती और कभी उसकी जीभ मेरे टट्टों पर चलती. गीत के मम्में दबा रहा संजय भी पूरा गर्म हो चुका था और गीत को बोला- साली मादरचोद… आज तेरी चूत की माँ चोद देंगे हम दोनों, बहन की लौड़ी … साली।

तभी गीत मेरे लंड को छोड़ती हुई अपनी चूत की तरफ इशारा करके बोली- आओ सालों, अब तुम्हारे हाथ में है, तुम इसकी बहन चोदो या माँ चोदो, पर अभी इसको चोद दो साली को.

अब मैंने भी नेहा के होंठों को छोड़ा और और नेहा को साइड पर करके खड़ा हो गया और मैंने गीत के चूतड़ों पर एक स्लैप किया और बोला- आ जा चुदक्कड़, यारों के बीच।

गीत बेड पर आ गयी और अब गीत पीठ के बल लेट गयी और मैंने नेहा को कहा- डार्लिंग थोड़ा लुब्रीकेट (चिकना) करना मेरे हथियार को। नेहा मेरा इशारा पाकर मेरे पास आ गयी और अपनी जीभ को मेरे लंड पर रखा और फिर उसे थोड़ा चूसा और फिर थोड़ा सा थूक मेरे लंड पर टपका दिया.

मैंने गीत की चूत पर अपना लौड़ा रखा और एक हाथ गीत के कंधे पर रखा और दूसरा हाथ मैंने गीत के चूतड़ों के नीचे रखकर उसके चूतड़ों को पकड़ कर रखा ताकि लंड उसकी चूत में घुसते समय उसकी चूत के हिलने की वजह से लंड फिसल न जाए.

फिर मैंने एक हल्का सा झटका लगा कर अपने लंड का टोपा गीत की चूत के अंदर कर दिया और गीत की आँखों में आँखें डाल कर देखा और बोला- क्यों डार्लिंग आ जाऊं या नहीं?

गीत तुरंत बोली- अब मेरे न कहने से कौन सा तुम रुक जाओगे?
मैंने तुरंत लंड को थोड़ा सा पीछे खींचते हुए उसकी आँखों में आंखें डाले कहा- ऐसी बात नहीं है जान, अगर नहीं एंट्री दोगी तो मैं पीछे हो जाता हूँ बेबी.

इस पर गीत ने जोर लगाकर नीचे से एक झटका ऊपर को लगाया और अपने दोनों चूतड़े ऊपर उठाये और अपनी दोनों बांहों को मेरे आजू बाजू से मेरी पीठ पर कसते हुए बोली- अब चोद भी दे साले … क्यों तड़पा रहा है … फक मी … उफ्फ्फ़ … कर दे मेरा काम तमाम भोसड़ी वाले।

इसी के साथ ही मेरा आधे से भी ज्यादा लंड उसकी चूत में चला गया और मैंने भी एक झटका ऊपर से लगा कर अपने पूरे लंड को उसकी चूत में डालते हुए कहा- ले साली मादरचोद … मरवा अपनी फुद्दी … आह्ह … चुद साली अब।

नीचे से अपनी फुद्दी का झटका मेरे लंड पर जोर से लगा कर गीत भी बोली- उई… मार अपना लौड़ा मेरी फुद्दी पर… आह्ह्ह… चोद डाल मुझे साले।

मैंने देखा कि हम दोनों की चुदाई को संजय और नेहा पास से देख रहे थे और संजय ने नेहा के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया था और नेहा भी अपने एक हाथ से संजय के लंड को सहला रही थी.

उन्हें देख कर मैंने गीत के मम्मों पर किस करनी शुरू कर दी. अब मैं अपने लौड़े से गीत की चूत चोद रहा था और होंठों से गीत के मम्मों के निप्पल चूस रहा था.

मैं कभी गीत के एक मम्मे को चाटता और फिर कभी दूसरे को चाटता और साथ में उसके मम्मों को चूस भी रहा था. अब मैंने गीत की चूत में झटका लगा कर और उसकी आँखों में आँखें डाल कर उसे कहा- आह्ह.. बोल साली… आज तेरा गैंग बैंग बना दूं… आह्ह… कर दूं तेरी हालत खराब?

वो भी मेरी आँखों में देखती हुई बोली- हये… आह्हह.. चोद ले मेरी जान… मेरी गांड और चूत को खुश कर दे.. आह्ह.. आईई… याह्हह.. एक साथ दोनों छेद भर दो मेरे राजा.. मुझे रंडी की तरह पेल दो.

तभी मैंने उसके ऊपर के होंठ को अपने होंठ में लेकर उसे एक किस की जिसका जवाब उसने अपनी जीभ को मेरी जीभ पर टच करके दिया. फिर मैंने उसके दोनों होंठों को चूस कर उसकी जीभ को भी चूस लिया जिससे हमारी किस और जबरदस्त हो गयी.

याद रहे इस वक्त मेरा लंड गीत की चूत के अंदर था. मैंने अब ऐसे ही नीचे खड़े खड़े गीत की पीठ को दोनों हाथों से आजू बाजू हाथ घुमा कर उसे पकड़ा और अपने ऊपर ले लिया. उसकी चूत से लंड निकाले बगैर ही मैंने गीत को ऊपर उठा लिया.

अब गीत को मैंने ऊपर अपनी गोद में उठाया हुआ था और गीत के कान के पास होंठ करके उसे कहा- उफफ्फ … बोल … साली … गांड के चिथड़े उड़ा दूँ … आज?

वो अपने मम्मों को मेरी छाती पर दबाती हुई मेरी आँखों में देखती हुई बोली- अब तो जैसे मर्जी खेलो मेरी जवानी से मेरे यारों… उफ़ जान.. फ़क… माय.. एस्स एंड पुस्सी बेबी… ओह्ह फक मी डार्लिंग।

उधर संजय नेहा की चूत के बिल्कुल अंदर जीभ डाल कर उसे चूस रहा था. वो कभी उसकी चूत की साइड की फांकों पर जीभ फेर कर उन्हें चाटता और कभी उसकी चूत के अंदर से उसकी चूत को चाटता.

नेहा बेड पर पीठ के बल लेटी हुई संजय की चुसाई की वजह से जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी. उसकी चूत में संजय का मुंह लगा देख कर मेरा मन कर रहा था कि साली की चूत में बड़ा और मोटा लट्ठ चिकना करके फंसा दूं. साली की चूत की प्यास अच्छी तरह से बुझा दूं.

नेहा जोर जोर से सिसकारी ले रही थी- आह्ह.. संजय… मेरी चूत… आह्ह… चूस लो.. आह्ह मेरी जान… मैं पागल हो जाऊंगी.. आह्ह मादरचोद… खा जा इसको… मेरे चोदू यार… आह्ह पी जा इसका सारा रस… आह्ह ..आईई.. सीसी… आह्हह.. उम्म…. करते हुए नेहा पूरे माहौल को और ज्यादा गर्म कर रही थी।

कहानी अंतिम भाग में जारी रहेगी.
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