हरामी चच्चा ने चोद कर मजा दिया
(Bad Uncle Hot Sex In Family)
बैड अंकल हॉट सेक्स इन फॅमिली कहानी में मैं जवान हुई तो मेरा चाचा मुझे छेड़ने लगा. वह मेरी जवानी का मजा लेना चाहता था. मुझे भी इसमें मजा आता था.
दोस्तो, मेरा नाम आशिफा है. मैं रुद्रपुर उत्तराखंड की रहने वाली हूँ. मैं अभी 19 साल की हुई ही हूँ और मेरा फिगर 32-28-34 का है.
मैं बहुत खूबसूरत हूँ.
मेरे उठे हुए दूध, मोटे मोटे चूतड़ हैं और मेरे उन दोनों मदभरे चूतड़ों के बीच मेरी गांड का छोटा सा कुंवारा छेद है.
मेरी हिलती हुई गांड को देख कर हर कोई मर्द मुठ मारने लगता है.
ऐसे में मेरे हरामी किस्म का चच्चा पीछे क्यों रहता, वह भी मेरी जवानी के रस को चखने के लिए अपने लौड़े को खड़ा करने लगा था.
यह बैड अंकल हॉट सेक्स इन फॅमिली वाली बात कुछ महीने पहले की है, जब मैं कमसिन 18 साल की ताजी ताजी जवान हुई कली थी.
उसी वक्त से मेरे चच्चा ने मुझे लाइन मारना शुरू कर दी थी.
वह मुझे छूने का बहाना ढूंढता … पर मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता था.
एक दिन शाम को हम सब टीवी देख रहे थे.
तभी चच्चा आकर मेरे पास बैठ गया और मेरी जांघ पर अपना हाथ रख कर जांघ को सहलाने लगा.
जब मैंने कुछ नहीं कहा.
तो उसकी हिम्मत बढ़ गई और वह अपने दूसरे हाथ से मेरे एक दूध को दबाने लगा.
मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा तो मैं चच्चा से बिना कुछ कहे ही वहां से चली आयी.
ऐसे ही चच्चा मुझे टच करने की कोशिश करता रहता और मैं उससे बचती रहती.
तीन महीने हो गए थे.
मैं चच्चा से यह सब करने से मना करती, पर चच्चा नहीं मानता था.
एक दिन अब्बू और अम्मी दवाई लेने के लिए डॉक्टर के पास गए थे.
उस वक्त मैं घर पर अकेली थी.
कुछ ही देर बाद मेरा हरामी चच्चा भी घर पर आ गया.
जब उसको पता चला कि मैं अकेली हूँ, तो वह सीधा मेरे पास आ गया और मुझे किस करने लगा.
उस वक्त मैं मोबाइल में कुछ सेक्सी सीन देख रही थी और गर्म थी.
चच्चा ने मेरे दूध दबाए तो मैं भी उसे कुछ न कह पाई.
उस वक्त मुझे भी उसका ये सब करना अच्छा लगने लगा.
वह मेरी छोटी छोटी चूचियों को मसलने लगा.
अब वह मेरे पीछे बैठ गया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों टिकोरे मींजने लगा.
उस समय चच्चा का बड़ा सा लंड मेरी गांड से रगड़ खा रहा था.
तभी चच्चा अपने एक हाथ से मेरी चुत को सहलाने लगा.
अब मेरी चुत से पानी छूटने लगा और चच्चा का हाथ लगते ही मेरी चुत पूरी पानी से भर गई.
चच्चा ने मेरी चुत की नमी को महसूस किया तो उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
मैं उठ कर खड़ी हुई तो सलवार नीचे गिर गई और चच्चा ने उसी समय मुझे खींच कर अपने सामने पलटा लिया.
उसने बिजली की रफ्तार से मेरी चड्डी को भी खींच कर नीचे कर दिया.
उसके हाथ से चड्डी खिंची तो मैं उसके सामने नंगी हो गयी.
चच्चा मेरी कचौड़ी सी लाल गुलाबी चिकनी चूत को देखकर पागल हो गया और चूत को चाटने लगा.
मैं चुत चटवा कर मस्त होने लगी और चच्चा के सर को अपनी चुत पर दबाने लगी.
अभी मजा आना शुरू ही हुआ था कि बाहर से अब्बू की गाड़ी के रुकने की आवाज आई.
मैंने जल्दी से चड्डी और सलवार को ऊपर चढ़ा लिया और खुद को सही करने लगी.
चच्चा मान नहीं रहा था तो मैंने जैसे-तैसे उसको समझाया और खाना बनाने किचन में काम करने लगी.
तब चच्चा मोबाइल देखने का बहाना करने लगा.
अम्मी अब्बू घर में आ गए.
अम्मी ने मुझे देखा तो वे भी किचन में आकर खाना बनाने में मेरी मदद करने लगीं.
सब कुछ सामान्य हो गया था.
फिर शाम को खाना खाकर सब लेट गए और सोने लगे.
रात के करीब एक बजे चच्चा मेरे पास आकर मेरे साथ मजे करने लगा.
मैं बहुत ही ज्यादा डर गई थी कि अम्मी को पता ना लग जाए कि चच्चा मेरे पास है.
मुझे यह भी डर था कि कहीं चच्चा आज मेरी चूत को फाड़ न दे.
मैंने चच्चा के कुछ करने से पहले ही अम्मी को आवाज लगा दी.
चच्चा जल्दी से मेरे पास से चला गया.
तभी अम्मी ने कहा- क्या हुआ?
मैंने अम्मी को चच्चा के बारे में नहीं बताया.
मैंने कहा- कुछ नहीं चूहा था.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि चच्चा सो गया, तो मैं भी सो गई.
अगले दिन चच्चा ने कहा- तूने अम्मी को आवाज क्यों लगाई थी?
मैंने कहा कि बस मेरा मन नहीं था तो आवाज लगा दी थी. अब यदि आप मेरे पास आए तो मैं अम्मी को सब बता दूँगी.
चच्चा समझ गया कि लड़की के पर निकल आए हैं और अब इसे सैट करना मुश्किल का काम है.
मैं चच्चा से दूर रहने लगी और उससे दो हफ्ते तक कुछ नहीं बोली.
चच्चा भी शांत रहा.
फिर एक दिन अम्मी अब्बू, मामू के घर चले गए.
चच्चा भी उनके साथ गया था. पर चच्चा जल्द वापस आ गया.
मेरे अम्मी अब्बू वहीं रुक गए थे.
अम्मी ने चच्चा से बोला था कि रात को आशिफा के पास लेट जाना, उसे अकेले सोने में डर लगता है.
चच्चा की तो मानो ईद हो गई थी.
चच्चा रात में वापस आ गया.
सर्दी के दिन थे तो जल्दी अंधेरा हो जाता था.
मैंने चच्चा को खाना दिया और उसका बिस्तर अपने ही कमरे में डबल बेड के पास चारपाई पर लगा दिया.
चच्चा कुछ देर तो अपने बिस्तर पर लेटा रहा, बाद में अपना लिहाफ लेकर मेरे पास बिस्तर पर आ गया.
मैं बेखबर सो रही थी.
जब उसने मेरे पास आकर मुझे टच किया, तो मैं जग गई और उसे देख कर मैं एकदम से डर गई.
मैंने चच्चा से मना किया, वह फिर भी नहीं माना और मुझे किस करने लगा.
थोड़ी देर मना करने के बाद मैं भी चच्चा का साथ देने लगी.
फिर चच्चा ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा.
मेरे मुँह से बस ‘उह आह उई अम्मी मर गई’ की आवाज निकल रही थी.
चच्चा ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में एकदम से डाल दीं तो मेरी चीख निकल गई- आई अम्मी मर गई!
मैंने चच्चा से कहा- आज मेरी चूत को फाड़ दोगे क्या?
चच्चा हंस दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में उंगली करने लगा.
अब मेरे अन्दर करंट दौड़ने लगा था और मुझे मजा आने लगा था.
मैंने चच्चा से कहा- बस उंगली ही करोगे या अपना लंड भी मेरी चूत में डालोगे?
अब चच्चा ने भी अपना लंड मेरी चूत की तरफ कर दिया.
मैंने कहा- आप खुद ही पेलो.
चच्चा ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और धीरे से धक्का दे दिया.
चच्चा का बड़ा सा लंड मेरी छोटी सी चूत को फाड़ता हुए थोड़ा अन्दर चला गया.
मुझे बहुत दर्द हुआ.
मैंने चच्चा से मना किया- अब मत करो और अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालो. मुझे बहुत जोर का दर्द हो रहा है.
पर अब चच्चा कहां मानने वाला था!
तभी चच्चा ने एक जोर का धक्का दिया और उसका मूसल लंड मेरी कोमल सी चूत को फाड़ता हुआ मेरी चूत में पूरा अन्दर तक घुसता चला गया.
मैं दर्द से बेचैन होकर तड़फ उठी.
मेरी आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी- चच्चा मर गई … आह चच्चा छोड़ दो … रहने दो अब मत करो!
मगर चच्चा अपने लंड को और जोर जोर से मेरी चुत में अन्दर बाहर करने में लग गया.
कुछ ही देर में चच्चा ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया.
अब उसके लौड़े से मुझे लज्जत मिलने लगी थी और मेरी चीखों की आवाजें मस्ती भरी कराहों में बदल गई थीं- उह आह उह चच्चा … मस्त मजा आ रहा है. आह आह उह आह!
मैं भी उसका साथ देने लगी थी और अपनी गांड उठा उठा कर उसके लंड को अपनी चूत के अन्दर लेने लगी.
चच्चा भी जोर जोर से मुझे चोदने लगे.
मैं भी गांड घुमा घुमा कर चच्चा के लंड को अपनी चूत के अन्दर लेने लगी.
फिर मैं झड़ गई और सच बताऊं तो अब तक मैं 3 बार झड़ चुकी थी.
चच्चा ने लगातार 35 मिनट तक मुझे चोदा और अब चच्चा भी झड़ने वाला था.
उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया और मेरे मुँह में डाल दिया.
थोड़ी देर बाद चच्चा भी मेरे मुँह में ही झड़ गया.
चच्चा के लंड से निकला सारा वीर्य मैं पी गई.
मुझे अपने हरामी चच्चा का वीर्य बहुत अच्छा लगा.
उसके बाद चच्चा ने मुझे कुतिया बनाकर, घोड़ी बनाकर चोदा, खड़ा करके पेला, मुझे बैठा कर, जमीन पर लेटा कर, उल्टा करके हर तरीके से चच्चा ने मुझे पूरी रात चोदा.
सुबह जब मैं उठी, तो मेरी दोनों चूचियां लाल हो चुकी थीं.
मेरी चूत में सूजन आ गई थी.
हम दोनों ऐसे सोए कि सीधे सुबह दस बजे उठे थे.
उसके बाद चच्चा को जब भी मौका मिलता था, वह मेरी खूब चुदाई करता था.
मैं भी उससे चुदवाने का मौका देखती थी.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मेरे सगे चच्चा ने मुझे हर तरह से संतुष्ट किया.
अपनी संतुष्टि से खुश होकर ही मैंने आज आप लोगों को अपनी सेक्स कहानी लिख कर बताई है.
मैं आपकी प्यारी आशिफा, आपसे फिर से मिलूँगी और अगली कहानी में और भी मस्त चुदाई सच्ची सेक्स कहानी के साथ आपके लौड़े निचोड़ूँगी.
बैड अंकल हॉट सेक्स इन फॅमिली कहानी आपको कैसी लगी?
बाय
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