गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियां- 12
(Open Sex Free Story)
ओपन सेक्स फ्री स्टोरी में ग्रुइप सेक्स करती हुई एक लड़की तय करती है कि अब से वह उन्मुक्त यौन जीवन जियेगी, किसी एक साथी से बंध कर चुदाई का मजा नहीं लेगी.
कहानी के पिछले अंक
हॉस्टल गर्ल्स के लिए वार्डन नया लंड लाई
में आपने पढ़ा कि रोज़ी, फातिमा के साथ आए रघु को देख कर प्रसन्न हो जाती है एवं फातिमा का अभार मानती है क्योंकि उसी के कारण आज उसे, लाला की टक्कर का दूसरा मर्द मिला था। जिसने उसकी अब तक की संकीर्ण सोच को तहस-नहस कर दिया था।
अब आगे ओपन सेक्स फ्री स्टोरी:
रघु से मिलकर उसने यह निर्णय ले लिया कि आज के बाद वह स्वयं भी हर बंधन तोड़ के स्वतंत्र हो जाएगी और ऑस्कर तथा जैकब को भी अपने साथ बंधे रहने की शर्त से आज़ाद कर देगी।
कुदरत ने शरीर को जवानी और दिमाग को वासना इसलिए नहीं दी कि मन मसोस के जीया जाए।
मर्द हो या औरत अपने साथी से एक समय के बाद ऊबने लगते हैं।
औरत हो या मर्द सब को हर नया स्पर्श नई सनसनी, नई उत्तेजना प्रदान करता है।
आज रघु के आने पर उसके लंड को देखने की उसकी प्रबल इच्छा इस बात का सबूत थी।
उसकी चूत ने लाला के लंड से दोबारा चुदने के बजाय नए लंड से चुदना ज्यादा पसंद किया था।
रघु ने रोज़ी को लिटा दिया और उसके बगल में लेट कर उसके दाहिने स्तन को चूसने और बाएं को मथने लगा।
रोजी की चूत से सुगंधित नमकीन रस का स्राव होने लगा।
थोड़ी देर में रघु ने रोज़ी को अपनी ओर करवट दिलाई और उसका बायां स्तन चूसने लगा।
रोज़ी की वासना भड़क के चूत में खलबली मचाने लगी।
उसने रघु को कहा- बहुत हो गया फोरप्ले, मेरी चूत तेरे लंड से मिलने को तड़प रही है।
उसने रघु को जबरदस्ती अपने स्तनों से दूर किया.
रघु ने वहां से हटते ही रोज़ी के पैरों के बीच में जगह बनाई और उसके पैर घुटनों से मोड़ कर उसकी चूत में मुंह दे दिया।
चूत के बहते रस को एक बार सुड़क के उसने निगल लिया।
उसके बाद उसने कुत्ते की तरह रोज़ी की चूत को चाटना शुरू किया।
रोज़ी का रोम रोम आनन्द में थिरक रहा था।
चूत को चाटते हुए रघु यह सोच रहा था कि आज यदि उसकी परफॉर्मेंस अच्छी रही तो अभी तो इन लड़कियों के कॉलेज की शुरुआत है, भविष्य में निश्चित रूप से सबको चोदने का अवसर मिल सकता है।
रघु ने रोज़ी की चूत के दोनों होठों को अपने होठों से पकड़ के जुबान से चूसा तो रोज़ी का हलक सूख गया।
उसकी मांस पेशियां में तनाव भरने लगा।
अब रघु ने औरत के सबसे संवेदनशील अंग भगांकुर पर अटैक किया।
रोज़ी की उत्तेजना अपने चरम पर थी, उसने दोनों हाथों से रघु का सिर पकड़ रखा था.
उसकी चूत में आनन्द की लहरें उठना शुरू हो गई थीं।
रोज़ी के हाथ रघु के सिर पर कस गए।
अब न यह रघु के समझ में आ रहा था न रोज़ी के कि वह रघु को चूत पर से हटाना चाह रही है या नहीं।
रघु ने क्लिटोरिस को चूसना जारी रखा, रोजी के मुंह से मस्ती भरी आवाज निकालना शुरू हो गई- अहह ह … आह हह … उईईई!
रोज़ी की चूत में चरम सुख के क्षणों में सब कुछ भुला देने वाला स्पंदन शुरू हो गया था।
उसके शरीर की एक-एक नस, एक-एक मांसपेशी खिंच चुकी थी।
उसकी आंखें आनन्द के इन पलों में स्वतः ही बंद हो गई थीं।
रघु रोज़ी को संभलने का मौका दिए बिना उसके ऊपर चढ़ गया।
उसकी चूत रस और मुख लार से गीली चिकनी चूत में अपना 7 इंच लंबा और अच्छा खासा मोटा लंड पेल दिया।
रोजी की बंद आंखें खुल गईं।
इससे पहले कि रोज़ी की चूत की फड़कन धीमी होती … रघु ने करारे झटके से रोज़ी की चूत में पुनः हलचल मचा दी।
रोजी अब और अधिक आनन्द की प्राप्ति के लिए उछल-उछल के उस के धक्कों का जवाब देने लगी।
रोज़ी कहने लगी- वाह मेरे चोदू राजा, जैसा सुना था उससे कहीं अधिक बढ़ कर पाया। आज तो दो दो जवान मर्दों के लंबे और मोटे लंड मेरी इस चूत में घुस गए, मैं तो निहाल हो गई।
रोज़ी की चूत में अब तो जैसे लावा पकने लगा.
उसने फूली हुई सांसों के साथ कहा- रघु, लगता है इस बार का ऑर्गेज्म, मुझको मार डालेगा। मेरी चूत को बस बस दो-चार धक्के और चाहिए।
रघु ने अपनी कमर उठाई उसके बाएं स्तन को मुंह में लिया और बिल्कुल खड़ा, सीधा लंड, उसकी चूत में घपाघप करने लगा।
ओपन सेक्स का मजा लेते हुए एक बार फिर रोज़ी को प्रचंड चरम सुख की प्राप्ति हुई।
रोज़ी के दिल की धड़कन और उसकी चूत की फड़कन इतनी तेज़ थी कि जैसे उसे सुनाई दे रही थी।
कुछ समय बाद रोज़ी और रघु दोनों के जिस्मों का तनाव बिल्कुल समाप्त हो गया।
रघु रोज़ी के निस्तेज बदन पर ऐसे पड़ा था जैसे उसके जिस्म से, किसी ने सारी शक्ति निकाल ली हो।
फ्री सेक्स के बाद रोज़ी और रघु दोनों पसीना पसीना हो चुके थे।
अब रोज़ी ने महसूस किया कि चूत के बाहर जुबान की मेहनत से और चूत के अंदर लंड की हलचल से मिलने वाले दोनों ऑर्गेज्म का कोई मुकाबला नहीं हो सकता।
रोज़ी जब परम आनन्द की दुनिया से वापस लौटी तो उसने फातिमा की तरफ बड़े प्यार से देखा.
आज उसके यार ने रोज़ी को उसके जीवन की सबसे बढ़िया चुदाई दी थी।
दोनों फिर थक के सो गए।
अब कहानी हरप्रीत की!
ऑस्कर उसके पास पहुंचा और उसके बड़े-बड़े मम्मों से खेलने लग गया।
आज हरप्रीत की चूत को एक और नया लंड मिलने वाला था।
अपने बूब्स पर एक नए मर्द के होठों ने उसकी कामवासना को फिर से जगा दिया।
ऑस्कर का लंड अभी पूरी तरह तैयार नहीं था तो हरप्रीत ने उसके लंड को चूसना शुरू कर दिया।
ऑस्कर ने सोनिया की चूत में तो सीधे ही लंड घुसेड़ दिया था इसलिए आज पहली बार एक नई नवयौवना के होठों ने उसके लंड को सनसनी से भर दिया।
जब ऑस्कर का लंड अच्छे से कड़क हो गया तो हरप्रीत अपने मनपसंद आसन में चुदने के लिए घोड़ी बन गई।
ऑस्कर ने हरप्रीत की चूत को तैयार करने के लिए घुटनों के बल होकर उसकी गदराई हुई जांघों के बीच में अपना मुंह दे दिया।
इसके पहले जैकब ने तो हरप्रीत की गांड मारी थी, आज हरप्रीत की चूत बिल्कुल फ्रेश थी।
ऑस्कर एक नई खिली-खिली, गुलाबी चूत के मजे लेने लगा।
उसकी जुबान पूरी चूत पर तेज़ी से चल रही थी।
जब ऑस्कर की जुबान पर हरप्रीत की चूत का नमकीन रस फैला तो वह समझ गया कि उस की चूत अब गर्म हो चुकी है और उसके लौड़े को हथौड़े को झेलने के लिए तैयार है।
हरप्रीत की मुखलार तो सूख चुकी थी इसलिए उसने अपना थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड हरप्रीत की चूत में घुसेड़ दिया।
हरप्रीत को आज का यह पहला शॉट पसंद आ गया।
हरप्रीत ने ऑस्कर को बोला- मैं कुतिया बनी हुई हूं और तू पूरी बेरहमी से कुत्ते की तरह मुझे चोदना।
ऑस्कर ने लंबी-लंबी कुछ सांसें ली और रगड़े लगाने लगा।
उसके दोनों हाथ कभी हरप्रीत के स्तनों को मसलते, उसकी निप्पलों को कुचलते और कभी उसके चूतड़ों पर थप्पड़ लगा लगा के दोनों की उत्तेजना को बढ़ाते।
ऑस्कर के लंड के लिए आज का दिन बहुत मस्त था, अपनी गर्लफ्रेंड रोज़ी के सामने सोनिया जैसी अनछुई कली को चोदने के बाद, दूसरी नई लेकिन कई लंड पिलवा चुकी चूत में, उसका लंड घुसा हुआ था।
ऑस्कर हरप्रीत के कहे अनुसार रुक रुक के और कस कस के उसकी पनीली चूत को बेरहमी से कुत्ते की तरह रगड़ता रहा।
जब दोनों ऑर्गेज्म की दिशा में आगे बढ़ने लगे तो ऑस्कर ने हरप्रीत को अब सीधे लेट जाने के लिए कहा।
हरप्रीत समझ गई कि अब वह उसके बूब्स के साथ खेलते हुए उसको दबोच के चोदना चाहता है।
ऑस्कर ने हरप्रीत की चूत से लंड निकाला तो वह सीधी लेट गई।
ऑस्कर ने उस के पैर मोड़ के अपना लंड एक ही धक्के में जड़ तक घुसा दिया और झुक कर हरप्रीत के भारी भरकम स्तनों को चूसने लगा।
अपनी उत्तेजना को नियंत्रित करने के बाद ऑस्कर ने अब जो करारे झटके लगाना शुरू किया तो हरप्रीत जैसी चुदक्कड़ लड़की के मुंह से भी कभी सिसकारी और कभी मस्ती भरी चीख निकलने लगी।
हरप्रीत ने कहा- ऑस्कर, मैं झड़ने वाली हूं, अब अपने करारे धक्के रोकना मत!
ऑस्कर ने उसे चोदते हुए कहा- साली कुतिया, अब मेरी लौड़ागाड़ी तेरे को झड़ाने के बाद ही रुकेगी।
हरप्रीत हर धक्के का बराबर जवाब दे रही थी।
अब उसका चरम बिल्कुल किनारे था.
उसने ऑस्कर का लंड पकड़ा और अपने क्लिटोरिस की ओर दबाते हुए ऑस्कर को धक्के जारी रखने के लिए कहा।
ऑस्कर ने भी यह समझते हुए कि दोनों का चरम नजदीक है, अपनी कमर को थोड़ी ऊंची करके जोर-जोर से धक्के लगाने लगा।
हरप्रीत की आंखें आनन्द की इन घड़ियों में बंद होने लगीं।
दोनों का दम फूलने लगा, उनके शरीर में तनाव भरने लगा, शरीर से पसीना चूने लगा।
एकाएक दोनों के शरीर अकड़े और दोनों चरम सुख प्राप्त करते हुए स्खलित होने लगे।
बहुत देर तक दोनों वासना के इस प्रचंड आवेग का आनन्द लेते रहे।
जब उनकी सांसें एवं उनके दिल की धड़कनें सामान्य हो गईं, तब वे एक दूसरे से अलग होकर आँखें मूंदे, शरीर और दिमाग को मिली राहत का मजा लेते रहे।
आइए अब चलते हैं नादिरा और सलमा की, सरदार स्वैपिंग की ओर!
वे दोनों बल्ली और सुक्खी के सुदर्शन व्यक्तित्व और शानदार चुदाई के कारण उन पर मोहित हो चुकी थीं।
दोनों सरदारों के लिए भी नया चेहरा, नई देह, नई चूत सामने थी।
इसके अलावा स्वैपिंग का प्रस्ताव लड़कियों की तरफ से आने के कारण, उन का आत्मविश्वास और उत्साह भी बढ़ा हुआ था।
सुक्खी आगे बढ़ा और इस बार नादिरा के गुदाज़ अंगों को मसल के स्पर्श सुख हासिल करने लगा।
उसके भारी स्तन और सुडौल चूतड़ सलमा को चोदते समय भी उस का ध्यान आकर्षित कर रहे थे।
बल्ली ने सलमा के सांचे में ढले संगेमरमरी जिस्म को सहलाने के साथ शुरुआत की।
सलमा के बूब्स और चूतड़ नादिरा के मुकाबले अपेक्षाकृत छोटे लेकिन अधिक कसे हुए थे।
सुक्खी की तरह बल्ली भी नादिरा को चोदते समय, सलमा के गोरे चिकने बदन को रौंदने की हसरत जगा बैठा था।
बल्ली ने सलमा के गुलाब की पंखुड़ी जैसे दो पतले, सुर्ख और नाज़ुक होठों पर अपने तपते होंठ रख दिए।
सुक्खी ने कुछ देर नादिरा के गदराये जिस्म का आनन्द लिया फिर उसके शहद भरे होठों का रस चूसने लगा।
चारों की कामवासना जागृत होकर, पूरे तनबदन में प्रवाहित होने लगी।
चारों के दिमाग में यह चल रहा था कि अभी कुछ घंटे पहले ही हम ने एक दूसरे के सामने और साथ चुदाई का आनन्द लिया था लेकिन नई चूत, नये लंड का मिलन वास्तव में दिमाग को नये नशे से भर देता है।
कुछ ही देर में जब नादिरा और सलमा की चूतें कामरस स्रावित करने लगी तो उन दोनों जोड़ों को 69 की मुद्रा में आने में देर नहीं लगी।
नादिरा और सलमा, सुक्खी और बल्ली के मुंह पर चूत रख के बैठ गईं।
दोनों की नजर उनके सामने धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ा रहे लौड़ों की तरफ थी।
दोनों झुकी और उनके लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।
दोनों के लंड लंबाई-मोटाई में करीब करीब एक जैसे थे पर दोनों के लिए थे तो नए।
ओरल का चारों पर यह असर हुआ कि उनकी वासना की आग अब धधकने लगी।
अब चूतें और लौड़े चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके थे।
नादिरा और सलमा सरदारों के ऊपर से उतरीं और उनके 7-7 इंच के सख़्त लौड़ों पर अपनी चूत टिका के बैठती चली गईं।
जब दोनों के लंड जड़ तक घुसकर सेट हो गए तो दोनों उछल-उछल के अपनी कमर हिलाने लगी।
उनके चूतड़ इस तरह से उछल रहे थे जैसे वे लौड़े की नहीं, घोड़े की सवारी कर रही हों।
सुक्खी और बल्ली एकटक नादिरा और सलमा को निहार रहे थे।
नादिरा और सलमा कितनी भी चुदक्कड़ हों आखिर थी तो औरतें ही, दोनों सरदारों के इस तरह देखे जाने से, उन के चेहरे पर लज्जा की लाली फैल गई।
नादिरा ने अपने को संभाला और कहा- ऐसे क्या देख रहा है हरामखोर? कभी किसी औरत से लंड नहीं चुदवाया क्या?
सुक्खी ने बोला- हम लंड नहीं चुदवाते, चूत चोदते हैं।
यह कह कर उसने नादिरा को अपने नीचे ले लिया और उस के मम्मे मसलते हुए उसकी चूत में दम लगा के रगड़े लगाने लगा।
नादिरा को सुक्खी के ऊपर चढ़ने का यह अंदाज पसंद आया।
औरत मर्द के ऊपर चढ़कर चाहे जैसे अपनी कमर हिला ले, उस की चूत को वह घर्षण नहीं मिल सकता, जो मर्द उसके ऊपर चढ़ कर दे सकता है।
नादिरा के चूतड़ से सुक्खी के टट्टों के टकराने की आवाज चूत की फच फच के साथ मिल कर बड़ा कर्णप्रिय संगीत तैयार कर रही थी।
उधर सलमा, बल्ली की शरारत भरी नज़रों का सामना नहीं कर पाने के कारण झुक कर उसकी निप्पलें मसलते हुए उसके होंठ चूसने लगी।
बल्ली ने पहले तो कमर उछाल-उछालकर सलमा की चुदाई जारी रखी.
फिर जब देखा कि दमदार रगड़े नहीं लग पा रहे हैं तो उसने भी सलमा को दबोचा और उस के ऊपर चढ़ कर धक्के लगाने लगा।
दोनों सरदार दोनों सहेलियों के स्तनपान करते हुए चुदाई कर रहे थे।
नादिरा और सलमा दोनों अनुभवी चुदक्कड़ थीं, वे सुक्खी और बल्ली के हर दमदार धक्के का, उसी जोश के साथ जवाब दे रही थीं।
चारों चुदाई के चरम पर पहुंचने वाले थे।
सलमा बदहवास होने लगी थी।
पहले सलमा ने फूली हुई सांसों के साथ कहा- बल्ली, मैं झड़ने वाली … हूं। रगड़ … भोसड़ी के … रगड़!
गाली सुनकर बल्ली का जोश बढ़ गया।
उसने भी जोश में आकर सलमा की मां बहन एक करते हुए रगड़े में जोश भरते हुए बोला- साली … मस्त चूत है तेरी कुतिया। मेरी इच्छा तो तुझे रात भर रगड़ने की थी. पर तू भी क्या याद करेगी कि किस रहमदिल चोदू यार से पाला पड़ा था।
वह उत्तेजना में जो मुंह में आए वो बक रहा था, उसके धक्के बदस्तूर जारी थे।
अब सलमा का शरीर अकड़ के दोहरा होने लगा, उसकी चूत में स्पंदन और बल्ली के लंड से स्खलन एक साथ हुआ।
दोनों अपने शरीर की नसों के फड़कने तक, एक दूसरे के साथ कस के लिपट पड़े रहे और जब शरीर से छूटे पसीने के कारण दोनों को चिपचिपाहट महसूस हुई तब जाकर वह कहीं अलग हुए और सुस्ताने लगे।
सुक्खी की मस्त चुदाई से खुश होकर नादिरा बोली- तुम दोनों मादरचोद चोदते बहुत बढ़िया हो। आज तक तुम दोनों जैसा खूबसूरत मर्द मुझ पर नहीं चढ़ा, ना किसी दमदार लंड ने मेरी चूत इतनी मस्त चोदी है।
नादिरा ने अपने दोनों पैर सुक्खी की कमर पर बांध लिए और उत्तेजना में बड़बड़ाने लगी- रगड़ कुत्ते … रगड़ … और ज़ोर से रगड़ … मेरी बुर को! हरामजादे लगा रगड़े … फाड़ डाल मेरी … लंडखोर गर्म चूत को!
सुक्खी ने नादिरा के मुंह से झरते फूलों को, अपनी प्रशंसा के तौर पर लिया और खड़े लंड के जोशीले रगड़े लगाने लगा।
पूरा कमरा नादिरा की उहह आहह अह हह और कामुक सिसकारियों से गूंज उठा।
फिर आया वह जादूई पल, जब हर मर्द और हर औरत सारी दुनिया को भुलाकर चरम सुख की उस अनुभूति में खो जाते हैं।
नादिरा और सुक्खी दोनों स्खलन का मज़ा लेते हुए पसीना पसीना हो रहे थे।
सुक्खी अपने लंड के मलाईदार केले से सिकुड़ कर मूंगफली बनने तक, नादिरा की बाहों में निढाल पड़ा हुआ उस की चूत की गर्मी का आनन्द लेता रहा।
सुक्खी और बल्ली दोनों के लिए नादिरा और सलमा की आज की दोनों चुदाई बहुत आनन्ददायक रही थी।
दोनों ने हरप्रीत को शरारती मुस्कान के साथ अपनी खुशी जाहिर की और अंगूठे ऊपर करके धन्यवाद दिया।
पांचों जोड़ों की मस्ती भरी नाइट पार्टी अभी जारी है।
उम्मीद है, आप कहानी से पूरा आनन्द उठा कर नई चूतों या नए लौड़ों की जुगाड़ में लगे होंगे?
पढ़ते रहिए और सनसनी का मजा लेते रहिए।
ओपन सेक्स फ्री स्टोरी के बारे में अपनी मस्ती भरी प्रतिक्रिया मुझ तक अवश्य पहुंचाएं।
मेरी आईडी है
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