बिन्दास उन्मुक्त जीवन की चाहत- 1

(Virgin Bride Sex Kahani)

वर्जिन ब्राइड सेक्स कहानी में एक स्वछन्द मनमौजी लड़की का रिश्ता हुआ तो एक बार ऐसा मौका आया कि वे दोनों शादी से पहले सेक्स करने की कगार पर थे. लेकिन लड़के ने कंट्रोल किया.

दोस्तो, आज की कहानी सीमा की है।
सीमा बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज और सुंदर थी।

पैसे वाले घर में जन्म लिया, तो बचपन से ही इंग्लिश कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ी।
पढ़ाई में अच्छी रही, तो क्लास 6 के बाद पिता ने उसे देहरादून पढ़ने भेज दिया।
वहां उसने खेलकूद में भी नाम कमाया। बैडमिंटन की स्टेट लेवल की खिलाड़ी रही।

इसके बाद मिरांडा हाउस से ग्रेजुएट होकर निकली, फिर एमबीए किया।
अब घरवाले लड़का देखने लगे।

इतने साल हॉस्टल में रहकर उसका व्यक्तित्व तो निखरा ही, वो खुराफाती भी पूरी हो गई।
बहुत उन्मुक्त व्यवहार और खुली सोच थी उसकी!

उसने घरवालों से साफ कह दिया, “लड़का सुंदर, अच्छा-खासा कमाने वाला और खुली सोच का चाहिए! और लड़का देख वो लोग लें, पर फाइनल मैं ही करूंगी!”

सीमा खुद मखमली काया की मालकिन थी और स्पोर्ट्स से जुड़े रहने से उसका जिस्म कसा और मजबूत था।
लंबाई भी उसकी औसत लड़कियों से ज्यादा थी।

पिता जानते थे कि लड़की हाथ से निकल चुकी है; जितनी जल्दी नकेल पड़ जाए, उनके परिवार की इज्जत इसी में है।
सीमा 28 पार कर चुकी थी।

उन्होंने दिन-रात एक करके सैकड़ों रिश्तों में से चार-पांच छांटे और सीमा को भेजे।
सीमा किसी विदेशी कंपनी में जॉब करती थी और गुरुग्राम में अकेले फ्लैट लेकर रहती थी।

सीमा ने सभी लड़कों से वीडियो चैट करके खुलकर हर विषय पर बात की।
हर विषय मतलब उनकी अपनी पत्नी से अपेक्षाएं, पहनने-ओढ़ने पर प्रतिबंध, अकेले अलग रहने की शर्त, बच्चा अभी दो-तीन साल न करने की बात और सबसे आश्चर्यजनक विषय था सेक्स के प्रति उनकी सोच।
उसकी बातचीत में तीन लड़के तो पलटकर ही नहीं आए।
सीमा ने उन्हें ऐसा दिखाया कि वो बहुत पुरानी सोच के हैं।

अब बचे दो लड़के—अनिल और समीर।
दोनों के जॉब भी अच्छे थे और उनकी सोच भी सीमा से मिलती थी।

सीमा ने उन्हें दिल्ली में अलग-अलग तारीखों पर मिलने बुलाया।

मुलाकातों में उसकी अत्याधुनिक सोच और कपड़ों के आगे अनिल तो टें बोल गया।
उसकी हिम्मत ही नहीं हुई कि इस लड़की को अपने मां-बाप से मिलाए।

पर समीर समझदार निकला।
उसने पहले तो सीमा को यह एहसास कराया कि वो उससे बहुत प्रभावित है।
फिर धीरे से समझाया, “अगर हमारी शादी होती है, तो जब हम अपने फ्लैट में हों, तब तुम कुछ भी पहनो या न पहनो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता! पर मां-बाउजी के सामने तो संस्कारी कपड़े पहनने ही होंगे!”
सीमा ने कुछ सुना या नहीं, पर ‘न पहनो’ पर वो मुस्कुराई और समीर से आधुनिकता और सेक्स पर बात शुरू की।

यहीं समीर ने सीमा का दिल जीत लिया।
उसने कहा, “मैं कोई शर्त तय नहीं करूंगा! बस ये वादा करूंगा कि मैं तुम्हें हर हाल में खुश रखूंगा!”

खैर, समीर और सीमा की शादी तय हो गई।
समीर बंगलोर में जॉब करता था।
उसके पेरेंट्स करनाल में रहते थे और सीमा के पेरेंट्स मेरठ में।
सब अलग-अलग।

अब हर शनिवार समीर दिल्ली आ जाता।
सीमा और समीर दो दिन खूब मस्ती करते।
शनिवार की रात को समीर वापस चला जाता।
सिवाय सेक्स के, दोनों ने फुल-ऑन मस्ती की।

समीर हल्का-फुल्का ड्रिंक लेता था, तो सीमा भी इससे पीछे नहीं थी।
बस सीमा ने उससे यही शर्त रखी, “जो भी हो, बात खुलकर कहना! छिपाना कुछ नहीं!”

अब उनकी शादी को केवल 20 दिन रह गए।
समीर आखिरी बार दिल्ली आया।
सीमा और वो दिनभर घूमे।

रात को एक पब में मस्ती करके निकलते वक्त लेट हो गए।
रात के 12 बज रहे थे।
अब या तो समीर सीमा को छोड़ने गुरुग्राम जाता या सीमा समीर के पास रुकती।

घर वालों को तो फोन पर सीमा ने झूठ बोल दिया, “मैं गुरुग्राम आ गई हूँ!”

समीर तय नहीं कर पा रहा था कि वो क्या करे।
किसी को पता चल जाता कि सीमा उसके साथ शादी से पहले रुकी है, तो उसके मां-बाउजी बहुत नाराज होते और इससे सीमा के चरित्र पर भी निशान लग जाता।
आखिर यह तय किया कि समीर के होटल में ही सीमा अलग रूम में ठहरे।

रात को 1 बजे सीमा अपने रूम में सोने की तैयारी में थी कि मोबाइल पर समीर का फोन आ गया, “नींद नहीं आ रही! चलो कॉफी शॉप में कॉफी पीते हैं!”
सीमा बोली, “मैंने अपना टॉप धोकर डाल दिया है, कुछ लग गया था! तो बाहर तो नहीं जा सकते! तुम मेरे रूम में आ जाओ! मैं बाथरोब पहन लेती हूँ!”

समीर ने कॉफी का ऑर्डर दिया और सीमा के रूम में आ गया।

सीमा को इन कपड़ों में नींद नहीं आ रही थी तो वो तो बिलकुल नंगी ही लेटी थी।

अब जब समीर के आने का हुआ, तो उसने केवल बाथरोब लपेट लिया, ये सोचकर कि समीर तो आधे घंटे में चला ही जाएगा।

समीर तो शॉर्ट्स और टी-शर्ट में था।
सीमा बाथरोब लपेटकर बैठी थी।
कैसे भी कर लो, बाथरोब से बदन तो झांक ही रहा था।
कॉफी पीते-पीते समीर उसे घूर रहा था।

सीमा को अटपटा-सा लगा, तो एक-दो बार उसने समीर को प्यार से झिड़का भी।
समीर ने जवाब दे दिया, “अपनी होने वाली बीवी को ही तो देख रहा हूँ! किसी और को थोड़े ही न!”

बात ठीक ही थी।
सीमा ने उठकर लाइट बहुत धीमी कर दी।

समीर तो एक हाथ आगे निकला, चिहुंक कर बोला, “वाह! लगता है मूड बन गया है तुम्हारा!”
सीमा बोली, “मुझे नींद आ रही है! अब जाओ तुम!”

समीर कॉफी खत्म करके उठा।
जाते-जाते उसने सीमा से कहा, “एक किस दे दो! फिर चला जाऊंगा!”
सीमा बोली, “कल सुबह दूंगी! अभी तुम जाओ!”

सीमा से भी अब जिस्म की मांग बर्दाश्त नहीं हो रही थी।
उसे लग रहा था कि समीर अब और रुका, तो फिर वो हो ही जाएगा जो बीस दिन बाद होना है।

समीर डोर तक गया।
पीछे-पीछे सीमा आई डोर बंद करने के लिए।
समीर अचानक पलटा और लिपट लिया सीमा को अपने से!
अब सीमा भी होश खो बैठी।

दोनों के होंठ मिल गए।

इस आपाधापी में सीमा का बाथरोब, जो केवल एक डोरी से ही रुका हुआ था, वो खुल गया।

सीमा ने बहुत संभाला, पर समीर ने उसके मम्मों पर मुंह लगा ही दिया।
सीमा बहुत कसमसाई और उसने समीर को रोकना चाहा, पर खुद उसका दिल काबू में नहीं था।
वो भी सूखी बेल-जैसी लिपट गई समीर से!

समीर ने उसे गोद में उठाया, तो बाथरोब तो एक ओर लटक गया।

सीमा का मखमली जिस्म अब समीर की बाहों में था।
सीमा अपनी बाहों का घेरा बनाकर समीर की गर्दन से लटकी हुई थी।
दोनों के होंठ मिले थे।

समीर सीमा को बेड पर ले आया।

सीमा का हाथ उसकी शॉर्ट्स पर गया, तो वहां तंबू बना हुआ था।

सीमा ने एक झटके में समीर के लंड को बाहर निकाल दिया।
कुछ देर रगड़ने के बाद सीमा ने उसे चूम लिया।

समीर भी उसकी मखमली चूत को सहला रहा था।

उसकी उंगलियां पानी बहाती चूत को ऊपर से रगड़ रही थीं।
दोनों के जिस्म एक-दूसरे में समाने को बेताब थे।

बस यहीं समीर ने समझदारी दिखाई और सीमा के दिल में हमेशा के लिए एक अमिट छाप छोड़ दी।
उसने सीमा को चूमा और फिर खड़ा हो गया।

समीर ने कहा, “मुझे मालूम है कि इस समय अपने जज्बातों को काबू करना कितना कठिन है! पर मैं नहीं चाहता कि हम लोग जिंदगी भर इस अपराधबोध से ग्रसित हों कि हमने शादी से पहले सेक्स किया! मुझे मालूम है कि तुम्हारा कौमार्य सुरक्षित है। इसे सुरक्षित रहने दो अपनी सुहागरात के लिए!”

कहकर बिना जवाब का इंतजार किए समीर डोर तक गया और पलटकर एक फ्लाइंग किस सीमा को दिया और बाहर चला गया।

अब सीमा और समीर रोज बात करते और सीमा बार-बार समीर की उस रात के लिए तारीफ करती।

शादी खूब धूमधाम से हुई।

शादी के बाद सुहागरात के लिए समीर के पिता ने एक पांच सितारा होटल में दो रातों के लिए एक स्वीट बुक कर दिया।

विदाई के बाद तो दिनभर दोनों घर पर ही रहे।

अब शादियों में कोई ज्यादा रुकता नहीं।
मेहमान भी सब शाम तक चले गए।

समीर और सीमा भी रात का डिनर लेकर होटल के लिए निकल लिए।
समीर के पिता ने दरियादिली दिखाते हुए उन्हें दो दिन होटल में ही रुकने की इजाजत दे दी।

समीर सीमा का हाथ थामे होटल के स्वीट में दाखिल हुआ।
रूम सुहागरात के हिसाब से सजा था।

डोर लॉक होते ही सीमा समीर से लिपट गई।
समीर ने उसे गोद में उठा लिया और चूमते हुए आहिस्ता से बेड पर लिटा दिया।

सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुंह दिखाई दो!”
समीर बोला, “अब तो सब कुछ देख चुका हूँ! किस बात की मुंह दिखाई!”

फिर हंसते हुए समीर ने जेब से एक ब्रेसलेट निकाला और सीमा को पहना दिया।
ब्रेसलेट बहुत सुंदर था।

सीमा ने समीर को एक लंबा फ्रेंच किस देकर थैंक्स बोला।
समीर बोला, “चेंज कर लो! फिर बैठकर बात करेंगे!”

सीमा बोली, “चेंज क्या करना? अब मैं तो थक गई! जो करना है, तुम्हीं करो!”
समीर ने उसे गुदगुदाकर हंसते हुए उठा ही दिया।
सीमा ने अपना सूटकेस खोला और उसमें से एक झीनी-सी नाइटी निकाली।

समीर बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर एक साटन का कुरता और लुंगी पहनकर आ गया।
सीमा ने अपना मेकअप किट लिया और बाथरूम में घुसकर लॉक कर लिया।

समीर बोला, “लॉक क्यों कर रही हो?”
सीमा हंसते हुए बोली, “शर्म आती है, इसलिए!”

समीर ने एक ड्रिंक बना लिया और कमरे की रौशनी बहुत धीमी कर दी।
सीमा भी हल्का-सा मेकअप करके आ गई।

उसने अपनी पायल नहीं उतारी थी, तो छम-छम की आवाज करती वो मुस्कुराती हुई बेड पर आकर सीधे समीर के आगोश में समा गई।
दोनों के होंठ मिल गए।

समीर ने उसे भी एक सिप दिया।
सीमा बोली, “आज इसकी क्या जरूरत? आज तो मेरा नशा ही बहुत है तुम्हें दीवाना करने के लिए!”

कहकर सीमा ने एक बड़ा घूंट लेकर समीर के मुंह से मुंह लगाकर उसे पिला दिया।

समीर ने पेग बेड के साइड में रख दिया और खुद सीमा से लिपट गया।

दोनों के बीच कुछ संकोच तो था ही नहीं।
वर्जिन ब्राइड सेक्स के लिए सीमा ज्यादा उतावली थी।

उसने अपनी ड्रेस से बाहर आते मम्मों को समीर के मुंह से लगा दिया।

समीर जालीदार ड्रेस के ऊपर से ही उन्हें चूसने लगा।

सीमा ने उसकी लुंगी के अंदर हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया और नाटक करती हुई बोली, “यार, तुमने कोई दवाई खाई है जो इतना मोटा हो गया? अभी कुछ दिन पहले तो ऐसा नहीं था!”
समीर बोला, “उस दिन डिफेंडिंग मोड में था! आज अटैकिंग मोड में है! आज बसंती की इज्जत लूटनी है!”

सीमा ये सुनकर हंसते हुए चढ़ गई उसके ऊपर और बोली, “अब देखते हैं कौन किसकी इज्जत लूटता है!”
बस फिर तो धकापेल शुरू हो गई।
जल्दी ही दोनों के कपड़े उतर गए।

समीर ने सीमा के मम्मे लपक लिए अपने मुंह में और सीमा उसका लंड मसल रही थी।

समीर ने अपना एक हाथ नीचे किया, तो उसकी उंगलियां सीमा की मखमली फांकों से जा टकराईं।
समीर को वहां गीलेपन के साथ चिपचिपापन भी महसूस हुआ।

सीमा ने उसके बाल पकड़कर उसका सिर नीचे करना चाहा, मानो कह रही हो, “तुम मेरी चूत चूसो!”

समीर नीचे हुआ और उसने अपनी जीभ सीमा की चूत की फांकों के अंदर कर दी।
जीभ घुसाते ही उसे मीठेपन का एहसास हुआ।
सीमा ने शायद शहद लगाया हुआ था।
सीमा ने अपनी टांगें और फैला दीं ताकि समीर अच्छे से चूस सके।

जल्दी ही सीमा की कामुक आहें निकलनी शुरू हो गईं।
वो समीर के बाल खींच रही थी।

समीर ने सिर उठाया, तो सीमा बोली, “मुझे भी चूसना है!”

समीर उठा और सीमा को अपना लंड देने से पहले साइड में रखे शराब के पेग में अपना लंड डुबो लिया।

अब दोनों 69 हो गए।
सीमा के मुंह में अब समीर का लंड था।
उसे व्हिस्की का स्वाद आ रहा था।

सीमा ने लंड को चूसने की ट्रेनिंग किसी पोर्न साइट से देखी होगी।

समीर की तो हालत खराब हो गई।
वो कसमसाता हुआ बोला, “छोड़ दो! वरना मैं तुम्हारे मुंह में छूट जाऊंगा!”

सीमा नहीं मानी और उसका लंड लॉलीपॉप की तरह चूसती रही।
अब समीर ने अपनी जीभ तो बाहर निकाली और पहले एक, फिर दो उंगलियों से सीमा की चूत के अंदर तेजी से मालिश शुरू की।

अब सीमा की भी आग भड़क उठी।
उसकी समीर के लंड पर पकड़ धीमी होती गई और वो मछली की तरह तड़पने लगी।

आखिर उसने समीर से कह ही दिया, “अब मेरे अंदर आ जाओ!”

कहानी लम्बी है.
वर्जिन ब्राइड सेक्स कहानी पर अपनी राय मुझे बताते रहें.
[email protected]

वर्जिन ब्राइड सेक्स कहानी का अगला भाग: बिन्दास उन्मुक्त जीवन की चाहत- 2

What did you think of this story

Comments

Scroll To Top