साथ वाली कामुक पंजाबन टीचर की चुदाई

(Hot punjabi Xxx Kahani)

बाबा सैम 2025-08-09 Comments

हॉट पंजाबी Xxx कहानी में मैंने एक स्कूल में जॉब की तो वहां की एक टीचर मुझे पसंद करने लगी. मैंने भी मौके का फायदा उठाया और उससे दोस्ती बढ़ा ली जो चुदाई तक पहुंची.

उम्मीद करता हूँ कि आप सभी अच्छे हैं।
मैं आपका दोस्त बाबा सैम हाज़िर हूँ आपके सामने एक नई कहानी के साथ।

जिन दोस्तों ने मेरी पहली कहानी
चालू लड़की ने मेरे लंड को खूब मजा दिया
को पढ़ा है, वे जानते हैं कि मैं हरियाणा के भिवानी जिले का रहने वाला हूँ और एक एमएनसी कंपनी में जॉब करता हूँ।
मेरी उम्र 30 साल, कद 5 फुट 7 इंच है और मेरा हथियार 6.5 इंच का है।

ये हॉट पंजाबी Xxx कहानी 2013 की है, जब मैं अपने कॉलेज के फाइनल ईयर में था।

उस वक्त मैं किसी काम से एक फोटो स्टेट की दुकान में गया।
वहाँ पर एक नोटिस लगा हुआ था, जिसमें पास ही के गाँव में मैथ और साइंस के टीचर के लिए वैकेंसी थी।

मैंने वहाँ के प्रिंसिपल को फोन किया और इंटरव्यू देने चला गया।

इंटरव्यू में सेलेक्ट होने के बाद मैंने अप्रैल के महीने में वहाँ ज्वाइन कर लिया।

जैसा कि आप जानते ही होंगे, गाँव के प्राइवेट स्कूल में एडमिशन के लिए घर-घर जाकर लोगों को अपने बच्चों का एडमिशन अपने स्कूल में कराने के लिए बोला जाता था।

हमारा तीन-चार टीचर्स का ग्रुप पास के गाँव में इसी काम के लिए गया।

मेरे ग्रुप में स्वीटू और तनु नाम की दो टीचर्स थीं।
दोनों टीचर्स पंजाबन लड़कियाँ थीं।
स्वीटू मेरी हमउम्र और तनु मुझसे एक साल छोटी थी।

आप जानते ही होंगे, पंजाबन लड़कियाँ बहुत ही खूबसूरत होती हैं।

हम जहाँ भी जाते, मैं स्वीटू के पीछे-पीछे ही रहता।
तनु को समझ आ गया था कि मैं स्वीटू को बहुत पसंद करता हूँ।

स्कूल में वापस आने के बाद तनु मुझे स्वीटू के नाम को लेकर किसी न किसी बहाने से छेड़ देती थी।
स्वीटू अपने घर वालों के डर की वजह से मुझे भाव नहीं दे रही थी।

जब बच्चों के एडमिशन हो गए और अच्छी तरह से क्लासेस लगने लगीं, हम सब अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गए।

स्वीटू छठी से दसवीं तक अंग्रेजी पढ़ाती थी, मैं छठी से दसवीं तक मैथ और साइंस पढ़ाता था.
वहीं तनु नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाती थी।

मैं जब बच्चों को पढ़ा रहा होता था, तब अगर स्वीटू की क्लास आसपास होती थी, तो मैं उसे छुप-छुपकर देखता था।

तनु और मेरी क्लास अगल-बगल ही होती थी।
मेरी स्थिति को देखकर तनु हँसती रहती थी और मेरे बहुत मज़े लेती थी।

स्वीटू बहुत ही साधारण लड़की थी और उसका पहनावा भी साधारण ही होता था, लेकिन वह फिटिंग के सलवार सूट पहनती थी।
होठों पर लिपस्टिक और हाथों में रंग-बिरंगी नेल पेंट लगाती थी।
वह देखने में बहुत ही कामुक लगती थी।

मैं स्कूल में बहुत ही सख्त टीचर बनकर रहता था, जिस वजह से कुछ स्टूडेंट्स भी मेरी तरफ आकर्षित थीं।
जिनमें से दो छात्राएँ, अनु और जिज्ञासा, मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही आकर्षित थीं।

जब मैं सातवीं कक्षा को पढ़ा रहा होता था, तो उस वक्त दोनों छात्राएँ मुझे खिड़की से देखती रहती थीं।

तो दोस्तो, अनु और जिज्ञासा की कहानी मैं अपनी अगली कहानी में लिखूँगा।
अभी हम अपनी हॉट टीचर तनु पर कंसंट्रेट करते हैं।

स्वीटू को काबू में न आता देखकर मैंने तनु पर ही लाइन मारनी शुरू कर दी।

तनु बहुत ही तेज़ लड़की थी।
मेरी सख्ती और ड्रेसिंग सेंस की वजह से वह मुझ पर पहले से ही आकर्षित थी और मुझे बस थोड़ी सी मेहनत करने की ज़रूरत थी।

जब मैं तनु की बगल की क्लास में पढ़ा रहा होता था, तो बीच-बीच में तनु की क्लास में जाकर उससे हँसी-मज़ाक कर लेता था।

कभी-कभी मैं चॉक, डस्टर या डंडा लेने के बहाने उसके नरम-नरम हाथों को छू लेता था और वह भी हल्के से मुस्कुरा देती थी।

एक दिन मैंने तनु से उसका नंबर ले लिया।

जब शाम को हमारी बात हुई, तो तनु ने कहा, “क्या बात, सैम जी! स्वीटू के दीवाने को हमारे नंबर की कहाँ ज़रूरत पड़ गई?”
मैंने भी तनु को कह दिया, “हम तो दीवाने आपके हैं, पर डर के मारे कभी आपको कह नहीं पाए! स्वीटू एक साधारण लड़की है और मैं उसे पर किसी तरह की बुरी नज़र नहीं रखता।”

ऐसे ही धीरे-धीरे हमारी रोज़ बात होने लगी।
तनु ने अपने पुराने बॉयफ्रेंड के बारे में और मैंने उसे अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड के बारे में बताया।

एक दिन तनु ने कहा, “कल मुझे कॉलेज जाना है।”
मैंने उसे कहा, “ठीक है! मैं भी कल छुट्टी पर हूँ, तो कल मैं तुम्हें बस स्टैंड से पिक कर लूँगा और तुम्हें कॉलेज छोड़ दूँगा।”

तनु ने कहा, “मैं तुम्हारे साथ जाऊँगी, तो गाँव वाला कोई मुझे तुम्हारे साथ देखकर बातें बनाएगा!”

मैंने उसे समझाया और थोड़ी ना-नुकुर के बाद वह मान गई।

मैं सुबह अपने दुकान वाले दोस्त की बाइक लेकर चला गया और तनु को उसके कॉलेज में छोड़कर आ गया।

शाम को तनु का मुझे कॉल आया, तो मैं उसे लेने उसके कॉलेज चला गया।
वहाँ से वापस आते समय मैंने तनु को किसी कैफे में चलकर कुछ खाने का ऑफर किया।

तनु ने पहले तो मना कर दिया.
पर जैसे कि मैं जानता था, पंजाबन लड़कियों को फास्ट फूड खाने का शौक होता है।
मेरे ज़ोर देने पर वह मान गई।

हम एक कैफे में चले गए जिसमें बैठने के लिए प्लाई से बने हुए केबिन थे।

मैंने वहाँ पर खाने का ऑर्डर दिया और हम दोनों बात करने लगे।

बात करते-करते मैंने तनु का हाथ अपने हाथों में ले लिया।
तनु ने भी रिएक्ट नहीं किया, तो मेरा हौसला और बढ़ गया।

ऐसे ही बात करते-करते मैंने तनु के हाथों पर छोटी सी किस कर दी।
तनु ने शर्मा कर अपना मुँह नीचे कर लिया।

तनु के गालों पर शर्म से आई लाली देखकर मेरा मन उसे किस करने का होने लगा।
वह भी मेरे साथ कंफर्टेबल महसूस कर रही थी।

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसे बाहों में भर लिया।

कुछ सेकंड्स गले लगे रहने के बाद मैंने तनु के माथे और आँखों पर किस किया और फिर उसके होठों को अपने होठों में भरकर चूमने लगा।

तभी वेटर के आने की दस्तक महसूस हुई और हम दूर-दूर होकर अच्छे से बैठ गए।

फिर हमने खाना ख़त्म किया और मैं तनु को उसके गाँव की बस में बैठाकर दोस्त को दुकान पर बाइक देने वापस चला गया।

उस दिन पहली बार मेरी तनु से रात के 3:00 बजे तक बात हुई।
रात 3:00 बजे तक हम दिन में हुए हमारे रोमांटिक पलों को सोचकर एक्साइटेड होते रहे।

दो-तीन दिन लगातार ऐसे ही बात करने के बाद मैंने तनु को अकेले में मिलने को कहा.
पर सेफ जगह न होने के कारण तनु डर की वजह से मना करती रही।

फिर मैंने तनु को अपने दोस्त की दुकान में मिलने की बात कही।
मैंने तनु को बताया, “हम दुकान में पीछे बने केबिन में आराम से मिल सकते हैं और किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होगी, ना ही किसी का डर होगा!”

थोड़ी सी झिझक के बाद तनु संडे के दिन आने के लिए मान गई।
मैंने तनु को दुकान की लोकेशन बता दी थी।

मैंने अपने दोस्त से दुकान की चाबी ले ली थी क्योंकि संडे के दिन वह दुकान पर नहीं आता था।

जब तनु मुझसे मिलने आई तो मैं उसे देखता रह गया।

उसने पीले रंग का पटियाला सूट और सलवार पहनी हुई थी और नीचे जूतियाँ।

इन कपड़ों में तनु बहुत ही गज़ब का माल लग रही थी।

मैंने तनु को अंदर केबिन में भेज दिया।

दो-तीन मिनट इधर-उधर देखकर पास की दुकान से कोल्ड ड्रिंक और चिप्स ले आया और फिर मैंने दुकान का शीशे का दरवाज़ा बंद कर दिया और अंदर केबिन में चला गया।

तनु का कुछ खाने का मन नहीं था तो उसने कोल्ड ड्रिंक और चिप्स खाने-पीने से मना कर दिया।

मैंने खाने-पीने की चीज़ों को साइड में रखकर तनु के गले लग गया।

तनु से परफ्यूम की बहुत ही कामुक ख़ुशबू आ रही थी।

उसके गले लगे-लगे उसकी ख़ुशबू को लेते हुए मैं उसके गले पर किस करने लगा और हल्के-हल्के से उसके गले पर अपनी जीभ फिराने लगा।

तनु के शरीर की बात करें, तो तनु की हाइट 5 फुट 1 इंच, रंग बिल्कुल गोरा, होंठ बिल्कुल पतले-पतले थे, जो कि लाल रंग की लिपस्टिक लगाने के बाद और भी कातिल लग रहे थे।
उसका फिगर 32-28-32 था।

तनु के गले पर जीभ फिराते-फिराते मैं थोड़ा ऊपर बढ़कर उसके गालों पर किस करने लगा।

फिर मैंने तनु के होठों को अपने होठों में दबा लिया और बहुत ही ख़तरनाक तरीके से उन्हें अपने मुँह के अंदर भरकर चूसने लगा।

थोड़ी देर के बाद तनु भी मेरा साथ देने लगी।
वह मेरी कमर में हाथ फिराते हुए मेरे होठों को चूसने लगी।
कभी मेरा ऊपर वाला होंठ उसके मुँह में होता, तो कभी उसका ऊपर वाला होंठ मेरे मुँह में होता।

काफी देर तक ऐसे ही किस करने के बाद मैंने तनु को नीचे कालीन पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेटकर उसे कभी आँखों पर, कभी गालों पर, कभी गर्दन पर, तो कभी उसके होठों पर चूमने लगा।

फिर मैं तनु की साइड में लेट गया और उसे किस करता रहा।

किस करते-करते मैंने उसके कमीज को ऊपर किया और उसके पेट पर हल्के-हल्के से उंगली फिराने लगा।
तनु एक्साइटमेंट और गुदगुदी के मारे मुझे ज़ोर से चिपककर और तेज़ी से किस करने लगी।

फिर मैंने तनु को बैठाकर उसके शर्ट और फिर ब्रा को भी निकाल दिया।
तनु शर्म के मारे सिमटने लगी और अपने दोनों हाथों से अपनी छाती को ढक लिया।

मैंने तनु को लिटाया और उसके हाथ हटाकर उसकी चूचियों को बारी-बारी से चूसने लगा।
उसकी चूचियाँ इतनी सख्त और गोल थीं, जैसे किसी ने दो कटोरियों को छाती पर रख दिया हो।

मैं बारी-बारी से उसकी दोनों चूचियों को काफी देर तक चूसता रहा और उसकी चूचियों को चूसते-चूसते मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर धीरे से उसकी सलवार को भी उसके पैरों से निकाल दिया।

अब मैंने तनु की पैंटी को निकालकर जब उसकी चूत की तरफ देखा, तो मैं उसकी चूत को देखता रह गया।
उसकी चूत पर एक बाल का नाम और निशान भी नहीं था।

मैंने पूछा, तो उसने बताया, “मैंने अभी आने से पहले ही अपने बालों को साफ किया था!”
अब मुझे काबू नहीं हुआ और मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ लगा दिए और उसकी चूत के होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा।
तनु की चूत में से हल्का-हल्का रस निकल रहा था।

मैंने तनु को उठाकर अपने मुँह पर बैठने को कहा जिससे मैं उसकी चूत को आसानी से चूस पा रहा था और उसका मुँह भी मेरे लोड़े की तरफ था।

तनु ने मेरे बोले बिना ही मेरे लोड़े को अपने नरम हाथों में पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी।
फिर उसने मेरे लोड़े के टॉप को अपनी जीभ से छेड़ना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरे लोड़े को अपने मुँह में लेकर बहुत ही प्यार से चूसने लगी।

मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था।
मुझे लगा, “अगर ये ऐसे ही दो मिनट रही, तो काम ख़लास हो जाएगा!”

मैंने तनु को ऊपर से हटने को कहा।

उसका मन तो नहीं कर रहा था, पर मेरे कहने पर वह ऊपर से उतरकर मेरे बगल में लेट गई और मुझे किस करने लगी।

ऐसे ही थोड़ी देर लेटे रहने की वजह से मुझे भी थोड़ा टाइम मिल गया।

फिर मैं तनु के ऊपर लेटकर उसकी टाँगों को फैलाया और अपने लोड़े से उसकी चूत सहलाने लगा।

फिर मैंने धीरे से अपने लोड़े के टॉप को उसकी चूत के छेद पर लगाया और धीरे-धीरे से उसकी चूत पर ज़ोर देने लगा।

थोड़ी सी मशक्कत के बाद मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत में समा चुका था।
फिर मैंने धीरे-धीरे से धक्के लगाना शुरू कर दिए।

थोड़ी देर में तनु ने कहा, “मेरे पैरों में दर्द हो रहा है!”
मैंने कहा, “ठीक है! मैं नीचे लेटता हूँ!”
और मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया।

तनु मेरे ऊपर बैठकर मेरे लोड़े पर उछलने लगी।
तनु की चूचियाँ मेरे मुँह के पास लटक रही थीं।

मैं तनु की चूचियों को चूसने लगा और उसकी गाँड को पकड़कर नीचे से ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।

दो-तीन मिनट बाद मैंने तनु को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उसकी दोनों टाँगों को पकड़कर उसे गोद में उठा लिया और अपना लौड़ा उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया।

तनु को गोद में उठाए हुए मैं उसके होठों को चूसता जा रहा था और नीचे से अपनी बुलेट ट्रेन जैसी स्पीड से झटके मारे जा रहा था।

थोड़ी देर में तनु की चूत में पानी छोड़ दिया और वह काँपकर मुझसे चिपक गई।

मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका था।
मैंने जल्दी से तनु को नीचे उतारा और उसके मुँह में अपना लौड़ा डालकर उसके मुँह को पकड़कर तेज़ी से झटके मारने लगा।

उसके मुँह की गर्मी में बर्दाश्त नहीं कर पाया और कुछ ही सेकंड में मैंने अपने माल की पिचकारी उसके गले में उतार दी।

तनु को साँस लेने में थोड़ी सी दिक्कत हो रही थी और वह मुझे मुक्का मार रही थी पर मैंने भी अपनी आखिरी बूँद न निकलने तक उसके मुँह से अपने लोड़े को बाहर नहीं निकाला।

कुछ सेकंड में मेरा लौड़ा अपने आप ही सिकुड़कर उसके मुँह से बाहर आ गया और तनु मुझे शिकायत भरी नज़रों से देख रही थी।
मुझे उसका चेहरा देखकर प्यार और हँसी दोनों आ रहे थे।

फिर हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर आराम से लेट गए।

थोड़ी देर में तनु ने मेरे लोड़े को फिर से चूसना शुरू कर दिया और हमने फिर से एक राउंड और खेला।

दुकान से निकलकर तनु अपने घर चली गई और मैं अपने घर चला गया।

तनु और मेरा रिश्ता 5 महीने चला, जिसमें मैंने तनु को कम से कम 15-20 बार चोदा।

किसी कारणवश हम दोनों ने एक-दूसरे से ब्रेकअप कर लिया और अपनी-अपनी लाइफ में मस्त हो गए।

यह थी मेरी एक पंजाबन मस्त मैडम की चुदाई की कहानी।
उम्मीद करता हूँ, आपको हॉट पंजाबी Xxx कहानी अच्छी लगी होगी।

मिलता हूँ जल्दी अपनी अगली कहानी अपनी स्टूडेंट्स अनु और जिज्ञासा के साथ।
तब तक के लिए बाय-बाय!
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