भाभी की बहन के साथ मस्त चुदाई का मजा

(Sex Play With Married Girl)

सेक्स प्ले विद मैरिड गर्ल का मजा मुझे दिया मेरी भाभी की बहन ने. वह भी शादीशुदा है. एक बार मौका मिला तो मैं उसके घर गया और जम कर सेक्सी खेल खेल कर चुदाई की.

दोस्तो, कैसे हैं आप लोग?
मैं राजकुमार, प्रयागराज से फिर से आप लोगों के सामने अपनी नई सेक्स प्ले कहानी लेकर हाज़िर हूँ.

इसमें मैंने रजनी के साथ सुहागरात की कामुक कहानी को लिखा है कि कैसे मैंने सार रात उसकी चीखें निकालीं!

मुझे उम्मीद है कि आप सभी मुझसे परिचित हैं, तो मैं सीधा अपनी सेक्स प्ले विद मैरिड गर्ल कहानी पर आता हूँ.
जो पाठक नए जुड़े हैं वे साइट पर जाकर मेरे नाम से लिखी हुई सेक्स कहानी
शादी में भाभी और उनकी बहन संग रंगरेलियां
को पढ़ कर मेरे बारे में और रजनी के बारे में जान सकते हैं.

पिछली कहानी में मैंने रजनी और भाभी को एक साथ मजे में चोदा था.
तब से मैं भाभी की चूत चोद कर उसको पूरा फाड़ चुका हूँ.

रजनी ने अभी हाल फिलहाल यानि कि होली पर एक नया फ्लैट लिया है.
यह फ्लैट प्रयागराज की एक अच्छी सी सोसाइटी में है.

उसी फ्लैट की पूजा में मैं गया था.

फिर होली की पूजा के बाद सब घर चले गए. केवल मैं और रजनी के दोनों बच्चे थे.

मैं वहां पर हफ्ते भर रुका था.
चूँकि बच्चे थे तो कुछ हो नहीं पा रहा था.

शनिवार को दोनों बच्चे 2 बजे की छुट्टी के बाद नानी के पास गांव वाले घर पर निकल गए.
उन्हें अब सोमवार की सुबह स्कूल टाइम पर आना था.
हम दोनों घरों में बस 5 किलोमीटर की दूरी है.

बच्चे 3 बजे के आस पास निकल गए, उसके बाद मैंने और रजनी ने सुहागरात का प्लान बनाया.

हम लोग पहले मार्केट गए और रजनी ने फुल बॉडी वैक्स कराया और मेकअप कराया.

मैंने मार्केट से लिक्विड चॉकलेट, बार चॉकलेट और एक बोतल छोटी वाली फ्रूटी ले ली.
कुछ गुलाब के फूल, कंडोम, सेक्स पॉवर की टैबलेट और कुछ दूसरे सामान ले लिए.
फिर हम दोनों फ्लैट में वापस आ गए.

फ्लैट पर आकर चॉकलेट को फ्रीज़ में और फ्रूटी को फ्रीजर में से आइस जमा वाली ट्रे में निकाल कर फ्रीज़ होने के लिए रख दिया.

रजनी ने बेड ठीक करके फूल डाल दिए और खाना बनाने चली गयी.
वह एक घंटा बाद किचन से बाहर आयी और टॉवल लेकर बाथरूम में नहाने चली गयी.
वह नहाकर आयी और खाने को टेबल पर लगाने लगी, तब तक मैं भी नहाकर आ गया.

खाना खाने के बाद रजनी तैयार होने चली गयी और इसी बीच मैंने टैबलेट खा ली.

तभी उसकी आवाज आई और उसने मुझे बेडरूम में आने से मना कर दिया.
वह बोली- जब मैं बुलाऊं, तब आना.

फिर 15 मिनट बाद रजनी ने बुलाया.
वह पीले रंग की साड़ी में क्या ही लग रही थी, एकदम काँटा माल … जैसा हमारी तरफ बोलते हैं.

मेरा मन कर रहा था कि मैं तो क्या … कोई और भी चाहेगा कि ऐसी कांटा माल मिल जाए तो उसी वक्त पटक कर चोद चोद कर चुत को फाड़ डालूँ.

उसके बुलाने पर मैं कमरे में गया और मैंने उसे देख कर हल्की रेड और ब्लू कलर की लाइट जला दी, जिससे कमरा और रोमांटिक लगने लगा था.

मैं बेड पर बैठा और रजनी के करीब गया, उसका घूंघट उठा कर माथे पर किस किया.

बदले में रजनी ने भी माथे पर किस किया.
फिर मैं उसको बांहों में लेकर बेड पर लेट गया.

रजनी मेरी एक बांह पर सर रख कर लेट गई और वह मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी.
मैं बीच बीच में उसको किस कर देता था.

थोड़ी देर ये सब चलने के बाद रजनी ने अपने हाथ को मेरी कमर पर चलाने शुरू कर दिया.

धीरे धीरे उसका हाथ मेरे लंड पर पहुंच गया और लोवर के ऊपर से ही वह मेरे लंड को दबाने लगी.
फिर अचानक से वह मेरे होंठों को अपने होंठों में भर कर चूमने लगी.
वह मेरे होंठों को ऐसे चूम रही थी मानो अभी ही काट लेगी.

पांच मिनट की लगातार चुसाई के बाद वह मेरे होंठों से अलग हुई और मेरी एक बांह पर सर रख कर लेट गयी.

मैंने अब उसको बांहों से पकड़ कर उठाया और बैठा दिया.
उसकी साड़ी का पल्लू नीचे कर दिया तो अब उसका फूला हुआ ब्लाउज दिखने लगा.

मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों को दबा दिया, जिससे उसकी चीख निकल गयी.
फिर मैंने बड़े ही प्यार से उसकी पूरी साड़ी धीरे धीरे करके निकाल दी.

वह मेरे सामने सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गयी थी.
मैंने उसको फिर से बेड पर पूरा लिटा दिया और खुद भी उसके ऊपर लेट गया.

मैं उसे अपने नीचे दबाने लगा, जिससे वह नीचे दबी हुई कसमसा रही थी.
फिर मैं उसके ऊपर से हटा और बगल में लेटकर उसको किस करने लगा.

मैं उसको उसके गले पर किस कर रहा था और चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबा रहा था.
उसकी मादक आवाजें निकलना शुरू हो गयी थीं ‘अह्ह्म … उम्महा अह्ह्म … उम्महा … शीई …’

वह उत्तेजना से अपने होंठों को काट रही थी.

मैं मस्त होकर रजनी के गले और कंधे को चूमता जा रहा था.
वह कामुक आवाजों से मेरे लौड़े को और सख्त कर रही थी ‘अह्ह्म … उम्महा अह्ह्म … उम्मह …’

उसकी गर्म आवाजें निरंतर निकल रही थीं.

कुछ देर के बाद मैं थोड़ा नीचे को सरका और उसके क्लीवेज पर आ गया.

मैंने उसके क्लीवेज को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाकर चूसने लगा और बूब्स को दबाकर क्लीवेज को चूसने लगा, जिससे रजनी मस्त होने लगी और आहें भरने लगी.

रजनी के मुँह से सिर्फ आह … आह … की कामुक आवाज़ें आ रही थीं.

मैंने धीरे से उसके ब्लाउज के हुक खोले और ब्लाउज को हटा दिया.
ब्लाउज हटा तो अगले ही पल मैंने उसे अपनी बांहों में भरा और पीछे हाथ ले जाकर मैंने उसकी ब्रा के हुक को भी खोल दिया.

ब्रा ढीली होकर अलग को हुई तो उसके दूध उछल कर फुदकने लगे.

मैंने उसकी अधखुली ब्रा को निकाल दिया.
उसके बाद रजनी ने मेरे कपड़े निकाल दिए.
उसी दौरान मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया.

उसके 36 साइज़ के बूब्स मेरी आंखों के सामने एकदम नोक उठाए खड़े हो गए थे.

एकदम कड़क निप्पल देख कर मुझसे रहा न गया और मैंने अगले ही उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया.

मैं उसके निप्पल को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर खींचते हुए चूसने लगा और दूसरे दूध को दबाने लगा.
अब रजनी ‘आह … ईई … आह … सी …’ कर रही थी.

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि उस वक्त मुझे कितना मजा आ रहा था.

एक दूध से मजा लेने के बाद मैं उसके दूसरे दूध को चूसने लगा.

कुछ समय तक मम्मों से मस्ती करने के बाद मैं उसे चूमते हुए नीचे सरक आया और उसके पेट पर आ गया.
इधर उसकी गहरी नाभि में जीभ डालकर घुमाने लगा, जिससे वह और पागल होने लगी.

उसने मुझे कसकर पैरों में जकड़ लिया.
फिर मैंने उसके ढीले पड़े पेटीकोट को नीचे सरका दिया और पैंटी को भी निकाल दिया.

वह सम्पूर्ण नंगी थी.
मैंने उसकी चूत को हाथ से मसल दिया, जिससे वह चिहुंक उठी ‘अरे .. ऊई मम्मी … रे …!’

मैं हंस कर उठा और फ्रीज़ से चॉकलेट और मैंगो जूस ले आया.
वह क्यूबिक शेप में जम गया था.

मैंने रजनी के दोनों बूब्स पर लिक्विड चॉकलेट लगाई और बार चॉकलेट को रजनी की चूत पर रखा.

मैं ऊपर बूब्स पर लगे लिक्विड चॉकलेट को चूसने लगा और बूब्स को काट रहा था.
अपने एक हाथ से मैं नीचे चूत पर बार चॉकलेट रगड़ रहा था जिससे वह और तड़प रही थी ‘आह … ईई … आह.’

अचानक से मैंने बार चॉकलेट को उसकी चूत में घुसा दिया, जिससे वह चीख़ पड़ी ‘आह … ईई … क्या कर रहे हो जान!’

मैंने उसको कुछ नहीं कहा, बस ऊपर उसके दूध चूसता रहा और नीचे बार चॉकलेट को उसकी चुत में डालकर अन्दर बाहर कर रहा था.

रजनी की चीख बढ़ती जा रही थी ‘आह … ईई … आह … सी …आह … ईई … आह … सी …आह … ईई … आह …’

मैंने देखा कि चॉकलेट बार चुत की गर्मी से पिघल रहा था.

यह देख कर मैंने रजनी की चूत के नीचे तकिया लगा दिया, जिससे चॉकलेट चूत के बाहर ना निकले.

इतनी देर के इस कार्यक्रम में रजनी की चूत ने पानी छोड़ दिया था और वह झड़कर शांत हो गयी थी.

फिर मैं उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर बाद रजनी मेरे ऊपर बैठ गयी और वहीं लिक्विड चॉकलेट मेरे सीने और लंड पर लगा दिया.

वह मेरे सीने पर मेरी घुंडियों को बारी बारी से चूसने लगी और लंड को दोनों जांघों के बीच चूत पर दबा लिया.

अब आप कल्पना कीजिये कि यदि आप रजनी के ऊपर चढ़े होते तो इस हालत में आपको कैसा लग रहा होता.
उस वक़्त जो मैंने महसूस किया, मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

अब रजनी की चीख़ की जगह मेरी चीख़ निकल रही थी ‘आह … ईई … आह … सी …आह … ईई … आह … सी …!’

रजनी मेरे लंड को मुँह में ले लिया और वह एकदम मजे में लंड चूस रही थी.
मैं ‘आह … ईई … आह … सी …’ कर रहा था.

तभी मेरे लंड ने अपने सब्र का बांध छोड़ दिया और वह रजनी के मुँह में ही झड़ गया.

रजनी मुँह हटाना चाहती थी लेकिन मैंने उसके सर को पकड़ कर लंड पर दबा दिया, जिससे उसको वीर्य पीना पड़ा.
उसने पहले भी रस पिया था तो वह कुछ नहीं बोली और उसने लौड़े को चूस चूस कर एकदम साफ कर दिया.

वह लंड साफ करके मेरे बगल में आकर लेट गयी.
हम दोनों एक दूसरे को देखने लगे.

मैंने आम के जूस से बना एक आइसक्यूब उठाया, जो अब तक हल्का हल्का पिघलने लगा था.
वह मैंने रजनी के मुँह में डाल दिया और हम दोनों उसे चूसने लगे.

मैं उसके बाद धीरे से नीचे आया और उसकी चुत से बह कर जांघों पर आ लगी चॉकलेट को चाटने लगा.

इससे उसकी सीत्कार निकलने लगी ‘आह … ईई … आह.’

फिर अचानक से मैंने एक क्यूब उठाया और उसकी चूत में डाल दिया जिससे वह हाथ पैर पटकने लगी लेकिन मैंने उस बर्फ के क्यूब को बाहर निकलने ही नहीं दिया.

मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
अब वह ठंडी बर्फ से तड़फ रही थी और गांड को हिला हिला कर ‘आह … ईई … आह … सी …’ करने लगी थी.

उसे मजा भी आ रहा था और वह तड़फ भी रही थी.

मैं अपनी जीभ से क्यूब को उसकी चूत में घुमाने लगा, जिससे वह और ज्यादा मचलने लगी थी ‘आह … ईई … आह मम्मी..’

दस मिनट की चुसाई में वह झड़ गयी और शांत होकर लेट गयी.

मैंने दूसरा क्यूब लेकर चूत में डाल दिया और चूसने लगा.
दस मिनट बाद रजनी फिर से गर्म हो गयी और मादक आवाजें निकालने लगी.

वह बोली- बहुत हुआ … अब अपना लंबा मोटा लंड मेरी चूत में डालकर मुझे रगड़ कर चोदो!

मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा और चूत पर रगड़ने लगा.

इससे रजनी और तड़पने लगी और नीचे से गांड उठाकर लंड चूत के अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
लेकिन मैं अभी उसे और तड़पाना चाहता था.
मेरा अपना अनुभव है कि औरत जितना तड़प कर चुदती है, वह उतना ज्यादा मजा देती है.

मैं उसे अभी तड़पा ही रहा था कि अचानक से रजनी उठी और मुझे बेड पर पटक कर मेरे ऊपर चढ़ गयी.
वह अपनी चूत फैला कर लंड पर सैट हुई और धीरे धीरे बैठने लगी.

मैंने मौके का फायदा उठाते ही उसको कमर से पकड़ कर एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड़ दिया.
उसकी चीख़ निकल गयी- आह … ईई … आह … सी मर गई.

वह पूरा लंड अन्दर लेकर उस पर थोड़ी देर यूं ही बैठी रही.
फिर कुछ देर बाद रजनी धीरे धीरे लंड पर उछलने लगी.
उसके कंठ से ‘आह … ईई … आह … सी.’ की आवाज़ निकलने लगी.

उसके दोनों दूध मस्त थिरक रहे थे और मैं उनसे खेलने की कोशिश कर रहा था.
वह खिलखिलाती हुई मुझे दूध पकड़ने ही नहीं दे रही थी.

कुछ मिनट की चुदाई के बाद रजनी एकदम जंगली हो गयी.
वह मेरे लंड बहुत तेजी से कूदने लगी और मेरे होंठों को चूसने लगी.

उस दौरान मैं रजनी के रूप से न जाने क्यों एकदम से डर सा गया था.

वह बहुत तेज स्वर में ‘आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ऊ ईई … आह … सी …’ करने लगी थी.
मुझे लगा कि कहीं ये मेरे होंठ ही काट कर खून निकाल दे.
सच में वह ऐसे ही जंगली बिल्ली के जैसे होंठ चूस रही थी.

थोड़ी देर की चुदाई के बाद वह थक कर मेरे ऊपर ही लेट गयी.

फिर मैंने प्यार से रजनी को लेटाया और मैं ऊपर आ गया.
मैंने चूत पर लंड रखा और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

रजनी बहुत तेजी से चीख़ पड़ी.
वह मुझसे चिपक गई. उसने मेरे गले पर काट लिया … और अपने नाखून मेरे पीठ में गड़ा दिए.

वह रोने लगी.

मैं उसका रोना धोना अनदेखा करते हुए बस उसको हचक कर चोद रहा था.
हर झटके पर उसके मुँह से जोर जोर से चीख निकल रही थी.

दो मिनट की चुदाई के बाद रजनी नीचे से गांड उठा कर लंड के ताल से ताल मिलाने लगी थी और पूरे कमरे से फच्च … फ्चा … फच्च … की आवाज़ आ रही थी.

अब वह मजे से सीत्कारें भरने लगी- आह … पूरा पेलो आह मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेल … मेरी बच्चेदानी में छेद कर दे … आह फाड़ दे मेरी चुत को … आज से ये तेरी गुलाम है जान.
मैं भी जोश में आ गया- आह ये लो … और अन्दर लो … आज के बाद तुम मेरी बीवी हो … आह अह!

रजनी- आह जान, ऐसे ही पेलो … आह मेरा जीवन धन्य हो गया. अब बस तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहना.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं रजनी को चोद रहा था और रजनी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्ह… अहह… हय… याह … उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करके चीख़ रही थी.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं और रजनी साथ में झड़ने लगे.

उस वक़्त रजनी ने पैरों के बीच मुझे ऐसे पकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था.
बस मेरा लंड उसकी चूत में घुसा था.
बाकी वह खुद नीचे से गांड उठा उठा कर कर चोदन कर रही थी.

उस रात सुबह 5 बजे तक चुदाई का कार्यक्रम चला.
सुबह 10 बजे मैं जब सो कर उठा तब रजनी उठ चुकी थी और टीवी देख रही थी.

मैं उठकर उसके पास गया और किस किया. वह भी सोफे पर बैठकर मुझे किस करने लगी.

थोड़ी ही देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए और एक दूसरे के कपड़े निकाल कर वहीं सोफे पर ही शुरू हो गए.

मैंने रजनी को एक बार फिर से रगड़ कर चोदा.

मैंने देखा कि उसकी चूत रात की चुदाई की वजह से हल्का फूल गई थी.
लेकिन आज रजनी के चेहरे पर एक अलग चमक दिख रही थी.

अब मैं लगभग हर शनिवार को रजनी को रगड़ कर चोदने के लिए पहुंच जाता हूँ.
हम दोनों रात में खूब चुदाई करते हैं.

अबकी बार गर्मी की छुट्टियों में मैंने रजनी और मेरी भाभी दोनों की गांड चुदाई का प्रोग्राम रेडी कर रखा है.
यह सब रजनी के फ्लैट पर होना है.
बस अब गर्मी की छुट्टियों का इंतज़ार हैं.

मैं वह सेक्स स्टोरी भी लिखूँगा.
अभी रजनी की भाभी की भी चुदाई का मन है, लेकिन रजनी मान नहीं रही है.

मेरी भाभी और रजनी की बाद में होने वाली चुदाई की कहानी को पूरा होने पर जरूर लिखूँगा.
तब तक आप मुझको बताएं कि सेक्स प्ले विद मैरिड गर्ल कैसा लगा?

रजनी को उसकी भाभी की चुदाई के लिए कैसे मनाया जाए, यह भी बताएं.
[email protected]

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