मेरे टीचर पापा ने मेरी सहेली को चोद दिया
(Xxx Teacher Sex Kahani)
Xxx टीचर सेक्स कहानी में मेरे पापा टीचर हैं. मेरी एक सहेली उन से ट्यूशन पढ़ती थी. मेरे पापा ठरकी हैं, उन्होंने मेरी सहेली को गर्म करके उसकी बुर की सील तोड़ दी.
यह कहानी सुनें.
हैलो फ्रेंड्स, आप सब कैसे हैं?
मैं बबली एक नई कहानी लेकर आई हूँ!
मेरे पापा, जो बहुत ही चोदू किस्म के इंसान हैं, उनका बहुत सारी भाभियों और लड़कियों से चक्कर है.
वे टीचर हैं और अपनी तमाम छात्राओं को पेल चुके हैं.
ये बात मुझे सरिता ने बताई.
वह मेरे पापा की स्टूडेंट थी.
यह Xxx टीचर सेक्स कहानी उसी की जुबानी है.
मेरा नाम सरिता है. मैं 19 साल की हूँ.
मैं अभी बारहवीं क्लास में पढ़ाई कर रही हूँ.
मैं ट्यूशन के लिए पास के ही एक सर के पास जाती थी.
वे हमेशा मुझे कामुक नजरों से देखते थे.
मैं भी आस-पास के माहौल के चलते जल्दी जवान हो गई थी.
मेरे चूचे 32 के हैं, कमर 30 की और गांड 34 इंच की है.
एक दिन मैं गहरे गले की सलवार-समीज पहनकर गई.
सर ने मुझे कुछ टास्क दिया और वे मेरे सामने बैठ गए.
टास्क कंप्लीट करते समय मैंने तिरछी नजर से उन्हें देखा, तो वे मेरी गोरी चूचियों को खा जाने वाली नजरों से घूर रहे थे.
फिर जब वे उठकर खड़े हुए तो मुझे उनकी पैंट में तंबू बना हुआ साफ दिखाई दिया.
वे मेरे बगल में आकर बैठ गए और मेरी कॉपी की तरफ देखते हुए एक हाथ मेरी जांघ पर रखकर सहलाने लगे.
जब मैंने कोई विरोध नहीं किया तो वे उठे और बाहर जाकर दरवाजा बंद कर दिया.
अब वे फिर से मेरे पास आकर बैठ गए थे.
वे मेरी जांघों को सहलाते रहे.
चूंकि उनकी यह कोचिंग उनके घर के पास ही था, तो शायद उन्हें लग रहा था कि चुत गर्म होकर लंड मांगने लगेगी तो वे मुझे घर ले जाकर चोद लेंगे.
मैं भी अब गर्म होने लगी थी.
मेरी बुर से पानी आने लगा.
धीरे-धीरे वे अपने हाथ को ऊपर लाने लगे.
जब उन्होंने मेरी टांगों के जोड़ पर हाथ रोका तो मैंने बुर खोल दी.
उन्होंने झट से मेरी बुर पर हाथ रख दिया.
उन्हें मेरी चुत का गीलापन महसूस हुआ तो वे मुस्कुरा दिए.
उन्होंने मेरी चुत को कुरेदते हुए मुझसे पूछा- कैसा लग रहा है?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कॉपी साइड में रखी, मुझे खड़ा किया और खुद खड़े होकर मुझसे लिपट कर मेरे होंठ चूमने लगे.
थोड़ी देर बाद मैं भी उनका साथ देने लगी.
तो वे मेरे मुँह में जीभ डाल कर मुझे मजा देने लगे.
उसी वक्त उन्होंने अपने एक हाथ से मेरी चूची को दबाना और मसलना चालू कर दिया.
मैं गनगना उठी.
कुछ देर तक उन्होंने मुझे मजा दिया. फिर मुझे अपने से अलग कर दिया.
अब सर ने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा, तो सलवार नीचे सरक गई.
उसके बाद सर ने मेरी कुर्ती को ऊपर करके उतारना चालू किया तो मैंने खुद ब खुद अपने हाथ ऊपर उठा दिए और उन्होंने मेरी कुर्ती व समीज को एक साथ उतार दिया.
मैं ऊपर से पूरी नंगी हो गई थी और नीचे से चड्डी ने मेरी चुत को ढका हुआ था.
वे मेरी दोनों चूचियों को मसलने लगे.
फिर एक को पीने लगे और दूसरे दूध के निप्पल को अपनी दो उंगलियों से मसल कर मींजने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उन्होंने मेरी सलवार टांगों से निकाल कर अलग कर दी और पैंटी को नीचे सरका कर बुर सहलाने लगे.
वे मुझे बेंच पर लिटाकर मेरी बुर चाटने लगे.
उनकी मस्त जीभ से मेरी चुत में गर्मी बढ़ने लगी और मैं तो जैसे सातवें आसमान में उड़ने लगी.
जैसे ही उन्होंने एक उंगली मेरी बुर में डाली, मैं चीख पड़ी!
सर- पहले कभी किया है सरिता?
‘नहीं!
अब वह अपने सारे कपड़े उतार कर आ गए.
उन्हें नंगा देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
उनका 7 इंच लंबा, 3 इंच मोटा लंड एकदम टनटना रहा था.
वे अपना लंड हिलाते हुए मेरे करीब आए और बोले- मुँह में लो!
मैंने मना किया तो वे कुछ नहीं बोले.
फिर वे मेरी दोनों टांगें फैलाकर बीच में बैठ गए और मेरी बुर को जीभ से चाटने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मुझे लगा कि मेरे अन्दर से कुछ निकल रहा है.
मैं ‘आह आह! करके झड़ गई.
उन्होंने मेरी बुर का सारा नमकीन पानी पी लिया.
फिर अल्मारी से एक शीशी को निकाला और बोले- इससे लंड की मालिश करो!
वह जापानी तेल था.
मैंने तेल लिया और जैसे ही लंड पकड़ा, मुझे करंट सा लगा.
बहुत सख्त लंड था!
मैं उनके लंड को गौर से देखती हुई मालिश कर रही थी.
वे कभी मेरे दूध दबाते, कभी बुर में उंगली करते.
करीब दो तीन मिनट मालिश के बाद उन्होंने मुझे अपने नीचे ले लिया.
लंड को बुर पर सैट करके बोले- थोड़ा दर्द होगा, बाद में बहुत मजा आएगा!
उन्होंने धीरे-धीरे लंड अन्दर डालना शुरू किया लेकिन लंड किसी चीज से टकरा कर रुक रहा था.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
अचानक से उन्होंने एक जोर का धक्का मारा.
मैं चीखी, तो उन्होंने मेरे मुँह पर हाथ रखकर दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर करके मेरे ऊपर लेट गए.
मैं छटपटाने लगी, मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे.
जब मैं शांत हुई तो वे धीरे-धीरे मुझे चोदने लगे.
फिर उन्होंने हाथ हटाया.
तो मैं बोली- सर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज एक बार निकाल लीजिए!
लेकिन वे नहीं रुके, मुझे चोदते रहे.
मुझे भी मजा आने लगा.
Xxx टीचर सेक्स से मैं जोश में आ गई.
मैं बस बोल रही थी- आह सर, बहुत मजा आ रहा है … और कसकर चोदिए!
वे अब बहुत तेज धक्के मारने लगे इससे उनका लंड मेरी चुत की गहराई में आसानी से आने जाने लगा था.
उनका लंड मेरी चुत की जड़ में कहीं लग रहा था, उससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
मुझे बाद में मालूम हुआ कि उनका लंड मेरी ब/च्चेदानी में लग रहा था.
कुछ देर बाद मैं झड़ गई, लेकिन वे अभी नहीं झड़े थे तो मुझे चोदते रहे.
मैंने कहा- कुछ देर सांस ले लेने दो न!
फिर उन्होंने लंड निकाल कर मुझे घोड़ी बना दिया.
मैं समझी कि अब वे मुझे कुछ देर रेस्ट देंगे.
लेकिन जैसे ही मैं औंधी होकर लेटी तो उन्होंने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे ऊपर को उठने का संकेत दिया.
मैं उठ गई.
इस पर उन्होंने मेरे पीछे से अपना लंड छेद में लगाया और एक ही बार में पूरा लंड घुसेड़ कर मुझे घपाघप चोदने लगे.
मैं कंप गई थी मगर दो तीन धक्कों के बाद ही मजा लेने लगी.
आठ-दस गहरे धक्कों के बाद ही सर ने अपने लौड़े को बाहर निकाला और उसका सारा पानी मेरी गांड पर गिरा दिया.
अब सर मेरे बगल में लेट गए.
फिर मेरी पैंटी से उन्होंने मेरी बुर और लंड को साफ किया, जिसमें खू/न लगा था.
उसके बाद उन्होंने मुझे दर्द की दवा दी.
मैं कपड़े पहन कर घर आ गई.
दो दिन मैं ट्यूशन नहीं गई.
तीसरे दिन उन्होंने मुझे फिर रगड़ कर दो घंटे तक चोदा और गांड भी मारी.
मेरी गांड बहुत दुख रही थी लेकिन सर ने मेरे दोनों छेद बखूबी खोल दिए थे जिस वजह से मैं जवानी में ही लंड का स्वाद चख पाई थी.
उसके बाद तो सर ने न जाने मुझे कितनी बार चोदा और मेरे अन्दर लंड की प्यास जगा दी.
अब तो मैं खुद ही उनके लंड को पकड़ कर चूसने लगती हूँ और उनसे लौड़े की मांग करने लगती हूँ.
दोस्तो, सरिता ने यह सेक्स कहानी मेरे पापा से चुदने की ही सुनाई थी.
Xxx टीचर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट्स में जरूर बताएं!
मैं बहुत जल्द दूसरे पार्ट के साथ आऊंगी और अपने साथ हुई किसी अन्य सेक्स कहानी का मजा दूँगी.
बाय बाय … उम्ममाह.
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