अकेली भाभी की चूत चुदाई का मजा

(Xxx Bhabhi Sex Kahani)

अक्षय लस्ट 2022-02-11 Comments

Xxx भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि पार्क में एक भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. वो अकेली रहती थी. एक दिन उसने मुझे चाय पर बुलाया. उसके बाद क्या हुआ?

मेरा नाम अक्षय (बदला हुआ नाम) है. मेरी उम्र 23 साल है. मैं चंडीगढ़ में बैंक की कोचिंग में पढ़ रहा हूं.
मैंने इंजीनिरिंग की हुई है.

मैं देखने में गोरा हूँ और मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच है. मैं कसरत भी करता हूँ, जिससे मेरी बॉडी ठीक-ठाक है.
लड़कियां और भाभियां मेरे जिस्म से पल भर में आकर्षित हो जाती हैं.

पाठिकाओं के लिए बता दूँ कि मेरा लंड 6 इंच का है और मैं अपने लंड की रोज तेल से मालिश करता हूँ.

यह एकदम सच्ची Xxx भाभी सेक्स कहानी है.

मैं जब चंडीगढ़ में रहता था तो रोज सुबह दौड़ लगाने और कसरत करने के लिए एक पार्क में जाता था.
मैं वहां बहुत सी लड़कियों को और भाभियों को देखता था.

एक दिन मुझको एक भाभी पसंद आ गईं. वो देखने में लंबी, गोरी और भरी भरी हुई माल थीं.
वो भी रोज पार्क में दौड़ लगाने और एक्सरसाइज करने आती थीं. वो भाभी किसी से पार्क में बात नहीं करती थीं और अकेली ही आती जाती थीं.

मैं उनको देखता रहता और उनके जाने के बाद मैं भी वापिस चला जाता.
ऐसा दस दिन तक चला.

जिस दिन भाभी नहीं आतीं तो मुझे बहुत बुरा लगता.

एक दिन ऐसा हुआ कि दौड़ लगाते हुए भाभी की सोन की चैन गिर गयी.
मैंने उसको देख लिया … पर भाभी चली गईं.

मैं भाभी के पीछे पीछे गया पर पता नहीं वो कहां चली गयी थीं.
मैंने सोचा कि कल जब वो दौड़ लगाने आएंगी तो ये सोने की चैन भाभी को वापिस कर दूँगा.

दूसरे भाभी देरी से आईं.

मैंने उनको गुड मॉर्निंग बोला और कहा कि ये आपकी सोने की चैन कल गिर गयी थी.

भाभी बहुत खुश हुईं और उन्होंने मुझे धन्यवाद कहते हुए कहा- थैंक्यू सो मच … तुम मेरे लिए भगवान की तरह हो. ये चैन मुझको मेरी सासु माँ ने शादी में दी थी. मैं कल से ही इसको लेकर बहुत चिंता कर रही थी.

भाभी अपनी सोने की चैन पाकर बहुत खुश थीं.

मैंने कहा- मैं तो कल ही आपको देने वाला था मगर आप न जाने एकदम से कहीं चली गई थीं. मुझे आपका घर भी नहीं मालूम था, नहीं तो मैं आपके घर दे आता.
भाभी बोलीं- तो चलो आज तुम ब्रेकफास्ट मेरे घर पर करना. तुम मेरा घर भी देख लेना.

मैं और भाभी उनके घर गए और हमने वहां ब्रेकफास्ट किया.
हमारी काफी देर तक बातें भी हुईं.

फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप बहुत खूबसूरत हो और आप बहुत फिट भी हो.
मेरी बात सुनकर भाभी ने मेरी भी तारीफ की और वो बोलीं- तुम कितने स्मार्ट हो काफी लंबे भी हो.

मैंने थैंक्स कहा.
भाभी मजा लेती हुई बोलीं- हम्म … गर्लफ्रेंड कितनी हैं तुम्हारी?

मैंने बोला- अरे भाभी, क्यों मजाक कर रही हो … मेरी अभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
भाभी- कमाल है. क्या तुम सच कह रहे हो?

मैंने कहा- पहले एक थी, मगर फिलहाल अकेला हूँ.
फिर भाभी ने पूछा- यहां क्या करते हो?
मैंने अपनी कोचिंग का बताया.

कुछ देर यूं ही घर परिवार की बातें हुईं और मैं वहां से निकल आया.
भाभी का नाम अंकिता (बदला हुआ नाम) था.

अगले दिन भाभी फिर मिलीं और उन्होंने आज मेरे साथ में दौड़ और कसरत आदि की.
इससे मुझको बहुत खुशी हुई.

मैंने भी पूछा- आपके घर में कौन कौन रहता है?
भाभी ने बताया- मैं यहां अकेली रहती हूं. सास ससुर गांव में हैं और पति इंग्लैंड में रहते हैं.

मैंने पूछा- तो आप अकेली क्यों … आप अपने पति के साथ इंग्लैंड क्यों नहीं गईं.
उस पर भाभी ने बताया- पहले पति चंडीगढ़ में जॉब करते थे, अब इंग्लैंड चले गए. हमारा चंडीगढ़ में घर था तो मैं यहीं रहने लगी हूँ. घर की भी देखभाल करनी थी.

कुछ देर में भाभी ने चाय पीने के लिए घर चलने का कहा.

मैंने उनके घर आ कर चाय पीते हुए कहा- आप चाय बहुत अच्छी बनाती हैं … मेरी पीजी में तो चाय के नाम पर सिर्फ पानी ही होता है.
भाभी बोलीं- चलो अब तुम्हारा जब भी मन करे तो मेरे घर आ जाया करो. मैं भी घर में अकेली बोर हो जाती हूँ.

भाभी ने कोचिंग के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें बताया कि आज मेरी कोचिंग की छुट्टी है.
तो भाभी ने बोला- तब तो अच्छा है, तुम फ्रेश होकर मेरे घर आ जाना, हम दोनों घूमने चलेंगे.
भाभी ने मुझे अपना फोन नम्बर भी दे दिया.

मैं उनके घर से निकल आया और पीजी में जाकर फ्रेश होकर वापस भाभी के घर आ गया.

हम दोनों एक मॉल गए, उधर हम दोनों ने मूवी देखी और घर आ गए.
मैं अपनी पीजी में चला गया.

फिर हमारी रात को ग्यारह बजे चैट होने लगी.

भाभी मुझसे हंस हंस कर बातें कर रही थीं और हमारे बीच सब कुछ दोस्तों जैसी चैट चल रही थी.

मैंने पूछा- भाभी, आपको पति की याद नहीं आती … रोमांस करने का मन नहीं करता.
भाभी ने कहा- हां, बहुत करता है पर कोई है ही नहीं, जिसके साथ ये सब करूं. तुम्हारी भी तो गर्लफ्रेंड नहीं है, तुम कैसे मैनेज करते हो?

मैंने हंस कर कहा- भाभी मन तो मेरा भी बहुत करता है, पर क्या करूं कोई मिलती ही नहीं है.
अब बातें खुलने लगी थीं.

तो भाभी ने कहा- अपने आस पास देखो … शायद कोई मिल जाए.
मैंने पूछा- कौन है आस पास भाभी … किससे अपने दिल की बात कहूँ.

मैं समझ तो रहा था कि भाभी खुद अपनी तरफ इशारा कर रही थीं मगर मैं भी अपनी तरफ से पहल करने से रुक रहा था.

भाभी ने मुस्कुराने वाली इमोजी भेजी और हंसने लगीं.

कुछ देर यूं ही इधर उधर की बात के बाद मैंने कहा- आप जैसी बीवी मेरी होती तो रोज मजा आ जाता.
भाभी बोली- हम्म … मुझसे ही कहलवाना चाह रहे हो. ठीक है तुम कल सुबह मेरे घर आ जाना और बना लेना मुझको अपनी बीवी. वैसे भी आजकल मैं अकेली हूँ.

मेरी बांछें खिल गईं. मैंने हामी भर दी और हम दोनों ने सुबह टहलने की जगह मिलने का प्रोग्राम बना लिया.

मैंने अगले दिन के बारे में सोच कर दो बार मुठ मार ली.

अगले दिन मैं जल्दी उठ गया और मुठ मार कर खुद को शांत कर लिया.

फिर मैं भाभी के घर गया.
साथ में मैं अपनी जेब में कंडोम का पैकेट ले गया था.

हम दोनों ने बातें की, चाय पी और भाभी मुझे अपने बेडरूम में ले गईं. कमरा एकएम मस्त सजा हुआ था.
बिस्तर पर नई चादर बिछी थी और सब कुछ बड़ा ही साफ़ सुथरा लग रहा था कमरे में मस्त महक फुरकी हुई थी.

मैंने लम्बी सांस खींच कर महक का आनन्द लिया और भाभी से कहा- बड़ी ही मस्त महक आ रही है भाभी.
भाभी ने मुझको अपनी बांहों में ले लिया और मादक अंदाज में पूछने लगीं- किसमें से महक आ रही है … मुझमें से या …

मैंने भाभी आगे बोलने से पहले ही उनके होंठों पर होंठ रख दिए और किस किया.

भाभी ने मेरे किस का साथ दिया और वो भी मेरे होंठों का मजा लेने लगीं.

कोई 5 मिनट तक हम दोनों ने किस किया.
फिर मैंने भाभी को गले पर किस किया तो भाभी गर्मा गईं.

उन्होंने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
मैंने भी भाभी के कपड़े उतार दिए.

जल्दी ही हम दोनों अधनंगे हो गए.

मैंने भाभी को ऊपर से नीचे तक देखा उनकी चूचियां एकदम तनी हुई थीं और चूत फूली हुई थी.
भाभी ने मेरे सीने से अपने मम्मों को चिपका दिया और हम दोनों फिर से चूमाचाटी में लग गए.
मेरा लंड भाभी के पेट पर लग रहा था.

भाभी बोलीं- तुम काफी लम्बे हो इसलिए मुझे तुम काफी अलग जगह पर महसूस हो रहे हो.

मैंने उनकी बात समझ ली और उन्हें बेड पर लेटा दिया.
अब मैंने भाभी के पेट पर किस किया.

भाभी ने काले रंग की पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी.

मैंने पैंटी को हटाया तो क्या मस्त चूत थी … एकदम गोरी और गुलाबी चूत देख कर मेरे लंड को मजा आ गया.
एक बार मैंने भाभी की आंखों में देखा और उनकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
भाभी की आहें निकलने लगीं.

मैंने भाभी की चूत को बहुत देर तक चूसा.
भाभी बहुत ही ज्यादा गर्म हो रही थीं और बहुत जोर जोर से आवाज निकाल रही थीं- आंह जान … मजा आ रहा है … कितना मस्त चूस रहे हो.

मैं उनकी आंहों को सुनकर और भी ज्यादा उत्तेजित होकर उनकी चूत की सेवा में लग जाता.

भाभी बोलीं- अब बस भी कर यार … अपना डाल भी दे … मुझको कितना तड़फा रहे हो … अब जल्दी से डाल भी दो.

मैं कंडोम लगाने लगा तो भाभी बोलीं- कंडोम मत लगाओ, इससे मजा नहीं आएगा.
मैंने कहा- ठीक है.

मैंने भाभी को अपने नीचे पोजीशन में लिया और मैंने अपना लंड भाभी की चिकनी चूत में पेलने लगा.
पहले तो लंड चूत में जा ही नहीं रहा था क्योंकि भाभी ने पता नहीं कितने महीनों से सेक्स नहीं किया था.

मैंने लंड का सुपारा चूत में फंसाया और झटका मारा तो भाभी की दर्द भरी आवाज निकलने लगी.

भाभी मना करने लगीं- मत डालो … बाहर निकालो … तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है.
पर मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों की कैद में कस लिया और चूत में लंड पेल दिया.
भाभी की मैंने एक न सुनी.

लंड अन्दर घुसा तो भाभी की ज़ोर से आवाज निकली- उई मम्मी मार डाला.

मैंने उनकी चूची चूसना शुरू कर दी और धीरे धीरे लंड अन्दर करने लगा.
कुछ देर बाद भाभी को राहत मिलनी शुरू हो गई और उन्होंने लंड का मजा लेना शुरू कर दिया.

अब चुदाई शुरू हो गई.
मैं घपा घप घपा घप लंड डालता निकालता गया और भाभी को मजे आते रहे.

हमारा चुदाई का ये सफर दस मिनट चला.
इतने में ही भाभी झड़ गईं पर मैं नहीं झड़ा था.

मैंने भाभी को अपने ऊपर बिठाया और भाभी ने लंड चूत में लेकर हिलना शुरू कर दिया.
सच में इस आसन में मुझे बड़ा मजा आता है.

भाभी मस्ती से ज़ोर ज़ोर से हिल रही थीं और उनके मलाई से गोरे और रसभरे चिकने चुचे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे.
मैं उनके मम्मे मसल मसल कर लंड पेल रहा था.
भाभी भी मेरे ऊपर झुक कर मुझे अपना दूध पिला रही थीं.

उनकी मस्त आवाजों से पूरे कमरे में मादक संगीत गूंज रहा था. साथ में चुदाई की आवाज भी शमा बांध रही थी.

उस दिन में मैंने बहुत महीनों के बाद चुदाई की थी और कल से आज तक तीन बार मुठ मार लेने के कारण मेरा रस निकल ही नहीं रहा था.

भाभी दो बार झड़ चुकी थीं और काफी थक गई थीं.
तो भाभी ने चुदाई रोक कर कहा- अब बस करो यार … मैं थक गई हूँ.

मैंने भाभी को चूमा और उनसे कहा- भाभी, अभी मेरा बाकी है. मैं आपको नीचे ले लेता हूँ.

तब मैंने भाभी को नीचे लिया और उनकी चूत में उंगली करने लगा.
बस थोड़ी देर के बाद भाभी का पानी फिर से निकल गया.
दो मिनट तक भाभी का पानी निकलता रहा.
सारी चादर गीली हो गई.

इससे पहले भाभी का पानी इतना कभी नहीं निकला था.
आज इतने सालों के बाद भाभी को चरम सुख मिला था.

फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और भाभी की चुदाई करने लगा.

हमें चुदाई करते हुए अब काफी समय बीत गया था.
अब भाभी फिर से चरम सुख के करीब आ गई थीं पर मेरा नहीं निकल रहा था.

भाभी को थकान हो गई थी और वो अब सोना चाहती थीं.

मैंने भाभी की बात मान ली और अपने हाथ से मुठ मार कर अपने लंड को खाली करने का प्रयास किया मगर जब पानी नहीं निकला तो मैं ऐसे ही लेट गया.

मैंने बहुत सोचा कि भाभी से कहूँ कि मुँह में लंड लेकर रस निकाल दो मगर मैंने उनसे लंड चूसने के लिए नहीं कहा.

मुझे मालूम था कि भाभी का मन होगा तो वो खुद से लंड चूसेंगी.

मैं धीरे धीरे शांत हो गया और हम दोनों एक साथ नंगे सो गए.

फिर दो घंटा बाद हम दोनों उठे और भाभी ने मुझसे कहा- अक्षय तेरा तो निकला ही नहीं था.
मैंने कहा- हां भाभी, मैंने कल रात को और आज सुबह आपकी याद में मुठ मार ली थी. मेरी चुदाई देर तक करने की क्षमता भी बहुत ज्यादा है. मैंने सेक्स के बारे में बहुत अध्ययन भी किया है कि सेक्स अच्छे से कैसे करते हैं. सेक्स कैसे किया जाए और लड़की को कैसे चरम सुख किस तरह से दिया जा सकता है. लड़की को बार स्खलित कैसे करवाया जाए.

मैंने देखा कि भाभी ये सब सुनकर बहुत खुश थीं.

फिर भाभी ने कहा- तुमने अभी तक कितनी लड़कियों के साथ सेक्स किया है?
तो मैंने बताया- दो के साथ, वो दोनों मेरी गर्लफ्रेंड थीं.

फिर मैंने भाभी से पूछा- आपने किस किस के साथ किया है?
भाभी ने बोला कि मैंने अपने पति के साथ ही किया है. कॉलेज में ये ही बॉयफ्रेंड थे और मेरी इनसे ही शादी हो गयी, तो किसी और से नहीं किया. पर आज तेरे साथ किया.

मैं बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा था कि इतनी मस्त भाभी की चूत आज मेरे लंड को मिली.
आज से पहले मैंने बस भाभी को देख कर सोचा था कि उन्हें चोदने का मजा मिल है.
फिर आज नसीब जागा तो मैंने भाभी को चोद भी लिया.

हम दोनों का मूड फिर से बनने लगा.

मैंने भाभी को नीचे खड़ा किया और नजर भर कर अच्छे से देखा.
भाभी की चूची को, चूत को, चूतड़ों को खूब सहलाया और चूमा.

अब मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैंने भाभी से कहा- यदि आप मुझे भी चरम सुख प्राप्त करवा दो, तो मुझे भी मजा आ जाएगा.
भाभी ने कहा- तुम अभी मेरे साथ ही हो … सब हो जाएगा.

मैंने उनकी तरफ देख कर अपना लंड सहलाया.

तो भाभी ने कहा- अक्षय, आज तुमने मेरी चूत बहुत अच्छे से चाटी है. मुझे मजा आ गया.
मैंने लंड हिला कर कहा- हां भाभी मेरा लंड भी प्यासा है, यदि आप इसको भी चाट लो तो मुझे भी मजा आ जाएगा.

भाभी ने ये सुनते ही मेरे लंड को पकड़ा और थोड़ा सा हिला कर कहा- मैं तो कब से चूसना चाहती थी मगर तुमने कहा ही नहीं!
मैंने कहा- हां, मुझे लग रहा था कि आप खुद ही चूसने लगोगी.

अब मेरा 6 इंच का लंड कड़क हो गया था और भाभी के मुँह में जाने को तैयार था.

भाभी ने लंड को किस किया और अपने होंठों से लंड को चाटना शुरू किया.
मैंने उनकी चूची को जोर से दबा दिया तो भाभी का मुँह खुल गया और मैंने लंड मुँह में पेल दिया.

भाभी लंड चूसने लगीं.

थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा.

भाभी ज़ोर ज़ोर से आवाज निकालने लगीं- आंह चोद दे … चोद और ज़ोर से डाल … पूरा पेल दे … आह मजा आ रहा है.

मैं भी भाभी को हचक कर चोदने लगा. कुछ देर बाद मेरा भी निकलने को हो गया.

मैंने कहा- मेरा रस आने वाला है भाभी!
भाभी ने कहा- बाहर निकालना वरना बच्चा हो जाएगा.

मैंने वीर्य बाहर निकाला और भाभी को देखने लगा.

अब मैं थक गया था.
हम दोनों ने कुछ नाश्ता किया और हम दोनों सो गए.

अब हम दोनों सीधे शाम को उठे.
शाम को हम दोनों घूमने निकल गए.

भाभी ने मेरे लिए और अपने लिए शॉपिंग की और हम दोनों वापस घर आ गए.

उसके बाद मैंने भाभी के लिए डिनर बनाया और भाभी को मेरा बनाया डिनर बहुत पसंद आया.
फिर खाना खाकर हम दोनों बिस्तर पर आ गए.

रात को हम दोनों ने खूब चुदाई की.
मुझे बहुत अच्छे सेक्स से करना आता है तो मैंने रात को भाभी को दो बार में कई स्टाइल में चोदा.
भाभी को रात में बार बार चरम सुख का आनन्द प्राप्त हुआ.

हम दोनों थक कर सो गए.

अब हम दोनों रोज चुदाई करने लगे थे.
मेरी सभी आसनों में चुदकर भाभी को बहुत अच्छा लगता.
भाभी बहुत खुश रहने लगी थीं.
चुदने से भाभी और ज्यादा गोरी और मस्त हो गयी थीं.

वो मुझसे कहने लगी थीं- अक्षय तुम जादूगर हो … मैं तुमसे कुछ और भी चाहती हूँ.
मैंने उनसे पूछा, तो बोलीं- मैं बाद में बताऊंगी.

मैं समझ नहीं पाता था कि भाभी को मुझसे और क्या चाहिए था.

एक दिन रात को मेरे फोन पर एक अंजान नंबर से व्हाट्सएप्प पर मैसेज आया.

मैंने बात की तो पता लगा कि ये अंकिता भाभी की कोई फ्रेंड थी.
भाभी की उस सहेली ने मुझको अपने घर चुदाई के लिए बुलाया.
मैंने उसको भी चरम सुख दिया.

मैंने नीचे अपनी ईमेल आईडी दी है, आप सभी मुझको ईमेल करके जरूर बताएं कि आपको मेरी ये Xxx भाभी सेक्स कहानी कैसी लगी.
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top