माँ बेटी की चूत गांड की पूरी चुदाई- 2

(Xxx Fucking Story)

Xxx फकिंग स्टोरी में मैंने अपने घर में अम्मी को भाई से चदती देखा. फिर भाई ने मुझे चोदा. भाई के दोस्तों ने मुझे चोदा, फिर अब्बू ने मुझे चोदा.

फ्रेंड्स, मैं फातिमा आपको अपनी फैमिली सेक्स कहानी के रस से नहला रही थी.
Xxx फकिंग स्टोरी के पहले भाग
अम्मी और भाई जान की चुदाई देखी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरे भाई मुझे और मेरी अम्मी को चोदते थे और उनके दोस्त भी हम दोनों की जबरदस्त चुदाई करते थे. उस दिन भी ऐसा ही चल रहा था.

अब आगे Xxx फकिंग स्टोरी:

उस समय मेरी चूचियां 30 की, कमर 24 की और चूतड़ 32 के हो गए थे.
मेरी टाइट-टाइट चूचियां और गोल-गोल मोटे चूतड़ उनके चारों दोस्त चूसने-चाटने में लगे थे.

मैं उनमें से दो के लंड पकड़ कर हाथ से हिला रही थी और एक ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल रखा था.
वह मेरा मुँह चोदने में लगा था, जिसमें अम्मी की चूत के पानी का स्वाद आ रहा था क्योंकि उसने अपना लंड अम्मी की चूत से निकल कर सीधे मेरे मुँह में घुसा दिया था.

कुछ देर बाद उन सबने मेरी चुदाई शुरू कर दी और मेरी चूत और गांड में एक-एक लंड डाल दिया.
मैंने पहली बार एक साथ चूत और गांड में लंड लिया था.

शुरू में अजीब-सा लगा, पर कुछ देर में मजा आने लगा.

भाईजान के सारे दोस्तों ने मुझे एक घंटे से ज्यादा चोदा.
फिर बारी-बारी से कोई मेरी गांड में झड़ गया, कोई चूत में और कोई मेरे मुँह में अपना सारा माल भरकर बैठ गया.

मैं और अम्मी टांगें फैलाए एक ही बेड पर थककर नंगी लेटी थीं.

अम्मी बोलीं- आज तो तूने भी डबल लंड का मजा ले लिया! कैसा लगा?
मैंने कहा- बहुत मजा आया!

इस पर भाईजान के दोस्त बोले- तो मेरी रानी, तुझे तो अब हम डबल मजा देते ही रहेंगे … टेंशन मत ले!

भाईजान बोले- उसकी चूत और चूतड़ों को छोड़ो थोड़ी देर … और रात में सूरज की अम्मी को ले आने का इंतजाम करो!

सूरज भाई, साहिल भाईजान के बचपन के दोस्त हैं. उनका घर पड़ोस में ही है, बिल्कुल हमारी दीवार से लगी हुई.

भाईजान उनकी अम्मी को भी कई बार घर पर लाकर चोद चुके हैं और ये बात सूरज भाई को पता भी नहीं है कि साहिल भाई उनकी अम्मी और अप्पी दोनों को चोदते हैं!

सूरज भाई की अम्मी और मेरी अम्मी अच्छी दोस्त हैं.
दोनों ही पूरे फैशन में रहती हैं.

नोरा अप्पी, जो सूरज भाई की बड़ी बहन हैं, वे भाईजान की गर्लफ्रेंड हैं और सूरज भाई को ये भी नहीं पता!

सूरज भाई की अम्मी का फिगर भी बिल्कुल हमारी अम्मी जैसा ही है, बस उनके दूध थोड़े छोटे हैं. उनका फिगर 34-28-36 का है.

अम्मी बोलीं- मैं फोन कर दूँगी शन्नो को, तुम लोग सूरज को देख लो, क्या करना है उसका!

भाईजान ने अपने दोस्तों से कहा- कोई दो जन चले जाना, शाम को 6 बजे. दोनों लोग सूरज को ढंग से पिलाओ, बैठा कर और उसकी मदहोशी के बाद गेम शुरू कर दिया जाएगा.

शाम 6 बजे तक उनके दोस्तों ने मुझे और अम्मी को दो बार और चोदा, फिर सब चले गए.
भाईजान के दूसरे दोस्त भी शाम को आने वाले थे, जो एक घंटे बाद आ गए.

मैंने जाकर दरवाजा खोला तो गेट पर उनके तीन दोस्त खड़े थे.

उनमें से एक बोला- ओहो, मेरी रानी, अम्मी कहां है!
मैंने कहा- अन्दर कमरे में हैं, भाईजान के साथ!

दूसरे दोस्त ने अन्दर आते हुए मेरे चूतड़ों को हाथ से दबा दिया और बोला- नरम गरम चूतड़ वाली रानी, चल अन्दर!

मैंने सिर्फ हाफ पैंट पहनी थी और अन्दर पैंटी भी नहीं थी.

इस वजह से जब उन्होंने मेरे चूतड़ दबाए, तो मेरी हाफ पैंट खिंचकर ऊपर हो गई और मेरे चूतड़ नंगे हो गए.

दूसरे दोस्त ने कहा- सब अकेले मत खा लेना, हमें भी चाहिए!

भाईजान के एक दोस्त ने कमरे में जाते हुए रास्ते में मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे नंगी कर दिया.

उसने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे चूतड़ पकड़ कर फैलाने लगा.

कमरे में पहुंचते ही भाईजान बोले- फोन पर क्या बता दिया, तुम लोग तो गेट से ही शुरू हो गए!

भाईजान के दोस्त ने जवाब दिया- अरे, दो साल से अकेले-अकेले कच्ची जवानी की चूत पेल रहा है और बातें बना रहा है!

ये बोलते हुए वो मेरे पीछे बैठ गया और मेरी गांड चाटने लगा क्योंकि दूसरा दोस्त मुझे गोद में उठाकर मेरे चूतड़ फैला रहा था.

वह मेरी गोल-गोल चूचियों को चूस रहा था और मुझे चूमते हुए साहिल भाईजान से बोला- इसके मुँह का रस तो सचमुच मीठा है!

जब तक भाईजान के बाकी दोस्त लौटकर आए, तब तक उन तीनों दोस्तों ने मुझे खूब चोदा.

उन तीनों ने चोद-चोदकर मेरी गुलाबी चूत को लाल कर दिया, मेरे चूतड़ों पर तमाचे मार-मारकर उंगलियों के निशान छोड़ दिए.

मेरी चूचियों को इतनी जोर-जोर से मसला कि उन पर भी उंगलियों के निशान छप गए.

मैं और अम्मी बेड पर नंगे लेटे थे और बाकी सारे लोग दारू पी रहे थे और मुर्गा खा रहे थे.

भाईजान ने उन दोस्तों से पूछा जो लौटकर आए थे- सूरज का क्या हुआ?
एक दोस्त हँसते हुए बोला- सूरज ढल गया!

इस पर सारे हँसने लगे.

फिर दूसरा बोला- उसे ढंग से चढ़ गई थी, उसे उसके घर पर बेड पर लिटाकर तब आए हैं!

जो तीन दोस्त बाद में आए थे, वो बोले- तो इसका मतलब, आज शन्नो डार्लिंग भी आएगी?
भाईजान ने कहा- हां, उसी का तो इंतजाम कर रहे थे!

लगभग एक घंटे तक मैं और अम्मी वहीं नंगे लेटे-लेटे बातें करते रहे.

भाईजान और उनके दोस्त दारू और मुर्गा खाते हुए बातें करते रहे.

तभी गेट की बेल बजी.

सबको पता था कि शन्नो आंटी आई हैं.
भाईजान के एक दोस्त, जो बाद में आए थे, नंगे ही गेट खोलने चले गए क्योंकि उन्होंने मुझे चोदने के बाद कपड़े पहने ही नहीं थे.

शन्नो आंटी फुल तैयार होकर आई थीं और वे बहुत खूबसूरत लग रही थीं.

शन्नो आंटी मुस्कुराती हुई अन्दर आईं और बोलीं- आज तो बड़ी मस्ती चल रही है, लगता है!
एक दोस्त ने कहा- तभी तो तुम्हें बुलाया है मेरी जान, पार्टी की रौनक बढ़ाने के लिए!

जो दोस्त गेट खोलने गया था, वह शन्नो आंटी के पीछे खड़ा होकर उनकी चूचियां मसल रहा था.

शन्नो आंटी ने एक टाइट टॉप और लैगी पहनी थी और अन्दर पैंटी नहीं थी जिससे उनकी चूत की फांकें साफ नजर आ रही थीं.
जो दोस्त पीछे खड़ा था, उसका नंगा लंड शन्नो आंटी की लैगी के ऊपर से ही उनके चूतड़ों के बीच घुस गया था.

शन्नो आंटी हमेशा की तरह एक बैग लाई थीं, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके कपड़े हर बार की तरह फटने वाले हैं.

भाईजान के सारे दोस्त नंगे हो गए और अब कमरे में 9 लंड हवा में लहरा रहे थे.
दो खुली हुई चूत और चूतड़ थे और एक चूत और चूतड़ के कपड़े अभी फटकर नंगे होने बाकी थे.

भाईजान शन्नो आंटी के पास गए, नीचे बैठे और उनकी चूत को ऊपर से चाट-चाटकर उनकी लैगी गीली कर दी.

फिर उन्होंने चूत के पास लैगी फाड़ दी और उनकी नंगी चूत चाटने लगे.
बाकी दोस्तों ने शन्नो आंटी का टॉप फाड़ दिया और उनके मम्मे नोचने लगे.

कुछ दोस्त उनके मुँह में मुँह डालकर उन्हें चूम रहे थे.

फिर सबने तय किया कि कौन-कौन किसको चोदेगा.

तीन-तीन लोगों ने एक-एक चूत की जिम्मेदारी ली.

अब 9 लंड तीन चूत चोद रहे थे.

मैं और अम्मी बेड पर चोदे जा रहे थे और शन्नो आंटी सोफे पर.

तीनों ग्रुप अदल-बदल कर हम तीनों को चोदने लगे.

कभी ग्रुप 1, कभी ग्रुप 2, तो कभी ग्रुप 3 मेरी चूत और गांड मार रहा था.

एक घंटे की चुदाई के बाद सब आराम करने लगे.

फिर दारू का दौर चला और इस बार मैंने भी पहली बार दारू का मजा चखा.
सच में दारू पीने के बाद गांड मरवाने में बहुत मजा आता है.

रात में दो राउंड और ग्रुप सेक्स चला.
पूरे घर में फच्च-फच्च की आवाजें गूंज रही थीं.

गंदी-गंदी बातें हो रही थीं, जैसे:
और जोर से चोदो सालो!
गांड में दो लंड डाल कर चोदो!
मेरी चूत में दो लंड चाहिए मुझे!
मेरी गांड चोद-चोद के कचूमर निकाल दो!
आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो!
चोदो अपनी रंडियों को!
आआह्ह! उउम्म्म! ऊऊऊ! आआ आआह!
मेरी चूत फट गई!
मेरी गांड फट गई!

शन्नो आंटी और अम्मी दोनों पूरे जोश से अपनी चुदाई करवा रही थीं.
सारे लोग पूरी ताकत लगाकर हम तीनों को चोदने में जुटे थे.

फिर हम सब सो गए.

सुबह-सुबह फिर से एक राउंड दमदार तरीके से हुआ.
उन सबने मिलकर हम तीनों की चूत का भोसड़ा बना दिया.

उसके बाद शन्नो आंटी तैयार होकर अपने घर चली गईं.

दोपहर में पापा आने वाले थे.
पापा की ट्रेन दोपहर एक बजे थी.
इसलिए दोपहर से पहले इन सब लोगों को सफाई करके निकलना था.

सब सफाई में जुट गए.

जाते-जाते उन सबने मुझे और अम्मी को फिर से चोदा.

इस बार पांच लोग मुझे चोद रहे थे और पांच अम्मी को.
आखिरी चुदाई ने तो मेरी चूत ही फाड़ दी थी!

मेरी गुलाबी फांकेदार चूत, जिसमें हल्के-हल्के रोएं थे, उसमें भाईजान और उनके दोस्तों के मोटे-मोटे लंड ने मेरी चूत का मुँह ही फैला दिया था.
मेरी गांड की गुफा तो अलग ही नजर आ रही थी.
पहली बार मेरी इतनी चुदाई हुई थी!

कुछ समय पहले मुझे अब्बू के साथ एक एग्जाम के लिए दूसरे शहर जाना था.
वहां अब्बू ने होटल में मेरी जमकर चुदाई की.

एग्जाम के बाद अगले दिन लौटना था.
लेकिन अब्बू ने मेरी तबीयत खराब का बहाना बनाकर उसी होटल में पांच दिन तक मुझे बहुत चोदा.

पता नहीं अम्मी अब्बू से ज्यादा क्यों नहीं चुदतीं.
अब्बू का लंड भाईजान से मोटा और लंबा है.

मैं और अब्बू होटल पहुंचे.
अगले दिन सुबह पेपर था.
जब हम होटल पहुंचे, तब शाम हो गई थी.

अब्बू ने खाना मँगवाया और अपने लिए दारू.

मैं बाथरूम में जाकर कपड़े बदलकर बाहर आ गई.
मैंने सोचा, अब तो सिर्फ़ अब्बू हैं कमरे में, तो ब्रा-पैंटी पहनने की क्या जरूरत?
वैसे भी रात हो गई थी, सोना था.

इसलिए मैंने एक ढीला-सा टॉप और हाफ ढीली-ढाली स्कर्ट पहन ली, जो मैं अक्सर घर में भी पहनती थी.

मेरा फिगर अब 32D-26-34 का हो चुका था जो भाईजान और उनके दोस्तों की दिन-रात की मेहनत थी.

मैं खाना खाकर सोने के लिए लेट गई.
अब्बू टीवी देखते हुए दारू पीते रहे.

कुछ देर में मेरी आंख लग गई, मैं सो गई.
ट्रेन के सफर की वजह से थोड़ी थकान थी.

नींद में मैं शायद भूल गई कि मैंने छोटी स्कर्ट पहनी थी, वो भी बिना पैंटी के.
शायद मैंने नींद में अपनी टांगें मोड़ ली थीं, जिससे अब्बू को मेरी चूत साफ दिख रही होगी.

अब्बू ने बाद में मुझे यह बताया.

अपनी बेटी की नंगी, गुलाबी, बिना बालों वाली चिकनी मोटी चूत देखकर अब्बू बहक गए.
अब्बू ने अपने कपड़े उतारे और मेरी टांगें फैलाकर मेरी चूत चाटने लगे.

मेरी अचानक आंख खुल गई, पर मैं कुछ नहीं बोली.
अब्बू दस मिनट तक मेरी चूत चाटते रहे.

फिर वे उठकर आए और अपना हथियार जैसा लंड मेरे होंठों पर रगड़ने लगे.

उन्होंने मेरा टॉप ऊपर कर दिया और मेरी चूचियां मसलने लगे.
मैंने थोड़ा-सा मुँह खोला और उनके लंड का टोपा जीभ से चाटने लगी.
अब्बू जानते थे कि मैं जग गई हूँ.

अब्बू ने मेरा मुँह अपनी तरफ घुमाया और अपना लंड मेरे मुँह में डालकर चुसवाने लगे.
मैंने आंखें खोल लीं और अब्बू का लंड पकड़ कर मुँह में डालकर चूसने लगी.

अब्बू मेरी चूत में उंगली डालने लगे.
मेरी चूत एकदम गीली थी, इसलिए अब्बू की उंगली सरककर अन्दर-बाहर होने लगी.

अब्बू चुत की हालत देख कर समझ गए थे कि मैंने बहुत चुदाई करवाई है.

अब्बू बोले- साहिल के अलावा और कितने लंड गए हैं इसमें?
मैं चौंक गई कि अब्बू को कैसे पता!
अब्बू बोले- मुझे सब पता है, साहिल और तुम रात में क्या करते हो, दिन में भी!

मैंने अब्बू का लंड मुँह से निकाला और कहा- अब्बू, भाईजान के कुछ दोस्त हैं, बस वे आते हैं!
अब्बू कुछ नहीं बोले और मेरी टांगें फैलाकर मेरी चूत पर अपना लंड सैट किया.

एक धक्के में आधा लंड डालकर मुझे चोदने लगे.
अब्बू आधा घंटा से ज्यादा देर तक मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदते रहे.

फिर अब्बू ने अपना माल मेरी कोख में भर दिया और मेरे पास लेट गए.

उस रात अब्बू ने मुझे कुल तीन बार चोदा.
फिर हम दोनों सो गए.

Xxx फकिंग के बाद सुबह उठकर मैं पेपर देने निकल गई.
शाम को लौटकर कमरे में आई तो अब्बू ने मुझे फिर नंगी कर दिया.
वे मुझे चोदने लगे.

आधा घंटा की चुदाई के बाद जब अब्बू मेरी गांड में झड़ गए, तब उन्होंने खाना ऑर्डर किया.

शाम को अम्मी को फोन करके अब्बू ने बता दिया- फातिमा की तबीयत खराब हो गई है, तो कुछ दिन यहीं रुककर आएंगे!
अम्मी उधर से बोलीं- ठीक है, आराम से आओ!

मुझे पता था कि अम्मी के उधर तो मजे चल रहे होंगे.
क्योंकि हमारे जाते ही घर में अम्मी को चोदने के लिए 5-6 लड़के आ चुके होंगे.

हो सकता है, जब अब्बू से बात कर रही थीं, तब भी वे किसी के लौड़े से चुद रही हों … क्योंकि अब्बू तो फोन करते हुए अपना लंड मुझे चुसवा रहे थे!

फोन काटने के बाद अब्बू ने मुझे तबीयत से चोदा.
उनका मोटा, लंबा लंड मेरी बच्चेदानी में टक्कर मार रहा था.
जब अब्बू मेरी गांड में लंड डालते थे, तो ऐसा लगता था कि पेट तक पहुंच गया!

अब्बू का लंड सचमुच बहुत लंबा है.
अगले चार दिन मैं और अब्बू होटल में ही रुके.
वहां अब्बू बस खाना खा रहे थे, शराब पी रहे थे और मुझे चोदे जा रहे थे!

पांच दिन की अब्बू से तूफानी चुदाई करवाने के बाद, जब हम दोनों घर लौट रहे थे, तो अब्बू ने रात में ट्रेन में भी मुझे चोदा.
अब्बू बोले- वही स्कर्ट पहनना जो यहां पहले दिन पहनी थी और वही टॉप, बिना ब्रा-पैंटी के!
मैंने वैसा ही किया और अब्बू ने ट्रेन में लाइट बंद होने के बाद मुझे खूब चोदा.

ट्रेन हिलने की वजह से उन्हें हिलना नहीं पड़ रहा था.
उनका लंड मेरी चूत और गांड में खुद ही अन्दर-बाहर हो रहा था.
ट्रेन में रात में अब्बू ने मुझे दो बार चोदा!

सुबह हम दोनों घर पहुंच गए.

इसके बाद से भाईजान, उनके दोस्त और अब्बू सब मुझे रोज चोदते हैं, तबीयत से दबाकर!

दोस्तो, यह ग्रुप सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
Xxx फकिंग स्टोरी पर मुझे आपके मेल व कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
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