जेठ जी का जानदार लंड मिला- 2

(Bhabhi Ki Gand Chudai)

सोहल गांडू 2021-09-25 Comments

छोटी भाभी की गांड मारी मेरे जेठ जी ने! जेठ जी के लंड ने मेरी चूत को मजा दिया. पर उसके बाद जेठ जी ने मेरी गांड में अपना लंड घुसाया. मेरी चुदाई ऐसी हुई कि …

दोस्तो, मैं शबनम अपने जेठ से चुदाई की कहानी को आगे बढ़ा रही हूं.
जेठ जी की कहानी के पहले भाग
अपने जेठ जी से चुदाई का मजा लिया
में आपने पढ़ा कि मेरी जेठानी की डिलीवरी के समय वो अस्पताल में अपनी अम्मी के साथ थी.

इस कहानी को सुनें.

घर में मैं और जेठ जी थे. मेरे शौहर अहमद दुबई में थे और मेरी चूत काफी दिनों से प्यासी थी.
एक दिन जेठ जी ने मुझे नहाकर आते हुए दबोच लिया और मुझे नंगी करके चूमने लगे.

मैं गर्म हो गयी और उनका लौड़ा लेने के लिए तड़प गयी. वो मुझे तरसाते रहे और मैं झड़ गयी. फिर मैंने उनको दोबारा गर्म किया और अबकी उनका सुपारा मेरी चूत में आ ही गया.

अब आगे भाभी की गांड चुदाई:

जेठ जी के लंड का मोटा सुपारा मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा था.
मैं कराहते हुए बोली- आह्ह … ईईई … आआईई मां … दर्द हो रहा है … आह्ह … आआयय नहीं … रोक लो … लंड को रोक लो.

वो बोले- शबनम … आह्ह मेरी रानी … मेरी मादरचोद कुतिया … तेरी चूत कितनी गर्म है … लौड़ा थोड़ा सा सहन कर ले।
उनका लंड काफी मोटा था। उन्होंने ताकत लगाई तो उनका सुपाड़ा मेरी चूत में पूरा ही समा गया।

अब उन्होंने मेरे कंधों को पकड़ा और लंड चूत में अंदर तक घुसाने लगे.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था. इतना मोटा और लम्बा लंड पहली बार मेरी चूत में जा रहा था.

मैं हाथ पैर पटकने लगी थी. रूम में मेरी चीखें गूंजने लगीं. मुझे लगा कि मैं आज नहीं बचूंगी.
इतना मोटा लंड अंदर जाते हुए इतना दर्द कर रहा है तो चोदते हुए तो मेरी जान ही निकाल देगा. मेरी चूत की धज्जियां उड़ना आज तय है.

जेठ जी को ज़रा भी रहम नहीं आया और वे मेरी चूत में लंड डालते जा रहे थे।
उन्होंने जोर का झटका मारा और पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया।

मैं जोर से चीखी- आईईईई … मर गयी मम्मी … ईईई … ईईई आआह … छोड़ दो … प्लीज छोड़ दो.
वो हंसने लगे और बोले- अब कुछ देर बाद तू बोलेगी प्लीज माल छोड़ दो मेरी चूत में …. भर दो चूत को। बस थोड़ा सा सहन कर ले मेरी रानी.

फिर उन्होंने मेरे हाथों को पकड़ा और तेजी से चुदाई करने लगे।
कमरे में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आह … आह्ह … आई … आह्ह … आआह … मर गयी … हाय … मर गयी … आह्ह मेरी चूत … फट गयी मम्मी … आह्ह मेरी चूत।

दोस्तो, मेरी चूत काफी दिनों के बाद चुद रही थी और इतना मोटा लंड मेरे शौहर का नहीं था. मैं किसी तरह उस दर्द को बर्दाश्त कर रही थी. मेरे पास कोई विकल्प भी नहीं था चुदने के अलावा।

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मेरी आंखें बंद हो गई. मेरी चूत ने लंड को सहन कर लिया था.

बस इसके बाद तो जेठ जी अपनी गांड आगे पीछे करते हुए धीरे धीरे धक्के मारने लगे.
अब मैं भी उनके हर धक्के में असीम आनन्द प्राप्त करने लगी. मेरी चूत का फैलना और सिकुड़ना मेरे शरीर को अत्यधिक आनन्द दे रहा था.
जब जब वो अपने मजबूत चूतड़ों के दबाव से मेरी चूत में धक्के मार रहे थे, तो मेरी बच्चेदानी सहम कर रह जाती थी.

मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उनका लंड इतना मोटा और कड़क होगा.
कुछ ही पलों के बाद मेरी टांगें हवा में उठ गईं और मैं सेक्स के लिए उन्हें अपने अन्दर आने के लिए खुद से कोशिश करने लगी।

अब मेरी चूत और उनके लंड के मिलन की फक … फक … फक … की आवाजें आ रही थीं. मेरी चूत ने झाग उगलना शुरू कर दिया था. मेरी जांघें ऊपर उठ गयी थीं. जेठ जी मस्ती में आकर मेरी हवा में उठी हुई टांगों के तलुवे चाटने लगे.

मेरे शौहर ने आज तक कभी भी मेरे तलुवे नहीं चाटे थे, क्योंकि वो दस बारह धक्के पेल कर झड़ जाते थे.
इधर तो जेठ जी ने मेरी हवा निकाल कर रख दी थी.

मैंने अपनी जांघ के नीचे से दायां हाथ निकाल कर उनका लंड पकड़ने की कोशिश की, मगर वो मेरी मुट्ठी में नहीं आ सका.
तब उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा- बहू, इसकी मोटाई नाप कर क्या करेगी, बस मजे लेती रह!

उनकी बात पर मैं शर्म के मारे पानी पानी हो गयी.
कमरे में अंधेरा था तो मेरी हिम्मत बनी रही. मेरी नन्ही सी चूत में जेठ जी का भयानक लंड लगातार वार कर रहा था.

मेरी 15-20 मिनट से जम कर चुदाई हो रही थी.
मैं लगातार सिसकार रही थी- आह्ह … जेठ जी … आह्ह … हाय … लंड … आह्ह … ऊई … मेरी चूत … आह्ह … ओह्ह … चुद गयी … आह्ह।

इधर जेठ जी मेरे पुट्ठों को पीटने लगे और कमरे में मेरी चीखें और चट चट की आवाज सुनाई देने लगी।
वे बोले- शबनम मादरचोद रंडी … साली तू बहुत चुदासी औरत है।

मैंने अपने हाथों से अपने मम्मों को निचोड़ना शुरू कर दिया और बोली- और तेज जेठ जी … और तेजी से चुदाई करो, मजा आ रहा है. मैं आपकी कुतिया हूँ. मुझे तेजी से चोदो।

वे जोश में आ गए और झटके मार मारकर चुदाई करने लगे।
उनके हर झटके में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईई … ऊईई … आआआआ … ईईई आह … ओह प्लीज … इस्स … आह्ह।

उन्होंने मुझे खींच कर अपने से चिपका लिया और मेरे मम्में दबाने लगे और बोले- कैसा लगा शबनम मादरचोद कुतिया?
मैं बोली- जेठ जी, मजा आ गया, क्या बात है … क्या जानदार लंड है।

थोड़ी देर की चुदाई के बाद उन्होंने लंड निकाल लिया और बोले- शबनम मादरचोद … चल लंड को चूस।
मैं बोली- जेठ जी, आपने तो मेरी जान निकाल दी. बाप रे कितनी बुरी तरह से चोदा।

मैं उनके लंड को चूसने चाटने लगी और बोली- वाह जेठ जी … क्या स्वाद है।
मैंने लंड पूरा का पूरा मुँह में डाल लिया और अपने सिर को आगे पीछे करते हुए लंड चूसती रही।

जेठ जी बोले- शबनम मादरचोद, चूसती रह छिनाल।
मैंने उनके अंडे को भी खूब चूसा।

जेठ जी ने मुझे खड़ा किया और मेरी एक टांग हवा में उठाकर चूत में लंड डाल दिया।
हम खड़े खड़े चुदाई करने लगे।

वे मुझे चूमने लगे और मेरे पुट्ठों पर चांटे मारने लगे।
मैं कराहते हुए बोली- आहह आह आह … ओह्ह … प्लीज … धीरे मारो जेठ जी।

वो मेरा गला दबाकर चुदाई करने लगे और मेरे गालों पर चांटे मारने लगे।
मेरा दम घुटने लगा और मेरे आंसू निकल गये। उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मैं हांफने लगी।

तभी उनके चूतड़ों की रफ़्तार अचानक काफी बढ़ गयी. मेरे हलक से मजे और मीठे दर्द के कारण हिचकियां निकलने लगीं और कुछ ही सेकेंड बाद जेठ जी के गले से सांड की तरह आवाज़ निकलने लगी.

मेरी चूत में उनके लंड से वीर्य की गर्म गर्म पिचकारी पड़ने लगीं. आनन्द के मारे मेरा बुरा हाल था.
मेरी बच्चेदानी में मुँह पर जेठ जी के लंड ने करीब 9-10 बार रह रह कर धार मारीं और वो मेरी छाती के ऊपर पसरते चले गए.

वे बोले- आह्ह … मेरी चुदक्कड़ रांड … मजा आ गया तेरी चूत मारकर। अब मैं तेरी गांड मारूंगा.
मैं बोली- मगर आपने तो मेरी जान ही निकाल दी. प्लीज मेरी गांड मत मारना … आपका लंड बहुत मोटा है. मेरी गांड फट जायेगी।

जेठ जी बोले- तू चिंता मत कर बहनचोद. कुछ नहीं होगा रंडी, चल आजा।
उन्होंने लंड निकाला और बिस्तर पर लेट गये और बोले- बस थोड़ा सा दर्द होगा. फिर तुझे मजा आयेगा. चल अब जल्दी से लंड को अपनी गांड में घुसा ले।

मैं जानती थी कि वह मेरी गांड मारकर ही रहेंगे। मैं उनके लंड को अपनी गांड पर टिका कर बैठ गई।

उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और लंड मेरी गांड में घुसाने लगे।
लंड काफी मोटा था और बार बार सरक जाता था।

वे बोले- अरे मादरचोद छिनाल … जल्दी से लंड पर बैठ जा हरामजादी।
मैंने लंड को अपनी जीभ से चाट कर गीला कर दिया और उसे अपनी गांड में टिका कर झटके से बैठ गई।

लंड का सुपारा मेरी गांड में घुस गया और मैं चीख पड़ी- आई ईईई … ऊईई ईई … आह्ह … फट गयी.
दर्द से बिलख मैं उठने लगी.

मगर उन्होंने मुझे दबोच लिया और बोले- कहाँ जाती है हरामजादी रंडी!!
वे उठ गये और मैं बिस्तर पर गिर गई। उनका लंड मेरी गांड में ही घुसा हुआ था।

मैं कराहते हुए बोली- आहह … आह आह … प्लीज़ जेठ जी, मुझे छोड़ दो. गांड दुख रही है।
वे मुझे चांटे मारते हुए बोले- देख छिनाल … तेरी गांड तो मैं जरूर मारूंगा, तू साथ देगी तो तुझे कम दर्द होगा।

मेरे पास कोई रास्ता नहीं था तो मैं मान गई और बोली- प्लीज़ जेठ जी लंड धीरे धीरे घुसाना।

उन्होंने मेरी टांगें अपने कंधों पर फंसा लीं और फिर धीरे धीरे लंड को मेरी गांड में घुसाने लगे।
मुझे दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी- आह्ह … ओह्ह … धीरे … धीरे … आईई … नहीं … हाय … नहीं … मर गयी … आह् फट गयी रे … आह ईई … ओह।

जैसे जैसे लंड अंदर जाता गया मेरी चीखें तेज होती गईं, मगर वे जालिम नहीं रुके।
जेठ जी बोले- शबनम मादरचोद कुतिया, थोड़ा सा सहन करले छिनाल।
मैं दर्द से रो रही थी मगर वे बेदर्दी से मेरी गांड में लंड घुसाते जा रहे थे।

वे बोले- कैसा लग रहा है मादरचोद रांड?
मैं कराहते हुए बोली- ऐसा लग रहा है जैसे मेरी गांड में मूसल घुस रहा है.

जब आधा लंड गांड में घुस गया तो उन्होंने धीरे धीरे गांड मारनी शुरू कर दी.
वे बोले- वाह हरामजादी … वाह क्या गांड है मादरचोद … मजा आ गया।
मैं बोली- जेठ जी, आपको तो मजा आ रहा है आह्ह … लेकिन मेरी आह्ह … जा … जान निकल रही है।

वे मेरी गांड चुदाई करते जा रहे थे और थोड़ा थोड़ा करके लंड मेरी गांड में सरकाते जा रहे थे और थोड़ी देर बाद उन्होंने पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया।

फिर वे बोले- वाह हरामजादी … तूने तो पूरा लंड ले लिया मादरचोद।
उन्होंने मेरे आंसू पौंछे और धीरे धीरे गांड मारने लगे और बोले- बस थोड़ा सा और सहन कर ले छिनाल. जल्दी ही दर्द कम हो जायेगा।

मैं अपने सिर को झटकने लगी मगर वो नहीं माने और उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी।
मैं चीखने लगी- आईईई ऊईईईई … आआआआ … रुको धीरे धीरे … आह्ह धीरे रे … आह्ह नहीं … मर गयी … मम्मी … ओह्ह … आह्ह आह्ह … ओह्ह।

कुछ देर चुदने के बाद अब मुझे इसी दर्द में गजब का मजा आने लगा और मैं आनंद में चीखने लगी- आहाह … और चोदो … फाड़ दो इसको … आह्ह … पूरा पेल दो … गांड का गड्ढा कर दो जेठ जी।

उन्होंने मेरे मम्मों को निचोड़ना शुरू कर दिया और लंड को खींच खींच कर मेरी गांड में घुसाने लगे।
उनके हर झटके में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आईई … ऊईईईई … आआआआ … ईईई … आह ओह … प्लीज आराम से! ऐसे तो मर जाऊंगी मैं … आह्ह।

थोड़ी देर बाद उन्होंने लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया और मेरी छाती पर बैठ गए और मेरे मम्मों के बीच में लंड फंसा कर घिसने लगे।

मैंने मुँह खोला और उनका लंड मेरे मुँह में घुसने लगा और मैं अपने सिर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसने लगी।
मैं मुँह में लंड फंसा कर लेट गई और वे मेरे मुँह में लंड को बुरी तरह धकेलने लगे.

वो पूरा लंड मेरे मुँह में डालकर मेरे ऊपर लेट गए। उनका लंड मेरे गले तक घुस गया और मेरा चेहरा उनके पेट से चिपक गया और मेरा दम घुटने लगा.
मैं फड़फड़ाने लगी मगर उनका बदन मेरे ऊपर था।

थोड़ी देर बाद वो लंड निकालकर बोले- शबनम कैसा लगा अपनी गांड का स्वाद?
मैं लंड को चाटते हुए बोली- जेठ जी, मजा आ गया. मुझे और गांड मरवाने का मन हो रहा है।

वे बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी तेरी इच्छा पूरी करता हूं।
उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और मेज पर लिटा दिया।
मैंने अपनी टांगें उनके कंधों पर टिकाईं और उनके लंड को अपनी गांड में टिका दिया।

मैंने कहा- प्लीज़ जेठ जी, जल्दी से मेरी गांड की प्यास बुझा दो ना!
जेठ जी ने हंसते हुए लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरे मम्मों को निचोड़ते हुए कहा- वाह बहनचोद शबनम, बहुत चुदासी हो गयी तू गांड के लिए। तू तो बहुत बड़ी रंडी बनेगी. तेरी गांड मारने में मजा आ रहा है।

उन्होंने गांड मारनी शुरू कर दी।
मैं मस्ती में सिसयाने लगी- आहह … हाहहह … ओहहह …इस्स … आह वाहहहह … जेठ जी क्या मस्त लंड है, चोदते ही रहो आज तो।

काफी देर तक जेठ जी ने भाभी की गांड चुदाई की और फिर उन्होंने मेरी चूत में लंड डाल दिया और मेरी टांगें फैलाईं और चोदने लगे।

मैं सिसकारियां लेने लगी और बोली- प्लीज … मेरी चूत पर अब रहम कर दो. बहुत दुख रही है जेठ जी।

वे बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी मेरा मन नहीं भरा है बहनचोद. अभी तो तुझे और चोदूंगा छिनाल।
वे पूरी ताकत से मेरी चूत को भोसड़ा बना रहे थे और मैं भी चुदाई का आनंद लेने लगी।

उन्होंने मेरी चूत और गांड को अपने लंड से खोल कर रख दिया था।
मैंने कहा- प्लीज़ जेठ जी, मेरी चूत और गांड दुखने लगी है, अब तो जाने दो ना?

उन्होंने अपना लंड निकाल लिया.
और मैं उठकर टेबल पर उल्टी होकर लेट गई और उनके लंड को चूसने चाटने लगी।

उन्होंने अपनी एक टांग मेज पर रख दी और मेरे मम्मों के बीच में लंड फंसा कर घिसने लगे।

मैं उनकी गांड चाटने लगी और उनके अंडे चूसने लगी।
वे बोले- वाह हरामजादी रंडी, क्या नर्म नर्म मम्में हैं मादरचोद कुतिया।

कुछ देर तक वे मेरे मम्मों के बीच में लंड घिसते रहे और फिर उन्होंने मेरे मुँह में लंड डाल दिया और मुंह को चोदने लगे.
मेरे चूचों को मसलते हुए वो मुंह को चोदे जा रहे थे.

मैं लौड़ा चूसती रही और एक बार फिर से मेरा मन किया कि गांड में लंड ले लूं.
मैंने उनसे कहा- गांड में चोदो जेठ जी।

वो उठे और मुझे बेड पर पटक लिया. फिर मुझे करवट से लिटा दिया और अपना लंड मेरी गांड में फंसा दिया.

उन्होंने मेरे बदन को अपनी बाँहों में दबोच लिया और मेरे मम्में पकड़ कर दबाने लगे। उन्होंने लंड मेरी गांड में घुसा दिया और तेजी से मेरी गांड मारने लगे.

मैं मस्ती में सिसयाने लगी.
मेरी चूत की तरह ही अब मेरी गांड में भी जैसे मिर्ची लग रही थी.

मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी गांड कभी ऐसे चुदेगी और मैं इतनी देर तक अपनी गांड को चुदवा लूंगी.
मगर जेठ जी ने मेरी गांड में इतना ही मजा दिया.

जब गांड में अब बिल्कुल भी बर्दाश्त न हुआ तो मैंने लंड को चूत में डालने के लिए कहा.
वो मेरी चूत में लंड डालकर चोदने लगे.

अब मेरा बदन दुखने लगा था. जेठ जी भी शायद थके थके से हो गये थे.

काफी देर तक मेरी चूत मारने के बाद उन्होंने मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया.
उनके वीर्य की गर्मी से मैं भी झड़ गयी.

वो लंड डाले हुए मेरे ऊपर पड़े रहे और मैं भी लंड लिये लेटी रही.

कुछ देर बाद वो धीरे धीरे फिर से मेरी चूत में लंड को हिलाने लगे.
मैं बोली- आपने तो मेरी चूत और गांड का फलूदा बना दिया. अब मैं अहमद को क्या जवाब दूंगी?

जेठ जी बोले- तू चिंता मत कर बहनचोद। कुछ नहीं होगा. उस बेचारे को कुछ पता नहीं चलेगा. मैं मुस्करा कर उनके बदन से लिपट गयी और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.

उस दिन उन्होंने दिनभर मेरी चुदाई की.
मेरी चूत और गांड ऐसी घायल हुई कि मैं अगले दिन चल नहीं पायी.
मुश्किल से मैंने खुद को संभाला लेकिन इतनी चुदने के बाद अब मुझे अंदर से बहुत संतुष्टि हो रही थी।

मैं वहां एक महीने रुकी और उन्होंने मुझे न जाने कितनी बार चोदा और मैं गर्भवती भी हो गई.
मैं वो बच्चा पैदा नहीं कर सकती थी इसलिए उसको मैंने इलाज के द्वारा रोक दिया.

जेठ जी से चुदाई के बाद अब मुझे मेरे शौहर से चुदाई में वो मजा बिल्कुल नहीं आता था.
जब मैं अपने शौहर से चुद रही होती हूं तो बहुत कमी सी लगती है.

मैं जेठ जी का इंतजार करती रहती हूं कि फिर से कब उनके नीचे लेटने का मौका मिलेगा.

आपको भाभी की गांड चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे जरूर लिखना. आपके मैसेज का इंतजार करूंगी. मेरा ईमेल नीचे दिया हुआ है जिस पर आप अपनी राय भेज सकते हैं.
धन्यवाद।
[email protected]

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