विवाहित सहपाठिका की चुत की प्यास बुझायी

(X GF Chudai Kahani)

X GF चुदाई कहानी में मेरी गर्लफ्रेंड ने अचानक मिलना छोड़ दिया. कई महीने बाद उसका मेसेज आया तो पता चला कि उसकी शादी हो गयी है. लेकिन हम फिर मिले और हमने सेक्स का मजा लिया.

हाय दोस्तो, मेरा नाम राज़ है और मैं भागलपुर बिहार का रहने वाला हूँ.

मेरी उम्र 26 साल है, हाइट 5 फीट 6 इंच है. मैं काफी हैंडसम हूँ.
लड़कियो, मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है.

अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानी मैं कई बरसों से पढ़ता आ रहा हूँ.

कुछ कहानी लिखी भी हैं.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
दो सहेलियों की रसभरी चुत चुदाई
पढ़ी है और मुझे बहुत प्यार दिया है.

अब यह मेरी नई सेक्स कहानी है, पढ़ कर बताइए कि आपको कैसा लगा.

यह X GF चुदाई कहानी एक साल पुरानी है.
उस वक्त मैं अपने साथ पढ़ने वाली लड़की निहारिका के साथ एक कोचिंग में पढ़ता था.

हम दोनों नौकरी की तैयारी के लिए उस कोचिंग में मिले थे और उसी दरमियान हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी थी.

उधर हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा रहते थे और साथ में होमवर्क, क्विज आदि करते थे.
सब कुछ अच्छा चल रहा था.

फिर अचानक से उसने कोचिंग आना बंद कर दिया.

जब मैंने पता लगाया तो मालूम हुआ कि अचानक से वह कहीं बाहर चली गयी है.
मैंने वजह जानने की कोशिश की पर कुछ मालूम ही नहीं चला.

फिर समय चक्र आगे बढ़ा और चार महीने बाद मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया ‘हाय, मैं निहारिका … कैसे हो?’
मैंने कोई रिप्लाई नहीं दिया.

दूसरे दिन भी उसने कई बार मैसेज किए और वह माफ़ी मांगने लगी.

वह उसके साथ जो हुआ था, बताने लगी.

वह बोली- मेरे घर वालों ने मुझे अचानक से बुला लिया था. घर आकर पता चला कि मेरी शादी के लिए मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं. मैं उन्हें पसंद आ गयी. लड़का आर्मी में था, तो आनन-फानन में मेरी शादी हो गयी. मुझे तुम्हें बताने तक का मौका नहीं मिला. मैं तुम्हें कुछ समझा पाती, उससे पहले मेरी शादी हो गयी. मेरी ससुराल वाले भी अच्छे हैं. इधर मुझे अपनी बेटी के जैसा प्यार मिला. पति समेत सब लोग अच्छे हैं. प्लीज माफ़ कर दो, मैंने तुम्हें धोखा नहीं दिया है.

वह यह सब कह कर रोने लगी.

मैंने भी वक़्त की नजाकत को देखते हुए उसे माफ़ कर दिया और हम दोनों रोज़ाना एक दूसरे से बात करने लगे.

उसका हस्बैंड आर्मी में था और अपनी बटालियन में था तो हमें बात करने में कोई दिक्कत नहीं होती थी.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारा हस्बैंड बिस्तर में कैसा है?
उसने हंस कर कहा- वे अच्छे हैं. बहुत प्यार करते हैं और बहुत मानते भी हैं.

हम लोग रोज़ाना बात करने लगे थे तो अब हम लोगों का फिर से पहले जैसा हो गया था.

तब हम दोनों थोड़ा नजदीक आने लगे.
कभी हँसी मज़ाक, तो कभी नॉन वेज़ जोक्स एक दूसरे को भेजने लगे.

धीरे धीरे सेक्सी बातें होतीं तो कभी सेक्स चैट करने लगते.

दिन ऐसे ही गुज़रने लगे.

बात बात में हम दोनों अब एक दूसरे से मिलने की बात करने लगे थे.
हमारे बीच मिलने की तड़प बढ़ती जा रही थी.

हमेशा एक दूसरे के बारे में सोचना रोमांटिक बातें करना, अब यह आम बात हो गयी थी.

फिर कुछ दिन बाद हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया और एक दिन बात करके मिलने का तय हुआ.

कुछ दिन बाद मिलने का दिन भी आ ही गया था.
जब हम बहुत दिनों बाद मिल रहे थे तो मन में अजीब सी कसक थी.

हम दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए काफी उत्साहित थे.
उसने कहा- मैं बस से आ रही हूँ.

मैं भी अच्छे से तैयार हुआ; उससे बहुत दिनों बाद मिलने वाला था.

मैं उसे लेने बस स्टैंड गया.
कुछ देर इंतज़ार करने के बाद उसकी बस आ गयी.

जब वह बस से निकली तो मैं हैरान हो गया.
वह अब काफी बदल चुकी थी, उसमें अब बड़ा निखार आ गया था.

हम दोनों ने हाय हैलो किया.

उसके बाद मैं उसे लेकर कमरे पर आ गया.
मैं तो आपको निहारिका के बारे में बताना ही भूल गया.

निहारिका की उम्र 22 साल थी.
उसका फिगर साइज़ 34-30-36 का था, रंग गोरा और बिल्कुल रस मलाई जैसा बदन.
मैं उसे लेकर कमरे पर आ गया.

वह सफर से आयी थी तो फ्रेश होकर मेरे साथ बैठ गई.

हम दोनों ने नाश्ता किया, फिर वह थोड़ा आराम करने लगी.

कोई दो घंटे बाद जब वह जागी, तो उसकी अलसाई आंखें और भी ज्यादा मादक लग रही थीं.

हम दोनों ने थोड़ी इधर उधर की बात की, एक दूसरे का हाल पूछा.
अब वह अपनी बातें बताने लगी.

उसके साथ जो हुआ, वह उसे बड़े उत्साह से बता रही थी जबकि मैं थोड़ा निराश हो रहा था.

फिर अचानक से न जाने क्या हुआ कि वह रोने लगी.
मैंने उसे समझाया- जो हो गया, सो हो गया. अब मत रोओ.
पर वह फिर भी रोये जा रही थी.

मेरे बहुत समझाने के बाद वह चुप हुयी और मेरे गले से लग गयी.

मुझे उसके आंचल की गर्मी से सनसनी होने लगी.
उसके फूले हुए दूध मेरी छाती में गड़ने लगे.

कुछ पल बाद हम दोनों अलग हुए.

अब मैंने उससे बाहर घूमने चलने का कहा.
तो वह फट से राजी हो गई और हम साथ में बाहर घूमने निकले.

बाहर घूमते हुए भी हम दोनों एक दूसरे के हाथ को पकड़े हुए थे.

उस वक्त जो अहसास हो रहा था, उससे घूमने में मन ही नहीं लग रहा था.

बस यूं लग रहा था कि एक साथ चिपक कर बात करें.

कुछ देर बाद वह बोली- अब घर चलो.
मैं उसे साथ लेकर वापस लौटने लगा.

शाम ढल चुकी थी. तो कमरे पर वापस आने से पहले हमने कुछ हल्का सा नाश्ता किया और कमरे में आ गए.

हमारे बीच हंसी मज़ाक चलने लगा, फिर सेक्सी बातें होने लगीं.
उस वक्त तक हम दोनों में एक अजीब सा जोश भर गया था.

मैं निहारिका के पास को हो गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया.
उसने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

मैंने उसे अपनी बांहों में उठा कर बेड पर बिठा दिया और उसके बूब्स को दबा दिया.
वह चिहुंक उठी.

उसी पल मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

बीच बीच में हम दोनों एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ को घुसा देते और एक दूसरे की लार को चूसने लगते.

कमरे का माहौल रंगीन हो चुका था.

कुछ देर किस करने के बाद अब हम दोनों धीरे धीरे से एक दूसरे का कपड़े उतारने लगे.

मैं उसकी चूचियों की ओर लपका.
मैंने अपने दोनों हाथों में मम्मों को भर लिया और दबाने लगा.
वह भी मेरे साथ अपने मम्मों का मर्दन करवाने लगी.

मैं उसके दोनों मम्मों को जोर जोर से दबाने लगा और उसके एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.
वह कामुक सिसकारियां भरने लगी- आह आह धीरे … दर्द हो रहा है आह आह.

उसकी मादक आवाज़ें कमरे में गूंजने लगीं और कमरे का माहौल गर्म हो गया.

मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
निहारिका ने उसे अपने हाथों से मुँह में भर लिया.

वह किसी छोटे बच्चे की तरह अपने मुँह में लंड भर कर चाटने लगी और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.

मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गया था.
गजब की फीलिंग्स आ रही थी.

कुछ देर चूसने के बाद उसने लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला और चुदासी नजरों से मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने उसे चित लिटा दिया और उसके माथे को चूम लिया.

माथे को चूमते हुए होंठ चूसने लगा, फिर गर्दन पर आ गया और उसे लव बाइट किया.

फिर धीरे धीरे अपनी जीभ से उसके जिस्म को चाट कर एक नया अहसास देने लगा, मैं उसके पैर के अंगूठे को चूमने लगा, उसे दांत से काटने लगा.

मैं फिर जीभ से उसके बूब्स के चारों ओर घुमाने लगा और बीच बीच में निप्पल को चूस देता; निप्पल को अपने दांतों से हल्की बाइट करने लगा.

वह तड़पने लगी.
उसके कंठ से ‘आह आह सिस सिस’ की आवाज़ें निकलने लगी थीं.

वह अब चुदने के लिए मचलने लगी थी.

हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे.
मैं अपनी जीभ को घुमाते हुए नीचे ले आया और नाभि में जीभ घुसा कर घुमाने लगा.
इससे वह बेचैन होने लगी.

मैंने उसके चूतड़ पर एक थप्पड़ मारा, तो वह कराह उठी.

उसी पल मैं उसकी चूत की तरफ आ गया.
उसकी चूत से हल्का हल्का पानी निकल रहा था.

मैंने उसकी चूत पर थप्पड़ मारा तो वह मचल गयी.

मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और उसे चूसने लगा.
उसके मुँह से आह आह आह की आवाज़ें निकलने लगीं.

हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.
उसकी चूत की वह मादक मनमोहक महक मुझे दीवाना बना रही थी.

मैं चूत चूसता रहा.

वैसे भी मैं चूत चुसाई का बड़ा शौक़ीन हूँ.

मैं चूत को चूसता, बीच बीच में अपनी जीभ को अन्दर घुसा देता और दाने पर दांत से काट लेता, जिससे वह तड़प उठती.
यह अहसास सिर्फ एक लड़की या औरत ही बता सकती है कि कैसा होता है, जब चुत को चाटा या काटा जाता है.

मैं उसकी चूत के दाने को अपने होंठों से पकड़ कर खींचता और चूसता.
वह आह करके मेरे सर को अपनी चुत में दबा देती.

हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था और एक दूसरे में डूब चुके थे.

देर ना करते हुए मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाया ताकि बाद में कोई दिक्कत ना हो.
मैंने उसे मिशनरी पोजीशन में लेटाया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया.

उसने नशीली आंखों से मुझे देखा तो मैंने एक धक्का दे मारा.
उसे हल्का सा दर्द हुआ और उसकी आह निकल गई.

मैं X GF चुदाई के दर्द को नजरअंदाज करते हुए चुदाई करने लगा.

कुछ ही देर में सारा कमरा आह आह आह और फ़च फच्च फच की आवाजों से गूंजने लगा.
मैं कभी जोर का तो कभी हल्का झटका मारता.

एक नए लंड के अहसास के साथ मेरी जान चुद रही थी.

क्या मखमली चूत थी … उसमें दूध जैसा गाढ़ा पानी बन रहा था, जो लंड पर साफ चमक रहा था.

उसकी चूत से ऐसा सफेद रस निकल रहा था, जैसे सीप में मोती चमक रहा हो.
उसकी चुत अन्दर से एकदम लाल मखमल की तरह दिख रही थी.

जल्द ही मैंने उसकी चुत ने लंड पर अपनी पिचकारी मार दी.
वह झड़ चुकी थी जबकि मैं अब भी उसे चोदे जा रहा था.

‘आह आः आह फ़च फच’ की आवाज़ें गूंजने लगी थीं.
बीच बीच में मैं उसे गाली भी दे देता- साली कुतिया क्या मस्त चूत है रे तेरी … आह जानेमन रसीली मुलायम गुलाब जैसी चुत है तेरी!’

मैं धकापेल चुदाई कर रहा था और वह भी पूरा साथ दे रही थी.

चुदाई करते करते बीस मिनट कब गुज़रे, कुछ पता ही नहीं चला.

फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसे पलटने के लिए कहा.
मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वह झट से घोड़ी बन गयी.

तब मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा तो वह मीठे दर्द से कराह उठी.

मैंने उसकी गांड के फलकों को फैलाया, उसकी गांड का छेद भूरे रंग का था.

गांड के छेद पर मैंने थोड़ा सा थूक दिया और फैला कर एक उंगली को अन्दर डाल दिया.

वह सकपका गयी और बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

मेरी उंगली अन्दर चली गई.

एक अजीब सी महक आने लगी.
मैं उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
उसे भी मज़ा आने लगा.

फिर मैंने दो उंगलियां डाल दीं और अन्दर बाहर करने लगा.
उसे भी मज़ा आने लगा.

फिर मैंने उंगली को बाहर निकाला और पैर को फैला कर चूत को मसल दिया.
उसने कुछ नहीं कहा.

मैंने लंड को चूत पर सैट किया और धक्कम पेल चुदाई शुरु कर दी.

मेरे दोनों हाथों में उसके दूध थे जिन्हें मसलते हुए मैं अपने लंड से चूत में जोर के झटके देने लगा.

वह भी अपनी गांड को पीछे धकेल कर लंड को जवाब देने लगी.
मदमस्त चुदाई होने लगी.

पूरे कमरे में चूत रस की भीनी महक और आह आह की आवाजें जोश को भरे जा रही थीं.

मैं उसके बूब्स को आटे की तरह दबा दबा कर मसल रहा था.

कभी एक हाथ से बाल पकड़ कर खींचता और झटके मारने लगता.

निहारिका भी एक रंडी की तरह चुदवा रही थी और मेरे लंड से चुदने के मज़े ले रही थी.
कुछ देर बाद मैं कुछ थक सा गया था और उसका भी होने वाला था.

हमारी चुदाई अंतिम दौर में आ गई थी. मैं तेज तेज झटके देता हुआ चिंघाड़ने लगा.
वह भी अपने जिस्म को अकड़ाने लगी.

अगले कुछ ही पलों में हम दोनों साथ में झड़ गए.
उसकी चूत से पानी बह कर मेरे आंडों पर से होता हुआ बिस्तर पर गिर रहा था.

मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और लंड से कंडोम हटा कर जैसे ही कंडोम को हाथ में लिया, निहारिका ने कंडोम मुझसे छीन लिया.

वह कंडोम का सारा रस अपने मुँह में खींच कर पी गयी और बोली- मेरी जान, चूत में नहीं डलवा सकती थी, तो पी तो सकती हूँ ना! ये रस मेरे लिए अनमोल है. मैं तो तुम्हारी पत्नी बनना चाहती थी और अभी भी तुम्हें ही अपना पति मानती हूँ.

मैं उसे अपनी बांहों में लेकर प्यार करने लगा.

फिर हम दोनों अलग हुए और साथ में बाथरूम में आ गए.
उधर उसने पेशाब की.

पेशाब करते समय उसकी चुत से सी सी की आवाज़ मुझमें जोश भर रही थी.
मेरा लंड फिर से तन गया.

मैंने लंड उसके मुँह में डाला और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा, उसके मुँह की चुदाई करने लगा.

फिर मैंने लंड को मुँह से निकाला और उसे गोद में उठा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसे अपनी गोदी में उछाल उछाल कर चोदने का अलग ही मज़ा आ रहा था.

साथ ही लंड चुत की फच फच की आवाज़ और उसकी आह आह की आवाज मेरे अन्दर अलग ही स्तर का जोश भर रही थी.
कुछ देर झूला झुलाने के बाद मैंने उसे नीचे उतारा और उसे खड़ा करके चोदने लगा.

मैं थक भी गया था और झड़ने वाला भी हो गया था.
मैंने लंड चूत से निकाल कर लंड का गर्म रस निहारिका के मुँह और बूब्स पर निकाल दिया.

मैं उसके साथ में नहाया और बाथरूम से बाहर आ गया.

उसके बाद मैंने निहारिका के साथ कई बार सेक्स किया. मैंने उसकी गांड भी मारी.
उसके साथ गुज़रा हुआ हर एक पल लाजबाव रहा.

अब तक मैं कई लड़कियों और औरतों की चुदाई कर चुका हूँ.

अपनी X GF चुदाई कहानी को मैं यहीं पर ख़त्म कर रहा हूँ. आपको मेरी सच्ची सेक्स कहानी कैसी लगी. प्लीज मेल से जरूर बताएं.
आपके मेल का इंतज़ार रहेगा.
[email protected]

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