भाई और उसके दोस्त से एक साथ चुदी बहन- 2

(Dirty Sister Brother Sex Kahani)

राही माही 2025-10-14 Comments

डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स कहानी में मेरे सगे भाई और उसके दोस्त ने मुझे एक साथ चोदने के लिए तैयार कर लिया. मैं भी इस खेल का मजा लेना चाहती थी पर थोड़ा नाटक कर रही थी.

दोस्तो, मैं आपकी प्यारी रंडी बहन जाह्नवी एक बार पुनः अपने दो भाइयों (एक सगा भाई सचिन, दूसरा सचिन का दोस्त अभिषेक) से एक साथ चुदाई की कहानी का अगला भाग सुनाने हाजिर हूँ.
कहानी के पहले भाग
भाई और उसके दोस्त का मेरे साथ 3सम
में मैं अब तक लिख चुकी थी कि मेरे दोनों भाई मुझे नंगी करके मेरे साथ नंगे ही बिस्तर पर लेटे हुए थे और मेरे चूचों व चुत से खेल रहे थे.

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अब आगे डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स कहानी:

मैं बोली- अच्छा जरा अलग हो. मुझे प्यास लगी है, मैं पानी पीकर आती हूँ.

तो अभिषेक बोला- दीदी पानी नहीं, आप रुको. हम दोनों कुछ लाते हैं.
दोनों अपनी गांड हिलाते हुए गए और किचन से बहुत सारा सामान ले आए.

मैंने पूछा- ये किस लिए?
तो उन्होंने बताया- आज पार्टी करनी थी ना आपके साथ. इसलिए शाम को ही बाजार से केक और कोल्डड्रिंक ले आए थे.

हम तीनों नंगे ही बैठे थे.

मैं कोल्डड्रिंक पी रही थी.
मुझे कोल्डड्रिंक का स्वाद कुछ अजीब सा लगा, तो मैंने अभिषेक की तरफ देखा.
उसने आंख दबा दी.

मैं समझ गई कि ये दोनों कोल्डड्रिंक में वोदका मिला कर लाए हैं.
मुझे भी वोदका की जरूरत थी क्योंकि आज मेरे दोनों भाई मुझे एक साथ चोदने वाले जो थे.

अभिषेक बोला- दीदी, आप खड़ी हो जाओ.
मैं हाथ में बोतल लेकर पीने लगी.
तो वे बोले- आप बस सीधी खड़ी रहो!

वे दोनों मुझे देखने लगे.
अब ऐसी स्थिति में कोई भी लड़की हो, शर्म लगना तो जायज़ है.

मैं अपनी आंखें बंद करने लगी, तो वे दोनों बोले- दीदी, अब कैसी शर्म!
वे दोनों मेरे बारे में बात करने लगे.

‘दीदी आपके बूब्स तो बहुत अच्छे हैं.’
मेरे बूब्स गोल हैं और थोड़े आगे की ओर तने हुए भी हैं.

सचिन ने पूछा- सच सच बताओ दीदी, कितने लोगों ने आपके बूब्स पिए हैं?
मैंने कहा- एक वादा करो, जो भी आज इस रूम में होगा, वह हमेशा गोपनीय रहेगा … और कोई किसी को जज नहीं करेगा … और जिससे जो पूछा जाए, सब सच बताएंगे!

वे दोनों हां में सर हिलाने लगे.

फिर मैंने कहा- तो मैं अपने बारे में बताऊं?
दोनों बोले- हां.

मैंने बताया- स्कूल टाइम में जब मैं 11वीं में थी, तब एक बॉयफ्रेंड था. उसने ऊपर-ऊपर से सब किया था और उसने ही पहली बार मेरे बूब्स पिए थे.

सचिन बोला- दीदी तो टोटल कितने लोगों ने आपके बूब्स पिए हैं?
मैंने कहा- चार.

तो वे बोले- कौन-कौन?
मैंने कहा- एक स्कूल में बॉयफ्रेंड था, एक कॉलेज में और बाकी तुम दोनों!

सचिन मेरे पास उठकर आ गया और एक हाथ में मेरा बूब्स पकड़ कर बोला- लगता तो नहीं है दीदी.
मेरे बूब्स 32 साइज़ के हैं.

मैंने कहा- भाई, सच कह रही हूँ.
तभी उसका हाथ पेट पर फेरते हुए चूत पर आ गया और वह अभिषेक से बोला- भाई, चूत तो देख इसकी … कितनी प्यारी है.

अभिषेक बोला- अच्छा है ये हमारी दीदी है, वरना इतनी सुंदर चूत शायद हमें कभी मिल ही न पाती.
सचिन बोला- बात तो सही है यार.

वे दोनों पूरी तरह से मेरे नंगे जिस्म का मुआयना कर रहे थे.

मैं अभी भी खड़ी थी.
वोदका की मस्ती मेरे तन बदन में चुदाई की आग लगा रही थी, मैं डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स करने को आतुर थी.

अभिषेक चुत में उंगली करते हुए बोला- दीदी, अब तक कितने लोगों से चुदी हो आप?
मैंने कहा- सिर्फ़ 3 से … एक कॉलेज वाला बॉयफ्रेंड और तुम दोनों से. वैसे शादी के बाद अब तक मैं 8 लोगों से अपनी चड्डी उतरवा चुकी हूँ … वह आगे कहानी में फिर कभी बताऊंगी.

अभिषेक बोला- दीदी की कितनी प्यारी चूत … लगता ही नहीं कि इससे मूत निकलता होगा. मुझे तो लगता है चूत से हमेशा ही अमृत बरसता होगा!

सचिन बोला- मैंने तो बहुत बार पिया भी है.
मैंने कहा- साले मूत पीने का मन है तो सीधा सीधा बोलो न!

दोनों बोले- दीदी देखती जाओ. अभी तो 3 दिन हैं.
मैंने दोनों से पूछा- तुम लोगों ने कितनी लड़कियां चोदी हैं?

अभिषेक ने बताया- दो. एक आप और एक मेरी गर्लफ्रेंड.
मैंने कहा- वाह.

फिर मैंने उससे कहा- अपनी गर्लफ्रेंड की फ़ोटो दिखाओ!
तो उसने दिखाई.

उसकी गर्लफ्रेंड रियली बहुत क्यूट और सेक्सी थी.

सचिन ने उसकी गर्लफ्रेंड को पहली बार देखा, तो बोला- फिर तुम दीदी को क्यों चोदना चाहते हो, जब तुम्हारी खुद की गर्लफ्रेंड इतनी सुंदर है?
मैंने भी कहा- हां भाई, बात तो सही है!

तो वह बोला- दीदी आप नहीं समझोगी. अपनी दीदी-बहन चोदना हर भाई की ख्वाहिश होती है. दीदी जितना मज़ा दुनिया की ना कोई गर्लफ्रेंड दे सकती है, ना कोई पत्नी और ना कोई रंडी.
मैंने पूछा- ऐसा क्यों?

तो वह बोला- क्योंकि आप मेरी गलती को सुधारोगी, जब कि रंडी मज़ाक बनाती है. और गर्लफ्रेंड के लिए कोई होटल देखो और उसमें भी वह बहुत नखरे करती है. जबकि दीदी के लिए तो जब मन हो, बोल दो दीदी से, घर में ही चुदाई करो. किसी को शक भी नहीं होगा और दीदी के जिस्म की आग भी घर में ठंडी हो जाएगी.

मुझे उसका आइडिया रियली बहुत अच्छा लगा क्योंकि सच में बाहर लड़के सिर्फ़ अपनी हवस के लिए गर्लफ्रेंड बनाते हैं और फिर जब मन हुआ, छोड़ देते हैं.

अब हम तीनों ये बातें नंगे बैठे हुए ही कर रहे थे.
तभी दोनों ने उठकर अपनी दवाई खा ली.

मैंने टाइम देखा तो 2:50 हो चुके थे, पर हम तीनों की आंखों से तो जैसे नींद गायब थी.

फिर मैंने अभिषेक से पूछ लिया- तुम्हारी दीदी भी तो है, उसको नहीं चोदते हो?
तो वह बोला- यार, सबकी किस्मत सचिन जैसी थोड़े होती है कि अपनी रियल दीदी को चोद सके.

फिर वह बोला- हां, उसको नंगी तो बहुत देखा है बाथरूम में.
मैं खड़ी होकर बाथरूम जाने लगी तो अभिषेक ने पूछा- क्या हुआ दीदी?

मैंने कहा- बाथरूम जा रही हूँ, पेशाब आ रही है.
तभी उसने मेरी गोल-मटोल 34 साइज़ की गांड को पकड़ लिया.
इसको अभी तक सिर्फ़ उसने ही चोदा था.

वह मेरी गांड पर तमाचा मारते हुए बोला- जब दो भाई प्यासे बैठे हैं, तो बाथरूम में क्यों जाना.
यह कह कर अभिषेक ज़मीन पर लेट गया.

मैं दोनों पैर उसके सीने पर रखकर, जैसे टॉयलेट सीट पर बैठते हैं, बैठ कर पेशाब करने लगी.
मेरी चूत से ‘सी सी सी’ करती हुई मेरी अमृत धारा उसके कुछ चेहरे पर तो कुछ मुँह में जाने लगी.

उसने मेरा पूरा मूत पी लिया और जीभ से मेरी चूत चाटकर पूरा मूत साफ कर दिया.

अब सचिन ने मेरा हाथ पकड़कर बेड पर खींचा और मैं सीधी लेट गई.

अभिषेक ने केक का डिब्बा उठाकर मेरी चूत पर रख दिया और दोनों अपने लंड पर केक लगाकर मेरे मुँह में देने लगे.

मैं बारी-बारी से दोनों के लंड से केक खाने लगी.

थोड़ी देर बाद मुझे उल्टा करके केक मेरी पीठ, गर्दन और गांड में भर दिया.

फिर दोनों बारी-बारी से कभी मेरी पीठ खाते, तो कभी मेरी गांड चाटने में लगे थे.

मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवें आसमान में हूँ.
वे कभी दांत गड़ा देते, तो मेरे मुँह से ‘आह्ह्ह … आह्ह्’ आराम से करो. निकल जाता.

मैं औंधी लेटी अपने भाइयों से अपने जिस्म को चुसवा रही थी.
दोनों ने थोड़ी देर बाद मुझे सीधा कर दिया.

सचिन का मन अभी और केक लगाकर मेरी चूत और बूब्स पर केक लगाकर करने का था परंतु अभिषेक पर दवाई अपना असर दिखाना शुरू कर चुकी थी.

अभिषेक बोला- भाई, अब पहले दीदी को चोद लेते हैं … फिर खाएंगे केक.
सचिन बोला- नहीं.

वह मुझसे बोला- दीदी, आप जब तक अभिषेक का लंड हिलाओ, तब तक मैं आपकी चूत खा लूँ.

अभिषेक मेरे मुँह के पास लंड लेकर आ गया.
मैं हाथ से उसका लंड हिलाने लगी और नीचे सचिन ने चूत में पूरा केक भर दिया.

दोनों ने उंगलियों से चूत के अन्दर तक केक घुसा दिया और फिर मेरे बूब्स पर भी केक लगा दिया.
मैं मज़े ले रही थी.

अभिषेक बोला- और जोर-जोर से कर रंडी कुतिया.
मैंने कहा- मेरी और हिम्मत नहीं है.

तो उसने मेरे मुँह में लंड पेल दिया और मुँह चोदने लगा.
मैं ‘आह्ह … आह्ह … आराम से कर बहनचोद’ चिल्लाई.

नीचे मेरा सगा भाई तो जैसे आज ही चूत खाने के मूड में था.
उसने मेरे बूब्स को हाथ से पूरा नोंच सा दिया था.

मैं भी किसी रंडी की तरह लेटी ऐसे नुच रही थी जैसे इन दोनों ने मुझे आज रात के लिए मुझे रांड बना कर रख लिया हो.

अब मेरा भाई का भी मन चूत चूसने से भर गया था, तो उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ना शुरू कर दिया और एक तेज़ झटके में पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.

मेरे मुँह में अभिषेक का लंड होने के कारण मेरे मुँह से आवाज़ भी न निकल सकी.
मैंने अभिषेक को धक्का दे दिया और सचिन से बोली- हट मादरचोद … साले धीरे नहीं डाल सकता था क्या?

तो उसने मेरी दोनों टांगें पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और मेरी दोनों जांघों पर अच्छा तमाचा दे दिया.

मैं बोली- साले कुत्ते हरामी … चोद दे अपनी दीदी को … फाड़ दे मेरी चूत.
मैं गुस्से में जोर-जोर से चीख रही थी.

तभी उसने मुझे घोड़ी बना दिया.
अब तक अभिषेक शांत बैठा था.
उसका मन तो मेरी गांड चोदने का था.

मैं घोड़ी बनी, तो उसने सचिन से कहा- तू नीचे लेट जा … फिर वह मुझसे बोला- अब तुम सचिन के ऊपर घोड़ी बनो दीदी ताकि उसका लंड सीधा तुम्हारी चूत में जाए और तुम्हारी गांड का छेद मेरे सामने खुला रहे.

मैं आज जीवन में पहली बार एक साथ दोनों छेद में लंड लेने वाली थी.
तभी उसने सचिन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगा.

वह मेरी चूत को चाटने लगा.
ये मुझे और सचिन दोनों को नया अनुभव था.
फिर उसने हाथ से सचिन का लंड मेरी चूत पर सैट किया और सचिन ने एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया.

इस वजह से मैं सचिन के ऊपर गिर गई और बोली- आज तो मर गई मैं … आह बचाओ कोई मुझे. मेरे ही भाइयों ने मुझे चोद डाला … आह्ह … आह्ह्ह … फाड़ दी मेरी चूत भोसड़ी वालों ने … उह्ह्ह … उह्ह्ह … मम्मी मर गई मैं!

मेरा ऐसा चीखना उन दोनों को नई ऊर्जा प्रदान कर रहा था.

थोड़ी देर बाद अभिषेक ने पूछा- अब तुम ठीक हो?
मैंने कहा- हां.

तो अभिषेक ने पीछे से दोनों उंगलियों को मेरी गांड में घुसा दिया और साथ में सरसों का बहुत सारा तेल भी मेरी गांड में भर दिया.

मैं अभी शांति से अपने सगे भाई के सीने पर सिर रखकर लेटी थी.
वह अभी अपना लंड अपनी दीदी की चूत में रखे इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी की गांड चुदे और दोनों भाई एक साथ दीदी के दोनों छेद में मज़ा दें.

फिर अभिषेक ने मेरी गांड के छेद पर लंड रखा और धीरे-धीरे लंड मेरी गुफा में उतरने लगा.
मैं दर्द से चिल्लाई- आह भैया … आराम से … आराम से … अइ मर गई मैं!

मैं थोड़ा ऊपर उठकर सहयोग देने लगी ताकि लंड आसानी से अन्दर चला जाए.
मेरे बूब्स अब नीचे झूलने लगे और पीछे पूरा लंड मेरी गांड खा चुकी थी.

मैं बोली- प्लीज़ दोनों, अभी झटके मत मारना. मुझे बहुत दर्द हो रहा है … आह्ह … आह्ह मर गई बाप रे … आज बन गए दोनों भाई बहनचोद. इन बहन के लौड़ों ने मेरी चूत-गांड फाड़ दी.

वे दोनों मेरी चुत गांड का मजा लेने लगे.
जब मुझे थोड़ा आराम हुआ तो पहले अभिषेक ने गांड में आगे-पीछे करके झटके मारना शुरू कर दिया.

अब तो दोनों भाई मुझे सैंडविच चुदाई दे रहे थे.
एक नीचे से लगा था … एक ऊपर से.

मैं चीखें मार रही थी- आह्ह … आह्ह और चोदो आह चोदो और तेज़ … फाड़ दे अपनी दीदी की … बना लो दोनों की रंडी.

अभिषेक तो मेरी गांड पर तमाचे दिए जा रहा था और मैं ‘आह … आह … आह्ह आराम से’ चिल्ला रही थी.

अभिषेक बोला- रंडी साली, कभी बोलती है आराम से, तो कभी बोलती है और तेज़-तेज़.
मैंने कहा- मादरचोद तमाचे के लिए बोलती हूँ आराम से मार … और झटके तो जितने तेज़ मारना है, उतने तेज़ मारो.

अब मैं झड़ने वाली हो गई थी.
मैं ‘आह … आह …’ करती हुई झड़ रही थी.

अपनी चूत से आज रात में मैं 4 बार पानी छोड़ चुकी थी.
अब मेरी बिल्कुल हिम्मत नहीं थी.

मैं अपने भाई के ऊपर अब सिर्फ़ एक सेक्स के खिलौने की तरह पड़ी थी.

दोनों लड़के जी भरकर चोदे जा रहे थे.
तभी सचिन बोला- यार, मुझे भी अपनी दीदी की गांड मारना है. अब तुम चूत चोदो.

तो दोनों ने लंड बाहर निकाल लिए.

मुझमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि अब सचिन के ऊपर से उठ सकूँ.

सचिन ने मुझे धक्का देकर अपने से अलग किया और पूछा- मज़ा आया दीदी?
मैंने कहा- मज़ा तो बहुत आया, पर अब हिम्मत नहीं है.

तो वह बोला- कोई नहीं दीदी, थोड़ी देर रुक जाते हैं.

अब अभिषेक बोला- यार दीदी, अभी तो मुझे थोड़ी देर और लगेगी. रुकने का बिल्कुल मन नहीं है … प्लीज़.
तो सचिन बोला- भाई, दीदी सच में थक गई होगी. एक काम कर, तू मेरे मुँह को चोद ले.

मैं लेटी हुई देख रही थी कि कैसे अभिषेक मेरे भाई के मुँह को चोद रहा था और हाथ से मेरी चूत सहला रहा था.

मैंने कहा- अच्छा, अब जल्दी आकर दोनों अपना पानी निकाल लो.
यह सुनकर अभिषेक मेरी चूत चोदने आ गया था. सचिन मेरी गांड को चोदने लगा.

थोड़ी देर बाद ही सचिन का तो होने वाला था.
उसने पूछा- दीदी गांड में ही निकाल दूँ?

मैंने हां कह दी.
सचिन ने कुछ ही झटकों में मेरी गांड में अपना पूरा पानी छोड़ दिया और वह मेरे बगल में लेट गया.

अब अभिषेक बोला- यार, इस पोजीशन में तो थक गया हूँ. अब तुम नीचे लेट जाओ, मैं तुम्हारी दोनों टांगें उठाकर अपने कंधे पर रख लेता हूँ.

थोड़ी देर तक मैं अभिषेक की बताई पोजीशन में चुदी.
फिर अभिषेक का होने वाला था.

मैं उसके तेज़-तेज़ झटकों से समझ गई कि इसका होने वाला है क्योंकि अभिषेक से मैं 2 साल से चुद रही थी.
तभी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वह बोला- रुक तो रंडी … साली को बहुत जल्दी रहती है!

वह मेरे मुँह के पास आ गया.
जहां लड़कियां मांग भरती हैं, वहां मेरे सिर में अपना लंड झाड़ते हुए पानी भरने लगा.

वह बोला- शादी हो रही है ना अब तेरी, तो हमारे लंड को मत भूल जाना … आह मजा आ गया … आप बताओ, कैसा लगा?

मैंने कहा- यार, आज का मज़ा मैं अपने शब्दों में बयान नहीं कर सकती.
सचिन बोला- हां यार, अब जब मायके आओगी, तो हम दोनों से चुदना मत भूल जाना.

फिर वे दोनों मुझसे लिपट गए.

तभी अभिषेक के घर से उसकी मम्मी का फोन आ गया.
समय देखा, तो सुबह के 6:30 बज चुके थे.
क्योंकि गांव में खेत का काम होता है, तो उसकी मम्मी ने उसे फोन लगाया.

मैंने कहा- आंटी जी, उसको बुखार आ गया था, तो वह सो रहा है. रात को दवाई खिला दी थी.
अभिषेक की मम्मी बोली- अच्छा सोने दो उसको.

अब उन्हें क्या पता कि उनके बेटे ने तो रात को दीदी को चोदने वाली दवाई खाई थी और सिरप तो दीदी का मूत पी गया.

फिर मैं भी दोनों के बीच में ही लेट गई.
दोनों के लंड अभी भी मेरी गुफा को ही देख रहे थे.

डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स का मजा लेकर मैं भी सो गई.
फिर 12 बजे उठी तो अभिषेक को उठाकर उसके घर भेज दिया.

बाकी 3 दिन दोनों ने मुझे चोद-चोदकर अपनी रंडी बना लिया था.

अब जब घर पर पापा नहीं होते तो सचिन भी मुझे कपड़े नहीं पहनने देता.
मैं घर में नंगी ही रहती हूँ.

शादी के बाद अब भी जब मायके जाती हूँ तो दोनों दोस्तों को जरूर मज़ा देती हूँ.

दोस्तो, आपको मेरी डर्टी सिस्टर ब्रदर सेक्स कहानी में कितना मजा आया प्लीज आप मुझे मेल करें.
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