गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियां- 4
(Indian Girls Sex Story)
इंडियन गर्ल्स सेक्स स्टोरी में वार्डन ने अपनी चुदाइयों वाली बातें लड़कियों को बताई तो लड़कियां अपनी चूत चुदवाने के लिए और गर्म हो गयी. एक लड़की ने तो अपने टीचर को ही पटा लिया.
कहानी के गत अंक
हॉस्टल की वार्डन अपने जेठ से चुदी
में आपने पढ़ा कि फातिमा अपने लंडखोर होने की दास्तां पांचों सहेलियों को सुनाती है.
जिसे सुनते हुए वे पांचों और फातिमा भी लेस्बियन सेक्स के जरिए चरम सुख प्राप्त करने में जुट जाती हैं।
फातिमा अपने बेटे के जल्दी ढेर हो जाने के बारे में कहती है।
अब आगे इंडियन गर्ल्स सेक्स स्टोरी:
उस दिन मुझे अपनी चूत की अगन को बुझाने के लिए फिर से अपने जेठ को जगाना पड़ा।
जेठ जी यह समझ गए कि मैं चुद के आई हूं.
इसलिए उन्होंने मुझे छेड़ा- क्या आज भी असलम जल्दी ढेर हो गया?
मैंने कहा- हां जेठ जी, इसीलिए तो मैं आप जैसे चुदाई एक्सपर्ट के पास, अपनी चुदास बुझाने के लिए आई हूं।
अपने बारे में चुदाई एक्सपर्ट का खिताब पाकर जेठ जी बहुत खुश हो गए।
उसके बाद जेठ जी ने फिर मुझे घुटनों के बल बिठाकर मेरा मुंह अपनी जांघों की जोड़ पर लगा दिया।
मर्द के पास अपने लंड को खड़ा करने के लिए इससे कोई आसान तरीका भी तो नहीं है।
अभी तो जेठ जी से अधिक जरूरत मेरी थी, मैं पूरे मन से उनके लंड का चूषण करने लगी।
दो-तीन मिनट में ही वह तन्ना गया.
उसके बाद उन्होंने मुझे उठकर पलंग के किनारे बिठाया और मुझे नंगी कर के मेरी दोनों टांगें उठाई और अपना कड़क लंड मेरी बुर में एक ही झटके में घुसेड़ दिया।
इस पोज में कुछ करारे धक्के लगाने के बाद उन्होंने मेरी चूत को विभिन्न पोज में रगड़ा।
जेठ जी ने मेरी चूत की आग को आखिरकार आधा घंटे की घमासान चुदाई के बाद अपने वीर्य रस से ठंडा किया।
अब मेरी हालत यह है कि घर में हर कोई अपने खड़े लंड की गाड़ी को मेरी चूत में पार्क कर देता है।
मैं अपने घर के सारे मर्दों के लंड लेकर एक घरेलू रंडी बन चुकी हूं।
यही कारण है कि अब मेरी चूत एकदम लंडखोर हो चुकी है।
फातिमा की रसीली कहानी से मिली उत्तेजना के कारण पहले तो सलमा के बदन में सनसनी उठी.
उस पर रोज़ी की जुबान पहले से ही अपना कमाल दिखा रही थी।
उसका बदन अकड़ा और उसकी चूत से नमकीन पानी का स्राव होने लगा।
रोजी के लिए तो यह पहला मौका था जब उसने किसी चूत रस का स्वाद लिया था।
नादिरा और हरप्रीत भी गुत्थमगुत्था होकर एक दूसरे की चूत को चरम सुख देने की कोशिश में जुटी हुई थीं।
सबका ध्यान अब उन दोनों पर ही था.
दोनों मस्त होकर एक दूसरे की चूत चूस रही थीं।
कुछ ही पलों में उनकी सांसें तेज़ होने लगीं और उनके नंगे बदन अकड़ गए।
उनके कूल्हों की मांसपेशियां खींची हुई दिख रही थीं.
उसके बाद जैसे ही वे दोनों झड़ीं, दोनों के चूतड़ एकदम रिलैक्स हो गए।
नादिरा सहित सारी लड़कियां फातिमा की चूत की पार्किंग वाली बात पर हंसने लग गईं।
सबको फातिमा की कहानी सुनकर बहुत मजा आ रहा था, उनके तनबदन में जैसे चीटियां सी रेंगने लगी थीं, सबकी चूतें पानी छोड़ रही थीं।
सब ख्यालों में अपने मनपसंद लौंडों के लौड़ों की कल्पना करने लगी थीं।
पूरा कमरा 6 जवान और वासना भरे जिस्मों के कारण इंडियन गर्ल्स सेक्स के नशे से भर गया था।
आखिरकार रोज़ी, नादिरा और हरप्रीत तीनों के भी मांसल बदन अकड़े और शिथिल पड़ गए।
फातिमा की कामोत्तेजक कहानी के साथ लेस्बियन सेक्स का यह अनुभव, सबके लिए न केवल पहला था बल्कि अद्भुत भी था।
इन सब में भी सबसे अधिक आनन्द उठाया सोनिया ने जिसने पहली बार इस नये सनसनी भरे संसार से परिचय किया था।
सोनिया, रोजी और हरप्रीत ने जल्दी ही यह समझ लिया कि वे और उन की कामुकता सलमा और नादिरा के मुकाबले कुछ नहीं है।
सलमा को तो फातिमा की कहानी अपनी कहानी जैसी लग रही थी।
अंतर सिर्फ इतना था कि फातिमा को तो उसके ससुराल के परिवार वालों ने चोदा था जबकि सलमा को चोदने वाले उसके अपने परिवार के मर्द थे।
इतना ही नहीं उस की कामवासना बहुत कम उम्र में ही अपना असर दिखाने लग गई थी।
इसका कारण यह था कि जब वह छोटी थी और अपने अब्बू के कमरे में सोती थी.
तब चुदाई के समय अब्बू की गंदी-गंदी गालियों तथा अम्मी की कभी कामुक सिसकारियों और कभी बेदर्दी से चोदने और जबरन गांड मारने के कारण अम्मी के मुंह से निकलने वाली दर्द भरी चित्कारों ने उसके काम केंद्रों को बचपन में ही सक्रिय कर दिया था।
ऐसी आवाज़ें सुनकर उसकी सांसें गर्म होने लगतीं और उसके हाथ कच्ची नींद में अपने आप उसके स्तनों तक पहुंच कर उन्हें सहलाने लगते, निप्पलों को छेड़ने लगते।
उसके बाद जब सलमा को अपनी चूत में गुदगुदी महसूस होती तो फिर कभी उसे दबाकर, कभी गीली हो चुकी चूत में थोड़ी सी उंगली करके वह मजा लेने लगी।
जल्दी ही उसके स्तन बेर से आम हो गए और परिवार के लंपट भाइयों की नजरें उसके मम्मों पर अटकने लगीं।
शुरुआत में उस के बोबों को उसके जीजा और उसके भाइयों ने बहुत बार छुआ, जाने अनजाने दबाया, मौका मिलने पर मसला और चूसा भी।
उस के बाद फिर परिवार के हर मर्द ने जब मौका मिला तब उसे चोदा।
सलमा जो हमेशा बुर्का पहना करती थी, जिसका अंग अंग हमेशा ढका रहता था। जिस के नंगे बदन पर सूरज की किरणें भले ही ना पड़ी हो लेकिन छत पर नंगी पड़ी सलमा के बदन को चंद्रमा की किरणों ने तो छुआ ही था।
उसके परिवार के हर मर्द ने, जब उन को मौका मिला, उसको पूरी तरह नंगी करके छत पर चोदा था।
सलमा कई बार सोचती थी कि बुर’का’ केवल चेहरा छुपा सकता है, बुर की आग नहीं बुझा सकता।
इस बुर्के और हिजाब के पीछे कितनी ही लड़कियों की कामवासना बिना उन को आनन्द पहुंचाए दम तोड़ देती होगी और कई बार न चाहते हुए भी ऐसी पर्दानशीं लड़की को घर के ऐसे ऐसे गंदे मर्दों की हवस का शिकार होना पड़ता होगा, जिनकी सूरत देखने भर से जी मिचलाने लग जाए।
निकाह होने के बाद पता नहीं उसे कैसा शौहर मिलेगा?
उसके लोड़े में दम होगा या नहीं?
वह काबू में रखेगा या आजाद छोड़ेगा?
कहीं उस के ससुराल वाले भी उस की मर्जी के बिना, उस को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले न निकल जाएं।
जब वह घर से बाहर हॉस्टल के लिए निकली तो उसने सोच रखा था कि वह जी भर के अपनी वासना का आनन्द उठाएगी।
परिवार के मर्दों ने तो उस की इच्छा के विपरीत चाहे जब उस की इच्छाओं को रौंदा था लेकिन अब वह अपनी पसंद के लड़कों और मर्दों के लौड़ों से अपनी चूत को चरमसुख दिलवाएगी।
कॉलेज शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे।
सलमा की जिंदगी का एक और सनसनी भरा वाकया कुछ इस तरह घटा।
आज सारी कामुक गैंग आगे की लाइन में बैठी थी।
यहां आकर सलमा एक नए मर्द की तलाश में तो थी ही।
काम अग्नि में जल रही सलमा की नजर पड़ी अपने पहले शिकार चावला सर पर, जो एक हैंडसम पर्सनेलिटी के मर्द थे।
सलमा ने ठान लिया कि हॉस्टल लाइफ में उस की गर्म चूत को चावला सर का नया लंड दिलवाएगी।
सलमा चावला सर के ठीक सामने बैठी थी।
उसके पैर चावला सर के पैरों से कुछ ही दूरी पर थे।
उसने अपने एक पैर को आगे बढ़ाकर चावला सर के पैरों को टच किया।
चावला सर ने जब यह महसूस किया कि सलमा अनजाने में नहीं बल्कि जानबूझकर अपने पैर से उन के पैर टच कर रही है तो उन्होंने सलमा की आंखों में झांका।
सलमा की आंखों में वासना और अपने लिए निमंत्रण दिखाई दिया।
कौन सा ऐसा मर्द होगा जो किसी लड़की के पहल करने पर मन ही मन उसे चोदने का ख्वाब नहीं देखेगा?
सलमा के स्पर्श से चावला सर के बदन में जैसे करंट सा दौड़ गया।
उन ने सलमा की आंखों में झांका।
सलमा ने जब देखा कि सर उसकी आंखों की भाषा को पढ़ने की कोशिश कर रहे हैं तो उसको एक शरारत सूझी।
उसने चावला सर को आंख मार दी, चावला सर सकपका के रह गए।
इसके पहले कि वे संभलते, सलमा ने खड़े होकर कहा- सर एक बात पूछनी थी।
चावला सर बोले- हां हां पूछो!
सलमा ने मुस्कुराते हुए लड़कियों की ओर देखा और आंख मारी, सब लड़कियां समझ गई कि अब यह कोई ना कोई शरारत करने वाली है।
सबका ध्यान सलमा की ओर केंद्रित हो गया।
उसने कहा- सर, कुदरत ने शरीर में यह कौन सा सर्किट बनाया है और कैसे सेंसर लगा रखे हैं कि जब भी चूचियों को मसलते हैं या चूसते हैं तो योनि में गुदगुदी होती है?
पूरी क्लास में सीटियां बजने लगीं, लड़कियां बेशर्मी से हंस रही थीं.
उधर चावला सर और सलमा के बीच आंखों ही आंखों में कुछ तय हो गया।
चावला सर ने आवाज लगाई- साइलेंस प्लीज!
धीरे-धीरे क्लास में शांति हो गई।
चावला सर ने कहा- कोई फालतू की बात नहीं होगी, सब डिसिप्लिन में रहें. यह क्लास है, तुम लोगों का हॉस्टल नहीं। जिसको जो कुछ भी पूछना है वह केवल कोर्स से संबंधित होना चाहिए।
सलमा ने चावला सर की हसरतें जगा दी थीं.
वे खुद अब सलमा से मिलने की जुगाड़ में थे।
अगले ही दिन चावला सर और सलमा लाइब्रेरी में मिले, दोनों एक किताब लेकर पास पास बैठ गए।
चावला सर ने सलमा से कहा- अब बताओ, तुम कल क्या पूछ रही थीं?
सलमा ने अपना प्रश्न दोहराया.
चावला सर ने कहा- यह बड़ा जटिल प्रश्न है। तुमको इस प्रश्न की केवल थ्योरी समझाऊं या प्रेक्टिकल भी करके बताऊं?
सलमा ने कहा- आप तो मेरे दिल और दिमाग पर छाए हुए हो सर! जैसा आप ठीक समझें, वैसे समझाएं। मुझे तो दोनों तरह से समझना है।
चावला सर के जिस्म में यह सुनकर झुरझुरी सी दौड़ गई।
दोनों ने टेबल के नीचे हाथ मिलाकर एक दूसरे के हाथों को दबाया।
वासना दोनों के शरीर में हलचल मचाती हुई उनके दिमाग में चढ़ चुकी थी।
अब दोनों को इस वासना को शांत करने के लिए एकांत की जरूरत थी।
चावला सर ने सलमा को अपने पर्सनल केबिन में आने का इशारा किया और लाइब्रेरी से उठकर चल दिए।
कुछ देर बाद सलमा दबे पांव चावला सर के केबिन में पहुंची।
चावला सर कामुक ख्यालों में खोए हुए, अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे अपना लंड सहला रहे थे।
जब उन ने सलमा को आते देखा तो अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए।
सलमा ने कमरे में आकर दरवाजा अंदर से बंद किया और आगे बढ़ कर चावला सर की बाहों में समा गई।
चावला सर ने भी उसे बांहों में कसते हुए सलमा के लरज़ते लबों पर अपने लब रख दिए।
एक कमसिन अविवाहिता लड़की के रसीले होठों को चूसते हुए चावला सर उसके मम्मे मसलने लगे।
कॉलेज में उनके पास मस्ती मारने के लिए आज अधिक समय नहीं था, उन दोनों को जो कुछ भी करना था, जल्दी ही करना था।
चावला सर की दीवानगी बढ़ रही थी.
उन्होंने सलमा के बूब्स की ओर अपना मुंह बढ़ाया.
सलमा ने सोचा कि आज आज इतना समय नहीं है कि अच्छी तरह से मेरी चुदाई हो सके इसलिए आज अपने सुख का ध्यान नहीं रखकर, चावला सर को मस्त कर देती हूं।
यह सोच कर उसने चावला सर को जल्दी ही अपने मम्मों पर से हटा दिया और उन की पेंट के ऊपर से सर के लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
उनका लंड एक कम उम्र लड़की के होठों का नवीन स्पर्श पाकर अपना आकार बढ़ाने लगा।
उन ने अपनी पेंट के हुक खोल के पेंट और अंडरवियर नीचे कर दिया तथा सलमा पर घुटनों के बल होने के लिए दबाव डाला.
सलमा समझ गई कि वो अपना लंड चुसवाना चाहते हैं।
वह घुटनों के बल हो गई और चावला सर के आधे तने लंड को कुछ देर हाथों से फेंट कर, जितना अधिक मुंह में ले सकती थी, उतना ले लिया।
मर्द के लंड को किसी औरत के मुंह की नमी और गर्मी सबसे अधिक अच्छी लगती है।
चावला सर का लंड सलमा की मुखलार से तर हो चुका था।
उसके बाद सलमा उनके मोटे सुपारे पर गोल-गोल जुबान घुमाने लगी।
चावला सर के मुंह से बहुत नियंत्रण के बाद भी सिसकारियां निकलने लगीं थीं।
सलमा ने अब सर का लंड चूसते हुए हाथों से फेंटना भी शुरू कर दिया।
उनके लंड में निरंतर सनसनी बढ़ रही थी।
वे उत्तेजित हो कर कमर हिला हिला के सलमा का मुखचोदन करने लगे।
सलमा ने भी ठान रखा था कि आज इस मादरचोद चावला को तृप्त कर देना है, उसके बाद तो जब भी मेरी चूत में खुजली मचेगी, यह अपना खड़ा लंड लिए चोदने को तैयार रहेगा।
सलमा ने मुंह की चूत बना ली और चावला सर के आंड सहला सहला कर उनका लंड चूसती रही, नीचे से उस की तर जुबान उनके लंड की मालिश कर रही थी।
चावला सर मस्ती में झूम रहे थे.
आखिर एक नौजवान लड़की आगे हो कर उनके रूम में आई थी और अपनी मर्जी से उन का लंड चूस रही थी।
चावला अपनी किस्मत पर इतरा रहे थे।
अब चावला के विवाह को 10 वर्ष हो चुके थे यह ऐसा समय रहता है जब हर मर्द अपनी पत्नी के चेहरे और जिस्म से ऊब जाता है; उसको नई चूत की जबरदस्त तलब लगने लगती है।
चावला की भी ऐसी ही स्थिति थी.
वे यह सोच रहे थे कि अब कम से कम सलमा की एक नई चूत तो चोदने को मिल ही जाया करेगी.
और यदि संभव हुआ तो सलमा को थोड़ा बहुत लालच देकर, उसको मना कर, उसके जरिए हो सकता है, उसकी और भी सहेलियां चुदने को तैयार हो जाएं।
सलमा के आनन्ददायक लंड चूषण और भविष्य की काम कल्पनाओं के कारण चावला के लंड में सरसराहट होने लगी, उनकी कमर तेजी से हिल रही थी।
सलमा समझ गई कि अब चावला सर का वीर्य उसके मुंह में उछाले मारता हुआ आने वाला है।
वह वीर्यपान के लिए मानसिक रूप से तैयार थी।
चावला की सांसें तेज होने लगीं, मुंह से अजीब अजीब आवाज़ें निकल रही थीं फिर ‘सलमा … सलमा …’ कहते हुए उनके लंड ने पौरुष रस की पिचकारी, सलमा के मुंह में छोड़ दी।
चावला के वीर्य के कई कतरे, सलमा के मुंह में रुक रुक के निकलते रहे।
सलमा ने छोटे-छोटे घूंट भर के उनको निगल लिया लेकिन आखिरी में थोड़ा सा वीर्य अपने मुंह में बचा लिया।
जब लंड सिकुड़ के मुंह से बाहर निकल गया तब सलमा खड़ी हुई और चावला सर के होंठ से होंठ मिलाकर अपनी वीर्य में सनी जुबान से उनको उनके काम रस का स्वाद चखाने लगी।
चावला सर ने अजीब सा मुंह बनाया तो सलमा ने कहा- क्यों? तुम मर्दों को खुद के वीर्य का स्वाद तो अच्छा नहीं लगता पर तुम औरतों से यह उम्मीद करते हो कि वह न केवल तुम्हारा वीर्यपान करें बल्कि वीर्य निगलने के बाद मुस्कुराती हुई तुम्हारे वीर्य के स्वाद की प्रशंसा भी करें?
चावला सर ने कहा- बात तो तुम्हारी सही है सलमा, पर कुदरत ने वीर्य का खजाना मर्दों को ही दिया है, यदि तुम्हारी चूत से वीर्य निकलता तो हो सकता है मर्द भी उस को खुशी-खुशी निगलने का प्रयास करते।
अगले अंक में पढ़िए कि सलमा, चावला से चुदवाती है या नहीं?
यदि वह चुदवाती है तो किन शर्तों पर?
इंडियन गर्ल्स सेक्स स्टोरी में सनसनी बढ़ने वाली है, पढ़ते रहिये, हिलाते रहिए, आनन्द उठाते रहिए।
उत्साहवर्धन के लिए अपनी प्रतिक्रिया अवश्य भेजें।
मेरी आईडी है
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इंडियन गर्ल्स सेक्स स्टोरी का अगला भाग:
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