बूढ़े लंड में आग लगायी जवान बहू ने- 2
(Young Xxx Girl Story)
यंग Xxx गर्ल स्टोरी में मेरी बीवी ने हमारी पुत्रवधू की चुदाई के लिए मुझे उसके पास भेजा. वह भी लंड के लिए बेचैन थी. उसकी रजामंदी से मैंने उसके जिस्म को खूब मसला.
कहानी के पहले भाग
बेटे के विरह में मेरी बहू की अन्तर्वासना
में आपने पढ़ा कि मेरा बेटा विदेश गया तो उसकी पत्नी सेक्स के बिना प्यासी रहने लगी. मेरी बीवी ने उसे अपने ससुर यानी मुझसे सेक्स का मजा लेने की सलाह दी.
फिर मेरी बीवी ने मुझे बहू के कमरे में भेज दिया.
मैंने भी पायजामा कुर्ता पहना और डियो लगाया और एक बार फिर कनक के कमरे में आ गया।
अब आगे यंग Xxx गर्ल स्टोरी:
कमरे में रोशनी की, दरवाजे को केवल ठेला और कनक के बगल में बैठकर उसके बालों की लटों से खेलते हुए बोला- कनक जैसा तुम चाहोगी, वैसा ही मैं करूँगा। आज रात में तुम्हारा ससुर नहीं, तुम्हारा मर्द हूँ।
वह कुछ नहीं बोली.
मैंने इस बार उसके गाल पर चुंबन दिया और कहा- कैसा लग रहा है?
‘हा हूं ऊँऊँऊँ’ करके अपने जिस्म को हल्का हिलाया-डुलाया और फिर शिथिल हो गयी।
मैं पालथी मारकर बैठगया और उसके सर को अपनी गोदी में रखते हुए बोला- कैसा लग रहा है?
उसके बाल उसके चेहरे पर बिखर गये थे।
मैंने उन लटों को समेटते हुए कहा- प्रिय, अपनी आँखें खोलो!
कहते हुए इस बार उसके माथे पर एक बड़ा सा चुंबन जड़ दिया और उसके गालों को हौले से सहलाने लगा।
मुझे कोई जल्दी नहीं थी और कनक को भी नहीं।
“कनक, तुम्हें कैसा सेक्स पसंद है?”
“जिसमें मजा आये!” एक संक्षिप्त सा उत्तर।
“मजा आ रहा है न?”
प्रतिउत्तर में कनक ने मेरे हाथ में एक चुंबन जड़ दिया।
मैं झुका और उसके माथे से चुंबन शुरू किया, फिर दोनों आंखें, फिर उसके नाक के ऊपर चुंबन जड़कर जब मैं उसके होंठों पर चुंबन करने की कोशिश करने लगा.
तो उसने अपने होंठों को अपनी हथेली से छिपा लिया।
ये तो गलत बात है उसके दोनों हाथों को पकड़कर होंठ से हटाते हुए उसके लब पर अपने लब के मिलन करने की एक और कोशिश की तो कनक ने बड़े ही चलाकी से अपने सिर को हिला-हिलाकर बचने का प्रयत्न करने लगी।
उसकी इस हरकत से मजा तो मुझे भी आ रहा था.
एक खुला चैलेंज था मेरे लिये।
मैं भी हार मानने वाला नहीं था और जीत की ललक ने कनक के अधर और मेरे अधर का मिलन करा दिया।
इस बार कनक ने भी मेरा पूरा साथ दिया और अपने रसीले होंठों को मैं जैसे पीना चाहता था, खुलकर पीने दिया।
कुछ देर बाद मैंने अपने पैर फैला दिये और कनक को अपने से सटाकर उसके गले में चुंबन देते हुए बोला- कनक, अब से कुछ देर पहले तुम्हारे लिए मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं थी. लेकिन इस समय मैं सुमित को मन ही मन थैंक्स बोल रहा था कि वह इतनी हसीन और कसमिन बीवी को मेरे पास अकेला छोड़कर चला गया। तुम्हारा एक-एक अंग मुझे मादक बनाये जा रहा है।
कनक ने मेरे दोनों हाथों को पकड़ा और अपनी छाती पर रख दिया.
बड़ी ही मुलायम चूची थी।
“बहुत ही मुलायम हैं तुम्हारी चूची।”
“इस समय ये आपकी चूची हैं, जितना मन चाहे, उतना खेलिये।”
मैं कनक की चूची को उसकी कुर्ती के ऊपर से ही मसलने के साथ ही कनक के गालों और आँखों को चूमे जा रहा था।
इसके आगे कुछ मामला नहीं बढ़ रहा था.
मैंने खुद ही पहल करने की सोची और अपनी जीभ कनक के होंठों पर फिराने लगा.
बदले में कनक ने भी अपनी जीभ निकाली और मेरी जीभ से लड़ाने लगी।
इसी बीच मैंने कुर्ती के अन्दर हाथ डालकर उसके पपीते को ढूंढने लगा.
लेकिन उसने ब्रा पहनी हुयी थी।
“कनक!”
“हूँम!” उसने छोटा सा प्रतिउत्तर दिया.
“देखो, हर समय ब्रा और पैन्टी पहनकर घर पर नहीं रहते, इससे इन्फेशन बढ़ने का खतरा रहता है. इसलिये कोशिश करो जब भी घर में रहो, ब्रा-पैन्टी मत पहन कर रहा करो।
ये बात मैंने अपनी सुविधा के लिये कही थी।
इस बीच मेरे हाथ ब्रा के व्यवधान को तोड़ते हुए उसके पपीते पर जा टिके।
“ठीक है पापा, अभी कुछ देर बाद आप मेरे जिस्म से ब्रा और पैन्टी को तो निकाल ही देंगे। और आगे से मैं इसे कम ही पहनने की कोशिश करूँगी. ठीक है न!” कहते हुए वो घूमी और मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैंने भी कनक को कस कर पकड़ लिया, उसके चूतड़ मेरे हाथ में थे।
“बहुत ही प्यारी और कोमलांगी है मेरी बहू!”
मन ही मन मैंने सुमन और कनक दोनों को धन्यवाद दिया।
मैं उसके चूतड़ को सहलाने के साथ ही उंगली उसके पृष्ठ द्वार में डालने की कोशिश भी कर रहा था.
कनक ने कोई विरोध नहीं किया.
उसको अब मजा आने लगा।
“कनक!”
“हाँ पापा?”
“अब मैं चाहता हूँ कि तुम्हारे दूध जैसे उजले जिस्म को देखूँ।”
वह मेरी गोद से तुरंत उतर गयी और अपनी बांहों को फैलाते हुए बोली- दासी, आपके सामने खड़ी है पापा!
एक बार फिर मैंने कनक को अपनी बांहों में भरा और अपने से चिपकाते हुए और उसकी गांड को सहलाते हुए और जानने के लिये बोला- कनक!
“हाँ पापा?”
“मैं तुम्हारे चूतड़ को सहला रहा हूँ. इसको और किस नाम से बोलते हैं?”
“गांड … पापा!”
मुझे समझ में आ गया कि जब तक हिचक रही थी, तब तक ही शर्मा रही थी.
लेकिन जैसे ही हिचक खुल गयी … वह वासना की देवी के रूप में आने लगी.
और मुझे बस चुदाई के समय ऐसे ही व्यवहार वाली यंग Xxx गर्ल पार्टनर चाहिये, जो खुल कर मजा ले बिना किसी शर्म के।
और अपनी चुलबुली और उत्तेजक बातों से बिना किसी शर्म के और बिना बुरा माने आनन्द पहले मेरी बीवी ने दिया और अब मेरी बहू कनक मुझे मजा देगी.
मैं कनक के चूतड़ों को दबाये जा रहा था और वो मेरे से लिपटी हुयी थी.
उसकी गर्म साँसें मेरे जिस्म से टकरा रही थी।
“पापा” वो बोली.
“हाँ?” मैं मस्त था.
“आप को मेरी गांड और चूची में से किसको दबाने में ज्यादा मजा आया?”
“बेटा, तेरी गांड और चूची दोनों मुलायम हैं. मुझे तो दोनों को ही दबाने में ज्यादा मजा आ रहा है। तुझे मजा आया या नहीं?”
“बहुत मजा आ रहा है। आप सुमित से ज्यादा अच्छा मजा दे रहे हो।”
“चलो अब अपने कपड़े उतारो, मुझे तुम्हारा गोरा-गोरा अंग देखना है। मेरी सुंदर बहू नंगी कैसी दिखती है।”
वह मुझसे थोड़ा अलग हुयी और अपने दोनों हाथ ऊपर करके बोली- आप ही मेरी कुर्ती उतार कर मेरे जिस्म को नंगा कर दो।
मुझे कनक की ये अदा पसंद आयी.
मैंने उसकी कुर्ती को उसके जिस्म से अलग कर दिया।
उसने बड़ी ही सेक्सी ब्रा पहनी थी।
“वाह बेटा … मान गये, तुम्हें पता है कि पार्टनर को खुश कैसे किया जाता है।”
“हाँ, जब पार्टनर आप जैसा हो तो आपको खुश करने का कोई मौका मैं नहीं छोड़ूंगी।”
“ठीक है देखते हैं कि मेरी प्यारी बहू मेरे लिए क्या करती है!” कहते हुए मैंने भी अपने हाथ ऊपर कर दिये।
कनक ने तुरंत ही मेरे कुर्ते को मुझसे अलग कर दिया- आओ मेरी जान, अपने अर्द्धनग्न जिस्म को एक बार फिर आपस में मिला दें!
मेरे मुँह से ‘मेरी जान’ अनायास ही निकल आया।
लेकिन कनक मुझसे तुरन्त ही चिपक गयी।
मैंने उसकी सलवार के अन्दर हाथ डाल दिया और गांड की दरार में उंगली घिसने लगा.
“पापा मजा आ रहा है?”
“हाँ, तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है।”
“इसी को असल में सेक्स का आनन्द कहते हैं।”
“तू सब जानती है।”
“पापा, मेरा दूध पीयेंगे?”
“हाँ-हाँ, मैं तो कब से मरा जा रहा हूँ।”
“तो मेरी ब्रा को उतार फेंकिये और मेरी चूची को अपने मुँह में भर लीजिये।”
“नहीं, अभी तुम अपनी ब्रा हल्का सा ऊपर करके मेरे मुँह में अपनी चूची भर दो।”
कनक ने ऐसा ही किया और मेरे मुँह में चूची भरकर बोली- अच्छे से पीजिये।
मुँह में निप्पल मुझे छोटे लगे.
मैंने कनक की तरफ देखा और उसकी ब्रा को खोलते हुए पूछा- तुम्हारे निप्पल का दाना बड़ा छोटा है। सुमित को अपनी चूची नहीं पिलाती हो?
“नहीं पापा, वो भी पीता है. अब आप चूस कर दाने को बड़ा कर दो!”
इतना कहने के साथ ही उसने मेरी बनियान उतार दी।
और फिर वह आश्चर्य से बोली- मम्मी ने अच्छे से चूसा है आपके निप्पल को।
“हाँ, वो बहुत अच्छे से चूसती है. और अब तुम इसको चूसकर बताओ तुम कितने अच्छे से चूसती हो।”
मैं इतना कहकर पलंग पर लेट गया.
कनक ने मेरे बगल में आकर पहले बारी-बारी से मेरे निप्पल पर अपनी जीभ फेरी और उसके बाद उंगलियों से नोचने लगी और फिर अपने होंठों के बीच निप्पल को फंसाकर चूसने लगी।
मैं उसकी पीठ पर और लटकते हुए चूचियों पर हाथ फेरते हुए बोला- तुम काफी एक्स्पर्ट हो?
मेरे निप्पल को चूसते हुए बोली- पापा, बस जैसे सेक्स करते हैं बस उतना ही आता है।
इसी बीच मैंने कनक की सलवार खोल दी.
जैसे ही उसकी चूत का मैंने स्पर्श पाया, कनक थोड़ा चिहुंकी और मेरे कुछ बोलने से पहले ही बोल पड़ी- वाह पापा जी, आप बड़े चालाक निकले. मैंने अभी तक आपके लंड को स्पर्श नहीं किया और आप मेरी चूत के अन्दर उंगली भी डालने की कोशिश कर रहे हैं। ये बेईमानी है।
“तो मेरी प्यारी बहू, मैंने कहाँ मना किया है. तुम भी मेरे पायजामे और चड्डी को उतारकर मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में कैद कर लो. वैसे भी बड़े देर से कैद हुआ पड़ा है। लेकिन एक बात बताओ, तुमने तो पानी छोड़ दिया है। चूत में लंड लेना चाहती हो या फिर अपनी चूत के अन्दर मेरी जीभ?”
बिना कुछ बोले उसने मेरे पायजामे और चड्डी को उतारा और 69 की पोजिशन में आकर चूत को मेरे मुँह में टिकाकर बोली- पहले चूत चटवाने और आपके लंड को चूसने का आनन्द ले लूँ, फिर चुदने का आनन्द लूंगी।
मैंने बहुत ही आहिस्ते से चूत की फांकों में जीभ फेरी.
कनक ने मेरे अंडकोष पर जीभ फेरी.
फिर मैंने फांकों के बीच जीभ डाली.
कनक मेरे अंडकोष को अपने मुँह के अन्दर लेकर चूसने लगी।
नयी जवान चूत और उसके पानी का कसैलापन जुबान को न लगे तो मजा नहीं आता.
इसलिये मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल दी।
‘सी शस … आआआ आहां’ की एक आवाज मेरे कानॉन को सुनाई पड़ी.
मैं जोश से भर उठा और कनक के लहसुन को मसलने लगा।
कनक ने भी बेहतरीन उत्तर दिया, सुपाड़े पर दाँत रगड़ने लगी और साथ ही मेरे लंड को अपने मुँह के अन्दर भर लेती थी.
हम दोनों के बीच एक तरह से कम्पीटशन सा चल रहा था।
जब भी कनक अपनी चूत को काटे जाने का अहसास होता तो वो ईई ईई ईईई करती.
और जब कनक मेरे अंडकोष को दबाती या फिर सुपाड़े पर दाँत गड़ाती तो मेरे मुँह से ईईईई ईईईई की आवाज आती।
लेकिन एक बात तो थी, वो जब भी सुपाड़े को काटती या जीभ चलाती या फिर चूसती तो एक तरह की चुनचुनाहट सी लंड पर होती और मेरे जिस्म में सिरहन सी उठती।
इतनी देर में मैं समझ चुका था कि यंग Xxx गर्ल कनक को सेक्स पागलों की तरह करना है, वह सेक्स करते हुए कोई शर्मोहया नहीं रखना चाहती।
यही सोचकर मैंने कनक के पुट्ठे को फैलाया, उसकी गांड में थूका और अपनी जीभ चला दी।
“उफ्फ पापाजी, आपने तो मुझे मार ही दिया. चूत की खुजली शांत नहीं हो रही है!” कहते हुए वह मेरे ऊपर बिछ गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी।
“हाँ तो तुम क्या कह रही थी?”
वह मुस्कुराई और बोली- पापा जी, पहले अपनी बहू की चूत की खुजली शांत कर दीजिए, फिर चाहे मेरी गांड में आग लगा दीजिए।
मैंने कनक को चूमा और उसकी पीठ को सहलाते हुए उसकी गांड में उंगली डालकर बोला- मतलब मेरा लंड तुम अपनी गांड में ले लोगी?
“बिल्कुल पापाजी, जिस छेद में डालोगे, मैं खुशी-खुशी उस छेद में आपका लंड ले लूंगी। आपका लंड सुमित के लंड से तगड़ा और बड़ा जो है।”
“थैंक्यू!” अपने लंड की तारीफ में मैंने कनक को बोला- लेकिन तुम्हारा भी जिस्म का हर हिस्सा बहुत ही सेक्सी है।
फिर मैंने कनक को अपने नीचे लिया और फिर उसकी टांगों के बीच में बैठकर उसकी चूत पर घिसने लगा।
दोस्तो, इस यंग Xxx गर्ल स्टोरी को कल्पना समझ कर ही पढ़ियेगा और कहानी पर अपनी राय भेजियेगा.
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यंग Xxx गर्ल स्टोरी का अगला भाग: बूढ़े लंड में आग लगायी जवान बहू ने- 3
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