कानून के रखवाले-4

जोर्डन 2009-02-04 Comments

प्रेषक : जोर्डन

सोनिया का घर:

सोनिया के माँ-बाप, भाई, बहन गोवा गए हुए थे किसी रिश्तेदार की शादी में तो वो अगले तीन दिन तक वापस नहीं आने वाले थे। सोनिया अभी-अभी नहा कर निकली थी, उसकी हालत पहले से बेहतर थी, पर वोह बहुत गुस्से में दिख रही थी उसको सबसे जयादा गुस्सा इस बात का था कि मुस्तफा ने भारत में आते ही उस पर हमला किया और उसको नंगी कर दिया। हालांकि सोनिया उस हालत में भी मुस्तफा के गुंडों से लड़ सकती थी पर वो नहीं लड़ी क्योंकि वो जानना चाहती थी कि इस बार मुस्तफा भारत क्यों आया है, जिसका उसको कुछ हद तक पता लग गया था कि वो अब्बास को जेल से भगाने की योजना बना रहा है।

उसने समीर को फ़ोन किया- समीर, कैसे हो?

समीर- मैडम, मैं ठीक हूँ ! आप बताइए?

सोनिया- तुम्हारे आस-पास कोई है क्या?

समीर- नहीं !!

सोनिया- अच्छा समीर, मुझे मोना का नंबर दो, जिसकी जेल में अब्बास को भेजा गया है।

मोना और सोनिया एक दूसरे को अच्छे से जानती हैं पर सोनिया के पास मोना का मोबाइल नंबर नहीं था, उनकी मुलाक़ात अक्सर कोर्ट में होती रहती है।

सोनिया समीर से मोना का मोबाइल नंबर लेने के बाद मोना को फ़ोन करती है…

मोना- हेलो, इंस्पेक्टर मोना स्पीकिंग।

सोनिया- हाय मोना, एस पी सोनिया बोल रही हूँ।

मोना- अरे मैडम ! कैसी हैं आप, आपने मुझे कैसे याद किया?

सोनिया- मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है !

मोना- हाँ बताइए, क्या मदद कर सकती हूँ मैं आपकी?

सोनिया- आजकल मैं सस्पेंड हूँ इसलिए तुम्हारी जेल में ओफिशीयल विज़िट नहीं कर सकती। तुम्हारे यहाँ कल एक कैदी आया होगा अब्बास?

मोना- हाँ हाँ ! कल ही आया है… बड़ा हरामी है। साले का कल मैंने बुरा हाल किया है।

सोनिया- अच्छा मेरी बात ध्यान से सुन, मुस्तफा जो अंडरवल्ड का बादशाह है वापस भारत आ गया है और उसका सबसे बड़ा मिशन है अब्बास को आज़ाद कराना ! तो मेरी बात मान और किसी तरह अपनी जेल की सुरक्षा बढ़ा दे।

मोना- आप फिकर मत करो, मेरे यहाँ की सिक्यूरिटी बहुत अच्छी है… उसको यहाँ से कोई नहीं भगा सकता !

सोनिया- ठीक है ! जरा संभाल के रहिओ, मैंने तुझे होशियार करने के लिए फ़ोन किया था… ये केस थोड़ा उलझा हुआ है।

मोना- आपको कैसे पता चला कि मुस्तफा भारत में आ गया है? और आप ठीक तो हैं ना?

सोनिया- कल उसके गुंडे मेरे घर आये थे, तब मुझे पता चला कि मुस्तफा आ गया है, तू कहे तो मैं तेरे पास रहने के लिए आ जाऊँ क्या तीन दिन के लिए? इससे मैं अब्बास पर नज़र भी रख सकती हूँ !

मोना- मैडम, आप चिन्ता मत कीजिए, यह केस मैं संभाल लूँगी ! अभी साले की टॉर्चर रूम में लेती हूँ, आप टेंशन फ्री हो जाओ ! उसको तो यहाँ से उसके फ़रिश्ते भी नहीं छुड़ा सकते.. अपना डंडा ऐसी-ऐसी जगह डालूंगी कि याद रखेगा ! आज वो यही जेल में ही अपना दम तोड़ देगा।

सोनिया- ठीक है ! तुझे जो अच्छा लगे वो कर ! पर जान से मत मारना… अभी तो मैंने भी उसका ढोल बजाना है।

मोना- ठीक है मैडम, अब मैं रखती हूँ।

सोनिया- ओके, और हाँ यह मेरा नंबर है, सेव कर लेना।

मोना- ओके !

इधर सोनिया को समझ नहीं आ रहा कि अगले ३ दिन वो क्या करे, क्योंकि तीन दिन बाद उसका सस्पेंशन ख़त्म होगा और उसको किसी भी तरह अब्बास को जेल में निकलने से रोकना होगा।

उधर जेल में:

शेरा- उस्ताद, कैसी हालत है आपकी?

अब्बास- शेरा, तू फिकर मत कर, इस साली रांड को मैं रुला रुला कर चोदूँगा ! इसने मुझे बजा डाला, अब देख मैं क्या करूँगा।

शेरा- उस्ताद, मेरी बात मानो, जेल में रह कर इससे मत उलझो, बाहर निकल कर जो करना हो करना ! यहाँ इसकी दादागिरी चलती है ! कितनों को तो नपुंसक बना दिया है इसने यहाँ पर…. मेरी बात मानो, अभी के लिए इसको भूल जाओ, कहीं ऐसा न हो कि यह यहीं आपको मार डाले, इसका कोई भरोसा नहीं है।

अब्बास- बस कर साले…. यहाँ मैं जला पड़ा हूँ और तू है कि उसकी तारीफ किये जा रहा है? लिख के देता हूँ तुझे कि साली का बुरा हाल करूँगा, कुतिया की तरह चोदूँगा हरामजादी को ! और तुझसे भी चुदवाऊँगा साली को !!

शेरा मुस्कुरा कर- सच उस्ताद?

अब्बास- अबे हाँ, अब मुझे यह बता कि वो लोग कौन थे जिसने इससे जबरदस्ती करने की कोशिश की थी?

शेरा- उस्ताद, चार लोग थे, दो तो चले गए रिहा होकर, एक को फांसी हो गई और एक अब्दुल है, वो इसी जेल में है।

अब्बास- चल मेरा इस अब्दुल से मिलने का तय कर… फिर बनाते हैं इसका इलाज़ करने का कुछ… और वैसे भी अब तक मुस्तफा ने कोई न कोई योजना बना ली होगी अपने को बाहर निकालने की !!

तभी एक हवलदार आता है।

हवलदार- अब्बास, तुमको मैडम ने बुलाया है।

अब्बास- क्यों क्या हुआ?

हवलदार- यह सब हमें नहीं पता.. चुपचाप चलो।

अब्बास शेरा से कहता है- अब देख ! मैं उसके साथ क्या करता हूँ !

और हवलदार के साथ चला जाता है। हवलदार अब्बास को लेकर एक काल-कोठरी में जाता है… अन्दर मोना अकेली है।

हवलदार- मैडम लेकर आ गया अब्बास को।

मोना- तुम जाओ, मुझे अब्बास से बात करनी है।

हवलदार वहाँ से चला जाता है। मोना एक कुर्सी पर अब्बास को बैठने को कहती है। अब्बास मन ही मन खुश हो रहा होता है कि आज वो मोना को बुरी तरह से चोदेगा और वहाँ मोना मन ही मन मुस्कुरा रही होती है कि आज अब्बास को टॉर्चर करके बेहाल कर देगी…

मोना- अभी-अभी मुझे सोनिया मैडम का फ़ोन आया था।

अब्बास- अच्छा, कैसी है वो? सुना है कि उसको उसके ही घर में नंगी कर दिया…. बड़ी कड़क बनती थी? एक मिनट भी नहीं लगा नंगी होने में।

मोना- तुझे अपने आदमियों पर बहुत गर्व है ना…. तुम्हारी जानकारी के लिए बता रही हूँ, सोनिया नंगी हुई पर उसने तुम्हारे आदमियों के मुँह से सुन लिया था कि तुमको यहाँ से भगाने की योजना बन रही है… इस सबके लिए उसने कमज़ोर दिखने का नाटक किया… नहीं तो तेरे आदमियों की क्या औकात जो उसके सामने टिक सकें।

अब्बास- बड़ा बोलती है तू… सोनिया का छोड़… तू अपनी बता.. तुझमें कितनी हिम्मत है जो मुझे यहाँ अकेले में बुलाकर अपनी मम्मों के दर्शन करा रही है?

अब्बास का जवाब इतना ज्यादा उत्तेजक था कि मोना का चेहरा लाल हो गया और उसने एक जोरदार घूँसा अब्बास के चेहरे पर मारा। घूँसा इतनी जोर से पड़ा कि अब्बास का एक दांत टूट गया, उसके होंठों से खून टपकने लगा।

मोना- क्यों साले? मैंने कहा था ना कि मेरी इज्ज़त के बारे में बोलेगा तो दांत तोड़ डालूँगी ! तेरी इतनी औकात नहीं कि तू मुझे छू सके।

अब्बास- अगर इतनी हिम्मत वाली है तू, तो चैलेंज कर मुझे ! फिर बताता हूँ…. रुला रुला के बजाऊंगा तेरी।

मोना- क्या कहा साले? हरामी तेरी माँ ने तुझे दूध पिलाया है तो आ आज तू मुकाबला कर…. तेरा मूत नहीं निकाल दिया तो मैं भी मोना नहीं।

अब्बास- और साली अगले नौ महीने में तेरे से बच्चा ना निकलवा दिया तो मैं भी अब्बास नहीं।

मुकाबला शुरू हो चुका था…

अब्बास ने जोरदार मुक्का मोना की तरफ घुमाया, मोना सावधान थी.. उसने ना सिर्फ अब्बास के हाथ को पकड़ा बल्कि उसको हाथ के बल घुमा भी दिया। अब्बास ने छूटने की कोशिश की लेकिन वो अपना हाथ नहीं छुड़ा पा रहा था, तभी उसने अपने दूसरे हाथ से इंस्पेक्टर मोना की चूत को जोर से दबा दिया। मोना के मुँह से हल्की चीख निकल गई।

अब्बास- क्यों साली? तू तो कुंवारी लगती है… आज तो मैं पूरी ऐश लूँगा… तेरा पति जो नहीं कर सका आज मैं करूँगा ! वो भी तेरी जेल…..

शब्द अधूरे ही रह गए क्योंकि तब तक मोना ने एक कराटे का वार अब्बास के मुँह पर किया, अब्बास दूर जा कर गिरा और वो उठता इससे पहले ही मोना ने अपने पैरों से पीटने की बरसात लगा दी…।

अब्बास संभल भी नहीं पा रहा था कि मोना उसको पीट-पीट के लाल कर रही थी…. अब्बास कुछ नहीं कर पा रहा था। तभी उसको एक और चालाकी सूझी…. उसने मोना का एक पैर पकड़ कर उसकी चूत पर एक घूँसा और मार दिया, इस बार मोना जोर से चीखी और पीछे की तरफ गिर गई।

अब्बास किसी तरह खुद को संभल कर खड़ा हुआ और गिरी हुई मोना के पास पहुँचा… उसने देखा कि मोना की पैंट का आगे का हिस्सा लाल है, वो समझ गया कि उसकी चूत से खून निकल रहा है… वो मुस्कुराया और मोना को बालों से पकड़ कर बिठाया। उसे झट से मोना की शर्ट खींच दी… और उसको सच में विश्वास नहीं हुआ कि अन्दर मोना ने कुछ नहीं पहना था। उसने मोना के दोनों कबूतरों को बारी बारी दबाया।

अब्बास- टॉर्चर तो तूने बड़े किये होगे, पर क्या आज तक किसी का मुँह में लिया है?

मोना बोलने की हालत में नहीं थी, उसकी दर्द से बहुत बुरी हालत थी। तभी अब्बास ने अपने पायजामे का नाड़ा खोला और चड्डी भी उतार दी…

एक विशाल काला नाग अपनी चरम सीमा में पहुँचा हुआ था और मोना के मुँह में जाने के लिए उतावला हो रहा था।

अब्बास फिर बोला- क्यों जान? आज तो गर्भवती हो जाओगी… पर उससे पहले तेरा मुँह बंद करना है, बहुत बोलती है तू साली !!

मोना का दर्द थोड़ा सा कम हुआ, उसने कहा- अब्बास, मैं तुझे नहीं छोडूंगी।

तभी मोना ने झट से उस के काले नाग को हाथ में कसकर पकड़ा और इतने जोर से दबाया कि अब्बास का चीख-चीख कर बुरा हाल हो गया।

अब्बास- छोड़ साली ! कुतिया, हरामजादी… छोड़ इसको, तेरे अन्दर घुसा दूँगा साली.. छोड़ दे इसे।

मोना- मेरे अन्दर घुसाएगा ना साले…. मुझे गर्भवती करेगा साले.. आज मैं तेरी मर्दानगी ही ख़त्म कर देती हूँ… फिर देखती हूँ क्या करता है तू?

अब्बास चीखे जा रहा था। मोना जोर-जोर से उसको दबाये जा रही थी। फिर उसने उसको छोड़ा। अब्बास बुरी तरह ज़मीन पर गिरा हुआ चीख रहा था और मोना ने अपने डण्डे को उसकी गांड में घुसा दिया। अब्बास की तो पहले से ही हालत बुरी थी और इस वार को वो नहीं सह सका और वहीं बेहोश हो गया। मोना ने डण्डा वापस निकाला और अपना हाल थोड़ा ठीक किया। इसके बाद मोना ने अब्बास को उसका पायजामा वापस पहनाया और वहीं टॉर्चर रूम में एक वाशरूम था, वो वहाँ चली गई। अन्दर हमेशा उसकी दो वर्दियाँ रहती थी। वह वाशरूम में जाकर वर्दी बदल कर वापस आई और अपने केबिन में चली गई।

तभी उसने हवलदार को बुलाकर कहा- जाओ उस अब्बास को जेल में फेंक दो।

उधर हवलदार बेहोश पड़े और बुरी तरह पिटे हुए अब्बास को जेल में फेंक देता है।

अब्बास की हालत अभी एकदम मरे हुए कुत्ते जैसी थी। उसके चेहरे से बहुत खून निकल रहा था और दर्द से तो वह बेहोश ही हो चुका था। उसकी हालत देख कर उसके चमचे बड़े हैरान थे… कल तक खुद को बादशाह और डॉन समझने वाले की इस इंस्पेक्टर मोना ने इसकी कुत्ते से भी बदतर हालत की थी।

आगे जानने के लिए थोड़ा इन्तजार करिए … और मुझे मेल करें।

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