बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 3
(Extra Marital Sex Desire)
एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स डिजायर का विचार अपनी बीवी के मन में उसके ही पति ने सेक्स में रोमाँच भरने के लिए डाला. पत्नी भी इसे गलत मानती थी पर वह भी सेक्स की धारा में बही चली जा रही थी.
कहानी के दूसरे भाग
कुंवारी चूत चुद गयी जवान लड़के से
में आपने पढ़ा कि शुरू से पास पास रहते एक लड़के लड़की को आपस में कभी प्यार नहीं हुआ. पर एक बार जब वे दोनों अकेले थे तो दोनों ने जिस्म भी साझा कर लिए.
अब आगे एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स डिजायर:
अब तो उनकी जिंदगी रंग बिखेरती हुई चल पड़ी।
दीपक को काम का जुनून था।
पिंकी उसका बहुत ध्यान रखती।
दोनों रात में दो बार चुदाई ज़रूर करते और सुबह चाय पीते-पीते एक राउंड और हो जाता।
दीपक पिंकी को घर में कपड़े पहनने ही नहीं देता था।
दीपक के काम पर जाने के बाद पिंकी पूरा घर संभालती, खाना बनाती।
दोपहर का खाना दीपक घर आकर ही खाता।
रात को दोनों बाइक पर घूमने जाते।
पिंकी चिपट जाती उससे।
दोनों की जिंदगी मस्त चल रही थी।
पिंकी को सेक्स में थ्रिल पसंद था, वो बाइक पर दीपक को छेड़ती रहती।
कभी कमीज के बटन खोलकर उसके निप्पल्स मसलती, कभी लंड को ऊपर से दबाती, कभी दीपक का मुँह पीछे घुमाकर चूम लेती।
दोनों पंद्रह दिन में एक रात के लिए अपने माँ-पिताजी के पास ज़रूर जाते।
रात को दीपक अक्सर सेक्स के समय पोर्न मूवी लगा लेता तो पिंकी उसकी नकल करके सेक्स के मज़े देती दीपक को।
कितनी ही बार बाहर खुले में, अंधेरे में, टेरेस पर सेक्स करते दोनों।
पिंकी के पिताजी चूँकि ड्रिंक करते थे तो उसे परहेज़ नहीं था।
दीपक और वो दोनों हफ्ते में एक बार ड्रिंक ले लेते।
दीपक पिंकी के मम्मों पर व्हिस्की डालकर पीता तो पिंकी अपने गिलास में दीपक का लंड डुबो लेती, फिर उसे चूसती।
दोनों नहाते, तो साथ ही थे।
और अगर मूड बन जाए, तो एक राउंड सेक्स का शावर के नीचे भी हो जाता।
कुल मिलाकर दोनों अब सेक्स के भस्सी हो गए थे।
बिना चुदाई के दोनों को ही चैन नहीं था।
इतनी पोर्न देखने से उनकी सोच भी खुल गई थी।
अब बाहर घूमने में पिंकी बिना ब्रा के टी-शर्ट पहनने लग गई थी या छोटे कपड़े।
जब लोग उन्हें घूरते तो दीपक को मज़ा आता!
दीपक और पिंकी आपस में बहुत खुले थे।
जब दीपक उसे और मर्दों के लंड के उभार दिखाता तो पिंकी हँसती।
दीपक कभी किसी लड़की के मम्मों की या गांड के उभार की तारीफ कर देता, तो बेड पर पिंकी उससे अपने मम्मे जोर से चुसवाती कि चूसने से ये भी बड़े हो जाएँगे।
अब तो वेसलीन की मदद से दीपक कभी-कभी पिंकी की गांड भी मारता।
पिंकी को भी मज़ा आने लगा था।
दीपक एक वाइब्रेटर भी ले आया।
पिंकी को बड़ा मज़ा आया।
वह पहले वाइब्रेटर से अपनी चूत रगड़वाती, फिर दीपक से लंड पिलवाती।
कुल मिलाकर पिंकी की चुदास बहुत भड़क गई थी, और दीपक भी चुदाई से बहुत खुश था।
अब दीपक पोर्न देखते समय पिंकी को उकसाता कि कभी मौका मिले, तो किसी दूसरे के लंड के मज़े लोगी।
पहले तो पिंकी उसे डाँट देती, पर अब वो भी चुदते समय अगर दीपक पूछता कि नया लंड लोगी, तो वो हाँ कह देती।
पर बात बस चुदाई तक ही रहती, बेड के बाद बात खत्म।
हाँ, इतना अब ज़रूर था कि एक बार को अगर किसी दिन दीपक का मूड न बने चुदाई का … तो पिंकी कैसे भी उसका मूड बना ही देती।
अब उनकी शादी को साल होने को आ रहा था।
रोज़-रोज़ के सेक्स से कोई गर्भ न टिक जाए, इसलिए पिंकी ने कॉपर टी लगवा ली थी।
दोनों ने तय किया था कि अभी 4-5 साल बच्चा नहीं करेंगे।
कॉपर टी लगने के बाद उनकी सेक्स को लेकर बेफिक्री बढ़ गई थी।
अब तो दोनों न मौका देखते, न समय … बस सेक्स का मौका मिले, तो कर लेते।
दीपक ने एक सेकंड हैंड कार भी ले ली थी और उसे दीपक से ज़्यादा अब पिंकी चलाती।
उसकी ड्राइविंग परफेक्ट हो गई थी।
अब उनके हमउम्र दो-तीन दोस्त भी बन गए थे।
इन सबके बीच पिंकी ही सबसे ज़्यादा चुहलबाज़ थी।
उसके नॉन-वेज जोक्स तो सबको हँसाते।
इनके नए दोस्तों में अमन और मिताषा, दीपक और पिंकी के ज़्यादा करीब आ गए।
अमन खासा पैसे वाला, स्मार्ट और तहज़ीबदार व्यक्ति था।
वो अक्सर पिंकी को हाय का व्हाट्सएप भेज देता।
पिंकी ने उसे कभी बढ़ावा नहीं दिया पर व्हाट्सएप का जवाब दे देती थी।
पिंकी को अमन अच्छा लगता था पर उसे लिफ्ट देने का मतलब कुछ और हो जाता, तो पिंकी अपने दायरे में ही रही।
पर पार्टियों में अमन और उसकी खूब बातें होतीं।
मिताषा को ड्रिंक्स की लत थी।
वो और अमन रोज़ ही पीते थे।
मिताषा ने पिंकी को बहुत उकसाया, पर पिंकी ने कभी ड्रिंक्स में उनका साथ नहीं दिया।
एक बार किसी नशे की बहक में मिताषा ने पिंकी से कहा कि वो और अमन, पिंकी और दीपक के साथ कपल स्वैपिंग करना चाहते हैं।
मिताषा ने पिंकी को टटोला कि क्या वो दोनों इच्छुक हैं।
पिंकी ने साफ कह दिया, “मैं दीपक पर जान छिड़कती हूँ, तो उसका हक किसी और को क्यों दूँ! और दीपक भी तैयार नहीं होगा!”
मिताषा ने नशे की बहक में यहाँ तक कह दिया, “दीपक को तो मैं अपने लटके-झटके दिखाकर संभाल लूँगी, और अमन तो तेरा दीवाना है!”
पिंकी ने हँसकर बात टाल दी, पर हाँ, उसकी चूत गीली हो गई थी।
रात को चुदाई के दौरान उसने दीपक से कहा, “सुना है यहाँ कुछ कपल स्वैपिंग करते हैं!”
दीपक बोला, “सुना तो मैंने भी है, पर मुझे पसंद नहीं ये सब! हाँ, अगर तू चाहे, तो हम कर सकते हैं!”
पिंकी ने उसे चूमते हुए कहा, “मेरी चूत की आग सिर्फ तेरे लंड से ही बुझ सकती है, किसी और से नहीं!”
दीपक भी हँसकर बोला, “एक बार दूसरा लंड लेकर तो देख, फिर पता चलेगा!”
सुनकर पिंकी ने उसे कसके काट लिया।
बात चुदाई के साथ खत्म हो गई।
पर पिंकी बाद में इस बारे में सोचती रही कि पोर्न मूवीज़ में तो यही सब होता है। मज़ा तो बहुत आता होगा!
दीपक काम के पीछे दीवाना था।
पिंकी भी अब उसकी हिसाब-किताब और बैंक के काम में मदद करती।
धीरे-धीरे पैसा भी इकट्ठा हो रहा था।
दीपक के सपने बहुत ऊँचे थे।
पिंकी उसे हमेशा ऊँचे सपने देखने की हिम्मत बढ़ाती।
कभी दीपक परेशान होता, तो पिंकी उसे हिम्मत बंधाती, “मैं हूँ न तेरे साथ!”
दिन भर की थकान रात को पिंकी बेड पर पूरी कर देती।
पिंकी ने अपने को मेन्टेन भी अच्छा कर रखा था।
दिखने में वो किसी मॉडल से कम नहीं लगती थी।
एक बार पिंकी ने महसूस किया कि दीपक कुछ परेशान है।
काफी कुरेदने पर उसने बताया कि उसने एक बहुत बड़े काम के लिए टेंडर डाला है। अगर वो काम मिल गया, तो पैसा बहुत बचेगा। उनकी जिंदगी ही बदल जाएगी। पर इसके लिए पैसा बहुत चाहिए। बैंक से बात की है, पर चूँकि उसके पास जमानत के लिए कोई प्रॉपर्टी नहीं है, तो बैंक मैनेजर तैयार नहीं हो रहा। वो कोई जमानत या एफडी चाहता है।
पिंकी ने दीपक को हिम्मत बढ़ाई कि वो कुछ सोचती है, कहकर उसे अपने आगोश में लिया और लिपटकर सो गई।
पिंकी की आँखों में नींद नहीं थी।
उसने कुछ तय किया।
सुबह जब वो उठी, दीपक सो रहा था।
उसने दीपक का लंड सहलाया।
वो सख्त था।
पिंकी मुस्कुराई और नीचे होकर उसका लंड मुँह में ले लिया।
दीपक की आँख खुल गई।
उसे उठा देख पिंकी ऊपर हुई और उसके ऊपर लेट गई और होठ से होठ भिड़ा दिए।
पिंकी बिल्कुल नंगी थी।
दीपक का भी मूड बन गया।
उसने पिंकी के मम्मे लपक लिए और लगा चूसने!
अब पिंकी उसके ऊपर चढ़कर बैठ गई और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और लगी उछलने!
दीपक का मूसल बिल्कुल तना हुआ था।
पिंकी बोली, “आज तो ऐसा लग रहा कि ये लंड तुम्हारा नहीं, किसी और का है!”
ये सुनकर दीपक को भी मस्ती चढ़ गई।
उसने पिंकी को नीचे किया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में और धक्के लगाते-लगाते बोला, “लगता है तेरा मूड बन ही गया है कोई नया लंड लेने का!”
पिंकी मुस्कुराई, “ऐसे ही फ्री में थोड़े ही दे दूँगी मज़े किसी और को! तुम तो मेरी जान हो, और किसी से तो कीमत वसूलूँगी!”
दीपक हँस पड़ा, “तेरे लिए तो लोग दुनिया लुटा देंगे!”
अब पिंकी ने तीर मारा और बोली, “देखती हूँ कौन-कौन लुटा देगा!”
अब दीपक का होने को था।
वो रुका नहीं और सारा माल पिंकी की चूत में निकाल दिया।
वॉशरूम से फ्रेश होकर आने के बाद उसने पिंकी से पूछा, “तेरा क्या मतलब था?”
पिंकी बोली, “मुझे गलत मत समझना। पोर्न मूवी देखते समय तुम मुझसे पूछते थे न कि एक और लंड चाहिए, और मैं मना कर देती थी। और जब मिताषा ने बताया कि वो और लंड लेती है, तब भी तुमने मुझसे कहा कि मैं चाहूँ, तो नया लंड ले लूँ, पर मैंने मना कर दिया। आज अगर मेरे ऐसा करने से तुम्हारा फायदा हो जाता है, तो … मैं वैसा करूँगी जैसा तुम कहोगे और फिर जिंदगी भर नहीं पछताऊँगी कि मैंने ऐसा क्यों किया!”
दीपक कुछ पल चुप रहा।
फिर बोला, “पता नहीं तेरे दिमाग में क्या चल रहा है। अभी टेंडर का भी तो कुछ पता नहीं। जिस कंपनी में टेंडर डाले हैं, उसका सीईओ एक मारवाड़ी नई उम्र का आदमी है, राकेश माहेश्वरी। सुना है बहुत पैसे खाता है। उसे भी काबू करना होगा। उसके पीछे और सप्लायर्स भी लगे हैं। उसकी खबर आई थी। पर पैसों के इंतज़ाम न होने से मैं उससे नहीं मिला। अगर राकेश तैयार हो गया, तो पैसों का खेल शुरू हो जाएगा। अब ये सब कैसे होगा, समझ नहीं आ रहा!”
पिंकी कुछ देर सोचती रही और बोली, “ये तुम मुझ पर छोड़ दो! तुम काम पर ध्यान दो, शाम को बात करते हैं!”
पिंकी ने दिमाग चलाया और एक प्लान बनाया।
दीपक के ऑफिस जाने के बाद पिंकी ने मिताषा को फोन किया।
मिताषा पीछे पड़ गई उसे अपने घर बुलाने के लिए।
पिंकी ने हाँ कर दी.
तो मिताषा बोली, “लंच साथ ही करेंगे!”
पिंकी अच्छे से तैयार हुई, सेक्सी लुक देते हुए टाइट टॉप और जींस डाली।
वो और मिताषा हँसी-मज़ाक कर ही रही थीं कि अमन आ गया।
मिताषा ने पिंकी को कहा, “जब मैंने अमन को बताया कि तुम आ रही हो, तो ये बोला कि मैं भी आज घर पर ही लंच करूँगा तुम लोगों के साथ!”
अमन ही तो अगला निशाना था पिंकी का।
मिताषा अमन के लिए पानी लेने गई, तो पिंकी ने बड़ी अदा से अमन से हैंडशेक किया और इतराती हुई बोली, “लंच मेरे साथ लेने आए हो या अपनी बीवी के साथ!”
इससे पहले कि अमन कुछ बोलता, मिताषा आ गई।
मिताषा ने अमन से पूछा, “लंच अभी लोगे या कुछ और?”
अमन बोला, “चिल्ड बियर पीते हैं, फिर लंच लेंगे!”
मिताषा फिर उठी बियर लाने के लिए!
तो अमन ने पिंकी के गालों पर चिकोटी काटते हुए कहा, “जब साली आई हुई हो, तो बीवी को कौन पूछता है!”
पिंकी ने फिर मुस्कुराते हुए कहा, “साली तो आधी घरवाली होती है!”
अमन बोला, “पूरी बना लेते हैं!”
पिंकी ने जीभ निकाल दी।
एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स डिजायर जन्म ले चुकी थी.
लंच करके पिंकी निकल ली।
अमन कोठी में ही कहीं था।
पिंकी रोड से ऑटो ले ही रही थी कि पीछे-पीछे बाइक पर अमन आ गया।
वो फैक्ट्री जा रहा था।
उसने जिद करके पिंकी को बाइक पर बिठा लिया और दौड़ा दी बाइक।
एक-दो ब्रेकों में पिंकी बिल्कुल सट गई अमन से।
उसके मम्मे अब अमन की पीठ पर धंस रहे थे।
पिंकी ने हँसते हुए अमन के कान खींचे, “तुम्हारी बदमाशी सब समझ रही हूँ मैं!”
घर आकर पिंकी ने अमन से कहा, “अब आए हो, तो कॉफी पीकर जाना!”
अमन बोला, “नहीं, दीपक नहीं हैं, जब होगा, तब आऊँगा!”
पिंकी बोली, “मेरा दीपक ऐसा नहीं है जो वो बुरा माने!”
कहते हुए पिंकी ने मोबाइल निकाला और दीपक को फोन करके स्पीकर ऑन कर दिया और कहा, “अमन आया हुआ है। मुझे रास्ते से लिफ्ट दी है। अब मैं कह रही हूँ कि कॉफी पीकर जाना, तो कह रहा है कि दीपक घर पर नहीं है!”
अब दीपक हँसते हुए बोला, “भाई, मैं घर पर नहीं हूँ, तो क्या हुआ! मुझे तो कॉफी बनानी भी नहीं आती! मैं ज़रा बैंक में हूँ, रमन के पास, वरना मैं भी अभी आ जाता! तुम कॉफी पीकर जाना!”
जीना चढ़ते-चढ़ते अमन ने दीपक से पूछा, “रमन से कुछ काम हो, तो बताना!”
दीपक बोला, “यार, काम तो है, बताऊँगा बाद में!”
अमन बोला, “मेरी बात करा रमन से!”
अमन ने रमन को बोला, “दीपक मेरे भाई जैसा है, इसका कोई भी काम हो, ये सोच के कर देना कि मेरा काम है!”
फोन रखने के बाद अमन ने पिंकी से बोला कि उसका सारा व्यापार रमन के बैंक से ही है। उसकी कोई बात टालने की रमन की हिम्मत नहीं है।
पिंकी को अपना तीर सही निशाने पर लगता हुआ महसूस हुआ।
एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स डिजायर कहानी के हर भाग पर अपनी राय बताते रहें.
धन्यवाद.
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एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स डिजायर कहानी का अगला भाग: बिजनेस के बहाने चुदाई का मजा- 4
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