मिशन चुदाई- 8
(Threesum Double Sex Kahani)
थ्रीसम डबल सेक्स कहानी में 3 जोड़ों के स्वैप खेल में एक बीवी ने दो लंड से एक साथ चुदाई की इच्छा जताई. उसे उसके पति के अलावा बाकी दोनों आदमियों के साथ चुदने भेजा गया.
कहानी के सातवें भाग
इसने चोदी उसकी बीवी, इसकी चुदी दूसरे से
में आपने पढ़ा कि तीन दोस्तों ने मसूरी में एक होटल में एक दूसरे की बीवी को पूरे मजे से चोदा. यह चुदाई प्रोग्राम उनकी बीवियों ने ही बनाया था.
अब आगे थ्रीसम डबल सेक्स कहानी:
रीमा ने सबके लिए हल्के हल्के पेग बनाए और म्यूजिक चला कर डांस शुरू करवा दिया.
अब चूँकि सब खुल चुके थे कल रात को और लाइट न के बराबर थी तो सब उन्मुक्त होकर लिपटा लिपटी के मूड में डांस कर रहे थे.
जब लड़कों ने ज्यादा बदमाशी शुरू की तो रचना ने आवाज देकर रीमा से कहा- जल्दी से जोड़ियाँ बना दे, वरना यहीं खुला दंगल शुरू हो जाएगा.
सब मुस्कुरा दिए.
अब म्यूजिक धीमा कर रीमा बोली- आज ग्रुप बनाए गए हैं. एक ग्रुप में दो लड़किया होंगी और एक लड़का. और दूसरे ग्रुप में दो लड़के होने और एक लड़की.
रचना चीखी- मैं तो दो लड़कियों वाले ग्रुप में जाऊंगी, दो लड़के वाले ग्रुप में तो दोनों लड़के मिल कर लड़की की चटनी बना देंगे.
अब रेखा बोली- तो फिर ऐसा करते हैं कि जिनको दो लड़कियों और एक लड़के वाले ग्रुप में जाना है, वो बराबर वाले रूम में चले जाएँ. और जिसे एक लड़की और दो लड़के वाले ग्रुप में रहना है, वो सब यहीं रुकें. बस ध्यान रहे कि किसी भी ग्रुप में पति पत्नी एक साथ न हों. और हाँ, रूम से बाहर सुबह ही निकलें, ताकि उनका पार्टनर डिस्टर्ब न हो.
सबसे पहले रचना भागी दूसरे कमरे में और उसके पीछे पीछे रीमा भी भाग ली.
अब कमरे में रेखा रह गयी.
तो लड़कियों के हिसाब से लड़के भी बंट गए.
कमरे में राजेश और हरीश रह गए और दूसरे कमरे में कमल चला गया.
उसे जाता देखा कर हरीश ने आँख मारी, बोला- बेटा आज तो मौज हो गयी तेरी, दो-दो मिल रही हैं.
कमल ने भी हंस कर जवाब दिया- तुम दोनों मिलकर मेरी बीवी की चूत का भोसड़ा मत बना देना. कभी घर जाके में हफ़्तों उसकी पानी से सिकाई करता रहूँ.
सब हंस पड़े.
कमल रूम में पहुंचा तो घुप्प अन्धेरा था.
रचना और रीमा की खुसपुसाहट आ रही थी.
रीमा बोली- डोर तो लॉक कर लो.
कमल डोर लॉक करके बेड पर पहुंचा तो रचना और रीमा बेड पर ही थीं.
रचना हंसती हुई बोली- बेटा, कल बच कर निकल गया था, देख आज हम दोनों मिल कर तेरी कैसे गांड फाड़ते हैं.
रीमा चिहुंकी- कमल कल मन नहीं भरा रचना से जो आज फिर आ गया? आज तो पहले मेरे को मजे दे. रचना कह रही थी कि तूने मम्मे लाल कर दिए इसके, सुबह से गर्म पानी से सेक रही है.
कमल हंसा- और जो इसने मेरा सामान टेढ़ा कर दिया उसका क्या? इतनी गाली बकी हैं पंजाबी में कि पूछो नहीं. बहुत हल्ला मचाती है.
कहते हुए कमल बेड के पास आया तो रीमा आगे आई और उसके होंठों से होंठ मिला दिए.
कमल ने कस के जकड़ लिया उसको.
पीछे से रचना आ गयी.
वो भी लिपट गयी कमल से और हाथ नीचे करके उसका मूसल मसलने लगी.
कमल कसमसाया तो रचना नीचे बैठ गयी और कमल की शॉर्ट्स नीचे खींच दी और उसका लंड मुंह में ले लिया.
रीमा बोली- कमीनी नीचे ही खाली मत कर दियो, मैं क्या फिर उंगली घुसाऊंगी अपने?
रीमा ने केवल एक लॉन्ग टी शर्ट पहने थी.
कमल ने उसकी वो टी शर्ट उतार दी और उसके मम्मे मुंह में ले लिए.
रीमा बोली- यार ये तो चालू हो गया. चल भाई अब बेड पर आ जा वहीं कबड्डी खेलेंगे.
तीनों के कपड़े आनन फानन में उतर गए और फिर तीनों बेड पर आ गए.
कमल और रीमा चिपटे हुए थे.
रीमा तो कमल को खा जाना चाह रही थी.
कमल का लंड उसकी चूत पर टक्कर मार रहा था.
कमल ने हाथ नीचे करके अपनी एक उंगली रीमा की चूत में घुसा दी.
रीमा चिहुंकी.
पीछे से रचना चिपट गयी कमल से और बोली रीमा से- चल इसका सैंडविच बनाते हैं.
अब दोनों ओर से दोनों नंगी लड़कियां चिपटी हुई थीं कमल से.
रचना की मखमली चूत भट्टी जैसे गर्म थी तो कमल के पिछवाड़े पर जा चिपकी.
रचना ने बदमाशी करते हुए पीछे से कमल के कान को चूमना शुरू किया.
आगे से रीमा उसके होंठ और पूरे चेहरे को चूम रही थी.
कमल को अहसास हो गया कि आज उसका बल।त्कार होगा.
उसने दम लगा कर रीमा को हटाया और कहा- मुझे तुम्हारी चूत चूसनी है.
दोनों 69 हो गये.
रचना खाली थी.
अब कमल का लंड और रीमा की चूत दोनों बिजी थे.
उसने अपने मम्मे दोनों हाथ से मसलते हुए कमल के मुंह के पास कर दिए.
कमल ने रीमा की चूत से मुंह निकाला और रचना के मम्मे लपक लिए.
रचना आगे खिसकी और घूम कर अपनी चूत रीमा के मुंह पर रख दी.
अब रीमा उसकी चूत चाटने लगी.
अब कमल का लंड खाली था.
दोनों लड़कियों ने कमल को नीचे लिटा दिया और बारी बारी से जोर जोर से उसका लंड चूसने लगीं.
कमल बेचैन हो गया. उसको लगने लगा की मैं तो इनके मुंह में ही छूट जाउंगा.
अब रीमा उसके ऊपर चढ़ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और लगी उछलने.
कमल उसके मम्मे निचोड़ रहा था.
कमल ने महसूस किया कि रचना के मुकाबले रीमा की चूत ज्यादा टाइट है.
अब रचना भी कमल के ऊपर आ गयी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख कर रीमा के होंठ से होंठ भिड़ाने लगी.
थोड़ी देर में रचना हटी और नीचे लेटे हुए कमल से बोली- मेरे अंदर आओ.
कमल ने रीमा को छोड़ा और रचना की टांगें चौड़ा कर मूसल पेल दिया.
रचना अपनी आदतानुसार हल्ला मचा कर चुदने लगी.
रीमा उसे होंठों पर चूम रही थी.
कमल की स्पीड बढ़ती गयी.
उसका होने को था.
रचना ने अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेट दीं और कमल सारा माल उसकी चूत में भरते हुए वहीं लुढ़क गया.
रीमा बोली- कमीनी, खाली कर दिया इसे. मैं तो कुंवारी मर जाऊंगी.
कमल हंसा- नहीं, अभी जल्दी ही खड़ा हो जाएगा दोबारा.
तीनों वाशरूम से फ्रेश होकर आये.
रीमा ने बियर रखी थीं फ्रिज में तो सबलो एक एक केन दी.
थोड़ी देर इधर उधर के मजाक होने के बाद रचना ने कमल का लंड चूसना शुरू किया और जल्दी ही उसे खड़ा कर दिया.
और फिर रीमा से बोली- ले तेरा घोड़ा खड़ा कर दिया है, अब कर ले घुड़सवारी!
रीमा बोली- मैं सवारी नहीं करुँगी. मैं तो लेट कर चुदुंगी. देखूं तो सही कितना दम बाकी है इसमें! ये दोनों मियां बीवी किस्मत वाले हैं. इसे दो चूत मिली हैं और उधर इसकी बीवी दो दो लंड खा रही है.
कमल ने पेल दिया अपना मूसल रीमा की चूत में और घुसते ही धकापेल शुरू कर दी.
कमल का लंड रीमा की चूत में सट कर जा रहा था.
रीमा को भी जन्नत का मजा आ रहा था.
वो नीचे से उछलने लगी.
कमल थक चुका था, उसका जल्दी ही हो गया.
तीनों ऐसे ही लिपट कर लेट गये.
रीमा ने कमल से वादा ले लिया कि रात को आँख खुली या सुबह जल्दी वो दोनों एक राउंड और लगायेंगे.
उस रूम में हरीश और राजेश दोनों रेखा से लिपटे हुए थे.
उनके कपड़े उतर चुके थे.
दोनों लड़के एक एक करके रेखा के मम्मे चूस रहे थे.
रेखा के हाथ में उनके लंड आ जाते तो वो उन्हें मसलती.
अब रेखा नीचे बैठ गयी और बारी बारी से दोनों के लंड चूसने लगी.
आज हरीश और राजेश के लंड पूरे तने हुए थे और रेखा की चुदास पूरे उफान पर थी.
न जाने कब की तमन्ना आज पूरी होने जा रही थी रेखा की.
दो-दो लंड से चुदना.
हरीश और राजेश ने मिलकर रेखा को गोदी में उठा लिया और आहिस्ता से बेड पर लिटा दिया.
राजेश ने तो बेड पर चढ़कर रेखा के होंठों से होंठ मिलाये और फिर उसकी मम्मे चूसने लगा.
हरीश ने रेखा की टांगें चौड़ायीं और उसकी मखमली चूत की फांकों के बीच अपनी जीभ घुसा दी.
आज रेखा ने अपनी चूत महका रखी थी.
रेखा मछली की तरह तड़पने लगी.
वो अपने दोनों मम्मे अपने हाथों में पकड़ एक साथ राजेश के मुंह में घुसाने लगी.
राजेश भी पूरी कोशिश कर रहा था कि दोनों मम्मे एक साथ उसके मुंह में समा जाएँ.
पर रेखा के मम्मे खरबूजों जैसे थे. दोनों एक साथ कैसे आते राजेश के मुंह में.
राजेश ने उसके निप्पलों को दांतों से धीरे धीरे चुभलाना शुरू किया तो रेखा कराह उठी.
उसने कहा- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
राजेश घुटनों पर बैठा और अपना लंड रेखा के मुंह में कर दिया.
नीचे हरीश ने महसूस किया कि रेखा की चूत तो पानी छोड़ रही है तो वो बेड से नीचे उतरा और रेखा की टांगों को पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा.
रेखा के मुंह से राजेश का लंड निकल गया.
अब हरीश ने नीचे खड़े होकर बेड से अपने घुटने टकराए और लंड पेल दिया रेखा की चूत में.
राजेश भी आगे हो गया, उसने दोबारा अपना लंड रेखा के मुंह में दे दिया.
बेड की सपोर्ट पाकर अब हरीश के लंड के दमदार धक्के शुरू हो गये थे.
रेखा अब राजेश का लंड नहीं चूस पा रही थी.
तो राजेश ने आगे बढ़कर उसके मम्मे मुंह में ले लिए.
उसका लंड अब बार बार रेखा के मुंह में जाता फिर निकल जाता.
रेखा की चूत में हरीश के दमदार धक्के बढ़ते जा रहे थे.
रेखा की आहें या कहिये कि चीखें निकल गयीं.
उसे दो लंड से चुदने का मजा आ रहा था.
राजेश ने हरीश को इशारा किया कि अब वो रेखा की चूत चोदना चाहता है.
तो हरीश ने रेखा को छोड़ा और बेड पर चढ़ कर रेखा से घोड़ी बनकर उसका लंड चूसने को कहा.
अब रेखा उसका लंड चूस रही थी और पीछे से राजेश उसकी चूत में घुस गया था.
राजेश ने हाथ आगे बढ़ाकर उसके मम्मे मसलने शुरू कर दिए थे.
अब दोनों लड़के जंगली सेक्स पर उतर आये थे.
राजेश ने रेखा के बाल पकड़कर उसे अपनी और खींचा ताकि उसका लंड और गहराई तक उतर जाए.
राजेश ने अचानक ढेर सारा थूक हाथ में लेकर रेखा की गांड पर लगाया और अपना मूसल रेखा की गांड के मुंहाने पर रख दिया.
रेखा की तो जान ही निकल गयी.
वो गिड़गिड़ाने लगी- नहीं … मेरी गांड फट जायेगी, बहुत दर्द होगा.
हरीश हंस कर बोला- क्यों कमल तो तुम्हारी गांड मारता है.
रेखा बोली- वो अकेला होता है और तुम दो हो. जब राजेश मेरी गांड में घुसेगा तो क्या तुम छोड़ दोगे मुझे?
राजेश ने पास रखी वेसलीन की डिब्बी से ढेर साड़ी वेसलीन अपने लंड और रेखा की गांड पर लगाई और अब धीरे से अपना लंड घुसा दिया अंदर.
रेखा चीखी पर उसे आदत थी गांड मरवाने की तो झेल गयी.
हरीश बोला- राजेश, तू नीचे लेट. रेखा की गांड में अपना लंड कर फिर इसकी टांगें चौड़ा और मैं आगे से इसकी चूत मारूंगा.
रेखा तो रोने सी लगी पर उसे भी तो यही मजा चाहिए था.
राजेश नीचे लेट गया.
रेखा ने आहिस्ता से उसके दोनों और टांगें की और बहुत धीरे धीर अपनी गांड उसके लंड के ऊपर की तो लंड अंदर घुसता चला गया.
वो चीखती रही पर उसकी चीख सुन कौन रहा था.
राजेश ने उसकी टांगें चौड़ायीं और अब हरीश ने आगे से पहले तो उसे होंठों पर चूमा फिर अपना लंड पेल दिया उसकी चूत में.
क्या नजारा था.
तीनों कामवासना के सागर में गोते मार रहे थे.
राजेश तो चुप पड़ा था.
थ्रीसम डबल सेक्स में रेखा चीख पुकार कर रही थी और हरीश धक्के लगा रहा था.
हरीश का होने को था.
उसने लंड बाहर निकाला और सारा माल रेखा के मम्मों और पेट पर खाली कर दिया.
रेखा थक गयी थी, वह वहीं औंधी पड़ गयी.
थोड़ी देर में उठकर तीनों फ्रेश हुए.
हरीश ने रेखा को एक पेन किलर दी, वो साथ लाया था. उसे मालूम था कि ऐसा ही होगा.
राजेश का मजा अधूरा था.
वो रूम के बाहर आया और उसने बराबर वाले कमरे के बाहर आवाज दी की किसी को चुदना हो तो बाहर आ जाए.
मजे की बात की बराबर वाले रूम का डोर खुला और बेड शीट में लिपटी रीमा बाहर आई.
वो मुस्कुरा रही थी.
आते ही वो राजेश से लिपट गयी और बोली- मेरी चूत भूखी है.
राजेश भी मुस्कुराया- मेरा शेर भी …
अब तो रीमा ने चादर निकाल फेंकी.
वो बिल्कुल नंगी थी.
राजेश ने उसे पास पड़ी सेटी पर लिटाया और होंठों से होंठ मिलाते हुए उसकी टांगें चौड़ायीं और अपना तना हुआ मूसल पेल दिया अंदर.
दोनों समय वेस्ट नहीं करना चाह रहे थे.
आग भड़की हुई थी.
नीचे से रीमा उछल रही थी और ऊपर से राजेश के धमाकेदार धक्के पड़ रहे थे.
जल्दी ही दोनों का तूफान चरम सीमा पर पहुँच गया.
दोनों गुत्थम गुत्था हो रहे थे.
अचानक रीमा को क्या सूझा, वो राजेश से बोली- मेरे मुंह में खाली करो.
सभी नया तजुर्बा करना चाह रहे थे इस ट्रिप में.
राजेश कूद कर खड़ा हुआ और अपना लंड रीमा के चेहरे के पास कर दिया.
उसके वीर्य की एक मोती धार रीमा के चेहरे पर जा पड़ी.
रीमा ने जीभ बाहर निकाल रखी थी.
काफी वीर्य उसके मुंह के अंदर जा पड़ा.
बाकी उसने अपने चेहरे और मम्मों पर लपेट लिया और राजेश को चूम कर बाय बोल कर चादर लपेट अपने रूम में चली गयी.
अगले दिन सभी खुराफाती जोड़े नहाधोकर ब्रेकफास्ट लेकर एक बार फिर रचना के रूम में इकट्ठे हुए.
अब रेखा के बोलने की बारी थी.
उसने कहा- इन दो रातों में हमने वो सब कुछ किया जो हमने करना चाहा. पर अब बस. हम अपने शहर में ऐसा कभी कुछ नहीं करेंगे न आपस में इस बारे में अभी बात करेंगे. इसका ईमानदारी से पालन जरूरी है ताकि हमारे अपने वैवाहिक रिश्ते बने रहें. प्लीज़ सब इसे सीरियसली मान लें.
सभी सहमत थे.
अब वापिस गाड़ी चल पड़ी, अपना चुदाई मिशन पूरा करके.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी थ्रीसम डबल सेक्स कहानी?
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