बीवी की सहेली की चुदाई- 3
(Hindi Xxx Bhabhi Chudai Kahani)
हिंदी Xxx भाभी चुदाई कहानी में मेरी बीवी की सहेली मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थी. एक दिन उसने अपने जेठ की जवान बेटी की नंगी नहाती की वीडियो दिखाई.
कहानी के दूसरे भाग
बीवी की सहेली की गांड मारी
में आपने पढ़ा कि मेरी बीवी की सहेली की चूत और गांड को मैं चोद कर मजा दे चुका था.
अब आगे हिंदी Xxx भाभी चुदाई कहानी:
कुछ दिन तक मैं लगभग हर रोज़ भाभी की चूत और गांड फाड़ता रहा।
भाभी मेरे लण्ड से बहुत खुश थी।
एक दिन मैं भाभी के घर गया ही था कि भाभी ने मुझे अपनी पड़ोसन की नई-नई बहू की फोटोज़ दिखाई और कहा, “ये बहुत चुदासी है। इसका पति गांडू है। अगर आप चाहो तो इसको आपसे चुदवा दूँ!”
मैंने उस दिन भाभी को पीटते हुए खूब पेला।
मैंने उसे खूब गालियाँ भी दीं, “रंडी, मुझे आरती की चूत चाहिए, ना कि किसी और की!”
तभी भाभी मेरे लण्ड पर कूदते हुए अपना फोन उठाकर बोली, “देवर जी, कुछ और भी है मेरे पास आपके लिए!”
मैंने उसके चूचों को दाँतों से काटते हुए कहा, “दिखा कुतिया, क्या है तेरे पास!”
भाभी बोली, “पहले वायदा करो, जो मैं आपको दिखाने जा रही हूँ, अगर वो आपको पसंद आ गया तो आप आज की रात मेरे पास रहोगे!”
मैंने भाभी को बेड पर पटककर उसकी चूत में लण्ड फंसाकर कहा, “ठीक है, जा, वायदा करता हूँ! आज तेरे पास रहूँगा!”
भाभी खुश होते हुए मेरे होंठ चूसकर बोली, “लो देवर जी, देखो आपकी आरती को नंगी नहाते हुए!”
भाभी की बात सुनकर मुझे झटका लगा।
मैंने झटके से लण्ड बाहर खींचते हुए भाभी से फोन लिया और वीडियो देखने लगा।
वीडियो में आरती बिल्कुल नंगी शॉवर के नीचे खड़ी नहा रही थी।
उसके गोल-गोल चूचे बड़े मस्त लग रहे थे।
एकदम अल्हड़ जवान लौंडिया का एक मिनट का वीडियो देखते हुए मैं लण्ड को हिलाने लगा।
भाभी मेरे हाथ से लण्ड पकड़ते हुए बोली, “देवर जी, इसको हिलाना ही है तो हमारे मुँह में डालकर हिलाओ!”
फिर वो अपना एक बूब पकड़कर उसका खड़ा निपल मेरे मुँह में डालकर बोली, “अपने लण्ड को हमारे चूचों में डालकर हिला सकते हो!”
मैं आरती की वीडियो दोबारा चलाकर देखते हुए भाभी का निपल चूसने लगा।
भाभी मेरे लण्ड को अपनी कोमल हथेली में लेकर हिला रही थी।
फिर उसने मेरे मुँह से निपल खींचते हुए मेरे मुँह पर अपनी चूत रखते हुए कहा, “देवर जी, आप तो आरती में ही खो गए! देखो ना, हमारे पास भी प्यासी चूत और गांड का छेद है! आप इनमें डालकर लण्ड हिलाइए ना!”
मैं फोन को साइड में रखकर भाभी की चूत चाटने लगा।
भाभी भी बेड पकड़कर अपनी चूत मेरे मुँह और नाक पर रगड़ने लगी।
भाभी की चूत से बहते नाले से मेरा पूरा चेहरा भीग गया।
थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे चेहरे से उठकर अपनी चूत को मेरे फनफनाते लौड़े पर सेट किया।
वो मेरे दोनों कंधे पकड़कर बोली, “उई ईईई आह देवर जी!”
और पूरा लण्ड अंदर लेकर बैठती चली गई।
थोड़ी देर तक भाभी धीरे-धीरे मेरे लण्ड पर उछलती रही।
फिर भाभी मेरे कंधे कसकर पकड़ते हुए अपने लटकते हुए दूध हिलाते हुए बोली, “देवर जी, हम आपका लण्ड कितनी बार अपनी चूत में ले चुके हैं, पर अभी भी इसको अंदर लेकर ऐसा महसूस होता है जैसे हमारी चूत में लकड़ी का बहुत मोटा खूँटा फँसा हो!”
फिर वो कमर को थोड़ा ऊपर उठाकर चूत को लण्ड पर पटकते हुए मेरी आँखों में देखते हुए बोली, “देवर, वो बेचारी आरती आपके लण्ड को अपनी बित्ते भर की चूत में कैसे ले पाएगी!”
भाभी के मुँह से आरती का नाम सुनकर मुझे जोश चढ़ गया।
मैंने उसकी गर्दन के पीछे से बाल कसकर पकड़ लिए।
मैं बाल खींचते हुए नीचे से फुल स्पीड में उसकी चूत में लण्ड पेलने लगा।
पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ के साथ “आह ओह मर गई! क्या मस्त लण्ड है! आह मम्मी! उफ्फ चोदो! गई मेरी बच्चेदानी! फाड़ोगे क्या!” की आवाज़ें गूँजने लगीं।
मैं भाभी को बिना रुके गालियाँ देते हुए और उसके मुँह पर थूकते हुए धना-धन उसकी चूत मारने लगा।
थोड़ी देर बाद भाभी बोली, “आह देवर जी, और ज़ोर से! मेरा होने वाला है! उफ्फ चोद मेरे राजा!”
मैंने उसको धक्का देते हुए अपने ऊपर से नीचे बेड पर गिरा दिया।
भाभी हक्की-बक्की सवालिया नज़रों से मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने उसके चेहरे पर झुककर उसके होंठों को ज़ोर से काटकर, उसकी गाल पर जोरदार तमाचा झाड़ दिया।
मैं गाली देते हुए बोला, “बहनचोद रंडी, तू झड़ गई तो मेरे लण्ड का क्या होगा!”
भाभी मेरे तमाचे से तिलमिलाते हुए हाथ जोड़कर बोली, “देवर जी, प्लीज़ करो ना! हम हाथ जोड़ते हैं! जब तक आप चाहोगे, हम आपके लण्ड को अपनी चूत में रखेंगे!”
फिर मैंने भाभी की दोनों चूचियों को इतनी जोर से मसला कि उसकी चीख निकल गई।
मैंने कहा, “जब तुम जैसी चुदक्कड़ कुतिया लण्ड के लिए भीख माँगती है, तो मुझे बहुत मज़ा आता है!”
भाभी अपनी चूचियों को सहलाते हुए बोली, “देवर जी, चोदो ना हमें! हम आपसे आपके लण्ड की भीख माँगती हैं! ठंडी कर दो ना हमारी चूत को!”
मैंने झटके से भाभी की टाँगें उठाईं और अपने कंधों पर रखकर एक झटके से लण्ड उसकी चूत में पेल दिया।
मैं बिना रुके भाभी की चुदाई शुरू कर दी।
भाभी भी अपने गद्देदार चूतड़ उछालकर हर झटके का मस्ती से जवाब देने लगी।
कमरे में जैसे सैलाब आया हुआ था।
थोड़ी देर बाद भाभी ने सिर पटकते हुए पानी छोड़ दिया।
जब भाभी की चूत पानी छोड़ रही थी तो उसकी चूत अंदर से मेरे लण्ड को कभी भींच रही थी और कभी ढीला छोड़ रही थी।
चूत के इस सिकुड़न को महसूस करते हुए मेरे लण्ड ने भाभी के गहरे गढ़े को अपने गाढ़े पानी से भर दिया।
ऐसे ही हम दोनों की पलंगतोड़ चुदाई चल रही थी।
एक दिन भाभी ने मुझे फोन करके कहा, “देवर जी, हमें आपसे अभी मिलना है! बहुत जरूरी काम है!”
मैंने कहा, “ठीक है, मैं आ जाता हूँ!”
भाभी बोली, “नहीं, मेरे घर पर आरती और मेरी दोनों बेटियाँ हैं। कहीं बाहर मिलने का जुगाड़ करो!”
मैंने भाभी को मेरे एक दोस्त के घर का एड्रेस देकर वहाँ आने को बोल दिया।
भाभी खुश होते हुए बोली, “ठीक है देवर जी, मैं लगभग आधे घंटे में पहुँच जाऊँगी!”
मैं अपने ऑफिस से निकलकर दोस्त के घर पहुँच गया।
मेरा दोस्त राजन मेरी ही उम्र का था जो मेरी तरह पक्का चोदू था।
उसकी बीवी मायके गई हुई थी।
मैंने उसे भाभी के बारे में बताया और उससे दो घंटे के लिए घर से बाहर जाने को बोला।
राजन बोला, “यार, क्या फर्क पड़ता है! दोनों मिलकर भाभी को मज़ा दे देंगे!”
मैंने कहा, “ठीक है, पर पहले मैं उसको गर्म कर लूँगा, फिर तुम्हें बुला लूँगा!”
राजन हँसते हुए बोला, “हाँ, ये सही रहेगा! कहीं हम दोनों को देखकर घोड़ी बिदक ना जाए!”
थोड़ी देर में भाभी राजन के घर आ गई।
मैंने दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर बुलाया और बेडरूम में ले गया।
भाभी मुझसे लिपटकर बोली, “देवर जी, घर में कोई है तो नहीं?”
मैंने उसके चूतड़ बींचते हुए कहा, “नहीं जानमन, हम दोनों अकेले ही हैं! पर आज अपने घर क्यों नहीं बुलाया?”
भाभी बोली, “वही बात करने तो हम यहाँ आए हैं! आपको पता है, आरती कल से हमारे पास ही है। उसने स्कूल में कांड कर दिया!”
मैंने भाभी की साड़ी उतारते हुए उत्सुकता से पूछा, “हुआ क्या है? जल्दी बताओ ना!”
भाभी झल्लाते हुए बोली, “आप बैठने दोगे तो ही तो बताऊँगी! आप तो आते ही हमारी इज़्ज़त लूटने पर आमादा हो गए!”
मैंने कहा, “चल साली रंडी, जब खुद मेरे लण्ड पर उछलती है, तब तेरी इज़्ज़त कहाँ जाती है? बड़ी आई इज़्ज़त वाली!”
भाभी प्यार से मेरे गाल खींचती हुई बोली, “आपके इसी मर्दाना और सख्त व्यवहार पर तो आपकी ये रंडी आप पर मरती है! पर देवर जी, दूसरे के सामने और दूसरे के घर पर तो आप हमें इज़्ज़त दे ही सकते हैं!”
फिर वो अपनी गांड सोफे पर टिकाकर बैठते हुए बोली, “देवर जी, दूसरों की नज़रों में तो हम पतिव्रता और सती सावित्री औरत हैं!”
भाभी ये बोलकर ज़ोर से हँसने लगी।
उसे ऐसे हँसते हुए देखकर मैं सोचने लगा कि कैसे भोली-सी दिखने वाली औरत चूत की आग के कारण रंडीपने पर आ जाती है और खुद ही अपनी इज़्ज़त की धज्जियाँ उड़वाते हुए अपने आप पर हँसती है।
भाभी मुझे ऐसे सोचते हुए देखकर बोली, “अरे देवर जी, अब आप क्या सोचने लगे? आओ, बैठो हमारे पास! हम आपको जो बात बताने यहाँ आए हैं, वो सुनकर आप खुश हो जाएँगे!”
मैंने भाभी के पास बैठते हुए कहा, “बताओ, क्या हुआ है?”
भाभी बोली, “कल आरती की उसकी मम्मी ने खूब पिटाई की है। इसलिए वो कल से ही हमारे घर पर है!”
मैंने हैरानी से पूछा, “क्यों? आरती की पिटाई क्यों?”
भाभी बोली, “उसको स्कूल के प्रिंसिपल ने स्कूल से निकालने की धमकी दी है, क्योंकि एक-दो दिन पहले उसकी टीचर ने उसे स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में किसी लड़के के साथ पकड़ लिया था!”
भाभी की बात सुनकर मुझे झटका लगा।
मैंने गुस्से में कहा, “इसका क्या मतलब हुआ? वो साली रंडी भी अपनी सील तुड़वा चुकी?”
मैंने भाभी की गर्दन पकड़कर कहा, “देख साली कुतिया, अगर आरती किसी और से चुद गई, तो मैं तेरी दोनों बेटियों को तेरे सामने पटककर चोद दूँगा!”
भाभी बोली, “अरे देवर जी, इतना ताव क्यों दिखाते हो? पहले पूरी बात तो सुन लो!”
मैंने कहा, “जल्दी बोल, आखिर हुआ क्या है?”
भाभी बोली, “सबसे पहले एक बात सुन लीजिए। आरती की सील अभी भी सही-सलामत है, और मुझे अब लगने लगा है कि उसकी चूत जल्दी आपके लण्ड की बलि चढ़ने वाली है!”
मैंने भाभी से पूछा, “तुम्हें कैसे मालूम कि उसकी चूत की सील अभी भी नहीं टूटी?”
भाभी पूरी बात बताने लगी।
उसने बताया कि उसके स्कूल के बहुत से लड़के उस पर लाइन मारते हैं। उसके स्कूल का एक लड़का, जो बहुत ही ज़्यादा बिगड़ा हुआ है, उस दिन जब वो बाथरूम के लिए जा रही थी और बाथरूम में कोई दूसरी लड़की नहीं थी, तब वो आरती के अंदर जाते ही उसके पीछे अंदर घुस गया।
वो आरती को धमकाते हुए बोला कि अगर वो उसे अपने बूब्स नहीं दिखाएगी, तो वो स्कूल में शोर मचा देगा कि आरती ने उसे बाथरूम में बुलाया था।
बेचारी आरती उसकी बात से डरकर उसे अपने बूब्स दिखाने लगी।
फिर उस लड़के ने और आगे बढ़ते हुए कहा कि अगर वो उसे एक बार अपने बूब्स चुसवा दे, तो वो उसे कभी परेशान नहीं करेगा।
आरती डरते हुए उसकी बात मान गई और वो उस लड़के को अपने बूब्स चुसवाने लगी।
उस लड़के ने आरती के बूब्स चूसते हुए पता नहीं कब अपना हाथ उसकी स्कर्ट में डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा।
तभी आरती की टीचर बाथरूम में आ गई और उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।
तभी उस लड़के ने पलटते हुए पूरा इल्ज़ाम आरती पर लगा दिया कि उसी ने उसे बाथरूम में बुलाया था।
फिर ये बात स्कूल के प्रिंसिपल तक पहुँची, तो उसने आरती की मम्मी को बुलाकर पूरी बात बताई।
इस बात पर आरती की मम्मी बहुत गुस्सा हुईं और उन्होंने आरती को बहुत पीटा।
मैंने कहा, “ठीक है, मान लेते हैं। अगर आरती सही है, तो तुम्हें पूरी बात किसने बताई?”
भाभी बोली, “देवर जी, कल आरती की मम्मी ने मुझे अपने घर बुलाया और बोली कि इसके लिए जल्दी कोई लड़का देखो शादी करने के लिए। फिर उसने मुझे बताया कि ये अभी से स्कूल में मुँह काला करने लगी है!”
भाभी बोली, “मैंने आरती से पूरी बात पूछी, तो वो बस रोए जा रही थी। फिर मैं उसे अपने घर ले आई और पूरी रात समझाकर बेटी-बेटी करके सब पूछा, तो उसने मुझे पूरी बात बताई। और आरती अब अपने घर भी नहीं जाना चाह रही!”
मैंने कहा, “तो क्या वो अब तुम्हारी तीसरी बेटी बनकर तुम्हारे साथ रहेगी?”
भाभी बोली, “देवर जी, है तो वो मेरी बेटी जैसी ही ना! रही बात उसके मेरे घर रहने की, वो अभी गुस्से में है। जब उसका गुस्सा ठंडा हो गया, तो वो चली जाएगी!”
भाभी बोली, “मैंने उसकी मम्मी को पूरी बात बता दी है। अब वो भी आरती को बिना सोचे-समझे पीटने के लिए शर्मिंदा है। पर अब बात स्कूल के प्रिंसिपल की है कि उसको कौन समझाए कि आरती बेकसूर है!”
मैंने भाभी से उसके स्कूल और प्रिंसिपल के बारे में पूछा और प्रिंसिपल के पास जाने का वायदा किया।
भाभी बोली, “देवर जी, बहुत अच्छा होगा अगर उसका स्कूल खराब ना हो! आप चाहें तो मैं और आरती भी आपके साथ चल लेंगी!”
मैंने कुछ सोचते हुए कहा, “भाभी, एक बात बताओ। इस सबसे आरती मेरा लण्ड लेने के लिए कैसे मानेगी?”
भाभी बोली, “देवर जी, वो नई-नई जवान हुई है। उसके भी अरमान होंगे, और अब वो अंदर से बहुत अकेली है। अब बहुत अच्छा मौका है। मैं उसके अरमानों को भड़का दूँगी, और आप मौका देखकर चौका ठोक देना!”
मैंने हँसते हुए कहा, “वाह मेरी रानी, क्या कमाल हो तुम भी!”
भाभी जीन्स के ऊपर से मेरे लण्ड पर हाथ फिराते हुए बोली, “हम तो आपकी गुलाम बन चुकी हैं! आपके प्यार में हम कुछ भी कर सकती हैं!”
मैंने भाभी को अपनी गोद में खींच लिया और उसके दोनों चूचे पकड़कर मसलते हुए उसकी गर्दन पर किस करने लगा।
भाभी अपना एक हाथ मेरी पैंट की ज़िप पर फिराते हुए लण्ड को टटोलने लगी और बोली, “आह देवर जी, आपके इस बंबू को बहुत जल्दी एकदम फ्रेश चूत मिलने वाली है!”
मैंने भाभी का ब्लाउज़ खोलकर उसके दोनों बूब्स आज़ाद कर दिए और दोनों से खेलते हुए भाभी से पूछा, “भाभी, तुम आरती को क्या कहकर बुलाती हो?”
भाभी बोली, “लगभग उसका नाम ही लेती हूँ!”
मैंने कहा, “बेटी क्यों नहीं बोलती?”
भाभी बोली, “ऐसी बात नहीं देवर जी, मैं उसे बेटी भी बोलती हूँ!”
मैंने कहा, “भाभी, तुम अब से उसे सिर्फ बेटी बोला करो! क्योंकि तुम ही आरती की चूत में मेरा लण्ड अपने हाथ में लेकर डलवाओगी। और अगर उसे बेटी समझकर उसकी चूत का उद्घाटन मेरे लण्ड से करवाओगी, तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा!”
भाभी मेरी गोद से उठकर ज़मीन पर अपने घुटने टिकाकर मेरे सामने बैठते हुए बोली, “देवर जी, बड़े कामुक हो आप तो!”
फिर भाभी मेरा लण्ड पकड़कर बोली, “आरती की नन्ही-सी चूत में आपका ये मूसल लण्ड अपने हाथ से डलवाकर मज़ा आ जाएगा!”
फिर भाभी मेरे लण्ड को चूमने लगी। मेरा लण्ड आरती की बातें सुनकर पूरा ताव में आ चुका था।
मैंने भाभी की गर्दन पकड़कर कहा, “चल रंडी, जल्दी नंगी हो जा!”
भाभी बोली, “अरे देवर जी, ज़रा-सा सब्र रखो! हम इधर आपसे चुदवाने के लिए ही आए हैं! पहले हमें इसको प्यार तो करने दो!”
इतना बोलकर भाभी लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर बाद जब मेरा लण्ड उसके थूक से गीला हो गया, तो वो खड़ी होकर अपने बचे हुए कपड़े उतारने लगी।
पूरी नंगी होकर अपनी हथेली पर थूककर, थूक को चूत पर लगाते हुए बोली, “देवर जी, मेरी चूत तो आपके लण्ड के लिए दिन-रात बहती रहती है!”
फिर वो मेरे पास आकर अपना एक घुटना सोफे पर रखकर, एक हाथ से अपनी चूत के होंठ खोलकर उसे मेरे लण्ड पर लगाकर, दूसरे घुटने को भी सोफे पर रखकर लण्ड अंदर लेने लगी।
मैंने भाभी की कमर में हाथ डालकर उसे नीचे की तरफ दबाते हुए, खुद नीचे से एक जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा लण्ड आधा भाभी की चूत में चला गया।
मेरे झटका मारने से भाभी एकदम ऊपर को उछली, जिससे उसकी दोनों भारी गेंदें मेरे मुँह पर लगी।
मैंने एक चूची को दाँतों से काटते हुए अपने हाथ भाभी की कमर में डालकर भाभी को जकड़ लिया और नीचे से अपनी कमर उठाकर भाभी की चूत में पूरी स्पीड से लण्ड पेलने लगा।
हिंदी Xxx भाभी चुदाई करवाती हुई मेरे लण्ड पर उछलते हुए बोली, “आह ओह हाय देवर जी, क्या मस्त चोदते हो आप! उफ्फ, हमारी चूत तो आपके लण्ड की दीवानी हो चुकी है! आह देवर जी, आपका ये लण्ड आरती की कुँवारी चूत को तो फाड़ ही डालेगा! उफ्फ आ ईईईई आह!”
तभी मेरे फोन की घंटी बजी।
मैंने भाभी को बेड पर पटकते हुए, बड़ी फुर्ती से उसकी गांड के नीचे तकिया लगाते हुए, लण्ड को उसकी चूत के मुँह पर लगाकर फोन उठाकर स्पीकर पर डालते हुए बोला, “हेलो!”
उधर से राजन बोला, “क्या चल रहा है?”
मैंने फोन को भाभी की चूचियों पर रखकर, जैसे ही लण्ड का जोरदार धक्का भाभी की बहती हुई चूत में मारा, लण्ड पूरा सरसरता हुआ अंदर चला गया।
धक्का लगते ही भाभी जोर से चीखते हुए बोली, “आह अह उफ्फ देवर जी, थोड़ा धीरे करिए ना! हमारी जान निकालोगे क्या!”
तभी फोन पर रोहन की जोर से हँसने की आवाज़ आई और वो बोला, “यार, किसकी जान निकाल रहे हो?”
रोहन की आवाज़ सुनकर भाभी अपने मुँह पर हाथ रखकर एकदम चुप हो गई।
मैंने रोहन से कहा, “यार, एक रंडी लेकर आया हूँ!”
फिर मैंने भाभी के मुँह पर थप्पड़ मारकर कहा, “साली की चूत में बहुत खुजली हो रही थी! चल, तू भी आ जा! दोनों भाई मिलकर इसकी चूत और गांड मारेंगे!”
रोहन बोला, “यार, पहले इससे पूछ तो लो! ये दो लण्ड बर्दाश्त तो कर पाएगी ना?”
मैंने कहा, “अरे यार, ये कर लेगी! साली पूरी खेली-खाई औरत है! बाकी मैंने इसकी चूत और गांड को पूरी तरह खोल दिया है!”
भाभी मेरी बात सुनकर हाथ हिलाकर ना-ना का इशारा करने लगी।
मैंने उसके मुँह पर थूकते हुए कहा, “चुप साली रंडी! तुझे तो खुश होना चाहिए, आज तुझे एकसाथ दो लण्ड मिलने वाले हैं!”
तब तक रोहन फोन काटकर कमरे का दरवाज़ा खोलकर अंदर आ गया।
भाभी रोहन की तरफ देखकर मुझसे बोली, “देवर जी, हम ऐसी औरत नहीं हैं जो हर किसी से चुदवा लें!”
रोहन ताली बजाकर हँसते हुए बोला, “अरे भाभी, एक बार और बोलो ना! अभी-अभी क्या बोली थीं?”
भाभी ने उसकी बात सुनकर शर्माते हुए अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया।
रोहन अपनी पैंट और अंडरवियर उतारकर लण्ड को सहलाते हुए उसके पास आकर, उसका हाथ हटाते हुए बोला, “अरे भाभी, आपके मुँह से चुदाई शब्द सुनकर अच्छा लगा! लो, देखो ना मेरा लण्ड! ये भी आपकी चुदाई के लिए बेकरार है!”
भाभी ने शर्माते हुए बड़ी अदा से ना-नुकर करते-करते रोहन का लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और लण्ड को चूमते हुए मेरी तरफ देखकर बोली, “ठीक है देवर जी, जब आप ही हमें किसी दूसरे मर्द से चुदवाना चाह रहे हैं, तो हम मना क्यों करें!”
मैं पूरी स्पीड से भाभी की चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा।
भाभी “आह उह उम्मम आह देवर जी!” करते हुए रोहन का लण्ड चूस रही थी।
मेरे हर झटके के साथ भाभी की चूचियाँ स्प्रिंग की तरह उछल रही थीं।
रोहन भाभी की एक चूची को मसलते हुए बोला, “भाभी, मेरा लण्ड कहाँ लोगी?”
भाभी अपने मुँह से लण्ड निकालकर “आह ओह आईई ईई आह देवर जी!” करते हुए बोली, “जहाँ आपका दिल हो, डाल दो! हमारे हर छेद को बस लण्ड चाहिए!”
रोहन मुझसे बोला, “चल यार, तेरी इस रंडी की एकसाथ चुदाई करते हैं!”
मैंने भाभी की चूत से लण्ड बाहर खींच लिया और उसके चेहरे के पास आकर लण्ड का टोपा भाभी के सुर्ख होंठों पर रख दिया।
भाभी ने थोड़ा बैठते हुए मेरे लण्ड को एक हाथ में पकड़ लिया और दूसरे हाथ में रोहन का लण्ड ले लिया।
फिर मैंने और रोहन ने लगातार डेढ़ घंटे तक भाभी की चूत और गांड का खूब बाजा बजाया।
भाभी का बदन हमारी पिटाई से लाल हो चुका था और चूत और गांड बुरी तरह फैल चुकी थी।
भाभी की ऐसी हालत हो गई थी कि वो चलने लायक नहीं थी।
फिर मैंने उसे अपनी कार से उसके घर छोड़ा।
आगे की कहानी की प्रतीक्षा कीजिये.
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