पापा के बॉस ने गोवा में धकापेल चोदा- 2

(Porn Uncle Xxx Kahani)

पोर्न अंकल Xxx कहानी में मेरे पापा के दोस्त ने मुझे पटा लिया था सेक्स के लिए. उन्होंने मुझे चोदने के लिए गोवा आने को कहा. मैंने सहेली के घर शादी का बहाना बनाया और उनके साथ चली गयी.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं नेहा आपको अपने पापा के दोस्त के साथ हुई चुदाई की कहानी सुना रही थी.
कहानी के पहले भाग
पापा के बॉस की कामुक दृष्टि मेरी जवानी पर
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरे पापा के दोस्त रेड्डी अंकल मेरी जवानी पर फिदा हो गए थे और वे मुझे फोन पर मैसेज करने लगे थे.

अब आगे पोर्न अंकल Xxx कहानी:

उस वक्त मैंने उन्हें मैसेज का जवाब दे दिया.
कुछ देर कोई रिप्लाई नहीं आया लेकिन कुछ देर बाद रेड्डी अंकल का फिर से मैसेज आया और हम दोनों मोबाइल में चैटिंग करने लगे.

मैं उस दिन पहले से ही गर्म मूड में थी और जल्द ही अंकल मुझे अपनी बातों से और गर्म करने लगे.
उस रात 3 बजे तक हम दोनों के बीच चैटिंग हुई और उन्होंने अपने दिल की हर एक बात बोल दी जो वे मेरे बारे में सोचते थे.

उन्होंने बताया कि वे पहले दिन से मुझे लाइन मार रहे थे लेकिन मेरी तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आ रहा था.

ऐसे ही बात करते हुए हम दोनों इतने ज्यादा खुल गए कि बात चुदाई तक जा पहुंची और पहले ही दिन अंकल ने फोन करके मेरे साथ फोन सेक्स किया.

मैं भी मूड में थी और मैंने भी उस फोन सेक्स का मजा लिया.

अब तो ये रोज की बात हो गई थी.

रोज रात में अंकल मैसेज करते थे और कुछ देर बाद हम दोनों फ़ोन पर ही चुदाई का मजा लेते थे.
मैं ये सब भूल चुकी थी कि वे मुझसे उम्र में कितने बड़े हैं.

मैं बस अपने जिस्म की गर्मी में मस्त हुई जा रही थी.

मेरे लिए तो चुदाई वही थी जो मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ की थी. लेकिन असली चुदाई क्या होती है … ये मुझे कुछ महीने में पता चलने वाला था.

करीब चार पांच महीने तक हम दोनों ऐसे ही बात करते हुए अपनी अपनी भूख मिटाते रहे.

इसके बाद एक दिन अंकल ने मुझसे कहा- क्या ऐसा हो सकता है कि हम दोनों कुछ दिन के लिए कहीं बाहर घूमने चलें?
मैंने कहा- ऐसा कैसे हो सकता है अंकल. घर में क्या बताऊंगी और घर वाले ऐसे कैसे बाहर जाने देंगे?

फिर उन्होंने ही मुझे एक आइडिया दिया कि तुम अपनी किसी ऐसी सहेली की मदद लो, जो तुम्हारे शहर में न रहती हो और जिससे तुम सब बातें शेयर करती हो!

थोड़ा सोचने के बाद मुझे याद आया कि मेरी एक कॉलेज की सहेली है, जो कॉलेज के समय चुदाई करवाती थी. अब उसका ट्रांसफर हो गया है. मेरी उस सहेली को मेरे घर वाले भी अच्छे से जानते हैं.
वही मेरी मदद कर सकती थी क्योंकि कॉलेज के समय मैंने भी उसकी कई बार मदद की थी, उसके बॉयफ्रेंड से मिलने में.

मैंने अंकल को ये बात बताई और अंकल ने मुझे समझाया कि आगे क्या क्या करना है!

अगले ही दिन मैंने अपनी सहेली को फोन किया और अपनी बात उसे बताई.
बस मैंने उसे अंकल की उम्र के बारे में कुछ नहीं बताया.

अंकल जैसा जैसा बोले थे, वैसा ही मैंने अपनी सहेली को समझा दिया.
मेरी सहेली तुरंत ही मेरी मदद के लिए तैयार हो गई.

उसी रात मैंने अंकल को ये बात बताई कि मेरी सहेली हेल्प करने के लिए तैयार हो गई है.
यह सब जानकर अंकल की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.

मैं भी उनसे रोज चुदाई की बात कर करके इतनी ज्यादा उत्साहित हो गई थी कि मुझे भी अंकल से मिलने का मन होने लगा था.

वैसे भी मैंने उनका कड़ियल जिस्म देखा था तो अन्दर से कुछ कुछ हो रहा था.

मेरा जिस्म उस समय ऐसा फील करता था कि बस कोई जमकर मेरी चुदाई कर दे … क्योंकि फोन की चुदाई और सामने की चुदाई में जमीन आसामान का अंतर होता है.

दो दिन के बाद ही मेरी उस सहेली ने मुझे फोन किया और पहले से तय प्लान के अनुसार उसने मेरी मम्मी से बात की.

उसने मेरी मम्मी से कहा- आंटी मेरी चचेरी बहन की शादी हो रही है और इसके लिए आप नेहा को एक हफ्ते के लिए मेरे पास आने की इजाजत दीजिए.

मम्मी ने मेरी तरफ देखते हुए मेरी मर्जी पूछी, तो मैंने जाने के लिए हां कह दी.

मम्मी ने भी इजाजत दे दी थी क्योंकि उस वक़्त घर पर भाई और भाभी थे ही.

अंकल को जब मैंने ये सब बात बताई तो उनकी भी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था.
उन्होंने तुरंत ही प्लेन की टिकट बुकिंग कर ली और हम दोनों गोवा जाने वाले थे.

अंकल ने सोच समझ कर पूरा प्लान बनाया था.
प्लान के अनुसार अंकल एक दिन पहले बेंगलोर से यहां आ जाते और यहां से हम लोग प्लेन से गोवा निकल जाते.

फिर 6 दिन बाद मेरा जाना तय हो गया था और मैं अपनी तैयारियों में जुट गई.

जाने से एक दिन पहले मैं पार्लर जाकर अपनी पूरी बॉडी का वैक्स और फुल बॉडी मसाज करवाई जिससे मेरा पूरा बदन दमक उठा.

मेरी पूरी तैयारियां हो चुकी थीं और बस अगले दिन दोपहर को हमें निकलना था.

शाम को ही अंकल बेंगलोर से आ गए और एक होटल में रुक गए.

उस रात भी हम दोनों ने बात की और उस रात मुझे इतनी ज्यादा उत्सुकता थी कि नींद ही नहीं आ रही थी.

अंकल ने अपना दिमाग़ लगाते हुए मेरी कुछ फोटो पहले ही एडिट करवा ली, जिसमें मैं किसी की शादी में मौजूद हूँ. ताकि उस फोटो को बाद में मैं अपने घर पर दिखा सकूँ और किसी को कोई शक न हो.

अगले दिन सुबह सुबह ही मैं उठ गई थी और 11 बजे तैयार होकर घर से निकल गई.
टैक्सी लेकर मैं सीधा एयरपोर्ट पहुंची, जहां मेरा इंतजार अंकल कर रहे थे.
हम दोनों एक बजे फ्लाइट में बैठ गए.

उस वक्त मैं पहली बार फ्लाइट में बैठ रही थी, तो मेरी उत्सुकता दुगनी थी.
एक तो अंकल से चुदाई की उत्सुकता और पहली बार फ्लाइट में बैठने की उत्सुकता थी

करीब तीन बजे हम लोग गोवा पहुंच गए और 4 बजे तक हम दोनों एक आलीशान होटल में पहुंच गए.
उधर पहले से ही हमारा कमरा बुक था.

होटल के कमरे में जाते ही मैं दंग रह गई क्योंकि वह कमरा बेहद ही आलीशान और लक्ज़री था.
कमरे में आलीशान बिस्तर था, जिसमें एक फुट मोटा गद्दा लगा हुआ था.
दो रूम, सोफा, बेहतरीन बाथरूम … जिसमें बाथटब भी था.

उस रूम का एक दिन का किराया 25 हजार था.

रूम से ही मैंने अपनी मम्मी को फोन किया और उन्हें बताया कि मैं आराम से अपनी सहेली के घर पहुंच गई हूँ.

रूम में पहुंच कर हम दोनों ने कुछ देर आराम किया.

उसके बाद अंकल फ्रेश होकर बाहर चले गए.
मैं आराम से बाथरूम में शॉवर लेती हुई नंगी नहा रही थी.

नहाने के बाद मैं लेट गई और कब मेरी आंख लग गई, पता ही नहीं चला.

जब मेरी आंख खुली तो रात हो चुकी थी और 8 बज चुके थे.
अंकल मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे और उन्होंने मुझे तैयार होने के लिए कहा.

मैं फ्रेश होकर तैयार हो गई और हम दोनों होटल के ही रेस्टोरेंट में जाकर डिनर के लिए बैठ गए.
उन्होंने मुझसे खाना खाने के लिए कहा और वे मेरे साथ बैठे रहे.

मेरे डिनर कर लेने के बाद अंकल ने मुझे रूम में भेज दिया और खुद होटल की वाइन शॉप में चले गए.
मैं समझ गई कि ये ड्रिंक करने गए हैं क्योंकि उन्हें पीने की आदत है.

मैं कमरे में पहुंचकर सोफे पर बैठी हुई मोबाइल चला रही थी.

कुछ देर बाद अंकल कमरे में आए.
उनके हाथ में एक बड़ी सी वाइन की बोतल और खाने के लिए रोस्टेड काजू थे.

अंकल मेरे पास आए और सोफे के सामने टेबल पर सारा सामान रख दिया.

उन्होंने दो ग्लास वाइन के पैग बनाए और एक गिलास मुझे पीने के लिए दिया.

मैंने उन्हें मना कर दिया क्योंकि मैंने कभी शराब नहीं पी थी.
अंकल ने कहां कि ये शराब नहीं है, वाइन है और इसे पीने से कुछ नहीं होने वाला.

उनके द्वारा बार बार बोलने पर मैंने उनसे ग्लास ले लिया और पहला घूंट पीते ही मुझे वह हल्की कड़वी सी लगी, तब फिर भी मैंने धीरे धीरे करते हुए गिलास खाली कर दिया.

ऐसे ही करते करते अंकल ने मुझे 3 ग्लास वाइन पिला दी.
अब मेरे पैर जैसे हवा में तैर रहे थे और सर घूम रहा था.

हम दोनों को ही वाइन का न/शा चढ़ रहा था और हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.

Xxx अंकल की आंखों में मुझे वासना की लहर साफ साफ दिख रही थी.
उनकी नजर बार बार मेरे सीने पर जा रही थी क्योंकि सूट में मेरे दोनों दूध तने हुए थे.

कुछ देर बाद पोर्न अंकल सोफे से उठे और अपने बैग से कुछ सामान निकाल कर मुझे देते हुए बोले- नेहा, ये मैं तुम्हारे लिए लाया था अगर तुम इसे अभी पहनो तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा!

मैंने वह पैकेट देखा जो कि बंद था, उसमें कपड़े जैसा कुछ था.

मैंने अंकल से कहा- आपकी ख़ुशी के लिए मैं जरूर पहन लूँगी.

इतना कहने के बाद मैं बाथरूम में चली गई और बाथरूम में जाकर वह पैकेट खोला तो देखा कि उसमें एक टू पीस बिकनी थी.
उस बिकनी को देखते ही मुझे बहुत अजीब सा लगा क्योंकि आजतक मैंने इस तरह के कपड़े नहीं पहने थे और इतनी छोटी बिकनी पहन कर कैसे मैं अंकल के सामने जा पाऊंगी.

कुछ देर सोचने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरी तरह से नंगी होकर वह बिकनी पहन ली.

उसे पहनने के बाद मैं आईने में अपने आपको देखा तो खुद ही शर्मा गई.

उस बिकनी में मुश्किल से ही मेरे दूध छुप रहे थे.
बल्कि यूं कहूँ कि मेरे दूध के केवल निप्पल ही छुपे हुए थे और बाकी के दूध खुले हुए थे.

नीचे मेरी टांगों में डोरी से बंधी पैंटी थी, जिससे केवल मेरी चूत ही छुपी हुई थी और पीछे से पैंटी की पतली सी डोर मेरी गांड की दरार के बीच में घुसी हुई थी.
उस लाल रंग की बिकनी में मेरा गोरा बदन और भी ज्यादा दमक रहा था.

उस वक्त अगर मैं वाइन के न/शे में नहीं होती तो कभी भी उसे नहीं पहनती लेकिन मैं उस वक़्त जो कर रही थी, वह सब न/शे में ही कर रही थी.

मैं हिम्मत दिखाती हुई बाथरूम से निकली और धीरे धीरे कदमों के साथ अंकल तक पहुंची.
अंकल बड़ी अश्लील निगाह से मुझे ऊपर से नीचे तक देख रहे थे.

और अंकल ने भी अपने कपड़े निकाल दिए थे.
वे केवल फ्रेंची चड्डी पहने ही सोफे पर बैठे हुए थे.

मैं बिल्कुल अंकल के सामने खड़ी हुई थी और अपने दोनों हाथों को चूत के सामने लगाई हुई थी.

अंकल ने मुझे अपने पास आने का इशारा किया.
मैं हल्के कदम से अंकल के पास पहुंची.

अंकल ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी जांघों पर बैठा लिया.

उन्होंने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाला हुआ था और उनका दूसरा हाथ मेरी जांघ पर था.

मुझे ऐसे ही अपनी जांघ पर बैठाये हुए अंकल ने वाइन का चौथा ग्लास तैयार किया और इस बार हम दोनों ने एक ही गिलास से दूसरे को वाइन पिलाई.

इसके बाद फिर से बची हुई सारी वाइन अंकल ने पांचवे ग्लास में डाल दी और पांचवे ग्लास को पीने के बाद मैं बिल्कुल हवा में तैरने लगी.

अब अंकल का हाथ मेरी जांघ को सहला रहा था और उनके होंठ मेरे बाजुओं को चूम रहे थे.
मुझे अब दुगना न/शा छा रहा था और मेरी आंखें वासना की लहर के कारण बंद हो रही थी.

फिर अंकल ने अपना हाथ मेरे सर के पीछे लगाया और मेरे सर को झुकाते हुए मेरे रसीले होंठों को अपने होंठों से चूमने लगे.

मैं भी वासना की गर्मी से चूर होकर अंकल का साथ देने लगी और मैंने अपने आपको उनके हवाले कर दिया.

जल्द ही अंकल का एक हाथ मेरे सीने पर आ गया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बड़े बड़े दूध को सहलाने लगा.

कुछ देर मेरे होंठों को चूमने के बाद अंकल झुके और मेरे सीने पर चुम्बनों की बौछार कर दी.

उन्होंने मेरा एक दूध ब्रा के बाहर निकाला और उसके निप्पल को बुरी तरह चूसने लगे.
साथ ही वे मेरे दूसरे दूध को को अपनी मुट्ठी में भरकर जोर जोर से मसलने लगे.

मीठे दर्द और आनन्द के अहसास के बीच मैं जोर जोर से आहें भरने लगी- आअ ह्ह्ह आअह अंकल ओ ओह बस्स्स अंकल आह आह!

जल्द ही अंकल ने मेरे मम्मों पर बंधी ब्रा को उतार कर टेबल पर रख दिया और मेरे दोनों दूध को बारी बारी से चूसने और मसलने लगे.

इसके बाद अंकल ने एक हाथ से मेरी पीठ को संभाले हुए मुझे सोफे पर लिटा दिया था और वे मेरे दोनों दूध पर बुरी तरह से टूट पड़े थे.

मेरी कामुक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं इतनी गर्म हो गई थी कि मेरी चूत से टपकता हुआ पानी पैंटी के नीचे से पोर्न अंकल की जांघ पर टपक रहा था.

अंकल ने मेरा एक हाथ अपने हाथ में लिया और मेरे हाथ को अपने लंड पर रख दिया.
उनके लंड को छूते ही मैं अन्दर से डर गई क्योंकि Xxx अंकल ने अपना लंड चड्डी से बाहर निकाल लिया था और वह बहुत गर्म था.

उनके लंड को छूते ही मुझे लगा कि लंड इतना बड़ा भी होता है क्या!
क्योंकि मैंने पहले अपने बॉयफ्रेंड से चुदाई की है. उसका लंड तो केवल 5 इंच का था और अंकल का लंड छूते ही लग रहा है कि ये तो पक्का 8 इंच का होगा.

अभी तक मैंने उनके लंड को देखा नहीं था क्योंकि मैं सोफे पर लेटी हुई थी और अंकल मेरे चूचों को मसल रहे थे.

मैंने उनके लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और हल्के हल्के आगे पीछे करने लगी.

करीब आधा घंटा तक अंकल मेरे दूध को मसल रहे थे और अब मेरे दोनों दूध में दर्द के साथ साथ जलन भी होने लगी थी.

मेरे लंड सहलाने से अंकल का लंड और ज्यादा टाइट होकर फूल गया था.

कुछ देर बाद अंकल ने मुझे सोफे से उठाकर खड़ी कर दिया और एक झटके में मुझे गोद में उठा लिया.
गोद में उठाये हुए ही अंकल मुझे बेड पर ले गए और मुझे उस मोटे से गद्दे पर फेंक दिया.
बिस्तर पर गिरते ही मैं किसी गेंद की उछल गई और जब संभली तो देखा कि अंकल ने अपनी चड्डी उतार दी थी.

पहली बार मैंने उनके लंड को देखा. वह बिल्कुल काला मोटा और 8 इंच से कम लंबा नहीं था.
रेड्डी अंकल का मूसल लंड देख कर मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं.
वह किसी सांड के लंड की तरह से फनफना रहा था.

दोस्तो, आपको इस सेक्स कहानी के अगले और अंतिम भाग में मेरी चुदाई रेड्डी अंकल के इस मोटे लंबे लौड़े से किस तरह से हुई, वह सब पढ़ने को मिलेगा.

पोर्न अंकल Xxx कहानी पर आप मुझे अपने विचारों से जरूर अवगत कराएं.
धन्यवाद.
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पोर्न अंकल Xxx कहानी का अगला भाग:

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