शादी में भाभी और उनकी बहन संग रंगरेलियां- 1
(Mastaram Net Story )
मस्तराम नेट स्टोरी में मैं भाभी के साथ उनके मायके में था. वहन उनकी बहन भी थी जिसे मैं चोद चुका था. उस रात मैं भाभी और उनकी बहन एक साथ सो रहे थे. तब मैंने भाभी की बहन को चोदा.
दोस्तो, कैसे हैं आप लोग!
मैं राजकुमार, प्रयागराज से फिर से आप लोगों के सामने अपनी नई सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
पिछली सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी भाभी की बहन की उसके घर में चुदाई की और उसने भाभी की भी चूत दिलवाने का वादा किया.
उस सेक्स कहानी को आप
भाभी की बहन की धमाकेदार चुदाई
इस शीर्षक से पढ़ सकते हैं.
ये मस्तराम नेट स्टोरी थोड़ी लंबी हो सकती है लेकिन धैर्य रखकर पढ़ें.
मेरी इस बात की गारंटी है कि कहानी पढ़ने के बाद महिलाएं चूत में उंगली करके और मर्द लौड़े हिलाकर पानी निकाले बिना नहीं रह पाएंगे.
मेरे लेखन में कुछ गलतियां दिखाई दे सकती हैं, तो कृपया माफ करें.
अब तक मैं रजनी की चुदाई की कहानी में आपको बताया था कि मैं उसे चोदने उसके घर में गया था.
अब आगे :
रात भर चुदाई के बाद मैं उसके पास रुक गया और 4 दिन तक उसकी खूब चुदाई की.
इसके बाद मैं घर आ गया और पहले की तरह उससे बातें होने लगीं.
उसके पास जाने का मौका नहीं मिल रहा था तो हम दोनों फोन पर ही सेक्स करने लगे.
फिर लगभग 3 महीने बाद रजनी के छोटे भाई की शादी तय हुई जो कि बीते साल के आखिर में होनी थी.
मेरी भाभी शादी की तैयारी के लिए एक महीना पहले ही मायके चली गईं.
उनका भाई बंगलौर की प्राइवेट कम्पनी में काम करता है जिसकी वजह से उसको शादी से केवल 5 दिन पहले से छुट्टी मिली.
जैसा कि आप लोग जानते हैं कि शादी के घर में सैकड़ों काम होते हैं.
इसी के चलते उन सब कामों को करने के लिए भाभी की दीदी ने शादी के 15 दिन पहले मुझे बुला लिया.
मैं खुशी खुशी चला भी गया.
पहले दिन मेरा बिस्तर भाभी की माँ के कमरे में लगा दिया.
रात जैसे तैसे गुजरी.
सुबह मैंने रजनी को बुलाया और उससे बात की कि ऐसे काम नहीं चलेगा.
यह सुनकर रजनी बोली- रुको, कुछ इंतजाम करते हैं.
अगली रात दो तख्त एक साथ लगाकर चार लोगों के लेटने की व्यवस्था हुई.
उधर मैं, भाभी, रजनी और मेरा भतीजा सो गया.
मैं बता दूं कि मेरी भाभी की उम्र 28 साल है और उनका दो साल का एक लड़का है.
भाभी का शरीर एकदम मस्त भरा हुआ है और उनके मम्मों से अभी भी दूध आता है.
मैं तकरीबन 9 बजे खाना खाकर लेट गया.
चूंकि गांव में शादी के समय रात में गाना बजाना होता है.
इसी वजह से रजनी और भाभी देर रात को कमरे में आईं.
रजनी मेरे बगल लेट गयी और उनके बाद भाभी.
जैसा कि मुझे पहले से पता था कि आज साथ लेटने वाले थे तो मैंने पहले से सारी व्यवस्था कर रखी थी.
रजनी लेटने के बाद अपना कंबल छोड़ कर मेरे कंबल में आ गयी और उसने धीरे से मुझे जगाया.
मैं जाग गया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे.
रजनी की ‘उम्ह … उम्ह … आह …’ की आवाज़ आने लगी.
चूंकि बगल में भाभी लेटी थीं तो ज्यादा तेज आवाज़ नहीं कर सकते थे.
फिर मैंने धीरे से रजनी के चूचे दबाने शुरू कर दिए, जिससे उसके मुँह से कामुक आवाजें निकलना तेज हो गईं.
मैंने फिर रजनी के कुर्ते को ऊपर कर दिया और उसकी ब्रा को सरका कर उसका एक दूध अपने मुँह में भर कर चूसने लगा.
रजनी मीठी मीठी सिसकारियां लेने लगी- उम्ह … आह … सी … उम्ह … काटो नहीं यार … आह कितना मजा आ रहा है आह सी!
मैं पूरे जोश में बारी बारी से रजनी के दोनों चूचे पी रहा था.
पीते पीते मैंने अचानक से रजनी के दूध पर तेजी से काट लिया तो वह चीख़ पड़ी- ऊई मम्ममी..!
मैं सकपका गया.
थोड़ी देर में वह संयत हो गई और मैंने वापस धीरे धीरे चूसना चालू कर दिया.
उसकी मादक कराहें ‘आह आह सी..’ की निकलने लगीं.
फिर मैं उठा और अपने बैग को खोल कर उसमें से कंडोम ढूंढने लगा.
यह बैग मैं पहले से से उस कमरे से इस कमरे में ले आया था.
मैंने बैग में से कंडोम निकाला और वापस कंबल में आ गया.
फिर धीरे से नीचे को आकर रजनी की टांगों से उसकी सलवार और पैंटी को नीचे करके चूत को चूसने लगा.
इस बार रजनी काफी दिन बाद चुद रही थी तो उसकी सिसकारियां कुछ ज्यादा तेज स्वर में निकलने लगी थीं.
‘उम्ह … आह … सी …’
मैं मस्ती से चुत चूसने में अभी लगा हुआ ही था कि रजनी उठी और वह मुझे लिटा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गयी.
उसने मेरा लोवर और अंडरवीयर नीचे कर दिया और मेरा आधा सख्त हुआ लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
आह मजा आ गया.
सच में रजनी को लौड़ा चूसने का बड़ा बढ़िया अनुभव है.
वह लंड को अपने कंठ के अंतिम छोर तक ले जा रही थी और मेरी गोटियों को भी हाथ सहला कर लौड़े में मस्ती भर रही थी.
उस वक़्त मैं कैसा महसूस कर रहा था, शब्दों में नहीं बता सकता.
बस मेरे मुँह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … सक इट बेबी’ जैसी आवाज़ें निकल रही थीं.
फिर रजनी ने मेरे हाथ से कंडोम लिया और लंड पर लगाकर वह लौड़े को अपनी चुत में घुसेड़ने लगी.
जैसे ही छेद और सुपारे का मिलन हुआ, वह धच से लंड पर बैठ कर घुड़सवारी करने लगी.
उसके मुँह से ‘उम्ह … उम्ह … आह … सी सी …’ की आवाज़ें निकल रही थीं.
लगभग दस मिनट बाद रजनी बहुत तेजी से लंड पर अन्दर बाहर करने लगी और उसके मुँह से तेज तेज आवाज़ें निकलने लगीं.
तभी बगल में कुछ हलचल हुई, जिससे मुझे लगा कि शायद भाभी जाग गयी हैं.
मैंने रजनी को इशारा किया.
रजनी बिना आवाज़ किए मेरे ऊपर लेट गयी और धीरे से मेरे लौड़े से उतर कर साइड में होकर कपड़े पहनने लगी.
उधर से भाभी ने हाथ रजनी की तरफ बढ़ाया लेकिन उन्होंने जब अपने बाजू में रजनी को नहीं पाया तो वे उठकर बैठ गईं.
उन्होंने कमरे की लाइट ऑन कर दी और हम दोनों को देख लिया.
पहले तो भाभी ने गुस्सा किया और हम दोनों को डांटा.
फिर बोलीं- अब सुबह बात होगी. चुपचाप सो जाओ!
इसके बाद सब सो गए.
सुबह जब मैं उठा, तो सब लोग घर में काम में लगे थे.
मैंने भाभी की माँ से काम पूछा और बाइक लेकर निकल गया क्योंकि भाभी से डर लग रहा था.
मैं दोपहर तक घर नहीं आया, इस बीच भाभी ने 2-3 बार काल किया, पर मैंने नहीं उठाया.
लगभग एक बजे तक मैंने सारे काम निपटाए और बाहर एक दुकान पर बैठ कर चाय पीने लगा था.
तभी रजनी का फोन आया, मैंने तुरंत उठाया और बात हुई.
वह बोली- डरो मत तुम्हारी भाभी से मैंने बात कर ली, घर आ जाओ … रात के लिए व्यवस्था करके आना.
मैं बहुत खुश हुआ कि आज भाभी की चूत चोदने को मिलेगी.
मैं पहले मेडिकल स्टोर गया, उधर से रिब्ड कंडोम लिया और सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवा ली.
उसके बाद बेकरी गया और 500 मिलीग्राम की लिक्विड चॉकलेट का पैक ले लिया और उसके अलावा कई सारी चॉकलेट लेकर घर आ गया.
घर पहुंचा तो सामने भाभी ही मिल गईं.
मैं उनसे बिना कुछ बोले सीधा अन्दर चला गया और चॉकलेट का पैकेट ले जाकर फ्रिज में रख दिया.
थोड़ी देर में भाभी आईं और मुझे खाना देकर चली गईं.
मैं खाना खाकर बाहर टहलने निकल गया.
शाम को लौट कर आया तो रजनी मिली और इतरा कर बोली- आज रात में तुमको मेरी और अपनी भाभी दोनों की सेवा करनी हैं!
मैंने कहा- ठीक हैं, लेकिन दोनों लोग रात में रेड कलर की साड़ी पहनना.
रजनी ने बोला- ठीक है.
मैं अब रात की तैयारी करने लगा.
मैंने फ्रिज में बर्फ जमने के लिए रख दिया.
फिर रात का खाना खाकर लेट गया और मोबाइल चलाने लगा.
आज रात गाने का प्रोग्राम जल्दी खत्म हो गया.
लगभग 11 बजे के बाद रजनी कमरे में आयी.
वह रेड साडी में कमाल लग रही थी.
मैंने पूछा- कब पहनी?
तो वह बोली- आज गाने के टाइम से ही पहन रखी थी … तुम अपनी बताओ … सेवा के लिेए तैयार हो?
मैं बोला- आओ तो सही पहले, छेद का कबाड़ा कर दूंगा.
वह हंस कर बाहर चली गयी.
मैं उठा और मैंने झट से सेक्स पॉवर बढ़ाने की दवा खा ली.
लगभग 20 मिनट बाद भाभी और रजनी दोनों साथ में आईं.
भाभी भी रेड कलर की साड़ी में थीं और कयामत ढा रही थीं.
उनके 36 इंच के चूतड़ बाहर को निकले हुए देखकर मन कर रहा था कि अभी पटक कर चोद दूं.
फिर मैंने सब्र करना ठीक लगा क्योंकि सब्र का मीठा फल मिलने वाला था.
रजनी मेरे बाईं तरफ आकर बैठ गयी और भाभी भतीजे को ठीक से कंबल ओढ़ाने लगीं.
फिर वे आकर दाईं तरफ बैठ गईं.
थोड़ी देर तक कमरे में एकदम सन्नाटा छाया रहा था.
फिर रजनी मुझे पकड़ कर किस करने लगी.
मैं भी रजनी को किस करने लगा.
एक हाथ से मैंने भाभी को अपनी तरफ खींचा तो भाभी एकदम से मेरे पास आ गईं.
मैंने रजनी को किस करना छोड़ा और भाभी को किस करने लगा.
भाभी गर्म सिसकरियां लेने लगीं ‘उम्ह … उम्ह … आह .. आह … सी …’
भाभी को किस करते हुए मैंने उनको चित लिटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट कर उन्हें किस करने लगा.
अब बस कमरे से ‘उम् … आह … उम्ह … उम्ह … आह सी …’ की आवाज़ें आ रही थीं.
पीछे से रजनी आकर मेरे बालों पर हाथ घुमाने लगी.
मैं भाभी को किस कर रहा रहा था और एक हाथ से साड़ी के ऊपर से ही बाजू में लेटी रजनी के चूचे दबाने लगा.
सबके मुँह से मस्ती भरी आवाजें गूंजने लगी थीं.
मैं भाभी के गले पर चूमने लगा तो शायद भाभी ज्यादा उत्तेजित हो गई थीं.
उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और आह … सी … की कामुक आवाज़ें भरने लगीं.
धीरे धीरे मैं भाभी की चूचियों तक पहुंच गया और ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी एक चूची को भर कर काट लिया, जिससे भाभी चीख़ उठीं.
फिर मैंने भाभी की पूरी साड़ी निकाल दी और उनके पेट पर चूमने लगा.
मैं अपने दोनों हाथों से भाभी की चूचियां दबा रहा था और पेट पर चूम रहा था.
उनकी चुदास भरी आवाजें ‘आह … आह …. ईई … मुझे और ज्यादा कामुक कर रही थीं.
फिर मैंने रजनी से फ्रिज से आइस क्यूब और चॉकलेट लाने को कहा.
रजनी उठकर चॉकलेट और आइस क्यूब लाने चली गयी.
इसी बीच भाभी ने मेरी टी-शर्ट और लोवर निकाल कर फेंक दिया.
वे मुझे धक्का देकर बिस्तर पर गिरा कर मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे होंठों पर किस करने लगीं.
मैंने भी भाभी का साया निकाल कर फेंक दिया.
अब वे सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई थीं और मैं केवल बरमुडा में था.
तब तक रजनी आ गयी और बगल में लेट गयी.
वह मुझे किस करने लगी.
मैं भी रजनी को किस करने लगा.
मेरे ऊपर चढ़ कर भाभी तो मेरे सीने के निप्पलों को अपनी जीभ से चाटती हुई उन्हें दांतों से पकड़ कर चूस रही थीं.
ठंड के मौसम में भी कमरे का मौसम एकदम गर्म हो गया था.
बस ‘आह … आह …. ईई … आह … सी.’ की कामुक आवाज़ें आ रही थीं.
दोस्तो, मेरी मस्तराम नेट स्टोरी आपको अच्छी लग रही होगी, प्लीज अपने कमेंट्स करके जरूर बताएं.
इससे आगे की कहानी को मैं अगले भाग में लिखूँगा.
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मस्तराम नेट स्टोरी का अगला भाग: शादी में भाभी और उनकी बहन संग रंगरेलियां- 2
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