फूफा जी ने मुझे ट्रेन में चोदकर औरत बनाया- 2
(Old Young Chudai Story)
ओल्ड यंग चुदाई स्टोरी में मैं अपने फूफा को सेक्स के लिए तैयार कर चुकी थी. हमने अपनी पहली चुदाई चलती ट्रेन के फर्स्ट क्लास के कूपे में की.
दोस्तो, मैं कुमकुम आपको अपनी सीलपैक चुत की चुदाई की कहानी सुना रही थी.
कहानी के पहले भाग
मैंने फूफा जी को पटाकर चुदाई की तैयारी की
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि चलती ट्रेन के फर्स्ट एसी के दो बर्थ वाले कूपे में मेरी कुंवारी चुत में राज फूफा जी ने अपना मोटा लंड पेल दिया था, जिससे मुझे बेहद दर्द हो रहा था.
अब आगे ओल्ड यंग चुदाई स्टोरी:
राज फूफा जी ने मुझे दर्द से तड़फते हुए देख कर मुझे लेटा दिया.
लेकिन उन्होंने अपना लंड मेरी चुत से नहीं निकाला और वे मेरे ऊपर लेट कर पूरी तरह से छा गए.
वे मुझे सहलाने लगे, मेरे स्तनों को अपने हाथों से सहलाते हुए चुंबन लेते रहे.
कुछ देर बाद जब मैं थोड़ा सामान्य हुई तो राज फूफा जी फिर से अपना लिंग अन्दर-बाहर करने में जुट गए.
इस बार वे मेरी आंखों में आंखें डालकर मुझे चोद रहे थे.
मैं भी अब मज़ा ले रही थी क्योंकि अब मुझे भी मज़ा आने लगा था.
मेरा दर्द मज़े में बदल चुका था और मेरी चुत की सील टूट चुकी थी.
हालांकि मेरी चुत कई बार पानी छोड़ चुकी थी जिस वजह से चुत में चिकनाई काफी ज्यादा हो गई थी और लौड़े की मोटाई अब दर्द की जगह मजा देने लगी थी.
फूफा जी एक शातिर खिलाड़ी की तरह मुझे सहलाते हुए चोद रहे थे.
साथ ही वे मुझे बार-बार चुंबन भी कर रहा था.
उन्होंने मेरे चेहरे, होंठ, जीभ, आंखों, यहां तक कि मेरे स्तनों को भी खूब चूसा.
उस दौरान मेरा पानी बार बार गिर रहा था और मेरे आनन्द की कोई सीमा नहीं थी.
मैं तो बस उस हसीन चुदाई का मज़ा ले रही थी.
मैं बोल रही थी- राज … आह अह … करो … मज़ा आ रहा है. सच में राज, आज से पहले कभी इतना मज़ा नहीं आया. ओह ओह … आह आह … यस यस फक मी.
मेरी चूड़ियां भी लौड़े की लय के साथ बज रही थीं.
तभी राज ने अपना लंड मेरी चुत से निकाला और मेरे पूरे शरीर पर चुंबन करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगे.
अब वे मेरे पैरों तक पहुंच गए और मेरे एक पैर को पकड़ कर उठाया.
मेरी आंखों में देखते हुए फूफा जी ने मेरे पैर के अंगूठे को चूसना शुरू कर दिया.
उनकी इस हरकत से मेरी चुत फिर से गीली हो गई.
तभी राज फूफा जी ने अचानक मेरे पैर को घुमाया और मुझे पलट दिया.
अब मेरी पीठ उसके सामने थी.
राज फूफा जी ने मेरे शरीर को सहलाते हुए ऊपर की ओर बढ़ना शुरू किया.
उन्होंने मेरी गांड पर दो-चार जोर से चपत भी मारी.
मैंने पलट कर उनकी ओर देखा और नज़रों से पूछा कि यह क्या कर रहे हो?
जवाब में राज फूफा जी ने मेरे बालों को पकड़ कर खींचा.
फिर अपनी गांड के पास अपना लंड लाकर मेरी चुत पर पीछे से सैट कर दिया.
उनके इस तरीके से मैं मदहोश होने लगी.
उन्होंने जल्द ही पीछे से मेरी चुत पर लंड सैट किया और एक ही शॉट में उसे अन्दर घुसा दिया.
मुझे फिर से दर्द हुआ लेकिन इस बार राज फूफा जी रुके ही नहीं.
वे अपना लिंग अन्दर-बाहर करने लगे.
चुदाई के साथ ही कभी वे मेरी पीठ पर चुंबन ले लेते, तो कभी मेरे बालों को जोर से खींच लेते.
मैंने अपना मुँह उनकी ओर किया, तो उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और उन्हें काटने-चूसने लगे.
साथ ही राज अपना हाथ आगे करके मेरे स्तनों को जोर से दबा रहे थे.
लेकिन उन्होंने एक पल के लिए भी अपनी चुदाई का कार्यक्रम बंद नहीं किया.
मेरी चुत कई बार स्खलन कर चुकी थी.
मैं अब फूफा जी का नाम लेते हुए बोल रही थी- आह राज डार्लिंग … जल्दी जल्दी करो … मज़ा आ रहा है!
लेकिन राज फूफा जी थे कि थकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.
मुझे भी उनके हर धक्के पर मज़ा बढ़ता जा रहा था.
आखिर में राज ने मेरे मुँह में अपनी उंगली डालते हुए कहा- कुमकुम, मेरा होने वाला है.
मैंने समझा भी नहीं कि क्या बोलना है.
आखिरी के 15-20 जोरदार शॉट मारते हुए राज फूफा जी ने मेरी चुत में अपना सारा वीर्य गिरा दिया और वैसे ही मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गए.
वे मेरी पीठ को चूमते हुए मेरे स्तनों को सहला रहे थे.
मेरा शरीर भी पूरी तरह थक चुका था.
उसी हालत में हम लोग करीब 10 मिनट रहे होंगे.
फिर राज फूफा जी उठे और बोले- कुमकुम, मैं आता हूँ.
मैंने उठकर अपनी चुत को देखा, जिस पर खून लगा था.
मैंने उसे पहले साफ किया, फिर अपना लहंगा पहना ही था कि राज फूफा जी वापस आ गए.
उन्होंने अन्दर आते ही गेट लॉक किया और लाइट्स चालू कर दी.
लाइट चालू होते ही मैं शर्मा गई और अपने स्तनों को दोनों हाथों से ढककर राज फूफा जी के सामने खड़ी हो गई.
फिर वे बोले- तुम बस इतने ही कपड़ों में अच्छी लग रही हो.
मैंने कहा- तुम्हें शर्म नहीं आती? एक जवान लड़की के सामने इस तरह देखते हुए खड़े हो!
राज फूफा जी आगे बढ़े.
मैं बोली- क्या … इतना करके अभी तक थके नहीं?
राज फूफा जी ने कहा- अभी तो सारी रात बाकी है. वैसे भी आज मैं तुम्हें सोने तो देने वाला नहीं हूँ.
वे मेरी ओर आने लगे.
मैं घूमकर सामने वाली दीवार के पास खड़ी हो गई.
राज फूफा जी के सामने मेरी पूरी बैकलेस पीठ थी.
राज फूफा जी ने सही मौका पाते हुए मेरे बालों को हटाते हुए मेरी पीठ पर चुंबनों की बौछार कर दी.
उन्होंने कहा- काश कुमकुम, तुम मुझे पहले मिली होतीं!
मैंने जवाब दिया- लेकिन अब तो मिल गई हूँ न!
इस पर राज फूफा जी ने पीछे से ही मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
उधर उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर चला गया.
धीरे-धीरे मेरे हाथों को हटाते हुए उन्होंने मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाना और मसलना शुरू कर दिया.
मैं तो शर्म से पानी-पानी हो रही थी.
राज फूफा जी मेरे बूब्स दबाने के साथ-साथ अब धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगे थे.
वे मेरी पीठ और कमर पर चुंबन लेने लगे.
उधर मेरी चूत का बुरा हाल हो रहा था और मैं कसमसा रही थी.
अब मैं राज से दूर हटते हुए सीट पर जाकर बैठ गई, अपने बूब्स को छुपाते हुए.
राज मुस्कुराते हुए मेरे पास आया और मेरे पैरों को खींचकर मुझे लेटा दिया.
फिर उन्होंने मेरे लहंगे को अपने हाथों से ऊपर करना शुरू किया और उसे मेरी कमर तक ले आए.
अब मेरी चूत फूफा जी के सामने थी, जिसे वे बड़ी ही ललचाई नजरों से देख रहे थे.
राज फूफा जी मेरी जांघों को सहलाते हुए धीरे-धीरे अपने चेहरे को मेरी जांघों पर ले आए और फिर उन्होंने अपने होंठों को मेरी पिंक चूत पर रख दिया.
पहले उन्होंने ऊपर से चुंबन लेना शुरू किया और उन्होंने मेरी चुत को अपनी जीभ से कुरेदना और काटना शुरू कर दिया.
मेरी चूत तो पहले ही गीली हो चुकी थी और पानी भी छोड़ चुकी थी.
राज फूफा जी ने अब अपनी जीभ को मेरी चूत के दाने पर और फिर चूत के अन्दर ले जाकर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया.
मेरे हाथ मेरे बूब्स को छोड़कर उनके सिर तक चले गए और मैं उनके सिर को दबाने लगी ताकि वे और ज्यादा अपनी जीभ को मेरी चूत में डालकर उससे खेलें.
साथ ही अब मेरी आहें भी निकलने लगीं.
मैं बोल रही थी- आह राज … ऐसे ही करो … आह और अन्दर तक … मजा आ रहा है. बस करते रहो ओह राज, आह आह!
राज फूफा जी अपनी मस्ती में मेरी चुत को चाट रहे थे.
‘सच राज, बुआ सच कहती थीं, तुम असली मर्द हो. आज मैं सच में तुम्हारी हो गई!’
काफी समय बाद राज फूफा जी ने मुझे छोड़ा और सीट पर बैठ गए.
वे मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगे और मैं अपने चेहरे पर एक हारी हुई मुस्कान के साथ शर्माती हुई उनकी ओर देख रही थी.
राज फूफा जी ने कहा- चल आ जा मेरी रानी. तुझे आज जन्नत दिखाता हूँ.
फूफा जी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खड़ा किया और फिर मुझे घुटनों के बल बैठने को कहा.
मैं जैसे ही घुटनों के बल बैठी, राज फूफा जी ने मेरे चेहरे को पकड़ कर पहले मेरे माथे पर एक चुंबन लिया और मेरे बालों को एक साथ करते हुए मेरे चेहरे को अपने लंड के सामने ले आए.
अब मेरा चेहरा उनके लंड के सामने था और उनका लंड फुल स्टैंड पोजीशन में खड़ा था.
मैं जान रही थी कि राज फूफा जी अब क्या करने वाले हैं.
राज फूफा जी ने अपने लंड को पहले मेरे होंठों पर रगड़ा.
फिर उन्होंने मुझसे कहा- अपना मुँह खोलो.
मैंने अपना मुँह खोला तो फूफा जी ने अपने लंड को सीधा मेरे मुँह में घुसा दिया और कहा- मेरी कुमकुम रानी, चूस ले … बहुत मजा आएगा हम दोनों को!
राज फूफा जी की बात मानते हुए मैं उसके लंड को चूसने लगी.
साथ ही वे अपने हाथों से मेरे सिर को ऊपर नीचे करते हुए अपने लंड को चुसवाने लगे.
कुछ देर तो मुझे अजीब लगा लेकिन उसके बाद मुझे भी काफी मजा आने लगा और मैं उनका साथ देने लगी.
अब तो मेरे मुँह से आवाजें भी आने लगी थीं जिससे राज फूफा जी और मस्ती में आ जाते और मेरे बालों को पकड़ कर अपने लंड पर थपथपाने लगते.
साथ ही वे बीच-बीच में अपने हाथों से मेरे बूब्स को जोर से पकड़ कर निचोड़ भी देते.
मुझे मजा तो आ रहा था लेकिन साथ ही फूफा जी का लंड मेरे गले तक चला जाता, जिसके कारण मेरा दम भी घुटने लगता.
काफी देर बाद राज फूफा जी ने मुझे छोड़ा और मैं उनसे दूर हटकर खड़ी हो गई.
तभी राज फूफा जी फिर से खड़े हुए और उन्होंने मुझे अपने दोनों हाथों में ऐसे उठा लिया मानो मैं कागज सी हल्की हूँ.
उनका एक हाथ मेरी कमर पर और दूसरा हाथ मेरे घुटनों पर था.
उसी पकड़ को मजबूती देते हुए उन्होंने मुझे पकड़ कर उठा लिया.
अब मैं सिर्फ उनकी आंखों में देख रही थी.
राज फूफा जी मुझे वैसे ही लेकर बर्थ पर बैठ गए.
मैंने अपनी बांहों को उनके गले में डाल रखा था.
अब वे धीरे-धीरे मेरे चेहरे को अपनी ओर ले जाने लगे.
साथ ही उन्होंने अपना हाथ मेरे लहंगे को ऊपर करने में लगा दिया.
कुछ पल बाद फूफा जी ने मेरे होंठों पर चुंबन लेना शुरू कर दिया और साथ ही नीचे मेरी जांघों पर सहलाने लगे.
मेरे बूब्स उनकी छाती से लगकर दब रहे थे.
ऊपर उनकी जीभ मेरे मुँह में आ चुकी थी और हमारा स्मूच शुरू हो गया.
साथ ही उन्होंने मेरी पीठ पर भी हाथ चलाना जारी रखा.
उधर नीचे मेरी चूत का बुरा हाल हो रहा था और चूत से पानी भी आने लगा था.
राज फूफा जी ने फिर से मेरे लहंगे के बंधन को खोल दिया और धीरे-धीरे मेरे लहंगे को मेरे शरीर से निकाल दिया.
इस तरह से एक बार फिर से उन्होंने मुझे पूरी तरह निर्वस्त्र कर दिया.
कुछ देर तक वे मेरे शरीर के साथ प्यार करते रहे.
फिर उन्होंने अपना मुँह नीचे करके मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया.
लेकिन इस बार वे पूरे वेग से चूस रहे थे, यहां तक की काट भी ले रहे थे.
मैं भी उनका साथ दे रही थी, उनके सिर पर हाथ रख कर अपने बूब्स पर दबा रही थी.
मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- ओह राज … और चूसो उह … उह … मजा आ रहा है!
फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरे पीछे आ गए.
उन्होंने मेरे बालों को आगे की ओर करते हुए मेरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया.
वे मेरी गर्दन को भी चूसने लगे.
इसके बाद उन्होंने अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ाते हुए मेरे दोनों बूब्स पर रख दिया.
पहले वे हल्के-हल्के से मेरे दूध सहलाने लगे, फिर जोर जोर से दबाने लगे.
मैं बस उस पल का मजा ले रही थी.
कुछ देर बाद उन्होंने मेरे दोनों हाथों को सीट पर रखवाया और मेरी पीठ पर किस करते हुए मेरी गांड तक आ गए.
उन्होंने पहले बहुत प्यार से मेरी गांड को किस किया.
मैं पीछे मुड़कर यह सब देख भी रही थी.
इस दौरान मेरी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी.
अब वह खड़े हुए और उन्होंने अपने लंड को पहले मेरी चूत पर रगड़ा.
मेरा सारा पानी उनके लंड पर लग गया.
फिर उन्होंने अपने फुल स्टैंड लंड को मेरी गांड पर सैट कर दिया और मेरी कमर पकड़ते हुए हल्का सा पुश किया.
मेरी गांड एकदम टाइट होने के कारण बंद थी जिस वजह से लंड अन्दर नहीं जा रहा था; बस उनका टोपा मेरी गांड पर सटक रहा था.
मैंने राज फूफा जी की ओर देखा और कहा- क्या एक ही दिन में सब कुछ कर लोगे?
इस पर राज फूफा जी ने मेरी गांड पर जोरदार चपत मारते हुए कहा- आज ही तुम्हें पूरी औरत बनाना है, तो तैयार हो जा मेरी कुमकुम.
फिर उन्होंने एक बार फिर से अपना लंड मेरी गांड पर सैट किया और धीरे-धीरे अन्दर करने लगे.
पहले तो मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपना लंड मेरी गांड के अन्दर लगभग डाल ही दिया.
दर्द के कारण मेरा बुरा हाल हो रहा था फिर भी मैं आगे के मजे के लिए उनके साथ देने लगी और इस दर्द को सहने लगी.
कुछ देर बाद उन्होंने धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.
पहले तो मुझे काफी दर्द हुआ, लेकिन धीरे-धीरे दर्द कम होने लगा और शायद मजा भी आने लगा.
जब मैं पूरी तरह नॉर्मल हो गई तो उन्होंने मेरी गांड में लंड अन्दर-बाहर करना तेज कर दिया.
उनकी स्पीड इस बार ज्यादा नहीं थी लेकिन धीरे-धीरे उनकी स्पीड बढ़ने लगी.
अब वे पूरी तरह मेरी गांड मार रहे थे और मुझे भी अब मजा आने लगा था.
राज फूफा जी बीच-बीच में कभी मेरे बालों को खींचते, तो कभी मेरी पीठ पर झुककर किस ले लेते.
कभी आगे हाथ डालकर मेरे बूब्स को पकड़ते, सहलाते और दबा देते.
कभी-कभी मेरी गांड पर चपत भी मारते.
साथ ही वे मेरी गांड की तारीफ भी करते कि कैसे नॉर्मल पोजीशन में भी मेरी गांड निकली रहती है … मेरा पिछवाड़ा कितना आकर्षक है.
लेकिन उन्होंने पीछे से गांड मारना नहीं रोका.
इस दौरान मेरी चूत से पानी की धार निकल कर मेरे पैरों तक आ गई थी.
मेरे बाल पूरी तरह बिखर चुके थे.
बहुत देर बाद उन्होंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.
कुछ देर बाद उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी गांड में डाल दिया और मेरी पीठ के ऊपर निढाल होकर गिर गए.
फिर वे मेरी पीठ पर किस करने लगे.
हम दोनों उसी पोजीशन में एक सीट पर लेट गए.
धीरे-धीरे उनका लंड मेरी गांड से निकल गया.
मेरा सारा शरीर दर्द करने लगा था और मैं उनसे बात करते-करते कब सो गई, पता ही नहीं चला.
सुबह जब उठी, तो राज फूफा जी मुझसे चिपक कर सो रहे थे.
मैं रात की ओल्ड यंग चुदाई की बातें याद करके सोच रही थी कि कितनी हसीन रात बीती थी.
फिर मैंने राज फूफा जी के गाल पर किस करके उन्हें जगाया.
वे भी जाग गया और मुझे और करीब से चिपका लिया.
मैंने कहा- देखो मिल गई न तुम्हें कुमकुम!
वे बोले- कुमकुम, अब सिर्फ मेरी ही रहेगी.
मैंने कहा- चलो, अब दिल्ली आने वाला है.
फिर हम दोनों उठे, अपने कपड़े पहने और तैयार हो गए.
कुछ देर बाद स्टेशन भी आ गया. आगे की कहानी अगली बार.
तो ओल्ड यंग चुदाई स्टोरी कैसी लगी, जरूर बताइए.
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