ट्यूशन टीचर को पटा कर चुदाई का मजा लिया
(Porn Girl New Sex Kahani)
पोर्न गर्ल न्यू सेक्स कहानी एक कॉलेज गर्ल की है जिसकी चूत में आग सी लगी रहती थी. उसने अपनी नंगी चूत अपने ट्यूशन टीचर को दिखाकर उसका लंड खड़ा किया और चुदी.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम श्रुति है और मैं एक कमसिन जवान लड़की हूँ।
मेरी उम्र अभी 18 साल है और मैं पतली शरीर वाली एक मस्त माल हूँ।
कुदरत ने मेरे बदन को बहुत खूबसूरती से तराशा है। मेरे बूब्स 32 के हैं और बिल्कुल भी लटके हुए नहीं हैं।
मेरी कमर भले ही 28 की हो, मगर मेरे पेट का कटाव मुझे एक बड़ा ही आकर्षक रूप देता है।
मेरी चूतड़ बाहर की ओर निकली हुई हैं और जब मैं उन्हें बेशर्मी से मटकाते हुए चलती हूँ तो उस जगह पर भी जान आ जाती है जहाँ हड्डी नहीं होती!
मेरी चाल में एक अजीब सी कशिश थी, जो हर लड़के का ध्यान खींच लेती थी।
मेरे हिलते हुए चूतड़ों को देखकर लड़कों के लंड तन जाते थे, और ये देखकर मेरी चूत में एक मीठी सी सनसनी दौड़ जाती थी।
यह पोर्न गर्ल न्यू सेक्स कहानी शुरू होती है राँची से।
आप सब तो जानते ही हैं कि राँची महेंद्र सिंह धोनी का शहर है और यहाँ क्रिकेट के दीवाने भरे पड़े हैं।
उन्हीं दीवानों में से एक था वो “अभी”।
जितना प्यारा उसका नाम, उतनी ही प्यारी उसकी आवाज थी।
बात तब की है जब मैं कक्षा 12 में पढ़ती थी।
अभी सर मेरे बायोलॉजी के ट्यूशन टीचर थे।
वो रोज़ शाम को 4 बजे मुझे पढ़ाने आते थे जब मेरे घर में कोई नहीं होता था।
मैं घर में कभी ब्रा नहीं पहनती थी जिस वजह से मेरी चुचियाँ मेरे टॉप से साफ दिखती थीं।
मैं अक्सर टॉप और स्कर्ट या पजामा पहनती थी।
मेरे कसे हुए पजामे से मेरी पैंटी की रेखाएँ साफ नज़र आती थीं।
मुझे ऐसा दिखना बहुत पसंद था क्योंकि मुझे देखकर लड़कों के लंड खड़े हो जाते थे और उनका उभर देखकर मेरी चूत पानी छोड़ने लगती थी।
उस वक्त मैं अपने पैरों को आपस में रगड़ती थी, और ये मुझे बहुत अच्छा लगता था।
पैरों को रगड़ने से ही मेरी चूत का रस निकल जाता था और मुझे अत्यंत सुख की प्राप्ति होती थी।
“दोस्तो, अगर आप किसी लड़की को ज़ोर से पैर हिलाता देखें तो समझ जाना, उसकी चूत में खुजली हो रही है!”
मेरी चूत में बहुत पहले ही बाल आ गए थे और उंगली करना मेरी सहेलियों ने मुझे सिखा दिया था।
पहले तो मैं अपने हर कपड़े को चूत की जगह पर फाड़ लेती थी ताकि आराम से उंगली कर सकूँ।
स्कूल जाते वक्त हम सहेलियाँ अपनी पैंटी उतार देती थीं और उसे बैग में रख लेती थीं ताकि क्लास में बैठे-बैठे भी उंगली कर सकें।
हमारे स्कर्ट के पॉकेट पहले से ही फटे होते थे ताकि हाथ आसानी से चूत तक पहुँच सके।
कभी-कभी तो हम एक-दूसरी की चूत भी रगड़ दिया करती थी।
सहेलियों के साथ ये सब करने में जो मज़ा आता था, वो अलग ही था।
एक बार तो मेरी सहेली ने मेरी चूत में उंगली डालकर इतनी तेज़ी से रगड़ा कि मैं क्लास में ही झड़ गई थी और मेरी स्कर्ट गीली हो गई थी।
अभी सर की उम्र कोई 24 के आसपास थी और वो बहुत ही मस्त दिखते थे।
जब भी वो मुझे पढ़ाते, मैं उनसे चिपक जाती या टाँगें फैलाकर अपनी पैंटी दिखा देती थी।
इस वजह से उनका लंड खड़ा हो जाता था और वो उसे मेरे सामने ऊपर से सहला भी देते थे।
“ये देखो, श्रुति, तुम कितनी नॉटी हो!” वो हँसते हुए कहते थे.
लेकिन उनकी आँखों में वो हवस साफ दिखती थी।
ये देखकर रोज़ मेरी पैंटी गीली हो जाती थी और उनके जाते ही मैं अपने छोटे फेविकॉल ट्यूब से अपनी चूत को शांत किया करती थी।
उस ट्यूब को अपनी चूत में अंदर-बाहर करते वक्त मैं कल्पना करती थी कि अभी सर का लंड मेरे अंदर है।
मुझे अब चुदने का भूत सवार हो गया था, वो भी अपने अभी सर से।
मैं उनके लंड को देखने के लिए तरस गई थी और उसे अपने मुँह और चूत में लेने के लिए भी।
आलम ये था कि मैंने सर को अपनी चूत दिखाने का फैसला कर लिया।
अगले दिन मैं बिना पैंटी के उनके सामने बैठ गई।
घर पर कोई नहीं था।
तभी मैंने अपना पेन टेबल से नीचे गिरा दिया।
जैसे ही सर पेन उठाने नीचे झुके, मैंने अपनी टाँगें फैला दीं और अपनी हल्की बालों वाली चूत सर को दिखा दी।
मेरी चूत पहले से ही गीली थी.
उसकी गुलाबी चमक देखकर सर की आँखें फट गईं।
“श्रुति, ये क्या कर रही हो!” सर ने हड़बड़ाते हुए कहा.
लेकिन उनकी आवाज़ में एक अजीब सी उत्तेजना थी।
सर का लंड फूल गया और उसे छुपाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था।
वो बार-बार नीचे झुककर मेरी चूत देख रहे थे।
मेरी चूत की गर्मी और गीलापन देखकर वो पागल से हो गए।
अचानक वो उठे और भागकर बाथरूम में घुस गए।
मैंने उनके बाथरूम में जाते ही दरवाजे के छेद से अंदर देखा।
वो अपना लगभग 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड निकालकर उसे ज़ोर-ज़ोर से हिला रहे थे।
“श्रुति… श्रुति…” वो मेरे नाम की सिसकारियाँ ले रहे थे।
उनका लंड देखकर मेरा हाथ अपनी चूत में चला गया।
मेरी एक उंगली अपने आप अंदर-बाहर होने लगी।
ऐसा लग रहा था मानो सर मुझे चोद रहे हों।
उनकी मोटी नसें उभरे हुए लंड को देखकर मेरी चूत और गीली हो गई।
मैंने अपनी उंगली को और तेज़ी से अंदर-बाहर किया और मेरी चूत की दीवारें मेरी उंगली को कसने लगीं।
कुछ ही पलों में सर के लंड ने सफेद पानी की धार छोड़ दी, और मेरी चूत से भी पानी टपक पड़ा।
मैंने जल्दी से अपनी स्कर्ट नीचे की और अपनी जगह पर बैठ गई।
सर भी बाहर आ गए, लेकिन उनकी आँखों में अब भी वो हवस थी।
“श्रुति, तुम बहुत नॉटी हो!” सर ने मुस्कुराते हुए कहा.
लेकिन उनकी साँसें तेज़ थीं।
मैंने अपने अभी सर से अपनी चूत का बाजा बजवाने की ठान ली थी।
मैंने ठान लिया था कि अब मैं अभी सर को और तड़पाऊँगी।
अगले दिन मैंने और भी खुलकर खेल खेलने का फैसला किया।
मैंने एक टाइट, पारदर्शी टॉप पहना, जिसमें मेरी चुचियाँ साफ नज़र आ रही थीं। मेरी निप्पल्स टॉप के ऊपर से उभरी हुई थीं.
मैंने जानबूझकर नीचे सिर्फ एक छोटी सी स्कर्ट पहनी बिना पैंटी के।
मेरी चूत पहले से ही गीली थी क्योंकि मैं रात भर सर के लंड के बारे में सोच रही थी।
जब सर आए, मैंने उन्हें देखकर एक शरारती मुस्कान दी।
“सर, आज कुछ स्पेशल पढ़ाई करें?” मैंने अपनी टाँगें फैलाते हुए कहा।
सर की नज़रें मेरी चूत पर टिक गईं जो स्कर्ट के नीचे से साफ दिख रही थी।
मेरी चूत के होंठ गीलेपन से चमक रहे थे।
मैंने जानबूझकर अपनी उंगली को होंठों पर फिराया और फिर उसे अपनी चूत की तरफ ले गई।
“श्रुति, तुम ये क्या कर रही हो!” सर ने कहा.
लेकिन उनकी आवाज़ में लाचारी थी।
मैंने धीरे से अपनी स्कर्ट ऊपर उठाई और अपनी चूत को पूरी तरह खोल दिया।
मेरी गुलाबी चूत उनके सामने थी और मैंने अपनी उंगली उसमें डालकर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
“सर, देखिए ना, ये कितनी गीली है… आपके लिए!” मैंने कहा और अपनी उंगली बाहर निकालकर उनके सामने हिलाई।
मेरी उंगली मेरे रस से चमक रही थी।
सर का लंड अब उनकी पैंट में साफ उभर रहा था।
वो अपनी जगह पर बेचैन हो रहे थे।
मैंने उठकर उनके पास जाकर उनकी पैंट के ऊपर से उनके लंड को सहलाया।
“श्रुति, ये गलत है…” सर ने कहा.
लेकिन वो मुझे रोक नहीं रहे थे।
मैंने उनकी ज़िप खोली और उनका 7 इंच का मोटा लंड बाहर निकाल लिया।
वो इतना गर्म और सख्त था कि मेरी चूत में आग सी लग गई।
मैंने उनके लंड को अपने मुँह में लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया।
उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं।
“श्रुति… आह्ह… तुम बहुत नॉटी हो!” सर ने मेरे बाल पकड़कर कहा।
मैंने उनके लंड को और गहराई तक लिया और मेरी जीभ उनकी नसों पर फिरने लगी।
उनका लंड मेरे मुँह में और सख्त हो गया।
मैंने अपनी चूत को भी रगड़ना शुरू कर दिया और मेरी उंगलियाँ मेरे रस से गीली हो गईं।
अचानक सर ने मुझे उठाया और टेबल पर लिटा दिया।
“अब बारी मेरी है, श्रुति!” सर ने कहा और मेरी टाँगें फैलाकर मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
उनकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिर रही थी और मैं सिसकारियों के साथ तड़प रही थी।
उनकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में जा रही थी और मैं झड़ने के कगार पर थी।
“सर… और तेज़… चाटो मेरी चूत को!” मैं चिल्लाई।
कुछ ही पलों में मैं ज़ोर से झड़ गई और मेरा रस सर के मुँह पर लग गया।
सर ने मेरे रस को चाटा और फिर अपना लंड मेरी चूत के मुहाने पर रखा।
“तैयार हो, श्रुति?” सर ने पूछा।
“हाँ, सर… चोदो मुझे!” मैंने चिल्लाकर कहा।
सर ने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
मेरी चूत इतनी गीली थी कि उनका मोटा लंड आसानी से अंदर चला गया।
वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे और मैं सिसकारियों के साथ उनकी हर धक्के का मज़ा ले रही थी।
“आह्ह… श्रुति… तुम्हारी चूत कितनी टाइट है!” सर ने कहा।
उनके धक्कों की रफ्तार बढ़ती गई और मैं एक बार फिर झड़ गई।
सर ने भी कुछ देर बाद मेरी चूत में ही अपना गर्म रस छोड़ दिया।
हम दोनों हाँफते हुए एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए।
“ये तो बस शुरुआत है, श्रुति!” सर ने कहा।
“हाँ, सर… अब तो रोज़ पढ़ाई होगी!” मैंने हँसते हुए जवाब दिया।
मेरी पोर्न गर्ल न्यू सेक्स कहानी कैसी लगी आपको?
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