थैंक्स हबी डार्लिंग- 1

(Suhagrat Sex Ka Maja)

सनी वर्मा 2025-07-20 Comments

सुहागरात सेक्स का मजा दुल्हन और दुल्हे ने लिया अपने अपने जीवन का पहला सेक्स करके. दोनों की अरेंज मैरिज थी. सुहागरात का पूरा मजा लेने के लिए दोनों होटल में गए थे.

दोस्तो, आपको मेरी कहानियों में रस आ रहा है, इसका पता आपसे मिलते मेल से चलता है.
बहुत से पाठक तो इन कहानियों का हिस्सा बनना चाहते हैं और मुझसे किरदारों के फोन नम्बर मांगते हैं.
मुझे उनके उतावलेपन पर हंसी भी आती है.

ऐसे पाठक भी कम नहीं जो इन कहानियों को अपने जीवन में उतारना चाहते हैं.
मुझे उनसे भी कोई शिकायत नहीं, बस एक सुझाव है कि जो भी करें, बस अपने पार्टनर की रजामंदी से करें.
कहीं एसा न हो की इन कहानियों का आपके दिलो दिमाग पर इतना असर हो की आप अपना वैवाहिक जीवन खतरे में डाल लें.

वैसे मूड बढ़िया करने के लिए अगर मेरी कहानियाँ साधन हैं तो इन्हें एन्जॉय कीजिये.

आज की सुहागरात सेक्स का मजा कहानी काम्या और विवेक की है.
पता नहीं कितनी काम्या और विवेक आपके पड़ोस में भी होंगे.

काम्या सेंट जोन्स कॉलेज, आगरा की पढ़ी हुई एक चुलबुली लड़की थी.
अपने समय की खो खो चैंपियन खूबसूरत, लम्बी, थोड़ी सी मांसल जिस्म.

कुल मिला कर एक एसा व्यक्तित्व जिसे हर कोई दोस्त बनाना चाहता था.

एमबीए करके इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस काउन्सलिंग शुरू कर दी.
सारा काम ऑनलाइन था.

काम में मेहनती थी और व्यवहारकुशल थी तो बिजनेस मिलता गया.

उसका परिवार का बैकग्राउंड आर्मी से था. पिता रिटायर्ड कर्नल थे. मां टीचर.
घर में अनुशासन का माहौल था … पर आधुनिकता से परिपूर्ण.

काम्या अकेली औलाद थी कर्नल राजवीर सिंह की.

एक शाम कर्नल से मिलने उनके साथ फौज में रहे उनके मित्र कर्नल भवानी सिंह और उनकी पत्नी आये.
शाम को उनकी मुलाकत काम्या से हुई.

भवानी सिंह और उन की पत्नी काम्या से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने चलते चलते अपने लड़के कर्नल विजय के लिए काम्या का हाथ मांग लिया.
उन्होंने अपने मोबाइल से विजय की फ़ोटो राजवीर सिंह और उनकी पत्नी को दिखायीं.

विजय बहुत ही हैण्डसम, सौम्य बांका गबरू जवान था.
मिलिट्री स्कूल में उसकी पढ़ाई हुई थी.

रिश्ता अच्छा था.
काम्या को भी कोई आपत्ति नहीं थी.
तो बात आगे बढ़ी.

पहले परिवारों के साथ काम्या और विजय मिले फिर अकेले में ढेरों मुलाकातों के बाद काम्या और विजय ने शादी के लिए हाँ कह दी.

विजय ने काम्या को अच्छे से दिल मजबूत करकर हाँ कहने को कहा क्योंकि फौजी की जिन्दगी सभी जानते हैं, अपनी नहीं होती.

काम्या ने शुरू से यही माहौल घर में देखा था.
उसे फख्र था इस बात पर कि वह एक फौजी की बेटी है.

विजय और काम्या की शादी में कोई दिखावा नहीं हुआ.
एक गरिमापूर्ण कार्यक्रम में शादी हुई.
विवाह कैंटोनमेंट क्लब में हुआ था.

काम्या बहुत सुंदर लग रही थी और विजय तो गबरू जवान था ही.
दोनों की जोड़ी बहुत फब रही थी.

काम्या बात बात पर खिलखिला रही थी.
काम्या और विजय के दोस्तों ने जम कर मस्ती की.

दोनों ने पहले ही तय कर लिया था की शादी के बाद हनीमून के लिए काश्मीर जायेंगे.

कर्नल राजवीर सिंह ने बच्चों के लिए दो रात के लिए एक पांचसितारा होटल में रूम बुक कर दिया था.
घर पर कोई ख़ास रिश्तेदार नहीं थे, जो आये थे सीधे शादी में आये, वहीँ से लौट गए.

फौजी लोगों में जिन्दादिली पूरी होती है, दिखावा बिल्कुल नहीं.

शादी के मंडप से विदा होकर काम्या और विजय सीधे होटल चले गए.
उनके दो सूटकेस पहले ही पैक होकर वहां पहुँच गए थे.

विजय काम्या का हाथ थामे होटल में रूम में दाखिल हुआ.
डोर लॉक होते ही काम्या विजय से लिपट गयी.

दोनों के होंठ मिल गए.
ऐसा नहीं कि उनका यह पहला चुम्बन था, पर आज के मिलन की बात ही कुछ और थी.

विजय ने काम्या को गोदी में उठा लिया और बेड पर आहिस्ता से बिठा दिया.
ठण्ड के दिन थे.

विजय ने काम्या से पूछा कि क्या वो ड्रिंक लेगी.
काम्या वैसे तो नहीं पीती थी पर अपने पिता का पेग बनाते बनाते उसने कई बार एक सिप व्हिस्की का ले लिया था.
इस पर कर्नल राजवीर सिंह जोर जोर से हँसते.

तो आज भी काम्या ने विजय से कह दिया कि वो उसके गिलास में से ही एक दो सिप ले लेगी.

विजय ने पेग बनाया और काम्या से चिपटकर बैठ गया.

दोनों धीरे धीरे सिप लेने लगे.

विजय ने कहा- रात काफी हो गयी है तो क्यों न चेंज कर लें.

काम्या ने अपना सूटकेस खोलकर एक झीनी सी नाईटी निकाली और वाशरूम में चली गयी.
विजय ने हल्ला मचाया कि डोर क्यों बंद कर रही हो.
तो काम्या हंस के बोली- तुमसे शर्म आती है.

विजय ने भी अपने कपड़े निकाले और वाशरूम का डोर नोक किया.
तो काम्या बोली- थोड़ा वेट करो.

थोड़ी देर बाद काम्या ने डोर खोलते हुए विजय से अंदर से ही कहा- प्लीज़ बाहर की लाइट बहुत धीमी कर दो.

विजय ने एक नाईट लाइट को छोड़ सारी लाइट बंद कर दी.

काम्या बाहर आई और सीधे बेड पर जा बैठी.
विजय भी जल्दी से फ्रेश होकर बेड पर आ गया.

काम्या कामदेवी लग रही थी.
उसके चेहरे पर चंचलता भरी मुस्कान थी.

विजय उससे लिपट गया.
दो जिस्म अब एक होने की तैयारी में बेड पर लिपट गए.
चुम्मा चाटी के सैलाब के बाद विजय ने काम्या को अपनी बाहों में भर कर कम्बल खींच लिया.

दोनों सिरहाने तकिया लगा कर अधलेटे से हो गये.

विजय का पेग बाकी था.

अब शुरू हुआ वादों का दौर.

विजय ने काम्या से पूछा- तुम मुझसे क्या चाहती हो?
काम्या मुस्कुराई और बोली- ढेर सारा प्यार और अथाह विश्वास और कभी साथ न छोड़ने का वादा.

काम्या ने अब विजय से पूछा- तुम मुझसे क्या चाहते हो?
विजय ने उसे चूमते हुए कहा- एक कॉमन बात तो यह है कि हम दोनों एक दूसरे से ढेर सारा प्यार करेंगे. बच्चों की कोई जल्दी नहीं है. पर जब तक मैं ड्यूटी पर नहीं जाता सेक्स तो मन भर कर करेंगे.
विजय ने उससे वायदा किया और लिया कि दोनों एक दूसरे पर हमेशा विश्वास करेंगे.

नसीब की बात थी कि दोनों के ही जिन्दगी में बहुत से दोस्त आये पर प्यार व्यार के चक्कर में दोनों ही कभी नहीं पड़े.

अब विजय थोड़ा सीरियस हुआ- हमेशा साथ निभाने का वायदा तो है. पर तुम भी जानती हो की फौजी की जिन्दगी तो भगवान के हाथ में होती है.
काम्या ने उसे आगे बोलने का मौक़ा नहीं दिया और होंठ से होंठ भिड़ाते हुए उससे लिपट गयी.

दोनों के जिस्म धधक रहे थे.
पोर्न मूवी भले ही दोनों ने ही देखी थीं, पर जिस्मानी मुलाकात या कहिये सेक्स तो आज ही पहली बार होने को था.

विजय ने काम्या के कपड़े उतारने की पहल की.
काम्या ने उसका साथ देते हुए अपने जिस्म का एकमात्र बड़ा कपड़ा नाईटी उतार दी.

काम्या अब केवल एक नाममात्र की ब्रा और थोंग में थी.

विजय ने भी अपना कुर्ता पजामा उतार दिया.
संकोचवश उसने भी एक अंडरवियर पहन रखा था.

अब दोनों कम्बल के अंदर समा गए और एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे.

विजय ने काम्या के चेहरे और गर्दन पर चूमते हुए उसके उसकी नाममात्र की ब्रा से बाहर झांकते मांसल मम्मों को चूम लिया.
काम्या सिहर गयी.

आज पहली बार उसके मम्मों को किसी मर्द ने छुआ था.

अब तो बाकी की के कपड़े उतरने की औपचारिकता पूरी कर दो नंगे जिस्म सूखी बेल की तरह आपस में लिपट गए.

विजय ने किसी लड़की के जिस्म को पहली बार ऐसे छुआ था.
वो तो काम्या के गोरे गोरे मम्मों को किसी मनचले बच्चे की तरह एक के बाद दूसरा करके चूम चूस रहा था.

काम्या के निप्पल किसी ताजे अंगूर की तरह कड़क थे.
विजय ने उन्हें दांतों से भी चुभलाया.

उसने काम्या के जिस्म के हर हिस्से को चूमना चाहा.
काम्या के हाथ में उसका लंड आ गया.

काम्या तो अंदर तक सहम गयी.
हे भगवान, ये उसकी चूत में कैसे जाएगा.
जाएगा तो चूत में ही, ये उसने पोर्न में देखा था.

अपनी एक दो सहेलियों की राय से उसने अपनी चूत पूरी चिकनी कर रखी थी.

विजय का एक हाथ उसकी फांकों पर चला गया.
काम्या की चूत तो पानी छोड़ चुकी थी.

पोर्न की देखा देखी उसने काम्या से कहा- मैं इसे भी चूमना चाहता हूँ.
कहकर विजय नीचे खिसक आया और अपना मुंह उसकी टांगों के बीच करके अपनी जीभ उसकी गुलाबी फांकों में घुसा दी.

काम्या किसी मछली की तरह तड़पने लगी.

उसने विजय के बालों को कस के पकड़ लिया था.
काम्या ने कसमसाते हुए विजय से कहा- मुझे भी तुम्हारा चूसना है. आओ 69 हो जाओ.

विजय पलट गया तो काम्या ने उसका लंड मुंह में ले लिया और सुपारा बाहर निकालकर लोलीपॉप की तरह चूसने लगी.

ये उसे किसी सहेली ने ही बताया था कि लंड अगर होंठ और जीभ का दबाव बनाकर चूसा जाए तो मर्द बेचैन हो जाते हैं.

और यही हुआ.

विजय ने जल्दी ही हथियार डाल दिए और काम्या को अलग करते हुए चुदाई शुरू करने का मन बनाते हुए हुए काम्या से टांगें चौड़ाने को कहा.

काम्या को समझ नहीं आ रहा था कि क्या और कैसे करना है.
पोर्न मूवीज और वास्तविकता में फर्क तो होता ही है.

जब उसे अहसास हुआ कि विजय अपना लंड उसकी चूत में डालने जा रहा है तो उसने विजय से कहा- प्लीज़ कुछ क्रीम वगेरा लगा लो. और बहुत धीरे धीरे करना. मुझे दर्द हो तो रुक जाना.

विजय मुस्करा दिया.
उसने पास रखी क्रीम को अपने लंड और थोड़ी सी काम्या की चूत पर भी मल दी और काम्या के ऊपर आते हुए पहले तो उसके होंठों को चूमा और फिर लंड को उसकी चूत के मुंहाने पर रखा.

काम्या ने उसे कस के पकड़ रखा था, मानो कोई इंजेक्शन लगने वाला हो उसे.

काम्या की आँखें डर से बंद थीं.
उसके चेहरे पर तनाव साफ़ नजर आ रहा था.

विजय ने उसे होंठों पर एक बार फिर चूमा और धीरे से अपना लंड उसकी मखमली चूत में सरका दिया.

काम्या की चीख निकल गयी.

विजय हंसा- नौटंकी क्यों रही ही, अभी तो अंदर गया भी नहीं है.

काम्या सहमी हुई सी बोली- आज नहीं, कल करेंगे.
विजय बोला- ठीक है, आज थोड़ा सा अंदर कर लेते हैं, पूरा अंदर कल करेंगे.

कहकर उसने हल्का सा धक्का लगाया तो लंड पूरा अंदर घुस गया.

काम्या फिर चीखी और बोली- तुमने तो मना किया था कि पूरा अंदर नहीं करोगे.
विजय ने उसके मम्मों के निप्प्ल को चूसते हुए कहा- ठीक है, बाहर निकाल लेता हूँ.

अबकी बार काम्या ने उसे चिपटा लिया अपने से और बोली- नहीं अब ऐसे ही पड़े रहो.

दोनों कसमसा रहे थे.

विजय ने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया.
फिर उसकी स्पीड बढ़ती गयी.

काम्या पहले तो उसका साथ नहीं दे रही थी पर जल्दी ही उसने ताल से ताल मिलाना शुरू कर दिया.

अब तो दोनों सुहागरात सेक्स का मजा लेते हुए ताबड़ तोड़ चुदाई में लग गए थे.

विजय उसे चोदते समय उसके मम्मे भी मसल रहा था.

काम्या नीचे से उछल रही थी.
उसने विजय की पीठ पर अपने नाखूनों से धारी बना दी थीं.

विजय ने एक बार पकड़ धीमी करी तो काम्या ने उसे नीचे उतार दिया और फिर खुद चढ़ गयी उसके ऊपर और लंड को अपने हाथों से अपनी चूत में करके लगी उछलने.

उसके मम्मे विजय अब भी मसल रहा था.
गोरी काया पर तने मांसल मम्मे अब गुलाबी हो चले थे.

एक दो जगह तो उन पर विजय के दांत के काटने के निशान भी बने थे.

ऐसे ही विजय की गर्दन पर काम्या ने दो तीन जगह कस के चूमा था या शायद काट ही खाया था.

ऐसे ही उछल कूद में काम्या तो मदहोशी के कगार पर पहुंच गयी.
उसका ओर्गाज्म चरम सीमा पर था.

उसका हो चुका था. उसने अपने हाथ विजय की छाती पर गड़ा रखे थे.
एक साथ उछलने की स्पीड बढ़ाते हुए हांफती कंपकपाती काम्या विजय की छाती पर लुढ़क गयी.

विजय ने भी हांफते हुये अपना सारा माल काम्या की चूत में भर दिया.
काम्या बेड पर वहीँ एक ओर लुढ़क ली.
उसकी चूत से विजय का गाढ़ा गाढ़ा वीर्य निकल रहा था.

काम्या ने पास रखे टॉवेल से अपने को साफ़ किया और वाशरूम में चली गयी.

आते ही उसने विजय को कहा की ये अन-प्रोटेक्टेड सेक्स था इसलिए सुबह वो उसे गोली जरूर ला दे.

रात को दोनों नंगे ही लिपट कर सोये.

यह कहानी 4 भागों में प्रकाशित होगी.
सुहागरात सेक्स का मजा पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
[email protected]

सुहागरात सेक्स का मजा कहानी का अगला भाग: थैंक्स हबी डार्लिंग- 2

What did you think of this story

Comments

Scroll To Top