प्रेम भरी वासना में लिपटा पति पत्नी का रिश्ता- 2

(Hot Foreplay With Wife Story)

रमित 2025-10-02 Comments

हॉट फोरप्ले विद वाइफ स्टोरी में नवविवाहित युगल गोवा में हनीमून की मस्ती करने गए तो 5 स्टार होटल में रुके. होटल के लक्ज़री रूम में दोनों ने कैसे मस्ती की.

दोस्तो, आप इस कामवासना और प्यासी मुहब्बत के रस से भरी सेक्स कहानी का जाम पी रहे थे।
मैं यामिनी आपको आगे की सेक्स कहानी में डुबोने पुनः हाजिर हूँ.

कहानी के प्रथम अंक
हम बने तुम बने एक दूजे के लिए
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि रमित मुझे लेकर अपने कमरे की तरफ चल दिया था.

अब आगे हॉट फोरप्ले विद वाइफ स्टोरी:

हम जैसे ही लिफ्ट में आए … लिफ्ट में हम दोनों के सिवा कोई न था.
मैं रमित से लिपट गयी और उसकी गर्दन पर किस करने लगी.

जैसे ही हम अपने फ्लोर पर पहुंचे, रमित ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और मैंने भी अपनी बांहें उसकी गर्दन की इर्द-गिर्द लपेट दीं.

हम दोनों अपने रूम में पहुंच गए.

रमित ने मुझे नीचे उतारा तो मैं ड्रेसिंग के शीशे में अपने होंठ के ऊपर का तिल देखने लगी.

तभी रमित ने मुझे पीछे से आकर अपनी बांहों में जकड़ लिया.
मेरी आंखें फिर से बंद हो गईं.

रमित के होंठ मेरे कंधों को चूमते हुए मेरे कान की लौ को चूमने लगे.
मेरे मुँह से सी सी की आवाजें निकलने लगीं.

तभी रमित ने मेरे गाउन की बेल्ट खोल दी और वह मेरी मस्त मुलायम और चिकनी टांगों से फिसलता हुआ मेरे पैरों में जा पड़ा था.

मैं रमित के सामने लाल रंग की ब्रा और थोंग पैंटी में थी.
पैंटी मेरे चूतड़ों के दरार के बीच फँसी हुई थी और सिर्फ मेरी चुत के होंठों को छिपा भर रही थी.

मैंने आज यह ब्रा-पैंटी का सैट भी बहुत सोच कर चुना था क्योंकि आज मैं रमित को बहुत तड़पाना चाहती थी.
मैं चाहती थी रमित मुझे पाने के लिए तड़पे … और फिर इतना ज़ोरदार सेक्स करे कि मेरा अंग अंग टूटने लगे.

आज वैसा ही हो भी रहा था, जैसा मैंने सोचा था.

पर रमित के मन में शायद उसकी एक इच्छा अधूरी रह गयी थी.
वह था … मेरी साड़ी खोलना, पर उसने मुझे ये सब ज़ाहिर नहीं होने दिया.

उसके होंठ मेरी नंगी पीठ पर चल रहे थे.
वह मेरी पीठ के हर एक हिस्से को चूम रहा था और मैं उसके हर चुम्बन पर आह भर रही थी.
उसके हाथ मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही मसल रहे थे.

उसने जब मेरी रीढ़ की हड्डी के बीचों-बीच चूमना शुरू किया तो मैं ऊपर से लेकर पांव तक सिहर गयी.

तभी मैं पलट गयी.
अब मेरे होंठ रमित के होंठों में थे.

मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए.
मैं उसकी छाती पर हाथ फेरने लगी.

मैंने उसके तने हुए निप्पलों पर अपनी उंगलियां फिराईं तो अब आह करने की बारी रमित की थी.
मैंने उसके एक निप्पल पर चुम्बन लिया तो रमित के मुँह से ‘आह यामिनी उफ़’ निकला.

मैं मुस्करायी और उसके पेट को चूमते हुए उसके ट्रॉउज़र की बेल्ट खोल दी.
अगले ही पल उसका ट्रॉउज़र उसके पैरों में था.

अब मैं अपने घुटनों पर कालीन पर बैठ गयी.

रमित ने वी शेप का अंडरवियर पहना था, उसमें उसका हथियार पूरी तरह से बाहर आने को मचल रहा था.

मैंने उसके अंडरवियर के ऊपर से ही उस पर हाथ फिराया और उसे अपनी मुट्ठी में लेकर मसल दिया.
फिर मैंने उसे चूम लिया.

मैंने अपनी उंगलियां उसके अंडरवियर में फंसाईं और जैसे ही उसे नीचे खिसकाया तो उसके अंडरवियर में कैद उसका हथियार आज़ाद होकर मेरे सामने खड़ा था.
मैंने जैसे ही लंड देखा, मेरी आंखों में चमक आ गयी.

हालांकि पहली बार नहीं देख रही थी.

हां मैंने आज से पहले कभी उसे होंठों से नहीं छुआ था पर अब वह बिल्कुल मेरे होंठों के सामने था.

मैंने उसके अगले भाग को चूम लिया और हाथ से उसे आगे पीछे करने लगी, तो रमित की सिसकारियां तेज़ हो गईं.

मैंने उसके औज़ार को मुँह में ले लिया.
आज ये मैंने पहली बार किया था, तो मुझे थोड़ा अजीब लगा … पर आज मैं रमित को पूरा मज़ा देना चाहती.

मैं उसके लौड़े को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
रमित के मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थीं.

तभी रमित ने मुझे मेरे कंधों से पकड़ कर खड़ा कर लिया और मुझे चूमने लगा.

मैंने उससे कहा- रमित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.
तुम बेड पर चलो, मैं तुम्हारे लिए कुछ और लेकर आती हूँ.

रमित बेड के सिरहाने पर पीठ लगा कर बैठ गया.
तो मैं बड़ी अदा से अपने चूतड़ मटका मटका कर चलती हुई फ्रिज के पास गयी.

मेरी छोटी सी पैंटी मेरे चूतड़ों के दरार में फंसी हुई थी और आगे से बड़ी मुश्किल से मेरी चूत को ढक पा रही थी.
मेरे मटकते चूतड़ों को देख कर रमित और उत्तेजित हो गया.

मैंने फ्रिज में से शैम्पेन निकाली और खोल कर दो गिलासों में उड़ेल ली.

मैं मटकती हुई बिल्कुल जैसे कोई फ़िल्मी हीरोइन हो, बिस्तर के करीब आई और रमित को शैम्पेन का गिलास पकड़ा दिया.

चियर्स करके हम दोनों सिप करने लगे.

रमित बोला- यार, आज तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया. तुम बहुत सेक्सी हो!

मैंने मुस्करा कर उसकी तरफ देखा और बोली- रमित, मैं अपना हनीमून यादगार बनाना चाहती हूँ और तुम्हारी सारी इच्छाएं पूरी करना चाहती हूँ!
रमित ने अपना गिलास खत्म करके मुझे अपनी बांहों में ले लिया और अपने नीचे लिटा कर वह मेरे ऊपर आ गया.

अब वह मुझे चूमने लगा.

उसने चूमते हुए ही मेरी ब्रा के हुक खोल दिए जिससे मेरे बूब्स उछल कर बाहर आ गए.

मेरे निप्पल थोड़े मोटे व हल्के गुलाबी रंग के हैं.
रमित ने उन्हें बार बारी से चूमा, फिर अपनी जीभ उन पर फिराने लगा.

मेरे मुँह से आह आह की आवाजें निकल रही थीं.
मेरा खुद पर से कंट्रोल हटता जा रहा था, मैं बेकाबू होने लगी थी.

रमित निप्पलों के इर्द-गिर्द अपनी जीभ चलाने लगा.
वह एक हाथ से दूसरे बूब को प्रेस करता और एक पर अपनी जीभ का जादू चलाता.

थोड़ी देर में उसने मेरे एक निप्पल को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा.

रमित बहुत प्यार से मेरे चूचुक चूस रहा था.
मेरा बदन आग की तरह तपने लगा.

मैं उसका सर अपने बूब्स पर दबा रही थी.
मैं उससे बोली- रमित, प्लीज सक हार्ड!

उसने और ज़ोर से खींचते हुए मेरे चूचुक को चूसना शुरू कर दिया.
वह कभी मेरे पूरे दूध को मुँह में लेने की कोशिश करता तो कभी सिर्फ निप्पल को होंठों में भींच लेता.

मुझे इस सब में बहुत मज़ा मिल रहा था.

तभी रमित में बूब्स को चूमता हुआ नीचे की ओर सरकने लगा.
वह मेरे सपाट पेट पर चूमने लगा.

फिर उसने अपनी जीभ मेरी नाभि में डाली और उसकी नोक को अन्दर घुमाने लगा.
मुझे गुदगुदी भी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था.

तभी रमित मेरी कमर पर चूमने लगा. उसने नीचे सरकते हुए मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर चूम लिया.
मैं सिहर उठी.

मेरी पैंटी तो पहले ही चूतरस से गीली हो चुकी थी.
वह मेरी चूत के आस-पास चूमने लगा.
फिर जांघों को अन्दर की तरफ से चूमने लगा.

वह कभी हल्का हल्का काट भी देता था, जिससे मेरी गोरी जांघों पर उसके दांतों के निशान पड़ने लगे थे … जो मैंने बाद में देखे.

मैंने जो पैंटी पहनी थी, उसे मैंने साइड में डोरी से बांधी थी.
उसने मेरी पैंटी की डोर खींच दी और अपने दांतों से पकड़ कर पैंटी को नीचे खींचने लगा.

जैसे ही मेरी चूत अनावृत हुई, उसने पैंटी छोड़ दी और मेरी चूत को चूम लिया.

मैं थरथरा उठी.
फिर मैंने पैंटी अपनी टांगों से बाहर कर दी.

अब रमित कभी मेरी चूत को चूमता तो कभी उसके इर्द-गिर्द झांटों के एरिया (प्यूबिक, पेड़ू) में चुम्बनों की बरसात कर देता.
हालांकि झांटों का नामोनिशान नहीं था, पर इलाका तो झांटों का ही कहना पड़ेगा.

रमित ने नीचे आकर मेरे पैरों पर चूमा और मुझे पकड़ कर उलट दिया.
अब मैं पेट के बल थी.

रमित मेरी पिंडलियों पर चूमता हुआ ऊपर की ओर बढ़ रहा था.
मेरी जांघों के पिछले हिस्से को चूमता हुआ वह मेरे चूतड़ों पर चुम्बनों की बरसात करने लगा.

रमित को मेरे चूतड़ बहुत पसंद थे.
उसे बड़े चूतड़ों वाली औरतें या लड़कियां बहुत पसंद आती हैं.

मेरे चूतड़ उतने बड़े तो नहीं हैं पर फिर भी बाहर की तरफ उभरे हुए हैं और रमित को बहुत पसंद हैं.

वह मेरे चूतड़ को दांतों से काटने भी लगा.
फिर उसने मेरी पीठ पर चूमना शुरू किया और मेरी गर्दन तक आ गया.

वह मेरे ऊपर था तो उसका लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुस रहा था.
मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था.

एक बार रमित फिर से मेरे ऊपर से उतरा.
उसने मुझे सीधा किया और मेरे बूब्स अपने मुँह में ले लिए … लेकिन अब उसकी उंगलियां मेरी चूत के इर्द-गिर्द हरकत कर रही थीं.

तभी वह अपनी एक उंगली मेरी चूत की दरार के बीच में चलाने लगा.
इससे मेरी आग फिर से भड़क उठी.

मैंने कहा- रमित अब अपना डाल दो!
वह बोला- क्या?
मैंने कहा- अपना औज़ार!
वह बोला- नहीं, प्रॉपर वर्ड बोलो!

मैंने ना में सर हिलाया.
‘वह बुलवा कर तो मैं आज रहूंगा ही!’

मैं व्याकुल हो उठी और मन ही मन मुस्कुरा भी रही थी.

फिर वह मुझे चूमता हुआ नीचे आने लगा.

उसने मेरी चूत पर चूमा, फिर चूत की एक फांक को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.

कसमसाहट से मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं अपने सर को इधर उधर मारने लगी.

उसने फिर दूसरी फांक को ऐसे ही चूसा.
फिर वह अपनी जीभ को मेरी चूत की दरार में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर चलाने लगा.
मेरी सिसकारियां और तेज़ हो गईं.

अब उसने मेरी चूत के दाने को अपने होंठों में दबा लिया और खींच का चूसने लगा.

हॉट फोरप्ले विद वाइफ से मैं हद से ज्यादा कामुक हो गई और लगने लगा कि शायद ऐसे ही बिना चुदाई के मैं झड़ जाऊंगी.

तभी उसने दाना छोड़ दिया और अपनी पूरी जीभ मेरी चूत के अन्दर डाल दी.
वह अपनी जीभ से मेरी चूत की चुदाई करने लगा.

मैं उत्तेजना में पागल हुई जा रही थी.
उसका सर अपने हाथों से चूत पर दबाने लगी.

मुझे लगा जैसे मेरे अन्दर से पानी का बांध टूट कर बाहर आने को है.

तभी रमित ने अपना मुँह हटा लिया.
मैंने व्याकुल होकर उसकी तरफ देखा, तो वह मुस्करा दिया.

मैंने कहा- मुझे बीच में क्यों छोड़ दिया … प्लीज करो न … या अपनी जीभ डालो या अपना वह!
वह बोला- वह क्या … बोल कर बताओ?

यह कह कर वह मेरे ऊपर आ गया.

उसका बेहद कड़क लंड मेरी जांघों को छू रहा था.
मैं अपने को ऊपर उठाने लगी ताकि उसका लंड मेरी चुत के अन्दर चला जाए.

पर रमित शायद आज मुझे पूरा तड़पाने के चक्कर में था.

मैंने कहा- रमित डालो न!
वह बोला- पहले बोलो कि क्या कहां डालना है? तब डालूँगा.

मैंने कहा- अपना डिक मेरी पुसी में डालो! अब ठीक है?
तो वह बोला- नहीं … जो मैं सुनना चाहता हूँ, वह बोलो!

मैंने बोल ही दिया- अपना लंड मेरी मेरी चूत में डाल दो यार!

इतना सुनते ही रमित ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपना लंड मेरी चूत में फंसाया और एक कड़क धक्का लगा दिया.

मेरी चूत पूरी गीली हुई थी तो लंड सरकता हुआ अन्दर चला गया और सीधा मेरी ब/च्चेदानी से जा टकराया.

मैंने ज़ोर के सिसकी भरी तो रमित धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं भी नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर उसकी ताल से ताल मिलाने लगी.

वह बोला- हम दोनों क्या कर रहे हैं यामिनी?
मैंने कहा- अब तुम बताओ … तुम्हारी बारी है.

वह बोला- डार्लिंग मैं तुम्हें चोद रहा हूँ, तुम्हारी चुदाई कर रहा हूँ.

उसकी स्पीड बढ़ने लगी … नीचे से मेरी भी.

थोड़ी देर बाद मैं थक गयी.
मैंने रमित से कहा- थोड़ा आराम से करो, मैं थक गयी … पर मेरी चूत अभी प्यासी है इसलिए धीरे धीर करो.

रमित ने मुझे अपनी बांहों में कसके भींच लिया और पलट गया.
अब मैं रमित के ऊपर थी.

उसका लंड अभी भी मेरी चूत में ही था.
मैं कुछ देर उसके ऊपर यूं ही लेटी रही.

उसके हाथ मेरे नितंबों अर्थात मेरे चूतड़ों पर चल रहे थे. वह उन्हें प्यार से सहला रहा था.

बीच बीच में वह उन्हें अपनी मुट्ठी में भर लेता.

रमित ने मेरे चूतड़ों को प्रेस करते हुए कहा- यामिनी, मुझे ये बहुत पसंद हैं, तुम्हारे ये बहुत सेक्सी हैं … इनका उठाव मुझे बहुत उत्तेजित करता है.
फिर उसने मेरे गाल के तिल को चूमा और बोला- आई लव दिस … काश ऐसा ही तिल तुम्हारे चूतड़ों पर होता तो मैं वहां पर भी बहुत प्यार करता!

मैंने कहा- अच्छा तुम्हें मेरे ये उठे हुए बाहर की तरफ निकले हुए चूतड़ बहुत पसंद हैं?
उसने कहा- हां!

तो मैंने कहा- फिर उस आदमी के घूरने पर नाराज़ क्यों हो रहे थे … शायद उसे भी उत्तेजित कर गए हों.
वह बोला- तुम मेरी बीवी हो, इन पर सिर्फ मेरा हक़ है.
मैंने कहा- हां बाबा, सिर्फ तुम्हारा हक़ है. .. वह बेचारा तो देख कर ही मज़े ले रहा था और उस वक़्त वह शायद मेरे चूतड़ों को सोच कर अपनी बीवी की चुदाई कर रहा हो!

रमित बोला- यह क्या बोल रही हो?

मैंने रमित को समझाया- यार, सेक्स में किसी और को इमेजिन करना गलत नहीं है. .. और न ही ये बेवफाई है. ये बस फन है. .. सेक्स को एन्जॉय करने का तरीका भर है. हर इंसान की सेक्स कल्पनाएं होती हैं और वह सब कुछ एक आदमी या औरत में तो नहीं होता. जब उसको वह चीज़ किसी दूसरी औरत में मिलती है, तो वह अपने ख्यालों में उसके साथ या अपनी पार्टनर में वह सब इमेजिन करके अपने अरमान पूरे करता है. इसमें क्या बुराई है!

यही सब बातें करते हुए मैंने रमित को उकसाया तो उसने नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.

मैं भी रमित के ऊपर बैठ गयी और चुदाई करने लगी.

रमित के दोनों हाथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे, वह उन्हें चूसने के लिए आतुर होने लगा.
मैं अपने बूब्स उसके मुँह के करीब लाती, फिर पीछे कर लेती.
इस से रमित की दूध चूसने की तड़प और बढ़ने लगी.

मैंने अपने हाथों से पलंग के सिराहने को पकड़ा और अपने बूब्स रमित के मुँह पर झुका दिए.
रमित दूध चूसने लगा. वह कभी दांया दूध मुँह में लेता तो कभी बायां.

मैंने धक्के मारने चालू रखे हुए थे.
नीचे मेरी चुत में रमित का लंड मज़ा दे रहा था और ऊपर से रमित मेरे दूध चूस कर मज़ा दे रहा था.

मेरी हालत खराब हो रही थी.

अब मैंने कहा- रमित, मेरा होने वाला है!
रमित बोला- होल्ड माय सेक्सी गर्ल … मुझे ऊपर आने दो.

मैंने लंड चुत में फंसाए हुए ही पलटी मारी और अपने मर्द के नीचे आ गयी.
अब वह मुझे मिसनरी पोज में चोदेगा. उसका मजा मैं आपको अगले भाग में दूँगी.

आपके मस्त कमेंट्स मिले हैं और मैं सभी को जबाव भी दे रही हूँ.
हॉट फोरप्ले विद वाइफ स्टोरी पर भी प्लीज यह सिलसिला जारी रखें.
और मैं अपनी सेक्स कहानी को और भी कामुक तरीके से लिखने की कोशिश करती रहूँगी.
[email protected]

हॉट फोरप्ले विद वाइफ स्टोरी का अगला भाग:

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