दोस्त की दीदी की अपने घर में चोदा

(Didi Xxx Chudai Kahani)

राही माही 2025-08-05 Comments

दीदी Xxx चुदाई कहानी मेरे दोस्त सचिन की बड़ी बहन की है. मेरे दूसरे दोस्त समीर ने मुझे दीदी की चूत दिलवाई थी. हम दोनों मिल कर दीदी को चोदते थे. इस बार मैंने दीदी की गांड भी मार ली.

दोस्तो, मैं आपका दोस्त अभिषेक एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी के साथ हाजिर हूँ.
आप सभी का मेरी पिछली सेक्स कहानी
दोस्त की दीदी की थ्रीसम चुदाई
को ढेर सारा प्यार देने के लिए धन्यवाद.

जैसा कि आप सभी को कहानी के पिछले भाग में बताया था कि कैसे मैंने अपने दोस्त समीर के साथ मिल कर मेरे एक और दोस्त की बड़ी बहन जाह्नवी दीदी की चुदाई की.
दीदी की चुदाई में मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया था.

इस तरह से जो गिफ्ट मेरे बर्थडे पर समीर ने दिया था, वह मेरे लिए बहुत ही मस्त गिफ्ट था.
मेरा आप सभी से निवेदन है कि जिन लोगों ने मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग को नहीं पढ़ा है, वे प्लीज कहानी को पढ़ लें, ताकि आगे का मजा भरपूर आए.

आगे बढ़ने से पहले मैं एक बार पुनः अपने बारे में बता दूं कि मेरी उम्र 22 साल है. ये दीदी Xxx चुदाई कहानी 3 साल पहले की है. मेरी हाईट साढ़े पांच फुट है और दिखने में मैं औसत हूँ.

मेरे लंड की साइज 7 इंच है और जिन जाह्नवी दीदी ने मुझे दुनिया का सबसे बड़ा सुख दिया था या यूं कह सकता हूँ कि जिस समीर ने जाह्नवी दीदी से सुख दिलवाया था, उनकी उम्र तब 26 साल की थी.
उनका फिगर 32-28-34 है और वह एक सुंदर माल लौंडिया हैं. दिखने में एकदम संस्कारी हैं और चेहरे से इतनी आकर्षक हैं कि उनको देख कर कोई भी उन्हें सिर्फ 20-22 साल की ही समझे.

हालांकि अब दीदी की शादी हो चुकी है.

दोस्तो, आप तो जानते ही हैं कि गांव में तो लड़कियां ज्यादातर सलवार कुर्ता ही पहनती हैं. दीदी भी सलवार कुर्ता ही पहनती हैं.

जैसा कि जाह्नवी दीदी मेरे दोस्त समीर की दीदी थीं तो मैं उनके घर आता जाता रहता था.
जाह्नवी दीदी भी मेरी दीदी की फ्रेंड होने के कारण मेरे घर आती रहती हैं.

पिछली कहानी के अनुसार अब Xxx चुदाई के बाद हम दोनों आपस में और ज्यादा घुल-मिल गए थे.
जब भी मैं उनके घर जाता तो उनसे हंसी मजाक कर लेता.

जब वे अपने घर में किचन में खाना बना रही होतीं तो मैं उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी गांड पर हाथ फेरने लगता.
वे कुछ नहीं कहती थीं और जब उनके घर में कोई नहीं होता, तो मैं दीदी की मस्त जवानी का मजा चख लेता.

चूंकि दीदी की चुदाई तो रोज ही हो रही थी.
कभी समीर उनके मजे लेता तो कभी मैं उनकी चुदाई कर लेता.

कभी कभी हम दोनों को जाह्नवी दीदी एक साथ अपनी चुत का पूरा मजा दे देतीं.
वे मुझसे मुँह चुदवा लेती थीं और समीर से चुत रगड़वा लेती थीं.

फिर कुछ यूं हुआ कि समीर अपनी जॉब के सिलसिले में गांव से 6 महीने के लिए चला गया.

उस वक्त दीदी मुझे पूरा टाइम देने लगी थीं.
बिना समीर के लौड़े के दीदी बोर भी बहुत हो जाती थीं क्योंकि दिन में वह घर पर अकेली रहती थीं.

मैं सिर्फ उनके पास शाम को जाता था, वह भी तब जब सचिन खेलने चला जाता था.
इसलिए मैं हफ्ते में 3 या 4 दिन ही दीदी के साथ एंजॉय कर पाता था.

हालांकि अब मैं बहुत खुश रहने लगा था कि दीदी अब सिर्फ मेरी हैं.

एक दिन मैं उनके घर गया तो घर पर सचिन और जाह्नवी दीदी ही थीं.

सचिन अपने रूम में पढ़ाई कर रहा था और दीदी अपने पापा के रूम में टीवी देख रही थीं.

जैसा कि मैंने पहले ही बताया था कि उनकी मां अपने मायके ही रहती हैं, तो दीदी रूम में अकेली थीं.
मैं दीदी के पास बैठा तो दीदी बोलीं- मेरे पास आ जा!

मैंने दीदी को तुरंत किस कर दिया तो दीदी बोलीं- अभी ऊपर सचिन है रूम में … अभी ज्यादा नहीं.
परंतु मैं कहां रुकने वाला था.

मैं बोला- दीदी मेरे घर चलते हैं. मेरे घर पर कोई नहीं है.
दीदी ने हामी भर दी.

मैं ऊपर जाकर सचिन से बोला- भाई मेरे घर पर जाह्नवी दीदी को मेरी दीदी बुला रही हैं, तो तुम भी चलो … यहां अकेले क्या करोगे?
वह बोला- नहीं भाई, मुझे पढ़ना है. तुम चले जाओ.

मैं और जाह्नवी दीदी घर आ गए.
अभी दोपहर में 12 बजे थे तो मेरे पास जाह्नवी दीदी के साथ एंजॉय करने का बहुत टाइम था.

क्योंकि दीदी की चुदाई दिन में ही कर पाता था. रात को कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि रात को उनके घर जाना मुश्किल था … और दीदी भी सचिन के साथ ही सोती थीं.
फिर मैं जाह्नवी दीदी को लेकर अपने घर आ गया.

मैं उन्हें अपने कमरे में जाने की कह कर अपने घर का गेट लॉक करने लगा.
दीदी मेरे कमरे में नहीं गई थीं. वे मेरे साथ ही जाने की बोली थीं.

मैं दरवाजा बंद करके दीदी के पास आया और उनके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.
दीदी बोलीं- पहले रूम में तो चल पागल … मैं कहीं भागी जा रही हूं क्या?

दीदी ने उस टाइम येलो सूट और ब्लैक सलवार पहनी थी, जिसमें वे कतई जहर लग रही थीं.
मैं बोला- दीदी, आज तो हमारे पास बहुत टाइम है.

वे बोलीं- अब तो मुझे दीदी मत बोल कुत्ते!
मैं हंस कर बोला- जी जाह्नवी जी!

वे बोलीं- हां … आज हम दोनों अच्छे से मजा लेकर सेक्स करते हैं.

मैं जाह्नवी दीदी को लिप किस करने लगा.
तो वे भी मेरा भरपूर साथ दे रही थीं.
किस के साथ मैं कपड़ों के ऊपर से ही उनके बूब्स दबा रहा था.

पांच मिनट तक उनके लिप लॉक करके मैंने मजा लिया.
फिर मैंने जाह्नवी दीदी से कपड़े उतारने को बोला, तो वे कामुक आवाज में बोलीं- यार, तुम ही उतार दो न!

मैंने बड़ी नजाकत से उनका कुर्ता उतार कर एक बाजू रख दिया.

वे अन्दर ब्लैक ब्रा पहनी थीं जो उनके दूध जैसे गोरे मम्मों पर मस्त लग रही थी.

मैं ब्रा के ऊपर से उनके बूब्स को मसल रहा था, तो वे आ आ आह आह की आवाज निकाल कर मजा दे रही थीं.
वे बोलीं- यार ब्रा उतार ले ना फिर मजा ले!

मैंने उनकी ब्रा उतार कर उनके 32 के बूब्स को आजाद कर दिया.
उनके बूब्स बहुत मुलायम और तने हुए हैं.

एक दूध को में तेज तेज दबा रहा था और अपने मुँह से उनके दूसरे दूध को पी रहा था.

वे बोलीं- यार अभिषेक धीरे धीरे कर न … दर्द होता है.
मैं हौले हौले से दीदी के मम्मों का मजा लेने लगा.

वे सिसकारी लेने लगीं- आह पी जा कुत्ते!
मेरे घर में उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था तो हम दोनों को कोई परवाह नहीं थी.

क्योंकि गांव में सभी के घर बड़े और दूर ही होते हैं.
फिर मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी सलवार का नाड़ा खोला, तो वे खड़ी हो गईं और सलवार उनके पैरों में जा गिरी.

मैंने फिर से उनको बेड पर बिठाया और उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत चाटने लगा.
वे बोलीं- कुत्ते चड्डी तो उतार ले!

मैं बोला- चड्डी के ऊपर से भी मजा आ रहा है क्योंकि आपकी चूत पानी छोड़ चुकी है.

वे हंसने लगीं और मेरे बालों में हाथ फेरती हुई अपनी चुत पर मुझे दबाने लगीं.

आज मैं दीदी को पूरी तरह से तड़पा कर मजा लेना चाहता था.

वे बोलीं- अब क्या चाटता ही रहेगा साले … प्लीज अब तो चोद दे मेरी जान अभिषेक!
मैं बोला- अभी कहां मेरी जान.

दीदी गुस्सा होने लगीं लेकिन मैं उनको लगातार तड़फा रहा था.

आखिरकार मैंने उनकी चड्डी भी उतार दी.
आह … क्या मस्त पकौड़ी सी फूली हुई चूत मेरे सामने रो रही थी.

एकदम पिंक … उस पर छोटी छोटी सी झांटें … और झांटों में से किसी पतले झरने की तरह उनकी चुत का पानी धीरे धीरे बाहर आ रहा था.
मैं उनकी चुत को चाट कर पूरा पानी पी गया.

वैसे भी अपने से बड़ी उम्र की लड़की के साथ मजा बहुत आता है.
फिर दीदी तो मुझसे 7 साल बड़ी थीं

उनका पूरा पानी पीने के बाद मैं बोला- चल उठ जा रण्डी … अब मेरे लंड को मुँह में लेकर इसे शांत कर.

उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे सीने पर अपनी जीभ से चाट कर मुझे मजा देने लगीं.

मैं बोला- क्या बात है जाह्नवी डार्लिंग, आज तो फुल मजा दे रही हो!
वे बोलीं- आज पूरा मजा ले लेने दे न … क्या पता कभी इतना टाइम मिले न मिले!

यह कह कर दीदी ने मेरा लोअर और अंडरवियर भी निकाल दिया.
वे मेरे सात इंच के मोटे लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं.

मैं बोला- साली कुतिया मुँह में ले न!
वे बोलीं- बहनचोद … सब्र तो कर भोसड़ी के.

फिर हम दोनों 69 में आ गए.
मैं दीदी का मुँह चोद रहा था और वे मेरे मुँह अपनी चूत रखे हुई थीं.

मेरा पानी निकलने को हुआ तो मैंने उनके मुँह में ही पूरा निकाल दिया.
वे चाह कर भी लंड बाहर नहीं निकाल सकती थीं क्योंकि वे मेरे नीचे थीं.

जाह्नवी दीदी मेरा पूरा पानी पी गईं.
फिर मैं सीधा लेट गया, तो वे मेरे मुँह पर चूत रख कर बैठ गईं.

मैं सांस भी नहीं ले पा रहा था.
वे बोलीं- ले कुत्ते अब खा ना मेरी चूत!

दीदी बार बार उठ कर जोर से मुँह पर बैठ रही थीं, इससे मुझे तकलीफ भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था.
फिर जब दीदी का दूसरी बार पानी निकलने को हुआ तो वे एकदम से मेरे मुँह पर चुत दबा कर माल छोड़ने लगीं.

मैं फिर से उनकी चुत का पूरा पानी पी गया.
अब जाह्नवी दीदी उठ कर खड़ी हो गईं और बाथरूम में जाने लगीं.

मैंने पूछा- क्या हुआ?
वे बोलीं- टॉयलेट आई है.

मैं बोला- आज तो अपनी टॉयलेट भी पिला दे रानी!
वे हंस कर बोलीं- आ जा पी ले मेरे लवड़े!

मैं दीदी के साथ टॉयलेट में जाकर लेट गया और वे मेरे पेट के दोनों तरफ अपने पैर रख कर बैठ गईं.
वे अपनी पेशाब की तेज धार मेरे मुँह पर देने लगीं और उनकी पेशाब मेरे मुँह में आने लगी.

आह मजा आ गया था.
अब हम दोनों खुद को साफ करके वापिस रूम में आ गए.

दीदी बोलीं- अब तो चोद दे कुत्ते!

मैं उनके दोनों पैर उठा कर उनकी चूत पर लंड सैट करने लगा.
इसके बाद जोर से झटके के साथ मैंने एक बार में ही पूरा लंड अन्दर डाल दिया.

जाह्नवी दीदी गाली देने लगीं- आह कुत्ते मर गई मैं … बाहर निकाल मादरचोद … आह आई ऊउह ऊह बहन के लंड आराम से नहीं चोद सकता था क्या!

मैं उनके बूब्स पीने लगा.
जब दीदी को आराम हुआ तो उनकी धीरे धीरे चुदाई करने में मजा आने लगा.

वे भी तेज तेज सिसकारी ले रही थीं- आह आह उह उह … और तेज कुत्ते … फाड़ दे दे अपनी दीदी की चूत … आआह और तेज तेज चोद!
उसी वक्त मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और मैंने लंड बाहर निकाल दिया.

वे कसमसा कर बोलीं- अब क्या हुआ भड़वे!
मैं बोला- मुझे आपकी गांड मारनी है!

वे मना करने लगीं और बोलीं- नहीं बहुत दर्द होगा!
मैं बोला- दर्द होगा तो निकाल लूंगा.

बहुत देर ना नुकुर करने के बाद दीदी बोलीं- अच्छा ठीक है तेल लेकर आ.
फिर मैं सरसों का तेल ले आया और उनको कुतिया बना दिया.

उनकी मस्त चिकनी गांड का छेद मेरे सामने था … छोटा सा छेद था.
मैं तुरंत गांड चाटने लगा तो वे बोलीं- छी: गंदा है.

मैं- आप तो मजा लो बस!
फिर कुछ मिनट तक गांड को अच्छे से चाट कर साफ किया.
उसके बाद बहुत सारा तेल लेकर उनकी गांड में भर दिया.

पहले धीरे धीरे लंड अन्दर पेला और फिर उनको कस कर पकड़ कर एक झटके में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
उनकी आंखों में आंसू आ गए.
वे रोने लगीं और बहुत तेज तेज गाली देने लगीं.

कुछ देर बाद जब उन्हें आराम हुआ तो मैं धीरे धीरे झटके देने लगा.
अब Xxx दीदी भी मेरा साथ देने लगीं.

मस्त गांड चुदाई चलने लगी.
मैं उनके दोनों दूध दबा दबा कर उनकी गांड मार रहा था.

फिर जब मेरा निकलने को हुआ तो दीदी बोलीं- गांड में ही छोड़ दो पानी!

मैंने माल झड़ा दिया और अलग लेट कर हम दोनों बातें करने लगे.
घड़ी में टाइम देखा तो तीन बजे थे.

मैं बोला- जाह्नवी डार्लिंग, अभी तो काफी टाइम है!
दीदी बोलीं- ठीक है, 30 मिनट आराम कर लो, फिर वापस एक राउंड और करते हैं.

हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपटे हुए थे.
मैं उनके बूब्स पी रहा था और वे मेरे लौड़े से खेल रही थीं.

कुछ देर में ही उनकी तो थकान की वजह से नींद लग गई मगर मेरा लंड कड़क हो गया था.

मैंने उनको नींद में ही सीधा किया और उनकी चूत को चाटने लगा.

चुत में जीभ के गीले अहसास से वे जाग गई तो दीदी ने अपनी दोनों टांगों को फैला दिया और मस्ती से चुत चटवाने लगीं.

फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.
तो उनकी नींद पूरी तरह से खुल गई.

वे बोलीं- यार अभिषेक, तुम तो मुझे आज ऐसे चोद रहे हो, जैसे मैं तुम्हें आज पहली बार मिली हूँ … और आज के बाद मिलूँगी ही नहीं! थोड़ा सो तो लेने देते यार … बहुत थक गई हूँ.

मैं फिर भी उनकी चूत चोदता रहा.
वे आंखों को बंद करके लेटी रहीं.

करीब दस मिनट बाद जब मेरा निकलने को हुआ तो मैंने उनके बूब्स और चेहरे पर पिचकारी छोड़ दी.
दीदी कुछ भी नहीं बोलीं.

झड़ने के बाद मैंने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और बाहर आ गया.
वे अब भी वैसे ही लेटी थीं.

मैंने उनको बोला- दीदी, 4 बज गए हैं अब दीदी और मम्मी कभी भी आने वाली होंगी!
यह सुनकर दीदी ने उठ कर मेरी तरफ गुस्से से देखा.

मैं बोला- क्या हुआ?
वे बोलीं- साले मैं घर से नहा कर ही आई थी और तुमने फिर गंदा कर दिया … बूब्स और फेस पर गिराना जरूरी था क्या?

मैं हंस कर बोला- सॉरी!
वे बोलीं- कोई बात नहीं!

फिर दीदी नहा कर बाहर आईं तो मैं बोला- चलो अब आपको घर छोड़ने चलता हूँ.
वे बोलीं- सच्ची अभिषेक डार्लिंग … आज जितना मजा पहले कभी नहीं आया. आज तुमने रियली मुझे चूत गांड और मुँह … मेरे तीनों छेदों को मजा दिया. आई रियली लव यू.

मैं भी बोला- मुझे भी आज आपकी गांड मार कर मजा आ गया.
वे बोलीं- सही है बेटा … और तुमने मेरी गांड फाड़ दी. दर्द के कारण मेरी हालत खराब कर दी!

हम दोनों हँसते हुए उनके घर आ गए.

ऐसे ही दीदी की मस्त जवानी और गर्म चुत चुदाई की कहानी आप सबको कैसी लगी?
दीदी Xxx चुदाई कहानी पर कमेंट करके जरूर बताएं.
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दीदी Xxx चुदाई कहानी का अगला भाग:

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