गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियां- 10

(Xxx Swap Porn Story)

Xxx स्वैप पोर्न स्टोरी में 5 लड़कियों ने अपने 4 बॉयफ्रेंड बुला रखे थे. जिनमें एक छह फीट ऊंचा, गोरा, चौड़े सीने वाला मर्द था। उसने कैसे लाफ्कियों की चूत फाड़ कर मजा दिया.

कहानी के पिछले अंक
सहेली की कुंवारी चूत फटवाई
में आपने पढ़ा कि सेक्सी नाइट पार्टी में रोज़ी के दोनों बॉयफ्रेंड में, ऑस्कर ने सोनिया की कौमार्य भंग करने वाली चुदाई का सुनहरा अवसर प्राप्त किया था.
तो जैकब हरप्रीत की इच्छा अनुसार, उस की गदरायी गांड की खुजली मिटाने में कामयाब हुआ था।

अब आगे Xxx स्वैप पोर्न स्टोरी:

उधर रोज़ी कामातुर होकर, हरप्रीत के जबरदस्त ठरकी यार लाला के वजनदार जिस्म के नीचे पिसने के लिए व्याकुल होकर उसको एकटक निहार रही थी।
उस के मोटे लंड पर रोज़ी की लार टपक रही थी।

लाला एक छह फीट ऊंचा, गोरा, भूरी आंखों, चौड़े सीने वाला मर्द था।
अच्छी खुराक और नियमित कसरत ने उसके जिस्म में एक अजीब सा आकर्षण पैदा कर दिया था।

अठारह वर्ष की कमसिन लड़की हो या 50-55 साल की पकी, खायी खेली औरत, वह सबको समान भाव से ताड़ता था।
जो भी औरत उसको नज़र भर के देख लेती, एक बार तो उस से चुदने की कामना करने लगती थी।

वह खेतों में मजदूरों की सप्लाई का काम करता था, वह स्वभाव से बड़ा ही परोपकारी था।
खेत में काम करने वाली कोई मजदूर औरत हो या खेत की मालकिन, जिसकी भी बुर मिल जाए, वो हर एक को समान भाव से चोदता था।

मजदूर औरत पर तो उस की विशेष कृपा रहती थी।
उसको वह एक दिन की छुट्टी दिला कर, अपने फार्म हाउस पर ले जाता था।
यह फार्म हाउस उस के लिए चुदाई केंद्र था।

वहां औरत को ले जा के, उसको नंगी कर के, दिन भर में अलग अलग आसनों में, तीन चार बार चुदाई करके उसकी और अपनी हवस मिटाता था।
इसके साथ ही उसे दुगनी मजदूरी और कुछ उपहार भी देता था। 

उसे इतना तो अनुभव हो चुका था कि किसी औरत की नजर उसके जिस्म पर कहां ठहर रही है, उसको देखकर उस औरत की चूत में सरसराहट हो रही है या नहीं … वह समझ जाता था।

जो भी औरत उस से चुदना चाहे, उसके हर संकेत को वह आसानी से पढ़ लेता था।
अपनी इसी विशेषता और परोपकारी स्वभाव के कारण वह अब तक कम से कम 50-60 औरतों को पेल चुका था।

यही कारण था कि वह रोज़ी की उस के लौड़े से चुदने की लालसा को भी समझ गया था।

अभी तक उसने जिन औरतों को चोदा था उनमें हरप्रीत जैसी खिलती कली एक भी नहीं थी। 

वह यह सोचकर वह मन ही मन प्रसन्न हो रहा था कि आज उसे रोज़ी जैसी कमसिन और स्मार्ट लड़की की चुदाई करने का मौका मिलने वाला है।

रोज़ी को लाला ने अपनी बाहों में समेट लिया।

लाला की मजबूत गिरफ्त में कमनीय काया वाली रोज़ी ऐसी लग रही थी, जैसे किसी बाघ ने मेमने को अपना शिकार बना रखा हो। 

रोज़ी को लाला की बांहों में, उसके जिस्म की गर्मी सुकून पहुंचा रही थी।

लाला ने फिर उस के पतले, मुलायम होठों पर, अपने मोटे, पान खाने के कारण लाल हुए, होंठ रख दिए और रोज़ी की जुबान से जुबान लड़ाने लगा। 

रोज़ी के मुंह में लाला के 120 और किवाम की खुशबू वाले पान का स्वाद पहुंचने लगा।
वह लाला की जुबान से पान की सारी मिठास को चूसने लगी।

लाला भी फिर जी भर के उसके होठों को चूसता रहा।

रोज़ी के फूल जैसे होठों का रस चूस के, लाला पलंग पर बैठकर उसके आम जैसे स्तनों को चूसने लगा।
कभी दोनों हाथों से रोज़ी के उरोजों को मसलता, कभी उस के चूतड़ दबा दबा के आनन्द का आदान-प्रदान करता।

रोज़ी ने अभी तक केवल ऑस्कर और जैकब के औसत आकार के लंड ही अपने जिस्म के भीतर लिए थे।
लाला की बलिष्ठ भुजाओं में आकर उसे ऐसा लग रहा था कि आज उसकी चूत के चीथड़े उड़ना निश्चित है।

उसे इस बात का तो पक्का विश्वास था कि भले ही चूत का शेप बिगड़ जाए लेकिन लाला के फौलादी लंड से उसकी आज की चुदाई यादगार होने वाली है। 

लाला का लंड तन्ना चुका था.
उसने रोज़ी को कमर से पकड़ कर ऐसे उठा लिया जैसे उसने फूलों की टोकरी उठाई हो।

उसके बाद रोज़ी के दोनों पैर अपने आजू-बाजू टिका कर उसे पलंग पर खड़ा कर लिया।
अब रोज़ी की चूत उसके मुंह के सामने थी। 

लाला की जुबान रोज़ी की कामरस छोड़ती हुई चूत पर नीचे से ऊपर की ओर स्ट्रोक लगाने लगी। 
रोज़ी का पूरा जिस्म झनझना उठा.

दो-तीन मिनट चूत का बहता हुआ रस निगलने के बाद लाला ने रोज़ी के क्लिटोरिस को अपने होठों में जकड़ा।

जैसे ही लाला ने क्लिटोरिस को चूसना शुरू किया, रोज़ी की चूत में वासना का सैलाब उठा।

मुश्किल से 1 मिनट ही लगा होगा कि रोज़ी की चूत जोर-जोर से फड़कने लगी। 

रोज़ी का ऑर्गेज्म इतना जबरदस्त था कि चूतरस के साथ-साथ मूत्र के कुछ कतरे भी लाला के मुंह में निकल गए।
लाला के दिमाग में भी रोजी जैसी कमसिन लड़की के करण वासना भड़की हुई थी।

उसने मूत्र मिला चूत का हल्का गर्म, नमकीन स्वादिष्ट दिव्य रस निगल लिया।
रोज़ी का पूरा बदन चरम सुख के इन क्षणों में कंपन कर रहा था। 

एक बार लाला के मुंह में झड़ने के बाद भी रोज़ी की चूत की आग शांत नहीं हुई बल्कि लाला के लंड से चुदने की उस की तलब और अधिक बढ़ गई।

लाला ने रोज़ी को नीचे करते हुए अपने भुट्टे जैसे कड़क लंड पर बिठा लिया।
रोज़ी बैठते समय कमर को हिला हिला के, लाला के मोटे लंड को अपनी चूत में लेने लगी।

लाला का सांवला सलोना लंड रोज़ी की चूत के मुंह को चौड़ा करते हुए पूरा अंदर समा गया। 

ऑस्कर और जैकब के औसत आकार के लंड की अभ्यस्त रोज़ी की चूत आज एक नया और अधिक मोटा लंड पा कर खुशी से खिल उठी और आनन्द के मारे रोज़ी की दोनों आँखें बंद हो गईं।

रोज़ी ने एक लंबी सांस लेकर इस क्षण के आनन्द को अनुभव किया और लाला के लंड पर उछलने लगी।
लाला के मोटे लंड के रगड़े रोज़ी की चूत को बहुत सुहावने लग रहे थे।

कुछ ही धक्कों के बाद रोज़ी इस उठक बैठक से थक गई।
रोज़ी अपनी चूत में लाला का पूरा लंड समाये हुए लंबी-लंबी सांसें ले रही थी।

लाला समझ गया कि रोज़ी अब अधिक उछल नहीं सकती तो वह उसे अपने लंड पर बिठाये हुए ही खड़ा हुआ। 

खड़े होकर उसने रोज़ी को अपने दोनों पैर उसकी कमर से बांधने को कहा, रोजी के दोनों हाथ लाला की गर्दन से लिपटे हुए थे।

इस पोजीशन में लाला ने रोज़ी के चूतड़ पकड़ कर, उसे ऊपर नीचे करना शुरू किया।
हर धक्के में रोज़ी के मुंह से सिसकारी निकल रही थी।

कुछ धक्के इस तरह से लगाकर लाला ने रोज़ी को एक दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया। 
लाला ने रोज़ी को चेतावनी दी कि अब धक्के ज़रा दमदार लगेंगे, सहने के लिए तैयार रहना।

रोज़ी ने कहा- लाला तू निश्चिंत रह, मेरी चूत फट भी जाए तो चिंता नहीं। यही तो ऐसी पीड़ा है जिसको भोगने के लिए, दुनिया की हर औरत, हमेशा तैयार रहती है। चूत अगर चुद चुद के, सूज भी जाये तो उस पीड़ा में भी औरत को आनन्द का अनुभव होता है।
लाला ने कहा- ऐसी बात है तो अब देख मेरे लंड की ताकत!

उसके बाद लाला ने जोरदार धक्कों से रोज़ी की सिसकारियों को मस्ती भरी चीत्कारों में बदल दिया।
रोज़ी चिल्लाई- अरे मादरचोद … जरा धीरे रगड़, क्या जान निकाल के ही मानेगा?

लाला रुका और अपना लंड रोज़ी की चूत से बाहर निकाल लिया।
रोज़ी सोच ही रही थी कि लाला क्या चाहता है?

इतने में उसने रोज़ी के कंधों को दबाकर, उसे नीचे घुटनों के बल बैठने का इशारा किया।

जैसे ही रोज़ी नीचे बैठी, उसने रोज़ी के चूत रस में सने हुए लंड को उस के मुंह में घुसेड़ दिया। 
रोज़ी अपनी चूत के नमकीन रस में लिपटे हुए लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

इस बार सिसकारियां लाला के मुंह से निकल रही थीं।
लाला ने रोज़ी को कहा- तेरे मुंह में निकाल दूं क्या?
रोज़ी बोली- हरगिज़ नहीं, खबरदार ऐसा किया तो! मेरी को चूत को अच्छे से झड़ा कर उसको अपने वीर्य से सींचना है। 

उसके बाद लाला ने रोज़ी को पलंग पर दो-तीन तकिये लगाकर ऐसे लिटाया कि उसके पैर जमीन पर टिके हुए थे।
उसके बाद लाला रोज़ी के पैरों के बीच आया और अपने लंड को उसकी चूत पर टिका कर एक जोरदार ठोकर मारी।

रोज़ी समझ गई कि अब एक बार फिर से जोरदार रगड़ों की बारिश होने वाली है जो उसे चरमसुख देने के बाद ही थमेगी। 

इस पोजीशन में रोज़ी उछल भी नहीं सकती थी, उसने अपनी चूत को लाला के लंड के हमलों के लिए तैयार रहने को कहा।

लाला ने अब जो करारे धक्के लगाना शुरू किये तो रोज़ी की चूत में जैसे लावा इकट्ठा होने लगा।
लाला का स्टैमिना गजब था, उस पर पचास से अधिक औरतों को चोदने का अनुभव।

हर धक्के के साथ रोज़ी मस्ती के झूले में झूल रही थी।

सहेलियों की ठरक भरी बातों ने पहले ही रोज़ी की वासना में उबाल ला दिया था, उस पर बहुत समय बाद लाला के मोटे और नए लंड से हो रही मस्त चुदाई ने उसकी सोच बदल दी।

उसको लगा कि उस ने बेकार में ही खुद पर और दोनों यारों पर इतना कड़ा नियंत्रण कर रखा था। यदि संबंधों को ऊब और नीरस होने से बचाना है तो एक दूसरे को बांधने की नहीं, मुक्त करने की आवश्यकता है। 

रोज़ी मुग्ध भाव से लाला को निहार रही थी जिसका चेहरा उत्तेजना और उसकी चूत पर की जा रही मेहनत के कारण लाल सुर्ख हो रहा था।

लाला के लंड ने अब वीर्य विस्फोट के संकेत दे दिये थे।

लाला की सांसें भारी होने लगीं, उसके धक्कों में तेज़ी आ गई।

रोज़ी भी अब झड़ने की कगार पर थी।
वह कहने लगी- वाह लाला, मजे ला दिए तूने! पहली बार मेरी चूत को इतना मस्त लंड मिला है, अब तो जब भी मौका मिलेगा, मैं तुझे बुलाऊंगी, तुझे मेरी चुदाई करनी ही पड़ेगी।

लाला बोला- चिंता मत कर रोज़ी, मैं तो इस मामले में बहुत खुले दिल का हूं। जिस भी लड़की या औरत की इच्छा होती है, उसे मैं चुदाई के लिए कभी निराश नहीं करता। तू जब भी याद करेगी, मेरा लंड तेरी सेवा के लिए हमेशा खड़ा मिलेगा।

यह कहते कहते लाला के लौड़े की नसें फड़कने लगीं।
रोज़ी की चूत भी उसके दिल की तरह जोर-जोर से धड़क रही थी।
दोनों की सांसें फूली हुई थीं।

लाला का बड़ी मात्रा में वीर्य स्खलन हुआ.
डिस्चार्ज होने के बाद भी लंड अभी भी नर्म नहीं पड़ा था। 

उसने कुछ पल रुक कर ऑर्गेज्म के मज़े लिए और फिर से धक्के लगाना शुरू कर दिया.
चूत में हो रही फच्च फच्च की ध्वनि के बीच रोज़ी लगातार झड़ रही थी।

लाला अपने लौड़े के नर्म पड़ने तक रोज़ी की चूत को रगड़ता रहा।
इस शानदार चुदाई से तृप्त होकर रोज़ी ने अपने दोनों पैर उठाकर लाला की कमर के इर्द-गिर्द बांध लिए और उस को कस के अपने ऊपर भींच लिया और भाव विभोर हो के एक चुम्बन उस के होठों पर अंकित कर दिया।

लाला समझ गया कि रोज़ी को उस के लंड के साथ साथ, उसकी चुदाई भी बहुत पसंद आई है।

उसके लंड से दोबारा चुदने के लिए तो उसने पहले ही कह दिया था पर अब तो पक्का हो गया है कि वह निश्चित रूप से उसे एक बार फिर से सेवा का मौका जरूर देगी।

लाला, रोज़ी पर से हटा और उसे अपनी बाहों में लेकर नीचे बिछे गद्दे पर पड़ गया और दोनों जल्दी ही सुख भरी नींद की आगोश में चले गए।

अन्तर्वासना के मेरे कामुक पाठक/पाठिकाओ, आइए अब Xxx स्वैप पोर्न स्टोरी में नादिरा और सलमा की चल रही कामक्रीड़ा का आनन्द लेते हैं।

नादिरा और सलमा उन दोनों सरदारों के लंड चूस के स्पष्ट संकेत दे चुकी थी कि उन दोनों को उनके लंड पसंद आ गए हैं और अब उन को सरदारों के लंड से चुदना भी है। 

सुक्खी और बल्ली ने भी सोनिया के स्तनों पर से अपना ध्यान हटाकर अब नंगी खड़ी हुई नादिरा और सलमा के नंगे जिस्म की ओर देखा। 

सलमा का बदन जैसे सांचे में ढला था.
नादिरा उसके मुकाबले ज्यादा गदराई हुई थी तो सलमा नादिरा की तुलना में अधिक गोरी, चिकनी थी।

वे दोनों भी चुदासी होकर उन्हीं को निहार रही थीं।

सलमा ने परिवार के और नादिरा ने कुनबे के तो कई लंड ले लिए थे लेकिन उन दोनों की जिंदगी का यह पहला अवसर था जब उन की चूत में परिवार से बाहर के किसी सुदर्शन मर्द का खूबसूरत लंड घुसने वाला था।

सुक्खी ने सलमा को पीछे से पकड़ा और उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके बूब्स मसलने लगा।
सलमा की चुदास और बढ़ गयी, उसके मुंह से एक सिसकारी निकल पड़ी। 

नादिरा और सलमा पहले ही बुरी तरह गर्म हो चुकी थी.
अब उनको किसी फोरप्ले की जरूरत नहीं थी, उनकी चूत को तो लंड के रगड़े चाहिए थे। 

वह मुड़ी और सुक्खी के होठों पर होंठ रखकर उसका तन्नाया हुआ लंड पकड़ लिया और बोली- मैं पहले ही बहुत गर्म हो चुकी हूं, अब तो तेरा ये कड़क लंड डाल दे मेरी चूत में!

उधर बल्ली ने आगे बढ़ कर नादिरा के होठों पर अपने होंठ रखे और दाहिने हाथ से स्तनों से खेलने लगा और बांया हाथ उसकी चूत पर ले जाकर अपनी बीच वाली उंगली उसकी रिसती हुई चूत में डाल दी।

नादिरा की चूत भट्टी की तरह दहक रही थी।
नादिरा बल्ली से बोली- भोसड़ी के पहले ही मेरी चूत में वासना की आग भड़की हुई है, अब उंगली क्या डाल रहा है साले? झुलस जाएगी। तेरा ये तन्नाया लंड घुसेड़ के रगड़ दे यार!

सुक्खी और बल्ली दोनों ने सलमा और नादिरा को जमीन पर पटका और उन दोनों की टांगे अपने कंधों पर रखकर अपने लंड का सुर्ख लाल सुपारा उन की चूत पर ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर रगड़ने लगे।
नादिरा और सलमा दोनों के मुंह से लगातार सिसकारियां निकल रही थीं।

कुछ पल के बाद सुक्खी और बल्ली ने सुपारे से क्लिटोरिस को सहलाना शुरू कर दिया।

नादिरा ने हरप्रीत की ओर देखकर कहा- यह भोसड़ी का तेरे को भी ऐसे ही तंग करता है क्या? अरे यार, समझा इस मादरचोद को!

हरप्रीत नादिरा की बेताबी को देखकर मुस्कुराने लगी।

अब सलमा भी बोली- ये दोनों साले पता नहीं क्या सोच कर आए हैं? इनको अपने लंड हमारी चूत के अंदर घुसेडने से ज्यादा हमारी गांड जलाने में मजे आ रहे हैं।
दोनों सरदार उन की बात सुन कर हंसने लगे।

हरप्रीत ने हंसते हुए सुक्खी और बल्ली को कहा- तुम दोनों एक बार तो इन गर्म कुतियाओं को अच्छे से रगड़ दो. अभी तो पूरी रात बाकी है और कई चूतें पड़ी हैं तंग करने के लिए।

हरप्रीत की बात का जवाब देते हुए सुक्खी ने कहा- ठीक है मैं अभी सलमा की लंड खोर चूत में धक्के लगाकर इस को चरम सुख देता हूं।
बल्ली ने कहा- मैं भी इस चुदक्कड़ नादिरा की चूत के सारे कस बल निकालता हूं।

उसके बाद दोनों ने उन की चूत पर लंड टिका कर जो करारा झटका लगाया तो दोनों के लंड नादिरा और सलमा की बच्चेदानी से टकराये।
उनके मुंह से एक हल्की सी चीख निकली और आंखें बाहर निकल आईं। 

कहिए मेरे सेक्स के दीवानो, पर्याप्त सनसनी मिल रही है न?
अभी नादिरा और सलमा की चुदाई चल ही रही है। 

मेरा सुझाव है कि इस कहानी से उत्तेजना प्राप्त कर अपने जीवन साथी, प्रेमी प्रेमिका, किसी भय्या भाभी, चाचा चाची के साथ एंजॉय करें!
और हां, इस Xxx स्वैप पोर्न स्टोरी पर अपनी कामुकता भरी प्रतिक्रिया से अवश्य अवगत कराएं।
मेरी आईडी है 
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